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NCERT Important Questions & MCQs Class 6th Hindi -वसंत, भाग 1
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Chapter - 12 संसार पुस्तक है
MCQs Questions with Answers
Question 1.
“संसार पुस्तक है’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(a) प्रेमचंद
(b) विनय महाजन
(c) पं० जवाहरलाल नेहरू
(d) कृष्णा सोबती
Answer
Answer: (c) पं० जवाहरलाल नेहरू
Question 2.
नेहरू जी ने यह पत्र किसको लिखा था?
(a) भारत के बच्चों को
(b) अपनी पुत्री इंदिरा को
(c) भारत के साहित्यकारों को
(d) धार्मिक नेताओं को
Answer
Answer: (b) अपनी पुत्री इंदिरा को
Question 3.
लेखक के पत्रों का संकलन किस नाम से है?
(a) भारत एक खोज
(b) संसार पुस्तक है
(c) संसार एक रंग-मंच
(d) पिता के पत्र पुत्री के नाम
Answer
Answer: (d) पिता के पत्र पुत्री के नाम
Question 4.
लेखक ने प्रकृति के अक्षर किसे कहा है?
(a) पहाड़ों को
(b) नदी और मैदानों को
(c) पक्षियों और पेड़ों को
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 5.
किसी भाषा को सीखने के लिए सबसे पहले क्या सीखना होता है?
(a) वर्ण
(b) शब्द
(c) वाक्य
(d) शब्दांश
Answer
Answer: (d) शब्दांश
(1)
जब तुम मेरे साथ रहती हो तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो और मैं उनका जवाब देने की कोशिश करता हूँ, लेकिन अब, जब तुम मसूरी में हो और मैं इलाहाबाद में, हम दोनों उस तरह बातचीत नहीं कर सकते। इसलिए मैंने इरादा किया है कि कभी-कभी तुम्हें इस दुनिया की और उन छोटे-बड़े देशों की जो इस दुनिया में हैं, छोटी-छोटी कथाएँ लिखा करूँ।
Question 1.
इस पाठ के लेखक हैं
(a) महात्मा गांधी
(b) सुमित्रानंदन पंत
(c) नेहरू जी
(d) इंदिरा गांधी
Answer
Answer: (c) नेहरू जी
Question 2.
ऊपर लिखे गद्यांशों में ‘तुम’ का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
(a) इंदिरा गांधी के लिए
(b) महादेवी वर्मा के लिए
(c) सुभद्रा कुमारी चौहान
(d) स्वयं लेखक ने अपने लिए
Answer
Answer: (a) इंदिरा गांधी के लिए
Question 3.
मसूरी में कौन है?
(a) लेखक
(b) इंदिरा
(c) लेखक का मित्र
(d) लेखक का भाई
Answer
Answer: (b) इंदिरा
(2)
यह तो तुम जानती ही हो कि यह धरती लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है और बहुत दिनों तक इसमें कोई आदमी न था। आदमियों से पहले सिर्फ जानवर थे और जानवरों से पहले एक ऐसा समय था जब इस धरती पर कोई जानदार चीज़ न थी। आज जब यह दुनिया हर तरह के जानवरों और आदमियों से भरी हुई है, उस ज़माने का ख्याल करना भी मुश्किल है, जब यहाँ कुछ न था।
Question 1.
यह धरती कितनी पुरानी है?
(a) पच्चीस हज़ार वर्ष
(b) पचास हज़ार वर्ष
(c) एक करोड़ वर्ष
(d) लाखों करोड़ों वर्ष
Answer
Answer: (d) लाखों करोड़ों वर्ष
Question 2.
यह धरती पहले कैसी थी?
(a) बेहद सर्द
(b) बेहद गरम
(c) पानी से भरी
(d) कठोर
Answer
Answer: (b) बेहद गरम
Question 3.
पहले धरती पर कोई जानदार चीज़ क्यों नहीं थी?
(a) क्योंकि धरती उपजाऊ नहीं थी
(b) क्योंकि धरती जीवन के अनुकूल नहीं थी
(c) क्योंकि धरती बहुत गरम थी
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं
(3)
लेकिन जो कहानी किसी बात को देखे बिना ही गढ़ ली जाए वह ठीक कैसे हो सकती है? लेकिन खुशी की बात है कि उस पुराने जमाने की लिखी हुई किताबें न होने पर भी कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनसे हमें उतनी ही बातें मालूम होती हैं जितनी किसी किताब से होतीं। ये पहाड़, समुद्र, सितारे, नदियाँ, जंगल, जानवरों की पुरानी हड्डियाँ और इसी तरह की और भी कितनी ही चीजें हैं, जिनसे हमें दुनिया का पुराना हाल मालूम हो सकता है। मगर हाल जानने का असली तरीका यह नहीं है कि हम केवल दूसरों की लिखी हुई किताबें पढ़ लें बल्कि खुद संसार-रूपी पुस्तक को पढ़ें। मुझे आशा है कि पत्थरों और पहाड़ों को पढ़कर तुम थोड़े ही दिनों में उनका हाल जानना सीख जाओगी। सोचो, कितनी मज़े की बात है। एक छोटा-सा रोड़ा जिसे तुम सड़क पर या पहाड़ के नीचे पड़ा हुआ देखती हो, शायद संसार की पुस्तक का छोटा-सा पृष्ठ हो, शायद उससे तुम्हें कोई नई बात मालूम हो जाए। शर्त यही है कि तुम्हें उसे पढ़ना आता हो।
Question 1.
इस पाठ के लेखक हैं
(a) साहिर लुधियानवी
(b) सुंदरा रामस्वामी
(c) जवाहर लाल नेहरू
(d) विष्णु प्रभाकर
Answer
Answer: (d) विष्णु प्रभाकर
Question 2.
बिना किसी को देखे गढ़ी गई कहानी कैसी होती है?
(a) सत्य
(b) काल्पनिक
(c) झूठी
(d) यथार्थ
Answer
Answer: (b) काल्पनिक
Question 3.
हमें पुरानी दुनिया का हाल किन चीज़ों से पता चलता है?
(a) पहाड़, हड्डियों समुद्र और तारों से
(b) नदियों और जंगलों से
(c) जानवरों की पुरानी हड्डियों
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
(4)
कोई ज़बान, उर्दू, हिंदी या अंग्रेजी सीखने के लिए तुम्हें उसके अक्षर सीखने होते हैं। इसी तरह पहले तुम्हें प्रकृति के अक्षर पढ़ने पड़ेंगे, तभी तुम उसकी कहानी उसके पत्थरों और चट्टानों की किताब से पढ़ सकोगी। शायद अब भी तुम उसे थोड़ा-थोड़ा पढ़ना जानती हो। जब तुम कोई छोटा-सा गोल चमकीला रोड़ा देखती हो, तो क्या वह तुम्हें कुछ नहीं बतलाता? यह कैसे गोल, चिकना और चमकीला हो गया और उसके खुरदरे किनारे या कोने क्या हुए?
Question 1.
किसी भी भाषा को सीखने के लिए क्या सीखना पड़ता है?
(a) वाक्य
(b) अक्षर
(c) शब्द
(d) व्याकरण
Answer
Answer: (b) अक्षर
Question 2.
प्रकृति के अक्षर हमें कहाँ से मिलते हैं?
(a) पुस्तकों से
(b) पत्थरों और चट्टानों से
(c) वृक्षों से
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) पत्थरों और चट्टानों से
Question 3.
चमकीला पत्थर पहले कैसा रहा होगा?
(a) छोटा तथा कम चमकीला
(b) बड़ा या नुकीला
(c) छोटा तथा चमकदार
(d) बराबर तथा अधिक चमकीला
Answer
Answer: (b) बड़ा या नुकीला
(5)
इसलिए मैंने इरादा किया है कि कभी-कभी तुम्हें इस दुनिया की और उन छोटे-बड़े देशों की जो इस दुनिया में हैं, छोटी-छोटी कथाएँ लिखा करूँ। तुमने हिंदुस्तान और इंग्लैड का कुछ हाल इतिहास में पढ़ा है लेकिन इंग्लैंड केवल एक छोटा-सा टापू है और हिंदुस्तान, जो एक बहुत बड़ा देश है, फिर भी दुनिया का एक छोटा-सा हिस्सा है। अगर तुम्हें इस दुनिया का कुछ हाल जानने का शौक है, तो तुम्हें सब देशों का और उन सब जातियों का जो इसमें बसी हुई हैं, ध्यान रखना पड़ेगा, केवल उस एक छोटे-से देश का नहीं जिसमें तुम पैदा हुई हो।
Question 1.
पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
Answer
Answer:
पाठ का नाम-संसार पुस्तक है
लेखक का नाम-जवाहरलाल नेहरू
Question 2.
यह बात कौन, किसको लिख रहा है?
Answer
Answer: यह बात लेखक पं० जवाहरलाल नेहरू अपनी पुत्री इंदिरा को इलाहाबाद से लिख रहे हैं।
Question 3.
लेखक ने क्या इरादा किया है?
Answer
Answer: लेखक का इरादा है कि वे अपनी पुत्री इंदिरा को संसार के छोटे-बड़े देशों की छोटी-छोटी कथाएँ लिखा करें।
(6)
मुझे मालूम है कि इन छोटे-छोटे खतों में बहुत थोड़ी-सी बातें ही बतला सकता हूँ लेकिन मुझे आशा है कि इन थोड़ी-सी बातों को भी तुम शौक से पढ़ोगी और समझोगी कि दुनिया एक है और दूसरे लोग जो इसमें आबाद हैं, हमारे भाई-बहन हैं। जब तुम बड़ी हो जाओगी तो तुम दुनिया और उसके आदमियों का हाल मोटी-मोटी किताबों में पढोगी। उसमें तुम्हें जितना आनंद मिलेगा, उतना किसी कहानी या उपन्यास में भी न मिला होगा।
Question 1.
किसे, क्या मालूम है?
Answer
Answer: लेखक को यह मालूम है कि छोटे-छोटे पत्रों में थोड़ी-सी बातें बताई जा सकती हैं।
Question 2.
छोटे-छोटे पत्र किसके द्वारा किसे लिखा जा रहा है?
Answer
Answer: छोटे-छोटे पत्र पिता जवाहरलाल नेहरू द्वारा अपनी पुत्री इंदिरा को लिखा जा रहा है।
Question 3.
लेखक क्या उम्मीद कर रहा है?
Answer
Answer: लेखक नेहरू जी को उम्मीद है कि उनकी पुत्री इंदिरा पत्र शौक से पढ़ेगी।
(7)
मगर हाल जानने का असली तरीका यह नहीं है कि हम केवल दूसरों की लिखी हुई किताबें पढ़ लें, बल्कि खुद संसार-रूपी पुस्तक को पढ़ें। मुझे आशा है कि पत्थरों और पहाड़ों को पढ़कर तुम थोड़े ही दिनों में उनका हाल जानना सीख जाओगी। सोचो, कितनी मज़े की बात है। एक छोटा-सा रोड़ा जिसे तुम सड़क पर या पहाड़ के नीचे पड़ा हुआ देखती हो, शायद संसार की पुस्तक का छोटा-सा पृष्ठ हो, शायद उससे तुम्हें कोई नई बात मालूम हो जाए। शर्त यही है कि तुम्हें उसे पढ़ना आता हो।
Question 1.
संसार को पुस्तक क्यों कहा गया है?
Answer
Answer: संसार को पुस्तक इसलिए कहा गया है, क्योंकि संसार की प्रत्येक छोटी-बड़ी चीज़ ज्ञान से भरी है। बस उसे पढ़ने की आवश्यकता है।
Question 2.
संसार का हाल जानने का असली तरीका कौन-सा है?
Answer
Answer: लेखक का विचार है कि दूसरों की लिखी किताबों से संसार का हाल नहीं जाना जा सकता। हाल जानने का असली तरीका है, स्वयं संसार रूपी पुस्तक को पढ़कर ही हाल जाना जा सकता है।
Question 3.
एक छोटा-सा रोड़ा हमें क्या बता सकता है?
Answer
Answer: एक छोटे-से रोड़े से दुनिया को नई-नई बातों की जानकारी मिलती है, लेकिन उसे पढ़ना आता हो यानी उसकी स्थिति को जानने का प्रयत्न करें तो नई जानकारियाँ हासिल कर सकते हैं।
(8)
जब तुम कोई छोटा-सा गोल चमकीला रोड़ा देखती हो, तो क्या वह तुम्हें कुछ नहीं बतलाया? यह कैसे गोल, चिकना और चमकीला हो गया और उसके खुरदरे किनारे या कोने क्या हुए? अगर तुम किसी बड़ी चट्टान को तोड़कर टुकड़े-टुकड़े कर डालो तो हर एक टुकड़ा खुरदरा और नोकीला होगा। यह गोल चिकने रोड़े की तरह बिलकुल नहीं होता। फिर यह रोड़ा कैसे इतना चमकीला, चिकना और गोल हो गया? अगर तुम्हारी आँखें देखें और कान सुनें तो तुम उसी के मुँह से उसकी कहानी सुन सकती हो। वह तुमसे कहेगा कि एक समय, जिसे शायद बहुत दिन गुज़रे हों, वह भी एक चट्टान का टुकड़ा था।
Question 1.
किसी छोटे-से चमकीले रोड़े से क्या पता चलता है?
Answer
Answer: किसी छोटे से चमकीले रोड़े से पता चलता है कि वह भी कभी चट्टान का टुकड़ा था। धीरे-धीरे उसके रूप में परिवर्तन हुआ और वह गोल, चमकीला एवं चिकना हो गया।
Question 2.
छोटे-से गोल, चमकीले रोड़े की कहानी जानने के लिए क्या आवश्यक है?
Answer
Answer: छोटे-से गोल, चमकीले रोड़े की कहानी जानने के लिए आवश्यक है कि हमारी आँखें उसे अच्छी तरह से देखने में समर्थ हो, कान उसकी कहानी सुन सके। संभव हो तो पत्थर (रोड़े) के मुँह से उसकी कहानी सुनी जा सकती है।
Question 3.
चट्टान के टुकड़े कैसे होते हैं?
Answer
Answer: चट्टान के टुकड़े खुरदरे और नुकीले होते हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
पत्र से
प्रश्न 1.
लेखक ने ‘प्रकृति के अक्षर’ किन्हें कहा है?
उत्तर-
लेखक ने पेड़-पौधों, पत्थरों, नदियों, जंगलों, हड्डियों आदि प्राकृतिक चीजों को प्रकृति के अक्षर कहा है।
प्रश्न 2.
लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती कैसी थी?
उत्तर-
लाखों-करोड़ों वर्ष पूर्व हमारी धरती बहुत गर्म थी। इस पर कोई जीव जीवित नहीं रह सकता था।
प्रश्न 3.
दुनिया का पुराना हाल किन चीज़ों से जाना जाता है? कुछ चीज़ों के नाम लिखो।
उत्तर-
दुनिया का पुराना हाल पहाड़, समुद्र,नदियाँ, जंगल के जानवरों की पुरानी हड्डियों, पत्थर के टुकड़ों से जाना जाता है।
प्रश्न 4.
गोल, चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?
उत्तर-
गोल और चमकीला दिखाई देने वाला रोड़ा पहले ऐसा नहीं था। पहले वह चट्टान का टूटा हुआ नोकीला खुरदरा टुकड़ा था। बारिश के पानी में बहकर वह छोटी घाटी तक आया। पानी के साथ निरंतर ढकेले जाने के कारण उसके कोण घिसकर गोल और चमकदार बन गए।
प्रश्न 5.
गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो क्या होता? विस्तार से उत्तर लिखो।
उत्तर-
गोल, चमकीले रोड़े को अगर दरिया और आगे ले जाता तो वह छोटा होते-होते अंत में बालू का एक कण बन जाता और समुद्र के किनारे पहुँच कर अपने जैसे ही रेत के अन्य कणों में मिल जाता। जहाँ एक सुंदर बालू का किनारा बन जाता जिस पर छोटे-छोटे बच्चे खेलते और बालू के घरौंदे बनाते। लोग उस रेत को विभिन्न कामों में प्रयोग करते।
प्रश्न 6.
नेहरू जी ने इस बात का हलका-सा संकेत दिया है कि दुनिया कैसे शुरू हुई होगी? उन्होंने क्यों बताया है? पाठ के आधार पर लिखो।
उत्तर-
नेहरू जी ने बताया है कि यह पृथ्वी लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है। यह पृथ्वी बहुत गरम थी। इस पर कोई जानदार चीज़ नहीं रह सकती थी। पहले यहाँ न कोई आदमी था, न जानवर। करोड़ों वर्षों में जाकर धरती ठंडी हुई फिर धीरे-धीरे इस पर वनस्पतियाँ पैदा होने लगीं। फिर छोटे-छोटे जीव-जंतु पैदा हुए और फिर मनुष्य। इस तरह दुनिया की शुरुआत हुई।
पत्र से आगे
प्रश्न 1.
लगभग हर जगह दुनिया की शुरुआत को समझाती हुई कहानियाँ प्रचलित हैं। तुम्हारे यहाँ कौन-सी कहानी प्रचलित है?
उत्तर-
हमारे यहाँ यह कहानी प्रचलित है कि यह धरती पहले सूर्य का ही अंग थी। अंतरिक्ष में आए किसी परिवर्तन के कारण यह सूर्य से अलग हो गई। यह भी सूर्य की तरह आग का गोला था। करोड़ों वर्षों में जाकर यह ठंडी हुई फिर इस पृथ्वी पर वनस्पतियाँ पैदा होने लगीं। इसके बाद ही जानवर और इंसान अस्तित्व में आए। दूसरी कहानी प्रचलित है कि इस दुनिया की शुरुआत ईश्वर ने की। उसी ने सृष्टि के क्रम को आगे बढ़ाया।
प्रश्न 2.
तुम्हारी पसंदीदा किताब कौन सी है और क्यों?
उत्तर-
हमारी पसंदीदा किताब ‘रामचरित मानस’ है जो गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई है। इस ग्रंथ में नीति, धर्म, व्यवहार, कर्तव्य अकर्तव्य आदि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है।
प्रश्न 3.
मसूरी और इलाहाबाद भारत के किन प्रांतों के शहर हैं?
उत्तर-
मसूरी उत्तराखंड प्रांत का और इलाहाबाद उत्तर प्रदेश प्रांत का शहर है।
प्रश्न 4.
तुम जानते हो कि दो पत्थरों को रगड़कर आदि मानव ने आग की खोज की थी। उस युग में पत्थरों का और क्या-क्या उपयोग होता था?
उत्तर-
आदि मानव पत्थरों का इस्तेमाल आग जलाने के अलावा मकान बनाने, हथियार व औजारों के रूप में एवं जानवरों का शिकार करने के लिए करते थे। इसके अलावा मांस काटने और चमड़ा या वृक्ष की छाल छीलने वाले औजार के रूप में इसके प्रयोग किए जाते थे।
अनुमान और कल्पना
हर चीज़ के निर्माण की एक कहानी होती है, जैसे मकान के निर्माण की कहानी-कुरसी, गद्दे, रजाई के निर्माण की कहानी हो सकती है। इसी तरह वायुयान, साइकिल अथवा अन्य किसी यंत्र के निर्माण की कहानी भी होती है। कल्पना करो यदि रसगुल्ला अपने निर्माण की कहानी सुनाने लगे कि पहले दूध था, उसे दूध से छेना बनाया गया, उसे गोल आकार दिया गया। चीनी की चाशनी में डालकर पकाया गया। फिर उसका नाम पड़ा रसगुल्ला।
तुम भी किसी चीज़ के निर्माण की कहानी लिख सकते हो, इसके लिए तुम्हें अनुमान और कल्पना के साथ उस चीज़ के बारे में कुछ जानकारी एकत्र करनी होगी।
उत्तर-
रोटी की कहानी
मैं हूँ रोटी, सो, मैं अपने बारे में तुम्हें कहानी सुनाती हूँ। मुझे पहले खेतों में गेहूँ के रूप में बोया गया। फिर मैं पौधे के रूप में अंकुरित हुआ। फिर मुझमें अनाज़ की बालियाँ लगीं। बालियों को पकने पर काट लिया गया। साफ़-सफ़ाई कर मेरा नाम गेहूँ पड़ गया। मुझे दुकानदारों को बेचा गया। जब मुझे चक्की में पीसो गया तो मेरा नया नाम आटा रखा गया। इसके बाद लोगों ने मुझे खरीदा। घर से जाकर मुझे आवश्यकतानुसार पानी के साथ गुँथा गया। फिर गोले बनाकर, बेलकर मुझे तवे पर या किसी तंदूर में सेका। उसके बाद मैं फूल कर कुप्पा हो गई। फिर यहाँ मेरा नाम रोटी पड़ा।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
इस बीच वह दरिया में लुढ़कता रहा।’ नीचे लिखी क्रियाएँ पढ़ो। क्या इनमें और ‘लुढ़कना’ में तुम्हें कोई समानता नज़र आती है?
- ढकेलना
- गिरना
- खिसकना
इन चारों क्रियाओं का अंतर समझाने के लिए इनसे वाक्य बनाओ।
उत्तर-
इन चारों क्रिया शब्दों के अर्थ में बहुत अंतर है।
लुढ़कना – दवा की शीशी अलमारी से लुढ़क गई।
ढकेलना – राघव ने मोहन को सीढ़ियों से ढकेल दिया।
गिरना – किताब टेबल से नीचे गिर गई।
खिसकना – माधव ने खिसककर मुझे बैठने की जगह दी।
प्रश्न 2.
चमकीला रोड़ा-यहाँ रेखांकित विशेषण ‘चमक’ संज्ञा में ‘ईला’ प्रत्यय जोड़ने पर बना है। निम्नलिखित शब्दों में यही प्रत्यय जोड़कर विशेषण बनाओ और इनके साथ उपयुक्त संज्ञाएँ लिखो-
पत्थर ………
काँटा ……..
रस ………
ज़हर ………….
उत्तर-
पथरीला रास्ता
कॅटीला पौधा
रसीला आम
जहरीला साँप
प्रश्न 3.
‘जब तुम मेरे साथ रहती हो, तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो।’
यह वाक्य दो वाक्यों को मिलाकर बना है। इन दोनों वाक्यों को जोड़ने का काम जब-तो (तब) कर रहे हैं, इसलिए | इन्हें योजक कहते हैं। योजक के रूप में कभी कोई बदलाव नहीं आता, इसलिए ये अव्यय का एक प्रकार होते हैं। नीचे वाक्यों को जोड़ने वाले कुछ और अव्यय दिए गए हैं। उन्हें रिक्त स्थानों में लिखो। इन शब्दों से तुम भी एक-एक वाक्य बनाओ-
बल्कि / इसलिए / परंतु / कि / यदि / तो / न कि / या / ताकि।
- कृष्णन फ़िल्म देखना चाहता है ………….. मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
- मुनिया ने सपना देखा ………….. वह चंद्रमा पर बैठी है।
- छुट्टियों में हम सब …………… दुर्गापुर जाएँगे ………….. जालंधर।
- सब्ज़ी कटवा कर रखना …………. घर आते ही मैं खाना बना लें।
- ………… मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी …………… मैं यह बात न कहती।
- इस वर्ष फ़सल अच्छी नहीं हुई है ………… अनाज महँगा है।
- विमल जर्मन सीख रहा है …………….. फ्रेंच।
उत्तर-
- कृष्णन फ़िल्म देखना चाहता है परंतु मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
- मुनिया ने सपना देखा कि वह चंद्रमा पर बैठी है।
- छुट्टियों में हम सब या तो दुर्गापुर जाएँगे या जालंधर।
- सब्ज़ी कटवाकर रखना ताकि घर आते ही मैं खाना बना लें।
- यदि मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी तो मैं यह बात न कहती।
- इस वर्ष फ़सल अच्छी नहीं हुई इसलिए अनाज महँगा है।
- विमल जर्मन सीख रहा है न कि फ्रेंच।
कुछ करने को
- पास के शहर में कोई संग्रहालय हो तो वहाँ जाकर पुरानी चीजें देखो। अपनी कक्षा में उस पर चर्चा करो।
सुननी और देखना
- एन०सी०ई०आर०टी० की श्रव्य श्रृंखला ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’।
- एन०सी०ई०आर०टी० का श्रव्य कार्यक्रम ‘पत्थर और पानी की कहानी’।
- ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ पुस्तक पुस्तकालय से लेकर पढ़ो।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
बहुविकल्पी प्रश्न
(क) “संसार पुस्तक है’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) प्रेमचंद
(ii) विनय महाजन
(iii) पं० जवाहरलाल नेहरू
(iv) कृष्णा सोबती
(ख) नेहरू जी ने यह पत्र किसको लिखा था?
(i) भारत के बच्चों को
(ii) अपनी पुत्री इंदिरा को
(iii) भारत के साहित्यकारों को
(iv) धार्मिक नेताओं को
(ग) लेखक के पत्रों का संकलन किस नाम से है?
(i) भारत एक खोज
(ii) संसार पुस्तक है।
(iii) संसार एक रंग-मंच
(iv) पिता के पत्र पुत्री के नाम
(घ) लेखक ने प्रकृति के अक्षर किसे कहा है?
(i) पहाड़ों को
(ii) नदी और मैदानों को
(iii) पक्षियों और पेड़ों को
(iv) उपर्युक्त सभी
(ङ) किसी भाषा को सीखने के लिए सबसे पहले क्या सीखना होता है?
(i) वर्ण
(ii) शब्द
(iii) वाक्य
(iv) शब्दांश
उत्तर
(क) (ii)
(ख) (ii)
(ग) (iv)
(घ) (iv)
(ङ) (iv)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
हम इतिहास में क्या पढ़ते हैं?
उत्तर-
हम इतिहास में विभिन्न देशों के बीते हुए समय की जानकारी पढ़ते हैं, जैसे-हिंदुस्तान और इंग्लैंड का इतिहास।
प्रश्न 2.
लेखक ने संसार को पुस्तक क्यों कहा है?
उत्तर-
जैसे पुस्तक पढ़कर बहुत-सी जानकारी प्राप्त की जा सकती है, वैसे ही संसार में रहकर भी हमें बहुत-सी जानकारियाँ प्राप्त हो सकती हैं। इसलिए लेखक ने संसार को पुस्तक कहा है।
प्रश्न 3.
दुनिया का हाल जानने के लिए किस बात का ध्यान रखना पड़ेगा?
उत्तर-
दुनिया का हाल जानने के लिए दुनिया के सभी देशों और यहाँ बसी सभी जातियों का ध्यान रखना होगा। केवल एक देश जिसमें हम पैदा हुए हैं, की जानकारी प्राप्त कर लेना काफ़ी नहीं है।
प्रश्न 4.
एक रोड़ा दरिया में लुढ़कता-लुढ़कता किस रूप में बदल जाता है?
उत्तर-
रोड़ा दरिया में लुढ़कते-लुढ़कते छोटा होता जाता है और अंत में रेत का कण बन जाता है।
प्रश्न 5.
पत्थर अपनी कहानी हमें कैसे बताते हैं?
उत्तर-
पत्थरों की कहानी उनके ऊपर ही लिखी हुई है। यदि हमें उसे पढ़ने और समझने की दृष्टि हो तो हम यह कहानी जान सकते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
नेहरू जी ने पुत्री को क्या सलाह दी?
उत्तर-
नेहरू जी ने पुत्री को कहा कि इंग्लैंड केवल एक छोटा-सा टापू है और हिंदुस्तान, जो एक बहुत बड़ा देश है, फिर भी दुनिया का एक छोटा-सा हिस्सा है। अगर तुम्हें इस दुनिया का कुछ हाल जानने का शौक है, जो तुम्हें सब देशों को और उन सब जातियों का जो इसमें बसी हुई हैं, का ध्यान रखना पड़ेगा, केवल उस एक छोटे-से देश का नहीं जिसमें तुम पैदा हुई हो।
प्रश्न 2.
गोल-चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?
उत्तर-
गोल और चमकीला दिखाई देने वाला रोड़ा पहले ऐसा नहीं था। एक समय यह रोड़ा एक चट्टान का टुकड़ा था, जिसमें किनारे और कोने थे। वह किसी पहाड़ के दामन में पड़ा था। जब पानी के साथ बहकर वह नीचे आ गया और घाटी तक पहुँच गया। वहाँ से एक पहाड़ी नाले ने ढकेल कर उसे एक छोटे-से दरिया में पहुँचा दिया। पानी के साथ निरंतर ढकेले जाने के कारण उसके कोने घिस गए। दरिया उसे और आगे बहाकर ले गई। इस प्रकार की निरंतर प्रक्रिया के साथ वह गोल, चमकदार और चिकना हो गया।
प्रश्न 3.
लेखक ने इस दुनिया की और इस दुनिया के छोटे-बड़े देशों की छोटी-छोटी कथाएँ लिखने का इरादा क्यों किया?
उत्तर-
जब लेखक और उनकी पुत्री साथ-साथ रहते थे तो लेखक की पुत्री नेहरू जी से कई प्रश्न पूछा करती थी। नेहरू जी तब उसके प्रश्नों और बातों का उत्तर दिया करते थे। जब लेखक की पुत्री अपने पिता से दूर मसूरी में थी तो उन दोनों की बातचीत नहीं हो सकती थी। अतः लेखक ने बड़े सरल सहज तरीके से कई दुर्लभ जानकारियाँ देने के लिए इस दुनिया की और इस दुनिया के छोटे-बड़े देशों की छोटी-छोटी कथाएँ पत्रों के माध्यम से लिखने का इरादा किया।
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