घर में वापसी कविता का महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न – मां की आंखें पड़ाव से पहले ही तीर्थ यात्रा की बस के दो पंचर पहिए हैं, कैसे ?
उत्तर – कवी सुदामा पांडे धूमिल ने मां की आंखों को तीर्थ यात्रा की बस के दो पहिए कहा है। पड़ाव शब्द का प्रयोग प्रतीकात्मक है, वह मृत्यु का प्रतीक है।
दो पंचर पहिए का प्रतीकार्थ है ज्योति विहीन आंखें।
अपेक्षित गंतव्य तक न पहुंच पाने की यातना पंचर पहिए से व्यक्त होती है।
प्रश्न – पिता की आंखें लोह सायं की ठंडी सलाखें हैं से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर – कवि ने पिता की आंखों को लोह सायं की ठंडी सलाखें बताया है यह उपमान प्रतीक रूप में प्रयुक्त किया है।यौवनावस्था में पिता तेजस्वी और रौबदार रहे होंगे पर बुढ़ापे और गरीबी ने उनके तेज को छीन लिया है उनका उत्साह ठंडा पड़ चुका है। भाषा सहज, सरल, भावपूर्ण है।
प्रश्न – घर एक परिवार है परिवार में पांच सदस्य हैं किंतु कवि पांच सदस्य नहीं उन्हें पांच जोड़ी आंखें मानता है। क्यों ?
उत्तर – घर एक परिवार होता है, जहां रहने वाले सभी सदस्य एक – दूसरे के सुख-दुख में सहायक होते हैं। उन सहायकों से मिलकर पूरा परिवार बनता है। किंतु कवि ने उन सदस्यों को सदस्य ना कहकर पांच जोड़ी आंखें बताया है, क्योंकि वहां रहने वाले सदस्य आपस में एक-दूसरे से बात नहीं करते।
धन के अभाव में उनके आपसी प्रेम में कमी आ गई है।
एक – दूसरे से बात ना करने के कारण परिवार विघटन के रास्ते पर आ गया है।
जिसके कारण उन्हें अपनत्व ममत्व सभी समाप्त हो चुकी हैं।
कोई एक दूसरे से नजर नहीं मिला था, सभी खुद में उलझे हुए हैं इसलिए कवि ने उन्हें पांच जोड़ी आंख बताना उचित माना है।
प्रश्न – पत्नी की आंखें, आंखें नहीं हाथ है, जो मुझे थामे हुए हैं से कवि का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर – पत्नी सुख-दुख की सहभागी होती है, वह जितना सुख में साथ देती है उतना ही दुख में साथ देती है। कवि के साथ भी यही स्थिति है, पत्नी ने कवि का साथ उन परिस्थितियों में भी सदैव दिया जब उसकी अत्यधिक आवश्यकता थी। उसकी आंखें सदैव खुशियों से आशा और उत्साह से भरी रहती थी। जिसे कवि ने सहारा मानकर दुख के समय संघर्ष करने की प्रेरणा प्राप्त की। इसी भाव ने उन दोनों के बीच के रिश्तो को मजबूती प्रदान की।
प्रश्न – रिश्ते हैं लेकिन खुलते नहीं, कवि के सामने ऐसी कौन सी विवशता है जिससे आपसी रिश्ते भी नहीं खुलते हैं ?
उत्तर – रिश्तो के ना खुलने से आशय उनकी जटिलता से है, यह जटिलता परिवार में निर्धनता विपन्नता के कारण आई है। जिसके कारण परिवार के सदस्य एक – दूसरे से दूर और चिड़चिड़ा स्वभाव के हो गए हैं। आपस में बातचीत नहीं है, सभी के बीच दूरियां बढ़ती गई है लोगों की आपसी अभिव्यक्ति खुलकर नहीं हो पाती है। इसी विवशता को लेखक ने रिश्तो के नाप लेने की बात कही है।
घर में वापसी कहानी के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहां समाप्त होते हैं।
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