टोपी शुक्ला कहानी | Sanchyan Hindi Class 10th | पाठ 3 | टोपी शुक्ला Summary | Quick revision Notes ch-1 Sanchyan | EduGrown

टोपी शुक्ला कहानी | Sanchyan Hindi Class 10th | पाठ 3 | टोपी शुक्ला Summary | Quick revision Notes ch-1 Sanchyan | EduGrown

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प्रस्तुत पाठ या उपन्यास अंश टोपी शुक्ला , लेखक राही मासूम रज़ा साहब के द्वारा लिखा गया है | लेखक राही साहब ने प्रस्तुत पाठ के माध्यम से बताया है कि बच्चों को जहाँ अपनत्व और प्यार-दुलार मिलता है, वे वहीं रहना पसंद करते हैं | इसीप्रकार टोपी को बचपन में अपने परिवार की नौकरानी और अपने दोस्त की दादी से अपनत्व और प्यार मिलता है | फलस्वरूप, वह उन्हीं लोगों के साथ रहना पसंद करता है | टोपी का एक दोस्त है — इफ़्फ़न | दोनों के घर अलग-अलग थे | दोनों के धर्म भी अलग थे | फिर भी दोनों में अच्छी दोस्ती और प्रेम का रिश्ता कायम था |  

दरअसल टोपी शुक्ला कहानी दो अलग-अलग धर्मों से जुड़े बच्चों की है। इस कहानी में एक बच्चे और एक बूढ़ी दादी के बीच प्यार को दिखाया गया है।

टोपी शुक्ला और इफ़्फ़न एक-दूसरे के बहुत पुराने और गहरे मित्र थे। दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे थे। टोपी शुक्ला हिंदू धर्म को मानता था, वहीं उसके दोस्त इफ़्फ़न और उसकी दादी मुस्लिम धर्म से थे और दोनों के दिलों में प्यार की प्यास थी। लेकिन जब भी टोपी शुक्ला अपने दोस्त इफ़्फ़न के घर जाता था तो वह दादी के पास ही बैठता। इफ़्फ़न की बूढ़ी दादी की मीठी पूरबी बोल उसके मन को बहुत भाता था। दादी पहले रोज टोपी शुक्ला की अम्मी के बारे में पूछती थी और फिर उसे रोज कुछ खाने को देती थीं। टोपी शुक्ला को बूढ़ी दादी का हर शब्द गुड़ की डली सा लगता था। इसीलिए दोनों का रिश्ता बहुत ही खास और गहरा था। इफ़्फ़न की दादी जितना उसे प्यार करती थीं उतना ही टोपी शुक्ला को भी करती थीं, ना ही उससे कम ,ना ही उससे ज्यादा। वहीं एक दिन ऐसा हुआ जब बूढ़ी दादी का मृत्यु हो गया उसके बाद टोपी शुक्ला को ऐसा लगने लगा कि उसकी जिंदगी में दादी का छत्रछाया ही नहीं रहा और उसको अपने दोस्त इफ़्फ़न का घर खाली लगने लगा।

टोपी शुक्ला कहानी | Sanchyan Hindi Class 10th | पाठ 3 | टोपी शुक्ला Summary | Quick revision Notes ch-1 Sanchyan | EduGrown

जल्दी ही इफ्फन के पिता का तबादला हो गया। उस दिन टोपी ने कसम खाई कि आगे से किसी ऐसे लड़के से मित्रता नहीं करेगा, जिसके पिता की नौकरी बदलने वाली हो। इफ्फन के जाने के बाद टोपी अकेला हो गया। उस शहर के अगले कलेक्टर हरिनाम सिंह थे। उनके तीन लड़के थे। तीनों लड़कों में से कोई उसका दोस्त न बन सका। डब्बू बहुत छोटा था। बीलू बहुत बड़ा था। गुड्डू केवल अंग्रेज़ी बोलता था। उनमें से किसी ने टोपी को अपने पास फटकने न दिया। माली और चपरासी टोपी को जानते थे इसलिए वह बँगले में घुस गया। उस समय तीनों लड़के क्रिकेट खेल रहे थे। उनके साथ टोपी का झगड़ा हो गया। डब्बू ने अलसेशियन कुत्ते को टोपी के पीछे लगा दिया। टोपी के पटे में सात सइुयाँ लगीं तो उसे होश आया। फिर उसने कभी कलेक्टर के बँगले का रुख नहीं किया।.


इसके बाद टोपी ने अपना अकेलापन घर की बूढ़ी नौकरानी सीता से दूर किया। सीता उसे बहुत प्यार करती थी। वह उसका दुख-दर्द समझती थी। घर के सभी सदस्य उसे बेकार समझते थे। घर में सभी के लिए सर्दी में गर्म कपड़े बने, परंतु टोपी को मुन्नी बाबू का उतरा कोट मिला। उसने इसे लेने से इनकार कर दिया। उसने वह कोट घर की नौकरानी केतकी को दे दिया। उसकी इस हरकत पर दादी क्रोधित हो गई। उन्होंने उसे बिना गर्म कपड़े के सर्दी बिताने का आदेश दे दिया।
टोपी नवीं कक्षा में दो बार फेल हो गया था, जिस कारण उसे घर में और अधिक डाँट पड़ने लगी थी। जिस समय वह पढ़ने बैठता था, उसी समय घर के सदस्यों को बाहर से कुछ-न-कुछ मँगवाना होता था। स्कूल में भी उसे अध्यापकों ने सहयोग नहीं दिया। अध्यापकों ने उसके नवीं में लगातार तीन साल फेल होने पर उसे नज़रअंदाज़ कर दिया था। पिछले दर्जे के छात्रों के साथ बैठना उसे अच्छा नहीं लगता था। कोई भी ऐसा नहीं था, जो उसके साथ सहानुभूति रखता; उसे परीक्षा में पास होने के लिए प्रेरित करता। घर और स्कूल में किसी ने भी उससे अपनापन नहीं दिखाया। उसने स्वयं ही मेहनत की और तीसरी श्रेणी में नवीं पास कर ली। उसके नवीं पास करने पर दादी ने कहा कि उसकी रफ्तार अच्छी है। तीसरे वर्ष में तीसरी श्रेणी में पास तो हो गए हो।

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NCERT Solution – टोपी शुक्ला

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सपनों के से दिन कहानी | Sanchyan Hindi Class 10th | पाठ 2 | सपनों के से दिन Summary | Quick revision Notes ch-1 Sanchyan | EduGrown

सपनों के से दिन sapno ke se din class 10 hindi Summary

कहानी सपने के से दिन लेखक गुरदयाल सिंह के बचपन का एक स्मरण है। वो अपने स्कूल के दिनों को याद करते हैं। वह बहुत संपन्न परिवार से न थे। वह ऐसे गाँव से थे जहाँ कुछ ही लड़के पढाई में रूचि रखते थे। कई बच्चे स्कूल कभी जाते ही नहीं या बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते। द्वितीय विश्व युद्ध का जमाना था और उन दिनों चीजें महँगी हुआ करती थी। पढाई की चीजें में जितना दाम लगता उतने में एक सेर घी आ जाता था।  वे अपने परिवार के पहले लड़के थे जो स्कूल जाते थे। वे याद करते हैं की सभी विद्यार्थी स्कूल को कैद समझते और पढ़ने में कुछ ही लड़कों को रूचि होती।  उन्हें अपना खेल कूद याद आता है कि कैसे सभी बच्चे खेलते समय अक्सर ही चोटिल हो जाया करते और इस पर भी इन्हें अपने अपने घरों में मार पड़ती। स्कूल के अलियार के फूल की सुगंध वो आज भी महसूस करते हैं।

पूरे साल में सिर्फ एक दो महीने ही पढ़ाई होती और लंबी छुट्टियाँ पड़ती थी।  छुट्टियों में वे गृहकार्य न कर पूरी छुट्टियाँ खेलने में निकाल देते और शेष कुछ दिनों में जैसे तैसे पूरा करते। स्कूल न जाने का एक बड़ा कारण था मास्टर से पिटाई का भय। उन्हें अक्सर ही शिक्षकों से मार खाना पड़ता। कुछ शिक्षक ऊँची श्रेणी में भी पढ़ाते। उनके हेडमास्टर श्री मदनमोहन शर्मा नरम दिल के थे जो बच्चो को सजा देने में यकीन नहीं रखते थे पर उन्हें याद है अपने पीटी सर प्रीतमचंद जो काफी सख्त थे और स्काउट कराते। वो बच्चो की खाल उधेड़ने को सदा तैयार रहते।  लेखक और उनके साथियों को स्काउट करना बहुत पसंद था। खाकी वर्दी पहने गले में दोरंगे रूमाल लटकाए और नीली पीली झंडियाँ पकड़ कर अभ्यास करना उन्हें उत्साहित करता। ऐसा लगता था मानो एक फ़ौजी हों। मास्टर जी की एक शाबाशी उन्हें एहसास कराती जैसे फ़ौज के सारे तमगे जीत लिए हों। अंग्रेजों के अफ्सर बच्चों को फ़ौज में भर्ती होने को आकर्षित करते पर कुछ ही लड़के थे जो उनके सूट और बूट की लालच में आकर भर्ती होते। मास्टर जी का भारी बूट उन्हें भाता पर घरवाले लाने नहीं देते। इसके बाद भी लेखक और उनके सहपाठी पीटी मास्टर से नफरत करते जिसकी वजह थी उनका उन्हें बुरी तरह पीटना।

जब वे सब चौथी श्रेणी में पढ़ते थे तब पीटी मास्टर उन्हें फ़ारसी पढ़ाते थे जो एक कठिन विषय था। एक शब्दरूप याद करने को उन्हीं ने दिया था जिसे कुछ ही बच्चे याद कर पाए और तब मास्टर साहब ने सबको मुर्गा बनने को कहा। जब हेडमास्टर शर्मा जी ने यह देखा तो बहुत गुस्सा हुए और उन्हें निलंबित करने को एक आदेश पत्र लिख दिया जिसपे शिक्षा विभाग के डायरेक्टर की मंजूरी आवश्यक थी। उसके बाद पीटी मास्टर कभी स्कूल न आए। लेखक को इतना याद है कि सख्त पीटी मास्टर अपने तोतों से मीठी मीठी बातें किया करते थे जो उन्हें हैरान करती थीं।

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NCERT Solution – सपनों के से दिन

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हरिहर काका कहानी | Sanchyan Hindi Class 10th | पाठ 1 | हरिहर काका Summary | Quick revision Notes ch-1 Sanchyan | EduGrown

हरिहर काका कहानी | Sanchyan Hindi Class 10th | पाठ 1 | हरिहर काका Summary | Quick revision Notes ch-1 Sanchyan | EduGrown

हरिहर काका कहानी Summary Class 10th

प्रस्तुत पाठ या कहानी हरिहर काका , लेखक मिथिलेश्वर जी के द्वारा लिखित है। इस कहानी में लेखक के द्वारा ग्रामीण परिवेश को चित्रित करते हुए एक वृद्ध व्यक्ति के सादगीयुक्त जीवन को उजागर किया गया है। इस कहानी के मुताबिक उस वृद्ध व्यक्ति के परिवारवाले स्वार्थमय जीवन के भोग-विलास में लगे हुए हैं और उसे अपने जीवन के अंतिम क्षणों में बेबस और लाचार होना पड़ा। 

लेखक का हरिहर काका से परिचय बचपन का है। हरिहर काका उसके पड़ोस में रहते थे। उन्होंने उसे अपने बच्चे की तरह प्यार और दुलार दिया था। वे उससे अपनी कोई भी बात नहीं छिपाते थे। परंतु पिछले कुछ दिनों की घटी घटनाओं के कारण हरिहर काका ने चुप्पी साध ली थी। वे शांत बैठे रहते थे। लेखक के अनुसार उनके पिछले जीवन को जानना अत्यंत आवश्यक है। लेखक का गाँव कस्बाई शहर आरा से चालीस किलोमीटर की दूरी पर है। हसन बाज़ार बस स्टैंड के पास है। गाँव की कुल आबादी ढाई-तीन हजार है। वे लेखक के गाँव के ही रहने वाले हैं।


गाँव में तीन स्थान प्रमुख हैं। एक तालाब, दूसरा पुराना बरगद का वृक्ष और तीसरा ठाकुर जी का विशाल मंदिर जिसे लोग ठाकुरबारी भी कहते हैं। यह मंदिर गाँव वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ठाकुरबारी की स्थापना कब हुई, इसका किसी को विशेष ज्ञान नहीं था। इस संबंध में प्रचलित है कि जब गाँव बसा था, तो उस समय एक संत इस स्थान पर झोंपड़ी बनाकर रहने लगे थे। उस संत ने इस स्थान पर ठाकुर जी की पूजा आरंभ कर दी। लोगों ने धर्म और सेवा भावना से प्रेरित होकर चंदा इकट्ठा करके ठाकुर जी का मंदिर बनवा दिया। उनका मानना है कि यहाँ माँगी गई हर मन्नत ज़रूर पूरी होती है। ठाकुरबारी के पास काफी ज़मीन है। पहले हरिहर काका नियमित रूप से ठाकुरबारी जाते थे, परंतु परिस्थितिवश अब उन्होंने यहाँ आना बंद कर दिया।

हरिहर काका के चार भाई हैं। सभी विवाहित हैं। उनके बच्चे भी बड़े हैं। हरिहर काका ने दो शादियाँ की थीं, परंतु उन्हें बच्चे नहीं हुए थे। उनकी दोनों पत्नियाँ भी जल्दी स्वर्ग सिधार गई थीं। हरिहर काका ने तीसरी शादी बढ़ती उम्र और धार्मिक संस्कारों के कारण नहीं की थी। वे अपने भाइयों के साथ रहने लगे थे। वे अपने भाइयों के परिवार के साथ ही रहते हैं। हरिहर काका के पास कुल साठ बीघे खेत हैं। प्रत्येक भाई के हिस्से 15 बीघे खेत हैं। परिवार के लोग खेती-बाड़ी पर ही निर्भर हैं। भाइयों ने अपनी पत्नियों को हरिहर काका की अच्छी प्रकार सेवा करने के लिए कहा है। कुछ समय तक तो वे भली-भाँति उनकी सेवा करती रहीं, परंतु बाद में न कर सकीं।


एक समय ऐसा आया जब घर में कोई उन्हें पानी देने वाला भी नहीं था। बचा हुआ भोजन उनकी थाली में परोसा जाने लगा। उस दिन उनकी सहनशक्ति समाप्त हो गई, जब हरिहर काका के भतीजे का मित्र शहर से गाँव आया। उसके लिए तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए गए। काका ने सोचा कि उन्हें भी स्वादिष्ट व्यंजन खाने को मिलेंगे, परंतु ऐसा नहीं हुआ। उनको वही रूखा-सूखा भोजन परोसा गया। हरिहर काका आग बबूला हो गए। उन्होंने थाली उठाकर आँगन में फेंक दी और बहुओं को खरी-खोटी सुनाने लगे। ठाकुरबारी के पुजारी उस समय मंदिर के कार्य के लिए दालान में ही उपस्थित थे। उन्होंने मंदिर पहुंचकर इस घटना की सूचना महंत को दी।


महंत ने इसे शुभ संकेत समझा और सारे लोग हरिहर काका के घर की तरफ निकल पड़े। महंत काका को समझाकर ठाकुरबारी ले आए। उन्होंने संसार की निंदा शुरू कर दी और दुनिया को स्वार्थी कहने लगे तथा ईश्वर की महिमा का गुणगान करने लगे। महंत ने हरिहर काका को समझाया कि अपनी ज़मीन मंदिर के नाम लिख दो जिससे तुम्हें बैकुंठ की प्राप्ति होगी तथा लोग तुम्हें हमेशा याद करेंगे। हरिहर काका उनकी बातें ध्यान से सुनते रहे। वे दुविधा में पड़ गए। अब उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। महंत ने ठाकुरबारी में ही उनके रहने तथा खाने-पीने की उचित व्यवस्था करवा दी।जैसे ही इस घटना की सूचना उनके भाइयों को लगी, वैसे ही वे उन्हें मनाने के लिए फिर ठाकुरबारी पहुँचे। पर वे उन्हें घर वापस लाने में सफल न हो सके। पर अगले ही दिन वे ठाकुरबारी पहुँचे और काका के पाँव पकड़कर रोने लगे। उनसे अपने दुर्व्यवहार के लिए माफ़ी माँगने लगे। हरिहर काका का दिल पसीज गया। वे घर वापस आ गए। अब काका की बहुत सेवा होने लगी। उन्हें जिस किसी वस्तु की इच्छा होती तो आवाज़ लगा देते और वस्तु उन्हें तुरंत मिल जाती। गाँव में काका की चर्चा होने लगी। घर के सदस्य जमीन अपने नाम लिखवाने का प्रयत्न करने लगे, परंतु हरिहर काका के समक्ष अनेक ऐसे उदाहरण थे जिन्होंने जीते-जी अपनी ज़मीन अपने रिश्तेदारों के नाम लिख दी थी और बाद में पछताते रहे। महंत भी मौका देखते ही उनके पास आ जाते और उन्हें समझाते रहते। 


कुछ समय बाद महंत जी की चिंताएँ बढ़ने लगीं। वे इस कार्य का उपाय सोचने लगे। एक दिन योजना बनाकर महंत ने अपने आदमियों को भाला, गंडासा और बंदूक से लैस करके काका का अपहरण करवा दिया। हरिहर काका के भाइयों एवं गाँव के लोगों को जब खबर लगी, तब वे ठाकुरबारी जा पहुंचे। उन्होंने मंदिर का दरवाज़ा खुलवाने का प्रयत्न किया, पर वे असफल रहे। तब उन्होंने पुलिस को बुला लिया। मंदिर के अंदर महंत एवं उसके आदमियों ने काका से ज़बरदस्ती कुछ सादे कागजों पर अंगूठे के निशान ले लिए। काका महंत के इस रूप को देखकर हैरान हो गए। पुलिस ने बहुत मुश्किल से मंदिर का दरवाजा खुलवाया, परंतु उन्हें अंदर कोई हलचल दिखाई नहीं दी। तभी एक कमरे से धक्का मारने की आवाज़ आई। पुलिस ने ताला तोड़कर देखा तो काका रस्सियों से बँधे मिले। उनके मुँह में कपड़ा ठूसा हुआ था। उन्हें बंधन से मुक्त करवाकर उनके भाई उन्हें घर ले गए।


अब उनका बहुत ध्यान रखा जाने लगा। दो-तीन लोग रात में उन्हें घेर कर सोते थे। जब वे गाँव में जाते तब भी हथियारों से लैस दो-तीन व्यक्ति उनके साथ जाते थे। उन पर फिर से दबाव डाला जाने लगा कि वे अपनी ज़मीन अपने भाइयों के नाम कर दें। जब एक दिन उनकी सहनशक्ति ने जवाब दे दिया तब उन्होंने भी भयानक रूप धारण कर लिया। उन्होंने काका को धमकाते हुए कहा कि सीधे तरीके से तुम हमारे नाम ज़मीन कर दो, नहीं तो मार कर यहीं घर में ही गाड़ देंगे और गाँव वालों को पता भी नहीं चलेगा। हरिहर काका ने जब साफ़ इनकार कर दिया तो उनके भाइयों ने उन्हें मारना शुरू कर दिया। हरिहर काका अपनी रक्षा के लिए चिल्लाने लगे। भाइयों ने उनके मुँह में कपड़ा ठूस दिया।
उनके चिल्लाने की आवाज़ सुनकर गाँव वाले इकट्ठा होने लगे। महंत तक भी खबर पहुँच गई। वह पुलिस लेकर वहाँ आ पहुँचा। पुलिस ने काका को बंधनमुक्त करवाकर उनका बयान लिया। काका ने बताया कि मेरे भाइयों ने ज़बरदस्ती इन कागज़ों पर मेरे अँगूठे के निशान लिए हैं। उनकी दशा देखकर मालूम हो रहा था कि उनकी पिटाई हुई है।


अब हरिहर काका ने पुलिस से सुरक्षा की माँग की। अब वे घर से अलग रह रहे हैं। उन्होंने अपनी सेवा के लिए एक नौकर रख लिया। दो-चार पुलिसकर्मी उन्हें सुरक्षा दे रहे हैं और उनके पैसे पर मौज कर रहे हैं। एक नेताजी ने उनके समक्ष प्रस्ताव रखा कि वे ज़मीन पर ‘उच्च विद्यालय’ खोल दें, पर काका ने इनकार कर दिया।
 गाँव में अफ़वाहों का बाजार गर्म हो रहा है। लोग सोचते हैं कि काका की मृत्यु के बाद महंत साधुओं एवं संतों को बुलाकर ज़मीन पर कब्जा कर लेगा। अब काका गूंगेपन का शिकार हो गए हैं। वे रिक्त आँखों से आकाश की ओर ताकते रहते हैं।

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For Anne Gregory Quick revision Notes | Class 10th Poem | English | For Anne Gregory Summary in English & Hindi Language

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For Anne Gregory Summary in English

William Butler Yeats wrote many love poems. For Anne Gregory’ is one of the best and beautiful poems by him. This poem is in the form of a conversation between a speaker, who may be the poet himself, or Anne’s lover or friend and maybe Anne Gregory herself. The other speakers may be in the belief that the young man loves Anne for her external beauty.  But here the speaker (maybe Anne Gregory) says that external beauty is not the real, and therefore young man should love her for herself only.

In this poem, the poet is presenting the description of a lover’s love for a woman. The lover may like the yellow colour of the woman’s hair. But he does not like her ramparts, means here the hair around the ear. So, the lady does not approve of his love. She wishes such a lover who loves her based on her internal qualities and not by the external and physical look. She says that her yellow hair is a temporary entity. Therefore, she may dye them into another colour like brown or black or carrot soon. And hence in this way, she may get her true love due to her internal beauty.

Then the poet says that only God loves we all humans on the bases of our soul and internal qualities and but our body and physical features. Undoubtedly, only selfless love is true, and God only gives true love.

Poet is of the view that most people love others only because they attract them by physical qualities. Thus, the complexion of the skin and the colour of the hair may be more important for us than the ‘real’ worth of the person. It means we rarely love people ‘for themselves alone’.

Even the beautiful Anne Gregory does not want to be liked or loved for her external beauty or her rare qualities of her beautiful yellow hair. Shallow minded people only adore physical beauty. But rather we should look for spiritual beauty before falling in love with a lady. Physical beauty is just an illusion and momentary. Unfortunately, most of the people are merely attracted by the colour of the skin and hair.

For Anne Gregory Summary in Hindi class 10

For Anne Gregory Summary in Hindi

विलियम बटलर यीट्स ने कई प्रेम कविताएँ लिखीं। ऐनी ग्रेगरी के लिए ‘उनके द्वारा सर्वश्रेष्ठ और सुंदर कविताओं में से एक है। यह कविता एक वक्ता के बीच बातचीत के रूप में है, जो स्वयं कवि हो सकता है, या ऐनी का प्रेमी या दोस्त और शायद ऐनी ग्रेग स्वयं भी। अन्य वक्ता इस विश्वास में हो सकते हैं कि युवक ऐनी को उसकी बाहरी सुंदरता से प्यार करता है। & nbsp; लेकिन यहाँ वक्ता (शायद ऐनी ग्रेगरी) का कहना है कि बाहरी सुंदरता वास्तविक नहीं है, और इसलिए युवा को केवल उसके लिए खुद से प्यार करना चाहिए।

इस कविता में, कवि एक महिला के लिए प्रेमी के प्रेम का वर्णन प्रस्तुत कर रहा है। प्रेमी को महिला के बालों का पीला रंग पसंद आ सकता है। लेकिन वह उसके प्राचीर को पसंद नहीं करता है, यहां कान के चारों ओर बाल हैं। इसलिए, महिला अपने प्यार को स्वीकार नहीं करती है। वह ऐसे प्रेमी की कामना करती है जो उसे उसके आंतरिक गुणों के आधार पर प्यार करे न कि बाहरी और शारीरिक रूप से। वह कहती है कि उसके पीले बाल एक अस्थायी संस्था है। इसलिए, वह जल्द ही उन्हें भूरे या काले या गाजर जैसे दूसरे रंग में रंग सकती है। और इस तरह, वह अपने आंतरिक सौंदर्य के कारण अपना सच्चा प्यार पा सकती है।

तब कवि कहता है कि केवल भगवान ही हम सभी मनुष्यों से अपनी आत्मा और आंतरिक गुणों के आधार पर प्यार करते हैं लेकिन हमारे शरीर और भौतिक सुविधाओं से। निस्संदेह, केवल निःस्वार्थ प्रेम ही सच्चा है, और परमेश्वर केवल सच्चा प्रेम देता है।

कवि का विचार है कि अधिकांश लोग दूसरों से केवल इसलिए प्यार करते हैं क्योंकि वे उन्हें भौतिक गुणों से आकर्षित करते हैं। इस प्रकार, व्यक्ति की color वास्तविक ’कीमत की तुलना में त्वचा का रंग और बालों का रंग हमारे लिए अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है। इसका मतलब है कि हम शायद ही कभी लोगों को ‘अपने लिए’ पसंद करते हैं।

यहां तक ​​कि सुंदर ऐनी ग्रेगरी अपनी बाहरी सुंदरता या उसके सुंदर पीले बालों के दुर्लभ गुणों के लिए पसंद या प्यार नहीं करना चाहती। उथले दिमाग वाले लोग केवल शारीरिक सुंदरता को मानते हैं। लेकिन इसके बजाय हमें एक महिला के प्यार में पड़ने से पहले आध्यात्मिक सुंदरता की तलाश करनी चाहिए। शारीरिक सुंदरता सिर्फ एक भ्रम और क्षणिक है। दुर्भाग्य से, अधिकांश लोग केवल त्वचा और बालों के रंग से आकर्षित होते हैं।

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The Tale of Custard the Dragon Quick revision Notes | Class 10th Poem | English | The Tale of Custard the DragonSummary in English & Hindi Language

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About the Poet

Frederic Ogden Nash (1902-1971) was an American poet was an American poet famous for his light verse. He was known as the producer of humorous poetry. He received Sarah Josepha Hale Award in 1964.

The Tale of Custard the Dragon Summary in English

It is a narrative poem which describes a little girl Belinda and her pets. Her pets are a black kitten called Ink, a grey mouse named Blink, a yellow dog named Mustard and a coward dragon called Custard. The dragon has dragger like sharp nails, sharp teeth and spikes on his scales. All her pets consider themselves to be brave. They all use to sit on a red wagon and make fun of the dragon who is assumed to be a coward. A pirate enters the house all of a sudden having pistols in both hands. He is holding sword in his teeth. Belinda gets extremely frightened and cries for help.

But all the pets flee away and hide themselves. But Custard comes forward full of bravery. He fights with the pirate and swallows him. This shows that Custard is not a coward. All other pets are cowards. But, other pets start saying that they are brave and two or three times braver than the dragon. However., the reality is now clear. Indeed, the dragon is only brave while all others are simply cowards.

The Tale of Custard the Dragon Summary in Hindi class 10

The Tale of Custard the Dragon Summary in Hindi

फ्रेडरिक ओग्डेन नैश एक अमेरिकी कवि हैं, जो अपनी हल्की कविता के लिए प्रसिद्ध हैं। वे हास्य कविता के निर्माता के रूप में प्रसिद्ध थे। उन्होंने यह कविता po द टेल ऑफ कस्टर्ड द ड्रैगन ’एक गाथागीत की शैली में लिखी है जिसका अर्थ है एक कहानी। गाथागीत साहस या वीरता के किस्से सुनाते हैं। इस तरह का एक हास्य गीत एक पैरोडी के साथ समाप्त हो रहा है।

बेलिंडा एक छोटे से सफेद घर में रहती थी, जिसमें उसके चार पालतू जानवर एक काले बिल्ली का बच्चा, एक ग्रे माउस, एक पीला कुत्ता और एक छोटा अजगर और एक लाल वैगन भी था। छोटे काले बिल्ली के बच्चे का नाम इंक था, छोटा ग्रे माउस ब्लिंक था, और छोटा पीला कुत्ता सरसों था। बू, अजगर एक कायर था, और बेलिंडा ने उसे कस्टर्ड कहा। कस्टर्ड ड्रैगन के बड़े तेज दांत थे, और उसके ऊपर स्पाइक्स और नीचे तराजू थे। उसका मुंह चिमनी के समान था, और नाक चिमनी के रूप में थी। इसके अलावा, वह अपने पैर की उंगलियों पर खंजर था।

बेलिंडा खुद को भालू से भरे बैरल के रूप में बहादुर मानती थीं। इंक और ब्लिंक सीढ़ियों से शेरों का पीछा करने में सक्षम थे। सरसों एक गुस्सैल बाघ की तरह बहादुर था। दूसरी ओर, कस्टर्ड ने हमेशा सबसे कमजोर के रूप में काम किया। बेलिंडा ने हमेशा कस्टर्ड को बेरहमी से गुदगुदाया। अन्य पालतू जानवरों ने व्यंग्यात्मक रूप से उन्हें पेरिवल कहा है जिसका अर्थ है राजा आर्थर का दरबार जो पवित्र कंघी बनानेवाले की रेती की मांग करता है।

जब भी कस्टर्ड उनके लिए एक सुरक्षित पिंजरा चाहता था, बेलिंडा और ब्लिंक ने उनके दिल की सामग्री को गिग्ड किया। इतना ही नहीं, इंक और मस्टर्ड ने उससे पूछा कि वह कितनी छोटी थी कि वह हर छोटी-बड़ी चीज से डरती थी।

एक बार, वे दोनों हाथों में बंदूकों और अपने दांतों के बीच एक चाकू के साथ एक समुद्री डाकू का सामना किया। देखते ही देखते समुद्री डाकू बेलिंडा मदद के लिए चिल्लाने लगी। फिर सभी जानवर छिप गए। केवल कस्टर्ड ने समुद्री डाकू के साथ लड़ाई की और उसे अपने एकल काटने में खा लिया। जैसे ही कस्टर्ड ने सभी को बचाया, सभी ने उन्हें धन्यवाद दिया। लेकिन अंत में, उन्होंने महसूस किया कि वे डरपोक थे, क्योंकि वे डरपोक थे। इसलिए, उन सभी ने अचानक यह कहना शुरू कर दिया कि वे उससे अधिक बहादुर हैं और इसलिए स्थिति को बहुत बेहतर तरीके से संभाल सकते थे।

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Fog Quick revision Notes | Class 10th Poem | English | Fog Summary in English & Hindi Language

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About the Author

Carl August Sandburg was an American poet, writer, and editor. He won three Pulitzer Prizes: two for his poetry and one for writing a wonderful biography of Abraham Lincoln. Carl Sandburg was born on 6 Jan 1878 and died at the age of 89 on 22 July 1967. He was widely regarded as a major figure in contemporary literature. ‘Chicago Poems’, Cornhuskers”Smoke and Steel’ are some of his famous works.

The fog comes
on little cat feet.
It sits looking
over harbour and city
on silent haunches
and then moves on.

This short poem is an expression of the view of fog. For the poet, fog is not just a natural phenomenon, It is rather a creature. Fog has been compared with a cat as the way fog comes, is very similar to the ways of a cat. As a cat walks silently on its small feet, the fog also comes in the same manner, as if trying to avoid any attention. Fog’s presence over and around a city seems as if a cat is sitting silently on its haunches and looking over the harbour and the city. Finally, when fog leaves a city, it looks like a cat’s slow and silent steps moving on from a place.

Fog Quick revision Notes | Class 10th Poem FootPrints Without Feet | English | Fog Summary in English & Hindi Language

Fog Summary in Hindi

कवि कोहरे का वर्णन कर रहा है। कोहरा वातावरण में मौजूद छोटे पानी की बूंदों का घना बादल है। यह आमतौर पर सर्दियों के मौसम के दौरान देखा जाता है। यहाँ कवि ने शहर और बंदरगाह की ओर कोहरे की उन्नति का वर्णन किया है। वह कहता है कि कोहरा ऐसे आता है जैसे बिल्ली अपने छोटे पैरों पर आती है। इसका मतलब है कि शहर की ओर कोहरा बहुत धीरे-धीरे और शांति से बिल्ली की तरह बढ़ता है। कोई यह नहीं जानता कि शहर में कोहरा कब और कैसे प्रवेश करेगा। इसलिए, कोहरे की तुलना उस बिल्ली से की जाती है जो अप्रत्याशित तरीके से हमारे घर में प्रवेश करती है।

आगे वह कहता है कि पूरे शहर में कोहरे के कारण एक बिल्ली चुपचाप बैठ जाती है और अपने पैरों को पीछे मोड़कर आस-पास की जगहों और चीजों को देखती है। इसी तरह, ऐसा लगता है कि कोहरा चुपचाप पूरे शहर और बंदरगाह को कवर करता है और एक बिल्ली की तरह चारों ओर देख रहा है। थोड़ी देर बाद कोहरा शहर छोड़कर चला जाता है। कवि ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि यह एक प्राकृतिक घटना है कि कोहरा लंबे समय तक एक जगह पर नहीं रहता है और कुछ घंटों के बाद जगह छोड़ देता है। तो, यहाँ भी कवि कहता है कि एक बिल्ली की तरह, कोहरा किसी को भी देखे बिना बहुत चुपचाप जगह छोड़ देता है।

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The Trees Quick revision Notes | Class 10th Poem | English | The Trees Summary in English & Hindi Language

 The Trees Quick revision Notes | Class 10th Poem FootPrints Without Feet | English |  The Trees Summary in English & Hindi Language

About the Author

Adrienne Rich was an American poet, essayist and feminist. She was born on 16 May 1929 and died at the age of 82 on 27 March 2012. ‘Of Woman Born’ On Lies, Secrets & Silence and ‘When We Dead Awaken’, are some of her famous works. In 1971, she was awarded the Shelley Memorial Award from the Poetry Society of America.

The Trees Summary in English

The poet observes that the trees in his house are moving outside into the forest which has been empty for a long time. It is important to understand that the trees are not actually moving, but it has been used as an imagery by the poet to show the destroyed forests and the false nature that humans have tried to keep in their houses. Since the forest outside was empty, no birds could sit on the branches of trees, no insects could hide in the trees and sunlight could never disappear under the shadows of the trees. The speaker feels that the empty forest will be full of trees by the next morning.

It seems like the trees work silently in the night in order to complete their mission of getting free from the boundaries of the house. Therefore, they work all night to free themselves through the cracks on the Verenda floor. The leaves of the trees try very hard to put a lot of pressure on the glass so that they could break it. The small twigs have become very hard due to applying so much pressure to free themselves. The large branches of the trees try to move slowly from there and look like newly discharged patients from a hospital, who become half-shocked on coming to the outside world.

The poet sits in her house, writing long letters, with the doors of house opening to the Veranda. She mentions in her letters about the trees that are moving out to the empty forest. It is a full moon night where the moon is shining in the open sky and the night is very fresh. The poet smells the leaves and lichens coming from the trees that reach her like a voice.

The poet listens to the sounds coming from the leaves and lichens of the trees. These sounds will not be there in the morning as the trees will move out to the forest in the night and will not be in the house by morning. Now, the poet can hear the glass breaking due to the efforts of the twigs. The trees hurry outside stumbling on each other. As the trees go in the open, it seems like the wind is moving fast towards them to meet them. The trees are so tall that they have the moon into pieces like a broken mirror. The moon sits like the crowns on the head of the tall oak tree.

The Trees Poem Summary in Hindi class 10

The Trees Poem Summary in Hindi

कवि कहता है कि वृक्ष घरों की सीढ़ियों से बाहर खुले जंगल में चले जा रहे हैं। यह अप्राप्य है क्योंकि पेड़ अचल हैं और इसलिए, हम महसूस करते हैं कि कविता का एक प्रतीकात्मक अर्थ है। हम व्याख्या करते हैं कि पेड़ उन मादाओं को संदर्भित करते हैं, जिन्होंने खुद को चंगा किया है और मानव जाति के साथ दुनिया को भरने के अपने प्राथमिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए जंगलों में अपने घरों से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं। आगे वह कहती है कि जंगल पिछले कई दिनों से खाली है और इसलिए, कोई भी पक्षी नहीं देखा जा सकता है क्योंकि उनके पास बैठने के लिए कोई पेड़ नहीं है, कीटों पर देखा जा सकता है क्योंकि उनके पास कोई आश्रय नहीं है और सूर्य का प्रकाश नहीं बन सकता है कोई भी छाया। मानवता का जंगल कई दिनों से खाली है लेकिन जल्द ही पूर्ण और उज्ज्वल हो जाएगा।

कवि पौधों द्वारा जंगल तक पहुँचने के लिए किए गए संघर्ष की व्याख्या करता है। वह कहती है कि जड़ों ने पूरी रात बरामदे के फर्श से खुद को अलग करने के लिए काम किया। पत्तों ने कांच की खिड़की तक पहुंचने की बहुत कोशिश की ताकि वे बाहर जा सकें। यहां तक ​​कि पेड़ों के छोटे तनों ने भी खुद को आज़ाद करने के लिए बहुत प्रयास किए। बड़ी शाखाएँ भी कमरे की छत से बाहर जाने की बहुत कोशिश कर रही थीं। हम कह सकते हैं कि महिलाएं एक बदलाव के लिए बेताब हैं और उनके प्रयास की तुलना उस मरीज से की जाती है जिसे अस्पताल से रिहा कर दिया गया है और वह जल्दबाज़ी में बाहर निकलने की कोशिश करती है। शायद इसलिए कि वे आधे जागरूक हैं और किसी दवा के प्रभाव में हैं, वे अस्थिर हैं लेकिन क्लिनिक छोड़ने की जल्दी में हैं।

कवि कहता है कि वह अपने बरामदे में बैठी है, लंबे पत्र लिख रही है। वह अपने पत्रों में अपने घर छोड़ने वाले पेड़ों के बारे में नहीं बताती है। वह कहती है कि रात बहुत साफ है। वह पूरा चाँद देख सकती है जो चमक रहा है। पत्तियों और लाइकेन की गंध एक आवाज की तरह होती है जो चिल्लाती है और घर की परिधि से मुक्ति की इच्छा व्यक्त करती है।

उसका सिर पेड़ों से बनी धीमी आवाज़ों से भरा है जो बाहर निकलने के लिए बेताब हैं। अगले दिन ये आवाजें सुनाई नहीं देंगी। कवि पाठक से ध्यान से सुनने के लिए कहता है क्योंकि परिवर्तन होने वाला है। वह कांच की खिड़की को तोड़ता हुआ सुनता है और पेड़ रात में ठोकर खाते हैं। बाहर हवा चल रही है। यह पेड़ों से मिलता है। चंद्रमा एक दर्पण की तरह है और ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि ओक के पेड़ की छाया चंद्रमा को कई टुकड़ों में विभाजित करती है।

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Animals Quick revision Notes | Class 10th Poem FootPrints Without Feet | English | Animals Summary in English & Hindi Language

Animals Quick revision Notes | Class 10th Poem FootPrints Without Feet | English | Animals Summary in English & Hindi Language

Animals Poem Summary Class 10 in English

About the Poet

Walt Whitman is the poet of Animals poem. Walt Whitman born in 31 May 1819 and die in 26 March 1892. He was an american poet and in the age when all poet was rhymed and metrical, Whitman made a break with tradition and wrote a revolutionary new kind of poem. He was nonconformist in all respect, including his social life.

Animal Summary

 Walt Whitman thinks that he can live with animals more comfortably and with ease than human beings because animals are more peaceful and self-contained. They do not have any greed, they not lie like other human beings, they do not cry for their work or duty. They do not sweat and whine about their condition.

They not to fall on their knees to another like human beings. Though not respectable, no animal is unhappy but the human is greedy, unhappy, cry due to its bad work, they fall on knees, they respect other human beings. Poet says all these quality human did not have, but slowly time is change and all good quality is adopted by Animals and human carelessly lost this quality. So your Animals poem summary is completed.

Animals Poem Summary Class 10 in Hindi

Animals Poem Summary Class 10 in Hindi

वॉल्ट व्हिटमैन सोचता है कि वह जानवरों के साथ और अधिक आराम से और इंसानों की तुलना में आसानी से रह सकता है क्योंकि जानवर अधिक शांत और आत्म-निहित हैं। उन्हें कोई लालच नहीं है, वे अन्य मनुष्यों की तरह झूठ नहीं बोलते हैं, वे अपने काम या कर्तव्य के लिए नहीं रोते हैं। वे अपनी स्थिति के बारे में पसीना नहीं बहाते हैं।

वे इंसानों की तरह अपने घुटनों पर नहीं गिरते। हालांकि सम्मानजनक नहीं है, कोई भी जानवर दुखी नहीं है लेकिन मानव लालची है, दुखी है, इसके बुरे काम के कारण रोते हैं, वे घुटनों पर गिरते हैं, वे अन्य मनुष्यों का सम्मान करते हैं। कवि कहते हैं कि ये सभी गुणवत्ता मानव के पास नहीं थी, लेकिन धीरे-धीरे समय बदल रहा है और सभी अच्छी गुणवत्ता को जानवरों द्वारा अपनाया जाता है और मानव ने लापरवाही से इस गुणवत्ता को खो दिया है। तो आपका पशु कविता सारांश पूरा हो गया है।

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Amanda Quick revision Notes | Class 10th Poem | English | Amanda Summary in English & Hindi Language

Amanda Quick revision Notes | Class 10th Poem FootPrints Without Feet | English | Amanda Summary in English & Hindi Language

Amanda Poem Summary in English

About The Poet

Robin Klein is one of Australia’s most beloved and prolific Young Adult authors. Klein worked several jobs at the age of fifteen before becoming an established writer and published her first story at the age of sixteen. Robin Klein has written over 40 books that are hugely celebrated for winning the CBCA Children’s Book of the Year Award and the Human Rights Award for Literature in 1989 for the novel- Came Back to Show You I Could Fly. 

Summary of the Poem Amanda

The poem Amanda is a brief expression of the little girl’s state of mind, which is stuffed with instructions- the do’s and don’ts by her mother. The poem revolves around a little girl named Amanda and her mother, who keeps instructing and irritating her for her mistakes. Her mother’s constant instructions like not to bite her nails, or not to bend her back and shoulders, or not to hunch her shoulders but sit up straight deprive Amanda of her freedom of life in the open. 

To her mother’s persisting instructions, Amanda imagines herself as a Mermaid swimming joyously and freely in the deep green ocean enjoying the calming and relaxing life. She even imagines how blissful her life would be if she would be a sea god having a fishtail instead of legs and enjoy the calming effect of the sea waves and move along with the waves, up and down in the water. The act of escapism is interrupted by her mother, who drags her out of the blissful dream with endless questions.

At this moment, little Amanda visualises herself as an orphan wandering freely, barefoot in golden silence and uninterrupted freedom in the streets. She enjoys the thought of being an orphan as she can have a quiet, peaceful life full of space by making the patterns of her bare feet on the sand. Her mother’s nagging complaints about her hygienic and healthy life or her restrictions towards chocolates not only breaks her daydream but also snatches her freedom. 

Counter to her mother’s words, Amanda slides into another dream where she fantasies herself as Rapunzel, captured in a tower by a witch. She dreams that she will never let down her hair from the tower like Rapunzel to allow the witch to climb in, thus living a calm and quiet life in a pleasant environment. 

Finally, Amanda’s mother warns her about her moody and odd behaviour as it might develop into a habit, and the result would be people thinking that she is harassing her little daughter. Here, the poet wants to convey that Amanda is restricted to react to her feelings and the constant complaints and nagging. This pushes Amanda to stop escaping into her dreams as her mother would take it up against her sense of pride and scold her to behave appropriately as other children. Amanda uses this to escape from the continuous harassment and dominance of her mother.

Amanda Poem Summary In Hindi

Amanda Poem Summary In Hindi

यह कविता एक छोटी लड़की के दिमाग की स्थिति को व्यक्त करती है, जिसे लगातार उसकी माँ द्वारा करने और न करने के बारे में निर्देश दिया जाता है। अमांडा नाम की लड़की और उसकी माँ जो गलतियों के लिए उसे परेशान कर रहे हैं। उसकी माँ उसे कंधे न उठाने और सीधे बैठने की हिदायत देती थी। उसकी माँ उसे अपना होमवर्क खत्म करने की याद दिलाती है। छोटी लड़की अमांडा खुले में जीवन की स्वतंत्रता के बारे में सपने देखती रहती है।

उसकी माँ को भी लगता है कि वह बहुत सुस्त तरीके से बैठी है। इसके लिए, अमांडा खुद को हल्के हरे समुद्र में स्वतंत्र रूप से और खुशी से तैरते हुए मत्स्यांगना के रूप में कल्पना करती है। वह सुंदर हरे समुद्र में एक शांत और आराम से जीवन जीना चाहता है। इसके अलावा उसकी माँ ने अमांडा को उसके सपनों से बाहर निकाल कर पूछा कि क्या वह अपने कमरे और जूते साफ करती है या नहीं।

अमांडा की एक और दिवास्वप्न है जिसमें वह खुद को एक अनाथ के रूप में कल्पना करती है, स्वतंत्र रूप से भटक रही है, सुनहरी चुप्पी और निर्बाध स्वतंत्रता में नंगे पांव। वह कहती है कि उसने रेत पर अपने नंगे पैर के पैटर्न बनाकर, अपनी स्वतंत्रता का आनंद लिया होगा। वह एक शांतिपूर्ण जीवन जीते। उसकी माँ की घिनौनी शिकायतें उसका दिवास्वप्न तोड़ देती हैं। मां ने अमांडा को उसके मुंहासे और फुंसियों के कारण चॉकलेट नहीं खाने के लिए मना किया था। जब वह उससे बात कर रही होती है तो वह उसे नहीं देखने के लिए उसे डांटती है।

अमांडा एक और सपने का आनंद ले रही है कि अब वह खुद को रॅपन्ज़ेल के रूप में कल्पना करती है, जो एक परी कथा का एक चरित्र है और एक विशाल टॉवर में उसकी तरह शांति से रहना चाहती है। वह सपना देखती है कि वह रॅपन्ज़ेल की तरह अपने बालों को टॉवर से नीचे नहीं जाने देगी। टॉवर में, वह अकेली और शांतिपूर्ण जीवन जीतेगी। वह कभी भी किसी को टॉवर पर नहीं आने देगी। अंत में, माँ ने उसे मूडी होने के लिए मना किया। इस समय कवि ने अमांडा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं लिखी है। लगातार हो रही इस छेड़खानी ने उसे इतना परेशान कर दिया है कि उसने खुद को किसी और की तरह देखना भी बंद कर दिया है। अपने माता-पिता के निरंतर उत्पीड़न और प्रभुत्व से बचने के लिए वह हमेशा यही कोशिश करती है।

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The Ball Poem Quick revision Notes | Class 10th Poem | English | The Ball Poem Summary in English & Hindi Language

The Ball Poem Quick revision Notes | Class 10th Poem FootPrints Without Feet | English | The Ball Poem Summary in English & Hindi Language

The Ball Poem Summary in English

This poem is about losing something which we love and then learning to grow up. It is about a little boy, who in his young life, for the first time, is learning what it is like to experience grief after the loss of a much-beloved possession which is here his ball. Maybe for us, the loss of a ball is of minor consequence. Our natural reaction may be that still there are many more balls. So, need not worry. But to a little boy, this is something different. One can get another ball with a very less amount of money. But, money is external and immortal here, as it cannot buy back the love and hence cannot replace the things that we love.

In this poem, the boy’s ball van is easily personifying with his young days and which were happy and innocent. People may take balls just as they will take away our innocence and force us to grow up soon. And once we lose our innocence, then we cannot get it back. But, despite all of these we have to learn to stand up. Obviously we need to be strong and get on with our life, irrespective of the sadness inside. This is the only way we will survive. Therefore, we have to learn to accept and let go.

The poet has made the use of the imagery while telling how the ball personifies the spirit of the boy’s childish innocence. We may visualize how the spirit of this little boy, like the ball, is sinking into the dark waters of the harbour. And as it drifts further away, the little boy will learn to grow up, and that part is linked to that ball grows up as well, until it is no longer a little boy.

Thus the reader may interpret this poem literally and metaphorically both. If literally, then it is a soulful picture of little boys growing up and learning to deal with the loss of the first in his possession. If metaphorically, then it is the story of mankind learning to deal with the loss of their loved things or people.

The Ball Poem Summary in Hindi

The Ball Poem Summary in Hindi

यह कविता कुछ खोने के बारे में है जिसे हम प्यार करते हैं और फिर बड़ा होना सीखते हैं। यह एक छोटे लड़के के बारे में है, जो अपने युवा जीवन में, पहली बार, यह सीख रहा है कि एक अति-प्रिय कब्जे के नुकसान के बाद दुःख का अनुभव करना कैसा है जो यहां उसकी गेंद है। शायद हमारे लिए, एक गेंद का नुकसान मामूली परिणाम है। हमारी स्वाभाविक प्रतिक्रिया यह हो सकती है कि अभी भी कई और गेंदें हैं। तो, चिंता की जरूरत नहीं है। लेकिन एक छोटे लड़के के लिए, यह कुछ अलग है। एक और बहुत कम राशि के साथ एक और गेंद मिल सकती है। लेकिन, यहां पैसा बाहरी और अमर है, क्योंकि यह प्यार को वापस नहीं खरीद सकता है और इसलिए हम उन चीजों को प्रतिस्थापित नहीं कर सकते हैं जिन्हें हम प्यार करते हैं।

इस कविता में, लड़के की बॉल वैन आसानी से अपने युवा दिनों के साथ सहज है और जो खुश और निर्दोष थे। लोग गेंदों को वैसे ही ले सकते हैं जैसे वे हमारी मासूमियत को छीन लेंगे और हमें जल्द ही बड़ा होने के लिए मजबूर करेंगे। और एक बार जब हम अपनी निर्दोषता खो देते हैं, तो हम उसे वापस नहीं पा सकते। लेकिन, इन सबके बावजूद हमें खड़े होना सीखना होगा। जाहिर है कि हमें मजबूत होना चाहिए और अपने जीवन के साथ आगे बढ़ना चाहिए, चाहे वह अंदर की उदासी ही क्यों न हो। यही एक तरीका है जिससे हम बचेंगे। इसलिए, हमें स्वीकार करना और जाने देना सीखना होगा।

कवि ने कल्पना का उपयोग यह बताते हुए किया है कि गेंद किस तरह से लड़के की बचकानी मासूमियत की भावना को व्यक्त करती है। हम कल्पना कर सकते हैं कि गेंद की तरह इस छोटे लड़के की आत्मा बंदरगाह के काले पानी में कैसे डूब रही है। और जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता है, छोटा लड़का बड़ा होना सीख जाएगा, और यह हिस्सा उस गेंद से जुड़ा हुआ है और साथ ही बड़ा होता है, जब तक कि यह छोटा लड़का नहीं है।

इस प्रकार पाठक इस कविता की शाब्दिक और रूपक दोनों व्याख्या कर सकता है। अगर शाब्दिक रूप से, तो यह छोटे लड़कों की बढ़ती हुई तस्वीर है और वह अपने कब्जे में पहले के नुकसान से निपटने के लिए सीख रहा है। यदि रूपक के रूप में, तो यह मानव जाति की कहानी है कि वे अपने प्रिय चीजों या लोगों के नुकसान से निपटना सीखें।

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