Chapter 5 महापरिनिर्वाण ncert solution | hindi | class 8th

NCERT Solutions Class 8 Hindi chapter 5 महापरिनिर्वाण

Question & Answer

Q.1: मार ने बुद्ध को क्या याद दिलाया? उत्तर में बुद्ध ने क्या कहा?
Ans : मार ने बुद्ध को यह याद दिलाया की नैरंजना नदी के तट पर जब बुद्ध ने बुद्धत्व प्राप्त किया था तब मार ने उनसे निर्वाण प्राप्त करने को कहा था, परंतु बुद्ध ने तब मना कर दिया था क्योंकि वह पापियों और पीड़ितों का उद्धार करने से पहले निर्वाण प्राप्त करना नहीं चाहते थे| उत्तर में बुद्ध ने मार को आश्वासन दिया कि उनकी प्रतिज्ञा पूरी हो चुकी है और उन्हें अपना वचन याद है| वह आज से तीन माह बाद निर्वाण को प्राप्त करेंगे, जिसे सुनकर मार बहुत प्रसन्न हुआ| 
Q.2: आनंद कौन था? उसे क्या जानकर आघात लगा?
Ans : आनंद भगवान बुद्ध का शिष्य था| भगवान बुद्ध आनंद के सब कुछ थे| भगवान बुद्ध ने जब यह बताया कि अब उनका धरती पर समय काल खत्म हो चुका है, और अब वह केवल तीन माह के लिए इस धरती पर रहेंगे, यह सुन कर आनंद को बहुत आघात लगा, उसकी आंखों से आँसू आने लगे| 
Q.3: तथागत ने परिनिर्वाण से पूर्व मल्लों को क्या समझाया?
Ans : तथागत ने परिनिर्वाण से पूर्व मल्लों को यह समझाया कि यह समय दुख का नहीं बल्कि आनंद का है, वह सभी दुखों का जड़ 'अपने शरीर' का आज़ त्याग  करने वाले है| उन्हें आज अपना दुर्लभ लक्ष्य प्राप्त होने वाला है, उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ उनके दर्शन से निर्वाण प्राप्त नहीं किया जा सकता है| जो उनके धर्म के मार्ग पर चलेगा वही निर्वाण और मोक्ष को प्राप्त कर सकता है| 
Q.4: मल्लों और पड़ोसी राजाओं के बीच युद्ध की संभावना क्यों उत्पन्न हो गई? यह संघर्ष कैसे टल गया?
Ans : भगवान बुद्ध के मरणोपरांत उनकी अस्थियों को लेकर मल्लों और पड़ोसी राजाओं के बीच युद्ध की संभावना उत्पन्न हो गई| दोनों ही भगवान बुद्ध के उपदेशों को मानते थे और उनकी अस्थियों पर अपना अधिकार चाहते थे| द्रोण नाम के ब्राह्मण ने राजाओं और मल्लों दोनों पक्ष से बात की, उन्होंने दोनों पक्ष को समझाया कि भगवान बुद्ध का परम ज्ञान था शांति का मार्ग और इस तरह युद्ध करके हम उनके इस उपदेश का पालन नहीं करेंगे, इसलिए इसका उपाय शांत मन से करें| ब्राह्मण द्रोण की यह बात सुनकर मल्लों और राजाओं दोनों पक्ष के लोगों का क्रोध शांत हो गया| 
Q.5: भगवान बुद्ध के उपदेशों को संग्रह करने का भार किसे सौंपा गया और क्यों?
Ans : भगवान बुद्ध के उपदेशों का संग्रह करने का भार आनंद को दिया गया, क्योंकि आनंद हमेशा बुद्ध के साथ रहे थे|उन्होंने सर्वाधिक समय बुद्ध के साथ बिताया था और बुद्ध के मुख से सारे धर्मोपदेश बड़े ध्यान से सुने थे| 
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Chapter 4 धर्मचक्र प्रवर्तन ncert solution | hindi | class 8th

NCERT Solutions for Class 8 Hindi chapter 4 धर्म चक्र प्रवर्तन

Question & Answer

Q.1: बुद्धत्व प्राप्त करने के बाद सिद्धार्थ ने  प्रथम उपदेश कहाँ और किन्हें दिया?
Ans : बुद्धत्व प्राप्त करने के बाद सिद्धार्थ ने अपना प्रथम उपदेश मृगदाव वन के उन पाँच भिक्षुओं को दिया जिन्होंने शाक्यमुनि को तप-भ्रष्ट भिक्षु मानकर उनका साथ छोड़ दिया था| 
Q.2: अष्टांग योग की प्रमुख बातों का उल्लेख कीजिए?
Ans : शरीर को कष्ट देने के बजाय योग की युक्तियों से ज्ञान को प्राप्त करना, कष्टकर, तप  और आसक्तिमय भोग को त्याग कर बोध को प्राप्त करना,मध्य मार्ग कहलाता है और यही मध्य मार्ग तीनों लोकों में 'अष्टांग योग' के नाम से प्रसिद्ध हैं| अष्टांग योग के माध्यम से हम सांसारिक मोह- माया से खुद को मुक्त कर सकते हैं| 
Q.3: भगवान बुद्ध काशी से राजगृह क्यों आए?
Ans : भगवान बुद्ध को अपने शिष्यों को उपदेश देने के बाद आकास्मक याद आया कि उन्होंने मगध के राजा बिंबसार को यह वचन दिया था कि वह अपने ज्ञान प्राप्ति के बाद उन्हें धर्म की उपदेश और दीक्षा देंगे| अपने इसी वचन को पूरा करने के लिए भगवान बुद्ध काशी से राज गृह आए| 
Q.4: प्रसेनजित ने भगवान बुद्ध से क्या निवेदन किया?
Ans : भगवान बुद्ध के कोसल प्रदेश आने पर प्रसेनजित काफी प्रसन्न हुए, उन्होंने भगवान बुद्ध से कोसल प्रदेश में ही निवास करने का निवेदन किया| 
Q.5: तथागत ने कर्म के बारे में शुद्धोदन को क्या समझाया?
Ans : तथागत ने कर्म के बारे में शुद्धोदन को यह समझाया कि इस सारे संसार का मूल मंत्र कर्म है| कर्म ही है  जो मृत्यु के बाद भी आपके साथ होता है| इसलिए आप  कर्म का स्वभाव, कारण, फल और आश्रय इन चारों को समझने की कोशिश करें| आप शांति के पथ को अपनाएँ जिससे आप द्वेष,ईर्ष्या, मोह,माया सब पर काबू पा सकेंगे| 
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Chapter 3 ज्ञान की प्राप्ति ncert solution | hindi | class 8th

NCERT Solutions Class 8 Hindi chapter 3 ज्ञान प्राप्ति

Question & Answer

Q.1: अराड मुनि ने अविद्या किसे कहा है?
Ans : अराड मुनि ने अविद्या निम्नलिखित अवस्थाओं को कहा है-
1.आलस्य
2.जन्म-मृत्यु मोह
3.काम
4.क्रोध
5.विषाद
अराड मुनि के अनुसार आलस्य,क्रोध, विषाद अंधकार हैं और जन्म-मृत्यु मोह एवं काम महामोह है| इन पाँचों अविद्याओं से अगर इंसान मुक्त हो गया तो उसका जीवन सार्थक कहलायेगा| 
Q.2: कठोर तपस्या में लगे सिद्धार्थ ने किस कारण भोजन करने का निर्णय लिया?
Ans : काफी दिनों से अन्न न ग्रहण करने की वजह से सिद्धार्थ काफी दुर्बल हो चुके थे| कुछ समय बाद उन्हें खुद ही ऐसा लगा कि यह दुर्बलता उनको मोक्ष नहीं दिलवा सकती| अस्वस्थ मन से कभी कोई समाधि नहीं पा सकता| समाधि पाने के लिए मानसिक शक्ति प्रबल होनी चाहिए और मानसिक शक्ति के लिए आहार ग्रहण करना बहुत जरूरी है| इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए सिद्धार्थ ने भोजन करने का निर्णय लिया| 
Q.3: मार कौन था? वह बुद्ध को क्यों डरा रहा था?
Ans : मार सद्धर्म का शत्रु था जिसे कामदेव के नाम से भी जाना जाता है| मार को लगता था कि बुद्ध उसका राज्य जीतना चाहते हैं| वह बार-बार बुद्ध को डराने लगा ताकि उनका ध्यान भंग हो जाए और वो मोक्ष को प्राप्त करने की विद्या ना हासिल कर पाए| 
Q.4: सिद्धार्थ के बुद्धत्व प्राप्त करने पर प्रकृति में किस प्रकार की हलचल दिखाई पड़ी?
Ans : सिद्धार्थ के बुद्धत्व प्राप्त करने पर पूरी प्रकृति में हर्षोल्लास का माहौल छा गया, बिन मौसम बरसात होने लग गई| आसमान से फूलों की वर्षा होने लगी,मानो पूरी प्रकृति बुद्ध का स्वागत कर रही हो| चारों दिशाओं में ज्ञान प्रवाहित होने लग गए| सुंदर शिथिल पवन बहने लग गई, ऐसा लग रहा था मानो चारों और  सद्धर्म की दीप जल रही हो, स्वर्ग से भी देवतागण आकर बुद्ध को नमन करने लग गए| वातावरण में चारों ओर उमंग ही उमंग दिख रहा था| 
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Chapter 2 अभिनिष्‍क्रमण ncert solution | hindi | class 8th

Class 8 Sankshipt Budhcharit Chapter 2 Abhinishkraman solution Answer

प्रश्न-1 सिद्धार्थ को निर्वाण के विषय में पहली प्रेरणा किस प्रकार मिली ? 

उत्तर- 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, वन भ्रमण के लिए जा रहे राजकुमार सिद्धार्थ ने जब रास्ते में जुते हुए खेत, खेतों में हल से उखड़ी हुई घास, अन्य खरपतवार और हल की जुताई से मरे हुए कीड़े-मकोड़े को देखा तो उसका हृदय द्रवित हो उठा. उसका मन शोक से भर गया. वह घोड़े की पीठ से उतर गया और ज़मीन पर इधर-उधर घुमने लगा. राजकुमार सिद्धार्थ का मन जन्म और मृत्यु के बारे में सोचते-सोचते बहुत ही व्याकुल हो गया. तत्पश्चात् जब सिद्धार्थ एक स्थान पर ध्यानमग्न थे तो उन्हें एक भिक्षुक दिखाई दिया। उस भिक्षुक की बातों को सुनकर सिद्धार्थ को निर्वाण के विषय में पहली प्रेरणा मिली | 

प्रश्न-2 राजकुमार ने तपोवन न जाने के लिए राजा के समक्ष क्या-क्या शर्तें रखीं ? 

उत्तर- 
राजकुमार ने तपोवन न जाने के लिए राजा के समक्ष निम्नलिखित शर्तें रखीं — 

• मेरी मृत्यु न हो | 
• मैं सदा रोगमुक्त रहूँ | 
• मुझे कभी बुढ़ापा न आए | 
• मेरी संपत्ति सदा बनी रहे | 

प्रश्न-3 छंदक कौन था ? सिद्धार्थ ने उसे नींद से क्यों जगाया ?

उत्तर: प्रस्तुत पाठ के अनुसार, छंदक अस्तबल में घोड़ों की देखभाल किया करता था | सिद्धार्थ को एक उत्तम घोड़े की जरूरत थी, जिसके बारे में छंदक को ही पता था | इसलिए सिद्धार्थ जब सबकुछ त्याग कर महल से जाना चाहते थे तो उसने छंदक को जगाया | 

प्रश्न-4 सिद्धार्थ से अलग होने पर छंदक और कंथक की दशा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, सिद्धार्थ से अलग होने पर छंदक और कंथक की दशा अत्यंत दयनीय हो गई थी | दोनों अपने स्वामी की पीड़ा महसूस करते हुए निरन्तर रोए जा रहे थे | दोनों की आँखों से आँसू की धार जारी थी | आते समय जिस दूरी को तय करने में उन्हें एक ही रात का समय लगा था, वापस जाते समय उसी दूरी को तय करने में उन्हें लगभग आठ दिन का समय लग गया था | 

प्रश्न-5 तपोवन में सिद्धार्थ ने तपस्वियों को क्या करने के लिए कहा ? 

उत्तर: 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, तपोवन में सिद्धार्थ ने तपस्वियों से कहा कि स्वर्ग में सुख की चाह में इस लोक में अपने आप को अत्यधिक कष्ट देना धर्म का सही या उचित मार्ग नहीं हो सकता है | अत: सिद्धार्थ ने तपस्वियों को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म का लक्ष्य स्वर्ग न होकर मोक्ष होना चाहिए | 

प्रश्न-6 वन से लौटने के संबंध में राजमंत्री के तर्क सुनकर सिद्धार्थ ने क्या कहा ? 

उत्तर- वन से लौटने के संबंध में राजमंत्री के तर्क सुनकर सिद्धार्थ ने कहा कि उन्हें अपने पिता को दुःख पहुँचाने का अफसोस तो है, परन्तु अब वे अपने मार्ग पर पूरी दृढ़ता से अडिग हैं और आगे बढ़ने की चाह रखते हैं | मोह और माया किसी स्वप्न की तरह क्षणभंगुर होते हैं | इसलिए वह मोक्ष की तलाश में घर से निकल हैं | 

प्रश्न-7 बिंबसार ने सिद्धार्थ की सहायता के लिए क्या प्रस्ताव रखा ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, महाराज बिंबसार ने सिद्धार्थ की सहायता के लिए पूरा राज संसाधन देने का प्रस्ताव रखा ताकि सिद्धार्थ अपने पुरुषार्थ को ज़िंदा रखते हुए राजधर्म के मार्ग पर चल सके | राजकुमार सिद्धार्थ के पिता बिंबसार का मानना था कि हर आश्रम के लिए निर्धारित आयु बनी होती है, इसलिए राजकुमार सिद्धार्थ को भी अपनी आयु के अनुसार पहले गृहस्थाश्रम का पालन करना चाहिए, तत्पश्चात् उचित समय आने पर सन्यास लेना चाहिए | 

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Chapter 1 आरंभिक जीवन  ncert solution | hindi | class 8th

NCERT Solutions Class 8 Hindi chapter 1 आरंभिक जीवन

Question & Answer

Q.1: सिद्धार्थ के बारे में महर्षि असित की क्या भविष्यवाणी थी? संक्षेप में बताइए?
Ans : सिद्धार्थ के बारे में महर्षि असित ने यह भविष्यवाणी की थी कि यह बालक अत्यंत बुद्धिमान होगा जो शाक्य कुलभूषण बनेगा| इस संसार की दुख भरी अंधकार को यह बालक अपनी ज्ञान की रोशनी से राह दिखाएगा| इस बालक की दी गई शिक्षा पर चलकर लोग शांति और मोक्ष को प्राप्त करेंगे उन्होंने यह भी बताया था कि यह बालक बड़ा हो कर मोक्ष की प्राप्ति के लिए वन के लिए प्रस्थान कर सकता है| 
Q.2: आप कैसे कह सकते हैं कि बालक सिद्धार्थ विशेष मेधावी थे?
Ans : जो विद्यायें सामान्य बालक वर्षों में सीखते थे उन विद्याओं को सिद्धार्थ कुछ ही समय में सीख लेते थे इससे यह प्रतीत होता है कि बालक सिद्धार्थ बहुत ही मेधावी छात्र थे| उनके जन्म लेते ही ऐसा लगा था जैसे चारों दिशाएं प्रकाशित हो उठी हो, चेहरे पर सूर्य का तेज और चंद्रमा की लालिमा यह बयाँ कर रही थी कि यह बालक एक विशेष बालक है| 
Q.3: महाराज शुद्धोदन सिद्धार्थ की सुख-सुविधाओं की व्यवस्था  के लिए क्यों विशेष प्रयत्नशील रहते थे?
Ans : महाराज शुद्धोधन सिद्धार्थ की सुख-सुविधाओं की व्यवस्था के लिए इसने विशेष प्रयत्नशील इसलिए रहते थे क्योंकि महर्षि असित ने सिद्धार्थ के जन्म के समय यह भविष्यवाणी की थी कि यह बालक संसार के दुःख से विचलित हो मोक्ष प्राप्ति के लिए सांसारिक मोह माया को त्याग कर वन के लिए प्रस्थान कर सकता है| महाराज़ शुद्धोधन सिद्धार्थ का सारा ध्यान उसके गृहस्थ जीवन पर चाहते थे, इसलिए उन्होंने सिद्धार्थ को सांसारिक दुख,पीड़ा,वेदना आदि से दूर रखने की हर प्रकार से कोशिश की| 
Q.4: राजकुमार सिद्धार्थ के मन में संवेग की उत्पत्ति के क्या कारण थे?
Ans : राजकुमार सिद्धार्थ के मन में संवेग की उत्पत्ति के कई कारण थे| जब वह पहली बार नगर भ्रमण पर निकले तब उन्हें अचानक ही एक वृद्ध इंसान दिख गया| उन्होंने आज तक किसी सफेद बाल के इंसान जो लाठी लेकर चल रहा है अथवा वृद्ध इंसान को नहीं देखा था| सारथी ने बताया कि कोई भी इंसान इस वृद्धावस्था से नहीं बच सकता, यह सुन कर सिद्धार्थ का मन बड़ा दुखी हुआ| दूसरी बार उन्होंने एक रोगी को देखा जो झुक कर चल रहा था, उन्होंने फिर सारथी से पूछा कि क्या यह सब के साथ होता है| सारथी ने बोला कि रोग हर इंसान के साथ होता है पर लोग इसकी परवाह नहीं करते| तीसरी बार जब नगर भ्रमण पर सिद्धार्थ निकले तो उन्होंने पहली बार किसी मृत व्यक्ति को देखा, उस शव यात्रा को देख सिद्धार्थ का मन विचलित हो गया| उन्होंने फिर से पूछा कि यह क्या है ,क्या सभी लोग मरते हैं| सारथी ने कहा कि मौत हर इंसान को आनी है चाहे वह गरीब हो या अमीर, और संसार के इन्हीं दुख और पीड़ा को देखकर सिद्धार्थ का मन मोह माया से हट ,मोक्ष की तरफ बढ़ गया| 
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Chapter 9 दो पृष्ठभूमियाँ – भारतीय और अंग्रेजी ncert solution hindi | class 8th

Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 9 – दो पृष्ठभूमियाँ – भारतीय और अंग्रेजी

NCERT Solutions For Class 8 Hindi (Bharat Ki Khoj ) Chapter 9. दो पृष्ठभूमियाँ – भारतीय और अंग्रेजी – आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए जो अपनी क्लास में सबसे अच्छे अंक पाना चाहता है उसके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 8th हिंदी भारत की खोज अध्याय 9 (दो पृष्ठभूमियाँ – भारतीय और अंग्रेजी) के लिए समाधान दिया गया है. इस NCERT Solutions For Class 8 Hindi (Bharat Ki Khoj ) Chapter 9 Do Prshthabhoomiyaan की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. अगर आप इस समाधान को PDF फाइल के रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे आपको इसका डाउनलोड लिंक भी दिया गया है.

दो पृष्ठभूमियाँ पाठ संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. भारतीय जनता ने 1942 ई० में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कैसा आंदोलन किया था?

उत्तर- 1942 ई० में नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भारतीय जनता ने हिंसात्मक और शांतिपूर्ण दोनों ही ढंग से आंदोलन किया था। एक ओर प्रार्थना और प्रस्ताव पारित करने का प्रयास था तो दूसरी ओर तोड़-फोड़ और हिंसक कार्य भी किए गए थे।

प्रश्न 2. 1942 ई० के भारत छोड़ो आंदोलन की क्या विशेषताएँ थीं?

उत्तर- 1942 ई० के महान जन-आंदोलन की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि इसमें युवा पीढ़ी ने विशेषकर विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। भारत का हर नागरिक अंग्रेज़ी शासन के प्रति अपना रोष प्रकट करना चाहता था। अब भारतीय जनता अंग्रेज़ी शासन को सहन नहीं करना चाहती थी। इसलिए इस आंदोलन में कहीं शांतिपूर्ण रोष प्रकट किया गया और कहीं हिंसात्मक गतिविधियाँ भी की गईं। अन्य बड़ी विशेषता यह रही कि अंग्रेज़ी प्रशासन के हाथ-पाँव ढीले पड़ गए थे।

प्रश्न 3. अगस्त, 1942 ई० में भारत में हुई उथल-पुथल के क्या कारण थे?

उत्तर- अगस्त, 1942 ई० में हुई उथल-पुथल की घटना कोई एकाएक हुई घटना नहीं थी। भारतवासियों पर ब्रिटिश सरकार के अत्याचार एवं अन्याय लंबे समय से होते चले आ रहे थे। भारतीय जनता के सब्र और सहनशीलता का बाँध अब टूट चुका था। देश की जनता जागरूक हो चुकी थी। वह अब यह सहन नहीं कर सकती थी कि विदेशी उन पर लगातार अत्याचार करें अथवा उनके साथ अमानवीय व्यवहार करें। अब भारत की जनता इन अत्याचारों से मुक्त होना चाहती थी। इसीलिए यह उथल-पुथल व्यापक स्तर पर हुई जिससे सारा देश प्रभावित हुआ। .

प्रश्न 4. 1942 ई० के आंदोलन के कारण किन-किन क्षेत्रों में ब्रिटिश शासन समाप्त हो गया था?

उत्तर- 1942 ई० के आंदोलन में भारतीय जनता पूरे जोश के साथ मैदान में उतरी थी। भारत के अनेक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में ब्रिटिश सरकार का शासन समाप्त हो गया था। इस प्रकार का प्रभाव बिहार और बंगाल के मिदनापुर ज़िले, संयुक्त प्रांत के दक्षिण-पूर्वी जिलों में था। इन स्थानों पर फिर से अपना शासन स्थापित करने में ब्रिटिश सरकार को हफ्तों लग गए थे।

प्रश्न 5. भारतवर्ष में कब-कब और कैसा-कैसा अकाल पड़ा था?

उत्तर- प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् भारत के बंगाल, पूर्वी और दक्षिणी भागों में भयंकर अकाल पड़ा था। यह 170 वर्षों में सबसे बड़ा अकाल था। इसकी तुलना 1766 ई० से 1770 ई० के वर्षों के बीच बंगाल और बिहार में पड़े भयंकर अकाल से की जा सकती है। अकाल के बाद महामारी फैली, विशेषकर हैज़ा और मलेरिया से पीड़ित हज़ारों लोग इसके शिकार हुए। यह लोगों पर प्रकृति का दोहरा प्रकोप था।

प्रश्न 6. 1942 ई० के आंदोलन में मारे गए लोगों की संख्या कितनी बताई गई थी।

उत्तर- 1942 ई० के आंदोलन में मारे गए लोगों की संख्या ब्रिटिश सरकार ने 1028 और घायलों की संख्या 3200 बताई थी। इसके विपरीत, जनता के अनुमान के अनुसार पच्चीस हज़ार लोग मारे गए थे। जबकि वास्तविक अनुमान दस हज़ार लोगों के मरने का था।

प्रश्न 7. अकाल के समय कलकत्ता की दशा क्या थी?

उत्तर- अकाल के समय सबसे खराब दशा कलकत्ता की थी। वहाँ सड़कों पर लाशें बिछी पड़ी थीं। किंतु इस शहर के उच्च वर्ग के दस हज़ार लोगों के सामाजिक जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आया था। वे सभी नाच-गाने और भोग-विलास में व्यस्त थे। . उन्हें बाहरी दुनिया से कुछ लेना-देना नहीं था, न ही उन्हें किसी बात का गम था। वे और उनका जीवन उमंग और उल्लास से भरा था। कुछ ने तो इस अकाल से खूब लाभ भी उठाया था।

प्रश्न 8. लेखक ने भारत को अंतर्विरोधों का देश क्यों कहा है? यहाँ कौन-से अंतर्विरोध हैं?

उत्तर- लेखक ने भारत को अंतर्विरोधों का देश इसलिए कहा है क्योंकि इसमें अनेक असमानताएँ एवं विभिन्नताएँ दिखाई देती हैं। यहाँ पर कुछ लोग बहुत अमीर हैं तो कुछ बहुत गरीब हैं। यहाँ आधुनिकता के साथ मध्ययुगीनता भी देखी जा सकती है। यहाँ प्राचीन परंपराओं के दर्शन भी होते हैं और उनका विरोध भी किया जाता है। यहाँ शासक मुट्ठी भर अंग्रेज़ हैं और शासित करोड़ों भारतीय हैं। अकाल में भूख से अनेक लोग मरते हैं तो कुछ आनंदमय जीवन व्यतीत करते हैं।

दो पृष्ठभूमियाँ-भारतीय और अंग्रेजी के बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. सन् 1942 के आंदोलन में कौन-सी दो पृष्ठभूमियाँ थीं?

(A) भारतीय एवं अंग्रेज़ी
(B) स्थानीय सरकार एवं ब्रिटिश सरकार
(C) विदेशी एवं स्वदेशी
(D) अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय
उत्तर- भारतीय एवं अंग्रेज़ी

2. सन् 1942 की उथल-पुथल के पीछे कौन-सी भावना थी?

(A) जोश की भावना
(B) स्वतंत्र होने की भावना
(C) क्रोध की भावना
(D) संगठित होने की भावना
उत्तर- स्वतंत्र होने की भावना

3. सन् 1942 के आंदोलन में हुई तोड़-फोड़ से जनता की किस विशेषता का बोध होता है?

(A) कायरता का
(B) हिंसात्मक प्रवृत्ति का
(C) शक्ति का
(D) संगठन का
उत्तर- शक्ति का

4. सन् 1942 के आंदोलन में किस वर्ग विशेष की भागीदारी अधिक रही?

(A) बूढ़ों की
(B) बच्चों की
(C) नारियों की
(D) विद्यार्थी वर्ग की
उत्तर- विद्यार्थी वर्ग की

5. लेखक ने सन 1942 की भारतीय जनता की चुनौती को क्या कहा था?

(A) मूर्खतापूर्ण
(B) उत्साहपूर्ण
(C) बौद्धिक
(D) संगठनात्मक
उत्तर- मूर्खतापूर्ण

6. सन् 1942 के आंदोलन में हुई जनता की प्रतिक्रिया में अंग्रेज़ सरकार के प्रति कैसी भावना व्यक्त हुई थी?

(A) सद्भावना
(B) घृणा की भावना
(C) स्नेह की भावना
(D) मित्रता की भावना
उत्तर- घृणा की भावना

7. ब्रिटिश सरकार ने सन् 1942 के आंदोलन में मरने वाले एवं घायल होने वाले लोगों की संख्या कितनी बताई थी?

(A) 1228 एवं 3000
(B) 1128 एवं 2800
(C) 1028 एवं 3200
(D) 928 एवं 2910
उत्तर-1028 एवं 3200

8. जनता के अनुमान से सन् 1942 में मरने वाले भारतीयों की संख्या कितनी थी?

(A) 20,000
(B) 21,000
(C) 22,000
(D) 25,000
उत्तर- 25,000

9. लेखक के अनुसार मरने वालों की संख्या कितनी थी?

(A) 10,000
(B) 12,000
(C) 14,000
(D) 15,000
उत्तर- 10,000

10. सन् 1942 के आंदोलन की असाधारण बात क्या थी?

(A) अहिंसक था
(B) हिंसक था
(C) शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रिटिश शासन की समाप्ति
(D) देश के सभी लोगों का सहयोग
उत्तर- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रिटिश शासन की समाप्ति

11. बंगाल के किस जिले में ब्रिटिश शासन समाप्त हो गया था?

(A) कलकत्ता में
(B) मिदनापुर में
(C) सिलीगुड़ी में
(D) अनंतपुर में
उत्तर- मिदनापुर में

12. भारत की भुखमरी और गरीबी का क्या कारण था?

(A) सूखा पड़ना
(B) अधिक वर्षा होना
(C) फ़सलें नष्ट होना
(D) अंग्रेज़ी शासन की नीतियाँ
उत्तर- अंग्रेज़ी शासन की नीतियाँ

13. “वे अपने पीछे कितना कीचड़ और कचरा छोड़ेंगे?” ये शब्द किसने कहे थे?

(A) गांधी जी ने
(B) रवींद्रनाथ टैगोर ने
(C) पंडित जवाहरलाल नेहरू ने
(D) लालबहादुर शास्त्री ने
उत्तर- रवींद्रनाथ टैगोर ने

14. मनुष्य के पास कौन-सा विलक्षण गुण होता है?

(A) सामने देखने का
(B) विचारने का
(C) स्मृति का
(D) दुविधा से निकलने का
उत्तर- स्मृति का

15. कैसी आत्मा वाले लोग समर्पण कर देते हैं?

(A) पवित्र आत्मा वाले
(B) उदार आत्मा वाले
(C) दृढ़ आत्मा वाले
(D) कमज़ोर आत्मा वाले
उत्तर- कमज़ोर आत्मा वाले

16. लेखक के अनुसार मनुष्य का वर्तमान किसमें खिसक जाता है?

(A) भविष्य में
(B) अतीत में
(C) दुविधा में
(D) उपरोक्त में से किसी में नहीं
उत्तर- अतीत में

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Chapter 8 तनाव ncert solution hindi | class 8th

NCERT Solutions For Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 8 – तनाव

NCERT Solutions For Class 8 Hindi (Bharat Ki Khoj ) Chapter 8. तनाव – ऐसे छात्र जो कक्षा 8 हिंदी विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उनके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 8 हिंदी  भारत की खोज अध्याय 8 (तनाव) के लिए सलूशन दिया गया है.यह जो NCERT Solutions For Class 8 Hindi Chapter 8 Tanav दिया गया है वह आसन भाषा में दिया है . ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए . इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है.इसलिए आप Class 8th Hindi Chapter 8. तनाव के प्रश्न उत्तरों को ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.

तनाव पाठ से संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. ‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव कांग्रेस क्यों रखना चाहती थी?

उत्तर- ‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव ब्रिटिश सरकार के एकदम विरुद्ध था। इसमें जन-साधारण से यह अपील की गई थी कि अब अंग्रेज़ों को भारत छोड़ देना चाहिए। यदि वे नहीं छोड़ेंगे तो एक जन-आंदोलन होगा।

प्रश्न 2. कांग्रेस कमेटी ने क्या अपील की और क्यों?

उत्तर- कांग्रेस कमेटी ने यह अपील की थी कि अंतरिम सरकार का निर्माण किया जाए जिसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो। साथ ही संसार के सभी गुलाम देशों की आज़ादी के लिए ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील की थी। साथ ही कमेटी ने यह स्वीकृति देना तय किया कि गांधी जी के नेतृत्व में शांतिपूर्ण एवं अहिंसात्मक जन-आंदोलन शुरू किया जाए। यह स्वीकृति उसी समय लागू होती जब गांधी जी ऐसा निर्णय लेते। अंत में कांग्रेस कमेटी ने कहा कि कमेटी “कांग्रेस के लिए शक्ति हासिल करना नहीं चाहती। ताकत जब भी आएगी तो वह भारत की सारी जनता की होगी।”

प्रश्न 3. ‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव पास होने से इसका क्या परिणाम हुआ?

उत्तर- ‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव 8 अगस्त, सन् 1942 को देर रात को पारित हुआ। जैसे ही प्रातः जनता ने प्रदर्शन किया वैसे ही अंग्रेज़ सरकार ने जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं की गिरफ्तारियाँ करनी आरंभ कर दीं। इन्हीं गिरफ्तारियों में नेहरू जी व अन्य बड़े नेताओं को अहमदाबाद के किले में बंदी बनाया गया था।

तनाव पाठ के बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. भारत में तनाव कब बढ़ा था?

(A) सन् 1940 में
(B) सन् 1941 में
(C) सन् 1942 में
(D) सन् 1943 में
उत्तर- सन् 1942 में

2. ‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव किस तारीख को पास हुआ था?

(A) 5 अगस्त, 1942 को
(B) 6 अगस्त, 1942 को
(C) 7 अगस्त, 1942 को
(D) 8 अगस्त, 1942 को
उत्तर- 8 अगस्त, 1942 को

3. कांग्रेस कमेटी कैसी सरकार का गठन करना चाहती थी?

(A) अंतरिम सरकार का
(B) बाहरी सरकार का
(C) निरंकुश सरकार का
(D) कांग्रेस की सरकार का
उत्तर- अंतरिम सरकार का

4. अंतरिम सरकार का पहला कार्य क्या बताया गया था?

(A) शत्रु देशों से बातचीत करना
(B) मित्र देशों से सहयोग प्राप्त करना
(C) ब्रिटिश सरकार को सहयोग देना
(D) ब्रिटिश सरकार का विरोध करना
उत्तर- मित्र देशों से सहयोग प्राप्त करना

5. कमेटी ने किसके नेतृत्व में जन-आंदोलन करने का प्रस्ताव पास किया?

(A) पंडित जवाहरलाल नेहरू के
(B) अबुल कलाम आज़ाद के
(C) सुभाषचंद्र बोस के ।
(D) महात्मा गांधी के
उत्तर- महात्मा गांधी के

6. गांधी जी और अबुल कलाम आज़ाद ने किससे मिलने का निर्णय लिया था?

(A) ब्रिटिश प्रधानमंत्री से
(B) वायसराय से
(C) भारत मंत्री से
(D) यू०एन०ओ० के प्रधान से
उत्तर- वायसराय से

7. किस तारीख को पूरे देश में गिरफ्तारियाँ की गई थीं?

(A) 7 अगस्त, 1942 को
(B) 3 अगस्त, 1942 को
(C) 9 अगस्त, 1942 को
(D) 10 अगस्त, 1942 को
उत्तर- 9 अगस्त, 1942 को

इस पोस्ट में हमने आपको भारत की खोज Class 8 MCQs Questions with Answers Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 8 Questions and Answers Tanav Bharat ki khoj class 8 question answer तनाव पाठ से प्रश्न उत्तर Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 8 तनाव पाठ Question Answers से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके हम से जरूर पूछें और अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.

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Chapter 7 अंतिम दौर – दो ncert solution hindi | class 8th

Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 7 Question Answers Solution अंतिम दौर-दो

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 7 Question and Answers

पाठाधारित प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में आज़ादी के लिए किन दो गुटों ने जन्म लिया?

(i) उग्र और नरम
(ii) नरम दल और गरम दल
(iii) तीव्र और भेद
(iv) मुख्य और गौण
उत्तर:
(ii) नरम दल और गरम दल

प्रश्न 2.
गांधी जी की कार्य पदधति का रूप क्या था?

(i) हिंसात्मक
(ii) अहिंसात्मक
(iii) विरोध
(iv) बदला
उत्तर:
(ii) अहिंसात्मक3

प्रश्न 3.
भारत के विभाजन में किस नेता का योगदान रहा?

(i) मिस्टर जिन्ना
(ii) अबुल कलाम आजाद
(iii) गांधी
(iv) जवाहर लाल नेहरू
उत्तर:
(i) मिस्टर जिन्ना

प्रश्न 4.
कांग्रेस किस सिद्धांत पर अडिग रही?

(i) राष्ट्रीय एकता
(ii) लोकतंत्र
(iii) राष्ट्रीय एकता और लोकतंत्र
(iv) अन्य
उत्तर:
(iii) राष्ट्रीय एकता और लोकतंत्र

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रथम विश्वयुद्ध के समय राजनीतिक स्थिति क्या थी?

उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध के समय राजनीतिक स्थिति उतार पर थी।

प्रश्न 2.
कांग्रेस में दो दल कौन-कौन से थे?

उत्तर:
कांग्रेस में दो दल थे (1) गरम दल (2) नरम दल।

प्रश्न 3.
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद देश में लोगों की क्या स्थिति थी?

उत्तर:
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद देश में आम लोगों की स्थिति दयनीय थी। किसान, मजदूर, वर्ग, मध्यम वर्ग सभी आक्रांत थे। उनका बड़े पैमाने पर शोषण हो रहा था। देश में भुखमरी और गरीबी बढ़ती जा रही थी।

प्रश्न 4.
मार्शल लॉ क्या था?

उत्तर:
‘मार्शल लॉ’ अंग्रेज़ी सरकार द्वारा बनाया गया एक ऐसा कानून था जिसमें किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय पुलिस व न्यायालय की आदेश के बगैर गोली का निशाना बनाया जा सकता था।

प्रश्न 5.
गांधी जी द्वारा अहवान करने पर देश की आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर:
गांधी जी द्वारा आम जनता को अह्वान करने पर ‘डरो मत’ किए जाने पर लोगों में ब्रिटिश सरकार का डर समाप्त हो गया। वे अपने कार्य खुलेआम करने लगे। उनमें हौंसला और साहस की वृद्धि हुई और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन दिखाई पड़ने लगा।

प्रश्न 6.
भारतीय संस्कृति के बारे में गांधी जी के क्या विचार थे?

उत्तर:
गांधी जी ने भारतीय संस्कृति के बारे में लिखित रूप में कहा कि “भारतीय संस्कृति न हिंदू है न इस्लाम, न पूरी तरह से कुछ और है। यह सबका मिलाजुला रूप है। उन्होंने हिंदू धर्म को सार्वभौमिक यानी सबके लिए समान रूप देना चाहा। सत्य के घेरे में सबको शामिल करने का प्रयास किया।

प्रश्न 7.
कांग्रेस किस प्रयासों में असफल रही?

उत्तर:
कांग्रेस ने बहुत प्रयास किया कि सांप्रदायिक तत्वों को राजनीति में न लाया जाए लेकिन मुस्लिम लीग ने सहयोग न किया और राष्ट्रीय एकता कायम रखने में असफल रही।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गांधी जी के सपनों का भारत कैसा था?

उत्तर:
गांधी जी ऐसे भारत का निर्माण करना चाहते थे- जिसमें गरीब-से-गरीब व्यक्ति भी यह महसूस करेगा कि यह उसका देश है जिसके निर्माण में उसका योगदान रहा है। एक ऐसा भारत हो जिसमें लोगों के बीच ऊँच-नीच, अमीर-गरीब का भेद न हो। ऐसा भारत जिसमें सभी जातियाँ समभाव से रहें। ऐसा भारत हो जिसमें भेद-भाव से रहित हो, छुआछूत की जगह न हो, नशीली मदिरा और दवाइयों के अभिशाप के लिए कोई जगह नहीं हो, जिसमें स्त्री-पुरुषों के समान अधिकार हों, यही गांधी जी के सपनों का भारत है।

प्रश्न 2.
प्रथम विश्व युद्ध का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति पर देश में राहत और प्रगति की बजाय दमनकारी कानून और पंजाब में मार्शल लॉ लागू हुआ। जनता में अपमान की कड़वाहट और क्रोध फैल गया और शोषण का बाजार गर्म था। इससे लोगों की आशा निराशा में बदल गई।

प्रश्न 3.
गांधी जी की कार्य-प्रणाली क्या थी?

उत्तर:
गांधी जी की कार्य प्रणाली अहिंसात्मक थी, उसमें हिंसा के लिए लेशमात्र की जगह नहीं थी। उनके काम करने का तरीका पूर्णतया शांतिपूर्वक था लेकिन जिस बात को गलत समझा जाता था उसके आगे सिर झुकाना भी उन्होंने कबूल नहीं किया। उन्होंने लोगों को अंग्रेजों के द्वारा दी गई पदवियाँ वापस करने के लिए प्रेरित किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन व असहयोग आंदोलन उन्हीं की देख-रेख में भारत में चले, जिन्होंने अंग्रेज़ी सरकार को उखाड़कर रख दी।

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Chapter 6 अंतिम दौर – एक ncet solution hindi | class 8th

NCERT Solutions For Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 6 – अंतिम दौर – एक

अंतिम दौर एक पाठ संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. ब्रिटिश शासन का भारत में आना कैसी घटना थी? सार रूप में उत्तर लिखिए।

उत्तर- विदेशी शासकों का भारत में आना कोई नई घटना नहीं थी, किंतु ब्रिटिश शासकों से पहले के शासक भारत का ही हिस्सा बन गए थे। वे भारत को अपना देश मानने लगे थे। ब्रिटिश शासन का भारत में आना ऐसी पहली घटना थी कि ब्रिटिश शासक भारत में नहीं अपितु भारत से सुदूर रहते थे। भारत ऐसे शासन-संचालन में बँध गया था कि जिसका संचालन केंद्र भारत की धरती पर नहीं था। कहने का भाव है कि भारत के लिए कानून-व्यवस्था इंग्लैंड में बिना भारतीयों के परामर्श से बनती थी। इसलिए भारत के लिए यह एक अनोखी घटना थी।

प्रश्न 2. अंग्रेजों ने अपने लाभ के लिए किस वर्ग को उत्पन्न किया?

उत्तर- अंग्रेज़ शासक बहुत चुस्त एवं चालाक थे। उन्होंने अपने लाभ के लिए भारतवर्ष में भारतीय आम जनता और शासक वर्ग के बीच एक ऐसे वर्ग को जन्म दिया जो उनके कहे अनुसार चल सके। उनमें ज़मींदार, राजा, पटवारी, गाँव के मुखिया व ऊपर के कर्मचारी आदि थे। ये सरकार के पिछलग्गू थे। ये साधारण जनता से धन बटोरकर अंग्रेज़ों को लाभ पहुँचाते थे।

प्रश्न 3. अंग्रेज़ी शासन में हर जिलों के प्रमुख पद पर किसे नियुक्त किया जाता था?

उत्तर- अंग्रेज़ी शासनकाल में अंग्रेजी स्वार्थों की सुरक्षा के लिए जिले के प्रमुख पद पर जिला मजिस्ट्रेट या डिप्टी कलेक्टर को नियुक्त किया जाता था।

प्रश्न 4. मालगुजारी किसे कहते थे?

उत्तर- मालगुजारी एक प्रकार से चुंगी कर होता था जो गाँवों से शहर में लाए जाने वाले माल पर लगाया जाता था। उस कर को देने के पश्चात् ही माल नगर या शहर में ब्रिकी हेतु लाया जा सकता था।

प्रश्न 5. भारतवर्ष अमीर एवं साधन संपन्न होते हुए भी भारत की जनता अपने ही देश में गरीब क्यों थी?

उत्तर- भारतवर्ष में प्राकृतिक संपदा व साधनों की कमी नहीं थी। किंतु अंग्रेज़ी शासन ने आर्थिक नीतियाँ इस प्रकार बनाई हुई थी जिससे भारत का अधिक-से-अधिक धन ब्रिटेन में पहुँच जाए, इसलिए यहाँ के प्राकृतिक साधनों का लाभ आम जनता की अपेक्षा अंग्रेज़ सरकार को ही होता था। यही कारण है कि भारतवर्ष अमीर एवं साधन संपन्न होने पर भी भारत की आम जनता गरीब थी।

प्रश्न 6. भारतीय जनता में चेतना जागृत करने का श्रेय अंग्रेजों को क्यों दिया जाता है?

उत्तर- भारतीय जनता में चेतना जागृत करने का श्रेय अंग्रेजों को दिया जाता है क्योंकि अंग्रेज़ों ने यहाँ पाश्चात्य संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के लिए लोगों को शिक्षित करना ही उचित समझा। इस उद्देश्य के लिए उन्होंने शिक्षा का प्रसार किया। भारतीय जनता ने शिक्षित होने पर ही आधुनिक युग को समझा और दासता के बंधन से मुक्त होने का प्रयास किया।

प्रश्न 7. “अंग्रेज़ भारतीयों को वास्तव में शिक्षित नहीं करना चाहते थे, अपितु वे उन्हें केवल क्लर्क बनाना चाहते थे।” स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- जब भारत में अंग्रेज़ी शासन कायम हुआ तो उन्हें विभिन्न विभागों में कार्य करने के लिए छोटे कर्मचारियों की ज़रूरत पड़ी। यदि इन छोटे पदों पर अंग्रेज़ों को रखा जाता है तो उन्हें अधिक वेतन देना पड़ता। इस कठिनाई को देखते हुए भारतीयों को शिक्षित किया गया ताकि उन्हें कम वेतन पर कार्यालयों में काम करने हेतु क्लर्क मिल सकें। अतः स्पष्ट है कि अंग्रेज़ों का भारतीयों को शिक्षित करने के पीछे बहुत बड़ा स्वार्थ निहित था।

प्रश्न 8. अंग्रेज़ी शासनकाल में भारत ने किन-किन क्षेत्रों में उन्नति की? सार रूप में उत्तर लिखिए।

उत्तर- अंग्रेजी सरकार ने अपने सरकारी कार्यों को सुचारु रूप से चलाने के लिए भारत में अनेक क्षेत्रों को उन्नत करने के प्रयास किए। उनमें से प्रमुख हैं-नई तकनीक, रेलगाड़ी, छापाखाना, डाकतार विभाग आदि।

प्रश्न 9. 18वीं शताब्दी में बंगाल में किस प्रभावशाली व्यक्तित्व का उदय हुआ?

उत्तर- 18वीं शताब्दी में बंगाल में जिस प्रभावशाली व्यक्तित्व का उदय हुआ, वे थे-राजा राममोहन राय। वे नई विचारधारा वाले व्यक्ति थे। उन्हें भारतीय संस्कृति और विचारधारा की गहन जानकारी थी। उन्होंने अनेक भाषाएँ सीखी थीं। वे भारतीय जनता को पुरानी पंडिताऊ पद्धति से बाहर निकालना चाहते थे। वे अपने समय के महान समाज-सुधारक भी थे। उन्हीं के प्रयास से सती-प्रथा पर रोक लगी थी। वे भारतीय जनता को आधुनिक विचारधारा से जोड़कर उसमें नवीन चेतना का संचार करना चाहते थे। राजा राममोहन राय दिल्ली के सम्राट की ओर से इंग्लैंड भी गए थे।

प्रश्न 10. सन् 1857 में भारत में कौन-सी महान घटना घटी थी?

उत्तर- सन् 1857 में भारत में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की घटना घटी थी। बंगाल और पश्चिम भारत तथा बंबई में अंग्रेज़ी । शासन की नीतियों के कारण किसान आर्थिक बोझ के नीचे पिस रहा था। नया बुद्धिजीवी वर्ग अंग्रेज़ों की उदारता द्वारा प्रगति की उम्मीद लगाए बैठा था किंतु उत्तरी भारत में ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ। यहाँ के सूबों के राजाओं और सामंतों में विद्रोह की भावना बढ़ रही थी। सन् 1857 में मेरठ की सेना ने बगावत कर दी। विद्रोह की योजना खुफ़िया ढंग से बनाई गई थी। किंतु समय से पहले विद्रोह होने से योजना बिगड़ गई। यह सैनिक-विद्रोह न रहकर बाद में जन-आंदोलन और भारतीय स्वतंत्रता की लड़ाई के रूप में परिवर्तित हो गया। इस संघर्ष की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि इसमें हिंदुओं और मुसलमानों ने मिलकर भाग लिया था। यद्यपि इस जन-क्रांति ने ब्रिटिश शासन पर पूरा दबाव डाला तथापि अंत में संगठन एवं दूरदर्शिता के अभाव के कारण असफल रहा। इस क्रांति में तात्या टोपे, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई आदि ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। वह बीस वर्ष की आयु में ही लड़ते-लड़ते शहीद हो गई। अंग्रेज़ सेनानायकों ने भी उसकी बहादुरी की प्रशंसा की थी। इस महान क्रांति ने ब्रिटिश शासन को झकझोर कर रख दिया था। फलस्वरूप ब्रिटिश सरकार को अपने शासन का पुनर्गठन करना पड़ा।

प्रश्न 11. स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर ने कौन-सी पुस्तक लिखी थी और उसे अंग्रेज़ सरकार ने क्यों ज़ब्त कर लिया था?

उत्तर- स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर ने ‘द हिस्ट्री ऑफ़ द वॉर ऑफ़ इंडिपेंडेंस’ नामक पुस्तक लिखी थी। उन्होंने इस पुस्तक में सन् 1857 की महान क्रांति और प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन की घटनाओं का सच्चा और यथार्थ वर्णन किया था। साथ ही अंग्रेज़ों की अन्यायपूर्ण नीतियों और उनके अत्याचारों का भी उल्लेख किया था। इसीलिए अंग्रेज़ सरकार ने इस पुस्तक को प्रकाशित होते ही ज़ब्त कर लिया था। .

प्रश्न 12. स्वामी विवेकानंद के जीवन और महान कार्यों पर सार रूप में प्रकाश डालिए।

उत्तर- स्वामी विवेकानंद श्री रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे। उन्हें भारत की विरासत पर गर्व था। वे प्राचीन एवं नवीन विचारधारा को जोड़ने वाली महान कड़ी थे। वे अत्यंत शालीन एवं गरिमामय व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने भारतीय जनता को जगाने का महान प्रयास किया था, जिसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली थी। उन्होंने भारत की ओर से अंतर्राष्ट्रीय धर्म-सम्मेलन में भाग लेकर भारत के धार्मिक दृष्टिकोण से विश्व को अवगत करवाया था। वे जातिगत भेदभाव के विरुद्ध थे। वे मानव की दुर्बलता को पाप समझते थे। उन्होंने निडर बनने का संदेश दिया था। वे अंधविश्वासों में विश्वास नहीं रखते थे। उन्होंने उस हर बात का विरोध किया जो हमें कमजोर बनाती है तथा उसे तुरंत त्यागने पर भी बल दिया। वे मानते थे कि अंधविश्वासी होने से तो नास्तिक होना अच्छा है। आज उनके विचार हिमालय से कन्याकुमारी तक प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न 13. राजा राममोहन राय ने धर्म के आधार पर क्या परिवर्तन किए और क्यों? केशवचंद्र ने उसे क्या मोड़ दिया?

उत्तर- भारतीय धर्म में रूढ़िवादी रीति-रिवाजों के होने के कारण राजा राममोहन राय ने समाज सुधारवादी आधार पर अनेक परिवर्तन किए। उन्होंने इस उद्देश्य से ब्रह्म-समाज की स्थापना की। उनके शिष्य केशवचंद्र ने इस धर्म को ईसाई धर्म का रूप ही दे डाला अर्थात् उसमें ईसाई धर्म के नियमों को स्वीकृति दे दी। फलस्वरूप यह कुछ ही भारतीयों तक सीमित रह गया।

प्रश्न 14. 19वीं शताब्दी में कौन-कौन से समाज सुधारक हुए?

उत्तर- उन्नीसवीं शताब्दी में स्वामी दयानंद सरस्वती, रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर, महात्मा गांधी, ऐनी बेसेंट, सर सैयद अहमद खाँ, अबुल कलाम आज़ाद, गोपाल कृष्ण गोखले एवं बाल गंगाधर तिलक मुख्य समाज सुधारक हुए। इन्होंने अंग्रेज़ी शासन के प्रभाव के होते हुए भी लोगों की विचारधारा को बदलना चाहा। उनमें राष्ट्रीयता की भावना भरकर उन्हें धार्मिक कर्म-कांडों से हटाना चाहा।

प्रश्न 15. स्वामी दयानंद सरस्वती का संक्षिप्त परिचय देते हुए उनके प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- स्वामी दयानंद उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम भाग में हुए। वे एक महान समाज सुधारक थे। उन्होंने भारतीय धार्मिक विचारों को वेदों की ओर मोड़ दिया था। वे वेदों को भारतीय धर्म का आधार बताते थे। उनका नारा था-वेदों की ओर लौटो। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की जिसके माध्यम से अपने विचारों को जनता तक पहुँचाया। दयानंद सरस्वती के विचारों का प्रसार मुख्य । रूप से पंजाब और संयुक्त प्रदेश में हुआ। इनके विचारों ने मध्य वर्ग के हिंदुओं को विशेष रूप से प्रभावित किया। सरस्वती जी ने लड़कों और लड़कियों में कोई भेद नहीं माना। उन्होंने नारी शिक्षा पर भी बल दिया। जातिगत भेदभाव का खंडन करते हुए दलित वर्ग को ऊपर उठाने का महान प्रयास किया। उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वासों तथा धार्मिक रूढ़ियों का जोरदार शब्दों में खंडन. किया।

प्रश्न 16. रवींद्रनाथ टैगोर के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए तथा उनके जीवन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- रवींद्रनाथ टैगोर महान साहित्यकार एवं संवेदनशील व्यक्ति थे। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन देश-हित के लिए अर्पित किया। उन्होंने साहित्य रचना के साथ-साथ स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। स्वदेशी आंदोलन में तो उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। वे ब्रिटिश सरकार के विरोधी थे। जलियाँवाला बाग के हत्याकांड के बाद उन्होंने अपनी ‘सर’ की उपाधि भी लौटा दी थी। वे भारत को आधुनिक विचारों से जोड़ने के पक्ष में थे। वे विदेशों के ज्ञान को भारत में और भारत के ज्ञान का प्रचार विदेशों में करने में सफल रहे। उनकी विचारधारा उपनिषदों से प्रभावित थी। उन्होंने लोगों को संकीर्ण भावना को त्यागने और मानवीय भावनाओं को अपनाने का महान संदेश दिया।

प्रश्न 17. सन 1857 के स्वतंत्रता के संघर्ष के बाद मुसलमानों में असमंजस की भावना क्यों आ गई थी? उसका क्या परिणाम निकला?

उत्तर- सन् 1857 की क्रांति के बाद भारत के मुसलमान असमंजस में थे क्योंकि वे निर्णय नहीं ले पा रहे थे कि वे ब्रिटिश सरकार के साथ थे या फिर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में हिंदुओं के साथ। इसका परिणाम यह हुआ कि एक नए वर्ग का जन्म हुआ, जिसका लाभ उठाकर अंग्रेज़ सरकार ने अपना स्वार्थ सिद्ध किया।

प्रश्न 18. ‘आर्य समाज’ किस प्रकार का आंदोलन था? अंग्रेज़ सरकार पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर- ‘आर्य समाज’ एक सामाजिक आंदोलन था। इसका जन्म इस्लाम और ईसाई धर्मों की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप हुआ था, विशेषकर इस्लाम की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप। यह सुधारवादी आंदोलन का रूप धारण करके आगे बढ़ा था। इसने धर्म परिवर्तन करके हिंदू धर्म में पुनः प्रवेश करने की प्रथा का आरंभ किया। इसमें जातिगत भेदभाव का खंडन किया गया तथा लड़के-लड़की के भेद को भी समाप्त किया गया। नारी शिक्षा पर भी बल दिया गया। दलितों की स्थिति को सुधारने का बेड़ा भी आर्य समाज ने उठाया था। अंग्रेज़ सरकार आर्य समाज के आंदोलन से प्रभावित हुए बिना न रह सकी। इसलिए उसने इस आंदोलन को राजनीतिक एवं क्रांतिकारी आंदोलन माना।

प्रश्न 19. सर सैयद अहमद खाँ का परिचय दीजिए।

उत्तर- सर सैयद अहमद खाँ एक उत्साही समाज सुधारक थे। उन्होंने मुसलमानों की ब्रिटिश विरोधी भावना को कम करने की कोशिश की। उन्होंने अलीगढ़ कॉलेज की स्थापना की। उनका घोषित उद्देश्य था-‘भारत के मुसलमानों को ब्रिटिश ताज की योग्य और उपयोगी प्रजा बनाना।’ सर सैयद अहमद खाँ का प्रभाव मुसलमानों में उच्च वर्ग के कुछ लोगों तक ही सीमित था।

प्रश्न 20. अबुल कलाम आज़ाद के जीवन पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- अबुल कलाम आज़ाद सुप्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम नेता थे। उन्होंने मुसलमानों में नई विचारधारा का विकास किया। सन् 1912 में मुसलमानों के दो साप्ताहिक पत्र निकले। उर्दू में ‘अल-हिलाल’ और अंग्रेज़ी में ‘द कॉमरेड’ । अल-हिलाल का आरंभ अबुल कलाम आज़ाद ने किया। उस समय वे कांग्रेस के वर्तमान सभापति के पद पर थे। वे पुराने नेताओं के सामंती, संकीर्ण धार्मिकता और अलगाववादी दृष्टिकोण से दूर थे। अपने इसी स्वभाव के कारण वे भारतीय राष्ट्रवादी माने गए। उन्होंने अपने विचारों की प्रस्तुति हेतु बोलचाल की उर्दू भाषा का प्रयोग किया ताकि आम जनता भी प्रभावित हो सके। अलीगढ़ कॉलेज की युवा शक्ति राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से रूढ़िवादी थी। उनका लक्ष्य निचले दर्जे की सरकारी नौकरी में प्रवेश पाना था लेकिन इसी कॉलेज में नए मुसलमान बुद्धिजीवियों का वर्ग भी पनपा जिन्होंने मुख्य रूप से ‘मुस्लिम लीग’ की नींव रखी। अबुल कलाम आज़ाद ने अपने प्रयत्नों से इसी मुस्लिम बुद्धिजीवियों के दिमाग में सनसनी पैदा की और उन्हें स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु उत्तेजित किया।

प्रश्न 21. रवींद्रनाथ टैगोर का शांति-निकेतन क्या था?

उत्तर- रवींद्रनाथ टैगोर महान शिक्षाविद् थे। इसलिए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नया प्रयोग करने के लिए एक विशेष प्रकार के शिक्षा केंद्र की स्थापना की थी, जिसे उन्होंने ‘शांति-निकेतन’ नाम दिया। यहाँ विद्यार्थियों को शिक्षा पूर्ण सुविधाओं एवं प्राकृतिक संसाधनों द्वारा दी जाती थी। विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के चहुंमुखी विकास के लिए सभी संभव अवसर प्रदान किए जाते थे।

प्रश्न 22. सर सैयद अहमद खाँ के विचार दूसरे राष्ट्रीय नेताओं से कैसे भिन्न थे?

उत्तर- सर सैयद अहमद खाँ एक ऐसे नेता थे जो अंग्रेज़ों की सहायता से मुसलमानों को ऊपर उठाना चाहते थे। वे चाहते थे कि मुसलमान अंग्रेज़ी शिक्षा को ग्रहण करें। वे पूर्णतया अंग्रेज़ी सभ्यता से प्रभावित थे। उन्होंने ब्रिटिश सरकार से शैक्षिक सहायता प्राप्त करने हेतु मुसलमानों में ब्रिटिश विरोधी भावना को कम करने का प्रयास किया था। उन्हें नेशनल कांग्रेस से दूर रहने का परामर्श भी दिया गया था।

प्रश्न 23. सर सैयद अहमद खाँ की हिंदुओं के प्रति क्या विचारधारा थी?

उत्तर- सर सैयद अहमद खाँ मुस्लिम लोगों के विकास के लिए अंग्रेज़ों का विरोध नहीं करते थे। किंतु वे हिंदुओं के विरोधी या सांप्रदायिक दृष्टि से अलगाववादी नहीं थे। उनका मत था कि ‘हिंदू’ और ‘मुसलमान’ दो शब्द केवल धार्मिक अंतर स्पष्ट करने
के लिए हैं। वरन् सब लोग चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान यहाँ तक कि ईसाई भी जो इस देश में रहते हैं, एक ही राष्ट्र के लोग . हैं। वे सब भारतीय हैं।

प्रश्न 24. ‘मुस्लिम लीग’ की स्थापना किसने और क्यों की थी?

उत्तर- ‘मुस्लिम लीग’ की स्थापना अलीगढ़ कॉलेज के उस वर्ग ने की थी, जो नए मुसलमान बुद्धिजीवियों का नेतृत्व कर रहा था। उन्होंने इसकी स्थापना मुसलमानों के हितों की रक्षा हेतु की थी।

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Chapter 5 नयी समस्याएँ ncert solution hindi | class 8th

NCERT Solutions For Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 5 – नयी समस्याएँ

NCERT Solutions For Class 8 Hindi (Bharat Ki Khoj ) Chapter 3. नयी समस्याएँ – आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों जो अपनी क्लास में सबसे अच्छे अंक पाना चाहता है उसके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 8th हिंदी भारत की खोज अध्याय 5 (नयी समस्याएँ) के लिए समाधान दिया गया है. इस NCERT Solutions For Class 8 Hindi Chapter 5. Nayi Samasyayen की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. अगर आपको यह समाधान फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों को शेयर जरुर करे . हमारी वेबसाइट पर सभी कक्षाओं के सलूशन दिए गए है .

पाठ संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. हर्ष किस राज्य का शासक था? उसके शासनकाल में हुई घटनाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर- हर्ष उत्तर भारत के एक विशाल एवं शक्तिशाली राज्य कन्नौज का शासक था। उसके काल में विभिन्न क्षेत्र खूब विकास हुआ था। उसके शासनकाल में चीनी यात्री हुआन त्सांग नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए आया था। इसी युग में इस्लाम धर्म अपना स्वरूप ग्रहण कर रहा था। हर्ष के समय में उत्तर से होने वाले विदेशी हमलों का मुँहतोड़ जवाब दिया जा रहा था। अरब और भारत के बीच संपर्क बढ़े थे। दोनों ओर से यात्रियों का आना जाना हुआ एवं राजदूतावासों की अदला-बदली हुई। भारतीय पुस्तकों का बगदाद में अरबी में अनुवाद हुआ। बहुत-से भारतीय चिकित्सक बगदाद गए। यह व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध उत्तर भारत तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि भारत के दक्षिण राज्यों ने भी इसमें भाग लिया था।

प्रश्न 2. भारत में इस्लाम का आगमन कैसे हुआ?

उत्तर- अरब से भारत के संबंध अच्छे होने पर धीरे-धीरे इस्लाम के धर्म प्रचारक भी भारत आए। यहाँ उनका खूब स्वागत हुआ। यहाँ बिना किसी बाधा के कई मस्जिदों का निर्माण हुआ। इसका यहाँ के शासन ने विरोध नहीं किया। अतः स्पष्ट है कि भारत में मुस्लिम राजनीति से पहले भारत में इस्लाम धर्म की शुरूआत हुई थी।

प्रश्न 3. महमद गजनवी कहाँ का शासक था? उसके आक्रमणों से भारत पर क्या प्रभाव पडा?

उत्तर- महमूद गज़नवी अफगानिस्तान का शासक था। उसने 1000 ई० के लगभग भारत पर आक्रमण किए। वह तुर्क जाति का था। उसने भारत पर निर्ममतापूर्ण आक्रमण करके लूटमार की थी। उसने भारत का बहुत सारा धन लूटा था। उसने हिंदुओं को धूल के कणों की भाँति बिखेर दिया। उसके घृणित कार्यों के कारण भारतीयों के मन में मुसलमानों के प्रति घृणा उत्पन्न हो गई थी।

प्रश्न 4. शाहबुद्दीन गौरी कौन था? वह शक्ति में कैसे आया?

उत्तर- महमूद गज़नवी की मृत्यु के पश्चात् शाहबुद्दीन गौरी ने अपनी शक्ति को बढ़ाया। उसने गज़नी पर हमला करके उसे अपने साम्राज्य में मिला लिया। इसके पश्चात् उसने लाहौर और दिल्ली पर आक्रमण किया। दिल्ली में पृथ्वीराज चौहान के हाथों उसने प्रथम बार बुरी तरह से हार खाई थी। किंतु उसने 1192 ई० में पुनः शक्ति बटोरकर आक्रमण किया और दिल्ली की सत्ता का स्वामी बन बैठा।

प्रश्न 5. भारत के दक्षिण में चोल शासकों के प्रभुत्व का सार रूप में उल्लेख कीजिए।

उत्तर- शाहबुद्दीन गौरी उत्तर में तो सफलता पा गया था, किंतु दक्षिण में चोल शासकों के सामने पराजित हुआ। अफ़गानों को दक्षिण भारत पर कब्जा करने के लिए लगभग 150 वर्ष लग गए। अतः स्पष्ट है कि दक्षिण में चोल वंश के शासकों का ही प्रभुत्व रहा।

प्रश्न 6. महमूद गज़नवी ने भारत के किन दो राज्यों को अपने राज्य में मिला लिया था और किस प्रांत में उसे करारी हार का मुँह देखना पड़ा था?

उत्तर- महमूद गज़नवी ने पंजाब और सिंध को अपने राज्य में मिला लिया था। वह प्रत्येक लूट के बाद वापिस गज़नी लौट जाता था। उसने कश्मीर पर विजय प्राप्त करने का भरसक प्रयत्न किया, किंतु वह विजय प्राप्त नहीं कर सका। यह पहाड़ी देश महमूद गज़नवी को हराने और मार भगाने में पूरी तरह सफल रहा। काठियावाड़ में सोमनाथ से लौटते हुए राजस्थान के रेगिस्तानी भारी हार का सामना करना पड़ा। इस अंतिम आक्रमण के बाद वह वापिस कभी भी भारत नहीं आया।

प्रश्न 7. शाहबुद्दीन गौरी का पूरे भारत पर शासन करने का सपना कैसे चूर हो गया?

उत्तर- शाहबुद्दीन एक शक्तिशाली सेनानायक था। उसने अपनी शक्ति के बल पर दिल्ली के शासक पृथ्वीराज चौहान जैसे शक्तिशाली राजा को हरा दिया। किंतु इसका अभिप्राय यह नहीं कि पृथ्वीराज चौहान को हराने पर वह सारे भारत के राजाओं को हरा देगा। उस समय दक्षिण भारत में चोल शासक बहुत शक्तिशाली थे। शाहबुद्दीन गौरी ने जब दक्षिणं के राज्यों पर आक्रमण किया तो उसे बुरी तरह हार देखनी पड़ी। इसलिए उसका संपूर्ण भारत पर शासन करने का सपना टूट गया और वह दिल्ली तक ही सीमित रहा।

प्रश्न 8. अफगानिस्तान भारत का हिस्सा कैसे बना?

उत्तर- बारहवीं शताब्दी में जो अफ़गान भारत में आए, वे हिंद-आर्य जाति के थे। भारत की जनता से उनका निकट का संबंध था। इसलिए भारतीय उनसे जल्दी ही घुल-मिल गए और इस प्रकार अफगानिस्तान भारत का हिस्सा बन गया।

प्रश्न 9. चौदहवीं शताब्दी में किस बर्बर शासक ने भारत पर आक्रमण किया और इसका क्या परिणाम निकला? ..

उत्तर- चौदहवीं शताब्दी में बर्बर शासक तैमूर ने भारत पर उत्तर की ओर से आक्रमण किया। उसने इतनी निर्दयता से आक्रमण किया था कि दिल्ली पूरी तरह से ध्वंस हो गई। दिल्ली मुर्दो का शहर बनकर रह गई थी। इसके पश्चात् दिल्ली भारतीय साम्राज्य की राजधानी न रही। इसका परिणाम यह निकला कि उत्तर भारत की शक्ति क्षीण होती गई तथा दक्षिण के राज्य शक्तिशाली हो गए। बहमनी और विजयनगर जैसे शक्तिशाली राज्यों का उदय इसी काल में हुआ।

प्रश्न 10. भारत में मुगल साम्राज्य की नींव कैसे, कब और किसने रखी?

उत्तर- दक्षिण में विजयनगर अपनी पूर्ण शक्ति में था। तब उत्तर की पहाड़ियों से होकर एक हमलावर दिल्ली के पास पानीपत के मैदान में आया। उसने दिल्ली के सिंहासन को जीत लिया। मध्य एशिया के तैमूर वंश का यह तुर्क-मंगोल बाबर ही था। 1526 ई० में उसने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी। किंतु चार वर्ष पश्चात् ही इसकी मृत्यु हो गई। आगे चलकर इसके उत्तराधिकारियों ने भारत में विशाल मुगल साम्राज्य का विकास किया।

प्रश्न 11. इस्लाम धर्म के भारत में प्रवेश करने के बाद कैसी स्थिति उत्पन्न हुई थी? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- छह सौ वर्षों के पश्चात् जब इस्लाम धर्म भारत में राजनीतिक विजय के साथ आया, तो वह बहुत कुछ बदल चुका था। अब इसके नेता दूसरे लोग बन चुके थे। अरब के लोग भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग तक ही पहुँच पाए थे। वे आगे नहीं बढ़ सके थे। अरब सभ्यता का क्रमशः पतन हो गया था। मध्य एवं पश्चिमी एशिया में तुर्क जातियाँ ही आगे आईं। भारत के सीमावर्ती प्रदेश से यही तुर्क और अफ़गान इस्लाम को राजनीतिक शक्ति के रूप में भारत लाए, जो निरंतर आगे बढ़ता रहा।

प्रश्न 12. अफगानों एवं मुगलों के विषय में भारतीय साहित्यकारों के विचार प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर- साहित्यकारों ने अफ़गानों को सीमावर्ती समुदाय बताया है। ये भारत के लिए पूर्ण रूप से अजनबी नहीं थे। उनके राजनीतिक शासनकाल को हिंद-अफ़गान युग कहा जा सकता है। दूसरी तरफ मुगल भारत के लिए बाहर के और अजनबी थे। किंतु वे भारतीय जीवन-शैली में बड़ी तीव्रता से ढल गए। उनका शासनकाल हिंद-मुगलकाल कहलाया।

प्रश्न 13. अफगान शासकों और उनके साथ आए हुए लोगों का भारतीयकरण कैसे हुआ?

उत्तर- अफ़गान शासकों और उनके साथ आए हुए लोग. सभी भारतीय जीवन-शैली से प्रभावित हुए और धीरे-धीरे उसी में समां गए। वे भारत को अपना घर समझने लगे तथा शेष दुनिया को विदेश समझने लगे। वे इसी भाव से भारत में रहने लगे थे। यहाँ के कई राजपूत राजाओं ने भी उन्हें यहाँ का शासक स्वीकार कर लिया था।

प्रश्न 14. लेखक ने अफगानों में सबसे शक्तिशाली एवं योग्य शासक किसे और क्यों माना? उसके द्वारा किए गए कार्यों का सार रूप में उल्लेख कीजिए।

उत्तर- लेखक ने अफ़गानों में सबसे शक्तिशाली एवं योग्य शासक शेरशाह सूरी को माना है। वह योग्य एवं कुशल सेनानायक था। उसको दृढ़-व्यवस्था का पूर्ण ज्ञान था। उसे भूमि-प्रबंधन की भी पूरी जानकारी थी। उसने निम्नलिखित प्रमुख कार्य किए

(1) उसने मालगुजारी व्यवस्था की नींव डाली। इससे राज्य की आय बढ़ी। आगे चलकर अकबर ने इसे सुव्यवस्थित किया।
(2) अकबर के सुप्रसिद्ध राजस्व मंत्री टोडरमल की नियुक्ति आरंभ में शेरशाह सूरी ने ही की थी।
(3) सैनिक शक्ति एवं राज्य-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए शेरशाह सूरी ने सड़कों की व्यवस्था की। भारत की सुप्रसिद्ध जी०टी० रोड़ का निर्माण भी शेरशाह सूरी ने ही किया था।

प्रश्न 15. किन तथ्यों से पता चलता है कि हिंदू-मुस्लिम एक होकर रहे?

उत्तर- आरंभ में भले ही मुसलमान भारतीयों के लिए अज़नबी रहे हों, किंतु वे भारत में आकर यहाँ के हो गए। वे भारत को अपना घर समझने लगे। उन्होंने यहाँ की जीवन-शैली को पूर्ण रूप से अपना लिया। उन्होंने यहाँ के लोगों के साथ वैवाहिक संबंध भी जोड़ लिए। सुल्तान फिरोजशाह और गयासुद्दीन तुगलक की माँ हिंदू थी।

प्रश्न 16. भारत का दक्षिण भाग हिंदू रूढ़िवादिता का गढ़ क्यों बना?

उत्तर- भारत पर जितने भी आक्रमण हुए, वे उत्तर की ओर से हुए। इसलिए उत्तर भारत सदा ही विचलित रहा। यहाँ नई-नई विचारधाराओं के लोग आते रहे। किंतु इन विचारधाराओं का प्रभाव केवल उत्तरी भारत तक ही सीमित रहा। दक्षिण भारत इन विचारधाराओं से अछूता रहा। जो लोग पुरानी आर्य संस्कृति को मानने वाले थे, वे दक्षिण भारत में जाकर बस गए। इसी कारण दक्षिण भारत हिंदू रूढ़िवादिता का केंद्र बना।

प्रश्न 17. पंद्रहवीं शताब्दी के समाज-सुधारकों का सार रूप में उल्लेख कीजिए।

उत्तर- पंद्रहवीं शताब्दी में दक्षिण में रामानंद एवं उनके शिष्य कबीर हुए, जिन्होंने अपने पदों एवं साखियों के द्वारा लोगों को धार्मिक बंधनों एवं रूढ़िवादिता से दूर करने का प्रयत्न किया। उनके काव्य की भाषा आम बोलचाल की भाषा थी जिसे आम आदमी भी आसानी से समझ सके। उत्तर में गुरु नानक ने अपने विचारों से लोगों को सही मार्ग पर लाने का प्रयास किया। आज भी कबीर एवं नानक के उपदेश मनुष्य के जीवन में सार्थक सिद्ध होते हैं।

प्रश्न 18. अमीर खुसरो कौन था? उसकी प्रसिद्धि का क्या कारण था?

उत्तर- अमीर खुसरो फारसी, संस्कृत एवं हिंदी के विद्वान थे। वे मूलतः तुर्क थे। उनका परिवार दो-तीन पीढ़ियों से संयुक्त राज्य में बसा हुआ था। वे चौदहवीं शताब्दी के कई राजाओं के साथ रहे। वे फ़ारसी भाषा के उच्च कोटि के कवि थे। उन्हें संस्कृत का भी ज्ञान था। उन्हें भाषा के साथ-साथ संगीत का भी अच्छा ज्ञान था। उन्होंने भारतीय संगीत की कई नई उभावनाओं को भी आरंभ किया। उन्होंने सितार वाद्य-यंत्र का आविष्कार भी किया था।

प्रश्न 19. अमीर खुसरो का भारतीय साहित्य को क्या योगदान रहा है?

उत्तर- अमीर खुसरो न केवल फ़ारसी के, अपितु संस्कृत एवं लोकभाषा हिंदी के भी विद्वान थे। भारत में उनकी प्रसिद्धि का कारण उनके द्वारा रचित लोकगीत थे। उन्होंने आम बोलचाल की भाषा हिंदी में गीत लिखे थे। उन्हें केवल लोक जीवन या ग्रामीण जीवन की भाषा का ही ज्ञान नहीं था, अपितु उन्होंने रहन-सहन, रीति-रिवाज़ों का भी अपने गीतों के माध्यम से वर्णन किया। उन्होंने विभिन्न ऋतुओं और त्योहारों पर भी गीत लिखे हैं। उनके गीत आज भी उत्तर एवं मध्य भारत में गाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने लोकभाषा में पहेलियाँ लिखी हैं। उन्होंने हिंदी में गजलें एवं मुकरियाँ भी लिखी हैं।

प्रश्न 20. ‘बाबर मुगल शासन का संस्थापक था, सिद्ध कीजिए।

उत्तर- बाबर ने 1526 ई० में भारत पर विजय प्राप्त करके मुगल शासन की नींव रखी थी। वह नई जागृति का शहज़ादा था। उसने केवल चार वर्षों तक ही भारत में शासन किया। उसका यह चार वर्षों का समय केवल युद्ध करने एवं आगरा को राजधानी बनाने में ही बीता। वह जहाँ एक वीर सैनिक था, वहीं कला और साहित्य का पारखी भी था। वह अच्छे रहन-सहन का शौकीन था।

प्रश्न 21. अकबर का संक्षिप्त जीवन-परिचय दीजिए।

उत्तर- अकबर भारत में मुगलवंश का तीसरा शासक था। अकबर अपने दादा से भी अधिक शक्तिशाली और गणवान था। वह अत्यंत साहसी और पराक्रमी था। वह एक योग्य सेनानायक था। इन सबके साथ-साथ वह विनम्र और दयालु था। आदर्शवादिता और स्वप्नदर्शिता उसमें कूट-कूटकर भरी हुई थी। वह जनता के दिलों में अपने लिए विशेष स्थान बनाना चाहता था। वह अपने नेत्रों में अखंड भारत का सपना देखता था। यह कहना गलत न होगा कि मुगल साम्राज्य की नींव उसी ने पक्की की थी।

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