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NCERT Important Questions & MCQs Class 6th Hindi -वसंत, भाग 1
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Chapter -3 नादान दोस्त
MCQs Questions with Answers
Question 1.
चिड़िया ने अंडे कहाँ दिए थे?
(a) छत पर
(b) कार्निस पर
(c) खिड़की पर
(d) पेड़ पर
Answer
Answer: (b) कार्निस पर
Question 2.
‘नादान दोस्त’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(a) कृष्णा सोबती
(b) प्रेमचंद
(c) विनय महाजन
(d) विष्णु प्रभाकर
Answer
Answer: (b) प्रेमचंद
Question 3.
श्यामा ने माँ को यह क्यों नहीं बताया कि दरवाज़ा केशव ने खोला था?
(a) क्योंकि इससे केशव नाराज़ हो जाता
(b) यह सुनकर माँ पीट देती
(c) यह सुनकर माँ दोनों की पिटाई करती
(d) इनमें से कोई नहीं।
Answer
Answer: (b) यह सुनकर माँ पीट देती
Question 4.
बच्चों के मन में क्या जिज्ञासा थी?
(a) अंडों को देखने की
(b) चिड़िया को उड़ाने की
(c) चिड़िया के लिए सभी प्रबंध करने की
(d) चिड़िया के अंडों से बच्चे बनने की प्रक्रिया देखने की
Answer
Answer: (d) चिड़िया के अंडों से बच्चे बनने की प्रक्रिया देखने की
Question 5.
केशव और श्यामा ने चिड़ियों के खाने के लिए क्या बिखेरा?
(a) गेहूँ
(b) मक्का
(c) चावल
(d) जौ
Answer
Answer: (c) चावल
(1)
केशव के घर कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। केशव और उसकी बहन श्यामा दोनों बड़े ध्यान से चिड़िया को यहाँ आते-जाते देखा करते। सवेरे दोनों आँखें मलते कार्निस के सामने पहँच जाते और चिडा और चिडिया दोनों को वहाँ बैठा पाते। उनको देखने में दोनों बच्चों को न मालूम क्या मज़ा मिलता, दूध और जलेबी की सुध भी न रहती थी। दोनों के दिल में तरह-तरह के सवाल उठते। अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे? कितने होंगे? क्या खाते होंगे? उनमें से बच्चे किस तरह निकल आएँगे? बच्चों के पर कैसे निकलेंगे? घोंसला कैसा है? लेकिन इन बातों का जवाब देने वाला कोई नहीं।
Question 1.
चिड़िया ने अंडे कहाँ दिए थे?
(a) घोसले में
(b) कार्निस के ऊपर
(c) खिड़की में
(d) रोशनदान पर
Answer
Answer: (b) कार्निस के ऊपर
Question 2.
दोनों बच्चे किसे देखकर आनंदित होते थे?
(a) दूध जलेबी को
(b) चिड़िया के अंडों को
(c) चिड़िया और चिड़ा को
(d) कार्निस को
Answer
Answer: (c) चिड़िया और चिड़ा को
Question 3.
केशव और श्यामा के मन में क्या-क्या सवाल उठते थे?
(a) अंडे कितने बड़े होंगे
(b) अंडे कितने होंगे
(c) क्या खाते होंगे
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
(2)
इस तरह तीन-चार दिन गुज़र गए। दोनों बच्चों की जिज्ञासा दिन ब दिन बढ़ती जाती थी। अंडों को देखने के लिए वे अधीर हो उठते थे। उन्होंने अनुमान लगाया कि अब ज़रूर बच्चे निकल आए होंगे। बच्चों के चारे का सवाल अब उनके सामने आ खड़ा हुआ। चिड़िया बेचारी इतना दाना कहाँ पाएगी कि सारे बच्चों का पेट भरे! गरीब बच्चे भूख के मारे चूं-धूं करके मर जाएँगे।
Question 1.
कितने दिन गुज़र गए?
(a) दो
(b) तीन
(c) तीन-चार
(d) पाँच
Answer
Answer: (c) तीन-चार
Question 2.
बच्चों के मन में क्या जिज्ञासा थी?
(a) अंडों को देखने के लिए
(b) दूध पीने के लिए
(c) चिड़िया को उड़ाने की
(d) चिड़िया के लिए सभी प्रबंध करने की
Answer
Answer: (a) अंडों को देखने के लिए
Question 3.
चिड़िया को दाना किसलिए चाहिए था?
(a) अपना पेट भरने के लिए
(b) अपने बच्चों का पेट भरने के लिए
(c) बच्चे को उड़ने के लिए
(d) केशव और श्यामा के लिए
Answer
Answer: (b) अपने बच्चों का पेट भरने के लिए
(3)
गरमी के दिन थे। बाबू जी दफ़्तर गए हुए थे। अम्माँ दोनों बच्चों को कमरे में सुलाकर खुद सो गई थीं, लेकिन बच्चों की आँखों में आज नींद कहाँ ? अम्माँ जी को बहलाने के लिए दोनों दम रोके, आँखें बंद किए, मौके का इंतज़ार कर रहे थे। ज्यों ही मालूम हुआ कि अम्मा जी अच्छी तरह से सो गईं, दोनों चुपके से उठे और बहुत धीरे से दरवाज़े की सिटकनी खोलकर बाहर निकल आए। अंडों की हिफ़ाज़त की तैयारियाँ होने लगीं।
Question 1.
यहाँ किस मौसम की बात हो रही है?
(a) सरदी की
(b) गरमी की
(c) बरसात की
(d) वसंत की
Answer
Answer: (b) गरमी की
Question 2.
बच्चों की आँखों में नींद क्यों नहीं थी?
(a) गरमी के कारण
(b) भूख के कारण
(c) कार्निस की ओर जाने की उत्सुकता के कारण
(d) बाबू जी के दफ्तर जाने के कारण
Answer
Answer: (c) कार्निस की ओर जाने की उत्सुकता के कारण
Question 3.
केशव कार्निस तक कैसे पहुँचा?
(a) सीढ़ी लगाकर
(b) स्टूल लगाकर
(c) चारपाई लगाकर
(d) स्टूल व नहाने की चौकी लगाकर
Answer
Answer: (d) स्टूल व नहाने की चौकी लगाकर
(4)
केशव के घर कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। केशव और उसकी बहन श्यामा बड़े ध्यान से चिड़िया को वहाँ आते-जाते देखा करते। सवेरे दोनों आँखें मलते कार्निस के सामने पहुँच जाते और चिड़ा और चिड़िया दोनों को वहाँ बैठा पाते। उनको देखने में दोनों बच्चों को न मालूम क्या मज़ा मिलता, दूध और जलेबी की सुध भी न रहती थी। दोनों के दिल में तरह-तरह के सवाल उठते।
Question 1.
गद्यांश और लेखक का नाम लिखिए।
Answer
Answer:
पाठ का नाम-नादान दोस्त
लेखक का नाम-प्रेमचंद।
Question 2.
चिड़िया ने अंडे कहाँ दिए थे?
Answer
Answer: चिड़िया ने अंडे केशव के घर कार्निस के ऊपर दिए थे।
Question 3.
बच्चे कब कार्निस के सामने पहुँचते थे और उन्हें क्या दिखाई देता था?
Answer
Answer: बच्चे प्रातः उठते और उठते ही आँखें मलते-मलते कार्निस के सामने पहुँच जाते। उन्हें वहाँ चिड़ा और चिड़िया बैठे दिखाई देते थे।
(5)
दोनों बच्चे चाव से काम करने लगे। श्यामा माँ की आँख बचाकर मटके से चावल निकाल लाई। केशव ने पत्थर की प्याली का तेल चुपके से ज़मीन पर गिरा दिया और उसे खूब साफ़ करके उसमें पानी भरा।
अब चाँदनी के लिए कपड़ा कहाँ से आए? फिर ऊपर बगैर छड़ियों के कपड़ा ठहरेगा कैसे और छड़ियाँ खड़ी होंगी कैसे?
Question 1.
केशव और श्यामा क्या काम करने लगे?
Answer
Answer: केशव और श्यामा चिड़िया के बच्चों की सुरक्षा और खाने-पीने के काम को बड़े चाव से करने लगे।
Question 2.
श्यामा क्या लाई?
Answer
Answer: श्यामा माँ की आँख बचाकर मटके से चावल निकाल लाई।
Question 3.
पत्थर की प्याली को क्यों साफ़ किया गया?
Answer
Answer: पत्थर की प्याली को इसलिए साफ़ किया गया ताकि उसमें चिड़िया के बच्चों के लिए पीने का पानी भरा जा सके।
(6)
किवाड़ केशव ने खोला था, लेकिन श्यामा ने माँ से यह बात नहीं कही। उसे डर लगा कि भइया पिट जाएँगे। केशव दिल में काँप रहा था कि कहीं श्यामा कह न दे। अंडे न दिखाए थे, इससे अब उसको श्यामा पर विश्वास न था। श्यामा सिर्फ मुहब्बत के मारे चुप थी या इस कसूर में हिस्सेदार होने की वजह से, इसका फ़ैसला नहीं किया जा सकता। शायद दोनों ही बाते थीं।
Question 1.
श्यामा ने माँ को यह क्यों नहीं बताया कि दरवाज़ा केशव ने खोला था?
Answer
Answer: क्योंकि यह सुनकर माँ केशव को पीट देती।
Question 2.
केशव को क्या डर था?
Answer
Answer: श्यामा माँ को यह न बता दे कि उसने चिड़िया के अंडों को छेड़ा है।
Question 3.
श्यामा चुप क्यों थी?
Answer
Answer: क्योंकि उसे केशव के पिटने का डर था, वह भी भाई के साथ पूरी हिस्सेदार थी और माँ की बातों का उसके पास कोई उत्तर नहीं था।
(7)
केशव रोनी सूरत बनाकर बोला-मैंने तो सिर्फ अंडों को गद्दी पर रख दिया था अम्मा जी! माँ को हँसी आ गई।
मगर केशव को कई दिनों तक अपनी गलती पर अफ़सोस होता रहा। अंडों की हिफ़ाज़त करने के जोग में उसने उसका सत्यानाश कर डाला। इसे याद कर वह कभी-कभी रो पड़ता था।
Question 1.
केशव ने रोनी सूरत क्यों बना ली?
Answer
Answer: क्योंकि अंडे टूट जाने पर अपनी माँ का डर था।
Question 2.
माँ को हँसी क्यों आ गई?
Answer
Answer: क्योंकि सारी घटना को सहज रूप में लिया गया।
Question 3.
केशव कभी-कभी रो क्यों पड़ता था?
Answer
Answer: क्योंकि उसे अपनी गलती का अहसास था कि उसकी छेड़ा-छाड़ी के कारण ही अंडे टूट गए हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
कहानी से
प्रश्न 1.
अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?
उत्तर-
बालमन जिज्ञासाओं से भरा होता है। उन्होंने पहले कभी अंडे नहीं देखे थे। उनके घरवालों ने भी उनको अंडों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। उनको पता नहीं था कि अंडों का आकार कितना बड़ा होता है ? अंडे किस रंग के होते हैं? उनमें बच्चे कैसे पैदा होते हैं? वे क्या खाते हैं? उनका घोसला कैसा होता है ? बच्चों के मन में इस तरह के सवाल स्वाभाविक ही थे।
प्रश्न 2.
केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर क्यों रखे थे?
उत्तर-
कार्निस पर चिड़िया के अंडे थे। केशव और श्यामा ने सोचा कि अंडों से बच्चे निकल आए होंगे। उन्हें धूप से बचाने के लिए छत बनाना था इसलिए टोकरी मँगाई गई। चिथड़ों से उनके लिए गद्दी बनाई गई। दाना-पानी मँगाकर उनकी भूख मिटाने का प्रबंध किया गया। प्याली में खाने के लिए दाना और पानी रख दिया।
प्रश्न 3.
केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी?
उत्तर-
केशव और श्यामा ने अपनी ओर से तो उन अंडों की रक्षा करनी चाही, पर यह उनकी नादानी सिद्ध हुई। चिड़िया अपने अंडों की रक्षा स्वयं कर सकती थी। बच्चे ने अंडों की रक्षा करने के प्रयास में उन्हें छूकर गंदा कर दिया। उन्हें नहीं मालूम था कि यदि वे अंडों को छू लेंगे तो चिड़िया उन्हें छोड़ ही देगी। वास्तव में वे तो उन अंडों की रक्षा करना चाहते थे लेकिन नादानी में रक्षा में हत्या हो गई।
कहानी से आगे
प्रश्न 1.
केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए? यदि उस जगह तुम होते तो क्या अनुमान लगाते और क्या करते?
उत्तर-
केशव और श्यामा ने अनुमान लगाया कि अब उन अंडों से बच्चे निकल आए होंगे। चिड़िया इतना कहाँ से लाएगी। गरीब बच्चे इस तरह चूं-चू करके मर जाएँगे। उन्हें धूप से भी कष्ट होगा। यदि केशव और श्यामा की जगह हम होते तो हम अनुमान लगाते कि कोई जानवर या अन्य जीव-जंतु तो अंडों तक नहीं पहुँच जाएगा कार्निस तक कोई जानवर न पहुँचे, मैं इसका प्रयास करता। हम अंडों के साथ छेड़-छाड़ नहीं करते। चिड़ियों के लिए दाना हम कार्निस पर रखने की जगह नीचे जमीन पर बिखेर देते।
प्रश्न 2.
माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए? माँ के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण क्यों नहीं बताया?
उत्तर-
क्योंकि वही समय ऐसा था जब वे बाहर आकर चुपचाप चिड़िया के बच्चे को देख सकते थे। माँ उनको देख लेती तो अंडों को हाथ न लगाने देती। माँ के पूछने पर पिटाई के डर से दोनों में से किसी ने बाहर निकलने का कारण नहीं बताया।
प्रश्न 3.
प्रेमचंद जी ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। आप इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?
उत्तर-
हम इसका दूसरा अन्य शीर्षक ‘रक्षा में हत्या या बच्चों की नादानी’ देना चाहेंगे।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
इस पाठ में गरमी के दिनों की चर्चा है। अगर सरदी या बरसात के दिन होते तो क्या-क्या होता? अनुमान करो और अपने साथियों को सुनाओ।
उत्तर-
अगर सर्दी के दिन होते तो केशव और श्यामा अंडों को ठंड से बचाने की व्यवस्था करते। उनकी माँ उन्हें इतनी सर्दी में बाहर निकलने के लिए डाँटती। अगर बरसात का मौसम होता तो वे अंडों को पानी से बचाने के लिए चिंतित रहते। उस समय उन्हें पानी में बाहर निकलने के लिए माँ से डाँट सुननी पड़ती।
प्रश्न 2.
पाठ पढ़कर मालूम करो कि दोनों चिड़ियाँ वहाँ फिर क्यों नहीं दिखाई दीं? वे कहाँ गई होंगी? इस पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर बातचीत करो।
उत्तर-
चिड़ियों के सारे अंडे फूट गए, इसलिए दोनों वहाँ से चली गईं और फिर कभी वापस नहीं आईं। वे दोनों वहाँ से किसी दूसरी सुरक्षित जगह पर गई होंगी, वहाँ घोंसला बनाया होगा और फिर समय आने पर अंडे दिए होंगे।
प्रश्न 3.
केशव और श्यामा चिड़िया के अंडों को लेकर बहुत उत्सुक थे। क्या तुम्हें भी किसी नई चीज, या बात को लेकर कौतूहल महसूस हुआ है? ऐसे किसी अनुभव का वर्णन करो और बताओ कि ऐसे में तुम्हारे मन में क्या-क्या सवाल उठे?
उत्तर-
मुझे अपने घर में पैदा हुए बिल्ली के नवजात बच्चों के प्रति कौतूहल बना रहता था। एक बार मेरे घर के पिछले हिस्से में एक बिल्ली ने तीन बच्चे दिए थे। उन्हें देखकर मुझे बहुत कौतूहल हुआ। बिल्ली अपने बच्चों को मुँह में दबाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती थी। उन्हें देखना मुझे बहुत अच्छा लगता था। मैं माँ से छुपा कर कटोरी में दूध रख आया करती थी और कभी कभी अपने हिस्से की रोटी भी उन्हें खिला देती थी। मेरे मन में अक्सर यह सवाल उठता था कि बिल्ली अपने बच्चों को मुँह में दबाती है, तो क्या उन्हें दर्द नहीं होता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
श्यामा माँ से बोली, “मैंने आपकी बातचीत सुन ली है।”
ऊपर दिए उदाहरण में मैंने का प्रयोग ‘श्यामा’ के लिए और आपकी का प्रयोग ‘माँ’ के लिए हो रहा है। जब सर्वनाम का प्रयोग कहने वाले, सुनने वाले या किसी तीसरे के लिए हो, तो उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। नीचे दिए गए वाक्यों में तीनों प्रकार के पुरुषवाचक सर्वनामों के नीचे रेखा खींचो-
उत्तर-
एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, “मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?”
प्रश्न 2.
तगड़े बच्चे
मसालेदार सब्ज़ी
बड़ा अंडा
यहाँ रेखांकित शब्द क्रमशः बच्चे; सब्ज़ी और अंडे की विशेषता यानी गुण बता रहे हैं, इसलिए विशेषणों को गुणवाचक विशेषण कहते हैं। इसमें व्यक्ति या वस्तु के अच्छे बुरे हर तरह के गुण आते हैं। आप चार गुणवाचक विशेषण लिखो और उनके वाक्य बनाओ।
उत्तर-
गुणवाचक विशेषण – वाक्य
ईमानदार – आयुष एक ईमानदार लड़का है।
नीला – आसमान का रंग नीला है।
मोटी – रीना मोटी है।
मीठा – सेब मीठा है।
प्रश्न 3.
(क) केशव ने झुंझलाकर कहा ……..
(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला …………
(ग) केशव घबराकर उठा
(घ) केशव ने टोकरी को एक टहनी से टिकाकर कहा ………..
(ङ) श्यामा ने गिड़गिड़ाकर कहा …………
ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखो। ये शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण का काम कर रहे हैं, क्योंकि ये बताते हैं। कि कहने, बोलने और उठने की क्रिया कैसे क्रिया हुई। ‘कर’ वाले शब्दों के क्रियाविशेषण होने की एक पहचान यह भी है कि ये अकसर क्रिया से ठीक पहले आते हैं। अब तुम भी इन पाँच क्रियाविशेषणों का वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर-
(क) झुंझलाकर = मोहन की बात सुन नेहा झुंझलाकर चली गई।
(ख) बनाकर = माँ खाना बनाकर चली गई।
(ग) घबराकर = दुर्घटना की खबर सुन वह घबराकर उठा।
(घ) टिकाकर = अर्जुन ने नजरें टिकाकर निशाना साधा।
(ङ) गिड़गिड़ाकर = राजीव ने गिड़गिड़ाकर श्याम से माफी माँगी।
प्रश्न 4.
नीचे प्रेमचंद की कहानी ‘सत्याग्रह’ का अंश दिया गया है। आप इसे पढ़ोगे तो पाओगे कि विराम चिह्नों के बिना यह अंश अधूरा-सा है। तुम आवश्यकता के अनुसार उचित जगहों पर विराम चिह्न लगाओ।
उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया 11 बज चुके थे चारों तरफ़ सन्नाटा छा गया था पंडित जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कहिए क्या हूँ भूख लग आई न अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं मोटेराम अबे क्या कहता है। यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं चाहें तो महीनो पड़े रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे देखें तो वहाँ क्या रेंग रहा है मुझे भय होता है।
उत्तर-
उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया। 11 बज चुके थे। चारों तरफ सन्नाटा छा गया था। पंडित जी ने बुलाया, “खोमचेवाले !” खोमचेवाला-“कहिए, क्या हूँ? भूख लग आई न। अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है, हमारा-आपका नहीं।’ मोटेराम- “अबे, क्या कहता है? यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं। चाहें तो महीनों पड़े रहें और भूख न लगे। तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे। देखें तो, वहाँ क्या रेंग रहा है। मुझे भय होता है।”
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) चिड़िया ने अंडे कहाँ दिए थे?
(i) छत पर
(ii) कार्निस पर
(iii) खिड़की पर
(iv) पेड़ पर
(ख) ‘नादान दोस्त’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) कृष्णा सोबती
(ii) प्रेमचंद
(iii) विनय महाजन
(iv) विष्णु प्रभाकर
(ग) श्यामा ने माँ को यह क्यों नहीं बताया कि दरवाज़ा केशव ने खोला था?
(i) क्योंकि इससे केशव नाराज़ हो जाता
(ii) यह सुनकर माँ पीट देती
(iii) यह सुनकर माँ दोनों की पिटाई करती
(iv) इनमें से कोई नहीं।
(घ) बच्चों के मन में क्या जिज्ञासा थी?
(i) अंडों को देखने की
(ii) चिड़िया को उड़ाने की
(iii) चिड़िया के लिए सभी प्रबंध करने की
(iv) चिड़िया के अंडों से बच्चे बनने की प्रक्रिया देखने की
(ङ) केशव और श्यामा ने चिड़ियों के खाने के लिए क्या बिखेरा?
(i) गेहूँ
(ii) मक्का
(iii) चावल
(iv) जौ
उत्तर-
(क) (ii)
(ख) (ii)
(ग) (ii)
(घ) (iv)
(ङ) (iii)
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