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Chapter - 5 मीठाईवाला
MCQs
Question 1.
‘मिठाईवाला’ पाठ के लेखक के नाम हैं
(a) भवानीप्रसाद मिश्र
(b) भगवतीप्रसाद वाजपेयी
(c) विजय तेंदुलकर
(d) शिवप्रसाद सिंह
Answer
Answer: (b) भगवतीप्रसाद वाजपेयी
Question 2.
किसके गान से हलचल मच जाती थी?
(a) किसी गायक के
(b) शास्त्रीय संगीतज्ञ से
(c) खिलौनेवाले के
(d) इनमें कोई नहीं
Answer
Answer: (c) खिलौनेवाले के
Question 3.
रोहिणी ने बच्चों से क्या जानना चाहा था?
(a) कहाँ से खरीदा
(b) कितने का खरीदा
(c) कब खरीदा
(d) कितने में खरीदा
Answer
Answer: (b) कितने का खरीदा
Question 4.
बच्चों ने हाथी-घोड़े कितने में खरीदा था?
(a) दो रुपए में
(b) दो पैसे में
(c) तीन पैसे में
(d) पचास पैसे में
Answer
Answer: (d) पचास पैसे में
Question 5.
खिलौनेवाले का गान गली भर के मकानों में कैसे लहराता था?
(a) झील की तरह
(b) सागर की तरह
(c) दो आने में
(d) तीन रुपए में
Answer
Question 6.
चुन्नू-मुन्नू ने कितने में खिलौने खरीदे थे?
(a) तीन पैसे में
(b) दो पैसे में
(c) दो आने में
(d) तीन रुपए में
Answer
Answer: (b) दो पैसे में
Question 7.
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से किसका स्मरण हो आया?
(a) मिठाईवाले का
(b) खिलौनेवाले का
(c) फेरीवाले का
(d) बच्चों का
Answer
Answer: (c) फेरीवाले का
Question 8.
रोहिणी ने मुरलीवाले की बातें सुनकर क्या महसूस किया?
(a) ऐसे फेरीवाले आते-जाते रहते हैं ।
(b) वह महँगा सामान बेचता है
(c) ऐसा स्नेही फेरीवाला पहले नहीं देखा
(d) मुरलीवाला अच्छा व्यवहार नहीं करता
Answer
Answer: (c) ऐसा स्नेही फेरीवाला पहले नहीं देखा
Question 9.
फिर वह सौदा भी कैसा भी सस्ता बेचता है? अर्थ के आधार पर वाक्य भेद है
(a) संकेतवाचक
(b) विधानवाचक
(c) विस्मयादिबोधक
(d) इच्छासूचक
Answer
Answer: (c) विस्मयादिबोधक
(1)
उसके स्नेहाभिषिक्त कंठ से फूटा हुआ गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुंड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता।
Question 1.
उपरोक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम है-
(a) फेरीवाला-नागार्जुन
(b) दादी माँ-शिवप्रसाद सिंह
(c) कठपुतली-भवानीप्रसाद मिश्र
(d) मिठाईवाला-भवानीप्रसाद वाजपेयी
Answer
Answer: (d) मिठाईवाला-भवानीप्रसाद वाजपेयी
Question 2.
खिलौनेवाले का स्वर कैसा था?
(a) मार्मिक
(b) कर्कश
(c) मीठा
(d) तीखा
Answer
Answer: (c) मीठा
Question 3.
किसके गान से हलचल मच जाती थी?
(a) बच्चों के
(b) आसपास के रहने वालों के
(c) भिखारी के
(d) खिलौनेवाले के
Answer
Answer: (d) खिलौनेवाले के
Question 4.
युवतियाँ कहाँ देखने लगी थी?
(a) बगल में
(b) छत के ऊपर
(c) नीचे की ओर
(d) भीड़ की ओर
Answer
Answer: (c) नीचे की ओर
Question 5.
बच्चे किसे घेर लेते थे-
(a) पड़ोसियों को
(b) दोस्तों को
(c) खिलौनेवाले को
(d) युवती को
Answer
Answer: (c) खिलौनेवाले को
(2)
नगरभर में दो-चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे-“भाई वाह ! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो-दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी!”
एक व्यक्ति ने पूछ लिया-“कैसा है वह मुरलीवाला, मैंने तो उसे नहीं देखा!”
उत्तर मिला-“उम्र तो उसकी अभी अधिक न होगी, यही तीस-बत्तीस का होगा। दुबला-पतला गोरा युवक है, बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता है।”
Question 1.
नगर में क्या समाचार फैल गया था?
(a) खिलौनेवाले के आने की
(b) सब्जीवाले के आने की
(c) मदारी के आने की
(d) मुरलीवाले के आने की
Answer
Answer: (d) मुरलीवाले के आने की
Question 2.
मुरली का दाम था-
(a) एक-एक पैसा
(b) दो-दो पैसे
(c) चार आने
(d) एक रुपया
Answer
Answer: (b) दो-दो पैसे
Question 3.
वह आदमी कैसे मुरली बेचता था?
(a) गाना सुनाकर
(b) नाच कर
(c) मुरली बजाकर
(d) भालू नचाकर
Answer
Answer: (c) मुरली बजाकर
Question 4.
मुरलीवाले की कितनी उम्र होगी?
(a) पच्चीस-तीस वर्ष
(b) तीस-बत्तीस वर्ष
(c) चालीस-बयालिस वर्ष
(d) पचास वर्ष
Answer
Answer: (b) तीस-बत्तीस वर्ष
Question 5.
मुरलीवाला कैसा साफ़ा बाँधता था?
(a) बीकानेरी साफ़ा
(b) बीकानेरी रंगीन साफ़ा
(c) जयपुरी लाल साफ़ा
(d) अजमेरी नीला साफ़ा
Answer
Answer: (b) बीकानेरी रंगीन साफ़ा
(3)
विजय बाबू एक समाचार-पत्र पढ़ रहे थे। उसी तरह उसे लिए हुए वे दरवाजे पर आकर मुरलीवाले से बोले-“क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”
किसी की टोपी गली में गिर पड़ी। किसी का जूता पार्क में ही छूट गया और किसी की सोथनी (पाजामा) ही ढीली होकर लटक
आई है। इस तरह दौड़ते-हाँफ़ते हुए बच्चों का झुंड आ पहुँचा। एक स्वर से सब बोल उठे-“अम बी लेंदे मुल्ली और अम वी लेंदे मुल्ली ।”
Question 1.
समाचार पत्र कौन पढ़ रहे थे?
(a) रोहिणी
(b) विजय बाबू
(c) मुरलीवाला
(d) मिठाईवाला
Answer
Answer: (b) विजय बाबू
Question 2.
किसी की टोपी गली में क्यों गिर पड़ी?
(a) झगड़े के कारण
(b) असावधानी के कारण
(c) खेल में मस्त रहने के कारण
(d) भागकर जाने के कारण
Answer
Answer: (d) भागकर जाने के कारण
Question 3.
बच्चे का पार्क में क्या छूट गया?
(a) गेंद
(b) बॉल
(c) जूते
(d) टोपी
Answer
Answer: (c) जूते
Question 4.
हाँफते-भागते बच्चों का झुंड कहाँ पहुँच गया?
(a) घर
(b) विद्यालय
(c) मुरलीवाले के पास
(d) आइसक्रीम वाले के पास
Answer
Answer: (c) मुरलीवाले के पास
Question 5.
बच्चे क्या खरीदना चाह रहे थे?
(a) बॉल
(b) खिलौने मिठाईवाला
(c) मुरली
(d) मिठाई
Answer
Answer: (c) मुरली
(4)
आज अपने मकान में बैठी हुई रोहिणी मुरलीवाले की सारी बातें सुनती रही। आज भी उसने अनुभव किया, बच्चों के साथ इतने प्यार से बातें करनेवाला फेरीवाला पहले कभी नहीं आया। फिर वह सौदा भी कैसा सस्ता बेचता है! भला आदमी जान पड़ता है। समय की बात है, जो बेचारा इस तरह मारा-मारा फिरता है। पेट जो न कराए, सो थोड़ा!
इसी समय मुरलीवाले का क्षीण स्वर दूसरी निकट की गली से सुनाई पड़ा-“बच्चों को बहलानेवाला, मुरलियावाला!”
Question 1.
अपने मकान में कौन बैठी थी?
(a) दादी माँ
(b) रोहिणी
(c) पड़ोसिन
(d) मुरलीवाले की पत्नी
Answer
Answer: (b) रोहिणी
Question 2.
मुरलीवाला किससे बातें कर रहा था?
(a) चुन्नू-मुन्नू से
(b) दादी से
(c) रोहिणी से
(d) पड़ोसिन से
Answer
Answer: (c) रोहिणी से
Question 3.
रोहिणी किस बात पर सोच में पड़ गई थी?
(a) बच्चों से प्यार भरी बातें करने पर
(b) सस्ता सामान बेचने पर
(c) मोल-भाव करने पर
(d) बच्चों को बहलाने पर
Answer
Answer: (c) मोल-भाव करने पर
Question 4.
फिर वह सौदा भी कैसा बेचता है! वाक्य का भेद है
(a) आदेश सूचक
(b) संकेत सूचक
(c) विस्मयादि बोधक
(d) इच्छा सूचक
Answer
Answer: (c) विस्मयादि बोधक
(5)
समय की गति ! विधाता की लीला। अब कोई नहीं है। दादी, प्राण निकाले नहीं निकले। इसलिए अपने उन बच्चों की खोज में निकला हूँ। वे सब अंत में होंगे, तो यहीं कहीं। आखिर, कहीं न जनमे ही होंगे। उस तरह रहता, घुल-घुलकर मरता। इस तरह सुख-संतोष के साथ मरूँगा।
Question 1.
उपरोक्त गद्यांश के रचयिता कौन हैं?
(a) विनीता पाण्डेय
(b) प्रयाग शुक्ल
(c) भगवती प्रसाद वाजपेयी
(d) यतीश अग्रवाल
Answer
Answer: (b) प्रयाग शुक्ल
Question 2.
‘समय की गति! विधाता की लीला’ यह कथन किसका है?
(a) दादी का
(b) रोहिणी का
(c) मिठाईवाले का
(d) विजय बाबू का
Answer
Answer: (c) मिठाईवाले का
Question 3.
‘प्राण निकाले नहीं निकले’ इस कथन का अभिप्राय क्या है?
(a) मरने की चाहत
(b) मरने पर भी न मरा
(c) पत्नी और बच्चे के बिना मृत्यु चाहकर भी मर न पाया
(d) उद्देश्यविहीन जीवन
Answer
Answer: (c) पत्नी और बच्चे के बिना मृत्यु चाहकर भी मर न पाया
Question 4.
मिठाईवाले को किस चीज़ की कमी न थी?
(a) संतोष की
(b) धन की
(c) प्रेम की
(d) सुख-शांति की
Answer
Answer: (b) धन की
Question 5.
मिठाईवाला बच्चों की झलक में क्या पाता है?
(a) ईश्वर की
(b) मित्र की
(c) अपने बच्चों की झलक
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (c) अपने बच्चों की झलक
(6)
नगरभर में दो-चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे-“भाई वाह! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो-दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी!”
Question 1.
नगरभर में क्या समाचार फैल गया?
Answer
Answer: नगर में समाचार फैल गया कि मधुर तान में गाकर मुरलियाँ बेचने वाला आया है।
Question 2.
मुरलीवाले के बारे में लोग क्या कहते थे?
Answer
Answer: मुरलीवाले के बारे में लोग कहते थे कि वह मुरली बजाने में उस्ताद है। वह गाना सुनाकर और मुरली बजाकर मुरली बेचता है। वह दो-दो पैसे में मुरली बेच रहा है। इतने में तो मेहनत भी पूरी न होती होगी।
Question 3.
मुरलीवाला पहले क्या काम करता था?
Answer
Answer: मुरलीवाला पहले खिलौने बेचा करता था।
Question 4.
मुरलीवाला का हुलिया कैसा था?
Answer
Answer: मुरलीवाले का हुलिया-वह गोरा, पतला युवक था। वह 30-32 वर्ष का व्यक्ति था। वह बीकानेरी साफ़ा बाँधता था।
Question 5.
मुरलीवाले द्वारा सस्ती मुरलियाँ बेचने पर लोग क्या सोचते थे?
Answer
Answer: मुरलीवाले के द्वारा सस्ती मुरलियाँ बेचने पर लोग कहते थे कि वह क्या लाभ कमाता होगा।
(7)
विजय बाबू भीतर-बाहर दोनों रूपों में मुसकरा दिए। मन-ही-मन कहने लगे-कैसा है! देता तो सबको इसी भाव से है, पर मुझ पर उलटा अहसान लाद रहा है। फिर बोले-“तुम लोगों की झूठ बोलने की आदत होती है। देते होगे सभी को दो-दो पैसे में, पर अहसान का बोझा मेरे ही ऊपर लाद रहे हो।” मुरलीवाला एकदम अप्रतिभ हो उठा। बोला-“आपको क्या पता बाबू जी कि इनकी असली लागत क्या है! यह तो ग्राहकों का दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर चीज़ क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं-दुकानदार मुझे लूट रहा है।
Question 1.
विजय बाबू कौन थे?
Answer
Answer: विजय बाबू रोहिणी के पति और चुन्नू-मुन्नू के पिता थे।
Question 2.
विजय बाबू क्यों मुसकरा दिए।
Answer
Answer: जब मुरलीवाले ने कहा कि वैसे तो मुरली तीन पैसे की है लेकिन मैं आपको दो पैसे की दूंगा तो विजय बाबू मुसकराने लगे। वस्तुतः वे मुरलीवाले को एक आम फेरीवाला समझ रहे थे। उसके मन के भाव से पूर्णतया अपरिचित थे।
Question 3.
विजय बाबू और मुरलीवाले के बीच क्या बातचीत हुई ?
Answer
Answer: मुरलीवाले और विजय बाबू के बीच बातचीत हुआ कि तुम लोगों की आदत झूठ बोलने की है। सभी को दो-दो पैसों में देते होगे पर अहसान का बोझा मेरे ऊपर लाद रहे हो। इस बात का तर्कपूर्ण उत्तर देते हुए कहा कि-मुरली की लागत का पता नहीं है। हर ग्राहक यही समझता है कि दुकानदार मुझे लूट रहा है। मैंने तो एक हज़ार मुरलियाँ बनवाई थीं। अत: मुझे इस भाव पड़ी है। अन्यथा कहीं भी ये मुरलियाँ दो-दो पैसे में नहीं मिल सकती।
Question 4.
मुरलीवाले ने क्या सफ़ाई दी?
Answer
Answer: मुरलीवाले ने सफाई दी कि आपको मुरली की लागत का पर्मा नहीं है। हर ग्राहक यही समझता है कि दुकानदार मुझसे ज़्यादा पैसा ले रहा है लेकिन मुझे एक हजार मुरलियाँ बनाने में लागत यही लगी है। अन्यथा कही भी मुरलियाँ दो-दो पैसे के नहीं मिलती हैं।
Question 5.
क्या आप मुरलीवाले की बात से सहमत हैं ?
Answer
Answer: हाँ, मैं मुरलीवाले की बात से सहमत हूँ।
(8)
मिठाईवाले का स्वर उसके लिए परिचित था, झट से रोहिणी नीचे उतर आई। उस समय उसके पति मकान में नहीं थे। हाँ, उनकी वृद्धा दादी थीं। रोहिणी उनके निकट आकर बोली-“दादी, चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। ज़रा कमरे में चलकर ठहराओ। मैं उधर कैसे जाऊँ, कोई आता न हो। ज़रा हटकर मैं भी चिक की ओट में बैठी रहूँगी।” दादी उठकर कमरे में आकर बोली-“ए मिठाईवाले, इधर आना।” मिठाईवाला निकट आ गया। बोला-“कितनी मिठाई दूँ माँ? ये नए तरह की मिठाइयाँ हैं-रंग-बिरंगी, कुछ-कुछ खट्टी, कुछ-कुछ मीठी, ज़ायकेदार, बड़ी देर तक मुँह में टिकती हैं। जल्दी नहीं घुलतीं। बच्चे बड़े चाव से चूसते हैं।
Question 1.
मिठाईवाले की आवाज़ सुन रोहिणी तुरंत नीचे क्यों आ गई ?
Answer
Answer: मिठाईवाले के आवाज़ से रोहिणी समझ गई थी कि यह वही व्यक्ति है जो पहले खिलौने और मुरली लेकर आया था। उस व्यक्ति का स्वभाव विनम्र होने के कारण वह समझ गई कि वह व्यक्ति वही है। वह उसके परिवार के विषय के बारे में जानने के लिए उत्सुक थी, इसलिए उसकी आवाज़ सुनकर वह झट नीचे उतर आई ताकि बच्चों के लिए मिठाई लेने के बहाने उसे बुलवा सके।
Question 2.
रोहिणी ने मिठाईवाले को बुलाने के लिए किनसे कहा और क्यों?
Answer
Answer: रोहिणी ने मिठाईवाले को बुलाने के लिए अपने पति की बूढ़ी दादी से कहा कि वह मिठाईवाले को बुला दें, क्योंकि उसके पति उसके घर में नहीं थे।
Question 3.
रोहिणी बाहर क्यों नहीं जा सकती थी?
Answer
Answer: रोहिणी घर की बहू थी। उस ज़माने में घर की बहुओं को परदे में रहना पड़ता था। उन्हें परिवार तथा गाँव घर के बड़े-बुजुर्गों के सामने जाने की मनाही थी। यही कारण था कि रोहिणी स्वयं बाहर नहीं जा रही थी।
Question 4.
मिठाइयों की क्या विशेषता थी?
Answer
Answer: मिठाइयों की यह विशषता थी कि वह रंग-बिरंगी, खट्टी-मीठी, ज़ायकेदार, बड़ी देर तक मुँह में टिकती है। जल्दी नहीं घुलती।
Question 5.
उपर्युक्त गद्यांश में क्या बेचने की बात कही गई थी?
Answer
Answer: उपर्युक्त गद्यांश में मिठाई बेचने की बात की गई है।
(9)
अतिशय गंभीरता के साथ मिठाईवाले ने कहा-“मैं भी अपने नगर का एक प्रतिष्ठित आदमी था। मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़े, नौकर-चाकर सभी कुछ था। स्त्री थी, छोटे-छोटे दो बच्चे भी थे। मेरा वह सोने का संसार था। बाहर संपत्ति का वैभव था, भीतर सांसारिक सुख था। स्त्री सुंदरी थी, मेरी प्राण थी। बच्चे ऐसे सुंदर थे, जैसे सोने के सजीव खिलौने। उनकी अठखेलियों के मारे घर में कोलाहल मचा रहता था। समय की गति! विधाता की लीला। अब कोई नहीं है।
Question 1.
मिठाईवाले की वैभव संपन्नता का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
Answer
Answer: मिठाईवाला उस शहर में प्रतिष्ठित व धनी व्यक्ति था। व्यवसाय व नौकर-चाकर किसी प्रकार की कोई कमी उसे न थी। उसकी पत्नी अत्यंत सुंदर थी और बच्चे भी बहुत सुंदर एवं नटखट थे। उसका जीवन काफ़ी सुखमय था।
Question 2.
मिठाईवाला अपने जीवन की सच्चाई किसे और क्यों सुना रहा था।
Answer
Answer: मिठाईवाला अपने जीवन की सच्चाई रोहिणी के पूछने के बाद उसको सुना रहा था।
Question 3.
मिठाईवाले का संसार कैसा था?
Answer
Answer: मिठाईवाले का संसार काफ़ी सुखमय था।
Question 4.
मिठाईवाले के मन की व्यथा क्या थी?
Answer
Answer: मिठाईवाले के मन की व्यथा थी कि उसका संसार उजड़ चुका था। पत्नी व बच्चे की मौत एक हादसे में हो गई थी। अब वह अकेला जीवन के दिन काट रहा था यही उसकी व्यथा का कारण था।
Question 5.
सजीव खिलौने में रेखांकित शब्द क्या है?
Answer
Answer: सजीव खिलौने में रेखांकित शब्द है विशेषण का।
कहानी से
प्रश्न 1.
मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तर:
मुरलीवाला अलग-अलग चीजें इसलिए बेचता था, जिससे बच्चों और लोगों को उसकी वस्तुओं में आकर्षण बना रहे। एक ही सामान को बार-बार खरीदने की बच्चों में रुचि नहीं रह जाती है। वह महीनों बाद इसलिए आता था क्योंकि वह बच्चों के लिए नई-नई वस्तुएँ बनवाकर लाता था। नई वस्तुओं के बनने में समय लगता था। वह लाभ कमाने के लिए अपना सामान नहीं लाता था, वह तो बस बच्चों की झलक देखने के लिए बच्चों को सस्ता सामान दिया करता था।
प्रश्न 2.
मिठाईवाले में वे कौन-से गण थे, जिनकी वज़ह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?
उत्तर:
मुरलीवाले में निम्नलिखित गुण थे –
- वह अत्यंत मधुर तथा मादक स्वर में गाकर स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ तथा सुंदर खिलौने बेचा करता था।
- वह अत्यंत विनम्र तथा मृदुभाषी था।
- बच्चों के पास पैसे न होने पर उनकी पसंद की वस्तुएँ दे दिया करता था।
- वह हर बार नई-नई वस्तुएँ लेकर बच्चों के बीच आता था।
प्रश्न 3.
विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?
उत्तर:
विजय बाबू-तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत होती है। देते होंगे सभी को दो-दो पैसे में, पर एहसान का बोझा मेरे ही ऊपर लाद रहे हो। मुरलीवाला-आपको क्या पता बाबूजी इनकी असली लागत क्या है? यह तो ग्राहकों का दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर चीज़ क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं कि दुकानदार मुझे लूट रहा है। आप कहीं से दो पैसे में ये मुरलियाँ नहीं पा सकते। मैंने तो पूरी एक हज़ार बनवाई थीं, तब मुझे इस भाव पड़ी हैं।
प्रश्न 4.
खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तर:
खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की प्रतिक्रिया होती थी –
- वे अपने खेल छोड़कर घरों, गलियों उद्यानों से बाहर आ जाते थे।
- वे हाँफते-भागते जल्दी से जल्दी खिलौनेवाले के पास पहुँच जाना चाहते थे।
- अपने माता-पिता से किसी न किसी तरह से पैसे ले ही लिया करते थे।
- उसकी मादक आवाज़ उन्हें बेकाबू बना देती थी।
- वे अत्यंत खुश हो जाते थे।
प्रश्न 5.
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तर:
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि –
- मुरलीवाला पहले की तरह ही गाकर सामान (मुरली) बेच रहा था।
- मुरलीवाले का स्वर भी खिलौनेवाले की तरह ही मादक और मधुर था।
- उसे मुरलीवाले की आवाज़ जानी-पहचानी सी लगी।
- लोग मुरलीवाले की मुरली बजाकर बेचने की कला की चर्चा आपस में किया करते थे।
प्रश्न 6.
किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तर:
मिठाईवाला रोहिणी तथा दादी की बातें सुनकर भावुक हो गया था। उसने इन व्यवसायों को अपनाने के निम्नलिखित कारण बताए –
- मेरे दोनों बच्चे भी जाएँगे कहाँ! वे सब अंत में यहीं-कहीं होंगे, उन्हीं को खोजने निकला हूँ।
- इन बच्चों को हँसते-खेलते, उछलते-कूदते देखकर लगता है कि इन्हीं में मेरे भी बच्चे होंगे।
- बच्चों के दुख में घुल-घुलकर मरने से अच्छा है, इन. बच्चों के साथ सुख-संतोष से मरना।
- इन बच्चों में मुझे अपने बच्चों की भी एक झलक-स मिल जाती है।
- इस तरह से बच्चों की खुशी मिल जाती है। .
प्रश्न 7.
‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर:
‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’ मिठाईवाले ने ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि
- दादी के पूछने पर मिठाईवाला बहुत भावुक हो गया था।
- उसे अपने छोटे-छोटे दोनों बच्चे याद आ रहे थे।
- उसे लगा होगा कि जिस भाव से ये दोनों बच्चे मिठाइयाँ माँ से माँग रहे हैं, उसी प्रकार मेरे बच्चे भी माँगते थे।
- उसने समझ लिया होगा कि वह ये मिठाइयाँ चुन्नू-मुन्नू को नहीं, बल्कि. अपने बच्चों को दे रहा है।
- बिना पैसा लिए मिठाइयाँ देकर उसे अपूर्व खुशी प्राप्त हुई होगी।
प्रश्न 8.
इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?
उत्तर:
हाँ, आज भी कुछ औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं। कुछ बुजुर्ग औरतें, गाँव की औरतें तथा कुछ जाति विशेष की औरतें अपरिचितों से बात करते समय पर्दा करके बात करती हैं। ऐसा वे शर्म या संकोच के कारण करती हैं। मेरी राय में उनका इस तरह बात करना सही नहीं है।
कहानी से आगे
प्रश्न 1.
मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए?
उत्तर:
कपड़ेवाला मेरठ में एक युवा कपड़े का व्यापारी था। शहर में ही चौक के पास उसकी बड़ी-सी कपड़े की दुकान थी। उसकी दुकान में कुल मिलाकर दस अन्य लोग भी कामं करते थे। वह अपने व्यवहार से अपने साथ काम करने वाले तथा दुकान पर आनेवाले ग्राहकों को सदैव खुश रखने का प्रयास करता था। उसने हर प्रकार के कपड़े पर अपना मुनाफा निश्चित कर रखा था। मेरठ में वह ज्यादा प्रसिद्ध इसलिए था, क्योंकि चाहे बड़ा आदमी जाए उसकी दुकान पर या मज़दूर, बूढ़ा जाए या बालक, सबके लिए उसका एक दाम था।
उसका व्यापार दिनों-दिन फलता-फूलता जा रहा था। – उसके परिवार में उसके अलावा उसकी पत्नी और एक बेटा, एक बेटी भी थे। शाम को दुकान बंद करने का एक निश्चित समय होने से बच्चे उसका इंतज़ार करते मिलते थे। घर पहुँचते ही व्यापारी की सारी थकान उतर जाया करती थी। जब उसके दोनों बच्चे उससे लिपटकर अपनी तोतली ज़बान में उससे पूछते थे, ‘आद मेले लिए त्या लाए ओ’? वह बच्चों की उनकी मनपंसद की चीजें देता।
बच्चे प्रसन्न हो जाते और अपनी माँ को दिखाते और कहते, ‘देथो, पापा हमाले लिए त्या लाए हैं।’ वह सप्ताह में एक बार उन्हें बाहर घुमाने ले जाता था। महीने में एक बार, कभी महीने में दो बार उसे व्यापार के काम सं सूरत, मुंबई, कलकत्ता जैसे शहरों में भी जाना पड़ता था। वहाँ से लौटकर वह. अपने बच्चों को ज्यादा समय देता। समय अपनी अबाधगति से चलता रहा।
एक बार उसे अपने काम के सिलसिले में मुंबई जाना पड़ा। वहाँ उसकी तबीयत खराब होने के कारण एक सप्ताह से अधिक समय लग गया। इसी बीच मेरठ में दो संप्रदायों के बीच झगडा हो गया, जिसने बढ़कर विकराल रूप धारण कर दिया। दोनों संप्रदायों के लोग एक-दूसरे की जान के दुश्मन बन गए। पूरा मेरठ दंगे की आग में धधकने लगा। चार दिन बाद दंगा शांत हुआ। व्यापारी जब लौटकर आया, तो उसकी दुकान और उसकी दुनिया दंगे की भेंट चढ़ चुके थे।
महीनों व्यापारी को किसी चीज़ की सुध-बुध न रही। उसे अपने बच्चे और पत्नी की यादें बराबर सताया करती थी। समय का मरहम उसके ज़ख्मों को भरता गया और उसने घुट-घुट कर मरने के बजाए सुख से मरने का रास्ता चुना। उसने व्यापार पर ध्यान देना शुरू किया और अपनी खोई ख्याति फिर शीघ्र ही अर्जित कर ली। अब अपने धन का एक बड़ा भाग उसने एक अनाथ आश्रम बनाने में लगा दिया।
उसके इस कार्य में सरकार ने ज़मीन तथा अन्य सहायता भी दी। उसकी कठोर मेहनत से अनाथ आश्रम बनकर तैयार हो गया। धीरेधीरे एक, फिर दो और बढ़कर उसमें दस बच्चे हो गए। उनकी देखभाल के लिए उसने दो महिलाओं को नियुक्त कर दिया। अपनी दुकान बंद करके शाम को वह अनाथ आश्रम पहुँचता। वह बच्चों के लिए फल और मिठाइयाँ ले जाना न भूलता। बच्चे उसे देखते ही उससे लिपट जाते।
उसने उसी आश्रम में ही अपना आवास बना लिया। वह बच्चों को महीने में दो बार बाहर अवश्य घुमाने ले जाया करता था। बच्चे ज्यों-ज्यों बड़े होते जाते, वह उन्हें निकट के स्कूल में दाखिल करा देता। एक बार विद्यालय के एक अध्यापक ने व्यापारी से पूछा, “आप बच्चों के लिए इतना सब क्यों करते हैं? कहाँ से मिले ये बच्चे आपको?” तो व्यापारी ने कहा, “सर, ये वे अनाथ बच्चे हैं, जिनके माता-पिता दंगे में मारे गए थे, और इनको कोई सहारा देने वाला नहीं था। मैं इन बच्चों के साथ ऐसा इसलिए करता हूँ कि दंगे में मैं अपने बच्चों को खो चुका हूँ।
इन बच्चों को हँसते-खेलते, उछलते-कूदते देखकर लगता है कि मेरे अपने बच्चे ही हैं। मुझे इनमें अपने बच्चों की छवि दिखती है।” व्यापारी की ये बातें सुनकर अध्यापक इतने प्रभावित हुए कि जिस दिन उनका अवकाश होता, वह अपना समय अनाथ आश्रम के बच्चों को पढ़ाते हुए बिताने लगे। इन बच्चों को खुशियाँ देते-देते व्यापारी का अपना दुख कहाँ खो गया, उसे खुद पता नहीं है। आश्रम में बच्चे उसके आने का इंतज़ार करते हैं, तो दुकान पर लोग कपड़ेवाले का। आख़िर आज भी वह लोगों का वही चहेता कपड़ेवाला है।
प्रश्न 2.
हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन सी चीजें आपको सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।
उत्तर:
हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में खिलौनों, मिठाइयों तथा कपड़ों की दुकानों पर सजी चीजें सबसे अधिक | आकर्षित करती हैं। इनको सजाने-बनाने में अनेक कारीगरों तथा मजदूरों का हाथ होता है, जो अथक परिश्रम से इन्हें सजाते-संवारते हैं। लगातार परिश्रम करने के कारण से श्रमिक या कारीगर का बाहरी चेहरा तो उतना सुंदर नहीं रह जाता है परन्तु इनकी बनाई वस्तुएँ हमें ललचाने पर विवश कर देती हैं। इनका चेहरा भले न खूबसूरत हो, पर इनकी वस्तुएँ स्वयं इनकी सुंदरता को प्रकट कर देती हैं।
प्रश्न 3.
इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुख कम करता है? इस मिज़ाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूंढ़िए और पढ़िए।
उत्तर:
छात्र पुस्तकालय से ऐसी कहानी, कविताएँ खोजकर स्वयं पढ़ें।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते होंगे। आप उनके बारे में क्या-क्या जानते हैं? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए।
उत्तर:
हमारी गली में भी अनेक फेरीवाले आते हैं। उनमें से एक-दो ऐसे हैं जिनके नाम, कहाँ रहते हैं, कितने बच्चे हैं, कब से यह काम कर रहे हैं, गाँव छोड़कर शहर क्यों आए, यही व्यवसाय क्यों अपनाया, गाँव कब-कब जाते हैं और कौन-कौन सी कालोनियों में सामान बेचने जाते हैं आदि जानता हूँ।
स्वयं जानकारी प्राप्त करें।
प्रश्न 2.
आपके माता-पिता के ज़माने से लेकर अब तक फेरीवाले की आवाज़ों में दैमा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।
उत्तर:
मेरे माता-पिता के ज़माने में फेरीवाले अपना सामान पीठ पर, सिर पर या साइकिल पर रखकर ऊँची-ऊँची आवाज़ लगाकर, कुछ सुरीली आवाज़ में अपने सामान के बारे में गाते हुए बेचते थे। आज भी अनेक फेरीवाले ऐसा करते हैं परन्तु अधिकांश फेरीवाले अब अपने सामान को सिर पर रखकर नहीं बेचते हैं। वे साइकिल, रिक्शा, ठेला, मारुति कारों में रखकर लाउडस्पीकर की मदद से बेचते हैं।
प्रश्न 3.
आपको क्या लगता है-वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं? कारण लिखिए।
उत्तर:
हाँ, वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं। इसके निम्नलिखित कारण हैं –
- रहन-सहन के बढ़ते स्तर के कारण लोग इन फेरीवालों से सामान खरीदना, अपनी इज़्ज़त घट जाना मानते हैं।
- जगह-जगह मॉल, शॉपिंग सेंटर खुलते जा रहे हैं, जिनमें एक ही छत के नीचे अनेक वस्तुएँ मिल जाती हैं।
- फेरीवाले के सामान की गुणवत्ता को लोग अच्छा नहीं मानते हैं।
- सामान की शिकायत करने के लिए फेरीवाले के आने तक इंतजार करना पड़ता है।
- सामान खरीदने के बहाने ही लोग घरों से बाहर जाकर घूम-फिर आते हैं।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
मिठाईवाला बोलनेवाली गुड़िया ऊपर ‘वाला’ का प्रयोग है। अब बताइए कि
(क) ‘वाला’ से पहले आनेवाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या हैं?
(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?
उत्तर:
(क) ‘वाला’ से पहले आने वाले शब्द मिठाई संज्ञा तथा ‘बोलनेवाली’ विशेषण है।
(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका प्रयोग संज्ञा सूचक शब्द (कर्ता) बनाने के लिए किया गया है।
प्रश्न 2.
“अच्छा मुझे ज्यादा वक्त नहीं, जल्दी से दो ठो निकाल दो।”
उपर्युक्त वाक्य में ‘ठो’ के प्रयोग की ओर ध्यान . दीजिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग संख्यावाची शब्द के साथ होता है, जैसे-भोजपुरी में-एक ठो लइका, चार ठे आलू, तीन ठे बटुली।
ऐसे शब्दों का प्रयोग भारत की कई अन्य भाषाओं/ बोलियों में भी होता है। कक्षा में पता कीजिए कि किस-किस की भाषा-बोली में ऐसा है। इस पर सामूहिक बातचीत कीजिए।
उत्तर:
बिहार के मिथिला क्षेत्र में जहाँ मैथिली बोली जाती है, वहाँ पर ‘ठो’, ‘ठे’ के स्थान पर ‘टा’ का प्रयोग करते हैं।
जैसे –
एक ठो कलम – एक टा कलम
पाँच ठो कापी – पाँच टा कापी
अन्य भाषा बोलियों से जुड़े छात्र समूह में स्वयं इसकी चर्चा करें।
प्रश्न 3.
“वे भी, जान पड़ता है, पार्क में खेलने निकल गए हैं।”
“क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”
“दादी, चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है? ज़रा कमरे में चलकर ठहराओ।”
भाषा के ये प्रयोग आजकल पढ़ने-सुनने में नहीं आते। आप ये बातें कैसे कहेंगे?”
उत्तर:
ऐसा लगता है वे भी पार्क में खेलने निकल गए हैं।
क्यों भई, यह मुरली कितने में बेच रहे हो?
दादी, चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। उसे रोककर कमरे में बिठाओ। कुछ करने को
प्रश्न 1.
फेरीवालों की दिनचर्या कैसी होती होगी? उनका घर-परिवार कहाँ होगा? उनकी जिंदगी में किस प्रकार की समस्याएँ और उतार-चढ़ाव आते होंगे? यह जानने के लिए तीन-तीन के समूह में छात्र-छात्राएँ कुछ प्रश्न तैयार करें और फेरीवालों से बातचीत करें। प्रत्येक समूह अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े फेरीवालों से बात करें।
उत्तर:
अनुमान और कल्पना के प्रश्न 1 में दिए गए प्रश्नों की तरह ही कुछ और प्रश्न बनाकर छात्र समूह बनाकर फेरीवालों से स्वयं बात करें।
प्रश्न 2.
इस कहानी को पढ़कर क्या आपको यह अनुभूति हुई कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से अपने मन का दुःख कम हो जाता है? समूह में बातचीत कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं समूह में बातचीत करें।
प्रश्न 3.
अपनी कल्पना की मदद से मिठाईवाले का चित्र शब्दों के माध्यम से बनाइए।
उत्तर:
मिठाईवाले का शब्द चित्र मिठाईवाला पैंतीस-छत्तीस साल का गोरा व्यक्ति है। उसके बाल कुछ बड़े काले तथा चेहरे पर घनी मूंछे और हल्की-सी मुस्कान है। उसने कमीज़ और धोती पहन रखी है। उसके कंधे पर जूट का बड़ा सा थैला लटका है, जिसमें तरह-तरह की रंग-बिरंगी, खट्टी-मीठी विभिन्न आकार वाली मिठाइयाँ हैं। उसने एक कंधे पर एक लाठी रखी है, जिसके ऊपरी भाग में बाँस की अनेक तीलियों पर पॉलीथीन की सफेद थैलियों में मिठाइयाँ लटक रही हैं। ‘बच्चों के लिए मिठाइयाँ ले लो, ले-लो….मिठाइयाँ’ कहता हुआ धीरे-धीरे बढ़ता चला आ रहा है।
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