Chapter - 10 अपूर्व अनुभव
MCQs
Question 1.
बच्चे किस्से अपनी संपत्ति मानते थे?
(a) स्वयं को
(b) पेड़ को
(c) अपनी जगह को
(d) किसी को नहीं
Answer
Answer: (b) पेड़ को
Question 2.
यासुकी-चान को क्या रोग था?
(a) पोलियो का
(b) पेड़ पर चढ़ने के लिए
(c) आपस में मिलने के लिए
(d) कहीं चलने के लिए
Answer
Answer: (a) पोलियो का
Question 3.
तोत्तो-चान किस काम को आसान समझ रही थी?
(a) यासुकी-चान के साथ खेलना
(b) सीढ़ी लाना
(c) यासुकी-चान के साथ रहना
(d) यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाना
Answer
Answer: (d) यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाना
Question 4.
यासुकी-चान का घर इनमें से कहाँ था?
(a) तोमोए में
(b) डेनेनवोफु में
(c) कुहोन्बसु में
(d) हिरोशिमा में
Answer
Answer: (b) डेनेनवोफु में
Question 5.
तोत्तो-चान ने अपनी योजना का सच सर्वप्रथम किसे बताया?
(a) यासुकी-चान को
(b) अपनी माँ को
(c) यासुकी-चान की माँ को
(d) रॉकी को
Answer
Answer: (d) रॉकी को
Question 6.
तोत्तो-चान यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का कौन-सा तरीका अपना रही थी?
(a) धक्के लगाकर
(b) हाथ से ऊपर की ओर खींचकर
(c) सीढ़ी पर धकियाकर
(d) पेड़ के तने पर सरकाकर
Answer
Answer: (c) सीढ़ी पर धकियाकर
Question 7.
दोनों के विशाखा पर पहुँचने पर क्या हुआ?
(a) यासुकी-चान ने तोत्तो-चान को धन्यवाद दिया
(b) तोतो ने यासुकी-चान का स्वागत किया
(c) दोनों हँसने लगे
(d) दोनों बतियाने लगे
Answer
Answer: (b) तोतो ने यासुकी-चान का स्वागत किया
Question 8.
‘यह उसकी हार्दिक इच्छा थी’ वाक्य में हार्दिक शब्द है-
(a) संज्ञा
(b) सर्वनाम
(c) विशेषण
(d) क्रियाविशेषण
Answer
Answer: (c) विशेषण
(1)
तोमोए में हरेक बच्चा बाग के एक-एक पेड़ को अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था। तोत्तो-चान का पेड़ मैदान के बाहरी हिस्से में कुहोन्बुत्सु जानेवाली सड़क के पास था। बड़ा सा पेड़ था उसका, चढ़ने जाओ तो पैर फिसल-फिसल जाते। पर, ठीक से चढ़ने पर ज़मीन से कोई छह फुट की ऊँचाई पर एक विशाखा तक पहुँचा जा सकता था। बिलकुल किसी झूले-सी आरामदेह जगह थी यह। तोत्तो-चान अकसर खाने की छुट्टी के समय या स्कूल के बाद ऊपर चढ़ी मिलती।
Question 1.
उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम एवं लेखक हैं
(a) पाठ – एक किसान, लेखक-विजय तेंदुलकर
(b) पाठ – रक्त और हमारा शरीर, लेखक-यतीश अग्रवाल
(c) पाठ – अपूर्व अनुभव, लेखक-तेत्सुको कुरिया नागी।
Answer
Answer: पाठ – अपूर्व अनुभव, लेखक-तेत्सुको कुरिया नागी।
Question 2.
हरेक बच्चा बाग के एक-एक पेड़ को क्या मानता था?
(a) विद्यार्थी
(b) खिलाड़ी
(c) अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था
(d) पड़ोसी
Answer
Answer: (c) अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था
Question 3.
पेड़ की विशाखा ज़मीन से कितनी ऊँचाई पर थी?
(a) चार फुट
(b) पाँच फुट
(c) छह फुट
(d) सात फुट
Answer
Answer: (c) छह फुट
Question 4.
उपर्युक्त गद्यांश से हमें किस बात का पता चलता है?
(a) बच्चों का आपसी प्रेम
(b) बच्चों का खेल से प्रेम
(c) बच्चों का सड़क के प्रति प्रेम
(d) बच्चों का पेड़ों के प्रति प्रेम
Answer
Answer: (d) बच्चों का पेड़ों के प्रति प्रेम
Question 5.
पेड़ की विशाखा पर दोनों बच्चे कैसे महसूस करते थे?
(a) कष्टदायक
(b) झूले सी आरामदेह जगह
(c) प्रकृति से सान्निध्यता
(d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (b) झूले सी आरामदेह जगह
(2)
यासुकी-चान को पोलियो था, इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था। अत: तोत्तो-चान ने उसे अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था। पर यह बात उन्होंने किसी से नहीं कही, क्योंकि अगर बड़े सुनते तो ज़रूर डाँटते।
Question 1.
यासुकी-चान किस बीमारी से पीड़ित था?
(a) टी०वी०
(b) पोलियो
(c) फेफड़े के
(d) दमा
Answer
Answer: (b) पोलियो
Question 2.
यासुकी-चान को क्यों आमंत्रित किया गया था?
(a) खाना-खाने के लिए
(b) पेड़ पर चढ़ने के लिए
(c) खेलने के लिए
(d) प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए
Answer
Answer: (b) पेड़ पर चढ़ने के लिए
Question 3.
बच्चे किसे अपना निजी संपत्ति मानते थे?
(a) अपने खेल-कूद के सामान को
(b) पेड़ों को
(c) घर को
(d) माता-पिता को
Answer
Answer: (b) पेड़ों को
Question 4.
तोत्तो-चान ने अपनी बातों की खबर किसी को क्यों नहीं होने दी?
(a) क्योंकि वहाँ बच्चों की भीड़ जम जाती
(b) क्योंकि वह इस काम को अकेले ही करना चाहता था
(c) क्योंकि काम बहुत खतरनाक था
(d) क्योंकि माँ नाराज़ हो जाती
Answer
Answer: (c) क्योंकि काम बहुत खतरनाक था
Question 5.
“निजी’ शब्द का इनमें विलोम शब्द है
(a) सार्वजनिक
(b) व्यक्तिगत
(c) सरकारी
(d) इनमें किसी का नहीं
Answer
Answer: (a) सार्वजनिक
(3)
यासुकी-चान के हाथ-पैर इतने कमज़ोर थे कि वह पहली सीढ़ी पर भी बिना सहारे के चढ़ नहीं पाया। इस पर तोत्तो-चान नीचे उतर आई और यासुकी-चान को पीछे से धकियाने लगी। पर तोत्तो-चान थी छोटी और नाजुक-सी, इससे अधिक साहयता क्या करती! यासुकी-चान ने अपना पैर सीढ़ी पर से हटा लिया और हताशा से सिर झुकाकर खड़ा हो गया। तोत्तो-चान को पहली बार लगा कि काम उतना आसान नहीं है जितना वह सोचे बैठी थी। अब क्या करे वह ?
Question 1.
यासुकी-चान पहली सीढ़ी पर भी क्यों नहीं चढ़ सकता था?
(a) क्योंकि उसके हाथ-पैर कमज़ोर थे
(b) क्योंकि उसे डर लग रहा था
(c) क्योंकि सीढ़ी काफ़ी कमज़ोर थी
(d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (a) क्योंकि उसके हाथ-पैर कमज़ोर थे
Question 2.
पेड़ के नीचे कौन उतर आया?
(a) यासुकी-चान
(b) तोत्तो-चान
(c) वायु-चान
(d) भाओ-चान
Answer
Answer: (b) तोत्तो-चान
Question 3.
यासुकी-चान हताश क्यों हो गया?
(a) क्योंकि रास्ता काफ़ी कठिन था
(b) क्योंकि वह सीढ़ी पर चढ़ नहीं पा रहा था
(c) तोत्तो-चान के धक्का देने पर गिर गया
(d) क्योंकि उसका हौसला जवाब दे गया।
Answer
Answer: (b) क्योंकि वह सीढ़ी पर चढ़ नहीं पा रहा था
Question 4.
यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का काम कैसा था?
(a) सरल
(b) कठिन
(c) पक्का
(d) ठीक
Answer
Answer: (b) कठिन
Question 5.
तोत्तो-चान, यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का कौन-सा तरीका अपना रही थी?
(a) कूदकर
(b) कंधे पर चढ़ाकर
(c) सीढ़ी पर धक्के लगाकर
(d) हाथ से ऊपर की ओर खींचकर
Answer
Answer: (c) सीढ़ी पर धक्के लगाकर
(4)
उस समय विशाखा पर खड़ी तोत्तो-चान द्वारा यासुकी-चान को पेड़ की ओर खींचते हुए अगर कोई बड़ा देखता तो वह ज़रूर डर के मारे चीख उठता। उसे वे सच में जोखिम उठाते ही दिखाई देते। पर यासुकी-चान को तोत्तो-चान पर पूरा भरोसा था और वह खुद भी यासुकी-चान के लिए भारी-खतरा उठा रही थी। अपने नन्हें-नन्हें हाथों से वह पूरी ताकत से यासुकी-चान को खींचने लगी। बादल का एक बड़ा टुकड़ा बीच-बीच में छाया करके उन्हें कड़कती धूप से बचा रहा था। काफ़ी मेहनत के बाद दोनों आमने-सामने पेड़ की द्विशाखा पर थे। पसीने से तरबतर अपने बालों को चहरे पर से हटाते हुए तोत्तोचान ने सम्मान से झुककर कहा, “मेरे पेड़ पर तुम्हारा स्वागत है।”
Question 1.
तोत्तो-चान यासुकी-चान को चढ़ाना चाहती थी?
(a) पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर
(b) पेड़ की द्विशाखा पर
(c) पेड़ के तने पर
(d) पेड़ की लंबी टहनी पर
Answer
Answer: (b) पेड़ की द्विशाखा पर
Question 2.
यासुकी-चान के लिए तोत्तो-चान खतरा क्यों ले रही थी?
(a) बीमारी से बचाना चाहती थी
(b) उससे पैसा लेना चाहती थी
(c) लाचार यासुकी-चान को द्विशाखा का आनंद देना चाहती थी
(d) अपना वचन पूरा करना चाहती थी
Answer
Answer: (c) लाचार यासुकी-चान को द्विशाखा का आनंद देना चाहती थी
Question 3.
तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का स्वागत कहाँ किया?
(a) अपने पेड़ पर
(b) ज़मीन पर
(c) अपने घर पर
(d) सीढ़ी पर
Answer
Answer: (a) अपने पेड़ पर
Question 4.
यासुकी-चान ने क्या पूछा?
(a) क्या मैं पेड़ पर चढ़ सकता हूँ?
(b) क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?
(c) तुम यहाँ क्यों आए हो ?
(d) क्या तुम मेरे साथ खेलोगे?
Answer
Answer: (b) क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?
Question 5.
यासुकी-चान ने पेड़ पर क्या देखा?
(a) पेड़ों की झलक
(b) नई दुनिया अर्थात संसार
(c) नीला आसमान
(d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) नई दुनिया अर्थात संसार
(5)
बच्चे अपने-अपने पेड़ को निजी संपत्ति मानते थे। किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ना हो तो उससे पहले पूरी शिष्टता से, “माफ़ कीजिए, क्या मैं अंदर आ जाऊँ?” पूछना पड़ता था।
यासकी-चान को पोलियो था, इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था। अतः तोत्तो-चान ने उसे अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था, पर यह बात उन्होंने किसी से नहीं कही, क्योंकि अगर बड़े सुनते तो ज़रूर डाँटते।
Question 1.
बच्चे इनमें किसे अपनी संपत्ति मानते थे?
Answer
Answer: बच्चे इनमें से अपने-अपने पेड़ को अपनी निजी संपत्ति मानते थे।
Question 2.
यासुकी-चान किसी पेड़ को अपनी निजी संपत्ति क्यों नहीं मानता था?
Answer
Answer: यासुकी-चान किसी पेड़ को अपनी निजी संपत्ति इसलिए नहीं मानते थे, क्योंकि वह पोलियो से ग्रस्त था, वह किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था इसलिए वे किसी पेड़ को अपनी निजी संपत्ति नहीं मानता था।
Question 3.
किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व क्या करना पड़ता था?
Answer
Answer: किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व उस पेड़ के मालिक से विनयपूर्वक पूछना पड़ता था-“माफ़ कीजिए क्या मैं अंदर आ जाऊँ?”
Question 4.
कौन किस कारण पेड़ पर नहीं चढ़ पाया था?
Answer
Answer: यासुकी-चान किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था क्योंकि उसको पोलियो था। वह किसी पेड़ को अपनी संपत्ति भी नहीं मानता था।
Question 5.
किसने, किसको कहाँ आमंत्रित किया था?
Answer
Answer: तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था।
(6)
यासुकी-चान के मन में भी उत्साह था। वह उसके सामने गई। उसका लटका चेहरा इतना उदास था कि तोत्तो-चान को उसे हँसाने के लिए गाल फुलाकर तरह-तरह के चेहरे बनाने पड़े।
“ठहरो, एक बात सूझी है।” वह फिर चौकीदार के छप्पर की ओर दौड़ी और हरेक चीज़ उलट-पुलटकर देखने लगी। आखिर उसे एक तिपाई-सीढ़ी मिली जिसे थामे रहना भी जरूरी नहीं था।
वह तिपाई-सीढ़ी को घसीटकर ले आई तो अपनी शक्ति पर हैरान होने लगी। तिपाई की ऊपरी सीढ़ी विशाखा तक पहुँच रही थी।
Question 1.
किसकी क्या इच्छा थी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान की यह हार्दिक इच्छा थी कि यासुकी-चान उसके पेड़ पर चढ़े।
Question 2.
तोत्तो-चान किस प्रयास में लगी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का उदास चेहरा देखा तो वह उसे हँसाने के प्रयास में लग गई। उसने अपना-गाल फुलाकर तरह-तरह के चेहरे बनाए।
Question 3.
तोत्तो-चान को कौन-सी बात सूझी थी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान को यह बात सूझी थी कि तिपाई-सीढ़ी की सहायता से यासुकी-चान के लिए विशाखा तक पहुँचना आसान हो जाएगा। तिपाई-सीढ़ी को थामें रखने की भी ज़रूरत नहीं थी।
Question 4.
तोत्तो-चान तिपाई-सीढ़ी ढूँढ़ने कहाँ गई?
Answer
Answer: तोत्तो-चान तिपाई-सीढ़ी ढूँढ़ने छप्पर की ओर दौड़ी। आखिर वहाँ उसे तिपाई-सीढ़ी मिल गई।
Question 5.
तोत्तो-चान किस बात पर हैरान थी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान छोटी-सी बच्ची थी। जब वह तिपाई-सीढ़ी को चौकीदार के छप्पर से घसीटकर अपने पेड़ तक ले आई तो उसे अपने शक्ति पर हैरानी हुई।
Question 6.
तोत्तो-चान की आवाज़ बड़ी बहन जैसे क्यों लगने लगी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान, के कंधों पर उसकी जिम्मेदारी थी। अतः वह उसे करने के लिए हिम्मत बँधा रही थी तो उसकी आवाज़ में बड़ी बहन जैसी गंभीरता और आश्वासन की भावना झलक रही थी।
(7)
उस समय द्विशाखा पर खड़ी तोत्तो-चान द्वारा यासुकी-चान को पेड़ की ओर खींचते अगर कोई बड़ा देखता तो वह ज़रूर डर के मारे चीख उठता। उसे वे सच में जोखिम उठाते ही दिखाई देते। पर यासुकी-चान को तोत्तो-चान पर पूरा भरोसा था और वह खुद भी यासुकी-चान के लिए भारी-खतरा उठा रही थी। अपने नन्हें-नन्हें हाथों से वह पूरी ताकत से यासुकी-चान को खींचने लगी। बादल का एक बड़ा टुकड़ा बीच-बीच में छाया करके उन्हें कड़कती धूप से बचा रहा था।
काफ़ी मेहनत के बाद दोनों आमने-सामने पेड़ की द्विशाखा पर थे। पसीने से तरबतर अपने बालों को चहरे पर से हटाते हुए तोत्तोचान ने सम्मान से झुककर कहा, “मेरे पेड़ पर तुम्हारा स्वागत है।”
Question 1.
तोत्तो-चान यासुकी-चान को कहाँ चढ़ाना चाहती थी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान यासुकी-चान को पेड़ की विशाखा पर चढ़ाना चाहती थी।
Question 2.
तोत्तो-चान और यासुकी-चान क्या खतरा उठा रहे थे?
Answer
Answer: तोत्तो-चान और यासुकी-चान छह फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित विशाखा पर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे। जहाँ से गिरने पर दोनों को गंभीर चोटें आ सकती थीं।
Question 3.
दोनों के विशाखा पर पहुँचने पर क्या हुआ?
Answer
Answer: दोनों के विशाखा पर पहुँचने पर तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का स्वागत किया।
Question 4.
यासुकी-चान का क्या सपना साकार हुआ?
Answer
Answer: तोत्तो-चान का अपने विकलांग मित्र यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का सपना पूरा हुआ।
Question 5.
‘बादल’ शब्द का पर्यायवाची क्या है?
Answer
Answer: ‘बादल’ शब्द का पर्यायवाची है-घन, मेघ, जलद, नीरद।
(8)
तोत्तो-चान उस समय यह तो न समझ पाई कि यासुकी-चान के लिए, जो कहीं भी दूर तक चल नहीं सकता था, घर बैठे चीजों को देख लेने के क्या अर्थ होंगे? वह तो यह ही सोचती रही कि सूमो पहलवान घर में रखे किसी डिब्बे में कैसे समा जाएँगे? उनका आकार तो बड़ा होता है, पर बात उसे बड़ी लुभावनी लगी। उन दिनों टेलीविजन के बारे में कोई नहीं जानता था। पहले-पहल यासुकी-चान ने ही तोत्तो-चान को उसके बारे में बताया था।
Question 1.
तोत्तो-चान को क्या समझ में नहीं आई ?
Answer
Answer: तोत्तो-चान को यह समझ बात में नहीं आई कि यासुकी चान के लिए घर बैठे किसी चीज़ को देख लेना क्या महत्त्व रखता है, क्योंकि उसे यासुकी-चान की परेशानियों का सही अनुमान नहीं था।
Question 2.
तोत्तो-चान क्या सोच रही थी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान यह सोच रही थी कि सूमो पहलवान घर में रखे किसी डिब्बे में कैसे अंदर प्रवेश कर जाएँगे। वे तो बहुत बड़े होते हैं फिर भी उनके बारे में सोचना आकर्षित करने जैसा था।
Question 3.
लोगों को इन दिनों टेलीविजन के बारे में जानकारी क्यों नहीं थी?
Answer
Answer: पुराने समय में टेलीविजन का आविष्कार नया-नया ही हुआ था। लोग उसके बारे में परिचित नहीं थे। विकसित देशों में मसलन-अमेरिका जैसे में ही इसका प्रचार-प्रसार हुआ था। जापान के लोग व्यावहारिक रूप में टी०वी० से अपरिचित थे।
Question 4.
तोत्तो-चान को टेलीविजन के बारे में किसने बताया?
Answer
Answer: यासुकी-चान वे तोत्तो-चान को टेलीविजन के बारे में बताया।
Question 5.
‘लुभावना’ शब्द का पर्यायवाची लिखिए?
Answer
Answer: लुभावना – सुहावना, मनोरम, मनोहारी, मनहर, चित्ताकर्षक।
प्रश्न अभ्यास
पाठ से
प्रश्न 1.
यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए।
उत्तर:
यासुकी-चान एक पोलियोग्रस्त बालक था। उसके लिए किसी पेड़ पर चढ़ना संभव न था। उससे एक वर्ष बड़ी तोत्तो-चान की हार्दिक इच्छा थी कि यासुकी-चान उसके पेड़ पर चढ़े और इसके लिए उसने अथक प्रयास किया।
प्रश्न 2.
दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए।
उत्तर:
यासुकी-चान और तोत्तो-चान के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। उनमें अन्तर भी थे, जैसे-पोलियोग्रस्त यासुकी-चान सपने में भी नहीं सोच सकता था कि पेड़ पर चढ़कर वह भी ऐसा सुखद अनुभव कर सकता है। तोत्तो-चान ने जब अथक परिश्रम और साहस से पोलियोग्रस्त यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाकर उसका स्वागत किया तो उसे हार्दिक खुशी एवं संतुष्टि प्राप्त हुई।
प्रश्न 3.
पाठ में खोजकर देखिए-कब सूरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है?
उत्तर:
यासुकी-चान और तोत्तो-चान अथक प्रयास करते हुए पेड़ पर सीढ़ी के सहारे चढ़ते-चढ़ाते हुए इतने व्यस्त थे कि उन्हें समय या अपने सुख-दुख का ज़रा भी ध्यान नहीं था। यासुकी-चान के एक-एक कदम आगे बढ़ने पर उन्हें अद्भुत सुख प्राप्त होता था। अपने असाधारण प्रयास से वे अपना लक्ष्य भी सफल हो गए। उनकी परिस्थितियाँ बदलने का यही कारण हो सकता हैं।
प्रश्न 4.
‘यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह ………अंतिम मौका था।’-इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लिखिकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा?
उत्तर:
“यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह पहला और अंतिम मौका था”, लेखिका ने ऐसा इसलिए लिखा होगा क्योंकि पोलियोग्रस्त यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ना संभव न रह जाएगा। उसका शरीर बडा होगा और वज़न भी बढ़ता जाएगा। यासुकी-चान के लिए अब ऐसा जोखिम लेने को शायद कोई तैयार न हो।
पाठ से आगे
प्रश्न 1.
तोत्तो-चान ने अपनी योजना को बड़ों से इसलिए छिपा लिया कि उसमें जोखिम था, यासुकी-चान के गिर जाने की संभावना थी। फिर भी उसके मन में यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने की दृढ़ इच्छा थी। ऐसी दृढ़ इच्छाएँ बुद्धि और कठोर परिश्रम से अवश्य पूरी हो जाती हैं। आप किस तरह की सफलता के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं?
उत्तर:
मैं अपनी तीव्र इच्छा लक्ष्य को पूरी करने के लिए जोखिम उठाऊँगा क्योंकि बिना जोखिम उठाए साहसिक कार्यों को नहीं किया जा सकता है। जो व्यक्ति समुद्र की लहरों में पाँव भिगोने से डरता है वह सागर से मोती नहीं निकाल सकता है।
प्रश्न 2.
हम अकसर बहादुरी के बड़े-बड़े कारनामों के बारे में सुनते रहते हैं, लेकिन ‘अपूर्व अनुभव’, कहानी एक मामूली बहादुरी और जोखिम की ओर हमारा ध्यान खींचती है। यदि आपको अपने आसपास के संसार में कोई रोमांचकारी अनुभव प्राप्त करना हो तो कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर:
अपने आस पास के संसार में कोई रोमांचकारी अनुभव प्राप्त करने के लिए अदम्य साहस और बुद्धि से काम करना होगा। उदाहरण के लिए एक बार में सड़क के रास्ते होकर स्कूल जा रहा था। उस दिन विद्यालय में आधे दिन बाद ही छुट्टी कर दी गई। मेरे कुछ मित्रों ने जंगल की ओर से साइकिलें लेकर घर चलने को कहा। मेरे मित्र साइकिलें तेज़ चलाते हुए भागे जा रहे थे। वे आगे निकलने की होड़ में आड़ी-तिरछी साइकिलें चला रहे थे। मेरे एक मित्र की साइकिल से टक्कर लगकर दूसरा मित्र अपना संतुलन खो बैठा और साइकिल समेत पास की खाई में गिरने लगा। गहरी खाई में गिरते हुए वह उसी खाई में उगी झाड़ियों को पकड़कर लटक गया। उसकी साइकिल गिर चुकी थी।
वह मदद के लिए पुकारता जा रहा था। मेरे दिमाग में कुछ ख्याल आया और मैंने अपनी कमीज उतारकर एक साइकिल का पिछला और दूसरी साइकिल का अगला पहिया बाँधकर खाई में लटकाया। इसी तरह दो साइकिलें और जोड़कर मैं उसी पर सीढ़ी की तरह धीरे-धीरे उतरने लगा। यदि मेरा संतुलन खोता, तो मैं भी खाई में जा गिरता, परन्तु एक हाथ से साइकिल तथा दूसरे से मित्र को पकड़कर उसे भी साइकिल की ओर खींचा। इस प्रकार पहले वह और बाद में मैं दोनों ही बाहर आ गए। हमारे घरवालों को यह बात आज तक पता न चल सकी। छात्र इस तरह स्वयं के अनुभव भी लिख सकते हैं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नज़रें नीचे क्यों थीं?
उत्तर:
झूठ बोलते समय तोत्तो-चान में आत्म-विश्वास पहले जैसा नहीं था। इसी कमी के कारण वह माँ से नज़रें मिलाकर बात नहीं कर पा रही थी और उसकी नज़रें नीची थीं।
प्रश्न 2.
यासुकी-चान जैसे शारीरिक चुनौतियों से गुज़रनेवाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएँ हर जगह नहीं होतीं। लेकिन कुछ जगहों पर ऐसी सुविधाएँ दिखाई देती हैं। उन सुविधावाली जगहों की सूची बनाइए।
उत्तर:
अस्पतालों में
विद्यालयों में
सिनेमागृहों में
कॉलेजों में
सामुदायिक विकास केन्द्रों में
कुछ अन्य सार्वजनिक भवनों तथा स्थानों पर
भाषा की बात
प्रश्न 1.
द्विशाखा शब्द द्वि और शाखा के योग से बना है। द्वि का अर्थ है-दो और शाखा का अर्थ है-डाल। द्विशाखा पेड़ के तने का वह भाग है जहाँ से दो मोटी-मोटी डालियाँ एक साथ निकलती हैं। द्वि की भाँति आप त्रि से बनने वाला शब्द त्रिकोण जानते होंगे। त्रि का अर्थ है तीन। इस प्रकार, चार, पाँच, छह, सात, आठ, नौ और दस संख्यावाची संस्कृत शब्द उपयोग में अकसर आते हैं। इन संख्यावाची शब्दों की जानकारी प्राप्त कीजिए और देखिए कि क्या इन शब्दों की ध्वनियाँ अंगेज़ी संख्या के नामों से कछकुछ मिलती-जुलती हैं, जैसे-हिंदी-आठ, संस्कृत-अष्ट, अंग्रेज़ी-एट।
उत्तर:
प्रश्न 2.
पाठ में “ठिठियाकर हँसने लगी’, ‘पीछे से धकियाने लगी’ जैसे वाक्य आए हैं। ठिठियाकर हँसने के मतलब का आप अवश्य अनुमान लगा सकते हैं। ठी-ठी-ठी हँसना या ठठा मारकर हँसना बोलचाल में प्रयोग होता है। इनमें हँसने की ध्वनि के एक खास अंदाज़ को हँसी का विशेषण बना दिया गया है। साथ ही ठिठियाना और धकियाना शब्द में ‘आना’ प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। इस प्रत्यय से फ़िल्माना शब्द भी बन जाता है। ‘आना’ प्रत्यय से बननेवाले चार सार्थक शब्द लिखिए।
उत्तर:
मूल शब्द आना प्रत्यय जोड़ने से बने शब्द हाथ
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