यह सबसे कठिन समय नहीं भावार्थ – Yeh Sabse Kathin Samay Nahi Class 8 Summary

नहीं, यह सबसे कठिन समय नहीं!
अभी भी दबा है चिड़ियाँ की
चोंच में तिनका
और वह उड़ने की तैयारी में है!
अभी भी झरती हुई पत्ती
थामने को बैठा है हाथ एक
अभी भी भीड़ है स्टेशन पर
अभी भी एक रेलगाड़ी जाती है
गंतव्य तक
यह सबसे कठिन समय नहीं भावार्थ: कवयित्री के अनुसार, भले ही हर तरफ अविश्वास का अंधकार छाया है, लेकिन अभी भी उनके मन में आशा की किरणें चमक रही हैं, वो कहती हैं – ये सबसे बुरा वक्त नहीं है। 

अभी चिड़िया अपना घोंसला बुनने के लिए तिनके जमा कर रही है। वृक्ष से गिरती पत्ती को थामने के लिए कोई हाथ अभी मौजूद है। अभी भी अपनी मंज़िल तक पहुंचने का इंतज़ार कर रहे यात्रियों को उनकी मंज़िल तक ले जाने वाली गाड़ी आती है। 

जहाँ कोई कर रहा होगा प्रतीक्षा
अभी भी कहता है कोई किसी को
जल्दी आ जाओ कि अब
सूरज डूबने का वक्त हो गया
अभी कहा जाता है
उस कथा का आखिरी हिस्सा
जो बूढ़ी नानी सुना रही सदियों से
दुनिया के तमाम बच्चों को
अभी आती है एक बस
अंतरिक्ष के पार की दुनिया से
लाएगी बचे हुए लोगों की खबर!
नहीं, यह सबसे कठिन समय नहीं।
यह सबसे कठिन समय नहीं भावार्थ: कवयित्री ने निराशा से भरे इस संसार में भी आशा का दामन थाम रखा है। तभी वो इन पंक्तियों में कहती हैं कि यह सबसे बुरा समय नहीं है। आज भी कोई घर पर किसी का इंतज़ार करता है और सूरज डूबने से पहले उसे घर बुलाता है। जब तक इस दुनिया में दादी-नानी की सुनाई दिलचस्प कहानियां गूँजती रहेंगी, तब तक ये दुनिया बसी रहेगी और सबसे बुरा वक्त नहीं आएगा।


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