पाठ 5 वैज्ञानिक चेतना के वाहक : चन्द्र शेखर वेंकट रामन | Class 9th hindi Sparsh Important MCQs

MCQ Questions for Class 9 Hindi Chapter 5 वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन् स्पर्श

1. रामन् किस पत्रिका का संपादन करते थे?

(a) इंडियन जरनल ऑफ़ फ़िजिक्स

(b) करेंट साइंस

(c) फिलॉसॉफिकल

(d) इंडिया टुडे

► (b) करेंट साइंस

2. शुरुआती दिनों में चंद्रशेखर वेंकट रामन् को क्या संघर्ष करना पड़ा था?

(a) प्रयोगशाला और उपकरणों की कमी

(b) प्रयोगशाला की कमी

(c) उपकरणों की कमी

(d) इनमें से किसी ने नहीं

► (a) प्रयोगशाला और उपकरणों की कमी

3. एकवर्णीय प्रकाश की किरणों में बैंगनी के बाद क्रम के अनुसार किसका नंबर आता है?

(a) आसमानी, हरे, पीले, नीले, नारंगी और लाल

(b) आसमानी, हरे, नीले, पीले, नारंगी और लाल

(c) आसमानी, नीले, हरे, पीले, नारंगी और लाल

(d) नीले, आसमानी, हरे, पीले, नारंगी और लाल

► (d) नीले, आसमानी, हरे, पीले, नारंगी और लाल

4. रामन् को किससे गहरा लगाव रहा था?

(a) स्वयं की योग्यता से

(b) भारतीय संस्कृति से

(c) ब्रिटिश सरकार से

(d) अपनी खोजों से

► (b) भारतीय संस्कृति से

5. रामन् की खोज की वजह से किसका ज्ञान आसान हो गया?

(a) पदार्थों के अणुओं का

(b) पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन

(c) परमाणुओं की आंतरिक संरचना का

(d) इनमें से किसी ने नहीं

► (b) पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन

6. ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस’ संस्था का उद्देश्य क्या था?

(a) अनुसंधान करना

(b) खोजें करना

(c) वैज्ञानिक चेतना का विकास करना

(d) वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करना

► (c) वैज्ञानिक चेतना का विकास करना

7. रामन द्वारा स्थापित प्रयोगशाला और शोध-संस्थान का क्या नाम है?

(a) चंद्रशेखर रिसर्च इंस्टीट्यूट

(b) रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट

(c) चंद्रशेखर वेंकट रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट

(d) वेंकट रिसर्च इंस्टीट्यूट

► (b) रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट

8. पेड़ से सेब के गिरने के पीछे छिपे रहस्य को सबसे पहले किसने समझा था?

(a) लेखक ने

(b) न्यूटन ने

(c) चंद्रशेखर वेंकट रामन् ने

(d) इनमें से किसी ने नहीं

► (b) न्यूटन ने

9. वेंकट रामन के पिता क्या कार्य करते थे?

(a) वे नौकाएँ बनाने का कार्य करते थे

(b) वे एक उद्योगपति थे

(c) वे गणित और भौतिकी के शिक्षक थे

(d) वे एक कृषक थे।

► (c) वे गणित और भौतिकी के शिक्षक थे

10. रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा और क्या थे?

(a) एक किसान

(b) एक वैज्ञानिक

(c) एक व्यवसायी

(d) एक अधिकारी

► (b) एक वैज्ञानिक

11. रामन् के पिता रामन् को बचपन से ही पढ़ाते थे?

(a) गणित और विज्ञान

(b) विज्ञान और हिंदी

(c) गणित और फ़िज़िक्स

(d) फिज़िक्स और विज्ञान

► (c) गणित और फ़िज़िक्स

12. किस सवाल का जवाब ढूँढ़ने के कारण रामन संसार में प्रसिद्ध हो गए?

(a) पेड़ से सेब नीचे ही क्यों गिरता है?

(b) प्रकाश की किरणों में कितने रंग होते हैं?

(c) समुद्र का पानी खरा क्यों होता है?

(d) आखिर समुद्र का रंग नीला ही क्यों होता है? कुछ और क्यों नहीं?

► (d) आखिर समुद्र का रंग नीला ही क्यों होता है? कुछ और क्यों नहीं?

13. रामन् ने कौन-सी सरकारी नौकरी को चुना?

(a) वे शिक्षा विभाग में इंस्पेक्टर हो गए

(b) उन्होंने सरकार के वित्त विभाग में अफ़सर की नौकरी की

(c) वे वैज्ञानिक शोध में ही लगे रहे

(d) वे परमाणु के बारे में खोज कर रहे थे।

► (b) उन्होंने सरकार के वित्त विभाग में अफ़सर की नौकरी की

14. चंद्रशेखर वेंकट रामन् को नौकरी करते हुए कितने वर्ष बीत चुके थे?

(a) दस

(b) आठ

(c) बारह

(d) सात

► (a) दस

15. रामन् मस्तिष्क किसको सुलझाने के लिए बचपन से ही बेचैन रहता था?

(a) गणित के सवालों को

(b) विज्ञान के रहस्यों को

(c) पिता द्वारा पूछे प्रश्नों को

(d) इनमें से किसी ने नहीं

► (b) विज्ञान के रहस्यों को

16. ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस’ प्रयोगशाला की स्थापना किसने की थी?

(a) लेखक ने

(b) न्यूटन ने

(c) चंद्रशेखर वेंकट रामन् ने

(d) डॉक्टर महेंद्रलाल सरकार

► (d) डॉक्टर महेंद्रलाल सरकार

17. एकवर्णीय प्रकाश की किरणों में सबसे अधिक ऊर्जा किस रंग के प्रकाश में होती है?

(a) लाल

(b) बैंगनी

(c) सफ़ेद

(d) काला

► (b) बैंगनी

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पाठ 4 तुम कब जाओगे, अतिथि | Class 9th hindi Sparsh Important MCQs

MCQ Questions for Class 9 Hindi Chapter 4 तुम कब जाओगे, अतिथि स्पर्श

1. आतिथ्य से लेखक का क्या तात्पर्य है?

(a) मेहमाननवाज़ी

(b) अतिथि संगति

(c) उपहार

(d) प्रेम

► (a) मेहमाननवाज़ी

2. लेखक का बटुआ अंदर ही अंदर क्यों काँपने लगा?

(a) लेखक के बटुए में फोन रखा था|

(b) लेखक का बजट गड़बड़ा गया था।

(c) लेखक के पैर काँपने के कारण|

(d) इनमें से कोई नहीं।

► (b) लेखक का बजट गड़बड़ा गया था।

3. एस्ट्रोनॉट्स किसे कहा जाता है?

(a) मेहमानों को

(b) अंतरिक्ष यात्रियों को

(c) ख़ास प्रकार की गाड़ियों को

(d) सिगरेट के धुएँ को

► (b) अंतरिक्ष यात्रियों को

4. लेखक पर किस प्रकार का आधात अप्रत्याशित था?

(a) मेहमान द्वारा कीमती सामान तोड़ देना।

(b) मेहमान का आना और रुक जाना।

(c) मेहमान का घर के मामले में दखल देना।

(d) मेहमान द्वारा अपना खर्च स्वयं देना|

► (b) मेहमान का आना और रुक जाना।

5. अतिथि को देवता कहा जाता है, पर देवता की क्या विशेषता होती है?

(a) देवता अतिथिवत् रहता है

(b) देवता घर में ही ठहर जाता है

(c) देवता दर्शन देकर चला जाता है

(d) देवता किसी के घर नहीं आता है

► (c) देवता दर्शन देकर चला जाता है

6. अतिथि कितने दिनों से लेखक के घर में रह रहा है?

(a) पाँच दिनों से

(b) चार दिनों से

(c) तीन दिनों से

(d) छह दिनों से

► (b) चार दिनों से

7. लेखक ने सामीप्य की वेला शब्दों का प्रयोग किस उद्धेश्य से किया है?

(a) अतिथि के प्रति उपजे स्नेह को व्यक्त करने के लिए

(b) अतिथि के प्रति घृणा को व्यक्त करने के लिए

(c) अतिथि से उपजे असंतोष को व्यक्त करने के लिए

(d) अतिथि के रुकने से मिलने वाले साथ को दर्शाने के लिए

► (d) अतिथि के रुकने से मिलने वाले साथ को दर्शाने के लिए

8. लेखक को अतिथि को देखकर अंतरिक्ष यात्री की याद क्यों आ गई?

(a) अतिथि भी एक अंतरिक्ष यात्री था

(b) अंतरिक्ष यात्री लाखों मील का सफर करके भी इतने दिन अंतरिक्ष में नहीं ठहरता जितना अतिथि उनके घर में ठहर रहा था

(c) अतिथि अंतरिक्ष में जाने की बातें करता था

(d) लेखक उनको अंतरिक्ष के किस्से सुनाना चाहता था।

► (b) अंतरिक्ष यात्री लाखों मील का सफर करके भी इतने दिन अंतरिक्ष में नहीं ठहरता जितना अतिथि उनके घर में ठहर रहा था

9. लेखक की सहनशक्ति किस दिन ज़वाब देने वाली थी?

(a) दूसरे

(b) पाँचवे

(c) तीसरे

(d) चौथे

► (b) पाँचवे

10. लेखक अतिथि को देखकर तारीखें क्यों बदल रहा था?

(a) लेखक का तारीख बदलने का निश्चित नियम था

(b) वह अतिथि को तारीख बदलने वाला कैलेंडर दिखाना चाहता था

(c) वह अतिथि को अपने कार्यक्रम के बारे में बताना चाहता था

(d) वह अतिथि को यह बताना चाहता था कि उन्हें लेखक के घर आए कितने दिन हो गए

► (d) वह अतिथि को यह बताना चाहता था कि उन्हें लेखक के घर आए कितने दिन हो गए

11. लेखक अपने अतिथि से किस प्रकार की आशा रखता था?

(a) आओ और अपना खर्चा स्वयं उठाओ।

(b) आओ और एक-दो महीने रुक कर जाओ।

(c) आओ और दूसरे दिन सम्मान से चले जाओ।

(d) आओ पहले तुरंत आकर बताओ|

► (c) आओ और दूसरे दिन सम्मान से चले जाओ।

12. लेखक कितने दिनों से अतिथि को कलैंडर दिखाकर तारीखें बदल रहा है?

(a) दो

(b) चार

(c) तीन

(d) एक

► (a) दो

13. लेखक किससे परेशान है?

(a) अपनी पत्नी से

(b) अतिथि से

(c) महँगाई से

(d) गर्मी से

► (b) अतिथि से

14. लेखक अंत में दुखी हो कर अतिथि से क्या कहता है?

(a) और कितना परेशान करोगे

(b) कब तक ठहरोगे

(c) कितनी बात करोगे

(d) उफ, तुम कब जाओगे, अतिथि?

► (d) उफ, तुम कब जाओगे, अतिथि?

15. कहाँ जाकर लेखक के अतिथि से संबंध मधुरता से कड़वाहट में बदलना आरंभ कर देते हैं?

(a) जब अतिथि अपना खर्चा देता है।

(b) लेखक को उल्टा-सीधा कह देता है।

(c) लेखक के विरुद्ध षड़यंत्र करता है।

(d) जब वह अधिक दिनों तक ठहरता है|

► (d) जब वह अधिक दिनों तक ठहरता है|

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पाठ 3 एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा | Class 9th hindi Sparsh Important MCQs

MCQ Questions for Class 9 Hindi Chapter 3 एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा स्पर्श

1. एवरेस्ट का शिखर कैसा था?

(a) वृत्ताकार

(b) शंकुकार

(c) त्रिकोण

(d) आयातकार

► (a) वृत्ताकार

2. ‘की’ लेखिका को देखकर हक्का-बक्का क्यों रह गया था?

(a) लेखिका के धैर्य को देखकर।

(b) लेखिका के अदम्य साहस को देखकर।

(c) लेखिका की दूरदर्शिता को देखकर।

(d) लेखिका की सहयोग भावना देखकर|

► (d) लेखिका की सहयोग भावना देखकर|

3. अग्रिमदल का नेतृत्व कौन कर रहा था?

(a) प्रेमचंद

(b) तेनजिंग

(c) की

(d) डॉ मीनू मेहता

► (a) प्रेमचंद

4. प्रेमचंद ने यात्री दल की पहली बड़ी बाधा किसे बताया है?

(a) प्लूम पर्वत शिखर

(b) पैरीच

(c) खुंभू हिमपात

(d) बर्फ़ीली नदियाँ

► (c) खुंभू हिमपात

5. लेखिका ने अपने जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धी किस दिन पायी थीं?

(a) 16 मई 1984

(b) 18 मई 1984

(c) 20 मई 1984

(d) 23 मई 1984

► (d) 23 मई 1984

6. कर्नल खुल्लर ने लेखिका को वापस जाने की पेशकश क्यों की थी?

(a) एक शेरपा की मृत्यु के कारण।

(b) सहायक रसोइये के लापता होने के कारण।

(c) हिमपुंज के नीचे दब जाने के कारण।

(d) खाई में गिरने से बचने के कारण|

► (c) हिमपुंज के नीचे दब जाने के कारण।

7. तेनजिंग ने एवरेस्ट पर सफलता प्राप्त करने से पहले कितनी बार असफलता का स्वाद चखा था?

(a) पाँच बार।

(b) छ: बार।

(c) सात बार।

(d) नौ बार|

► (c) सात बार।

8. हिमपुंज कैसे बनता है?

(a) प्लूम पर्वत शिखर के टूटे हिमखंडो से|

(b) ग्लेशियर के टूटे हिमखंडो से|

(c) ग्लेशियर के नीचे दब जाने से|

(d) ग्लेशियर के ऊपर उठने से|

► (b) ग्लेशियर के टूटे हिमखंडो से|

9. जय लेखिका को कहाँ मिला?

(a) प्लूम पर्वत शिखर पर

(b) खुंभू हिमपात पर

(c) जेनेवा स्पर की चोटी पर

(d) पैरीच में

► (c) जेनेवा स्पर की चोटी पर

10. लेखिका के यात्रा दल के नेता कौन थे?

(a) प्रेमचंद

(b) तेनजिंग

(c) कर्नल खुल्लर

(d) डॉ मीनू मेहता

► (c) कर्नल खुल्लर

11. एवरेस्ट जैसे क्षेत्र में मनुष्य को कितने लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है?

(a) दो लीटर प्रति मिनट।

(b) ढ़ाई लीटर प्रति मिनट।

(c) तीन लीटर प्रति मिनट।

(d) चार लीटर प्रति मिनट।

► (d) चार लीटर प्रति मिनट।

12. एवेरेस्ट के शिखर पर फोटो किसने लिए?

(a) सोनम पुलजर ने|

(b) कर्नल खुल्लर ने|

(c) तेनजिंग ने|

(d) की ने|

► (a) सोनम पुलजर ने|

13. लेखिका के अनुसार खतरनाक स्थलों पर किस प्रकार की सावधानी बरतनी चाहिए?

(a) हर संभव सामान लेकर चलना चाहिए।

(b) हर कदम पूरी तरह से सोच-समझकर उठाना चाहिए।

(c) सहायकों के बिना नहीं जाना चाहिए।

(d) भयभीत नहीं होना चाहिए|

► (b) हर कदम पूरी तरह से सोच-समझकर उठाना चाहिए।

14. बचेंद्री पाल ने किस विषय में एम.ए. किया था?

(a) अर्थशास्त्र

(b) इतिहास

(c) संस्कृत

(d) हिंदी

► (c) संस्कृत

15. ‘मान चोटी’ पर बचेंद्री पाल ने कितने मीटर की चढ़ाई पूरी की थी?

(a) 7500 मीटर 

(b) 7000 मीटर 

(c) 6500 मीटर 

(d) 8000 मीटर 

► (a) 7500 मीटर 

16. किसके सहयोग से बचेंद्री पाल ने एवरेस्ट की चढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी की थी?

(a) शेरपा कुली की सहायता से।

(b) कर्नल खुल्लर की सहायता से।

(c) अंगदोरजी की सहायता से।

(d) ल्हाटू की सहायता से|

► (c) अंगदोरजी की सहायता से।

17. अंगदोरजी ने ऐसा क्या किया था कि लेखिका उनके प्रति कृतज्ञ हो उठीं?

(a) लेखिका की आर्थिक सहायता करने के कारण।

(b) लेखिका को इस अभियान के विषय में जानकारी देने के कारण।

(c) लेखिका को मंज़िल तक पहुँचाने और प्रोत्साहित करने के कारण|

(d) लेखिका के मित्र और सहायक होने के कारण|

► (c) लेखिका को मंज़िल तक पहुँचाने और प्रोत्साहित करने के कारण|

18. हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित पर्वतों में से किसे सागरमाथा के नाम से भी जाना जाता है?

(a) हिमालय

(b) एवरेस्ट

(c) कैलाश

(d) नंदा देवी

► (b) एवरेस्ट

19. लेखिका के जीवन पर आया संकट किसके कारण टल पाया था?

(a) अंगदोरजी के कारण।

(b) ल्हाटू के कारण।

(c) लोपसांग के कारण।

(d) कर्नल खुल्लर के कारण।

► (c) लोपसांग के कारण।

20. अंगदोरजी की एवरेस्ट चढ़ाई में क्या खास बात थी?

(a) वह दो बार सफलतापूर्वक एवरेस्ट पर चढ़ने वाले व्यक्ति बनने वाले थे।

(b) वह महिला के साथ मिश्रित समूह वाले पहले अभियान पर एवरेस्ट पर चढ़ने वाले थे।

(c) वह बिना ऑक्सीजन सिंलेडर के दो बार एवरेस्ट पर चढ़ने वाले व्यक्ति बनने वाले थे।

(d) वे एवरेस्ट पर चढ़ने वाले सफल शेरपा बने थे|

► (c) वह बिना ऑक्सीजन सिंलेडर के दो बार एवरेस्ट पर चढ़ने वाले व्यक्ति बनने वाले थे।

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पाठ 2 दुःख का अधिकार | Class 9th hindi Sparsh Important MCQs

MCQ Questions for Class 9 Hindi Chapter 2 दुःख का अधिकार स्पर्श

1. भगवाना अपने परिवार का निर्वाह कैसे करता था?

(a) मजदूरी करके

(b) प्लास्टिक के बर्तन बेचकर

(c) सब्जी तरकारी बेचकर

(d) कपड़ा बेचकर

► (c) सब्जी तरकारी बेचकर

2. ‘संभ्रांत महिला’ से लेखक का क्या तात्पर्य है?

(a) एक पढ़ी-लिखी महिला।

(b) एक धनी परिवार की महिला।

(c) एक उच्च विचारों से युक्त महिला।

(d) एक समाज सेविका।

► (b) एक धनी परिवार की महिला।

3. दुखी होने के अधिकार से लेखक का क्या तात्पर्य है?

(a) दुख मानने की सहूलियत।

(b) आर्थिक दबाव का बोझ।

(c) विवश्ता और गरीबी।

(d) दुख की अधिकता

► (a) दुख मानने की सहूलियत।

4. बुढ़िया खरबूजे कहाँ रखकर बेचती थी?

(a) घूम-घूम कर

(b) फुटपाथ पर

(c) ठेला पर

(d) चिल्ला चिल्ला कर

► (b) फुटपाथ पर

5. दादी ने पोतों को खाने के लिए क्या दिया? 

(a) सेब

(b) केला

(c) खरबूजे

(d) आम

► (c) खरबूजे

6. पतंग को भूमि पर कौन नहीं गिरने नहीं देता?

(a) उसकी डोरी

(b) उसका शरीर

(c) वायु की लहरें

(d) इनमें से कोई नहीं

► (c) वायु की लहरें

7. लेखक बेचैन था क्योंकि

(a) लेखन के क्षेत्र में आने वाली विषमताएँ उसे आहत किए हुए थी।

(b) समाज की गिरती स्थिति उसे परेशान किए हुए थी।

(c) बुढ़िया के दुख को नहीं जान पा रहा था।

(d) अपनी स्थिति से वे बहुत परेशान थे|

► (c) बुढ़िया के दुख को नहीं जान पा रहा था।

8. भगवाना की पत्नी के लगातार रोने से उसे क्या हो गया?

(a) वह बहरी हो गयी|

(b) उस बुखार हो गया|

(c) उसने खरबूजे खाना बंद कर दिया|

(d) इनमें से कोई नहीं

► (b) उस बुखार हो गया|

9. संभ्रांत महिला ने ऐसा क्या किया कि लोग उसके दुख को देखकर द्रवित हो गए?

(a) अपना सर्वस्व त्याग कर वैराग ले लिया।

(b) पुत्र-वियोग में अढ़ाई महीने तक अचेत पड़ी रहीं।

(c) पुत्र-वधू का पुन: विवाह करवा दिया।

(d) उसने अपने प्राण त्याग दिए|

► (b) पुत्र-वियोग में अढ़ाई महीने तक अचेत पड़ी रहीं।

10. गरीब और अमीर महिला के मध्य तुलना करके लेखक ने क्या बड़ा अंतर देखा?

(a) दोनों की आर्थिक स्थिति में जमीन-आसमान का अंतर होना।

(b) दोनों के मध्य शिक्षा के स्तर को लेकर बहुत बड़ा अंतर होना।

(c) दोनों की परिस्थितियों में अंतर होना।

(d) दोनों के परिवार को लेकर अंतर होना|

► (a) दोनों की आर्थिक स्थिति में जमीन-आसमान का अंतर होना।

11. ‘दुख का अधिकार’ कहानी के माध्यम से लेखक किस पर व्यंग्य कसता है?

(a) अभिजात्य वर्ग के नखरों पर।

(b) निम्नवर्ग की छोटी सोच पर।

(c) समाज के बनाए नियमों पर।

(d) भारतीय सभ्यता के स्वरूप पर|

► (c) समाज के बनाए नियमों पर।

12. बुढ़िया को कोई भी उधार क्यों नहीं देता था?

(a) क्योंकि उसे जरूरत नहीं थी|

(b) क्योंकि उसके घर कमाने वाला कोई नहीं था|

(c) क्योंकि उसके पास पैसे नहीं बचे थे|

(d) क्योंकि उसने पहले भी पैसा नहीं चुकाए थे|

► (b) क्योंकि उसके घर कमाने वाला कोई नहीं था|

13. किसी व्यक्ति की पोशाक देखकर हमें क्या पता चलता है?

(a) वर्ग में

(b) समुदाओं में

(c) हिस्सों में

(d) व्यापारों में

► (a) वर्ग में

14. भगवाना को बचाने के लिए बुढ़िया माँ ने क्या किया?

(a) वह एक चिकित्स्क को बुला लाई|

(b) वह अपने बेटे को पकड़कर बैठ गयी|

(c) वह झाड़-फूंक करने वाले ओझा को बुला लायी|

(d) इनमें से कोई नहीं

► (c) वह झाड़-फूंक करने वाले ओझा को बुला लायी|

15. बुढ़िया के किस काम को लोग अपराध बता रहे थे?

(a) सूतक में खरबूजे बेचने को| 

(b) सूतक में खरबूजे खाने को| 

(c) सूतक में परचून की दूकान पर जाने को|

(d) सूतक में घूमने को लेकर|

► (a) सूतक में खरबूजे बेचने को| 

16. दूकान के तख्तों पर बैठे लोग बुढ़िया के बारे में कैसी बातें कर रहे थे?

(a) बड़ाई

(b) समझदारी भरी

(c) घृणित

(d) सच्ची बातें

► (c) घृणित

17. लेखक बुढ़िया के दुख से बहुत दुखी होकर भी स्वयं उसकी सहायता के लिए क्यों नहीं गया?

(a) वह स्वयं को अशुद्ध नहीं करना चाहता था।

(b) वह समाज के नियमों में विश्वास रखता था।

(c) उसे अपनी पोशाक की मर्यादा को बनाए रखना था|

(d) वह लज्जा का पात्र नहीं बनना चाहता था|

► (c) उसे अपनी पोशाक की मर्यादा को बनाए रखना था|

18. बुढ़िया को देखकर लेखक की मनोदशा कैसी हो गयी?

(a) ख़ुशी से भरी

(b) व्यथित

(c) आशावादी

(d) उपर्युक्त सभी

► (b) व्यथित

19. बुढ़िया और संभ्रांत महिला को दुःख समान होते हुए भी भिन्न कैसे था?

(a) आर्थिक असमानता के कारण

(b) राजनीतिक असमानता के कारण

(c) ख़ुशी के कारण

(d) आशावादी दृष्टिकोण के कारण

► (a) आर्थिक असमानता के कारण

20. लोग वृद्धा को अपमानित नहीं करते यदि

(a) बुढ़िया का पुत्र जीवित होता।

(b) बुढ़िया संभ्रांत परिवार से होती।

(c) बुढ़िया शिक्षित व आत्मनिर्भर होती।

(d) उसकी बहु उसके साथ होती|

► (b) बुढ़िया संभ्रांत परिवार से होती।

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पाठ 1 धूल | Class 9th hindi Sparsh Important MCQs

MCQ Questions for Class 9 Hindi धूल स्पर्श

1. एक सैनिक द्वारा देश की धूल चूमना क्या कहलाता है?

(a) देश के प्रति आभार।

(b) देश के प्रति समर्पण।

(c) देश के प्रति प्रेम।

(d) देश के प्रति कर्तव्य का भाव|

► (c) देश के प्रति प्रेम।

2. किसके प्रभाव में आकर भारत की ननई पीढ़ी के नौजवान धूल से परहेज करते हैं?

(a) अमीरों के प्रभाव।

(b) रीतियों के प्रभाव।

(c) पाश्चात्य के प्रभाव।

(d) नदियों के प्रभाव|

► (c) पाश्चात्य के प्रभाव।

3. भारत की गरिमा किसपर टिकी है?

(a) कारखानों पर|

(b) प्राचीन संस्कृति पर|

(c) शहरों पर|

(d) गाँवों पर|

► (d) गाँवों पर|

4. इस निबंध का केंद्र बिंदु क्या है?

(a) कल-कारखाने|

(b) प्राचीन संस्कृति|

(c) देशभक्ति|

(d) छुआछुत|

► (c) देशभक्ति|

5. मिट्टी का आभा क्या है?

(a) नदी|

(b) देश |

(c) धूल|

(d) कीचड़|

► (c) धूल|

6. कौन आसमान में घर बनाना चाहता है?

(a) अमीर लोग|

(b) नगरीय सभ्यता|

(c) मज़दूर|

(d) प्राचीन सभ्यता|

► (b) नगरीय सभ्यता|

7. अखाड़े की मिट्टी को तेल और मट्ठे में सिझाकर किसपर चढ़ाया जाता है?

(a) पहलवानों पर|

(b) मज़दूरों पर|

(c) देवता पर|

(d) दानव पर|

► (c) देवता पर|

8. मिट्टी की रंग-रूप की पहचान किस्से होती है?

(a) नदी|

(b) देश |

(c) धूल|

(d) कीचड़|

► (c) धूल|

9. धूल को किस रूप में अमरत्व प्राप्त है?

(a) बालू|

(b) कीचड़|

(c) धूल|

(d) गाँव|

► (c) धूल|

10. संसार के सभी सारतत्व किससे प्राप्त होते हैं?

(a) गाँव|

(b) धूल|

(c) कीचड़|

(d) कारखाने|

► (b) धूल|

11. ‘हीरे की प्रेमी’ किसे कहा गया है?

(a) देवता को|

(b) गाँव को|

(c) शिशु को|

(d) आधुनिक सभ्य लोगों को|

► (d) आधुनिक सभ्य लोगों को|

12. लेखक किसे लोक संस्कृति का नवीन जागरण कहते हैं?

(a) धूरि|

(b) धूल|

(c) धूलि|

(d) कारखानों को|

► (a) धूरि|

13. ‘गर्द’ शब्द का प्रयोग कौन करते हैं?

(a) गाँव के लोग|

(b) शहर के लोग|

(c) मज़दूर लोग|

(d) गरीब लोग|

► (b) शहर के लोग|

14. हीरे के प्रेमी उसे किस रूप में पसंद करते हैं?

(a) साफ़-सुथरा|

(b) धूल में लपेटा हुआ|

(c) मातृभूमि में सना हुआ|

(d) अखाड़े की मिट्टी में सना हुआ|

► (a) साफ़-सुथरा|

15. असूया का अर्थ क्या है?

(a) मातृभूमि|

(b) ईर्ष्या|

(c) आधा|

(d) चाँद|

► (b) ईर्ष्या|

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Chapter 6 दिये जल उठे Important Question | Class 9 Hindi Sanchayan

Diye Jal Uthe Important Question Answers 

प्रश्न 1 – किस कारण से प्रेरित हो स्थानीय कलेक्टर ने पटेल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया?

उत्तर – सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने पिछले आंदोलन में स्थानीय कलेक्टर शिलिडी को अहमदाबाद से भगा दिया था। जहाँ कलेक्टर शिलिडी सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा किए जा रहे आंदोलन को दबाने के लिए आया था। वहाँ से भगाये जाने को वह अपमान के रूप में देख रहा था और इसी अपमान का बदला लेने के लिए कलेक्टर शिलिडी ने सरदार वल्लभभाई पटेल को मनाही के आदेश को भंग करने के आरोप में गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया।

प्रश्न 2 – जज को पटेल की सज़ा के लिए आठ लाइन के फैसले को लिखने में डेढ़ घंटा क्यों लगा?

उत्तर – सरदार वल्लभभाई पटेल ने रास में भाषण की शुरुआत करके कोई अपराध नहीं किया था यह जज भी अच्छी तरह जानते थे। सरदार वल्लभभाई पटेल को कलेक्टर ने ईर्ष्या व रंजिश के कारण और अपने अपमान का बदला लेने के लिए गिरफ्तार करवाया था। सरदार वल्लभभाई पटेल के पीछे देशवासियों का पूरा समर्थन था। बिना अपराध के कारण सरदार वल्लभभाई पटेल को किस धारा के अंतर्गत कितनी सजा दें, यही सोच-विचार करने के कारण जज को डेढ़ घंटे का समय लगा।

प्रश्न 3 – “मैं चलता हूँ! अब आपकी बारी है।”- यहाँ पटेल के कथन का आशय उधृत पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – सरदार वल्लभभाई पटेल को मनाही के आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यद्यपि मनाही के आदेश को उसी समय लागू किया गया था और सरदार वल्लभभाई पटेल अपने भाषण की शुरुआत पहले ही कर चुके थे। अतः उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी थी। अंग्रेज़ सरकार को कोई-न-कोई बहाना बनाकर कांग्रेस के नेताओं को पकड़ना था। इसी सत्य को बतलाने के इरादे से सरदार वल्लभभाई पटेल ने गाँधी जी को कहा कि अब वे तो अंग्रेजी सरकार के षडयन्त्र के कारण जेल जा रहे है उन्हें भी सावधानी से काम करना होगा। नहीं तो अंग्रेजी सरकार कोई न कोई बहाना बना कर उन्हें भी गिरफ्तार कर सकती है। अतः उन्हें आगे के सफर की और अच्छे से तैयारियाँ करनी चाहिए।

प्रश्न 4 – “इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें”-गांधी जी ने यह किसके लिए और किस संदर्भ में कहा?

उत्तर – सरदार वल्लभभाई पटेल की गिरफ्तारी के बाद जब गांधी जी रास पहुँचे तो दरबार समुदाय के लोगों के द्वारा उनका बहुत ही सुंदर स्वागत किया गया। ये दरबार लोग रियासतदार होते थे, जो अपना ऐशो-आराम छोड़कर रास में बस गए थे। केवल गांधी जी को उनके कूच में सहायता प्रदान करने के लिए, जबकि उन्हें भी पता था कि गांधी जी का साथ देने के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। गांधी जी ने “इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें” ये शब्द इन्हीं दरबार लोगों के त्याग और ऐसे फैसले लेने के साहस के कारण कहे थे।

प्रश्न 5 – पाठ द्वारा यह कैसे सिद्ध होता है कि-‘कैसी भी कठिन परिस्थिति हो उसका सामना तात्कालिक सूझबूझ और आपसी मेलजोल से किया जा सकता है। अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – इस पाठ से सिद्ध होता है कि हर कठिन परिस्थिति को आपसी सूझबूझ और सहयोग से निपटा जा सकता है। सरदार वल्लभभाई पटेल की गिरफ्तारी से एक चुनौती सामने आई। गुजरात का सत्याग्रह आंदोलन असफल होता जान पड़ा। किंतु स्वयं गाँधी जी ने आंदोलन की कमान सँभाल ली। यदि वे भी गिरफ्तार कर लिए जाते तो उसके लिए भी उपाय सोचा गया। अब्बास तैयबजी नेतृत्व करने के लिए तैयार थे। गाँधी जी को रास से कनकापुर की सभा में जाना था। वहाँ से नदी पार करनी थी। इसके लिए गाँववासियों ने पूरी योजना बनाई। रात ही रात में नदी पार की गई। इसके लिए झोंपड़ी, तंबू, नाव, दिए आदि का प्रबंध किया गया। सारा कठिन काम चुटकियों में संपन्न हो गया। इस पाठ में सभी के आपसी सहयोग के कारण ही सभी कार्य आराम से बिना किसी कठिनाई के संपन्न होते चले गए।

प्रश्न 6 – महिसागर नदी के दोनों किनारों पर कैसा दृश्य उपस्थित था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर – गांधी जी और सत्याग्रही सायं छह बजे चलकर आठ बजे कनकापुरा पहुँचे। वहीं आधी रात में महिसागर नदी पार करने का निर्णय लिया गया।  फैसला लिया गया कि नदी को आधी रात के समय जब नदी में समुद्र का पानी चढ़ जाता है उस समय नदी को पार किया जाएगा ताकि लोगों को कीचड़ और दलदल में कम-से-कम चलना पड़े। रात के समय जब समुद्र का पानी चढ़ना शुरू हुआ तब तक अँधेरा इतना घना हो गया था कि छोटे-मोटे दिये उसे भेद नहीं पा रहे थे।

थोड़ी ही देर में कई हजार लोग नदी तट पर पहुँच गए। उन सबके हाथों में दिये थे। इसी तरह का दृश्य नदी के दूसरी ओर भी था। नदी के दूसरी ओर भी पूरा गाँव और आस-पास से आए लोग दिये की रोशनी लिए गांधी जी और उनके सत्याग्रहियों का इंतजार कर रहे थे। रात के लगभग बारह बजे महिसागर नदी का किनारा पानी से भर गया। समुद्र का पानी चढ़ आया था। पानी चढ़ने की खबर सुन कर गांधी जी झोपड़ी से बाहर निकले और घुटनों तक पानी में चलकर नाव तक पहुँचे। गांधी जी के वहाँ से चलते ही ‘महात्मा गांधी की जय’, ‘सरदार पटेल की जय’ और ‘जवाहरलाल नेहरू की जय’ के नारे सुनाई देने लगे और उन्हीं नारों के बीच नाव रवाना हुई जिसे रघुनाथ काका चला रहे थे।

कुछ ही देर में नारों की आवाज नदी के दूसरे तट से भी आने लगी। उन आवाजों को सुन कर ऐसा लग रहा था जैसे वह नदी का किनारा नहीं बल्कि पहाड़ की घाटी हो, जहाँ जब कोई शब्द जोर से पुकारा जाता है तो उस शब्द के उपरान्त उसी से उत्पान्न शब्द सुनाई देता है। क्योंकि नदी के दूसरी ओर जमा हुए लोग भी उसी तरह से ‘महात्मा गांधी की जय’, ‘सरदार पटेल की जय’ और ‘जवाहरलाल नेहरू की जय’ के नारे लगा रहे थे। नदी के दोनों तटों पर मेले जैसा दृश्य हो रहा था।

प्रश्न 7 – “यह धर्मयात्रा है। चलकर पूरी करूंगा”-गांधीजी के इस कथन द्वारा उनके किस चारित्रिक गुण का परिचय प्राप्त होता है?

उत्तर – इस कथन द्वारा गांधी जी की दृढ़ आस्था, सच्ची निष्ठा और वास्तविक कर्तव्य भावना के दर्शन होते हैं। वे किसी भी आंदोलन को धर्म के समान पूज्य मानते थे और उसमें पूरे समर्पण के साथ लगते थे। वे औरों को कष्ट और बलिदान के लिए प्रेरित करके स्वयं सुख-सुविधा भोगने वाले ढोंगी नेता नहीं थे। वे हर जगह त्याग और बलिदान का उदाहरण स्वयं अपने जीवन से देते थे।

प्रश्न 8 – गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी इस बात से सहमत नहीं थे कि गांधी कोई काम अचानक और चुपके से करेंगे। फिर भी उन्होंने किस डर से और क्या एहतियाती कदम उठाए?

उत्तर – अंग्रेज अधिकारी भी गांधी जी की स्वाभाविक विशेषताओं से परिचित थे। वे जानते थे कि गांधी जी छल और असत्य से कोई काम नहीं करेंगे। फिर भी उन्होंने इस डर से एहतियाती कदम उठाए कि गांधी जी ने कहा था कि मही नदी के तट पर भी नमक बनाया जा सकता है, इसलिए नदी के तट से सारे नमक के भंडार नष्ट करवा दिए गए ताकि गांधी जी नदी के तट पर ही नमक बना कर कानून न तोड़ सकें।

प्रश्न 9 – गांधी जी के पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर क्यों खड़े रहे?

उत्तर – जब गांधी जी महिसागर नदी के पार उतर गए। फिर भी लोग नदी तट पर इसलिए खड़े रहे ताकि गाँधी जी के पीछे आ रहे सत्याग्रही भी तट तक पहुँच जाएँ और उन्हें दियों का प्रकाश मिल सके। शायद उन्हें पता था कि रात में कुछ और लोग आएँगे जिन्हें नदी पार करानी होगी। उन लोगों को पता था कि उनके सत्यग्रह में अभी और भी लोग जुड़ने वाले हैं, उन लोगों को भी नदी पार करवाना जरुरी था ताकि उन्हें भी सही रास्ते का पता चले और उनके सत्यग्रह में लोगों की संख्या बड़े ताकि अंग्रेज सरकार उनके कूच को न दबा सके और वे नमक बना कर कानून को तोड़ सकें।

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Chapter 5 हामिद खाँ Important Questions | Class 9 Hindi Sanchayan

Hamid Khan Important Question Answers 

प्रश्न 1 – लेखक का परिचय हामिद खाँ से किन परिस्थितियों में हुआ?

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उत्तर – हामिद पाकिस्तानी मुसलमान था। वह तक्षशिला के पास एक गाँव में होटल चलाता था। लेखक तक्षशिला के खंडहर देखने के लिए पाकिस्तान आया तो हामिद के होटल पर खाना खाने पहुँचा। पहले तो हामिद खाँ लेखक को बहुत घूर-घूर कर देख रहा था परन्तु जब उन्होंने आपस में बात की तो हामिद खाँ लेखक से बहुत प्रभावित हुआ। वहीं पर उनका आपस में परिचय भी हुआ।

प्रश्न 2 – काश मैं आपके मुल्क में आकर यह सब अपनी आँखों से देख सकता।’-हामिद ने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर – लेखक और हामिद ने जब आपस में बातचीत की तो उस बातचीत के दौरान हामिद को पता चला कि भारत में हिंदू-मुसलमान सौहार्द से मिल-जुलकर रहते हैं। लेकिन पाकिस्तान में हिंदू-मुसलमानों को आतताइयों की औलाद समझते हैं। वहाँ सांप्रदायिक सौहार्द की कमी के कारण आए दिन हिंदू-मुसलमानों के बीच दंगे होते रहे हैं।

लेखक की बात हामिद को सपने जैसी लग रही थी क्योंकि वह सपने में भी नहीं सोच सकता था कि हिन्दू-मुस्लिम भी आपस में कहीं प्यार से रहते होंगे। इसीलिए लेखक की बात सुनकर हामिद ने कहा कि काश वह भी लेखक के मुल्क में आकर यह सब अपनी आँखों से देख सकता।

प्रश्न 3 – हामिद को लेखक की किन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था?

उत्तर – हामिद को लेखक की भेदभाव रहित बातों पर विश्वास नहीं हुआ। लेखक ने हामिद को बताया कि उनके प्रदेश में हिंदू-मुसलमान बड़े प्रेम से रहते हैं। वहाँ के हिंदू बढ़िया चाय या पुलावों का स्वाद लेने के लिए मुसलमानी होटल में बिना किसी हिचकिचाहट के जाते हैं। पाकिस्तान में ऐसा होना संभव नहीं था।

वहाँ के हिंदू मुसलमानों को अत्याचारी मानकर उनसे नफरत करते थे। और वहाँ हर दिन दंगे होते ही रहते थे। हामिद को लेखक के हिन्दू होने की बात पर भी विश्वास नहीं हो रहा था क्योंकी उसने कभी किसी हिन्दू को किसी मुस्लिम से इतने प्यार से बात करते नहीं देखा था।

प्रश्न 4 – हामिद खाँ ने खाने का पैसा लेने से इंकार क्यों किया?

उत्तर – हामिद खाँ ने अनेक कारणों के कारण खाने का पैसा लेने से इसलिए इंकार कर दिया, ये कारण निम्नलिखित हैं –

(1) वह भारत से पाकिस्तान गए लेखक को अपना मेहमान मान रहा था।

(2) हिंदू होकर भी लेखक मुसलमान के ढाबे पर खाना खाने गया था।

(3) लेखक मुसलमानों को आतताइयों की औलाद नहीं मानता था।

(4) लेखक की सौहार्द भरी बातों से हामिद खाँ बहुत प्रभावित था।

(5) लेखक की मेहमाननवाजी करके हामिद ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा का निर्वाह करना चाहता था।

प्रश्न 5 – मालाबार में हिंदू-मुसलमानों के परस्पर संबंधों को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – मालाबार में हिंदू-मुसलमानों के आपसी संबंध बहुत घनिष्ठ हैं। जब कभी भी किसी हिंदू को अच्छी चाय या पुलाव खाने का मन होता है तो वह बिना किसी हिचकिचाहट के मुसलमानों के होटलों में चला जाता हैं। वे आपस में मिल जुलकर रहते हैं। भारत में मुसलमानों द्वारा बनाई गई पहली मसजिद लेखक के ही राज्य में है। वहाँ सांप्रदायिक दंगे भी बहुत कम होते हैं।

प्रश्न 6 – तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन-सा विचार कौंधा? इससे लेखक के स्वभाव की किस विशेषता का परिचय मिलता है?

उत्तर – तक्षशिला में आगजनी की खबर सुनकर लेखक के मन में हामिद खाँ और उसकी दुकान के आगजनी से प्रभावित होने का विचार कौंधा। वह सोच रहा था कि कहीं हामिद की दुकान इस आगजनी का शिकार न हो गई हो। वह हामिद की सलामती की प्रार्थना करने लगा। इससे लेखक के कृतज्ञ होने, हिंदू-मुसलमानों को समान समझने की मानवीय भावना रखने वाले स्वभाव का पता चलता है।

Hamid Khan Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न)

प्रश्न 1 – हामिद खाँ कौन था? लेखक उसके लिए ईश्वर से प्रार्थना क्यों कर रहा था?

उत्तर – हामिद खाँ एक मुसलमान पठान था। हामिद खाँ तक्षशिला में रहता था। हामिद मानव प्रेम में आस्था रखने वाला व्यक्ति था। लेखक के साथ उसका भावनात्मक जुड़ाव भी था। तक्षशिला में आगजनी की घटना हुई थी इसलिए अखबार में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक को हामिद खाँ और उसकी दूकान की चिंता होने लगी थी, जिस कारण  उसकी सलामती के लिए लेखक ईश्वर से प्रार्थना करने लगा था।

प्रश्न 2 – हामिद खाँ लेखक के मुल्क जाकर अपनी आँखों से क्या देखना चाहता था?

उत्तर – जब लेखक ने हामिद खाँ को यह बताया कि मालाबार (केरल) में हिन्दू-मुसलमान मिलकर रहते हैं, एक दूसरे के तीज त्योहार में शामिल होते हैं, उनमें दंगे न के बराबर होते हैं, भारत में मुसलमानों द्वारा पहली मस्जिद का निर्माण उसके राज्य में ही किया गया। हामिद खाँ को इन सब बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था। वह ऐसी अच्छी जगह को अपनी आँखों से देखना चाहता था।

प्रश्न 3 – तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन-सा विचार आया? 

उत्तर – तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक को हामिद खाँ की याद आ गई। उसकी दूकान में लेखक ने खाना खाया था। लेखक के मन में  हामिद खाँ की आवाज, उसके साथ बिताए क्षणों की यादें आज भी ताजा हैं। उसकी मुस्कान उसके दिल में बसी है। लेखक की यही कामना है कि तक्षशिला के साम्प्रदायिक दंगों की चिंगारियों की आग से हामिद और उसकी वह दुकान जिसने लेखक को दोपहर में छाया और खाना देकर लेखक की क्षुधा को तृप्त किया था, वह बचे रहें। 

प्रश्न 4 – मालाबार में हिन्दू-मुसलमानों के पारस्परिक सम्बन्धों के बारे में ‘हामिद खाँ’ पाठ के आधार पर लिखिए।

उत्तर – मालाबार में हिन्दू-मुसलमान प्रेम से रहते हैं। यदि किसी को बढ़िया चाय पीनी हो, या बढ़िया पुलाव खाना हो तो लोग बेखटके मुसलमानी होटल में जाया करते हैं। यहाँ सब मिल-जुलकर रहते हैं। मुसलमानों ने भारत में जिस पहली मस्जिद का निर्माण किया, वह मालाबार के ‘कोडुंगल्लूर में है। यहाँ दंगे भी नहीं के बराबर होते हैं। यहाँ आपसी समझ व सद्भावना है।

प्रश्न 5 – समाचार पत्र में कौन सी खबर पढ़ कर लेखक को हामिद खाँ की याद आई? 

उत्तर – जब लेखक ने तक्षशिला जो की पाकिस्तान में है वहाँ पर उपद्रवियों यानी शरारती लोगों द्वारा आग लगाने के बारे में समाचार पत्र में खबर पढ़ी तो खबर पढ़ते ही लेखक को हामिद खाँ की याद आ गई। क्योंकि लेखक इस बात से परेशान हो रहा था कि हामिद खाँ की दूकान भी तक्षशिला के पास ही थी और कहीं आग के कारण हामिद खाँ और उसकी दूकान को कोई नुकसान न हो गया हो, यही सोचते हुए लेखक हामिद खाँ को याद करने लगा। 

प्रश्न 6 – लेखक ने पाठ में गाँव का वर्णन किस प्रकार किया है?

उत्तर – लेखक गाँव का वर्णन करते हुए बताता है कि एक ओर कड़कड़ाती धूप थी और दूसरी ओर भूख और प्यास के मारे लेखक का बुरा हाल हो रहा था। परेशान हो कर लेखक रेलवे स्टेशन से करीब पौन मील की दूरी पर बसे एक गाँव की ओर निकल पड़ा। जैसे-जैसे लेखक गाँव में बढ़ता जा रहा था लेखक ने देखा की गाँव में हाथ की रेखाओं की तरह फैली गलियों से भरा तंग बाजार था। जहाँ कहीं भी लेखक की नज़र पड़ रही थी हर तरफ धुआँ, मच्छर और गंदगी से भरी जगहें ही दिख रही थी। कहीं-कहीं तो लेखक का स्वागत सड़े हुए चमड़े की बदबू ने किया। लेखक को वहाँ लंबे कद के पठान उनकी हमेशा की तरह मस्त चाल में चलते नज़र आ रहे थे। 

प्रश्न 7 – “गाँव में होटल की जरूरत ही क्या होगी?” लेखक ने ऐसा क्यों कहा स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर – लेखक ने गाँव के बाजार के चारों तरफ चक्कर लगा लिया था, पर लेखक को कोई होटल नज़र नहीं आया था। होटल न दिखने पर लेखक के मन में विचार आया कि इस गाँव में होटल की जरूरत ही क्या होगी? लेखक यह इसलिए सोच रहा था क्योंकि रेलवे स्टेशन से इतनी दूर इस गाँव में होटल की क्या जरूरत होगी क्योंकि उस गाँव में देखने के लिए कोई सुंदर जगह तो थी नहीं जो लोग वहाँ आते और लोगों के न आने पर गाँव वाले भला होटल किसके लिए खोलेंगे?

प्रश्न 8 – लेखक ने जीवन के अपने अनुभवों से क्या जान लिया था?

उत्तर – लेखक ने जीवन के अपने अनुभवों से यह जान लिया था कि दूसरे देश में मुसकराहट ही आपकी रक्षा करती है और हर काम में आपकी सहायक सिद्ध होती है। यहाँ लेखक के कहने का तात्पर्य यह है कि जब आप दूसरे देश में होते हैं और आप सभी के साथ ख़ुशी से रहते हैं तो वे लोग भी आपके साथ अच्छा व्यवहार करते हैं और दूर देश में भी आपका काम आसान हो जाता है। इसीलिए लेखक भी मुसकराते हुए दुकान के अंदर चला गया।

प्रश्न 9 – हामिद खाँ का व्यवहार शुरुआत में लेखक के साथ कैसा था?

उत्तर – लेखक ने जैसे ही दुकान में प्रवेश किया, हामिद खाँ अपनी हथेली पर रखे आटे को बेलना छोड़कर लेखक की ओर घूर-घूरकर देखने लगा। उसे घूरता हुआ देख कर भी लेखक उसकी तरफ देखकर मुसकरा दिया। लेखक के उसकी ओर मुस्कुराने के बाद भी उसके चेहरे के हाव-भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।

वह लेखक को बिना किसी की परवाह के साथ तीखी नजर से निहारे जा रहा था। लेखक ने बहुत ही धीमी आवाज में उस चपाती बनाने वाले पठान से यानी हामिद खाँ से पूछा कि खाने को कुछ मिलेगा? उसने लेखक से कहा कि चपाती और गोश्त या सब्जी का मसालेदार शोरबा है, ये कह के उस पठान ने लेखक को एक बेंच की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वहाँ बैठ जाइए। लेखक उस बेंच पर बैठकर रूमाल से हवा करने लगा।

प्रश्न 10 – लेखक ने अपने बारे में हामिद खाँ को क्या बताया?

उत्तर – जब लेखक दूकान में बैठा हुआ अपने खाने का इंतज़ार कर रहा था तब चपाती को अंगारों पर रखते हुए उस अधेड़ उम्र के पठान यानि हामिद खाँ ने लेखक से पूछा कि लेखक कहाँ का रहने वाला है? लेखक ने उसे जवाब दिया कि लेखक मालाबार का रहने वाला है। हामिद ने मालाबार नाम नहीं सुना था। आटे को हाथ में लेकर गोलाकार बनाते हुए हामिद ने फिर लेखक से मालाबार के बारे में पूछा कि क्या यह हिंदुस्तान में ही है ? लेखक ने हाँ में उत्तर देते हुए कहा कि यह भारत के दक्षिणी छोर-मद्रास के आगे है। पठान ने फिर लेखक से पूछा कि क्या लेखक हिंदू हैं? लेखक ने फिर हाँ में उत्तर दिया और कहा कि उसका जन्म एक हिंदू घर में हुआ है।

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Chapter 4 मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय Important Questions | Class 9 Hindi Sanchayan

NCERT imortant questions for Class 9th: पाठ 4 – मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय संचयन

बोध प्रश्न 

1. लेखक का ऑपरेशन करने से सर्जन क्यों हिचक रहे थे?

उत्तर

लेखक का ऑपरेशन करने से सर्जन इसलिए हिचक रहे थे क्योंकि लेखक को तीन-तीन जबरदस्त हार्ट अटैक आये थे| बिजली के शॉक्स देने के कारण उनका हार्ट केवल चालीस प्रतिशत बचा था और उसमें भी तीन अवरोध थे| इसलिए यह चिंता का विषय था कि ऑपरेशन के बाद कहीं हार्ट रिवाइव ना हो पाए|

2. ‘किताबों वाले कमरे’ में रहने के पीछे लेखक के मन में क्या भावना थी?

उत्तर

लेखक को बचपन से ही किताबें पढ़ने और सहेजने का बहुत शौक था। बचपन से लेखक का किताबों के साथ अटूट जुड़ाव था| उन्हें लगता था कि उनके प्राण किताबों में बसे हैं। पुस्तकों के बीच लेखक खुद को भरा-भरा महसूस करते थे इसलिए वह अपने ‘किताबों वाले कमरे’ में रहना चाहते थे|

3. लेखक के घर कौन-कौन-सी पत्रिकाएँ आती थीं?

उत्तर

लेखक के घर आर्यमित्र साप्ताहिक, वेदोदम, सरस्वती, गृहिणी और दो बाल पत्रिकाएँ ‘बालसखा तथा चमचम’ आती थीं।

4. लेखक को किताबें पढ़ने और सहेजने का शौक कैसे लगा?

उत्तर 

लेखक के घर में नियमित रुप से पत्र-पत्रिकाएँ आती थीं। लेखक के लिए खासतौर पर दो बाल पत्रिकाएँ ‘बालसखा’ और ‘चमचम’ आती थीं जिसमें राजकुमारों, दानवों, परियों आदि की कहानियाँ और रेखाचित्र होते थे। इस कारण लेखक को पत्रिकाएँ पढ़ने का शौक लग गया। इसके अलावा लेखक अन्य किताबें जैसे ‘सरस्वती’ ‘आर्यमित्र’ ‘सत्यार्थ प्रकाश’ का अनुवाद भी पढ़ने की कोशिश करते थे| जब लेखक पाँचवीं कक्षा में प्रथम आये तब उन्हें इनाम के रूप में अंग्रेज़ी की दो पुस्तकें प्राप्त हुईं। उस समय उनके पिताजी ने अपनी अलमारी में जगह बनाकर उन किताबों को सहेजकर रखने की प्रेरणा दी।

5. माँ लेखक की स्कूली पढ़ाई को लेकर क्यों चिंतित रहती थी?

उत्तर

स्कूल की किताबों से ज्यादा लेखक को पत्रिकाएँ पढ़ने में ज्यादा रूचि थी| स्कूल की किताबें पढ़ने में उनका मन कम लगता था। यह देखकर माँ चिंतित रहने लगी थीं। माँ को यह लगने लगा था कि कहीं वह साधु बनकर घर से ना भगा जाए।

6. स्कूल से इनाम में मिली अंग्रेज़ी की दोनों पुस्तकों ने किस प्रकार लेखक के लिए नयी दुनिया के द्वार खोल दिए?

उत्तर

पाँचवीं कक्षा में प्रथम आने पर इनाम के रूप में लेखक को दो अंग्रेज़ी की किताबें मिली थीं। एक में पक्षियों के बारे में जानकारी थी वहीं दूसरे में पानी के जहाज़ों की कहानियाँ थीं। पहली किताब ने लेखक को पक्षियों की जातियों, उनकी बोलियों, उनकी आदतों की जानकारी दी| दूसरी किताब ने उन्हें जहाज़ के प्रकार, उनके द्वारा ढोये जाने वाले माल, उनके आने-जाने का स्थान, नाविकों की ज़िंदगी, विभिन्न तरह के द्वीप, पानी में रहने वाले जीवों से अवगत कराया। इन दोनों पुस्तकों से लेखक को नयी दुनिया के बारे में जानकारियाँ मिलीं। इस प्रकार इनाम में मिले पुस्तकों ने लेखक के लिए नयी दुनिया का द्वार खोल दिया।

7. आज से यह खाना तुम्हारी अपनी किताबों का। यह तुम्हारी लाइब्रेरी है’ − पिता के इस कथन से लेखक को क्या प्रेरणा मिली?

उत्तर

पिताजी के इस कथन ने लेखक के अंदर पुस्तक को सहेजने का शौक पैदा किया| लेखक को पुस्तक पढ़ने में पहले से ही रूचि थी परन्तु अब उन्हें इकट्ठा करने की ललक भी जगी| पिताजी द्वारा दी गयी लाइब्रेरी लेखक की उम्र के साथ बढ़ती चली गयी| अब उनके पास किताबों से भरा एक कमरा था जिसमें उपन्यास, नाटक, कथा संकलन आदि हर तरह की किताबें मौजूद थीं|

8. लेखक द्वारा पहली पुस्तक खरीदने की घटना का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

उत्तर

पिताजी के देहावसान के बाद लेखक के घर का आर्थिक संकट बहुत बढ़ गया था| इस कारण पाठ्यक्रम की पुरानी पुस्तकें खरीद कर पढ़ते थे| इंटरमीडिएट पास करने पर लेखक ने पुरानी किताबें बेचकर बी.ए. की सैकंड-हैंड किताबें बुकशॉप से खरीदीं ली, इसमें उनके पास दो रूपये बच गए। उन दिनों सिनेमाघरों में देवदास फिल्म लगी हुई थी। लेखक को फिल्म देखने बहुत मन था परन्तु माँ को सिनेमा देखना पसंद नहीं था। इसलिए लेखक सिनेमा देखने नहीं गया। लेखक इस फिल्म का एक गाना हमेशा गुनगुनाता रहता था। एक दिन माँ ने लेखक के मुंह से गाना गुनगुनाते सुनकर बोलीं कि वह यह फिल्म देख आये, पैसे वे दे देंगीं| लेखक ने माँ को बताया कि उसके पास किताबें बेचकर दो रुपये बचे हैं| माँ की अनुमति लेकर लेखक सिनेमा देखने चल पड़े| पहला शो छूटने में देरी थी इसलिए लेखक पास में ही परिचित की दुकान पर चक्कर लगा रहे थे तभी उन्हें बुक काउंटर पर देवदास पुस्तक रखी हुई दिखाई दी। पुस्तक-विक्रेता भी उन्हें केवल दस आने में वह पुस्तक देने को तैयार हो गया| लेखक ने डेढ़ रुपये की फिल्म के जगह पुस्तक खरीद ली| घर आकर बचे पैसे माँ को दे दिए। इस प्रकार लेखक ने अपनी पहली पुस्तक खरीदी।

9.  इन कृतियों के बीच अपने को कितना भरा-भरा महसूस करता हूँ’ − का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

किताबों से लेखक का बचपन से गहरा लगाव रहा था जो उम्र के साथ काफी बढ़ गया था| लेखक के पुस्तकालय में विभिन्न लेखकों, चिंतकों एवं कवियों की कृतियाँ मौजूद थीं| उनके उपन्यास, नाटक, कहानी, जीवनियों ने लेखक को दुनिया दिखाई थी| लेखक ने इन ज्ञानियों से ज़िंदगी जीने की कला सीखी थी| वे उन्हें अपना सुख-दुःख का साथी समझते थे| लेखक को किताबें सुखदपूर्ण अनुभव देती थीं| इनके बीच वे अकेला महसूस नहीं करते थे|  इसलिए लेखक ने कहा कि इन कृतियों के बीच अपने को भरा-भरा महसूस करते हैं|

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Chapter 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी important questions | Class 9 Hindi Sanchayan

Chapter 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी Class 9 important questions

प्रश्न 1 – ‘उनाकोटी’ का अर्थ स्पष्ट करते हुए बतलाएँ कि यह स्थान इस नाम से क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर – उनाकोटी का अर्थ है एक कोटि, यानी एक करोड़ से एक कम। एक काल्पनिक कथा के अनुसार उनाकोटी में शिव की एक करोड़ से एक कम मूर्तियाँ हैं। विद्वानों का मानना है कि यह जगह दस वर्ग किलोमीटर से कुछ ज्यादा इलाके में फैली है और पाल शासन के दौरान नवीं से बारहवीं सदी तक के तीन सौ वर्षों में यहाँ चहल-पहल रहा करती थी। परन्तु यह जगह अब जंगल से घिर गई है और विद्रोहियों के हमलों के कारण अब यहाँ कुछ ज्यादा चहल-पहल नहीं होती। यहाँ पहाड़ों को अंदर से काटकर विशाल आधार-मूर्तियाँ बनाई गई हैं। एक बहुत विशाल चट्टान ऋषि भगीरथ की प्रार्थना पर स्वर्ग से पृथ्वी पर गंगा के उतरने की पौराणिक कथा को चित्रित करती है। यहाँ पर भगवान शिव का चेहरा एक पूरी चट्टान पर बना हुआ है और उनकी जटाएँ दो पहाड़ों की चोटियों पर फैली हुई हैं। भारत में शिव की यह सबसे बड़ी आधार-मूर्ति है। यहाँ पूरे साल बहने वाला एक झरना पहाड़ों से उतरता है जिसे गंगा जितना ही पवित्र माना जाता है। यह पूरा इलाका ही प्रत्येक शब्द के अनुसार ही देवियों-देवताओं की मूर्तियों से भरा पड़ा है। यहाँ हर कदम पर आपको किसी न किसी देवी-देवता की मूर्ति जरूर मिल जाएगी। उनाकोटी भारत का सबसे बड़ा तो नहीं परन्तु सबसे बड़े भगवान् शिव के तीर्थों में से एक जरूर है। संसार के इस हिस्से में युगों से केवल स्थानीय आदिवासी धर्म ही फलते-फूलते रहे हैं, और यह एक प्रसिद्ध शिव तीर्थ है। बहुत अधिक मूर्तियाँ एक ही स्थान पर होने के कारण यह स्थान प्रसिद्ध है।

प्रश्न 2 – पाठ के संदर्भ में उनाकोटी में स्थित गंगावतरण की कथा को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – उनाकोटी में पहाड़ों को अंदर से काटकर विशाल आधार मूर्तियाँ बनाई गई हैं। एक बहुत विशाल चट्टान ऋषि भगीरथ की प्रार्थना पर स्वर्ग से पृथ्वी पर गंगा के उतरने की पौराणिक कथा को चित्रित करती है। गंगा के पृथ्वी पर उतरने के धक्के से कहीं पृथ्वी ध्ँसकर पाताल लोक में न चली जाए, इसी वजह से भगवान शिव को इसके लिए तैयार किया गया कि वे गंगा को अपनी जटाओं में उलझा लें और इसके बाद इसे धीरे-धीरे पृथ्वी पर बहने दें। लेखक कहता है कि यहाँ पर भगवान शिव का चेहरा एक पूरी चट्टान पर बना हुआ है और उनकी जटाएँ दो पहाड़ों की चोटियों पर फैली हुई हैं। भारत में शिव की यह सबसे बड़ी आधार-मूर्ति है। लेखक कहता है कि यहाँ पूरे साल बहने वाला एक झरना पहाड़ों से उतरता है जिसे गंगा जितना ही पवित्र माना जाता है।

प्रश्न 3 – कल्लू कुम्हार का नाम उनाकोटी से किस प्रकार जुड़ गया?

उत्तर – उनाकोटी में बनी इन आधार-मूर्तियों का निर्माण किसने किया है यह अभी तक पता नहीं किया जा सका हैं। स्थानीय आदिवासियों का मानना है कि इन मूर्तियों का निर्माता कल्लू कुम्हार था। वह माता पार्वती का भक्त था और भगवान् शिव-माता पार्वती के साथ उनके निवास स्थान कैलाश पर्वत पर जाना चाहता था। परन्तु भगवान शिव उसे अपने साथ नहीं लेना चाहते थे। पार्वती के जोर देने पर शिव कल्लू को कैलाश ले चलने को तैयार तो हो गए लेकिन इसके लिए उन्होंने कल्लू के सामने एक शर्त रखी और वह शर्त थी कि उसे एक रात में शिव की एक करोड़ मूर्तियाँ बनानी होंगी। कल्लू अपनी धुन का पक्का व्यक्ति था इसलिए वह इस काम में जुट गया। लेकिन जब सुबह हुई तो कल्लू के द्वारा बनाई गई मूर्तियाँ एक करोड़ से एक कम निकलीं। कल्लू नाम की इस मुसीबत से पीछा छुड़ाने पर अड़े भगवान् शिव ने इसी बात को बहाना बनाते हुए कल्लू कुम्हार को उसके द्वारा बनाई गई मूर्तियों के साथ उनाकोटी में ही छोड़ दिया और खुद माता पार्वती के साथ कैलाश की ओर चलते बने। इसी मान्यता के कारण कल्लू कुम्हार का नाम उनाकोटी से जुड़ गया।

प्रश्न 4 – मेरी रीढ़ में एक झुरझरी-सी दौड़ गई’-लेखक के इस कथन के पीछे कौन-सी घटना जुड़ी है?

उत्तर – लेखक राजमार्ग संख्या 44 पर टीलियामुरा से 83 किलोमीटर आगे मनु नामक स्थान पर शूटिंग के लिए जा रहा था। इस यात्रा में वह सी.आर.पी.एफ. की सुरक्षा में चल रहा था। लेखक और उसका कैमरा मैन हथियार बंद गाड़ी में चल रहे थे। लेखक अपनी शूटिंग के काम में ही इतना व्यस्त था कि उस समय तक डर के लिए कोई गुंजाइश ही नहीं थी जब तक लेखक को सुरक्षा प्रदान कर रहे सी.आर.पी.एफ. कर्मी ने साथ की निचली पहाड़ियों पर किसी इरादे से रखे दो पत्थरों की तरफ लेखक का ध्यान आकर्षित नहीं हुआ। जब लेखक ने उन दो पत्थरों के बारे में पूछा तो सी.आर.पी.एफ. कर्मी ने लेखक को बताया कि दो दिन पहले ही उनके एक जवान को यहीं विद्रोहियों द्वारा मार डाला गया था। यह सुन कर लेखक कहता है कि डर के कारण लेखक की रीढ़ में एक झुरझुरी सी दौड़ गई थी। मनु तक की अपनी शेष यात्रा में लेखक अपने दिल से यह खयाल निकाल नहीं पाया कि उनको घेरे हुए सुंदर और पूरी तरह से शांतिपूर्ण लगने वाले जंगलों में किसी जगह बंदूकें लिए विद्रोही भी छिपे हो सकते हैं। अब लेखक को डर लगने लगा था।

प्रश्न 5 – त्रिपुरा ‘बहुधार्मिक समाज’ का उदाहरण कैसे बना?

उत्तर – बांग्लादेश से लोगों का बिना अनुमति के त्रिपुरा में आना और यहीं बस जाना जबरदस्त है और इसे यहाँ सामाजिक रूप से स्वीकार भी किया गया है। यहाँ की असाधारण जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण लेखक इसी को मानता है। असम और पश्चिम बंगाल से भी लोगों का त्रिपुरा प्रवास यहाँ होता ही है। कुल मिलाकर बाहरी लोगों की इस तरह भारी संख्या में आना और यही बस जाने के कारण जनसंख्या संतुलन को यहाँ के स्थानीय आदिवासियों के खिलाफ ला खड़ा किया है। त्रिपुरा में लगातार बाहरी लोगों के आने और यहीं बस जाने से कुछ समस्याएँ तो पैदा हुई हैं लेकिन इसके कारण यह राज्य विभिन्न धर्मों वाले समाज का उदाहरण भी बना है। त्रिपुरा में उन्नीस अनुसूचित जनजातियों और विश्व के चारों बड़े धर्मों का प्रतिनिध्त्वि मौजूद है। इस प्रकार यहाँ अनेक धर्मों का समावेश हो गया है। तब से यह राज्य बहुधार्मिक समाज का उदाहरण बन गया है।

प्रश्न 6 – टीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय किन दो प्रमुख हस्तियों से हुआ? समाज-कल्याण के कार्यों में उनका क्या योगदान था?

उत्तर – टीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय जिन दो प्रमुख हस्तियों से हुआ उनमें एक हैं- हेमंत कुमार जमातिया, जो त्रिपुरा के प्रसिद्ध लोक गायक हैं। जमातिया 1996 में संगीत नाटक अकादमी द्वारा पुरस्कृत किए जा चुके हैं। अपनी युवावस्था में वे पीपुल्स लिबरेशन आर्गनाइजेशन के कार्यकर्ता थे, पर अब वे चुनाव लड़ने के बाद जिला परिषद के सदस्य बन गए हैं। लेखक की मुलाकात दूसरी प्रमुख हस्ती मंजु ऋषिदास से हुई, जो आकर्षक महिला थी। वे रेडियो कलाकार भी थीं। रेडियो कलाकार होने के अलावा वे नगर पंचायत में अपने वार्ड का प्रतिनिधित्व भी करती थीं। लेखक ने उनके गाए दो गानों की शूटिंग की। गीत के तुरंत बाद मंजु ने एक कुशल गृहिणी के रूप में चाय बनाकर पिलाई।

प्रश्न 7 – कैलासशहर के जिलाधिकारी ने आलू की खेती के विषय में लेखक को क्या जानकारी दी?

उत्तर – जब लेखक और वह जिलाधिकारी चाय पी रहे थे उस दौरान उस जिलाधिकारी ने लेखक को बताया कि टी.पी.एस. (टरू पोटेटो सीड्स) की खेती को त्रिपुरा में, खासकर पर उत्तरी जिले में किस तरह से सफलता मिली है। आलू की बुआई के लिए आमतौर पर परंपरागत आलू के बीजों की शुरुआत दो मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर पड़ती है। इसके बरक्स टी.पी.एस की सिर्फ 100 ग्राम मात्रा ही एक हेक्टेयर की बुआई के लिए काफी होती है। त्रिपुरा से टी.पी.एस. को अब न सिर्फ असम, मिज़ोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश को ही भेजा जाता है, बल्कि अब तो विदेशो में जैसे बांग्लादेश, मलेशिया और विएतनाम को भी भेजा जा रहा है।

प्रश्न 8 – त्रिपुरा के घरेलू उद्योगों पर प्रकाश डालते हुए अपनी जानकारी के कुछ अन्य घरेलू उद्योगों के विषय में बताइए?

उत्तर – त्रिपुरा के लघु उद्योगों में लोकप्रिय घरेलू गतिविधियों में से एक गति-विधि अगरबत्तियों के लिए बाँस की पतली सींकें तैयार करना है। अगरबत्तियों के लिए बाँस की पतली सींकें तैयार करने के बाद अगरबत्तियाँ बनाने के लिए इन्हें कर्नाटक और गुजरात भेजा जाता है। इनका प्रयोग अगरबत्तियाँ बनाने में किया जाता है। इन्हें कर्नाटक और गुजरात भेजा जाता है ताकि अगरबत्तियाँ तैयार की जा सकें। त्रिपुरा में बाँस बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। इस बाँस से टोकरियाँ सजावटी वस्तुएँ आदि तैयार की जाती हैं।

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Chapter 2 स्मृति Important Questions | Class 9 Hindi Sanchayan

Smriti Important Question Answers Class 9 Hindi Sanchayan Book Chapter 2

Smriti Short Answer Type Questions – 25 से 30 शब्दों में

प्रश्न 1 – गाँव के एक आदमी ने लेखक को जल्दी से घर लौटने को क्यों कहा? 

उत्तर – गाँव के एक आदमी ने लेखक को जोर से आवाज लगा कर पुकारा और कहा कि लेखक के भाई लेखक को बुला रहे हैं इसलिए उसे जल्दी से ही घर लौट जाना चाहिए।

प्रश्न 2 – जिस समय गाँव के एक आदमी ने लेखक को घर लौटने को कहा उस समय लेखक क्या कर रहा था? 

उत्तर – जिस समय गाँव के एक आदमी ने लेखक को घर लौटने को कहा उस समय लेखक अपने कई साथियों के साथ झरबेरी के बेर तोड़-तोड़कर खा रहा था। 

प्रश्न 3 – लेखक क्यों उदास सा घर की ओर चल रहा था? 

उत्तर – लेखक के मन में उसके बड़े भाई साहब से मार पड़ने का डर था इसलिए वह उदास सा घर की ओर चल रहा था। लेखक को समझ में नहीं आ रहा था कि उससे कौन-सी गलती हो गई है जो उसके भाई साहब ने उसे इस तरह घर बुलाया है। डरते-डरते लेखक घर में घुसा। उसे डर था कि बेर खाने के अपराध में ही कहीं उसकी खबर न ली जाए। 

प्रश्न 4 – लेखक के भाई साहब ने लेखक और उसके छोटे भाई को क्या काम दिया?

उत्तर – लेखक के भाई साहब ने लेखक और उसके छोटे भाई से कहा कि उनके द्वारा लिखे गए पत्रों को ले जाकर मक्खनपुर में स्थित डाकखाने में डाल आए। तेज़ी से जाना जिससे शाम की डाक में उनकी चिठियाँ निकल जाएँ ताकि ये चिठियाँ जल्दी ही वहाँ पहुँच जाए जहाँ उन्हें भेजा जाना है क्योंकि वे बहुत जरुरी थी।

प्रश्न 5 – लेखक को बबूल के डंडे से अत्यधिक प्यार क्यों था?

उत्तर – लेखक को अपने बच्चपन में उस बबूल के डंडे से इतना अधिक प्यार था, जितना लेखक आज की उम्र में रायफल से भी नहीं करता था। इसका एक कारण यह भी था कि लेखक ने न जाने कितने साँपों को उस डंडे से मारा था। मक्खनपुर के स्कूल और गाँव के बीच पड़ने वाले आम के पेड़ों से हर साल उस डंडे की सहायता से न जाने लेखक कितने आम तोड़ता था। इसी कारण से लेखक को अपना वह गूँगा डंडा भी सजीव-सा प्रतीत होता था। ऐसा लगता था जैसे उस डंडे में जान हो। 

प्रश्न 6 – लेखक ने चिठ्ठियों को टोपी में क्यों रखा था?

उत्तर – चिठियों को लेखक ने अपनी टोपी में रख लिया था, क्योंकि लेखक के कुर्ते में जेबें नहीं थी। 

प्रश्न 7 – ‘स्मृति’ पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल-सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है? अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर – बच्चे बाल्यावस्था में पेड़ों पर चढ़ते हैं और उस पेड़ के फल तोड़कर खाते हैं, कुछ फल फेंक देते हैं तथा बच्चों को पेड़ों से बेर आदि फल तोड़कर खाने में मजा आता है। बच्चे स्कूल जाते समय रास्ते में शरारतें करते हुए तथा शोर करते हुए जाते हैं। तथा बच्चे जीव-जन्तुओं को तंग करके खुश होते हैं। रास्ते में कुत्ते, बिल्ली या किसी कीड़े को पत्थर मारकर सताते हैं। क्योंकि वे नासमझ होते हैं। उन्हें उनके दर्द व पीड़ा के बारे में पता नहीं चलता। वे नासमझी व बाल शरारतों के कारण ऐसा करते हैं।

प्रश्न 8 – पिटाई के डर से लेखक को माँ की गोद की याद क्यों आ रही थी?

उत्तर – पिटाई के डर से लेखक को माँ की गोद की याद आ रही थी, उसका जी चाह रहा था कि उसकी माँ आए उसे छाती से लगाए और लाड़-प्यार करके यह कह दे कि कोई बात नहीं, चिठियाँ तो फिर से लिख ली जाएँगी, रोने की कोई बात नहीं। अक्सर जब भी बच्चे किसी मुसीबत में फसते हैं तो उन्हें माँ की ही याद आती है क्योंकि बच्चे माँ के आँचल में ही सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। 

प्रश्न 9 – लेखक का छोटा भाई लेखक के कुँए में जाने के निर्णय पर क्यों रो रहा था?

उत्तर – लेखक का छोटा भाई लेखक के कुँए में जाने के निर्णय पर रो रहा था क्योंकि उसे लग रहा था कि लेखक की मौत उसे नीचे बुला रही है कहने का तात्पर्य यह है कि उसे लग रहा था कि अगर लेखक निचे कुँए में गया तो वह जरूर साँप के काटे जाने से मर जाएगा। यद्यपि वह शब्दों से कुछ नहीं कह रहा था बस वह रोए जा रहा था। 

प्रश्न 10 – लेखक नीचे पहुँचते ही साँप को मार देगा, इस विश्वास का क्या कारण था?

उत्तर – लेखक नीचे पहुँचते ही साँप को मार देगा, इस विश्वास का कारण यह था कि इससे पहले भी लेखक ने अनेक साँप मारे थे। इसलिए कुएँ में घुसते समय लेखक को साँप का बिलकुल भी डर नहीं था। साँप को मारना लेखक को बाएँ हाथ का खेल लगता था। यानि साँप को मारना लेखक बहुत आसान समझता था।

प्रश्न 11 – लेखक ने कुँए में उतरने के लिए क्या उपाय किया?

उत्तर – लेखक ने दोनों हाथों से धोती पकड़े हुए ही अपने पैर कुएँ की बगल में लगा दिए। दीवार से पैर लगाते ही कुछ मिट्टी नीचे गिरी और साँप ने फू करके उस मिट्टी पर मुँह मार कर हमला किया। लेखक के पैर भी दीवार से हट गए, और लेखक की टाँगें कमर से लटकती हुई समकोण बनाती रहीं, इससे लेखक को यह फायदा हुआ कि लेखक को साँप से दूरी और कुएँ की परिधि पर उतरने का ढंग मालूम हो गया। लेखक ने झूलकर अपने पैर कुएँ की बगल से सटाए, और कुछ धक्वे देने के साथ ही वह अपने शत्रु के सामने कुँए की दूसरी ओर डेढ़ गज पर-कुएँ के धरातल पर खड़ा हो गया। 

प्रश्न 12 – लेखक ने चिठ्ठियाँ उठाने के लिए कौन सा रास्ता चुना?

उत्तर – लेखक के पास केवल एक रास्ता था। डंडे से साँप की ओर से चिठियों को सरकाया जाए। यदि साँप में आक्रमण किया, तो लेखक के पास उसे मारने के अलावा कोई चारा नहीं था। लेखक के पास केवल एक कुर्ता था, और कोई कपड़ा नहीं था जिससे वह साँप के मुँह की ओर करके उसके फन को पकड़ सके। लेखक के पास मारना या बिलकुल छेड़खानी न करना-ये दो रास्ते थे। इसलिए लेखक का पहला रास्ता तो लेखक की शक्ति के बाहर था। मजबूर होकर लेखक को दूसरे रास्ते का सहारा लेना पड़ा।

प्रश्न 13 – साँप की फूँ-फूँ लेखक के उछलने के कारण लेखक का छोटा भाई क्यों रोने लगा?

उत्तर – कुँए के ऊपर फूँ-फूँ और लेखक के उछलने और फिर वहीं धमाके से खड़े होने से लेखक के छोटे भाई ने समझा कि लेखक का काम समाप्त हो गया और भाई का नाता फूँ-फूँ और धमाके में टूट गया यानि लेखक के भाई को लगा कि लेखक की साँप के काटने से मौत हो गई है। लेखक को साँप के काटने से होने वाले दर्द और लेखक से बिछुड़ जाने के खयाल से ही लेखक के छोटे भाई के कोमल हृदय को धक्का लगा। भाई के प्यार के ताने-बाने को चोट लगी। उसकी चीख निकल गई। अर्थात वह बहुत अधिक डर गया। 

 

Smriti Long Types Question Answers – 60 से 70  शब्दों में

प्रश्न 1 – लेखक और लेखक का छोटा भाई जब चिट्ठियाँ डालने जा रहे थे, तब उन्होंने रास्ते के लिए क्या प्रबंध किए?

उत्तर – लेखक और उसका छोटा भाई जब चिट्ठियाँ डालने जा रहे थे, वे दिन जाड़े के दिन तो थे। साथ ही साथ ठंडी हवा के कारण उन दोनों को कॅंप-कँपी भी लग रही थी। हवा इतनी ठंडी थी कि हड्डी के भीतर भरा मुलायम पदार्थ तक ठण्ड से ठिठुरने लगा था, इसलिए लेखक और लेखक के भाई ने ठण्ड से बचने के लिए अपने कानों को धोती से बाँधा। लेखक की माँ ने रास्ते में दोनों के खाने के लिए थोड़े से भुने हुए चने एक धोती में बाँध दिए थे। दोनों भाई अपना-अपना डंडा लेकर घर से निकल पड़े। उस समय उस बबूल के डंडे से उन लोगों को इतना प्यार था, जितना लेखक आज की उम्र में रायफल से भी नहीं करता था।

प्रश्न 2 – लेखक कुएँ से चिट्ठी निकालने का काम टाल सकता था, परन्तु उसने ऐसा नहीं किया। ‘स्मृति’ कहानी से उसके चरित्र की कौन-सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?

उत्तर – लेखक के द्वारा कुएँ से चिट्ठी निकालने का काम टल सकता था। लेकिन बड़े भाई की डाँट के डर से उसने ऐसा नहीं किया। इसके साथ ही लेखक बहुत ईमानदार भी था वह अपने भाई से झूठ बोलना अथवा बहाना लगाना नहीं चाहता था। चिट्ठियों को पहुँचाने की जिम्मेदारी, कर्तव्यनिष्ठा की भावना उसे कुएँ के पास से जाने नहीं दे रही थी ।

लेखक ने पूरे साहस व सूझ-बूझ के साथ कुएँ में नीचे उतरकर एकाग्रचित हो साँप की गतिविधियों को ध्यान में रखकर चिट्ठियाँ बाहर निकाल लीं। इस तरह हमें लेखक की ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के साथ उसके साहस, दृढ़ निश्चय, एकाग्रचित्ता व सूझ-बूझ की जानकारी भी मिलती है।

प्रश्न 3 – कभी-कभी दृढ़ संकल्प के साथ तैयार की गई योजना भी प्रभावी नहीं हो पाती है। कुएँ से चिट्ठी निकालने के लिए लेखक द्वारा बनाई गई पूर्व-योजना क्यों सफल नहीं हुई? ‘स्मृति’ पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर – चिट्ठियाँ कुएँ में गिर जाने पर लेखक बहुत भारी मुसीबत में फँस गया। पिटने का डर और जिम्मेदारी का अहसास उसे चिट्ठियाँ निकालने के लिए विवश कर रहा था। लेखक ने धोतियों में गाँठ बाँध कर रस्सी बनाकर कुएँ में उतरने की योजना बना ली। लेखक को स्वयं पर भरोसा था कि वह नीचे जाते ही डंडे से दबाकर साँप को मार देगा और चिट्ठियाँ लेकर ऊपर आ जाएगा क्योंकि वह पहले भी कई साँप मार चुका था।

उसे अपनी योजना में कमी नहीं दिखाई दे रही थी, परन्तु लेखक द्वारा बनाई गई यह पूर्व योजना सफल नहीं हुई, क्योंकि योजना की सफलता परिस्थिति पर निर्भर करती है। कुएँ में स्थान की कमी थी और साँप भी व्याकुलता से उसको काटने के लिए तत्पर था। ऐसे में डंडे का प्रयोग करना संभव नहीं था।

प्रश्न 4 – ‘स्मृति’ कहानी बाल मनोविज्ञान को किस प्रकार प्रकट करती है? बच्चों के स्वभाव उनके विचारों के विषय में हमें इससे क्या जानकारी मिलती है?

उत्तर – बाल मस्तिष्क हर समय सूझ-बूझ से कार्य करने में सक्षम नहीं होता। बच्चे शरारतों का ध्यान आते ही अपने चंचल मन को रोक नहीं पाते। खतरे उठाने, जोखिम लेने, साहस का प्रदर्शन करने में उन्हें आनन्द आता है वे अपनी जान को खतरे में डालने से भी नहीं चूकते। लेकिन बच्चों का हृदय बहुत कोमल होता है। बच्चे मार व डाँट से बहुत डरते हैं।

जिस तरह लेखक बड़े भाई की डाँट व मार के डर से तथा चिट्ठियों को समय पर पहुँचाने की जिम्मेदारी की भावना के कारण जहरीले साँप तक से भिड़ गयी। बच्चे अधिकतर ईमानदार होते हैं वे बड़ों की भाँति न होकर छल व कपट से दूर होते हैं। मुसीबत के समय बच्चों को सबसे अधिक अपनी माँ की याद आती है। माँ के आँचल में वे स्वयं को सबसे अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं।

प्रश्न 5 – “अपनी शक्ति के अनुसार योजना बनाने वाला ही सफल होता है”–स्मृति पाठ के अनुसार इस कथन की विवेचना कीजिए।

उत्तर – लेखक ने कुएँ में चिट्ठियाँ गिर जाने के बाद बहुत ही बुद्धिमानी, चतुरता एवं साहस का परिचय दिया। कठिन परिस्थिति में भी उसने हिम्मत नहीं हारी। कुएँ में जहरीला साँप होने के बावजूद वह साहसपूर्ण युक्ति से अपने पास मौजूद सभी धोतियों को आपस में बाँध आता है, ताकि वे नीचे तक चली जाएँ।

सर्प के डसे जाने से बचने के लिए उसने पहले कुएँ की बगल की मिट्टी गिराई। फिर डंडे से चिट्ठियों को सरकाया। डंडा छूट जाने पर उसने साँप का ध्यान दूसरी ओर बँटाया, फिर डंडे को उठा लिया। साँप का आसन बदला तो उसने चिट्ठियाँ भी उठा लीं और उन्हें धोतियों में बाँध दिया। इस प्रकार लेखक ने अपनी बुद्धि का पूरा सदुपयोग करके तथा युक्तियों का सहारा लेकर कुएँ में गिरी हुई चिट्ठियों को निकाला। यह उसकी साहसिकता का स्पष्ट परिचय देता है।

प्रश्न 6 – जब लेखक और उसका छोटा भाई उस कुएँ की ओर से निकले, जिसमें साँप गिरा हुआ था, तब उनके साथ कौन सी घटना घटी जिससे लेखक पर बिजली-सी गिर पड़ी?

उत्तर – जब लेखक और उसका छोटा भाई उस कुएँ की ओर से निकले, जिसमें साँप गिरा हुआ था तब लेखक के मन में कुएँ में पत्थर फेंककर साँप की फुसकार सुनने की उसकी इच्छा जाग गई। लेखक कुएँ  पत्थर डालने के लिए कुँए की ओर बढ़ा। छोटा भाई भी लेखक के पीछे इस तरह चल पड़ा जैसे बड़े हिरन के बच्चे के पीछे छोटा हिरन का बच्चा चल पड़ता है।

लेखक ने कुएँ के किनारे से एक पत्थर उठाया और उछलकर एक हाथ से टोपी उतारते हुए साँप पर पत्थर गिरा दिया, परन्तु लेखक पर तो बिजली-सी गिर पड़ी क्योंकि उस समय जो घटना घटी उस घटना के कारण लेखक को यह भी याद नहीं कि साँप ने फुसकार मारी या नहीं, पत्थर साँप को लगा या नहीं। यह घटना थी टोपी के हाथ में लेते ही तीनों चिठियाँ चक्कर काटती हुई कुएँ में गिर जाने की।

प्रश्न 7 – जब लेखक ने कुएँ के धरातल की ओर ध्यान से देखा तो लेखक क्यों हैरान हो गया?

उत्तर – जब लेखक ने कुएँ के धरातल की ओर ध्यान से देखा तो लेखक ने जो देखा उसे देखकर वह हैरान हो गया क्योंकि कुँए के धरातल पर साँप अपना फन फैलाए धरातल से एक हाथ ऊपर उठा हुआ लहरा रहा था। साँप की पूँछ और पूँछ के समीप का भाग ही पृथ्वी पर था, बाकी का आधा आगे का भाग हवा में ऊपर उठा हुआ था और वह साँप लेखक के निचे आने की ही प्रतीक्षा कर रहा था। धोती के नीचे डंडा बँधा था, जो लेखक के उतरने की गति से इधर-उधर हिल रहा था।

शायद उसी के कारण लेखक को उतरते देख साँप घातक चोट करने के आसन पर बैठा था अर्थात फन फैलाए लेखक को डँसने के लिए तैयार बैठा था। सँपेरा जैसे बीन बजाकर काले साँप को खिलाता है और साँप क्रोधित हो कर अपना फन फैलाकर खड़ा होता है और फुँकार मारकर चोट करता है, ठीक उसी तरह यह कुँए का साँप भी तैयार बैठा था। उसका शत्रु लेखक उससे कुछ हाथ ऊपर धोती पकड़े लटक रहा था।

प्रश्न 8 – लेखक ने भय, निराशा और उद्वेग के मन में आने तथा माँ की गोद याद आने का वर्णन किस प्रसंग में किया है? ‘स्मृति’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – लेखक अपने वर्णन में बताता है कि बच्चों की टोली स्कूल के रास्ते में पड़ने वाले सूखे कुएँ में पड़े एक साँप को ढेले मारकर उसकी फुसकार सुनने की अभ्यस्त हो गई थी। वास्तव में लेखक जब अपने बड़े भाई द्वारा दी गई चिट्ठियों को मक्खनपुर के डाकखाने में डालने के लिए अपने छोटे भाई के साथ जा रहा था, तब रास्ते में कुएँ वाले साँप को ढेले मारकर उसकी हुँफकार सुनने का विचार पुनः उसके मन में आया। लेखक के इसी प्रयास के दौरान उसकी टोपी में रखी चिट्ठियाँ कुएँ में जा गिरी।

लेखक का उपर्युक्त कथन इसी घटना के संदर्भ में है क्योंकि कुएँ के बहुत अधिक गहरा होने, अपनी उम्र कम होने और सबसे ज्यादा कुएँ में पड़े विषैले साँप के डर से वह चिट्ठियों को निकालने का कोई उपाय नहीं समझ पा रहा था। चिट्ठियाँ न मिलने का परिणाम बड़े भाई द्वारा दिया जाने वाला दंड था। इसलिए लेखक निराशा, भय और उद्वेग अर्थात् घबराहट के मनोभावों के बीच फंस गया था। स्वाभाविक रूप से बचपन में कोई कार्य गलत हो जाता है तो बच्चे अपने अपराध- निवारण या उससे संबंधित दंड से बचने हेतु माँ के लाड़-प्यार और उसकी गोद का आश्रय लेना स्वभावतः पसंद करते हैं। माँ की ममता बच्चों के लिए एक सुरक्षात्मक आवरण की भाँति कार्य करती है इसी कारण लेखक ने ऐसा कहा है।

प्रश्न 9 – दोनों भाइयों ने मिलकर कुएँ में नीचे उतरने की क्या युक्ति अपनाई? स्मृति पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर – कुएँ में चिट्ठियाँ गिर जाने पर दोनों भाई सहम गए और डरकर रोने लगे। छोटा भाई जोर-जोर से और लेखक आँख डबडबा कर रो रहा था। तभी उन्हें एक युक्ति सूझी। उनके पास एक धोती में चने बँधे थे, दो धोतियाँ उन्होंने कानों पर बाँध रखी थीं और दो धोतियाँ वह पहने हुए थे। उन्होंने पाँचों धोतियाँ मिलाकर कसकर गाँठ बाँध कर रस्सी बनाई। धोती के एक सिरे पर डंडा बाँधा, तो दूसरा सिरा चरस के डेंग पर कसकर बाँध दिया और उसके चारों ओर चक्कर लगाकर एक और गाँठ लगाकर छोटे भाई को पकड़ा दिया। लेखक धोती के सहारे कुएँ के बीचों-बीच उतरने लगा। छोटा भाई रो रहा था पर लेखक ने उसे विश्वास दिलाया कि वह साँप को मारकर चिट्ठियाँ ले आएगा। नीचे साँप फन फैलाए बैठा था। लेखक ने बुद्धिमतापूर्वक साँप से लड़ने या मारने की बात त्याग कर डंडे से चिट्ठियाँ सरका ली और साँप को चकमा देने में कामयाब हो गया।

Q10 – जब लेखक ने साँप को साक्षात् देखा तो उसने साँप को मारने की अपनी योजना और आशा को असंभव क्यों

उत्तर – जब लेखक ने साँप को साक्षात् देखा तो उसने साँप को मारने की अपनी योजना और आशा को असंभव पाया। क्योंकि कुँए के निचे साँप को मारने के लिए डंडा चलाने के लिए पूरी जगह ही नहीं थी। और लाठी या डंडा चलाने के लिए काफी जगह चाहिए होती है जिसमें वे घुमाए जा सकें। एक तरीका और था कि साँप को डंडे से दबाया जा सकता था, पर ऐसा करना मानो तोप के मुहाने पर खड़ा होना था। यदि फन या उसके समीप का भाग न दबा, तो फिर वह साँप पलटकर जरूर काटता, और अगर हिम्मत करके लेखक फन के पास दबा भी देता तो फिर उसके पास पड़ी हुई दो चिठियों को वह कैसे उठाता? दो चिठियाँ साँप के पास उससे सटी हुई पड़ी थीं और एक लेखक की ओर थी। लेखक तो चिठियाँ लेने ही कुँए में उतरा था। लेखक और साँप दोनों ही अपनी-अपनी स्थितियों पर डटे हुए थे।

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