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Chapter -9 चिड़िया की बच्ची
MCQs
Question 1.
‘चिड़िया की बच्ची’ पाठ के लेखक कौन है?
(a) प्रयाग शुक्ल
(b) बालकृष्ण शर्मा नवीन
(c) भवानी प्रसाद मिश्र
(d) जैनेंद्र कुमार
Answer
Answer: (d) जैनेंद्र कुमार
Question 2.
शाम के वातावरण में क्या-क्या परिवर्तन हो जाता है-
(a) गरमी कम हो जाती है
(b) हवा चलने लगती है
(c) आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है
(d) और गरमी कम हो जाती है और आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है
Answer
Answer: (d) और गरमी कम हो जाती है और आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है
Question 3.
माधवदास चिड़िया से क्या चाहता था?
(a) वह वहाँ खूब गाए
(b) वह पेड़ों पर झूमे
(c) वह वहीं रह जाए
(d) वह वहाँ से भाग जाए।
Answer
Question 4.
माधवदास चिड़िया को किसका प्रलोभन दे रहे थे।
(a) सोने के पिंजरे का
(b) पेड़ की डालियों का
(c) घोंसले का
(d) अपने धन/दौलत का
Answer
Answer: (d) अपने धन/दौलत का
Question 5.
बगीचा में चिड़िया कहाँ आकर बैठी थी?
(a) ज़मीन पर
(b) फव्वारे पर
(c) गुलाब की टहनी पर
(d) टीले के पास
Answer
Answer: (c) गुलाब की टहनी पर
Question 6.
चिड़िया की गरदन का रंग कैसा था?
(a) लाल
(b) पीली
(c) हरी
(d) काली
Answer
Answer: (a) लाल
(1)
समय भी उनके पास काफ़ी है। शाम को जब दिन की गरमी ढल जाती है और आसमान कई रंग का हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर बैठते हैं और प्रकृति की छटा निहारते हैं। इनमें मानो उसके मन को तृप्ति मिलती है। मित्र हुए तो उनसे विनोद-चर्चा करते हैं, नहीं तो पास रखे हुए फर्शी हुक्के की सटक को मुँह में दिए खयाल ही खयाल में संध्या को स्वप्न की भाँति गुज़ार देते हैं।
Question 1.
माधवदास के पास समय-
(a) कम है
(b) काफ़ी है
(c) नहीं है
(d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (b) काफ़ी है
Question 2.
शाम के वातावरण में क्या-क्या परिवर्तन होता है-
(a) गरमी कम हो जाती है
(b) लू चलने लगती है
(c) आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है
(d) क और ग दोनों
Answer
Answer: (c) आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है
Question 3.
माधव दिन में गरमी ढलने के बाद बाहर कहाँ बैठता था?
(a) घर में
(b) कोठी के बाहर चबूतरे पर तखत डलवाकर
(c) झूले पर
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) कोठी के बाहर चबूतरे पर तखत डलवाकर
Question 4.
माधवदास कोठी के बाहर चबूतरे पर क्यों बैठते थे?
(a) बगीचे की रखवाली करने
(b) अपने मित्रों को बुलाने
(c) प्राकृतिक सौंदर्य देखने
(d) रंग-बिरंगे फूलों को देखने के लिए
Answer
Answer: (c) प्राकृतिक सौंदर्य देखने
Question 5.
गद्यांश और उसके लेखक का नाम विकल्पों में से बताएँ-
(a) चिड़िया-विजेंद्र कुमार
(b) नन्ही चिड़िया-शैलेंद्र कुमार
(c) चिड़िया की बच्ची-जैनेंद्र कुमार
(d) नन्ही चिड़िया-कमलेश कुमार
Answer
Answer: (c) चिड़िया की बच्ची-जैनेंद्र कुमार
Question 6.
‘विनोद-चर्चा’ का अभिप्राय क्या है?
(a) खेल-कूद के साथ
(b) दुख और पीड़ा के साथ
(c) हँसी-मजाक के साथ
(d) एकांकी जीवन की चर्चा
Answer
Answer: (c) हँसी-मजाक के साथ
(2)
उस दिन संध्या समय उनके देखते-देखते सामने की गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी। चिड़िया बहुत सुंदर थी। उसकी गरदन लाल थी और गुलाबी होते-होते किनारों पर जरा-जरा नीली पड़ गई थी। पंख ऊपर से चमकदार स्याह थे। उसका नन्हा-सा सिर तो बहुत प्यारा लगता था और शरीर पर चित्र-विचित्र चित्रकारी थी। चिड़िया को मानो माधवदास की सत्ता का कुछ पता नहीं था और मानो तनिक देर का आराम भी उसे नहीं चाहिए था। कभी पर हिलाती थी, कभी फुदकती थी। वह खूब खुश मालूम होती थी। अपनी नन्ही-सी चोंच से प्यारी-प्यारी आवाज़ निकाल रही थी।
Question 1.
चिड़िया कहाँ आ बैठी थी?
(a) पीपल के पेड़ पर
(b) कदंब के पेड़ पर
(c) नीम की डाली पर
(d) गुलाब की डाली पर
Answer
Answer: (d) गुलाब की डाली पर
Question 2.
चिड़िया की गरदन कैसी थी?
(a) लाल
(b) गुलाबी
(b) नीला
(d) पीला
Answer
Answer: (a) लाल
Question 3.
चिड़िया कर रही थी
(a) पर हिला रही थी
(b) कभी फुदकती थी
(c) उपर्युक्त दोनों
(d) गा रही थी
Answer
Answer: (c) उपर्युक्त दोनों
Question 4.
किस बात से पता चलता है चिड़िया बहुत खुश थी?
(a) क्योंकि वह पंख हिला रही थी
(b) क्योंकि वह फुदक रही थी
(c) क्योंकि वह मीठी स्वर निकाल रही थी
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 5.
“चिड़िया बहुत सुंदर थी’ वाक्य में चिड़िया शब्द है।
(a) जातिवाचक संज्ञा
(b) व्यक्तिवाचक संज्ञा
(c) भाववाचक संज्ञा
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (a) जातिवाचक संज्ञा
(3)
माधवदास, “चिड़िया तू निरी अनजान है। मुझ खुश करेगी तो तुझे मालामाल कर सकता हूँ।”
चिड़िया, “तुम सेठ हो। मैं नहीं जानती, सेठ क्या होता है। पर सेठ कोई बड़ी बात होती होगी। मैं नासमझ ठहरी। माँ मुझे बहुत प्यार करती है। वह मेरी राह देखती होगी। मैं मालामाल होकर क्या होऊँगी, मैं नहीं जानती। मालामाल किसे कहते हैं ? क्या मुझे वह तुम्हारा मालामाल होना चाहिए?”
Question 1.
‘सेठ क्या होता है’-ये वाक्य कौन, किसे कह रहा है?
(a) माधवदास चिड़िया से
(b) चिड़िया सेठ से
(c) चिड़िया स्वयं से
(d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (a) माधवदास चिड़िया से
Question 2.
चिड़िया स्वयं को कैसा बताती है?
(a) समझदार
(b) नासमझ
(c) प्यारी
(d) मूर्ख
Answer
Answer: (b) नासमझ
Question 3.
क्या चिड़िया मालामाल होना चाहती थी?
(a) हाँ
(b) नहीं
(c) थोड़ा बहुत
(d) बाद में
Answer
Answer: (b) नहीं
Question 4.
चिड़िया माधवदास से क्या चाहती है?
(a) माँ के पास जाना चाहती है
(b) वह धनी माधवदास के घर में रहना चाहती है
(c) माधवदास से धन-दौलत चाहती है
(d) माधवदास के बगीचे में रहना चाहती है
Answer
Answer: (a) माँ के पास जाना चाहती है
Question 5.
माधवदास क्या चाहता है?
(a) चिड़िया नाच दिखाएँ
(b) चिड़िया उसके पास रह जाए
(c) चिड़िया निरंतर फुदकती रहे
(d) चिड़िया अपने घोंसले में लौट जाए
Answer
Answer: (b) चिड़िया उसके पास रह जाए
(4)
चिड़िया “वह सोना क्या चीज़ होती है?”
सेठ, “तू क्या जानेगी, तू चिड़िया जो है। सोने का मूल्य सीखने के लिए तुझे बहुत सीखना है। बस, यह जान ले कि सेठ माधवदास तुझसे बात कर रहा है। जिससे मैं बात तक कर लेता हूँ उसकी किस्मत खुल जाती है। तू अभी जग का हाल नहीं जानती। मेरी कोठियों पर कोठियाँ हैं, बगीचों पर बगीचे हैं। दास-दासियों की संख्या नहीं है। पर तुझसे मेरा चित्त प्रसन्न हुआ है। ऐसा वरदान कब किसी को मिलता है ? री चिड़िया! तू इस बात को समझती क्यों नहीं?”
Question 1.
चिड़िया किस चीज़ को नहीं समझती है?
(a) पेड़
(b) बगीचा
(c) सोना
(d) कोठियाँ
Answer
Answer: (c) सोना
Question 2.
माधवदास चिड़िया को क्या समझाने का प्रयास कर रहे हैं?
(a) कोठी का महत्त्व
(b) सोने की कीमत
(c) घोंसले से आज़ादी का मूल्य
(d) धन-दौलत की कीमत
Answer
Answer: (b) सोने की कीमत
Question 3.
चिड़िया किस चीज़ से बेखबर है-
(a) अपनी माँ के स्वभाव के बारे में
(b) दुनिया के हाल के बारे में
(c) माधवदास के बारे में
(d) घोंसले तक पहुँचने के रास्ते के बारे में
Answer
Answer: (b) दुनिया के हाल के बारे में
Question 4.
माधवदास के कथनानुसार पास में क्या-क्या है?
(a) कोठियाँ ही कोठियाँ
(b) बगीचे पर बगीचे
(c) दास-दासियों असीमित संख्या
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 5.
‘वरदान’ शब्द का विलोम शब्द इनमें क्या है?
(a) पुरस्कार
(b) सम्मान
(c) अभिशाप
(d) अभियान
Answer
Answer: (c) अभिशाप
(5)
इतने में चिड़िया को बोध हुआ कि जैसे एक कठोर स्पर्श उसके देह को छू गया। वह चीख देकर चिचियाई और एकदम उड़ी। नौकर के फैले हुए पंजे में वह आकर भी नहीं आ सकी। तब वह उड़ती हुई एक साँस में माँ के पास गई और माँ की गोद में गिरकर सुबकने लगी, “ओ माँ, ओ माँ!”
माँ ने बच्ची को छाती से चिपटाकर पूछा, “क्या है मेरी बच्ची, क्या है?”
Question 1.
चिड़िया क्यों सुबह रही थी?
(a) थक गई थी
(b) ठंड के कारण
(c) डर के कारण
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (c) डर के कारण
Question 2.
‘चिड़िया’ शब्द का पर्यायवाची है।
(a) खग
(b) पक्षी
(c) विहग
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 3.
चिड़िया को पकड़ने की कोशिश कौन कर रहा था?
(a) माधवदास
(b) शिकारी
(c) माधवदास के नौकर
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (c) माधवदास के नौकर
Question 4.
अचानक चिड़िया को क्या महसूस हुआ?
(a) उसका दम घुटने का है
(b) ठंड का
(c) कठोर स्पर्श का
(d) गिरने का
Answer
Answer: (c) कठोर स्पर्श का
Question 5.
चिड़िया उड़ते-उड़ते कहाँ पहुँची?
(a) सोने के पिंजरे में
(b) माधवदास की कोठी में
(c) माँ की गोद में
(d) घोंसले में
Answer
Answer: (c) माँ की गोद में
(6)
माधवदास ने अपनी संगमरमर की अपनी कोठी बनवाई है। उसके सामने बहुत सुहावना बगीचा भी लगवाया है। उनको कला से बहुत प्रेम है। धन की कमी नहीं है और कोई व्यसन छू नहीं गया है। सुंदर अभिरुचि के आदमी हैं। फूल-पौधे, रकाबियों से हौज़ों में लगे फव्वारों में उछलता हुआ पानी उन्हें बहुत अच्छा लगता है। समय भी उनके पास काफ़ी है। शाम को जब दिन की गरमी ढल जाती है और आसमान कई रंग का हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर बैठते हैं और प्रकृति की छटा निहारते हैं।
Question 1.
माधवदास की कोठी का वर्णन कीजिए।
Answer
Answer: माधवदास ने कोठी बनवायी थी, जो संगमरमर से बनी थी। उसके सामने सुहावने सुंदर बगीचे का निर्माण करवाया था। बगीचे में फूल-पौधे व हौज़ों में लगे फव्वारों में उछलता पानी अपनी ओर आकर्षित करता था।
Question 2.
माधवदास किस स्वभाव के व्यक्ति हैं?
Answer
Answer: माधवदास कला-प्रेमी थे। सुंदर अभिरुचि के व्यक्ति थे। प्रकृति की सुंदरता उन्हें बहुत आकर्षित करती थी। वे एक धनी व्यक्ति थे और उनमें कोई बुरी लत नहीं थी।
Question 3.
वे संध्या के समय कहाँ और किस प्रकार बैठते थे?
Answer
Answer: माधवदास संध्या के समय कोठी के बाहर-चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे एक गलीचे पर बैठते थे और प्रकृति की छटा निहारते थे।
Question 4.
किस बात से सिद्ध होता है कि माधवदास के पास बहुत समय था?
Answer
Answer: रोज संध्या के समय जब दिन में गरमी ढल जाती है और आसमान में कई रंग हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर घंटों बैठते थे। इस बात से पता चलता है कि माधवदास के पास समय काफ़ी था।
Question 5.
माधवदास को किस बात से तृप्ति मिलती है?
Answer
Answer: माधवदास को प्रकृति-सौंदर्य को निहारने में तृप्ति मिलती थी।
(7)
माधवदास को वह चिड़िया बड़ी मनमानी लगी। उसकी स्वच्छंदता बड़ी प्यारी जान पड़ती थी। कुछ देर तक वह उस चिड़िया का इस डाल से उस डाल थिरकना देखते रहे। इस समय वह अपना बहुत-कुछ भूल गए। उन्होंने उस चिड़िया से कहा, “आओ, तुम बड़ी अच्छी आईं। यह बगीचा तुम लोगों के बिना सूना लगता है। सुनो चिड़िया तुम खुशी से यह समझो कि यह बगीचा मैंने तुम्हारे लिए ही बनवाया है। तुम बेखटके यहाँ आया करो।”
Question 1.
माधवदास चिड़िया की ओर क्यों आकर्षित हुए?
Answer
Answer: माधवदास चिड़िया की ओर आकर्षित इसलिए हुए कि चिड़िया को स्वच्छंदता से एक डाल से दूसरी डाल पर थिरकते देखकर मंत्रमुग्ध हो गाए।
Question 2.
उन्होंने चिड़िया से क्या कहा?
Answer
Answer: उन्होंने चिड़िया से कहा कि बिना किसी डर के यहाँ आया करो।
Question 3.
माधवदास ने चिड़िया से क्यों कहा?
Answer
Answer: माधवदास ने चिड़िया से इसलिए कहा, क्योंकि उन्हें चिड़िया भा गई थी, उसका फुदकना व चहकना उनके मन को आकर्षित करने वाला था तथा चिड़िया के आने से बगीचे में बहार आ गई थी।
Question 4.
माधवदास चिड़िया से क्या चाहता था?
Answer
Answer: माधवदास चिड़िया से चाहता था कि वह यहीं हमेशा के लिए बगीचे में रह जाए।
Question 5.
माधवदास अकेलापन क्यों महसूस करते थे?
Answer
Answer: माधवदास अकेलापन इसिलए महसूस करता था क्योंकि वे अकेले रहते थे।
(8)
माधवदास, “चिड़िया, तू निरी अनजान है। मुझे खुश करेगी तो तुझे मालामाल कर सकता हूँ।”
चिड़िया, “तुम सेठ हो। मैं नहीं जानती, सेठ क्या होता है। पर सेठ कोई बड़ी बात होती होगी। मैं अनसमझ ठहरी। माँ मुझे बहुत प्यार करती है। वह मेरी राह देखती होगी। मैं मालामाल होकर क्या होऊँगी, मैं नहीं जानती। मालामाल किसे कहते हैं? क्या मुझे वह तुम्हारा मालामाल होना चाहिए?”
Question 1.
माधवदास चिड़िया को निरी अनजान क्यों कह रहे हैं?
Answer
Answer: माधवदास चिड़िया को निरी अनजान इसलिए कह रहे थे, क्योंकि वह माधवदास की संपन्नता नहीं समझ पा रही थी।
Question 2.
चिड़िया क्या नहीं जानती?
Answer
Answer: चिड़िया यह नहीं जानती की सामनेवाला व्यक्ति सेठ है। वह सेठ को भी नहीं जानती।
Question 3.
चिड़िया ने माँ के बारे में क्या कहा?
Answer
Answer: चिड़िया ने कहा कि उसकी माँ उसे बहुत प्यार करती है और वह उसका इंतजार करती है।
Question 4.
चिड़िया की राह कौन देख रही है?
Answer
Answer: चिड़िया की राह उसकी माँ देखती है।
Question 5.
‘राह देखना’ मुहावरे का अर्थ क्या होता है ?
Answer
Answer: राह देखने का अर्थ होता है-इंतज़ार करना।
(9)
चिड़िया ने कहा, “सेठ मुझे डर लगता है। माँ मेरी दूर है। रात हो जाएगी तो राह नहीं सूझेगी।”
इतने में चिड़िया को बोध हुआ कि जैसे एक कठोर स्पर्श उसके देह को छु गया। वह चीख देकर चिचियाई और एकदम उडी। नौकर के फैले हुए पंजे में वह आकर भी नहीं आ सकी। तब वह उड़ती हुई एक साँस में माँ के पास गई और माँ की गोद में गिरकर सुबकने लगी, “ओ माँ, ओ माँ!”
Question 1.
चिड़िया ने माधवदास से क्या कहा?
Answer
Answer: चिड़िया ने माधवदास से कहा-सेठ मुझे डर लगता है। माँ मेरी दूर है। रात हो जाएगी तो राह नहीं सूझेगी।
Question 2.
चिड़िया को क्या बोध हुआ?
Answer
Answer: चिड़िया को बोध हुआ कि किसी का कठोर स्पर्श उसके शरीर को छू रहा है।
Question 3.
चिड़िया को पकड़ने की कोशिश कौन कर रहा था?
Answer
Answer: चिड़िया को पकड़ने की कोशिश सेठ माधवदास का नौकर कर रहा था।
Question 4.
चिड़िया उड़ते हुए कहाँ पहुँची?
Answer
Answer: चिड़िया उड़ते हुए अपने माँ की गोद में पहुंची।
Question 5.
चिड़िया क्यों सुबक रही थी?
Answer
Answer: चिड़िया डर के मारे सुबक रही थी?
प्रश्न अभ्यास
कहानी से
प्रश्न 1.
किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास को जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था?
उत्तर:
माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था क्योंकि –
- माधवदास के पास खूब सारा सोना-चाँदी था।
- उसका संगमरमर का बना बड़ा-सा महल था, जिसके सामने सुंदर-सा बगीचा था।
- महल में अनेक दास-दासियाँ थीं।
- वह चिड़िया के लिए सोने का पिंजरा तथा सोने की कटोरी बनवा सकता था। माधवदास सुखी नहीं था, क्योंकि
(अ) वह ख्याल ही ख्याल में संध्या को स्वप्न की भाँति गुज़ार देता था।
(ब) चिड़िया के आने से उसका मन बहुत खुश हो गया था।
(स) उसका महल सूना था। वहाँ कोई चहचहाता नहीं था।
प्रश्न 2.
माधवदास क्यों बार-बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है? क्या माधवदास नि:स्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चिड़िया को प्रलोभन देकर वह उसे रोकना चाहता था, इसलिए वह बार-बार यह कह रहा था कि यह बगीचा तुम्हारा ही है। नहीं, माधवदास निःस्वार्थ भाव से ऐसा नहीं कह रहा था। वह तो चिड़िया को प्रलोभन देकर कैद करना चाहता था। सफल न होने पर उसने चिड़िया को बातों में उलझाकर नौकर द्वारा पकड़वाना चाहा था।
प्रश्न 3.
माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सख-सविधाओं को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ़ माधवदास की नज़र चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या-क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
माधवदास को अपने संगमरमर के महल, बागबगीचों, दास-दासियों तथा अपने ढेर सारे सोने-चाँदी पर घमंड था। उसकी दृष्टि में उसका महल, बाग-बगीचा ही सब कुछ है। वह अपने सोने-चाँदी के बल पर किसी को भी आकर्षित कर सकता है या किसी को भी उसका गुलाम बन सकता है। चिड़िया के मन में सोने-चाँदी, महल एवं बाग के लिए कोई लोभ न था। वह तो अपनी माँ, भाई, सूरज, धूप, घास, पानी और फूलों से प्यार करती है। माँ की गोद में ही उसका सबसे बड़ा सुख है। उसे अपनी स्वतंत्रता तथा अपनी माँ प्रिय है।
प्रश्न 4.
कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा? चालीस-पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
नौकर के पंजे से नन्ही चिड़िया के भाग निकलने की बात पढ़कर माधवदास के कपटी स्वभाव के बारे में पता चलता है। एक ओर तो चिड़िया को प्यारी-प्यारी बातों में उलझाए रखता है, पर मन में उस चिड़िया को किसी भी तरह से पकड़ने के लिए दृढ़संकल्प है। इससे ‘मुँह में राम बगल में छुरी’ वाली कहावत चरितार्थ होती है। इससे भी अधिक बुरा यह लगा कि मनुष्य स्वयं तो स्वतंत्र रहना चाहता है पर अपनी खुशी के लिए दूसरों को बंधक बनाना चाहता है।
प्रश्न 5.
‘माँ मेरी बाट देखती होगी’-नन्ही चिड़िया बार-बार इसी बात को कहती है। आप अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि हमारी जिंदगी में माँ का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
हमारी जिंदगी में माँ का अत्यंत महत्त्व है। माँ ही है जो अपनी जान से भी ज्यादा अपनी संतान को प्यार करती है। वह हर तरह के कष्ट सहकर भी अपनी संतान को हर तरह से सुखी रखने का प्रयास करती है। पुत्र को ज़रा-सी चोट लगने की बात सुनकर माँ की जान निकल जाती है। माँ ही बच्चे को मनुष्य बनने का पहला पाठ भी सिखाती है।
प्रश्न 6.
इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर:
इस कहानी का अन्य शीर्षक-‘सबको प्यारी माँ’, क्योंकि दुनिया में माँ के प्यार जैसा नि:स्वार्थ प्यार किसी का नहीं होता है। इसके अलावा जो सुख माँ की गोद में मिल सकता है वह अन्यत्र दुर्लभ है।
कहानी से आगे
प्रश्न 1.
इस कहानी में आपने देखा कि वह चिड़िया अपने घर से दूर आकर भी फिर अपने घोंसले तक वापस पहुँच जाती है। मधुमक्खियों, चींटियों, ग्रह-नक्षत्रों तथा प्रकृति की अन्य विभिन्न चीजों में हमें एक अनुशासनबद्धता देखने को मिलती है। इस तरह के स्वाभाविक अनुशासन का रूप आपको कहाँ-कहाँ देखने को मिलता है? उदाहरण देकर बताइए।
उत्तर:
स्वाभाविक अनुशासन का रूप हमें अन्य स्थानों पर भी देखने को मिलता है,
जैसे –
- सूरज, चाँद, तारों का अपने समय पर निकलना तथा छिपना।
- पौधे की उम्र होते ही उस पर फूल तथा फल आ जाना।
- सर्दी, गर्मी, बरसात, शिशिर, हेमंत, वसंत आदि ऋतुओं का अपने समय पर आना-जाना।
- पके फलों का महकना तथा अपने-आप मनुष्य के लिए ज़मीन पर गिर जाना।
- पक्षियों का झुंड बनाकर उड़ना तथा गंतव्य तक जाना।
- सूर्य-ग्रहण तथा चंद्र-ग्रहण होना।
प्रश्न 2.
सोचकर लिखिए कि यदि सारी सुविधाएँ देकर एक कमरे में आपको सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो क्या आप स्वीकार करेंगे? आपको अधिक प्रिय क्या होगा-‘स्वाधीनता’ या ‘प्रलोभनोंवाली पराधीनता’ ? ऐसा क्यों कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता। नीचे दिए गए कारणों को पढ़ें और विचार करें –
(क) क्योंकि किसी को पराधीन बनाने की इच्छा रखनेवाला व्यक्ति स्वयं दुखी होता है, वह किसी को सुखी नहीं कर सकता।
(ख) क्योंकि पराधीन व्यक्ति सुख के सपने देखना ही नहीं चाहता।
(ग) क्योंकि पराधीन व्यक्ति को सुख के सपने देखने का भी अवसर नहीं मिलता।
उत्तर:
सारी सुविधाएँ मिलने पर भी यदि मुझे एक कमरे में सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकूँगा। मैं वहाँ से हर संभव निकलने का प्रयास करूंगा। मुझे भी अपनी स्वतंत्रता प्रिय है। मुझे स्वाधीन रहना ही प्रिय लगेगा। कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता क्योंकि पराधीन व्यक्ति को सुख के सपने देखने का भी अवसर नहीं मिलता है।
अनुमान और कल्पना
आपने गौर किया होगा कि मनुष्य, पशु, पक्षी-इन तीनों में ही माँएँ अपने बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखती हैं। प्रकृति की इस अद्भुत देन का अवलोकन कर अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
प्रकृति की यह अद्भुत देन है कि मनुष्य, पशु, पक्षी-इन तीनों में ही माँएँ खुद तो अनेकानेक कष्टों को सहती हैं पर अपनी संतान पर आँच भी नहीं आने देती हैं। पक्षियों तथा अंडे देने वाले जानवरों में माएँ कई दिन तक अपने अंडों को ऊष्णता प्रदान करती हैं तथा जब उनके नवजात शिशु अंडों से बाहर आते हैं तो उनके खाने-पीने के इंतजाम के साथ उनके सक्षम होने तक उनकी रक्षा भी करती हैं। उन बच्चों को समाज में साथ-साथ रहने का गुण भी माँ ही सिखाती है। कंगारू-माँ तो अपने शिशु को पेट में बनी थैली में साथ लेकर चलती है। माँ यदि बच्चों का पूरा ध्यान न रखे तो संतान का अस्तित्व ही ख़तरे में पड़ सकता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
पाठ में पर शब्द के तीन प्रकार के प्रयोग हुए हैं
(क) गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी।
(ख) कभी पर हिलाती थी।
(ग) पर बच्ची काँप-काँपकर माँ की छाती से और चिपक गई।
तीनों पर के प्रयोग तीन उद्देश्यों से हुए हैं। इन वाक्यों का आधार लेकर आप भी ‘पर’ का प्रयोग कर ऐसे तीन वाक्य बनाइए जिनमें अलग-अलग उद्देश्यों के लिए पर के प्रयोग हुए हों।
उत्तर:
विभिन्न उद्देश्यों में पर के प्रयोगपर – मेज पर पुस्तकें रखी हैं।
पर – उसने बहुत कोशिश की पर अपने उद्देश्य में सफल न हो सका।
पर – सर्दी से बचने के लिए पक्षी ने अपने पर फुला लिए।
पर – पर हित की बात किए बिना मानव सुखी नहीं हो सकता है।
प्रश्न 2.
पाठ में तैंने, छनभर, खुश करियो-तीन वाक्यांश ऐसे हैं जो खड़ीबोली हिंदी के वर्तमान रूप में तूने, क्षणभर, खुश करना लिखे-बोले जाते हैं लेकिन हिंदी के निकट की बोलियों में कहीं-कहीं इनके प्रयोग होते हैं। इस तरह के कुछ अन्य शब्दों की खोज कीजिए।
उत्तर:
हिंदी के निकट की बोलियों में प्रयोग होने वाले शब्द-मैनूँ, पंज, भयो, खायो, चले जाइयो, पाइयाँ, कित आदि।
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