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भक्तिन solution
अभ्यास-प्रश्न
प्रश्न 1. भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी? भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया होगा?
भक्तिन का वास्तविक नाम लछमिन अर्थात लक्ष्मी था। लक्ष्मी धन की देवी है परंतु इस लक्ष्मी के भाग्य में धन तो नाम मात्र था। उसे हमेशा गरीबी भोगनी पड़ी। केवल कुछ दिन के लिए ही इसे भरपेट भोजन मिल सका अन्यथा आजीवन दुर्भाग्य ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। अतः धन की देवी लक्ष्मी का मान रखने के लिए ही वह हमेशा अपने नाम को छुपाती रही।
भक्तिन का लछमिन अर्थात लक्ष्मी नाम उसके माता-पिता ने दिया होगा। इस नाम के पीछे उसकी स्नेह-भावना रही होगी। शायद उन्होंने यह भी सोचा होगा कि यह नाम रखने से उनके अपने घर में धन का आगमन होगा।
प्रश्न 2. दो कन्यारत्न पैदा करने पर भक्तिन पुत्र महिमा में अंधी अपनी जेठानियों द्वारा घृणा व उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अक्सर यह धारणा चलती है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है। क्या आप इससे सहमत हैं?
भक्तिन ने दो नहीं अपितु तीन कन्याओं को जन्म दिया था। कन्यारत्न उत्पन्न करने के बावजूद भक्तिन पुत्र महिमा में अंधी अपनी जेठानियों द्वारा घृणा व उपेक्षा का शिकार बनी रही। इससे यह सिद्ध होता है भारतीय समाज युगो से बेटियों की अपेक्षा बेटों को अधिक महत्त्व देता रहा रहा है। सच्चाई तो यह है कि स्त्रियाँ स्वयं ही अपने आप को पुरुष से हीन समझती हैं। इसलिए वे पुत्रवती होने की कामना करती हैं। कन्या भ्रूण हत्या के पीछे भी नारियों की सहमति हमेशा रहती है। स्त्रियाँ ही दहेज की मांग रखती है। अतः यह कहना सर्वथा उचित होगा कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है।
प्रश्न 3. भक्तिन की पेटी पर पंचायत द्वारा जबरन पति थोपा जाना एक दुर्घटना भर नहीं, बल्कि विवाह के संदर्भ में स्त्री के मानवाधिकार( विवाह करें या न करें अथवा किससे करें) को कुचलते रहने की सदियों से चली आ रही सामाजिक परंपरा का प्रतीक है। कैसे?
भक्तिन की विधवा बेटी के साथ उसके ताऊ के लड़के के साले ने जोर जबरदस्ती की। उसे इस दुराचरण के लिए दंड मिलना चाहिए था लेकिन गाँव की पंचायत ने न्याय न करके अन्याय किया। और लड़की की अनिच्छा के बावजूद उस तीतरबाज युवक की पत्नी घोषित कर दिया। विवाह के मामले में लड़की की रजामंदी की ओर हमारा समाज ध्यान नहीं देता। यह निश्चित से मानवाधिकार का हनन है। अतः भक्तिन में की बेटी को जबरन पति थोपा जाना स्त्री के मानवाधिकार को कुचलना है।
प्रश्न 4. भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं। लेखिका ने ऐसा क्यों कहा होगा?
लेखिका को पता है कि भक्तिन में अनेक गुणों के बावजूद कुछ दुर्गुण भी हैं, जो निम्नलिखित हैं-
क) भक्तिन लेखिका के इधर-उधर पड़े पैसों को भंडार घर की मटकी में छिपा कर रख देती है और लेखिका को ये पैसे लौटाती भी नहीं। पूछने पर वह इसे चोरी भी नहीं मानती
ख) जब उसकी मालकिन कभी उस पर क्रोधित होती है तो वह बात को इधर-उधर करके बताती है।
ग) शास्त्रीय कथनों की वह इच्छानुसार व्याख्या करती है।
घ) वह दूसरों के कहे को नहीं मानती बल्कि दूसरों को भी अपने अनुसार बना लेती है।
प्रश्न 5. भक्तिन द्वारा शास्त्र के प्रश्न को सुविधा से सुलझा लेने का क्या उदाहरण लेखिका ने दिया है?
भक्तिन स्वयं को बहुत समझदार समझती है। वह प्रत्येक बात को अपने ढंग से अर्थ निकालना जानती है। जब लेखिका ने उससे सिर मुंडवाने से रोकना चाहा तो भक्तिन ने शास्त्र की दुहाई दी और यह कहा कि शास्त्रों में लिखा है “तीर्थ गए मुँडाए सिद्ध” लगता है यह उक्ति उसकी अपनी गढ़ी हुई है।
प्रश्न 6. भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती कैसे हो गई?
भक्तिन संपूर्णता देहाती थी। वह अपनी देहाती जीवन पद्धति को नहीं छोड़ सकी। इसलिए उसने महादेवी को भी अपने सांचे में ढाल दिया। उसे जो सहज व सरल पकाना आता था, महादेवी को वही खाना पड़ता था। लेखिका को रात को बने मकई के दलिए के साथ मट्ठा पीना पड़ता था। बाजरे के तिलवाले पुए खाने पड़ते थे। ज्वार के बुने हुए भुट्टों की खिचड़ी भी खानी पड़ती थी। यह सब देहाती भोजन था। यही महादेवी को खाने के लिए मिलता था। अतः महादेवी भी भक्तिन के समान देहाती बन गई।
भक्तिन
अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1
भक्तिन पाठ के अधार पर भक्तिन का चरित्र चित्रण कीजिए।
अथवा
भक्तिन के चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
अथवा
पाठ के आधार पर भक्तिन की तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर –
‘भक्तिन’ लेखिका की सेविका है। लेखिका ने उसके जीवन संघर्ष का वर्णन किया है। उसके चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं?
i. व्यक्तित्व-भक्तिन अधेड़ उम्र की महिला है। उसका कद छोटा व शरीर दुबला-पतला है। उसके होंठ पतले हैं तथा ऑखें छोटी हैं।
ii. परिश्रमी-भक्तिन कर्मठ महेला है। ससुराल में वह बहुत मेहनत करती है। वह घर, खेत, पशुओं आदि का सारा कार्य अकेले करती है। लेखिका के घर में भी वह उसके सारे कामकाज को पूरी कर्मठता से करती है। वह लेखिका के हर कार्य में सहायता करती है।
iii. स्वाभिमानिनी भक्तिन बेहद स्वाभिमानिनी है। पिता की मृत्यु पर विमाता के कठोर व्यवहार से उसने मायके जाना छोड़ दिया। पति की मृत्यु के बाद उसने किसी का पल्ला नहीं थामा तथा स्वयं मेहनत करके घर चलाया। जमींदार द्वारा अपमानित किए जाने पर वह गाँव छोड़कर शहर आ गई।
iv. महान सेविका भक्तिन में सच्चे सेवक के सभी गुण हैं। लेखिका ने उसे हनुमान जी से रपद्र्धा करने वाली बताया है। वह छाया की तरह लेखिका के साथ रहती है तथा उसका गुणगान करती है। वह उसके साथ जेल जाने के लिए भी तैयार है। वह युद्ध, यात्रा आदि में हर समय उसके साथ रहना चाहती है।
प्रश्न 2:
भक्तिन की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिये ?
उत्तर –
भक्तिन झुंसी गाँव के एक गोपालक की इकलौती संतान थी। इसकी माता का देहांत हो गया था। फलतः भक्तिन की देखभाल विमाता ने । किया। पिता का उस पर अगाध स्नेह था। पाँच वर्ष की आयु में ही उसका विवाह हैंडिया गाँव के एक ग्वाले के सबसे छोटे पुत्र के साथ कर दिया गया। नौ वर्ष की आयु में उसका गौना हो गया। विमाता उससे ईष्या रखती थी। उसने उसके पिता की बीमारी का समाचार तक उसके पास नहीं भेजा।
प्रश्न 3:
भक्तिन के ससुराल वालों का व्यवहार कैसा था?
उत्तर –
भक्तिन के ससुराल वालों का व्यवहार उसके प्रति अच्छा नहीं था। घर की महिलाएँ चाहती थीं कि भक्तिन का पति उसकी पिटाई करे। वे उस पर रौब जमाना चाहती थीं। इसके अतिरिक्त, भक्तिन ने तीन कन्याओं को जन्म दिया, जबकि उसकी सास व जेठानियों ने लड़के पैदा किए थे। इस कारण उसे सदैव प्रताड़ित किया जाता था। पति की मृत्यु के बाद उन्होंने भक्तिन पर पुनर्विवाह के लिए दबाव डाला। उसकी विधवा लड़की के साथ जबरदस्ती की। अंत में, भक्तिन को गाँव छोड़ना पड़ा।
प्रश्न 4 :
भक्तिन का जीवन सदैव दुखों से भरा रहा। स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर –
भक्तिन का जीवन प्रारंभ से ही दुखमय रहा। बचपन में ही माँ गुजर गई। विमाता से हमेशा भेदभावपूर्ण व्यवहार मिला। विवाह के बाद तीन लड़कियाँ उत्पन्न करने के कारण उसे सास व जेठानियों का दुझ्यवहार सहना पड़ा। किसी तरह परिवार से अलग होकर समृद्ध पाई, परंतु भाग्य ने उसके पति को छीन लिया। ससुराल वालों ने उसकी संपत्ति छीननी चाही, परंतु वह संघर्ष करती रही। उसने बेटियों का विवाह किया तथा बड़े जमाई को घर-जमाई बनाया। शीघ्र ही उसका देहांत हो गया। इस तरह उसका जीवन शुरू से अंत तक दुखों से भरा रहा।
प्रश्न 5 :
लछमिन के पैरों के पंख गाँव की सीमा में आते ही क्र्यो झड़ गए?
उत्तर –
लछमन की सारा का व्यवहार सदैव कटु रहा। जब उसने लछमन को मायके यह कहकर भेजा कि “तुम बहुत दिन से मायके नहीं गई हो, जाओ देखकर आ जाओ” तो यह उसके लिए अप्रत्याशित था। उसके पैरों में पंख से लग गए थे। खुशी खुशी जब वह मायके के गाँव की सीमा में पहुँची तो लोगों ने फुसफुसाना प्रारंभ कर दिया कि ‘हाय! बेचारी लछमिन अब आई है। लोगों की नजरों से सहानुभूति झलक रही थी। उसे इस बात का अहसास नहीं था कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है या वे गंभीर बीमार थे। विमाता ने उसके साथ अन्याय किया था। इरालिए वह हतप्रभ धी। उसकी तमाम खुशी समाप्त हो गई।
प्रश्न 6:
लछमिन ससुराल वालों से अलग क्यों हुई? इसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर –
लछमन मेहनती थी। तीन लड़कियों को जन्म देने के कारण सास व जेठानियाँ उसे सदैव प्रताड़ित करती रहती थीं। वह व उसके बच्चे घर, खेत व पशुओं का सारा काम करते थे, परंतु उन्हें खाने तक में भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ता था। लड़कियों को दोयम दर्जे का खाना मिलता था। उसकी दशा नौकरों जैसी थी। अतः उसने ससुराल वालों से अलग होकर रहने का फैसला किया। अलग होते रामय उसने अपने ज्ञान के कारण खेत, पशु घर आदि में अच्छी चीजें ले लीं। परिश्रम के बलबूते पर उसका धर समृद्ध हो गया।
प्रश्न 7:
भक्तिन व लेखिका के बीच कैसा संबंध था?
उत्तर –
लेखिका व भक्तिन के बीच बाहरी तौर पर सेवक-स्वामी का संबंध था, परंतु व्यवहार में यह लागू नहीं होता था। महादेवी उसकी कुछ आदतों से परेशान थीं, जिसकी वजह से यदा कदा उसे घर चले जाने को कह देती थीं। इस आदेश को वह हँसकर टाल देती थी। दूसरे, वह नौकरानी कम, जीवन की धूप व अधिक थी। वह लेखिका की छाया बनकर घूमती थी। वह आने जाने वाले, अंधेरे-जाले और आँगन में फूलने वाले गुलाब व भाम की तरह पृथक अस्तित्व रखती तथा हर सुख-दुख में लेखिका के साथ रहती थी।
प्रश्न 8:
लेखिका के परिचित के साथ भकितन केसा व्यवहार करती थी?
उत्तर –
लेखिका के पास अनेक साहित्यिक बंधु आते रहते थे, परंतु भनिन के मन में उनके लिए कोई विशेष सम्मान नहीं था। वह उनके साथ वैसा ही व्यवहार करती थी जैसा लेखिका करती थी। उसके सम्मान की भाषा, लेखिका के प्रति उनके सम्मान की मात्रा पर निर्भर होती थी और सद्भाव उनके प्रति लेखिका के सद्भाव से निश्चित होता था। भक्तिन उन्हें आकार-प्रकार व वेश-भूषा से स्मरण रखती थी या किसी को नाम के अपभ्रंश द्वारा। कवि तथा कविता के संबंध में उसका ज्ञान बढ़ा है, पर आदरभाव नहीं।
प्रश्न 9;
भक्तिन के आने से लेखिका अपनी असुविधाएँ क्यों छिपाने लगीं?
उत्तर –
भक्तिन के आने से लेखिका के खान-पान में बहुत परिवर्तन आ गए। उसे मीठा, घी आदि पसंद था। उसके स्वास्थ्य को लेकर उसके परिवार वाले भी चिंतित रहते थे। घर वालों ने उसके लिए अलग खाने की व्यवस्था कर दी थी। अब वह मीठे व धी से विरक्ति करने लगी थी। यदि लेखिका को कोई असुविधा होती भी थी तो वह उसे भक्तिन को नहीं बताती थी। भक्तिन ने उसे जीवन की सरलता का पाठ पढ़ा दिया।
प्रश्न 10;
लछमिन को शहर क्यों जाना पड़ा?
उत्तर –
लछमन के बड़े दामाद की मृत्यु हो गई। उसके स्थान पर पारेवार वालों ने जिठाँत के साले को जबरदस्ती विधवा लड़की का पति बनया दिया। पारिवारिक द्वैप बढ़ने से खेती-बाड़ी चौपट हो गई। स्थिति यहाँ तक आ गई कि लगान भी नहीं चुकाया गया। जब जमींदार ने लगान न पहुँधा घर भक्तिन को दिनभर की धूप में खड़ा रखा तो उसके स्वाभिमानी हदय को गहरा आघात लगा। यह उसी कर्मठता के लिए सबसे बड़ा कलंक बन गया। इस अपमान के कारण वह दूसरे ही दिन कमाई के विचार से शहर भा गई।
प्रश्न 11:
कारागार के नाम से भक्तिन पर क्या प्रभाव पड़ता था?
उत्तर –
वह जेल जाने के लिए क्यों तैयार हो गई? भक्तिन को कारागार से बहुत भय लगता था। वह उसे यमलोक के समान समझती थी। कारागार की ऊँची दीवारों को देखकर वह चकरा जाती थी। जब उसे पता चला कि महादेवी जेल जा रही हैं तो वह उनके साथ जेल जाने के लिए तैयार हो गई। वह महादेवी के बिना अलग रहने की कल्पना मात्र से परेशान हो उठती थी।
प्रश्न 12:
महादेवी ने भक्ति के जीवन को कितने परिच्छेदों में बाँटा?
उत्तर –
महादेवी ने भक्ति के जीवन को चार परिच्छेदों में बाँटा जो निम्नलिखित हैं –
प्रथम – विवाह से पूर्व।
द्वितीय – ससुराल में सधवा के रूप में।
तृतीय – विधवा के रूप में।
चतुर्थ – महादेवी की सेवा में।
प्रश्न 13:
भक्तिन की बेटी पर पचायत द्वारा पति क्यों थोपा गया? इस घटना के विरोध में दो तर्क दीजिए।
उत्तर –
भक्तिन की बेटी पर पंचायत द्वारा पति इसलिए थोपा गया क्योंकि भक्तिन की विधया बेटी के साथ उसके ताऊ के लड़के के साले ने जबरदस्ती करने की कोशिश की थी। लड़की ने उसकी खून्य पिटाई की परंतु पंचायत ने कोई भी तर्क न सुनकर एकतरफा फसला सुना दिया। इसके विरोध में दो तर्क निम्नलिखित हैं –
1. महिला के मानवाधिकार का हनन होता है।
2. योग्य लड़की का विवाह अयोग्य लड़के के साथ हो जाता है।
प्रश्न 14:
‘भक्तिन’ अनेक अवगुणों के होते हुए भी महादेव जी के लिए अनमोल क्यों थी?
उत्तर –
अनेक अवगुणों के होते हुए भी भक्तिन महादेवी वर्मा के लिए इसलिए अनमोल धी क्योंकि
1. भक्तिन में सेवाभाव कूट-कूटकर भरा था।
2. भक्तिन लेखिका के हर कष्ट को स्वयं झेल लेना चाहती थी।
3, वह लेखिका द्वारा पैसों की कमी का जिक्र करने पर अपने जीवनभर की कमाई उसे दे देना चाहती थी।
4. भक्तिन की सेवा और भक्ति में नि:स्वार्थ भाव था। वह अनवरत और दिन-रात लेखिका की सेवा करना चाहती थी।
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