Table of Contents
Chapter - 3 हिमालय की बेटियाँ
MCQs
Question 1.
गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम इनमें से कौन-सा है?
(a) दादी माँ-शिवप्रसाद सिंह
(b) हिमालय की बेटियाँ-नागार्जुन
(c) फूले कदंब-नागार्जुन
(d) कठपुतली-भवानी प्रसाद मिश्र
Answer
Answer: (b) हिमालय की बेटियाँ-नागार्जुन
Question 2.
लेखक ने किन्हें दूर से देखा था?
(a) हिमालय पर्वत को
(b) हिमालय की चोटियों को
(c) हिमालय से निकलने वाली नदियों को
(d) हिमालय के समतल मैदानों को
Answer
Answer: (c) हिमालय से निकलने वाली नदियों को
Question 3.
नदियों की बाल लीला कहाँ देखी जा सकती है?
(a) घाटियों में
(b) नंगी पहाड़ियों पर
(c) उपत्यकाओं में
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 4.
निम्नलिखित में से किस नदी का नाम पाठ में नहीं आया है?
(a) रांची
(b) सतलुज
(c) गोदावरी
(d) कोसी
Answer
Answer: (c) गोदावरी
Question 5.
बेतवा नदी को किसकी प्रेयसी के रूप चित्रित किया गया है? ।
(a) यक्ष की
(b) कालिदास की
(c) मेघदूत की
(d) हिमालय की
Answer
Answer: (c) मेघदूत की
Question 6.
लेखक को नदियाँ कहाँ अठखेलियाँ करती हुई दिखाई पड़ती हैं?
(a) हिमालय के मैदानी इलाकों में
(b) हिमालय की गोद में
(c) सागर की गोद में
(d) घाटियों की गोद में
Answer
Answer: (b) हिमालय की गोद में
Question 7.
लेखक ने नदियों और हिमालय का क्या रिश्ता कहा है?
(a) पिता-पुत्र का
(b) पिता-पुत्रियों का
(c) माँ-बेटे का
(d) भाई-बहन का
Answer
Answer: (b) पिता-पुत्रियों का
Question 8.
लेखक किस नदी के किनारे बैठा था?
(a) गोदावरी
(b) सतलुज
(c) गंगा
(d) यमुना
Answer
Answer: (b) सतलुज
(1)
अभी तक मैंने उन्हें दूर से देखा था। बड़ी गंभीर, शांत, अपने आप में खोई हुई लगती थीं। संभ्रांत महिला की भाँति वे प्रतीत होती थीं। उनके प्रति मेरे दिल में आदर और श्रद्धा के भाव थे। माँ और दादी, मौसी और मामी की गोद की तरह उनकी धारा में डुबकियाँ लगाया करता।
परंतु इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो वे कुछ और रूप में सामने थीं। मैं हैरान था कि यही दुबली-पतली गंगा, यही यमुना, यही सतलुज समतल मैदानों में उतरकर विशाल कैसे हो जाती हैं!
Question 1.
इनमें से गद्यांश के पाठ और लेखक के नाम हैं
(a) कठपुतली-भवानी प्रसाद मिश्र
(b) फूले कदंब-नागार्जुन
(c) दादी माँ-शिव प्रसाद सिंह
(d) हिमालय की बेटियाँ-नागार्जुन
Answer
Answer: (d) हिमालय की बेटियाँ-नागार्जुन
Question 2.
लेखक ने नदियों को कैसे देखा था?
(a) पहाड़ से
(b) छूकर
(c) नजदीक से
(d) दूर से
Answer
Answer: (d) दूर से
Question 3.
लेखक को नदियाँ कैसी लगती थीं?
(a) शांत
(b) उग्र
(c) गंभीर
(d) निश्चल
Answer
Answer: (a) शांत
Question 4.
समतल मैदान में पहुँचकर नदियाँ कैसी हो जाती हैं?
(a) सँकरी
(b) छोटी
(c) विशाल
(d) दुबली
Answer
Answer: (c) विशाल
Question 5.
‘संभ्रांत’ शब्द का समानार्थक शब्द है-
(a) अशिष्ट
(b) चरित्रहीन
(c) शिष्ट, कुलीन
(d) विपन्न
Answer
Answer: (c) शिष्ट, कुलीन
(2)
इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो वे कुछ और रूप में सामने थीं। मैं हैरान था कि यही दुबली-पतली गंगा, यही यमुना, यही सतलुज समतल मैदानों में उतरकर विशाल कैसे हो जाती हैं ! इनका उछलना और कूदना, खिलखिलाकर लगातार हँसते जाना, इनकी यह भाव-भंगी, इनका यह उल्लास कहाँ गायब हो जाता है मैदान में जाकर? किसी लड़की को जब मैं देखता हूँ, किसी कली पर जब मेरा ध्यान अटक जाता है, तब भी इतना कौतूहल और विस्मय नहीं होता, जितना कि इन बेटियों की बाललीला देखकर!
Question 1.
‘मैं’ शब्द किसके लिए आया है?
(a) हिमालय के लिए
(b) नदियों के लिए
(c) पहाड़ के लिए
(d) लेखक के लिए
Answer
Answer: (d) लेखक के लिए
Question 2.
‘हिमालय के कंधे पर चढ़ना’ का अर्थ है-
(a) हिमालय की चढ़ाई चढ़ने की कोशिश
(b) हिमालय की ऊँचाई पर चढ़ना
(c) हिमालय के बीचोबीच जाना
(d) हिमालय के किनारे पर जाना हिमालय की बेटियाँ
Answer
Answer: (b) हिमालय की ऊँचाई पर चढ़ना
Question 3.
हिमालय की चढ़ाई पर चढ़कर जब लेखक ने नदियों की देखा तो कैसी लगी?
(a) सकरी
(b) लंबी-चौड़ी
(c) फैलाव लिए हुए
(d) दुबली-पतली
Answer
Answer: (d) दुबली-पतली
Question 4.
लेखक ने नदियों को हिमालय की बेटियों की संज्ञा क्यों दी?
(a) क्योंकि नदी शब्द स्त्रीलिंग है
(b) लेखक नदियों को हिमालय की बेटियाँ मानता है
(c) हिमालय से निकलने के कारण हिमालय उसे नदियों का पिता लगता है
(d) वे बाल लीलाएँ कर रही थीं
Answer
Answer: (c) हिमालय से निकलने के कारण हिमालय उसे नदियों का पिता लगता है
(3)
कहाँ ये भागी जा रही हैं ? वह कौन लक्ष्य है जिसने इन्हें बेचैन कर रखा है ? अपने महान पिता का विराट प्रेम पाकर भी अगर इनका हृदय अतृप्त ही है तो वह कौन होगा जो इनकी प्यास मिटा सकेगा! बरफ़ जली नंगी पहाड़ियाँ, छोटे-छोटे पौधों से भरी घाटियाँ, बंधुर अधित्यकाएँ, सरसब्ज़ उपत्यकाएँ-ऐसा है इनका लीला निकेतन! खेलते-खेलते जब ये ज़रा दूर निकल जाती हैं तो देवदार, चीड, सरो, चिनार, सफ़ेदा, कैल के जंगलों में पहुँचकर शायद इन्हें बीती बातें याद करने का मौका मिल जाता होगा। कौन जाने, बुड्ढा हिमालय अपनी इन नटखट बेटियों के लिए कितना सिर धुनता होगा! बड़ी-बड़ी चोटियों से जाकर पूछिए तो उत्तर में विराट मौन के सिवाय उनके पास और रखा ही क्या है ?
Question 1.
कौन भागी जा रही हैं?
(a) हिमालय
(b) समुद्र
(c) नदियाँ
(d) लेखक
Answer
Answer: (c) नदियाँ
Question 2.
नदियों के भागने का कारण है
(a) प्रसन्न होना
(b) उदास होना
(c) बेचैन होना
(d) संतुष्ट होना
Answer
Answer: (c) बेचैन होना
Question 3.
नदियों का पिता है-
(a) समुद्र
(b) हिमालय
(c) मैदान
(d) बूढ़ा पहाड़ी
Answer
Answer: (b) हिमालय
Question 4.
हिमालय की बेटियाँ कैसी हैं ?
(a) चंचल
(b) नटखट
(c) गंभीर
(d) क्रूर
Answer
Answer: (b) नटखट
Question 5.
‘अतृप्त’ शब्द का अभिप्राय है-
(a) उदंड
(b) अशांत
(c) असंतुष्ट
(d) भूखा
Answer
Answer: (c) असंतुष्ट
(4)
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है। किंतु माता बनने से पहले यदि हम इन्हें बेटियों के रूप में देख लें तो क्या हर्ज है ? और थोड़ा आगे चलिए…इन्हीं में अगर हम प्रेयसी की भावना करें तो कैसे रहेगा? ममता का एक और भी धागा है, जिसे हम इनके साथ जोड़ सकते हैं। बहन का स्थान कितने कवियों ने इन नदियों को दिया है। एक दिन मेरी भी ऐसी भावना हुई थी। थोलिङ् (तिब्बत) की बात है। मन उचट गया था, तबीयत ढीली थी। सतलज के किनारे जाकर बैठ गया। दोपहर का समय था। पैर लटका दिए पानी में। थोड़ी ही देर में उस प्रगतिशील जल ने असर डाला। तन और मन ताज़ा हो गया।
Question 1.
काका कालेकर ने नदियों को किस नाम से पुकरा है?
(a) लोकलुभावनी
(b) लोकमाता
(c) लोक कल्याणी
(d) लोककथा
Answer
Answer: (b) लोकमाता
Question 2.
कवियों ने नदियों को किसका स्थान दिया है?
(a) प्रेयसी का
(b) बेटी का
(c) बहन का
(d) माता का
Answer
Answer: (c) बहन का
Question 3.
लेखक किस नदी के किनारे बैठा था?
(a) सतलुज
(b) गंगा
(c) यमुना
(d) गोदावरी
Answer
Answer: (a) सतलुज
Question 4.
उपरोक्त गद्यांश में कहाँ का वर्णन है?
(a) तिब्बत का
(b) नेपाल का
(c) हिमालय का
(d) हिमाचल का
Answer
Answer: (a) तिब्बत का
Question 5.
किस काम से लेखक का मन ताज़ा हो गया?
(a) आराम करने से
(b) सतलुज के किनारे बैठने से
(c) प्राकृतिक दृश्य देखने से
(d) हिमालय पर चढ़ने से
Answer
Answer: (b) सतलुज के किनारे बैठने से
(5)
अभी तक मैंने उन्हें दूर से देखा था। बड़ी गंभीर, शांत, अपने आप में खोई हुई लगती थीं। संभ्रांत महिला की भाँति वे प्रतीत होती थीं। उनके प्रति मेरे दिल में आदर और श्रद्धा के भाव थे। माँ और दादी, मौसी और मामी की गोद की तरह उनकी धारा में डुबकियाँ लगाया करता।
Question 1.
लेखक ने किन्हें दूर से देखा था?
Answer
Answer: लेखक ने हिमालय से निकलने वाली नदियों को देखा था।
Question 2.
दूर से देखने पर नदियाँ लेखक को कैसी प्रतीत होती थीं?
Answer
Answer: दूर से देखने पर लेखक को नदियाँ गंभीर, शांत और अपने आप में खोई हुई किसी शिष्ट महिला की भाँति प्रतीत होती थीं।
Question 3.
लेखक द्वारा धारा में नहाने की तुलना किससे की गई है?
Answer
Answer: लेखक द्वारा धारा में नहाने की तुलना माँ, दादी, मौसी की गोद में खेलने से की गई है।
Question 4.
लेखक के मन में नदियों के प्रति कैसे भाव थे?
Answer
Answer: लेखक के मन में नदियों के प्रति श्रद्धा और आदर के भाव थे।
Question 5.
नदियों में लेखक को स्नान करना कैसा लगता था?
Answer
Answer: लेखक को नदियों में स्नान करना उन्हें माँ, मौसी, दादी या मामी की गोद जैसा ममत्व प्रतीत होता था।
(6)
कहाँ ये भागी जा रही हैं? वह कौन लक्ष्य है जिसने इन्हें बेचैन कर रखा है? अपने महान पिता का विराट प्रेम पाकर भी अगर इनका हृदय अतृप्त ही है तो वह कौन होगा जो इनकी प्यास मिटा सकेगा! बरफ़ जली नंगी पहाड़ियाँ, छोटे-छोटे पौधों से भरी घाटियाँ, बंधुर अधित्यकाएँ, सरसब्ज उपत्यकाएँ-ऐसा है इनका लीला निकेतन! खेलते-खेलते जब ये ज़रा दूर निकल जाती हैं तो देवदार, चीड़, सरो, चिनार, सफ़ेदा, कैल के जंगलों में पहुँचकर शायद इन्हें बीती बातें याद करने का मौका मिल जाता होगा।
Question 1.
नदियों के भागने का कारण क्या है?
Answer
Answer: नदियों का भागने का कारण इनकी बेचैनी है।
Question 2.
नदियों की बाललीला कहाँ देखी जा सकती है?
Answer
Answer: नदियों की बाललीला घाटियों में और नंगी पहाड़ियों पर देखी जा सकती है।
Question 3.
तेज़ बेग से बहती नदियों को देखकर लेखक के मन में क्या विचार उठा?
Answer
Answer: तेज़ बेग से बहती नदियों को देखकर लेखक के मन में विचार उठता है कि नदियाँ किस लक्ष्य को पाने के लिए इतनी तेज़ी से बह रही हैं। अपने पिता हिमालय के विशाल प्रेम को पाकर भी न जाने हृदय में किसके प्रेम को पाने की मंशा है।
Question 4.
इन्हें कब बीती बातें याद करने का मौका मिलता होगा?
Answer
Answer: ये नदियाँ बहती हुई जब दूर निकल जाती हैं तब देवदार, चीड़, सरो, चिनार, सफ़ेदा, कैल के जंगलों में पहुँचकर इन्हें बीती बातों को याद करने का मौका मिल जाता होगा।
Question 5.
हिमालय का चित्रण किस रूप में किया गया है? वह क्या करता होगा?
Answer
Answer: हिमालय का चित्रण बूढे पिता के रूप में किया गया है। वह अपने बेटियों के लिए सिर धुनता है।
(7)
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है। किंतु माता बनने से पहले यदि हम इन्हें बेटियों के रूप में देख लें तो क्या हर्ज है? और थोड़ा आगे चलिए…इन्हीं में अगर हम प्रेयसी की भावना करें तो कैसा रहेगा? ममता का एक और भी धागा है, जिसे हम इनके साथ जोड़ सकते हैं। बहन का स्थान कितने कवियों ने इन नदियों को दिया है। एक दिन मेरी भी ऐसी भावना हुई थी। थोलिङ् (तिब्बत) की बात है। मन उचट गया था, तबीयत ढीली थी। सतलज के किनारे जाकर बैठ गया। दोपहर का समय था। पैर लटका दिए पानी में। थोड़ी ही देर में उस प्रगतिशील जल ने असर डाला। तन और मन ताज़ा हो गया।
Question 1.
काका कालेलकर ने नदियों को किस नाम से पुकारा है?
Answer
Answer: काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता के नाम से पुकारा है।
Question 2.
लोग नदियों को किन-किन रूपों में देखते हैं ?
Answer
Answer: लेखक नदियों को बेटी, बहन और प्रेयसी के रूपों में देखते हैं।
Question 3.
एक दिन लेखक की कैसी भावना हुई ?
Answer
Answer: एक दिन लेखक की भावना उचट हो गई। उनका तबियत खराब हो गया।
Question 4.
लेखक किस नदी के किनारे बैठा था?
Answer
Answer: लेखक सतलुज नदी के किनारे बैठा था।
Question 5.
लेखक नदियों के साथ कौन-सा धागा जोड़ना चाहता है? वह धागा कौन-सा है तथा क्यों?
Answer
Answer: लेखक नदियों के साथ बहन मानकर ममता का एक और धागा जोड़ना चाहता है क्योंकि नदियाँ मनुष्य की शारीरिक और मानसिक परेशानी दूर करती हैं।
लेख से
प्रश्न 1.
नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफी पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं?
उत्तर:
नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफी पुरानी है, लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें बेटी, बहन, प्रेयसी, संभ्रात महिला और माँ के रूपों में देखते हैं।
प्रश्न 2.
सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं?
उत्तर:
सिंधु और ब्रह्मपुत्र दो ऐसे महानद हैं जिनमें हिमालय की पिघली बर्फ पानी के रूप में एकत्र होकर आगे बढ़ती हैं। इनमें कुछ और छोटी-छोटी नदियाँ भी मिलती हैं। समुद्र की ओर अग्रसर होते ये महानद अंत में समुद्र में मिल जाते हैं।
प्रश्न 3.
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?
उत्तर:
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है – क्योंकि नदियाँ अपने अमृतरूपी जल से मनुष्य, पशु-पक्षी तथा अन्य जीवों की प्यास बुझाती हैं। नदियाँ परोक्ष रूप में हमारे पोषण का साधन हैं। इन नदियों में स्नान करने से मनुष्य की गर्मी तथा थकान उतर जाती है। भारतीय संस्कृति में नदियाँ कल्याणकारी मानी गई हैं।
प्रश्न 4.
हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है?
उत्तर:
हिमालय की यात्रा में लेखक में हिमालय से निकलने वाली अल्हड़ बालिका जैसी नदियों, वहाँ पर पाए जाने वाले देवदार, चीर, सरो, चिनार, सफ़ेदा, केल के जंगलों तथा अद्भुत हिमालय की प्रशंसा की हैं।
लेख से आगे
प्रश्न 1.
नदियों और हिमालय पर अनेक कवियों ने कविताएँ लिखी हैं। उन कविताओं का चयन कर उनकी तुलना पाठ में निहित नदियों के वर्णन से कीजिए।
उत्तर:
नदियों और हिमालय से संबंधित कुछ कविताएँ –
(i) वही उठती अर्मियों-सी शैलमालाएँ
वही अंतश्चेतना-सा गहन वन विस्तार
वही उर्वर कल्पना-से फूटते जलस्रोत
वही दृढ़ मांसल भुजाओं-से कसे पाषाण
वही चंचल वासना-सी बिछलती नदियाँ
पारदर्शी वही शीशे की तरह आकाश
और किरनों से झलाझल
वही मुझको बेधते हिमकोण -जगदीश गुप्त
(ii) खड़ा हिमालय बता रहा है
डरो न आँधी-पानी में
खड़े रहो तुम अविचल होकर
सब संकट तूफानी में
डिगो न अपने प्रण से तो तुम
सबकुछ पा सकते हो प्यारे
तुम भी ऊँचे उठ सकते हो
छू सकते हो नभ के तारे।
अचल रहा जो अपने पथ पर
लाख मुसीबत आने में
मिली सफलता जग में उसको
जीने में मर जाने में।
नदियों और हिमालय से संबंधित अन्य कविताओं, का चयन एवं पाठ में निहित नदियों के वर्णन से उनकी तुलना छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
गोपालसिंह नेपाली की कविता ‘हिमालय और हम’, रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता ‘हिमालय’ तथा जयशंकर प्रसाद की कविता “हिमालय के आँगन में’ पढ़िए और तुलना कीजिए।
उत्तर:
छात्र पुस्तकालय से लेकर पढ़ें तथा उनकी तुलना स्वयं करें।
प्रश्न 3.
यह लेख 1947 में लिखा गया था। तब से हिमालय से निकलनेवाली नदियों में क्या-क्या बदलाव आए हैं?
उत्तर:
तब से हिमालय से निकलने वाली इन नदियों में अनेक परिवर्तन आए हैं। मानव की बढ़ती स्वार्थ प्रवृत्ति तथा उसकी बढ़ती आवश्यकताओं के कारण सभी नदियों में प्रदूषण का स्वर बहुत बढ़ गया है। तब इन नदियों का पानी जीवनदायी अमृत के समान माना जाता था। इससे नदियों के प्रति हमारी धार्मिक आस्था भी प्रभावित हुई है। इसके अलावा कुछ नदियों के मार्ग में भी बदलाव आया है।
प्रश्न 4.
अपने संस्कृत शिक्षक से पूछिए कि कालिदास ने हिमालय को देवात्मा क्यों कहा है?
उत्तर:
कालिदास ने हिमालय को देवात्मा इसलिए कहा है क्योंकि कालिदास ने अपने काव्यग्रंथ मेघदूत में अल्कापुरी को कैलाश मानसरोवर के निकट बताया है जो देव कुबेर की नगरी है। कैलाश पर्वत जो भगवान शिव का निवास माना जाता है, वह भी हिमालय पर ही स्थित है। अनेक ऋषियों-मुनियों और योगियों का आवास भी हिमालय की गुफाओं में रहा है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
प्रस्तुत लेख में नदियों के दृश्य-वर्णन पर बल दिया गया है। किसी नदी की तुलना अल्हड़ बालिका से कैसे की जा सकती है? कल्पना कीजिए।
उत्तर:
किसी नदी की तुलना अल्हड़ बालिका से उसकी निम्नलिखित समानताओं के आधार पर की जा सकती है –
- जिस प्रकार अल्हड़ बालिका पिता के घर में हँसती, खिलखिलाती रहती है, उसी प्रकार नदियाँ भी हिमालय पर पतली धारा के रूप में उछल-कूद करती आगे बढ़ती है।
- पिता के घर से निकलकर जिस प्रकार महिलाएँ गंभीर व शांत बन जाती हैं उसी प्रकार नदी भी समतल मैदानी भागों में आकर गंभीर व शांत बन जाती है।
प्रश्न 2.
नदियों से होनेवाले लाभों के विषय में चर्चा कीजिए और इस विषय पर बीस पंक्तियों का एक निबंध लिखिए।
उत्तर:
- नदियाँ हमें अमृत तुल्य जल प्रदान करती हैं, जिसे पीकर जीव-जंतु, पशु-पक्षी और हम सब अपनी प्यास बुझाते हैं।
- नदियों के जल से सिंचाई करके फ़सलें उगाई जाती हैं।
- नदियों से सीप, रेत तथा अनेक उपयोगी वस्तुएँ प्राप्त. की जाती हैं।
- नदियाँ मछुआरों आदि को आजीविका का साधन प्रदान करती हैं।
- नदियाँ आवागमन का मार्ग प्रदान करती हैं। प्राचीन नगरों का नदियों के किनारे बसा होना इसका उदाहरण है।
- नदियाँ जलीय जीवों तथा मछलियों की आश्रयदाता हैं। छात्र निबंध स्वयं लिखें।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
अपनी बात कहते हुए लेखक ने अनेक समानताएँ प्रस्तुत की हैं। ऐसी तुलना से अर्थ अधिक स्पष्ट एवं सुंदर बन जाता है। उदाहरण
(क) संभ्रांत महिला की भाँति वे प्रतीत होती थीं।
(ख) माँ और दादी, मौसी और मामी की गोद की तरह उनकी धारा में डुबकियाँ लगाया करता।
अन्य पाठों से ऐसे पाँच तुलनात्मक प्रयोग निकालकर कक्षा में सुनाइए और उन सुंदर प्रयोगों को कॉपी में भी लिखिए।
उत्तर:
- सागर की हिलोर की भाँति उसका यह मादक गान गली भर के मकानों में इस ओर से उस ओर तक लहराता हुआ पहुँचता और खिलौनेवाला आगे बढ़ जाता।
- बच्चे ऐसे सुंदर थे जैसे सोने के सजीव खिलौने।
- लाल कण बनावट में बालूशाही की तरह ही होते हैं।
- रक्त के तरल भाग प्लाज्मा में एक विशेष किस्म की प्रोटीन होती है जो रक्तवाहिका की कटी-फटी दीवार में मकड़ी के जाल के समान एक जाला बुन देती है।
- बस्ते से आँवले जैसे कैंचे निकालते हुए उसने कहा-“बुरे कंचे हैं, हैं न”?
प्रश्न 2.
निर्जीव वस्तुओं को मानव-संबंधी नाम देने से निर्जीव वस्तुएँ भी मानो जीवित हो उठती हैं। लेखक ने इस पाठ में कई स्थानों पर ऐसे प्रयोग किए हैं, जैसे
(क) परंतु इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो वे कुछ और रूप में सामने थीं।
(ख) काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है।
पाठ से इसी तरह के और उदाहरण दूँढिए।
उत्तर:
- किसी लड़की को देखता हूँ किसी कली पर जब मेरा ध्यान अटक जाता है, तब भी इतना कौतूहल और विस्मय नहीं होता, जितना कि इन बेटियों की बाललीला देखकर।
- बूढ़ा हिमालय अपनी इन नटखट छोकरियों के लिए कितना सर धुनता होगा!
- कितना सौभाग्यशाली है वह समुद्र जिसे पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ पकड़ने का श्रेय मिला।
- हिमालय को ससुर और समुद्र को उसका दामाद कहने में भी कुछ झिझक नहीं होती है।
- वेतवा नदी को प्रेम का प्रतिदान देते जाना, तुम्हारी वह प्रेयसी तुम्हें पाकर अवश्य ही प्रसन्न होगी।
प्रश्न 3.
पिछली कक्षा में आप विशेषण और उसके भेदों से परिचय प्राप्त कर चुके हैं। नीचे दिए गए विशेषण और विशेष्य (संज्ञा) का मिलान कीजिए –
उत्तर:
प्रश्न 4.
द्वंद्व समास के दोनों पद प्रधान होते हैं। इस समास में ‘और’ शब्द का लोप हो जाता है, जैसे- ‘राजा रानी’ द्वंद्व समास है जिसका अर्थ है राजा और रानी। पाठ में कई स्थानों पर द्वंद्व समासों का प्रयोग किया गया है। इन्हें खोज़कर वर्णमाला क्रम (शब्दकोश-शैली) में लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
नदी को उलटा लिखने से दीन होता है जिसका अर्थ होता है गरीब। आप भी पाँच ऐसे शब्द लिखिए जिसे उलटा लिखने पर सार्थक शब्द बन जाए। प्रत्येक शब्द के आगे संज्ञा का नाम भी लिखिए, जैसे-नदी-दीन (भाववाचक संज्ञा)
उत्तर:
प्रश्न 6.
समय के साथ भाषा बदलती है, शब्द बदलते हैं और उनके रूप बदलते हैं जैसे-बेतवा नदी के नाम का दूसरा रूप ‘वेत्रवती’ है। नीचे दिए गए शब्दों में से ढूँढ़कर इन नामों के अन्य रूप लिखिए
सतलुज रोपड़ झेलम
चिनाब अजमेर बनारस
उत्तर:
प्रश्न 7.
“उनके ख्याल में शायद ही यह बात आ सके कि बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर ये कैसे खेला करती हैं।’
उपर्युक्त पंक्ति में ‘ही’ के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। ‘ही’ वाला वाक्य नकारात्मक अर्थ दे रहा है। इसीलिए ‘ही’ वाले वाक्य में कही गई बात को हम ऐसे भी कह सकते हैं- उनके खयाल में शायद यह बात न आ सके।
इसी प्रकार नकारात्मक प्रश्नवाचक वाक्य कई बार ‘नहीं’ के अर्थ में इस्तेमाल नहीं होते हैं, जैसे-महात्मा गाँधी को कौन नहीं जानता? दोनों प्रकार के वाक्यों के समान तीन-तीन उदाहरण सोचिए और इस दृष्टि से उनका विश्लेषण कीजिए।
उत्तर:
Related
Discover more from EduGrown School
Subscribe to get the latest posts sent to your email.