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MCQ Questions for Class 8 Hindi: Ch 12 सुदामा चरित Vasant
1. निम्नलिखित में से उचित शब्द भरकर पूर्ति कीजिए- ‘चोरी की बान में हौ जू _________।
(क) अधीने
(ख) प्रवीने
(ग) नवीने
(घ) प्राचीने
► (ख) प्रवीने
2. सुदामा कहाँ जा रहे थे?
(क) मंदिर
(ख) अपनी पत्नी के गाँव
(ग) अपने मित्र कृष्ण के पास
(घ) अपने पिता जी से मिलने
► (ग) अपने मित्र कृष्ण के पास
3. इस कविता के रचयिता हैं?
(क) सूरदास
(ख) मतीनदास
(ग) नरोत्तम दास
(घ) नर्ददास
► (ग) नरोत्तम दास
4. श्रीकृष्ण ने सुदामा की दशा कैसी देखी?
(क) दयनीय
(ख) ठीक-ठाक
(ग) हीन
(घ) अच्छी
► (क) दयनीय
5. सुदामा ने द्वारका पहुँचकर निम्नलिखित में से किसका धाम पूछा था?
(क) यशोदा का
(ख) नंद का
(ग) स्याम का
(घ) कंस का
► (ग) स्याम का
6. सुदामा की पत्नी ने उपहारस्वरूप पोटली में कुछ दिया था। उस पोटली में निम्नलिखित में से क्या था?
(क) तंदुल
(ख) मिष्ठान
(ग) चने
(घ) इनमें से कोई नहीं
► (क) तंदुल
7. द्वार पर खड़े व्यक्ति की धोती कैसी थी?
(क) पीतांबरी
(ख) फटी सी
(ग) रंगीन
(ग) सफ़ेद
► (ख) फटी सी
8. ‘वाही पठयो ठेलि’ इस पंक्ति में ‘वाही’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?
(क) कृष्ण के लिए
(ख) रुक्मणी के लिए
(ग) गोपियों के लिए
(घ) सुदामा की पत्नी के लिए
► (घ) सुदामा की पत्नी के लिए
9. श्रीकृष्ण ने सुदामा के पाँव कैसे धोए?
(क) परात में जल लेकर
(ख) अपने अश्रु से
(ग) साबुन से
(घ) गंगाजल से
► (ख) अपने अश्रु से
10. निम्नलिखित में से किसके कारण सुदामा बेहाल हो रहे थे?
(क) चर्म रोग के कारण
(ख) बिवाइयों के कारण
(ग) क्षय रोग के कारण
(घ) अस्थि रोग के कारण
► (ख) बिवाइयों के कारण
11. सुदामा ने चावलों की पोटली कहाँ रखी हुई थी?
(क) काँख में
(ख) बैग में
(ग) हाथ में
(घ) गट्ठरी में
► (क) काँख में
12. ‘प्रभु! जाने को आहि’ कविता की इस प्रथम पंक्ति में ‘प्रभु’ के माध्यम से किसे संबोधित किया गया है?
(क) इंद्र को
(ख) राम को
(ग) भगवान को
(घ) श्री कृष्ण को
► (घ) श्री कृष्ण को
13. घर-घर कर ओड़त फिरे’ के अनुसार कृष्ण निम्न-लिखित में से किसके लिए कर ओड़ते फिरते थे?
(क) दूध के लिए,
(ख) दही के लिए,
(ग) मक्खन के लिए,
(घ) घी के लिए,
► (ख) दही के लिए,
14. कृष्ण ने सुदामा दवारा लाए गए, उपहार को निम्नलिखित में से किसमें भीना हुआ बताया है?
(क) आम रस में
(ख) सोम रस में
(ग) सुधा रस में
(घ) इनमें से कोई नहीं
► (ग) सुधा रस में
सुदामा चरित प्रश्न-अभ्यास (महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर )
प्रश्न 1 – सुदामा की दीनदशा देखकर श्रीकृष्ण की क्या मनोदशा हुई? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – सुदामा की हालत देखकर श्रीकृष्ण को बहुत दुख हुआ। दुख के कारण श्री कृष्ण की आँखों से आँसू बहने लगे। उन्होंने सुदामा के पैरों को धोने के लिए पानी मँगवाया। परन्तु उनकी आँखों से इतने आँसू निकले कि उन्ही आँसुओं से सुदामा के पैर धुल गए।
प्रश्न 2 – “पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए।” पंक्ति में वर्णित भाव का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर – प्रस्तुत दोहे में यह कहा गया है कि श्रीकृष्ण ने अपने बालसखा सुदामा के आगमन पर उनके पैरों को धोने के लिए परात में पानी मंगवाया परन्तु सुदामा की दुर्दशा देखकर उनको इतना कष्ट हुआ कि आँसुओं से ही सुदामा के पैर धुल गए। अर्थात् परात में लाया गया जल व्यर्थ हो गया।
प्रश्न 3 – “चोरी की बान में हौ जू प्रवीने।”
(क) उपर्युक्त पंक्ति कौन, किससे कह रहा है?
(ख) इस कथन की पृष्ठभूमि स्पष्ट कीजिए।
(ग) इस उपालंभ (शिकायत) के पीछे कौन-सी पौराणिक कथा है?
उत्तर –
(क) यहाँ श्रीकृष्ण अपने बालसखा सुदामा से कह रहे हैं कि तुम्हारी चोरी करने की आदत या छुपाने की आदत अभी तक गई नहीं। लगता है इसमें तुम पहले से अधिक कुशल हो गए हो।
(ख) सुदामा की पत्नी ने श्रीकृष्ण के लिए भेंट स्वरूप कुछ चावल भिजवाए थे। संकोचवश सुदामा श्रीकृष्ण को यह भेंट नहीं दे पा रहे हैं। क्योंकि कृष्ण अब द्वारिका के राजा हैं और उनके पास सब सुख-सुविधाएँ हैं। परन्तु श्रीकृष्ण सुदामा पर दोषारोपण करते हुए इसे चोरी कहते हैं और कहते हैं कि चोरी में तो तुम पहले से ही निपुण हो।
(ग) इस शिकायत के पीछे एक पौरोणिक कथा है। जब श्रीकृष्ण और सुदामा आश्रम में अपनी-अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। उस समय एक दिन वे जंगल में लकड़ियाँ चुनने जाते हैं। गुरूमाता ने उन्हें रास्ते में खाने के लिए चने दिए थे। सुदामा श्रीकृष्ण को बिना बताए चोरी से चने खा लेते हैं। उसी चोरी की तुलना करते हुए श्रीकृष्ण सुदामा को दोष देते हैं।
प्रश्न 4 – द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा मार्ग में क्या-क्या सोचते जा रहे थे? वह कृष्ण के व्यवहार से क्यों खीझ रहे थे? सुदामा के मन की दुविधा को अपने शब्दों में प्रकट कीजिए।
उत्तर – द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा का मन बहुत दुखी था। वे कृष्ण द्वारा अपने प्रति किए गए व्यवहार के बारे में सोच रहे थे कि जब वे कृष्ण के पास पहुँचे तो कृष्ण ने आनन्द पूर्वक उनका आतिथ्य सत्कार किया था। क्या वह सब दिखावटी था?
वे कृष्ण के व्यवहार से खीझ रहे थे क्योंकि केवल आदर-सत्कार करके ही श्रीकृष्ण ने सुदामा को खाली हाथ भेज दिया था। वे तो कृष्ण के पास जाना ही नहीं चाहते थे। परन्तु उनकी पत्नी ने उन्हें जबरदस्ती मदद पाने के लिए कृष्ण के पास भेजा। उन्हें इस बात का पछतावा भी हो रहा था कि माँगे हुए चावल जो कृष्ण को देने के लिए भेंट स्वरूप लाए थे, वे भी हाथ से निकल गए और कृष्ण ने उन्हें कुछ भी नहीं दिया।
प्रश्न 5 – अपने गाँव लौटकर जब सुदामा अपनी झोंपड़ी नहीं खोज पाए तब उनके मन में क्या-क्या विचार आए? कविता के आधर पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – द्वारका से लौटकर सुदामा जब अपने गाँव वापस आएँ तो अपनी झोंपड़ी के स्थान पर बड़े-बड़े भव्य महलों को देखकर सबसे पहले तो उनका मन भ्रमित हो गया कि कहीं वे घूम फिर कर वापस द्वारका ही तो नहीं चले आए। फिर सबसे पूछते फिरते हैं तथा अपनी झोपड़ी को ढूँढ़ने लगते हैं।
प्रश्न 6 – निर्धनता के बाद मिलने वाली संपन्नता का चित्रण कविता की अंतिम पंक्तियों में वर्णित है। उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – निर्धनता के बाद श्रीकृष्ण की कृपा से सुदामा को धन-सम्पदा मिलती है। जहाँ सुदामा की टूटी-फूटी सी झोंपड़ी हुआ करती थी, वहाँ अब स्वर्ण भवन शोभित है। कहाँ पहले पैरों में पहनने के लिए चप्पल तक नहीं थी और अब पैरों से चलने की आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि अब घूमने के लिए हाथी घोड़े हैं, पहले सोने के लिए केवल यह कठोर भूमि थी और आज कोमल सेज पर नींद नहीं आती है, कहाँ पहले खाने के लिए चावल भी नहीं मिलते थे और आज प्रभु की कृपा से खाने को किशमिश-मुनक्का भी उप्लब्ध हैं। परन्तु वे अच्छे नहीं लगते।
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