घर की याद Class 11 Aroh Chapter 15 Question Answer
कविता के साथ
प्रश्न 1: पानी के रात भर गिरने और प्राण-मन के धिरने में परस्पर क्या संबंध है?
उत्तर –‘घर की याद’ का आरंभ इसी पंक्ति से होता है कि ‘आज पानी गिर रहा है। इसी बात को कवि कई बार अलग-अलग ढंग से कहता है-‘बहुत पानी गिर रहा है’, ‘रात भर गिरता रहा है। भाव यह है कि सावन की झड़ी के साथ-साथ ‘घर की यादों’ से कवि का मन भर आया है। प्राणों से प्यारे अपने घर को, एक-एक परिजन को, माता-पिता को याद करके उसकी आँखों से भी पानी गिर रहा है। वह कहता है कि ‘घर नज़र में तैर रहा है। बादलों से वर्षा हो रही है और यादों से घिरे मन का बोझ कवि की आँखों से बरस रहा है।
प्रश्न 2: मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को ‘परिताप का घर’ क्यों कहा है?
उत्तर –कवि ने बहन के लिए घर को परिताप का घर कहा है। बहन मायके में अपने परिवार वालों से मिलने के लिए खुशी से आती है। वह भाई-बहनों के साथ बिताए हुए क्षणों को याद करती है। घर पहुँचकर जब उसे पता चलता है कि उसका एक भाई जेल में है तो वह बहुत दुखी होती है। इस कारण कवि ने घर को परिताप का घर कहा है।
प्रश्न 3: पिता के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं को उकेरा गया है?
उत्तर –कवि अपने पिता की निम्नलिखित विशेषताएँ बताता है –
1. उनके पिता को वृद्धावस्था कभी कमजोर नहीं कर पाई।
2. वे फुर्तीले हैं कि आज भी दौड़ लगा सकते हैं।
3. खिलखिलाकर हँस सकते हैं।
4. वे इतने उत्साही हैं कि मौत के सामने भी हिचकिचा नहीं सकते।
5. उनमें इतना साहस है कि वे शेर के सामने भी भयभीत नहीं होंगे। उनकी आवाज़ मानो बादलों की गर्जना है।
6. हर काम को तूफ़ान की रफ्तार से करने की उनमें अद्भुत क्षमता है।
7. वे गीता का पाठ करते हैं और आज भी 260 (दो सौ साठ) तक दंड पेलते हैं, मुगदर (व्यायाम करने का मजबूत भारी लकड़ी का यंत्र) घुमाते हैं।
8. आँखों में जल भर दिया है। वे भावुक भी हैं।
प्रश्न 4: निम्नलिखित पंक्तियों में ‘बड्स’ शब्द के प्रयोग की विशेषता बताइए-
मैं मजे में हूँ सही है
घर नहीं हूँ बस यही है
किंतु यह बस बड़ा बस है।
इसी बस से सब विरस हैं।
उत्तर –कवि ने बस शब्द का लाक्षणिक प्रयोग किया है। पहली बार के प्रयोग का अर्थ है कि वह केवल घर पर ही नहीं है। दूसरे प्रयोग का अर्थ है कि वह घर से दूर रहने के लिए विवश है। तीसरा प्रयोग उसकी लाचारी व विवशता को दर्शता है। चौथे बस से कवि के मन की व्यथा प्रकट होती है जिसके कारण उसके सारे सुख छिन गए हैं।
प्रश्न 5: कविता की अंतिम 12 पंक्तियों को पढ़कर कल्पना कीजिए कि कवि अपनी किस स्थिति व मन:स्थिति को अपने परिजनों से छिपाना चाहता है?
उत्तर –इन पंक्तियों में कवि स्वाधीनता आंदोलन का वह सेनानी है जो जेल की यातना झेलकर भी यातनाओं की जानकारी अपने परिवार के लोगों को इसलिए नहीं देना चाहता है, क्योंकि इससे वे दुखी होंगे। कवि कहता है कि हे सावन ! उन्हें मत बताना कि मैं अस्त हूँ। यहाँ जैसा दुखदायी माहौल है उसकी जानकारी मेरे घरवालों को मत देना। उन्हें यह मत बताना । कि मैं ठीक से सो भी नहीं पाता और मनुष्य से भागता हूँ। कहीं उन्हें यह मत बताना कि जेल की यातनाओं से मैं मौन हो गया हूँ, कुछ नहीं बोलता। मैं स्वयं यह नहीं समझ पा रहा कि मैं कौन हूँ? अर्थात् देश-प्रेम अपराध की सजा? कहीं ऐसा न हो कि मेरे माता-पिता को शक हो जाए कि मैं दुखी हूँ और वे मेरे लिए रोने लगें हे सावन! तुम बरस लो जितना बरसना है, पर मेरे माता-पिता को रोना न पड़े। अपने पाँचवें पुत्र के लिए वे न तरसे अर्थात् वे हर हाल में खुश रहें। कवि उन्हें ऐसा कोई संदेश नहीं देना चाहता जो दुख का कारण बने।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1: ‘घर की याद’ कविता का प्रतिपादय लिखिए।
उत्तर –इस कविता में घर के मर्म का उद्घघाटन है। कवि को जेल-प्रवास के दौरान घर से विस्थापन की पीड़ा सालती है। कवि के स्मृति-संसार में उसके परिजन एक-एक कर शामिल होते चले जाते हैं। घर की अवधारणा की सार्थक और मार्मिक याद कविता की केंद्रीय संवेदना है। सावन के बादलों को देखकर कवि को घर की याद आती है। वह घर के सभी सदस्यों को याद करता है। उसे अपने भाइयों व बहनों की याद आती है। उसकी बहन भी मायके आई होगी। कवि को अपनी अनपढ़, पुत्र के दुख से व्याकुल, परंतु स्नेहमयी माँ की याद आती है। वह सावन को दूत बनाकर अपने माता-पिता के पास अपनी कुशलक्षेम पहुँचाने का प्रयास करता है ताकि कवि के प्रति उनकी चिंता कम हो सके।
प्रश्न 2: पिता कवि को ‘सोने पर सुहागा’ क्यों कहते हैं?
उत्तर –पिता कवि से बहुत स्नेह करते थे। पिता की इच्छा से ही कवि ने स्वयं को देश-सेवा के लिए अर्पित किया था। जिसकी वजह से वह आज जेल में था। उसने परिवार का नाम रोशन किया। इन कारणों से पिता ने कवि को सोने पर सुहागा कहा।
प्रश्न 3: उम्र बड़ी होने पर भी पिता को बुढ़ापा क्यों नहीं छू पाया था?
उत्तर –कवि के पिता की आयु अधिक थी, परंतु वे सरल स्वभाव के थे। निरंतर व्यायाम करते थे और दौड़ लगाते थे। वे खूब काम करते थे तथा निर्भय रहते थे। इस कारण उन्हें बुढ़ापा छू नहीं पाया था।
प्रश्न 4: ‘देखना कुछ बक न देना’ के स्थान पर ‘देखना कुछ कह न देना’ के प्रयोग से काव्य-सौंदर्य में क्या अंतर आ जाता?
उत्तर –कवि यदि ‘बक’ शब्द के स्थान पर ‘कह’ शब्द रख देता तो कथन का विशिष्ट अर्थ समाप्त हो जाता। ‘बकना’ शब्द खीझ को प्रकट करता है। ‘कहना’ सामान्य शब्द है। अत: ‘बक’ शब्द अधिक सटीक है।
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