NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 15- अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
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प्रश्न अभ्यास
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों दीजिए –
1. बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे क्यों धकेल रहे थे?
उत्तर
आबादी बढ़ने के कारण स्थान का अभाव हो रहा था इसलिए बिल्डर नई-नई इमरातें बनाने के लिए बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे धकेल रहे थे।
2. लेखक का घर किस शहर में था?
उत्तर
लेखक का घर ग्वालियर शहर में था।
3. जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा है?
उत्तर
एकल परिवारों का चलन होने के कारण जीवन डिब्बों जैसे फलैटों में सिमटने लगा है।
4. कबूतर परेशानी में इधर-उधर क्यों फड़फड़ा रहे थे?
उत्तर
कबूतर के घोंसले में दो अंडे थे। एक बिल्ली ने तोड़ दिया था दूसरा बिल्ली से बचाने के चक्कर में माँ से टूट गया। कबूतर इससे परेशान होकर इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए –
1. अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?
उत्तर
अरब में लशकर को नूह के नाम से इसलिए याद करते हैं क्योंकि वे हमेशा दूसरों के दुःख में दुखी रहते थे। नूह को पैगम्बर या ईश्वर का दूत भी कहा गया है। उनके मन में करूणा होती थी।
2. लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं और क्यों?
उत्तर
लेखक की माँ दिन छिपने या सूरज ढलने के बाद पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं क्योंकि उस समय वे रोते हैं, रात में फूल तोड़ने पर वे श्राप देते हैं।
3. प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर
प्रकृति में आए असंतुलन का परिणाम भूकंप, अधिक गर्मी, वक्त बेवक्त की बारिश, अतिवृष्टि, साइकलोन आदि और अनेक बिमारियाँ हैं।
4. लेखक की माँ ने पूरे दिन रोज़ा क्यों रखा?
उत्तर
लेखक के घर एक कबूतर का घोंसला था जिसमें दो अंडे थे। एक अंडा बिल्ली ने झपट कर तोड़ दिया, दूसरा अंडा बचाने के लिए माँ उतारने लगीं तो टूट गया। इस पर उन्हें दुख हुआ। माँ ने प्रायश्चित के लिए पूरे दिन रोज़ा रखा और नमाज़ पढ़कर माफी माँगती रहीं।
5. लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
लेखक पहले ग्वालियर में रहता था। फिर बम्बई के वर्साेवा में रहने लगा। पहले घर बड़े-बड़े होते थे, दालान आंगन होते थे अब डिब्बे जैसे घर होते हैं, पहले सब मिलकर रहते थे अब सब अलग-अलग रहते हैं, इमारतें ही इमारतें हैं पशु-पक्षियों के रहने के लिए स्थान नहीं रहे,पहले अगर वे घोंसले बना लेते थे तो ध्यान रखा जाता था पर अब उनके आने के रास्ते बंद कर दिए जाते हैं।
6. डेरा डालने से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
डेरा डालने का अर्थ है कुछ समय के लिए रहना। बड़ी-बड़ी इमारतें बनने के कारण पक्षियों को घोंसले बनाने की जगह नहीं मिल रही है। वे इमारतों में ही डेरा डालने लगे हैं।
7. शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर क्यों उठ खड़े हुए?
उत्तर
शेख अयाज़ के पिता जब कुँए से नहाकर लौटे तो काला च्योंटा चढ़ कर आ गया। भोजन करते वक्त उन्होंने उसे देखा और भोजन छोड़कर उठ खड़े हुए। वे पहले उसे घर छोड़ना चाहते थे।
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(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −
1. बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर
बढ़ती हुई आबादी के कारण पर्यावरण असंतुलित हो गया है। आवासीय स्थलों को बढ़ाने के लिए वन, जंगल यहाँ तक कि समुद्रस्थलों को भी छोटा किया जा रहा है। पशुपक्षियों के लिए स्थान नहीं है। इन सब कारणों से प्राकृतिक का सतुंलन बिगड़ गया है और प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ती जा रही हैं। कहीं भूकंप, कहीं बाढ़, कहीं तूफान, कभी गर्मी, कभी तेज़ वर्षा इन के कारण कई बिमारियाँ हो रही हैं। इस तरह पर्यावरण के असंतुलन का जन जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
2. लेखक की पत्नी को खिड़की मे जाली क्यों लगवानी पड़ी?
उत्तर
लेखक के घर में कबतूर ने घोंसला बना लिया था जिसमें दो बच्चे थे उनको दाना खिलाने के लिए कबूतर आया जाया करते थे, सामान तोड़ाकरते थे। इससे परेशान होकर लेखक की पत्नी ने मचान के आगे घोंसला सरका दिया और वहाँ जाली लगवानी पड़ी।
3. समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?
उत्तर
कई सालों से बिल्डर समुद्र को पीछे धकेल रहे थे और उसकी ज़मीन हथिया रहे थे। समुद्र सिमटता जा रहा था। उसने पहले टाँगें समेटी फिर उकडू बैठा फिर खड़ा हो गया। फिर भी जगह कम पड़ने लगी जिससे वह गुस्सा हो गया। उसने गुस्सा निकालने के लिए तीन जहाज फेंक दिए। एक वार्लीके समुद्र के किनारे, दूसरा बांद्रा मे कार्टर रोड के सामने और तीसरा गेट वे ऑफ इंडिया पर टूट फूट गया।
4. मट्टी से मट्टी मिले,खो के सभी निशान,
किसमें कितना कौन है,
कैसे हो पहचान
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
इन पंक्तियों में बताया गया है कि सभी प्राणी एक ही मिट्टी से बने हैं और अंत में हमारा शरीर व्यक्तिगत पहचान खोकर उसी मिट्टी में मिल जाता है। यह पता नही रहता कि उस मिट्टी में कौन-कौन से मिट्टी मिली हुई है यानी मनुष्य में कितनी मनुष्यता है और कितनी पशुता यह किसी को पता नहीं होता।
(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
1. नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था।
उत्तर
प्रकृति के साथ मनुष्य खिलवाड़ करता रहा है परन्तु प्रकृति की भी एक हद तक सहने की शक्ति होती है। इसके गुस्से का नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था। इसने तीन जहाजों को गेंद की तरह उछाल दिया था।
2. जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।
उत्तर
महान तथा बड़े लोगों में क्षमा करने की प्रधानता होती है। किसी भी व्यक्ति की महानता क्रोध कर दण्ड देने में नहीं होती है बल्कि किसी की भी गलती को क्षमा करना ही महान लोगों की विशेषता होती है। समुद्र महान है। वह मनुष्य के खिलवाड़ को सहन करता रहा। पर हर चीज़ की हद होती है। एक समय उसका क्रोध भी विकराल रूप में प्रदर्शित हुआ। वैसे तो महान व्यक्तियों की तरह उसमें अथाह गहराई,शांति व सहनशक्ति है।
3. इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है।
उत्तर
बस्तियों के फैलाव से पेड़ कटते गए और पक्षियों के घर छिन गए। कुछ की तो जातियाँ ही नष्ट हो गईं। कुछ पक्षियों ने यहाँ इमारतों में डेरा जमा लिया।
4. शेख अयाज़ के पिता बोले, नहीं, यह बात नहीं हैं। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ। इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
शेख अयाज़ के पिता बोले, नहीं, यह बात नहीं हैं। मैने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ। इन पंक्तियों में उनकी यह भावना छिपी हुई थी कि वे पशु-पक्षियों की भावनाओं को समझते थे। वे चीटें को भी घर पहुँचाने जा रहे थे। उनके लिए मनुष्य पशु-पक्षी एक समान थे। वे किसी को भी तकलीफ नहीं देना चाहते थे।
भाषा अध्यन
1. उदारण के अनुसार निम्नलिखित वाक्यों में कारक चिह्नों को पहचानकर रेखांकित कीजिए और उनके नाम रिक्त स्थानों में लिखिए; जैसे −
(क) | माँ ने भोजन परोसा। | कर्ता |
(ख) | मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ। | …………………. |
(ग) | मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया। | …………………. |
(घ) | कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। | …………………. |
(ङ) | दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो। | …………………. |
उत्तर
(क) | माँ ने भोजन परोसा। | कर्ता |
(ख) | मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ। | संप्रदान |
(ग) | मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया। | कर्म |
(घ) | कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। | अधिकरण |
(ङ) | दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो। | अधिकरण |
2. नीचे दिए गए शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए − चींटी, घोड़ा, आवाज़, बिल, फ़ौज, रोटी, बिंदु, दीवार, टुकड़ा।
उत्तर
चींटी | – | चीटियाँ |
घोड़ा | – | घोड़ें |
आवाज़ | – | आवाज़ें |
बिल | – | बिल |
फ़ौज | – | फ़ौजें |
रोटी | – | रोटियाँ |
बिंदु | – | बिंदु (बिदुओ को) |
दीवार | – | दीवारें |
टुकड़ा | – | टुकड़े |
3. निम्नलिखित वाक्यों में उचित शब्द भरकर वाक्य पूरे किजिए − (क) आजकल ……………… बहुत खराब है। (जमाना/ज़माना)
(ख) पूरे कमरे को ……………… दो। (सजा/सज़ा)
(ग) माँ दही …………… भूल गई। (जमाना/ज़माना)
(घ) …………. चीनी तो देना (जरा/ज़रा)
(ङ) दोषी को ………… दी गई। (सजा/सज़ा)
(च) महात्मा के चेहरे पर……………. था। (तेज/तेज़)
उत्तर
(क) आजकल ….ज़माना…… बहुत खराब है।
(ख) पूरे कमरे को ….सजा…… दो।
(ग) माँ दही ….जमाना… भूल गई।
(घ) …ज़रा…. चीनी तो देना
(ङ) दोषी को ..सज़ा…. दी गई।
(च) महात्मा के चेहरे पर ..तेज.. था।
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Short Summary- पाठ 15- अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
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