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The Lost Child Summary In English
The story is about a child and his parents who are going to a fair. On their way to the fair, the child sees a toy shop and asks his parents to buy him a toy, but, his father stared at him and he understood the father’s silent “No”. Then to divert his mind, his mother called him up to the mustard field. The Child saw various things on his way to the fair such as insects, doves, butterflies and so on. In the fair also, he sees various things such as sweets and balloons, but he didn’t request his parents because he knew what would be the reply. So, he mumered and moved on. On reaching the roundabout, he couldn’t resist himself and made a bold request saying that he wants to go on the roundabout and when he turned back for the reply, his mother and father were not there!!! He was confused and ran here and there. He ran to the shrine and fell down. It was then that the kind man came to help him. He offered him everything that he wanted earlier but the child refused and cried for his parents. This shows that the child’s parent’s were the center an the meaning of his life and all the luxuries in the world were meaningless to him without his parents.
The writer has kept the story ending open, and we may assume that the child met his parents later, as he was not the only one who was finding his parents, but, his parents were also finding him.
The Lost Child Summary In Hindi
बच्चा मेले में जाता है।
बसन्त ऋतु का मेला था। सभी व्यक्ति इसमें जा रहे थे। कुछ पैदल जा रहे थे। कुछ घोड़ों पर सवार होकर, कुछ बैलगाड़ियों में। छोटा बच्चा अपने माता-पिता के साथ दौड़ा जा रहा था। वह आनन्दमग्न था। जब वह पीछे रह जाता तो उसके पिता उसे आने के लिए कहते। वह दुकानों में खिलौने देखने के लिए पीछे रह जाता था। छोटा बच्चा एक खिलौना चाहता था। परन्तु उसके माता-पिता इसे खरीद नहीं सकते थे। इसलिए उन्होंने उसे दूसरी वस्तुओं की ओर देखने के लिए कहा।
दूसरी वस्तुयें बच्चे को आकर्षित करती हैं।
यह सरसों के फूल आने का समय था। खेत इसके साथ सोने की तरह दिखाई दे रहे थे। सरसों के फूलों पर चिउरा मक्खियाँ उड़ रही थीं। बच्चे ने उनमें से एक को पकड़ने की कोशिश की। परन्तु उसकी माँ ने उसे बुला लिया। वह खुशी से अपने माता-पिता के पास दौड़ गया। उसने फाख्ते के कुजने की आवाज सुनी। तब उसने वृक्षों के झुण्ड से फूलों की पंखुड़ियाँ उठा ली थीं। वह बरगद के वृक्ष के चारों तरफ भी दौड़ा। परन्तु फिर उसे उसके माता-पिता ने बुला लिया था।
माता-पिता के साथ बच्चा मेले में पहुँच जाता है।
शीघ्र ही बच्चा मेले में पहुँच गया। उसने मिठाई विक्रेता को कहते हुए सुना, गुलाब जामुन, रसगुल्ला, बर्फी, जलेबी”। मिठाई की दुकान भिन्न-भिन्न मिठाइयों से अत्यधिक सजाई हुई थी। मिठाइयाँ देख कर बच्चे के मुँह में पानी आ गया। उसने कहा, “मुझे वह बर्फी चाहिए”। ‘बर्फी’ उसकी पसन्द की मिठाई थी। परन्तु उसके ऐसा कहने के प्रति ध्यान नहीं दिया गया।
मेले के कई प्रकार के दृश्य
बच्चा अपने माता-पिता के साथ आगे बढ़ गया। उसने एक फूल बेचने वाले को कहते सुना, “गुलमोहर की माला”। बच्चा फूलों की टोकरी के पास गया। उसे एक माला चाहिए थी। परन्तु वह जानता था कि उसके माता-पिता उसे वह खरीदने के लिए मनी कर देंगे। इसलिए वह आगे बढ़ गया। तब उसने एक गुब्बारे बेचने वाले को देखा। उसके पास तरह-तरह के रंगों के गुब्बारे थे। बच्चा जानता था कि उसके माता-पिता उसे गुब्बारा नहीं खरीदने देंगे। इसलिए वह आगे बढ़ गया।
बच्चा खो जाता है।
बच्चे ने फिर एक सपेरे को देखा। वह एक सांप के आगे | बांसुरी बजा रहा था। वह सपेरे के समीप गया। परन्तु वह जानता था कि उसके माता-पिता ने उसे इस प्रकार का संगीत सुनने के लिए मना किया था। इसलिए वह आगे बढ़ गया। तब उसने एक झूला देखा। पुरुष, महिलायें और बच्चे आदि इसकी सवारी का आनन्द ले रहे थे। बच्चे ने कहा, “मैं झूला झूलना चाहता हूँ, कृपया, पिता, माता।” परन्तु उसे कोई उत्तर नहीं मिला। बच्चा गुम । हो गया था।
बच्चे की बुरी हालत
बच्चे के गहरे गले से एक पूर्ण गहरी चिल्लाहट निकली। वह चिल्लाया, “माँ, पिता।” उसकी आँखों से आँसू बह निकले। वह चिल्लाता रहा और इधर उधर दौड़ता रहा। परन्तु वह अपने माता पिता को नहीं देख सका। मनुष्य हँसते और बातें करते रहे। तब वह एक मन्दिर की तरफ दौड़ा। वहाँ एक अपार भीड़ थी। बच्चा व्यक्तियों के पैरों के बीचों-बीच कुछ कदम आगे बढ़ा। परन्तु उसे पीछे धकेल दिया गया। एक व्यक्ति ने उसकी चिल्लाहट सुनी। उसने उसे अपने हाथों में उठा लिया।
व्यक्ति बच्चे के माता-पिता को ढूंढने की कोशिश करता है।
व्यक्ति ने बच्चे से पूछा कि वह वहाँ कैसे पहुँचा। उसने उससे उसके माता-पिता के नाम भी पूछे। परन्तु बच्चे ने इतना ही कहा, “मुझे मेरे पिता चाहिएँ।” व्यक्ति बच्चे को झूले के पास ले गया। उसने उससे पूछा कि क्या वह घोड़े की सवारी करना चाहता है। परन्तु बच्चे ने केवल यही कहा कि उसे उसकी माँ चाहिए। तब | व्यक्ति ने उससे पूछा कि क्या उसे गुब्बारा चाहिए ? परन्तु बच्चा | सिसकियाँ भरता रहा। वह अपने माँ बाप को ही चाहता था।
बच्चे को फूल बेचने वाले और मिठाई की दुकान पर ले जाया जाता है।
व्यक्ति फिर बच्चे को फूल बेचने वाले के पास ले गया। उसने उससे पूछा कि क्या वह फूलों की माला अपने गले में डालना चाहेगा। बच्चे ने अपनी नाक मोड़ी। उसने इतना ही कहा, “मुझे मेरी माता चाहिए। मुझे मेरे पिता चाहिएँ।” तब व्यक्ति ने उसे पूछा कि वह कौन-सी मिठाई पसन्द करेगा। बच्चे ने अपना चेहरा मोड़ा। उसने इतना ही कहा, “मुझे अपनी माँ चाहिए। मुझे अपने पिता चाहिएँ।”
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