NCERT Solutions Class 8 Hindi chapter 5 महापरिनिर्वाण
Question & Answer
Q.1: मार ने बुद्ध को क्या याद दिलाया? उत्तर में बुद्ध ने क्या कहा?
Ans : मार ने बुद्ध को यह याद दिलाया की नैरंजना नदी के तट पर जब बुद्ध ने बुद्धत्व प्राप्त किया था तब मार ने उनसे निर्वाण प्राप्त करने को कहा था, परंतु बुद्ध ने तब मना कर दिया था क्योंकि वह पापियों और पीड़ितों का उद्धार करने से पहले निर्वाण प्राप्त करना नहीं चाहते थे| उत्तर में बुद्ध ने मार को आश्वासन दिया कि उनकी प्रतिज्ञा पूरी हो चुकी है और उन्हें अपना वचन याद है| वह आज से तीन माह बाद निर्वाण को प्राप्त करेंगे, जिसे सुनकर मार बहुत प्रसन्न हुआ|
Q.2: आनंद कौन था? उसे क्या जानकर आघात लगा?
Ans : आनंद भगवान बुद्ध का शिष्य था| भगवान बुद्ध आनंद के सब कुछ थे| भगवान बुद्ध ने जब यह बताया कि अब उनका धरती पर समय काल खत्म हो चुका है, और अब वह केवल तीन माह के लिए इस धरती पर रहेंगे, यह सुन कर आनंद को बहुत आघात लगा, उसकी आंखों से आँसू आने लगे|
Q.3: तथागत ने परिनिर्वाण से पूर्व मल्लों को क्या समझाया?
Ans : तथागत ने परिनिर्वाण से पूर्व मल्लों को यह समझाया कि यह समय दुख का नहीं बल्कि आनंद का है, वह सभी दुखों का जड़ 'अपने शरीर' का आज़ त्याग करने वाले है| उन्हें आज अपना दुर्लभ लक्ष्य प्राप्त होने वाला है, उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ उनके दर्शन से निर्वाण प्राप्त नहीं किया जा सकता है| जो उनके धर्म के मार्ग पर चलेगा वही निर्वाण और मोक्ष को प्राप्त कर सकता है|
Q.4: मल्लों और पड़ोसी राजाओं के बीच युद्ध की संभावना क्यों उत्पन्न हो गई? यह संघर्ष कैसे टल गया?
Ans : भगवान बुद्ध के मरणोपरांत उनकी अस्थियों को लेकर मल्लों और पड़ोसी राजाओं के बीच युद्ध की संभावना उत्पन्न हो गई| दोनों ही भगवान बुद्ध के उपदेशों को मानते थे और उनकी अस्थियों पर अपना अधिकार चाहते थे| द्रोण नाम के ब्राह्मण ने राजाओं और मल्लों दोनों पक्ष से बात की, उन्होंने दोनों पक्ष को समझाया कि भगवान बुद्ध का परम ज्ञान था शांति का मार्ग और इस तरह युद्ध करके हम उनके इस उपदेश का पालन नहीं करेंगे, इसलिए इसका उपाय शांत मन से करें| ब्राह्मण द्रोण की यह बात सुनकर मल्लों और राजाओं दोनों पक्ष के लोगों का क्रोध शांत हो गया|
Q.5: भगवान बुद्ध के उपदेशों को संग्रह करने का भार किसे सौंपा गया और क्यों?
Ans : भगवान बुद्ध के उपदेशों का संग्रह करने का भार आनंद को दिया गया, क्योंकि आनंद हमेशा बुद्ध के साथ रहे थे|उन्होंने सर्वाधिक समय बुद्ध के साथ बिताया था और बुद्ध के मुख से सारे धर्मोपदेश बड़े ध्यान से सुने थे|
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