In the Kingdom of Fools Summary in English
The story, “In the Kingdom of Fools” is a folktale written by A. K. Ramanujan in which a Kingdom full of fools has been described. There was a Kingdom, the king of which thought himself very clever but was actually an idiot. He made a Peculiar rule that everyone in the entire Kingdom will spend the lives of the day at night and the lives of the night in the day and if anyone doesn’t follow the rule, he or she would be sentenced to death. One day a guru with his disciple visited the kingdom and experienced the foolishness of the people there. They also observed that in one Rupee, anything could be bought there.
By knowing this the disciple got impressed and decided to stay there but the Guru left. One day a thief entered a merchant’s house to rob there. He made a hole in the wall and while getting out of the house, the roof of the house collapsed on his head and he died. His brother complained the king that while pursuing the ancient trade, the wall fell on his brother and killed him. He asked for the justice and requested to punish the merchant as he had built very weak wall. The Merchant was brought to the king and when was told about the punishment, he accused the the bricklayer who had actually made the wall.
Then the bricklayer was brought to the king. He explained that while building the Wall one dancing girl was going up and down in the street with her anklets jingling. The lady distracted the mind of him and he couldn’t concentrate in building a strong wall. When the dancing girl was brought to the king she gave her explanation that she had given some gold to the goldsmith to make some jewellery but he was not doing the work on time and I had to go to him several times. Goldsmith explained that one reach merchant had ordered him to make his jewellery and was pressurising him for his work. It was confirmed that the rich merchant was none other than the father of the merchant who had been brought to the king at first.
The king decided that the same merchant will be executed. But when the stake was prepared the merchant did not fit it as he was so thin. So the king ordered to find a man to be fit for it. After a long search, the men of the king found the disciple. He was selected and was brought to the king for execution as he was so fat. After the prayer of the disciple, the Guru appeared there and made a plan with him. They began to quarrel to be executed first and when the king asked the Guru why they were quarreling, he explained that whoever will be executed first in this Stake will Reborn as the new king of this Kingdom and as the Minister because of the stake being the god of Justice. The king after Consulting with his minister postponed the execution and ordered the executioners to execute the persons accordingly who would come at night.
The king with his minister released the Guru and the disciple and went to the executioner at night and was executed as they didn’t want any other to be the king and the Minister after them. When the public identified them, they got panicked and couldn’t understand how it happened. But according to their systematic rule and for the future of their kingdom, they convinced the Guru and his disciple to become the king and the Minister accordingly. They both accepted this with the condition that all the old rules will be changed.
In the Kingdom of Fools Summary In Hindi
किंगडम ऑफ फूल्स सारांश हिंदी में
मूर्खा का राज्य
मूर्खा के राज्य में राजा और मंत्री मूर्ख थे। उन्होंने सभी चीजों को उलटा करने का आदेश दिया। उन्होंने रात को दिन और दिन को रात में बदलने का फैसला किया। उन्होंने लोगों को आदेश दिया कि दिन का काम रात में करें और दिन में सोयें। कोई भी जो आदेश का पालन नहीं करता पाया गया उसे मौत की सजा दी जायेगी। अतः लोगों ने डर की वजह से वही किया जो उनको करने के लिये कहा गया। इससे राजा और मंत्री आनंदित हो गये।
एक गुरु और चेला शहर को देखते हैं।
एक बार एक गुरु और उसका चेला शहर में आये। दिन के समय उन्होंने प्रत्येक को सोते हुए पाया। कोई कार्य नहीं हो रहा था। इससे वे आश्चर्यचकित हो गये। वे शाम तक घूमते रहे। तब लोग जागे। उन्होंने अपने रात के कार्य करने शुरू कर दिये। अब वे दोनों भूखे हो गये। उन्होंने कुछ खाद्य पदार्थ खरीदे। सभी चीजों का मूल्य एक समान था-एक डड्डू। इससे वे आश्चर्यचकित और आनदित हो गये। गुरु ने महसूस किया कि वास्तव में यह मूर्खा का राज्य था।
गुरु शहर छोड़ देता है परन्तु चेला वहीं रहता है।
गुरु ने मूखों के शहर को छोड़ने का फैसला कर लिया। उसने अपने चेले को भी जगह छोड़ने को कहा। परन्तु चेला सस्ते खाने की वजह से ऐसा करना नहीं चाहता था। गुरु ने चेले को सलाह दी कि मूखों के बारे में कुछ भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। परन्तु चेले ने कोई चिन्ता नहीं की। वह वहीं रह गया। समय बीतता चला गया। चेले ने भरपेट खाया। परिणाम स्वरूप वह बहुत मोटा हो गया।
एक चोर एक अमीर व्यापारी के घर में सेंध लगाता है।
एक दिन एक चोर ने एक अमीर व्यापारी के घर में सेंध लगाई। वह चुराई हुई वस्तुओं को बाहर ले जा रहा था। तभी पुराने घर की दीवार उसके सिर पर गिर गई। वह उसी समय मारा गया। चोर के भाई ने उसकी मृत्यु की शिकायत राजा से की। उसने अपने भाई की मृत्यु का दोष मकान मालिक पर लगाया।
मकान मालिक को बुलाया जाता है।
राजा ने दोषी को सुना। उसने उसे चोर की मृत्यु का दोषी करार दिया। परन्तु मालिक ने कहा कि वह निर्दोष है। उसने कहा कि जिस आदमी ने दीवार बनाई वह जिम्मेदार है। उसने अच्छी दीवार नहीं बनाई। राजा ने ईंट लगाने वाले (राजगीर) को बुलाने का फैसला किया।
राजा ईंट लगाने वाले ( राजगीर ) को बुलाता है।
राजा ईंट लगाने वाले से पूछता है कि क्या यह दीवार उसने बनाई है। वह उसे चोर को मारने का दोषी करार देता है। इससे पहले कि राजा उसकी मौत का आदेश देता राजगीर ने अपने निर्दोष होने की वकालत की। उसने राजा को बताया कि वह दीवार बनाते समय अपने ध्यान को एकाग्र नहीं कर पाया। एक नाचने वाली लड़की गली में इधर-उधर घूमती थी। इसलिए वह इसके लिये जिम्मेदार थी।
नाचने वाली लड़की को बुलाया जाता है।
राजा ने नाचने वाली लड़की को चोर को मारने का दोषी करार दिया। नाचने वाली लड़की ने कहा कि इसके लिये सुनार जिम्मेदार था। उसने उसे कुछ सोना दिया था। उसने उसके लिए कुछ गहने बनाने थे। वह सुस्त था। उसने गहने जल्दी नहीं बनाये। इसलिये उसे गली में आना-जाना पड़ा। इसलिए यह सुनार का कसूर था।
सुनार और उसकी प्रार्थना
राजा ने अब सुनार को बुलाने का आदेश दिया। सुनार ने उत्तर दिया कि अमीर आदमी के घर में शादी थी। उसे उसके लिए गहने बनाने थे। इसलिए वह नाचने वाली लड़की का गहने बनाने का काम समय पर समाप्त नहीं कर सका।।
अमीर आदमी को राजा के सामने बुलाया जाता है।
राजा ने अमीर आदमी को हत्यारा घोषित कर दिया। वह उस घर का मालिक भी था। परन्तु उसने कहा कि गहनों का आदेश उसके पिता ने दिया था। राजा ने अपने मंत्री से सलाह ली। उसने फैसला किया कि मालिक को उसके पिता के स्थान पर सजा दी जाये। राजा ने मालिक के मरने के लिए नया फँदा तैयार करने को कहा। परन्तु मालिक बहुत पतला था। उसे फाँसी नहीं दी जा सकी। राजा इसके बारे में चिंतित था। तब उसने फाँसी के योग्य आदमी को ढूंढने के आदेश दिये। उसको फाँसी दे देनी चाहिए।
चेला मुसीबत में
चेला फैदे के योग्य पाया गया। उसे फाँसी के स्थान पर लाया गया। चेले ने अब अपने बुद्धिमान गुरु के शब्द याद किये। उसने अपने गुरु से प्रार्थना की। गुरु के पास भूत और भविष्य को देखने की जादुई शक्तियाँ थीं। उसने सभी कुछ देखा। वह एकदम अपने चेले को बचाने के लिए पहुँचा। उसने अपने चेले को दबी आवाज में कुछ कहा। चेला इसे समझ गया।
गुरु की अपने चेले को बचाने के लिए चाल
गुरु और चेले ने अब लड़ना शुरू कर दिया। गुरु पहले मरना चाहता था। राजा ने गुरु से पूछा वह मरना क्यों चाहता है। गुरु ने राजा के कान में बताया कि उनका शहर अनोखा था। यह न्याय के देवता का फैदा था। यह फैदा नया था। यह पहले कभी अपराधियों पर प्रयोग नहीं किया गया। जो इस पर पहले मरेगा वह राजा के रूप में जन्म लेगा। जो उसके पश्चात मरेगा वह मंत्री के रूप में जन्म लेगा।
राजा मरने का निर्णय लेता हैं।
राजा ने सारे केस के बारे में सोचा। वह अपने अगले जन्म में भी राज्य नहीं खोना चाहता था। इसलिए उसने अपने मंत्री से बात की। राजा ने कहा कि वे खुद को फाँसी लगायेंगे। इस तरह से तो वे अगले जन्म में दोबारा राजा और मंत्री के रूप में जन्म लेंगे। राजा और मंत्री छिपकर जेल गये। उन्होंने गुरु और चेले को रिहा कर दिया। उन्होंने उनके स्थान ले लिए। इसलिए वे फैदे पर ले जाये गये और उन्हें फाँसी दे दी गई।
गुरु और चेला राजा और मंत्री बन जाते हैं।
राजा और मंत्री के शव नीचे उतारे गये। लोगों ने उनकी मृत्यु पर शोक मनाया। उन्होंने राज्य के भविष्य के बारे में बातचीत की। अचानक कुछ लोगों ने गुरु और चेले के बारे में सोचा। वे छिपकर शहर छोड़ रहे थे। लोगों ने उन्हें देख लिया। उन्होंने उन्हें अपना नया राजा और मंत्री बनने की प्रार्थना की। परन्तु उन्होंने एक शर्त लगाई। यह सभी पुराने कानूनों को बदलने के बारे में थी। इसलिए उन्होंने कानून बदल दिए।
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