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NCERT Important Questions & MCQs Class 6th Hindi -वसंत, भाग 1
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Chapter - 17 साँस-साँस में बाँस
Question 1.
भारत में बाँस किस प्रांत में अधिक पाया जाता है?
(a) नागालैंड
(b) असम
(c) मणिपुर व त्रिपुरा
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 2.
बाँस इकट्ठा करने का मौसम कौन-सा है?
(a) जनवरी से मार्च
(b) जुलाई से अक्टूबर
(c) नवंबर एवं दिसंबर
(d) अप्रैल से जून
Answer
Answer: (b) जुलाई से अक्टूबर
Question 3.
बूढ़ा बाँस कैसा होता है?
(a) नरम
(b) कमज़ोर
(c) सख्त
(d) लचीला
Answer
Answer: (c) सख्त
Question 4.
चंगकीचंगलनबा थे?
(a) वैज्ञानिक
(b) लेखक
(c) जादूगर
(d) कारीगर
Answer
Answer: (c) जादूगर
Question 5.
‘साँस-साँस में बाँस’ पाठ में किस राज्य की बात की जा रही है?
(a) मणिपुर
(b) त्रिपुरा
(c) असम
(d) नागालैंड
Answer
Answer: (d) नागालैंड
(1)
बाँस का यह झुरमुट मुझे अमीर बना देता है? इससे मैं अपना घर बना सकता हूँ, बाँस के बरतन और औज़ार इस्तेमाल करता हूँ, सूखे बाँस को मैं ईंधन की तरह इस्तेमाल करता हूँ, बाँस का कोयला जलाता हूँ, बाँस का अचार खाता हूँ, बाँस के पालने में मेरा बचपन गुज़रा, पत्नी भी तो मैंने बाँस की टोकरी के ज़रिए पाई और फिर अंत में बाँस पर ही लिटाकर मुझे मरघट ले जाया जाएगा।
Question 1.
बाँस का झुरमुट क्या बना देता है?
(a) गरीब
(b) अमीर
(c) वैज्ञानिक
(d) डॉक्टर
Answer
Answer: (b) अमीर
Question 2.
बाँस की उपयोगिता होती है
(a) अपना घर बनाने में
(b) बरतन बनाने में
(c) औज़ारों को बनाने में
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 3.
सूखे बाँस का इस्तेमाल किसमें किया जाता है?
(a) अचार बनाने में
(b) ईंधन के रूप में
(c) टोकरी बनाने में
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) ईंधन के रूप में
(2)
बाँस भारत के विभिन्न हिस्सों में बहुतायत में होता है। भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सातों राज्यों में बाँस बहुत उगता है। इसलिए वहाँ बाँस की चीजें बनाने का चलन भी खूब है। सभी समुदायों के भरण-पोषण में इसका बहुत हाथ है। यहाँ हम खासतौर पर देश के उत्तरी-पूर्वी राज्य नागालैंड की बात करेंगे। नागालैंड के निवासियों में बाँस की चीजें बनाने का खूब प्रचलन है।
Question 1.
बाँस भारत के किस क्षेत्र में बहुत उगता है?
(a) दक्षिणी
(b) उत्तरी
(c) पूर्वी
(d) उत्तर-पूर्वी
Answer
Answer: (d) उत्तर-पूर्वी
Question 2.
बाँस की सबसे ज़्यादा चीजें किस राज्य में बनती हैं?
(a) ओडिशा में
(b) झारखंड में
(c) नागालैंड में
(d) कर्नाटक में
Answer
Answer: (c) नागालैंड में
Question 3.
इनमें भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सात राज्यों में कौन-सा शामिल नहीं है?
(a) बिहार
(b) मणिपुर
(c) सिक्किम
(d) असम
Answer
Answer: (a) बिहार
(3)
कहते हैं कि बाँस की बुनाई का रिश्ता उस दौर से है, जब इंसान भोजन इकट्ठा करता था। शायद भोजन इकट्ठा करने के लिए ही उसने ऐसी डलियानुमा चीजें बनाई होंगी। क्या पता बया जैसी किसी चिड़िया के घोंसले से टोकरी के आकार और बुनावट की तरकीब हाथ लगी हो!
Question 1.
इस गद्यांश में किसकी बुनाई की बात कही गई है?
(a) ऊन की
(b) प्लास्टिक की
(c) कपडे की
(d) बाँस की
Answer
Answer: (d) बाँस की
Question 2.
गद्यांश के आधार पर बताओ कि मनुष्य ने सबसे पहले किस आकार की वस्तु बनाई होगी?
(a) कटोरानुमा
(b) जारनुमा
(c) प्लेटनुमा
(d) डलियानुमा
Answer
Answer: (d) डलियानुमा
Question 3.
मनुष्य ने बुनावट का तरकीब किस पक्षी के घोंसले से सीखा होगा?
(a) मधुमक्खी
(b) कौआ
(c) बया
(d) मोर
Answer
Answer: (c) बया
(4)
टोकरी बनाने से पहले खपच्चियों को चिकना बनाना बहुत ज़रूरी है। यहाँ फिर दाओ काम आता है। खपच्ची बाएँ हाथ में होती है दाओ दाएँ हाथ में। दाओ का धारदार सिरा खपच्ची को दबाए रहता है जबकि तर्जनी दाओ के एकदम नीचे होती है। इस स्थिति में बाएँ हाथ से खपच्ची को बाहर की ओर खींचा जाता है। इस दौरान दायाँ अँगूठा दाओ को अंदर की ओर दबाता है और दाओ खपच्ची पर दबाव बनाते हुए घिसाई करता है। जब तक खपच्ची एकदम चिकनी नहीं हो जाती, यह प्रक्रिया दोहराई जाती है।
Question 1.
टोकरी बनाने से पहले क्या ज़रूरी है?
(a) बाँस को काटना
(b) उसके टुकड़े-टुकड़े करना
(c) खपच्चियों को चिकना बनाना
(d) कारीगर को बुलाना
Answer
Answer: (c) खपच्चियों को चिकना बनाना
Question 2.
‘दाओ’ का अर्थ क्या है?
(a) छोटा चाकू
(b) दाँव लगाना
(c) बड़ा धारदार हथियार जिससे बाँस को छीला जाता है।
(d) दबाना
Answer
Answer: (c) बड़ा धारदार हथियार जिससे बाँस को छीला जाता है।
Question 3.
खपच्चियों को चिकना बनाने के बाद क्या होता है?
(a) उनको छोटा करना
(b) उनसे टोकरी बनाना
(c) उनको रंगना पड़ता है
(d) उसको आँच दिखाना
Answer
Answer: (c) उनको रंगना पड़ता है
(5)
असम में ऐसे ही एक जाल, जकाई से मछली पकड़ते हैं। छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है या फिर धीरे-धीरे चलते हुए खींचा जाता है। बाँस की खपच्चियों को इस तरह बाँधा जाता है कि वे एक शंकु का आकार ले लें। इस शंकु का ऊपरी सिरा अंडाकार होता है। निचले नुकीले सिरे पर खपच्चियाँ एक-दूसरे में गुंथी हुई होती हैं।
Question 1.
गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
Answer
Answer:
पाठ का नाम-साँस-साँस में बाँस
लेखक का नाम-एलेक्स एम. जॉर्ज
Question 2.
इस गद्यांश में किस प्रदेश की बात की गई है?
Answer
Answer: इस गद्यांश में असम प्रदेश की बात की गई है।
Question 3.
‘जकाई’ का उपयोग कैसे किया जाता है?
Answer
Answer: जकाई का उपयोग पानी के तल पर रखकर उसे धीरे-धीरे खींचा जाता है।
(6)
जुलाई से अक्टूबर, घनघोर बारिश के महीने! यानी लोगों के पास बहुत सारा खाली वक्त या कहो आसपास के जंगलों से बाँस इकट्ठा करने का सही वक्त। आमतौर पर वे एक से तीन साल की उम्र वाले बाँस काटते हैं। बूढे बाँस सख्त होते हैं और टूट भी तो जाते हैं। बाँस से शाखाएँ और पत्तियाँ अलग कर दी जाती हैं। इसके बाद ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिनमें गाँठे दूर-दूर होती हैं। दाओ यानी चौड़े, चाँद जैसी फाल वाले चाकू से इन्हें छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैं।
Question 1.
बाँसों की चीजें किन महीनों में सर्वाधिक बनती हैं?
Answer
Answer: बाँस की चीजें प्राय: जुलाई से अक्टूबर महीने में अधिकतर बनती हैं।
Question 2.
बाँस एकत्र करने का सही समय कब है?
Answer
Answer: बाँस एकत्र करने का सही समय वर्षा के महीने में होता है।
Question 3.
टोकरियाँ बनाने के लिए कौन-सा बाँस उपयुक्त होता है?
Answer
Answer: टोकरियाँ बनाने के लिए उपयुक्त बाँस एक से तीन साल की उम्र वाला होता है।
(7)
बाँस का यह झुरमुट मुझे अमीर बना देता है। इससे मैं अपना घर बना सकता हूँ, बाँस के बरतन और औज़ार इस्तेमाल करता हूँ, सूखे बाँस को मैं ईंधन की तरह इस्तेमाल करता हूँ, बाँस का कोयला जलाता हूँ, बाँस का अचार खाता हूँ, बाँस के पालने में मेरा बचपन गुज़रा, पत्नी भी तो मैंने बाँस की टोकरी के ज़रिए पाई और फिर अंत में बाँस पर ही लिटाकर मुझे मरघट ले जाया जाएगा।
Question 1.
गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
Answer
Answer:
पाठ का नाम-साँस-साँस में बाँस
लेखक का नाम-एलेक्स एम० जॉर्ज
Question 2.
बाँस लेखक को किस प्रकार अमीर बना देता है?
Answer
Answer: बाँस का झुरमुट लेखक को अमीर बना देता है, क्योंकि इससे चटाइयाँ, टोकरियाँ, खिलौने, टोपी के अलावा बहुत से सामान बनाकर बेचने से लाभ कमाया जाता है। इस प्रकार लेखक भी अमीर बन जाता है।
Question 3.
बाँस का प्रयोग किस-किस चीज़ के लिए किया जा सकता है?
Answer
Answer: बाँस का प्रयोग घर बनाने में, बरतन और औजार बनाने में किया जाता है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
निबंध से
प्रश्न 1.
बाँस को बूढ़ा कब कहा जा सकता है? युवा बाँस में कौन सी विशेषता होती है जो बूढ़े बाँस में नहीं पाई जाती?
उत्तर-
तीन साल और उससे अधिक उम्र वाले बाँस को बूढ़ा कहा जाता है। बूढ़े बाँस सख्त होते हैं और टूट भी जाते हैं। युवा बाँस मुलायम होते हैं। उसे सामान बनाने के लिए किसी भी तरह मोड़ा जा सकता है।
प्रश्न 2.
बाँस से बनाई जाने वाली चीजों में सबसे आश्चर्यजनक चीज़ तुम्हें कौन सी लगी और क्यों?
उत्तर-
बाँस से बनाई जाने वाली चीजों में सबसे आश्चर्यजनक मुझे जो चीज़ लगी है वह है मछली पकड़ने वाला जाल ‘जकाई’ इसकी बुनावट बहुत कठिन है, लेकिन इससे मछलियाँ जिस तरह फँसाई जाती हैं, वह भी बहुत आश्चर्यजनक है।
प्रश्न 3.
बाँस की बुनाई मानव के इतिहास में कब आरंभ हुई होगी?
उत्तर-
बाँस की बुनाई मानव के इतिहास में तब आरंभ हुई होगी, जब से इंसान ने हाथ से कलात्मक चीजें बनानी आरंभ की और जब मानव घूम-घूम कर भोजन एकत्र किया करता था। भोजन के लिए उसे एक डलियानुमा वस्तु की जरूरत पड़ी होगी। तभी उसने बाँस की बुनाई से डलिया बनाई होगी। बाद में वह कलात्मक वस्तुएँ बनाने लगा होगा।
प्रश्न 4.
बाँस के विभिन्न उपयोगों से संबंधित जानकारी देश के किस भू-भाग के संदर्भ में दी गई है? एटलस में देखो।
उत्तर-
बाँस भारत के कई भागों में बहुतायत में होता है। मुख्यतः उत्तर-पूर्वी सात राज्यों में। ये राज्य हैं- अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा। इन राज्यों का पता छात्र स्वयं एटलस में कर सकते हैं।
निबंध से आगे
प्रश्न 1.
बाँस के कई उपयोग इस पाठ में बताए गए हैं लेकिन बाँस के उपयोग का दायरा बहुत बड़ा है। नीचे दिए गए शब्दों की मदद से तुम इस दायरे को पहचान सकते हो-
- संगीत
- मच्छर
- फर्नीचर
- प्रकाशन
- एक नया संदर्भ
उत्तर-
- संगीत- बाँस से संगीत के लिए बाँसुरी एवं शहनाई बनायी जाती है।
- मच्छर- मच्छरदानी लगाने के लिए भी बाँसों की आवश्यकता होती है।
- फ़र्नीचर- बाँस से फ़र्नीचर बनाया जाता है।
- प्रकाशन- प्रकाशन के लिए बाँस से कागज बनाया जाता है।
- एक नया संदर्भ- बाँस से खिलौने, बरतन, मकान, अचार भी बनाया जाता है।
प्रश्न 2.
इस लेख में दैनिक उपयोग की चीजें बनाने के लिए बाँस का उल्लेख प्राकृतिक संसाधन के रूप में हुआ है। नीचे दिए गए प्राकृतिक संसाधनों से दैनिक उपयोग की कौन-कौन सी चीजें बनाई जाती हैं-
इनमें से किन्हीं दो प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए कोई एक चीज़ बनाने का तरीका अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर-
- चमड़ा- जूता, बैग, पर्स, बेल्ट एवं बहुमूल्य वस्तुओं की कवर।
- घास के तिनके- चटाई, खिलौना, टोकरी इत्यादि।
- पेड़ की छाल- कागज़, अगरबत्ती, वस्त्र इत्यादि।
- मिट्टी- बरतन, मकान, खिलौना, गुल्लक इत्यादि।
- गोबर- उपले, घर की लिपाई-पुताई, खाद इत्यादि।
चमड़े को काटकर और घिसकर पर्स तथा थैले बनाए जा सकते हैं। हमें चमड़े को सही आकार में काटना तथा रँगना आना चाहिए।
प्रश्न 3.
जिन जगहों की साँस में बाँस बसा है, अखबार और टेलीविज़न के ज़रिए उन जगहों की कैसी तसवीर तुम्हारे मन में बनती है?
उत्तर-
‘साँस में बाँस होने’ का अर्थ है-बाँस पर पूरी तरह निर्भर होना। हम बाँस उगने व चीजें बनाने वाली जगहों की तसवीरें अखबार और टेलीविज़न में देखते हैं। उनके इलाकों में चारों तरफ़ बाँस के झुरमुट या झाड़ियाँ नज़र आती हैं। लोग बाँस के बने घरों में रहते हैं, बाँस की बनी टोपियाँ पहनते हैं। उनके फ़र्नीचर, बरतन, औज़ार और कुछ खाद्य पदार्थ भी बाँस के बने होते हैं। बाँस पर उनका व्यवसाय चलता है। बाँस की बनी सामग्री वे बाज़ार में बेचते हैं, जैसे-टोकरी, जाल, चटाई, खिलौने आदि। उनके घरों के आसपास बाँस की खपच्चियाँ बिखरी दिखाई देती हैं। वे अधिकतर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बाँस पर निर्भर रहते हैं।
अनुमान और कल्पना
इस पाठ में कई हिस्से हैं जहाँ किसी काम को करने का तरीका समझाया गया है; जैसेछोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है या फिर धीरे-धीरे चलते हुए खींचा जाता है। बाँस की खपच्चियों को इस तरह बाँधा जाता है कि वे शंकु का आकार ले लें। इस शंकु का ऊपरी सिरा अंडाकार होता है। निचले नुकीले सिरे पर खपच्चियाँ एक-दूसरे में गॅथी हुई होती हैं।
इस वर्णन को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अनुमान लगाकर दो। यदि अंदाज लगाने में दिक्कत हो तो आपस में बातचीत करके सोचो-
प्रश्न
(क) बाँस से बनाए गए शंकु के आकार का जाल छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है?
(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है तो नीचे का हिस्सा कैसा दिखाई देता है?
(ग) इस जाल से मछली पकड़ने वालों को धीरे-धीरे क्यों चलना पड़ता है?
उत्तर-
(क) शंकु के आकार वाले अर्थात् बड़े मुँह वाले जाल में अधिक मछलियाँ आ जाती हैं इसलिए बॉस से बनाए गए शंकु के आकार के जाल का उपयोग किया जाता है।
(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है और नीचे का हिस्सा बड़ी परिधिवाला वृत्ताकार दिखाई देता है।
(ग) जाल में मछलियों की संख्या बहुत होती है मछलियों के भार से जाल टूट जाने का डर रहता है इसलिए इस जाल से मछलियों को पकड़ने वालों को धीरे-धीरे चलना पड़ता है। तेज चलने से मछलियाँ जाल में टकराएँगी और वे वापस जलस्रोत की ओर जा सकती हैं।
शब्दों पर गौर
हाथों की कलाकारी घनघोर बारिश बुनाई का सफ़र आड़ा-तिरछा डलियानुमा कहे मुताबिक
इन वाक्यांशों का वाक्यों में प्रयोग करो-
उत्तर-
- हाथों की कलाकारी – बाँस से ज़्यादातर वस्तुओं का निर्माण हाथों की कलाकारी से ही संभव होता है।
- घनघोर बारिश – आज यहाँ सवेरे से घनघोर बारिश हो रही है।
- बुनाई का सफ़र – बाँसों की बुनाई का सफ़र आदिमानव काल से चली आ रही है।
- आड़ा-तिरछा – बाँसों को आड़ा-तिरछा आकार देकर ही अलग-अलग वस्तुओं का निर्माण होता है।
- डलियानुमा – यह डलियानुमा टोकरी काफ़ी उपयोगी है।
- कहे मुताबिक – आपके कहे मुताबिक मैंने अपना गृहकार्य स्वयं कर लिया।
व्याकरण
प्रश्न 1.
‘बनावट’ शब्द ‘बुन’ क्रिया में ‘आवट’ प्रत्यय जोड़ने से बनता है। इसी प्रकार नुकीला, दबाव, घिसाई भी मूल शब्द में विभिन्न प्रत्यय जोड़ने से बने हैं। इन चारों शब्दों में प्रत्ययों को पहचानो और उनसे तीन-तीन शब्द और बनाओ। इन शब्दों का वाक्यों में भी प्रयोग करो-
बुनावट
नुकीला
दबाव
घिसाई
उत्तर-
बुने + ओवट = बुनावट (प्रत्यय = आवट)
- लिखावट- नेहा की लिखावट अच्छी है।
- सजावट- तुम्हारे घर की सजावट बहुत अच्छी है।
- रुकावट- रास्ते में रुकावट है।
नुकीला (प्रत्यय-ईला)
- बरफ़ीला- केदारनाथ काफ़ी बरफ़ीला इलाका है।
- जहरीला- जहरीला भोजन मत करो।
- पथरीला- यह रास्ता पथरीला है।
- चमकीला- उसका कमीज़ काफ़ी चमकीला है।
दबाव (दब + आव) = (प्रत्यर्य-आव)
- बहाव- नदी के पानी का बहाव तेज है।
- ठहराव- उसके जीवन में ठहराव आ गया है।
- जमाव- बारिश के पानी की जमाव देखने लायक है।
पिसाई पिस + आई = (प्रत्यय आई)
- धुनाई- पुलिस ने चोर की अच्छी धुनाई की।
- सफ़ाई- साफ़-सफ़ाई से घर सुंदर लगता है।
- पिसाई- गेहूँ की पिसाई करो।
प्रश्न 2.
नीचे पाठ से कुछ वाक्य दिए गए हैं-
- वहाँ बाँस की चीजें बनाने का चलन भी खूब है।
- हम यहाँ बाँस की एक-दो चीज़ों को ही जिक्र कर पाए हैं।
- मसलन आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है।
- खपच्चियों से तरह-तरह की टोपियाँ भी बनाई जाती हैं।
रेखांकित शब्दों को ध्यान में रखते हुए इन बातों को अलग ढंग से लिखो।
उत्तर-
- वहाँ बाँस की चीजें बनाने की परंपरा भी खूब है।
- हम यहाँ बाँस की एक-दो चीज़ों की ही चर्चा कर पाए हैं।
- उदाहरण के लिए आसन जैसी छोटी-चीजें बनाने के लिए बाँस को हर एक गाँठ से काटा जाता है।
- खपच्चियों से कई प्रकार की टोपियाँ भी बनाई जाती है।
प्रश्न 3.
तर्जनी हाथ की किस उँगली को कहते हैं? बाकी उँगलियों को क्या कहते हैं? सभी उँगलियों के नाम अपनी भाषा में में पता करो और कक्षा में अपने साथियों और शिक्षक को बताओ।
उत्तर-
तर्जनी हाथ के अँगूठे के साथ वाली उँगली को कहते हैं? बाकी उँगलियों को मध्यमा, अनामिका, कनिष्का, अंगुष्ठा कहते हैं।
प्रश्न 4.
अंगुष्ठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा, ये पाँच उँगलियों के नाम हैं। इन्हें पहचानकर सही क्रम में लिखो।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
(क) भारत में बाँस किस प्रांत में अधिक पाया जाता है?
(i) नागालैंड
(ii) असम
(iii) मणिपुर व त्रिपुरा
(iv) उपर्युक्त सभी
(ख) बाँस इकट्ठा करने का मौसम कौन-सा है?
(i) जनवरी से मार्च
(ii) जुलाई से अक्टूबर
(iii) नवंबर एवं दिसंबर
(iv) अप्रैल से जून
(ग) बूढ़ा बाँस कैसा होता है?
(i) नरम
(ii) कमजोर
(iii) सख्त
(iv) लचीला
(घ) चंगकीचंगलनबा थे?
(i) वैज्ञानिक
(ii) लेखक
(iii) जादूगर
(iv) कारीगर
(ङ) ‘साँस-साँस में बाँस’ पाठ में किस राज्य की बात की जा रही है?
(i) मणिपुर
(ii) त्रिपुरा
(iii) असम
(iv) नागालैंड
उत्तर
(क) (iv)
(ख) (ii)
(ग) (iii)
(घ) (iii)
(ङ) (iv)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
भारत में बाँस कहाँ-कहाँ बहुतायत से पाया जाता है?
उत्तर-
बाँस भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सातों राज्यों-अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम व त्रिपुरा में बहुतायत से पाया जाता है। वहाँ के लोग बाँस का भरपूर उपयोग करते हैं। यह वहाँ के लोगों के पालन-पोषण का बहुत बड़ा साधन है।
प्रश्न 2.
बाँस से क्या-क्या चीजें बनाई जाती हैं?
उत्तर-
बाँस से चटाइयाँ, टोकरियाँ, बरतन, बैलगाड़ियाँ, फ़र्नीचर, खिलौने, सजावटी सामान, जाल, मकान, पुल आदि चीजें बनाई जाती हैं?
प्रश्न 3.
खपच्चियाँ बनाने के लिए किस प्रकार के बाँसों की आवश्यकता होती है?
उत्तर-
खपच्चियाँ ऐसे बाँसों से बनायी जाती हैं जो सख्त न हों, क्योंकि सख्त बाँस टूट जाते हैं। बूढ़े बाँस सख्त होते हैं। एक से तीन वर्ष की उम्र वाले बाँस लचीले होते हैं। ऐसे बाँस खपच्चियाँ बनाने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।
प्रश्न 4.
बूढ़े बाँस की क्या पहचान है?
उत्तर-
तीन साल से अधिक आयु का बाँस बूढ़ा माना जाता है। बूढ़ा बाँस सख्त होता है जिसके कारण बहुत जल्दी टूट जाता है।
लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
जादूगर चंगकीचंगलनबा की कब्र के साथ क्या किस्सा जुड़ा है?
उत्तर-
एक जादूगर थे-चंगकीचंगलनबा। अपने जीवन में उन्होंने कई बड़े-बड़े करतब दिखलाए। जब वे मरने को हुए तो लोगों से बोले, मुझे दफ़नाए जाने के छठे दिन मेरी कब्र खोदकर देखोगे तो कुछ नया-सा पाओगे। कहा जाता है कहे मुताबिक मौत के छठे दिन उनकी कब्र खोदी गई और उसमें से निकले बाँस की टोकरियों के कई सारे डिज़ाइन। लोगों ने उन्हें देखा, पहले उनकी नकल की और फिर नई डिज़ाइने भी बनाई।
प्रश्न 2.
बाँस की बुनाई कैसे होती है?
उत्तर-
बाँस की बुनाई वैसी ही होती है जैसे कोई और बुनाई। पहले खपच्चियों को आड़ा-तिरछा रखा जाता है, फिर बाने को। बारी-बारी से ताने से ऊपर-नीचे किया जाता है। इससे चेक का डिजाइन बनता है। पलंग की निवाड़ की बुनाई की तरह। टोकरी के सिरे पर खपच्चियों को या तो चोटी की तरह गूंथ लिया जाता है या फिर कटे सिरों को नीचे की ओर मोड़कर फँसा दिया जाता है।
प्रश्न 3.
खपच्चियों को किस प्रकार से रंगा जाता है?
उत्तर-
खपच्चियों को गुड़हल के फूलों व इमली की पत्तियों आदि के रस से रंगा जाता है। काले रंग के लिए खपच्चियों को आम की छाल में लपेटकर मिट्टी में दबाकर रखा जाता है।
प्रश्न 4.
किस मौसम में लोगों के पास खाली वक्त होता है? ऐसे मौसम में वे क्या करते हैं?
उत्तर-
जुलाई से अक्टूबर के महीनों में खूब वर्षा होती है। बारिश के इस मौसम में लोगों के पास बहुत खाली समय होता है। इस समय में लोग जंगलों में बाँस इकट्ठा कर सकते हैं।
प्रश्न 5.
खपच्चियों को तैयार करने में किस बात का ध्यान रखा जाता है?
उत्तर-
खपच्चियों के लिए ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिनमें गाँठ-गाँठ दूर-दूर होती है। दाओ यानी चौड़े चाँद जैसी फाल वाले चाकू से इन्हें छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैं। खपच्चियों की लंबाई पहले से ही तय कर ली जाती है; जैसे-आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है। येकरी बनाने के लिए लगभग दो या तीन गठानों वाली लंबी खपच्चियाँ काटी जाती हैं। यह इस बात पर निर्भर करती है कि टोकरी की लंबाई कितनी है।
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