महापरिनिर्वाण
प्रश्न 1: मार ने बुद्ध को क्या याद दिलाया? उत्तर में बुद्ध ने क्या कहा?
उत्तर: जब सिद्धार्थ ने बुद्धत्व प्राप्त किया था तो मार ने उनसे कहा था कि वे निर्वाण प्राप्त कर लें। तब भगवान बुद्ध ने कहा था कि जब तक वे पीड़ित और पापियों का उद्धार नहीं कर लेंगे तब तक निर्वाण प्राप्त नहीं करेंगे। मार ने बुद्ध को याद दिलाया कि अब वे बहुत लोगों को मुक्त कर चुके हैं या उन्हें मुक्ति के मार्ग पर प्रशस्त कर चुके हैं, इसलिए बुद्ध को निर्वाण ले लेना चाहिए। उत्तर में बुद्ध ने कहा कि उस दिन से तीसरे महीने में वे निर्वाण प्राप्त कर लेंगे।
प्रश्न 2: आनंद कौन था? उसे क्या जानकर आघात लगा?
उत्तर: बुद्ध के सबसे प्रिय शिष्य का नाम आनंद था। बुद्ध के निर्वाण का समाचार जानकर उसे आघात लगा।
प्रश्न 3: तथागत ने परिनिर्वाण से पूर्व मल्लों को क्या समझाया?
उत्तर: तथागत ने बताया कि रोग ठीक करने के लिए वैद्य का दर्शन काफी नहीं बल्कि औषधि की आवश्यकता होती है। उसी तरह धर्म को प्राप्त करने के लिए बुद्ध के दर्शन की बजाय धर्म को ठीक से समझने की जरूरत है।
प्रश्न 4: अपने अंतिम उपदेश में बुद्ध ने अपने शिष्यों से क्या कहा?
उत्तर: अपने अंतिम उपदेश में बुद्ध ने प्रतिमोक्ष का अर्थ समझाया। उन्होंने शिष्यों से कहा कि प्रतिमोक्ष के राह पर चलने से ही मोक्ष मिल सकता है।
प्रश्न 5: मल्लों और पड़ोसी राजाओं के बीच युद्ध की संभावना क्यों उत्पन्न हो गई? यह संघर्ष कैसे टल गया?
उत्तर: बुद्ध के शरीर के अवशेषों को मल्ल अपने पास ही रखना चाहते थे। पड़ोसी राजा चाहते थे कि उन्हें भी उन ‘धातुओं’ में से कुछ हिस्सा मिले। इसलिए मल्लों और पड़ोसी राजाओं के बीच युद्ध की संभावना उत्पन्न हो गई। उसके बाद द्रोण नामक एक ब्राह्मण ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की और युद्ध को टाला जा सका।
प्रश्न 6: भगवान बुद्ध के उपदेशों को संग्रह करने का भार किसे सौंपा गया और क्यों?
उत्तर: आनंद सदैव बुद्ध के साथ रहे थे। उन्होंने बुद्ध के सभी उपदेशों को सुना था। इसलिए भगवान बुद्ध के उपदेशों को संग्रह करने का भार आनंद को सौंपा गया।