NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 4 – माटी वाली हिंदी

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NCERT Book Solutions For Class 9 Hindi Kritika Chapter 4

पृष्ठ संख्या: 48 


1. ‘शहरवासी सिर्फ माटी वाली को नहीं, उसके कंटर को भी अच्छी तरह पहचानते हैं।’ आपकी समझ से वे कौन से कारण रहे होंगे जिनके रहते ‘माटी वाली’ को सब पहचानते थे?

उत्तर

शहरवासी माटी वाली तथा उसके कंटर को इसलिए जानते होंगे क्योंकि लाल मिट्टी की जरुरत चूल्हे-चौके की लिपाई के लिए हर घर की थी| पूरे टिहरी शहर में घर-घर में लाल मिट्टी  देने का काम करने वाली वह अकेली थी।उसका कोई प्रतिद्वंदी नहीं था। इसलिए सभी उसके ग्राहक थे। चूँकि उसका कनस्तर बिना ढक्क्न का था जो ऊपर से खुला रहता था इसलिए लोग उसके कनस्तर को भी पहचानते थे|

2 . माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज़्यादा सोचने का समय क्यों नहीं था?
उत्तर
माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज़्यादा सोचने का समय नहीं था चूँकि वह हर दिन सुबह उठकर माटाखाना जाती और फिर शाम तक उसे बेचती| फिर घर आकर उसे अपने और बुड्ढे के लिए भोजन भी बनाती|

3. ‘भूख मीठी कि भोजन मीठा’ से क्या अभिप्राय है?

उत्तर

इस बात का आशय है जब मनुष्य भूखा होता है तो उसका विशेष ध्यान भूख मिटाने पर होता है ना कि वह स्वादिष्ट भोजन की खोज करता है। यानी भूख लगे होने पर भोजन की मिठास नहीं देखी जाती| भूख खुद ही भोजन में मिठास पैदा कर देती है|

4. ‘पुरखों की गाढ़ी कमाई से हासिल की गयी चीज़ों को हराम के भाव बेचने को मेरा दिल गवाही नहीं देता।’ – मालकिन के इस कथन के आलोक में विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर
पूर्वजों द्वारा दी गयी चीज़ें विरासत होती हैं| मालकिन को पीतल के बर्तन विरासत में मिले थे और वह उन्हें बहुत संभालकर रखती थी| चूँकि उसके मन में विरासत के प्रति आदर, सम्मान और प्रेम की भावना थी| चूँकि उसे पता था कि पूर्वजों ने उन चीज़ों को कड़ी मेहनत और अभाव में ख़रीदा है| विरासत की चीज़ें उसके लिए अनमोल थी|

5. माटी वाली का रोटियों का इस तरह हिसाब लगाना उसकी किस मजबूरी को प्रकट करता है?

उत्तर

माटी वाली का रोटियों का हिसाब लगाना उसकी गरीबी को प्रकट करता है। उसे अपने और बुड्ढे पति का पेट भरना होता था इसलिए वह किसी घर में मिली रोटियों को गिनती और अपने पति के लिए भी बचाकर लाती ताकि उसका पेट भी भर सके|

6. ‘आज माटी वाली बुड्ढे को कोरी रोटियाँ नहीं देगी।’ – इस कथन के आधार पर माटी वाली के ह्रदय के भावों को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर

बुड्ढे पति के अलावा माटी वाली का कोई अपना नहीं था| वह अभावग्रस्त जीवन जी रही थी जिस कारण वह अपने बीमार पति के लिए अच्छे भोजन नहीं जुटा पाती थी| परन्तु उस दिन वह अपने पति के लिए तीन रोटियाँ बचाकर ले जा रही थी| उसने अपनी आमदनी से प्याज भी ख़रीदा था| उसने सोचा था कि वह घर जाकर सब्जी बनाएगी और अपने पति के सामने परोसेगी| आज उसके पति को रुखा-सूखा नहीं खाना पड़ेगा| अपने पति के प्रति ये सोच माटीवाली के असीम स्नेह और कर्तव्यों को दर्शाते हैं|

7. गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए। इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए – इस कथन का आशय यह है कि गरीबों का घर नहीं छिनना चाहिए। एक दिन जब माटीवाली मजदूरी कर घर पहुँचती है तो उसके पति की मृत्यु हो चुकी होती है। अब उसके पास कोई अपना नहीं था| उसे अपने पति के अंतिम संस्कार की चिंता थी चूँकि बाँध के कारण सारे श्मशान पानी में डूब चूके थे। उसे लिए अब घर भी  श्मशान के समान लग रहा था|

8. ‘विस्थापन की समस्या’ पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर 
नागरिकों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर बसना विस्थापन कहलाता है| यह लोगों पर विपत्ति आने के कारण होता है| जैसे भूकंप के कारण, बाढ़ के कारण, बांध के लिए, बिजली परियोजना के लिए| आज के समय में विस्थापन एक प्रमुख समस्या है| यह लोगों के विकास को अवरुद्ध करने के साथ देश के विकास को भी काफी हद तक रोकती है| यह लोगों से उनका कमाने का जरिया, उनका घर-जमीन छीन लेती है| उनके बच्चों का विकास को यह बहुत ज्यादा प्रभावित करती है| हमारे सामने विस्थापन के कारण हुए विरोधों के उदाहरण हैं जैसे नर्मदा आंदोलन| हमें इस विषय ध्यानपूर्वक सोचना चाहिए कि क्या हमारा विकास उन गरीबों और असहाय वर्ग के घरों-मकानों पर होगा|

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Chapter Summary –पाठ 4 – माटी वाली

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NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 4 – माटी वाली हिंदी

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NCERT Book Solutions For Class 9 Hindi Kritika Chapter 4

पृष्ठ संख्या: 48 


1. ‘शहरवासी सिर्फ माटी वाली को नहीं, उसके कंटर को भी अच्छी तरह पहचानते हैं।’ आपकी समझ से वे कौन से कारण रहे होंगे जिनके रहते ‘माटी वाली’ को सब पहचानते थे?

उत्तर

शहरवासी माटी वाली तथा उसके कंटर को इसलिए जानते होंगे क्योंकि लाल मिट्टी की जरुरत चूल्हे-चौके की लिपाई के लिए हर घर की थी| पूरे टिहरी शहर में घर-घर में लाल मिट्टी  देने का काम करने वाली वह अकेली थी।उसका कोई प्रतिद्वंदी नहीं था। इसलिए सभी उसके ग्राहक थे। चूँकि उसका कनस्तर बिना ढक्क्न का था जो ऊपर से खुला रहता था इसलिए लोग उसके कनस्तर को भी पहचानते थे|

2 . माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज़्यादा सोचने का समय क्यों नहीं था?
उत्तर
माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज़्यादा सोचने का समय नहीं था चूँकि वह हर दिन सुबह उठकर माटाखाना जाती और फिर शाम तक उसे बेचती| फिर घर आकर उसे अपने और बुड्ढे के लिए भोजन भी बनाती|

3. ‘भूख मीठी कि भोजन मीठा’ से क्या अभिप्राय है?

उत्तर

इस बात का आशय है जब मनुष्य भूखा होता है तो उसका विशेष ध्यान भूख मिटाने पर होता है ना कि वह स्वादिष्ट भोजन की खोज करता है। यानी भूख लगे होने पर भोजन की मिठास नहीं देखी जाती| भूख खुद ही भोजन में मिठास पैदा कर देती है|

4. ‘पुरखों की गाढ़ी कमाई से हासिल की गयी चीज़ों को हराम के भाव बेचने को मेरा दिल गवाही नहीं देता।’ – मालकिन के इस कथन के आलोक में विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर
पूर्वजों द्वारा दी गयी चीज़ें विरासत होती हैं| मालकिन को पीतल के बर्तन विरासत में मिले थे और वह उन्हें बहुत संभालकर रखती थी| चूँकि उसके मन में विरासत के प्रति आदर, सम्मान और प्रेम की भावना थी| चूँकि उसे पता था कि पूर्वजों ने उन चीज़ों को कड़ी मेहनत और अभाव में ख़रीदा है| विरासत की चीज़ें उसके लिए अनमोल थी|

5. माटी वाली का रोटियों का इस तरह हिसाब लगाना उसकी किस मजबूरी को प्रकट करता है?

उत्तर

माटी वाली का रोटियों का हिसाब लगाना उसकी गरीबी को प्रकट करता है। उसे अपने और बुड्ढे पति का पेट भरना होता था इसलिए वह किसी घर में मिली रोटियों को गिनती और अपने पति के लिए भी बचाकर लाती ताकि उसका पेट भी भर सके|

6. ‘आज माटी वाली बुड्ढे को कोरी रोटियाँ नहीं देगी।’ – इस कथन के आधार पर माटी वाली के ह्रदय के भावों को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर

बुड्ढे पति के अलावा माटी वाली का कोई अपना नहीं था| वह अभावग्रस्त जीवन जी रही थी जिस कारण वह अपने बीमार पति के लिए अच्छे भोजन नहीं जुटा पाती थी| परन्तु उस दिन वह अपने पति के लिए तीन रोटियाँ बचाकर ले जा रही थी| उसने अपनी आमदनी से प्याज भी ख़रीदा था| उसने सोचा था कि वह घर जाकर सब्जी बनाएगी और अपने पति के सामने परोसेगी| आज उसके पति को रुखा-सूखा नहीं खाना पड़ेगा| अपने पति के प्रति ये सोच माटीवाली के असीम स्नेह और कर्तव्यों को दर्शाते हैं|

7. गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए। इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए – इस कथन का आशय यह है कि गरीबों का घर नहीं छिनना चाहिए। एक दिन जब माटीवाली मजदूरी कर घर पहुँचती है तो उसके पति की मृत्यु हो चुकी होती है। अब उसके पास कोई अपना नहीं था| उसे अपने पति के अंतिम संस्कार की चिंता थी चूँकि बाँध के कारण सारे श्मशान पानी में डूब चूके थे। उसे लिए अब घर भी  श्मशान के समान लग रहा था|

8. ‘विस्थापन की समस्या’ पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर 
नागरिकों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर बसना विस्थापन कहलाता है| यह लोगों पर विपत्ति आने के कारण होता है| जैसे भूकंप के कारण, बाढ़ के कारण, बांध के लिए, बिजली परियोजना के लिए| आज के समय में विस्थापन एक प्रमुख समस्या है| यह लोगों के विकास को अवरुद्ध करने के साथ देश के विकास को भी काफी हद तक रोकती है| यह लोगों से उनका कमाने का जरिया, उनका घर-जमीन छीन लेती है| उनके बच्चों का विकास को यह बहुत ज्यादा प्रभावित करती है| हमारे सामने विस्थापन के कारण हुए विरोधों के उदाहरण हैं जैसे नर्मदा आंदोलन| हमें इस विषय ध्यानपूर्वक सोचना चाहिए कि क्या हमारा विकास उन गरीबों और असहाय वर्ग के घरों-मकानों पर होगा|

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NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 2 – मेरे संग की औरतें हिंदी

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NCERT Book Solutions For Class 9 Hindi Kritika Chapter 2

पृष्ठ संख्या : 26 


1. लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं ?

उत्तर 
लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं था, किंतु उनके बारे में सुना अवश्य था। उसने सुना था कि उसकी नानी ने अपनी जीवन के अंतिम दिनों में प्रसिद्ध क्रांतिकारी प्यारेलाल शर्मा से भेंट की थी। उस भेंट में उन्होंने यह इच्छा प्रकट की थी कि वे अपनी बेटी की शादी किसी क्रांतिकारी से करवाना चाहती हैं, अंग्रेजों के किसी भक्त से नहीं। उनकी इस इच्छा में देश की स्वतंत्रता की पवित्र भावना थी। यह भावना बहुत सच्ची थी, इसमें साहस था। जीवन-भर परदे में रहकर भी उन्होंने किसी पर-पुरुष से मिलने की हिम्मत की। इससे उनके साहसी व्यक्तित्व और मन में सुलगती हुई स्वतंत्रता की भावना का पता चला। लेखिका इन्हीं गुणों के कारण अपनी नानी की व्यक्तित्व से प्रभावित थी तथा उनका सम्मान करती थी।

2. लेखिका की नानी आज़ादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही ?
उत्तर 
लेखिका की नानी आज़ादी के आंदोलन में प्रत्यक्ष रुप में भले ही भाग नहीं ले पाईं परन्तु अप्रत्यक्ष रुप में सदैव इस लड़ाई में सम्मिलित रहीं और इसका मुख्य उदारहण यही था कि उन्होनें अपनी पुत्री की शादी की ज़िम्मेदारी अपने पति के स्वतंत्रता सेनानी मित्र को दी थी। वह अपना दामाद एक आज़ादी का सिपाही चाहती थीं न कि अंग्रेज़ों की चाटुकारी करने वाले को। उन्हें अंग्रेजों और अंग्रेज़ियत से चिढ़ थी। उनके मन में आज़ादी के लिए एक जुनून था।

3. लेखिका की माँ परंपरा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में– (क) लेखिका के माँ के व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए।
(ख) लेखिका की दादी के घर के महौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।
उत्तर 
(क) लेखिका की माँ बहुत ही नाजुक, सुंदर और स्वतंत्र विचारों की महिला थीं। उनमें ईमानदारी,निष्पक्षता और सचाई भरी हुई थी। वे अन्य माताओं की तरह कभी भी अपनी बेटी को अच्छे-बुरे की न सीख दी और न खाना पकाकर खिलाया । उनका अधिकांश समय अध्यन अथवा संगीत को समर्पित था। वे कभी झूठ नहीं बोलती थीं और न कभी इधर की बात उधर करती थीं । शायद यही कारण था कि हर काम में उनकी राय ली जाती थी और सब कोई उसे सहर्ष स्वीकारता भी था।
(ख) लेखिका की दादी के घर में कुछ लोग जहाँ अंग्रेज़ियत के दीवाने थे,वहीं कुछ लोग भारतीय नेताओं के मुरीद भी थे। घर में बहुमति होने के बाद भी एकता का बोलबाला था। घर में किसी प्रकार की संकीर्णता नहीं थी। सभी लोग अपनी-अपनी स्वतंत्रता एवं निजता बनाए रख सकते थे। घर के बच्चों के पालन-पोषण में घर के सभी लोग जिम्मेदार थे। कोई भी सदस्य अपने विचार किसी पर थोप नहीं सकता था। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि घर का माहौल अमन-चैन से भरपूर और सुखद था।

4. आप अपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों माँगी ?
उत्तर

दादीजी एक सामान्य महिला थीं। उनके मन में लड़का – लड़की का भेद नहीं था। पीढ़ियों से परिवार में किसी कन्या का जन्म नहीं हुआ था। प्राय: सभी लोग लड़के की कामना करते थे । दादीजी को ये भेदभाव शायद चुभता होगा और परिवार में किसी कन्या का न होना, उनके मन को बेचैन करता होगा। शायद इन्हीं कारणों की वजह से परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों माँगी।

5. डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है – पाठ के आधार पर तर्क-सहित उत्तर दीजिये।

उत्तर

इस पाठ से स्पष्ट है कि मनुष्य के पास सबसे प्रभावी अस्त्र है – अपना दृढ़ विशवास और सहज व्यवहार। यदि कोई सगा-संबंधी गलत राह पर हो तो उसे डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से व्यवहार करना चाहिए। लेखिका की नानी ने भी यही किया। उन्होंने अपने पति की अंग्रेज़-भक्ति का न तो मुखर विरोध किया, न समर्थन किया। वे जीवन भर अपने आदर्शों पर टिकी रहीं। परिणामस्वरूप अवसर आने पर वह मनवांछित कार्य कर सकीं।
लेखिका के माता ने चोर के साथ जो व्यवहार किया, वह तो सहजता का अनोखा उदाहरण है। उसने न तो चोर को पकड़ा, न पिटवाया, बल्कि उससे सेवा ली और अपना पुत्र बना लिया। उसके पकड़े जाने पर उसने उसे उपदेश भी नहीं दिया। उसने इतना ही कहा – अब तुम्हारी मर्जी – चाहे चोरी करो या खेती। उसकी इस सहज भावना से चोर का ह्रदय परिवर्तित हो गया। उसने सदा के लिए चोरी छोड़ दी और खेती को अपना लिया।

6. ‘शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’-इस दिशा में लेखिका के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर 
शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है। लेखिका को यह बात तब पूरी तरह समझ में आ गई , जब उनके दो बच्चे स्कूल जाने लायक हो गए । लेखिका कर्नाटक के एक छोटे कस्बे में रहती थी। उन्होंने वहाँ के कैथोलिक चर्च के विशप से एक स्कूल खोलने का आग्रह किया। परंतु उन्होंने क्रिश्चियन बच्चों की संख्या कम होने की बात कहकर स्कूल खोलने से मना कर दिया। लेखिका ने कहा कि गैर- क्रिश्चियन बच्चों को भी शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, परंतु विशप तैयार नहीं हुए । ऐसे में लेखिका ने आगे बढ़ते हुए अपने दम पर एक ऐसा स्कूल खोलने का मन बना लिया जिसमें अंग्रेज़ी,कन्नड़ और हिन्दी तीन भाषाएँ पढ़ाई जाएँगी। लोगों ने भी लेखिका का साथ दिया और वे बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने में सफल रहीं।

7. पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है?

उत्तर

प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि जो लोग कभी झूठ नहीं बोलते और सच का साथ देते हैं । जो किसी की बात को इधर-उधर नहीं करते अर्थात् चुगलखोरी से दूर रहते हैं। जिनके इरादे मजबूत होते हैं,जो हीन भावना से ग्रसित नहीं होते तथा जिनका व्यक्तित्व सरल, सहज एवं पारदर्शी होता है, उन्हें पूरा समाज श्रद्धा भाव से देखता है।

8. ‘सच, अकेलेपन का मज़ा ही कुछ और है’-इस कथन के आधार पर लेखिका की बहन एवं लेखिका के व्यक्तित्व के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर

लेखिका व उनकी बहन एकांत प्रिय स्वभाव की थीं। लेखिका व उनकी बहन के व्यक्तित्व का सबसे खूबसूरत पहलू था – वे दोनों ही जिद्दी स्वभाव की थीं परन्तु इस जिद्द से वे हमेशा सही कार्य को ही अंजाम दिया करती थे। लेखिका कि जिद्द ने ही कर्नाटक में स्कूल खोलने के लिए प्रेरित किया था। वे दोनों स्वतंत्र विचारों वाले व्यक्तित्व की स्वामिनी थीं और इसी कारण जीवन में अपने उद्देश्यों को पाने में सदा आगे रहीं।

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Chapter Summary –पाठ 2 – मेरे संग की औरतें

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NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 1 – इस जल प्रलय में हिंदी

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NCERT Book Solutions For Class 9 Hindi Kritika Chapter 1

पृष्ठ संख्या : 12 


1. बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे ?
उत्तर 
बाढ़ की खबर से सारे शहर में आतंक मचा हुआ था। लोग अपने सामान को नीचली मंजिल से ऊपरी मंजिल में ले जा रहे थे। सारे दुकानदार अपना सामान रिक्शा, टमटम, ट्रक और टेम्पो पर लादकर उसे सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे थें। खरीद-बिक्री बंद हो चुकी थी। लोग घरों में खाने का सामान, दियासलाई, मोमबत्ती, दवाईयाँ, किरोसीन आदि का प्रबन्ध करने में लगे हुए थे।


2. बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था ?

उत्तर

लेखक ने पहले बाढ़ के बारे में सुना जरूर था पर कभी देखा नही था। उसने अपनी कई रचनाओ में बाढ़ की विनाशलीला का उल्लेख किया था। वह स्वयं अपनी आँखों से बाढ़ के पानी को शहर में घुसते और उसकी विनाशलीला के बारे में जानने को उत्सुक था।

3. सबकी जुबान पर एक ही जिज्ञासा – “पानी कहाँ तक आ गया है?” इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भवनाएं व्यक्त  होती हैं?

उत्तर

इस कथन से जनसमूह में जिज्ञासा के भाव उठते हुए जान पड़ते हैं। लोग बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए पैदल उस जगह जा रहे थे। सब के मन में व आँखों में एक ही प्रश्न जिज्ञासा का रुप ले चुका था – पानी कहाँ तक पहुँच गया होगा? उनके मन में यही प्रश्न उठ रहे थे कि पानी कौन -कौन से हिस्से को निगल गया होगा? उन्हें अभी बाढ़ के पानी का भय नहीं सता रहा था। वे बस बाढ के पानी की गति के विषय में जिज्ञासु थे।

4. ‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों?

उत्तर

बाढ़ के लगातार बढ़ते जल को ‘मृत्यु का तरल दूत’ कहा गया है। बाढ़ के इस आगे बढ़ते हुए जल ने न जाने कितने प्राणियों को उजाड़ दिया था, बहा दिया था और बेघर करके मौत की नींद सुला दिया था। इस तरल जल के कारण लोगों को मरना पड़ा, इसलिए इसे मृत्यु का तरल दूत कहना बिल्कुल सही है।
5. आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ से कुछ सुझाव दीजिए।

उत्तर
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का सबसे बेहतर तरीका सतर्क रहना है। हमें मौसम की जानकारी  रखनी चहिए एवं अपने आपको सुरक्षा तंत्र से जुड़ा रखना चाहिए। आपदा से निपटने के लिए तात्कालिक व दीर्घकालिक उपाय करने चाहिए। खाद्य-सामग्री (राहत सामग्री) का पर्याप्त मात्रा में भंडारण करना आवश्यक है। बचाव कार्यों के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं व सरकार को पहले से ही तैयारी आरंभ कर देनी चाहिए। पर्याप्त दवाईयाँ व चिकित्सा के लिए डॉक्टरों को भी नियुक्त करना चाहिए।

6. ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए…अब बूझो!’ – इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है?

उत्तर

लोग संकट की घड़ी में एक-दूसरे की सहायता करने के बजाए अपने निजी स्वार्थों की सिद्धि को अधिक महत्व देते हैं। अपने सुख-सुविधायों को छोड़कर किसी संकटग्रस्त व्यक्ति या व्यक्तियों का हाल-चाल जानने का भी कष्ट नहीं करते। उक्त कथन द्वारा लोगों की इसी मानसिकता पर चोट की गई है। यह कथन निश्चित रूप से कठोर और द्वेषपूर्ण है।


7. खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?

उत्तर

खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक बढ़ गई थी क्योंकि लोग बाढ़ को देखने के लिए बहुत बड़ी संख्या में इकट्ठे हो गए थे। वे बाढ़ से भयभीत नहीं थे, बल्कि हंसी-खुशी और कौतुहल से युक्त थे। ऐसे समय में पान उनके लिए समय गुजारने का सबसे अच्छा साधन था।

8. जब लेखक को यह अहसास हुआ की उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?

उत्तर

जब लेखक को अहसास हुआ की उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उन्होंने आवश्यक ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी, कम्पोज की गोलियाँ इकट्ठी कर लीं ताकि बाढ़ से घिर जाने पर कुछ दिनों तक गुजारा चल सकें। उन्होंने बाढ़ आने छत पर चले जाने का भी प्रबंध सुनिश्चित कर लिया।

9. बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है?

उत्तर

बाढ़ के बाद हैजा, मलेरिया, टाइफाइड आदि बीमारियों के फैलने की संभावना रहती है क्योंकि बाढ़ के उतरे पानी में मच्छर अत्यधिक मात्रा में पनपते हैं जिसके कारण मलेरिया जैसी बीमारी हो जाती है। पानी की कमी से लोगो को गंदा पानी पीना पड़ता है जो हैजा और टाइफाइड जैसी बीमारियों को न्यौता देता है।

10. नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कुंद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया?

उत्तर

नौजवान और कुत्ता परस्पर गहरे आत्मीय थे। दोनों एक-दूसरे के सच्चे साथी थे। उनमें मानव और पशु का भेदभाव भी नहीं था। वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। यहाँ तक कि नौजवान को कुत्ते के बिना मृत्यु भी स्वीकार नहीं थी। इस व्यवहार से उनकी गहरी मैत्री का परिचय मिलता है।

11. ‘अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं—मेरे पास।’ – मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?

उत्तर

यहाँ लेखक के बाढ़ से उत्पन्न दु:ख को व्यक्त किया गया है। वह इस घटना को पहले कैमरे में कैद करना चाहता था परन्तु उसके पास कैमरा उपलब्ध नहीं था। फिर उसके मन में विचार आया कि वह कलम के द्वारा पन्नों में इस त्रासदी को लिखे जिसे उसने पहले स्वयं भोगा था पर उसकी कलम भी उसके पास नहीं थी। वो भी चोरी हो गई थी। इतनी तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने सोचा की अच्छा है, कुछ भी नहीं क्योंकि बाढ़ के इस सजीव भयानक रुप को अगर वो अपने कैमरे व कलम से पन्नों पर उतार भी लेता तो उसे दु:ख ही तो प्राप्त होता। उसे बार-बार देखकर, पढकर उसे कुछ प्राप्त नहीं होता तो फिर उनकी तस्वीर लेकर वह क्या करता।

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Chapter Summary –पाठ 1 – इस जल प्रलय में

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NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 6 – दिये जल उठे हिंदी

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NCERT Book Solutions For Class 9 Hindi Sanchyan Chapter 6

पृष्ठ संख्या: 48
बोध प्रश्न 


1. किस कारण से प्रेरित हो स्थानीय कलेक्टर ने पटेल को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया?

उत्तर

अहमदाबाद के आंदोलन के समय पटेल ने स्थानीय कलेक्टर शिलिडी को भगा दिया था इसी बात का बदला लेने के लिए कलेक्टर शिलिडी ने पटेल को निषेधाज्ञा के उलंग्घन के आरोप में गिरफ़्तार करने का आदेश दिया।

2. जज को पटेल की सजा सुनाने के लिए आठ लाइन के फ़ैसले को लिखने में डेढ़ घंटा क्यों लगा?स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

जज को पता ही नही चल रहा था की पटेल को किस धारा के तहत कितनी सजा दी जानी चाहिए चूँकि पटेल ने कोई अपराध नही किया था। इसलिए जज को आठ लाइन के फ़ैसले को लिखने में डेढ़ घंटा लगा।

3. “मैं चलता हूँ। अब आपकी बारी है।” − यहाँ पटेल के कथन का आशय उद्धृत पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर 
सरदार पटेल को तीन महीने की जेल हुई। इसके लिए उन्हें बोरसद से साबरमती जेल ले जाया जा रहा था। रास्ते में आश्रम पड़ता था। पटेल के आग्रह पर गाड़ी रोक दी गई और पटेल आश्रमवासियों से मिले। सड़क पर ही गांधी जी से भी उनकी बातचीत हुई जिसमें उन्होंने गांधी जी से यह कथन कहा। वे स्पष्ट करना चाहते थे वे जेल जा रहे हैं और अब स्वाधीनता के लड़ाई की जिम्मेवारी आपकी है।

4. “इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें” −गांधीजी ने यह किसके लिए और किस संदर्भ में कहा?

उत्तर
गांधी जी एक बार रास गए। वहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ। वहाँ सबसे आगे रास लोग रहते हैं जो दरबार कहलाते हैं। एक तरह से ये राजा की तरह होते हैं। ये रियासत के मालिक होते हैं। गोपालदास और रविशंकर महाराज जो दरबार थे,वहाँ मौजूद थे। ये दरबार लोग अपना सब कुछ छोड़कर यहाँ आकर बस गए थे। उनका यह त्याग एवं हिम्मत सराहनीय है। गांधी जी ने इन्हीं के जीवन से प्रेरणा लेने को लोगों से कहा कि इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें।


5. पाठ द्वारा यह कैसे सिद्ध होता है कि − ‘कैसी भी कठिन परिस्थिति हो उसका सामना तात्कालिक सूझबूझ और आपसी मेलजोल से किया जा सकता है।’अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर

गांधी जी अपनी दांडी यात्रा पर थे। उन्हें मही नदी पार करनी थी। ब्रिटिश सरकार ने नदी के तट के सारे नमक भंडार हटा दिए थे। वे अपनी यह यात्रा किसी राजघराने के इलाके से नहीं करना चाहते थे। जब वे कनकपुरा पहुँचे तो एक घंटा देर हो गई। इसलिए गांधी जी ने कार्यक्रम में परिवर्तन करने का निश्चय किया कि नदी को आधी रात में समुद्र में पानी चढ़ने पर पार किया जाए ताकि कीचड़ और दलदल में कम से कम चलना पड़े। तट पर अँधेरा था। इसके लिए लोगों ने सूझबूझ से काम लिया और थोड़ी ही देर में हज़ारों दिए जल गए। हर एक के हाथ में दीया था। इससे अँधेरा मिट गया। दूसरे किनारे भी इसी तरह लोग हाथों में दीये लेकर खड़े थे। इस प्रकार कठिन परिस्थिति में सूझबूझ से काम लिया और उसका सामना किया। गांधी जी को रघुनाथ काका ने नाव में बिठाकर नदी पार करा दी।

6. महिसागर नदी के दोनों किनारों पर कैसा दृश्य उपस्थित था?अपनेशब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर

महिसागर नदी के दोनों किनारों पर हज़ारों लोग अपने हाथों में जलते दिये लेकर खड़े थे क्योंकि वे गांधी जी का और उनके साथियों का इंतज़ार कर रहे थे। उस समय अँधेरा था। चारों ओर ‘महात्मा गांधी की जय, सरदार पटेल की जय और जवाहर लाल नेहरु की जय के नारे गूँज रहे थे।

7. “यह धर्मयात्रा है। चलकर पूरी करुँगा।” गांधी जी के इस क्थन द्वारा उनके किस चारित्रिक गुण का परिचय प्राप्त होता है।

उत्तर

गांधी जी ने दांडी यात्रा को धर्मयात्रा का नाम दिया। रास्ते में कंकरीली, रेतीली सड़के पड़ेगी। इसलिए लोगों ने गांधी जी को आधी यात्रा कार से करने का आग्रह किया। परन्तु गांधी जी ने मना कर दिया और कहा धर्मयात्रा में निकलने वाले, किसी वाहन का प्रयोग नहीं करते। इसी प्रकार मही नदी तट पर करीब चार किलोमीटर दलदली ज़मीन पर गांधी जी को चलना पड़ा। लोगों ने उन्हें कंधे पर उठाने की सलाह दी पर गांधी जी ने कहा यह धर्मयात्रा है। चलकर पूरी करुँगा।” इस कथन से गांधी जी के साहस, देशप्रेम, कष्ट सहने की क्षमता आदि गुणों का पता लगता है।

8. गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी इस बात से सहमत नहीं थे कि गांधी कोई काम अचानक और चुपके से करेंगे। फिर भी उन्होंने किस डर से और क्या एहतियाती कदम उठाए?

उत्तर

गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारियों का मानना था कि वे अचानक चुपके से कोई काम नहीं करते। फिर भी ब्रिटिश सरकार कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती थी। इसलिए ऐहतियाती तौर पर नदी के तट से सारे नमक भंडार हटा दिए और उन्हें नष्ट करा दिया।

9.  गांधी जी के पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर क्यों खड़े रहे?

उत्तर

गांधीजी के नदी पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर खड़े रहे क्योंकि सत्याग्रहियों को भी पार जाना था और वे कुछ लोगों का इंतजार कर रहे थे, जिन्हें नदी पार करानी होगी।

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Chapter Summary –पाठ 6 – दिये जल उठे

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NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 5 – हामिद खाँ हिंदी

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NCERT Book Solutions For Class 9 Hindi Sanchyan Chapter 5

पृष्ठ संख्या: 40
बोध प्रश्न 


1. लेखक का परिचय हामिद खाँ से किन परिस्थितियों में हुआ?

उत्तर

गर्मियों में लेखक तक्षशिला के खंडहर देखने गया था। गर्मी के कारण लेखक का भूख प्यास से बुरा हाल था। खाने की तलाश में वह रेलवे स्टेशन से आगे बसे गाँव की ओर चला गया। वहाँ तंग और गंदी गलियों से भरा बाज़ार थावहाँ पर खाने पीने का कोई होटल या दुकान नहीं दिखाई दे रही थी और लेखक भूख प्यास से परेशान था। तभी एक दुकान पर रोटियाँ सेंकी जा रही थीं जिसकी खुशबू से लेखक की भूख और बढ़ गई। वह दुकान में चला गया और खाने के लिए माँगा। वहीं हामिद खाँ से परिचय हुआ।

2. ‘काश मैं आपके मुल्क में आकर यह सब अपनी आँखों से देख सकता।’ हामिद ने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर
हामिद खाँ को पता चला कि लेखक हिंदू है तो उसने पूछा कि क्या वह मुसलमानी होटल में खाएँगे। तब लेखक ने बताया कि हिंदुस्तान में हिंदूमुसलमान में कोई भेद नहीं होता है। अच्छा पुलाव खाने के लिए वे मुसलमानी होटल में ही जाते हैं। वहाँ हिंदूमुसलमानों के बीच दंगे नहीं होते। सब बराबर हैं। हामिद को एकदम विश्वास नहीं हुआ क्योंकि उसके यहाँ ऐसा नही था। वह यह सब अपनी आँखों से देखना चाहता था इसलिए उसने उपर्युक्त कथन को कहा।

3. हामिद को लेखक की किन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था?

उत्तर

लेखक ने हामिद को कहा कि वह बढ़िया खाना खाने मुसलमानी होटल जाते हैं। वहाँ हिंदूमुसलमान में कोई फर्क नहीं किया जाता है। सभी प्रेम और सद्भाव से रहते हैं। हिंदूमुसलमान दंगे भी न के बराबर होते हैं। लेखक की इन सब बातों पर उसे विश्वास नहीं हो रहा था। 
4. हामिद खाँ ने खाने का पैसा लेने से इंकार क्यों किया?

उत्तर

हामिद खां ने लेखक को मेहमान माना था। उसे गर्व था कि एक हिन्दू ने उसके होटल का खाना खाया था। इसलिए उसने खाने का पैसा लेने से इंकार किया।

5. मालाबार में हिंदू-मुसलमानों के परस्पर संबंधों को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर

मालाबार में हिंदू-मुसलमान मिलकर रहते हैं,उनमें आपसी दंगे भी नहीं होते हैं। दोनों के धर्मों में कोई भेदभाव नहीं होता है।  बढ़िया खाना खाने के लिए हिंदू भी मुसलमानी होटल में खाने जाते हैं। वहाँ आपसी मेलजोल का माहौल है। मुसलमानों द्वारा भारत में स्थापित पहली मस्जिद भी इसी राज्य के ‘कोडुंगल्लूर’ नामक स्थान पर है।

6. तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन-सा विचार कौंधा? इससे लेखक के स्वभाव की किस विशेषता का परिचय मिलता है?

उत्तर

तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में हामिद खां का विचार कौंधा जिसके होटल में उसने तक्षशिला भ्रमण के दौरान खाना खाया था। इससे लेखक के धार्मिक सहिष्णुता, हमदर्दी जैसे स्वभाव की विशेषता का परिचय मिलता है।

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Chapter Summary –पाठ 5 – हामिद खाँ

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NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 4 – मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय हिंदी

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NCERT Book Solutions For Class 9 Hindi Sanchyan Chapter 4

पृष्ठ संख्या: 34
बोध प्रश्न 


1. लेखक का ऑपरेशन करने से सर्जन क्यों हिचक रहे थे?

उत्तर

लेखक का ऑपरेशन करने से सर्जन इसलिए हिचक रहे थे क्योंकि लेखक को तीन-तीन जबरदस्त हार्ट अटैक आये थे| बिजली के शॉक्स देने के कारण उनका हार्ट केवल चालीस प्रतिशत बचा था और उसमें भी तीन अवरोध थे| इसलिए यह चिंता का विषय था कि ऑपरेशन के बाद कहीं हार्ट रिवाइव ना हो पाए|

2. ‘किताबों वाले कमरे’ में रहने के पीछे लेखक के मन में क्या भावना थी?

उत्तर

लेखक को बचपन से ही किताबें पढ़ने और सहेजने का बहुत शौक था। बचपन से लेखक का किताबों के साथ अटूट जुड़ाव था| उन्हें लगता था कि उनके प्राण किताबों में बसे हैं। पुस्तकों के बीच लेखक खुद को भरा-भरा महसूस करते थे इसलिए वह अपने ‘किताबों वाले कमरे’ में रहना चाहते थे|

3. लेखक के घर कौन-कौन-सी पत्रिकाएँ आती थीं?

उत्तर

लेखक के घर आर्यमित्र साप्ताहिक, वेदोदम, सरस्वती, गृहिणी और दो बाल पत्रिकाएँ ‘बालसखा तथा चमचम’ आती थीं।

4. लेखक को किताबें पढ़ने और सहेजने का शौक कैसे लगा?
उत्तर 
लेखक के घर में नियमित रुप से पत्र-पत्रिकाएँ आती थीं। लेखक के लिए खासतौर पर दो बाल पत्रिकाएँ ‘बालसखा’ और ‘चमचम’ आती थीं जिसमें राजकुमारों, दानवों, परियों आदि की कहानियाँ और रेखाचित्र होते थे। इस कारण लेखक को पत्रिकाएँ पढ़ने का शौक लग गया। इसके अलावा लेखक अन्य किताबें जैसे ‘सरस्वती’ ‘आर्यमित्र’ ‘सत्यार्थ प्रकाश’ का अनुवाद भी पढ़ने की कोशिश करते थे| जब लेखक पाँचवीं कक्षा में प्रथम आये तब उन्हें इनाम के रूप में अंग्रेज़ी की दो पुस्तकें प्राप्त हुईं। उस समय उनके पिताजी ने अपनी अलमारी में जगह बनाकर उन किताबों को सहेजकर रखने की प्रेरणा दी।

5. माँ लेखक की स्कूली पढ़ाई को लेकर क्यों चिंतित रहती थी?

उत्तर

स्कूल की किताबों से ज्यादा लेखक को पत्रिकाएँ पढ़ने में ज्यादा रूचि थी| स्कूल की किताबें पढ़ने में उनका मन कम लगता था। यह देखकर माँ चिंतित रहने लगी थीं। माँ को यह लगने लगा था कि कहीं वह साधु बनकर घर से ना भगा जाए।
6. स्कूल से इनाम में मिली अंग्रेज़ी की दोनों पुस्तकों ने किस प्रकार लेखक के लिए नयी दुनिया के द्वार खोल दिए?

उत्तर

पाँचवीं कक्षा में प्रथम आने पर इनाम के रूप में लेखक को दो अंग्रेज़ी की किताबें मिली थीं। एक में पक्षियों के बारे में जानकारी थी वहीं दूसरे में पानी के जहाज़ों की कहानियाँ थीं। पहली किताब ने लेखक को पक्षियों की जातियों, उनकी बोलियों, उनकी आदतों की जानकारी दी| दूसरी किताब ने उन्हें जहाज़ के प्रकार, उनके द्वारा ढोये जाने वाले माल, उनके आने-जाने का स्थान, नाविकों की ज़िंदगी, विभिन्न तरह के द्वीप, पानी में रहने वाले जीवों से अवगत कराया। इन दोनों पुस्तकों से लेखक को नयी दुनिया के बारे में जानकारियाँ मिलीं। इस प्रकार इनाम में मिले पुस्तकों ने लेखक के लिए नयी दुनिया का द्वार खोल दिया।

7. आज से यह खाना तुम्हारी अपनी किताबों का। यह तुम्हारी लाइब्रेरी है’ − पिता के इस कथन से लेखक को क्या प्रेरणा मिली?

उत्तर

पिताजी के इस कथन ने लेखक के अंदर पुस्तक को सहेजने का शौक पैदा किया| लेखक को पुस्तक पढ़ने में पहले से ही रूचि थी परन्तु अब उन्हें इकट्ठा करने की ललक भी जगी| पिताजी द्वारा दी गयी लाइब्रेरी लेखक की उम्र के साथ बढ़ती चली गयी| अब उनके पास किताबों से भरा एक कमरा था जिसमें उपन्यास, नाटक, कथा संकलन आदि हर तरह की किताबें मौजूद थीं|

8. लेखक द्वारा पहली पुस्तक खरीदने की घटना का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

उत्तर

पिताजी के देहावसान के बाद लेखक के घर का आर्थिक संकट बहुत बढ़ गया था| इस कारण पाठ्यक्रम की पुरानी पुस्तकें खरीद कर पढ़ते थे| इंटरमीडिएट पास करने पर लेखक ने पुरानी किताबें बेचकर बी.ए. की सैकंड-हैंड किताबें बुकशॉप से खरीदीं ली, इसमें उनके पास दो रूपये बच गए। उन दिनों सिनेमाघरों में देवदास फिल्म लगी हुई थी। लेखक को फिल्म देखने बहुत मन था परन्तु माँ को सिनेमा देखना पसंद नहीं था। इसलिए लेखक सिनेमा देखने नहीं गया। लेखक इस फिल्म का एक गाना हमेशा गुनगुनाता रहता था। एक दिन माँ ने लेखक के मुंह से गाना गुनगुनाते सुनकर बोलीं कि वह यह फिल्म देख आये, पैसे वे दे देंगीं| लेखक ने माँ को बताया कि उसके पास किताबें बेचकर दो रुपये बचे हैं| माँ की अनुमति लेकर लेखक सिनेमा देखने चल पड़े| पहला शो छूटने में देरी थी इसलिए लेखक पास में ही परिचित की दुकान पर चक्कर लगा रहे थे तभी उन्हें बुक काउंटर पर देवदास पुस्तक रखी हुई दिखाई दी। पुस्तक-विक्रेता भी उन्हें केवल दस आने में वह पुस्तक देने को तैयार हो गया| लेखक ने डेढ़ रुपये की फिल्म के जगह पुस्तक खरीद ली| घर आकर बचे पैसे माँ को दे दिए। इस प्रकार लेखक ने अपनी पहली पुस्तक खरीदी।

9.  इन कृतियों के बीच अपने को कितना भरा-भरा महसूस करता हूँ’ − का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

किताबों से लेखक का बचपन से गहरा लगाव रहा था जो उम्र के साथ काफी बढ़ गया था| लेखक के पुस्तकालय में विभिन्न लेखकों, चिंतकों एवं कवियों की कृतियाँ मौजूद थीं| उनके उपन्यास, नाटक, कहानी, जीवनियों ने लेखक को दुनिया दिखाई थी| लेखक ने इन ज्ञानियों से ज़िंदगी जीने की कला सीखी थी| वे उन्हें अपना सुख-दुःख का साथी समझते थे| लेखक को किताबें सुखदपूर्ण अनुभव देती थीं| इनके बीच वे अकेला महसूस नहीं करते थे|  इसलिए लेखक ने कहा कि इन कृतियों के बीच अपने को भरा-भरा महसूस करते हैं|

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Chapter Summary –पाठ 4 – मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय

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NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 3 – कल्लू कुम्हार की उनाकोटी हिंदी

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NCERT Book Solutions For Class 9 Hindi Sanchyan Chapter 3

पृष्ठ संख्या: 26
बोध प्रश्न 


1. ‘उनाकोटी’का अर्थ स्पष्ट करते हुए बतलाएँ कि यह स्थान इस नाम से क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर

उनाकोटी का अर्थ है एक करोड़ से एक कम। त्रिपुरा में एक जगह है ‘उनाकोटी’। इसके लिए एक दंतकथा है कि कल्लू नाम के एक कुम्हार ने शिव के साथ रहने की प्रार्थना की। शिव ने शर्त रखी कि यदि एक रात में वह शिव की एक करोड़ मूर्ति बना देगा तो वह शिव- पार्वती के साथ कैलास पर्वत जा सकेगा। कल्लू ने मूर्तिया बनाई परन्तु एक मूर्ति रह गई और सुबह हो गई। कल्लू वहीँ रह गया। तब से इसका नाम उनाकोटी पड़ गया।

2. पाठ के संदर्भ में उनाकोटी में स्थित गंगावतरण की कथा को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर

दंतकथा के अनुसार कहा जाता है कि ऋषि भागीरथ की प्रार्थना पर गंगा को पृथ्वी पर उतारना पड़ा। परन्तु गंगा का वेग इतना तेज़ था कि यदि वह सीधी उतरती तो पृथ्वी इसके वेग से धँस जाती। इसलिए इसको रोकने के लिए शिव को तैयार किया गया कि वह गंगा को अपनी जटाओं पर उतारें ताकि उसका वेग कम हो जाए और वह धीरे-धीरे पृथ्वी पर उतरे। कल्लू कुम्हार का नाम उनाकोटी से किस प्रकार जुड़ गया?

उत्तर

कहा जाता है कि कल्लू कुम्हार के कारण ही इस स्थान का नाम उनाकोटी पड़ा। वह शिवपार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर जाना चाहता था। परन्तु शिव ने एक शर्त रखी कि उसे एक रात में शिव की कोटि (एक करोड़) मूर्तियाँ बनानी होगी। कल्लू कैलाश पर जाने की धुन में मूर्तियाँ बनाने में जुट गया परन्तु जब मूर्तियाँ गिनी गईं तो एक मूर्ति कम थी। शिव को उसे छुड़ाने का बहाना मिल गया तथा कल्लू कुम्हार वहीं रह गया।

4. ‘मेरी रीढ़ में एक झुरझुरीसी दौड़ गई’लेखक के इस कथन के पीछे कौनसी घटना जुड़ी है?

उत्तर

लेखक मनु में शूटिंग करने में व्यस्त था। तभी सी. आर. पी. एफ. के एक आदमी ने बताया कि निचली पहाड़ियों पर, जहाँ दो पत्थर पड़े हैं, वहाँ दो दिन पहले एक जवान को विद्रोहियों ने मार डाला था। उसके इतना कहते ही लेखक को इतना डर लगा जैसे कि उसकी रीढ़ में एक झुरझुरी-सी दौड़ गई।

5. त्रिपुरा ‘बहुधार्मिक समाज’ का उदाहरण कैसे बना?

उत्तर

त्रिपुरा में लगातार बाहरी लोग आते रहे। इससे यह बहुधार्मिक समाज का उदाहरण बना है। यहाँ उन्नीस अनुसूचित जन जातियाँ और विश्व के चार बड़े धर्मों का प्रतिनिधित्व है। यहाँ बौद्ध धर्म भी माना जाता है।

6. टीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय किन दो प्रमुख हस्तियों से हुआ? समाज कल्याण के कार्यों में उनका क्या योगदान था?

उत्तर

टीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय समाज सेविका मंजु ऋषिदास और लोकगायक हेमंत कुमार जमातिया नामक हस्तियों से हुआ। मंजु ऋषिदास नगर पंचायत में अपने वार्ड का प्रतिनिधित्व करती थीं। उन्होंने वार्ड में नल लगवाने, नल का पानी पहुँचाने और गलियों में ईंटें बिछवाने के लिए कार्य किया था।

7. कैलाश नगर के ज़िलाधिकारी ने आलू की खेती के विषय में लेखक को क्या जानकारी दी?

उत्तर

जिलाधिकारी ने आलू की खेती के विषय में बताया कि आलू की बुआई के लिए पारंपरिक आलू के बीजों की ज़रुरत दो मिट्रीक टन प्रति हेक्टेयर होती है जबकि टी. पी. एस. की सिर्फ़ 100 ग्राम मात्रा एक हेक्टेयर होती है। अब त्रिपुरा से टी. पी. एस. का निर्यात पड़ोसी राज्यों और देशों को भी किया जा रहा है।

8. त्रिपुरा के घरेलू उद्योगों पर प्रकाश डालते हुए अपनी जानकारी के कुछ अन्य घरेलू उद्योगों के विषय में बताइए?

उत्तर
त्रिपुरा में अनेकों घरेलू उद्योग चलते हैं; जैसे −अगरबत्ती बनाना, बाँस के खिलौने बनाना, गले में पहनने की मालाएँ बनाना, अगरबत्ती के लिए सीकों को तैयार किया जाता है। यह गुजरात और कर्नाटक भेजी जाती है।

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Chapter Summary –पाठ 3 – कल्लू कुम्हार की उनाकोटी

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NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 2 – स्मृति हिंदी

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NCERT Book Solutions For Class 9 Hindi Sanchyan Chapter 2

पृष्ठ संख्या: 17

बोध प्रश्न 

1. भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था?

उत्तर

भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में पिटने का डर था।

2. मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला क्यों फेंकती थी?

उत्तर

मक्खनपुर पढ़ने जाने के रास्ते में एक सुखा कुआँ था जिसमें साँप गिर गया था। बच्चों की टोली उस साँप की फुसकार सुनने के लिए ढेला फेंकती थी।

3.साँप ने फुसकार मारी या नहींढेला उसे लगा या नहींयह बात अब तक स्मरण नहीं‘ – यह कथन लेखक की किस मनोदशा को स्पष्ट करता है?

उत्तर

उपर्युक्त कथन लेखक बदहवास मनोदशा को स्पष्ट करता है। जिस समय लेखक कुएं में ढेला फेक रहा था उसी वक्त उसके टोपी से चिट्ठियां गिर गयीं। उसे याद नही कि ढेला साँप को लगा या नही, साँप ने फुसकार मारी या नही क्योंकि उस वक्त वह बहुत डर गया था।

4.किन कारणों से लेखक ने चिट्ठियों को कुएँ से निकालने का निर्णय लिया?
उत्तर 
चिट्ठियाँ लेखक के बड़े भाई ने डाकखाने में डालने के लिए दी थी। लेखक अपने बड़े भाई से बहुत डरते थे। कुएँ में चिट्ठियाँ गिरने से उन्हें अपनी पिटाई का डर था और वह झूठ भी नहीं बोल सकता था। इसलिए भी कि उसे अपने डंडे पर भी पूरा भरोसा था। इन्हीं सब कारणों से लेखक ने कुएँ से चिट्ठियाँ निकालने का निर्णय किया।

5. साँप का ध्यान बँटाने के लिए लेखक ने क्याक्या युक्तियाँ अपनाईं?
उत्तर

साँप का ध्यान बँटाने के लिए लेखक ने कई युक्तियाँ अपनाईं। जैसे – साँप के पास पड़ी चिट्ठियों को उठाने के लिए डंडा बढ़ाया, साँप उस पर कूद पड़ा इससे डंडा छूट गया लेकिन इससे साँप का आसन बदल गया और लेखक चिट्ठियाँ उठाने में सफल रहा पर डंडा उठाने के लिए उसने कुएँ की बगल से एक मुट्ठी मिट्टी लेकर साँप के दाई ओर फेंकी कि उसका ध्यान उस ओर चला जाए और दूसरे हाथ से डंडा खींच लिया। डंडा बीच में होने से साँप उस पर वार नहीं कर पाया।

6. कुएँ में उतरकर चिट्ठियों को निकालने संबंधी साहसिक वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर

भाई द्वारा दी गई चिट्ठियाँ लेखक से कुएँ में गिर गई थी और उन्हें उठाना भी ज़रुरी था। लेकिन कुएँ में साँप थाजिसके काटने का डर था। परन्तु लेखक ने कुएँ से चिट्ठियाँ निकालने का निर्णय लिया। उसने अपनी और अपने भाई की धोतियाँ कुछ रस्सी मिलाकर बाँधी और धोती की सहायता से वह कुएँ में उतरा। अभी 4-5गज ऊपर ही था कि साँप फन फैलाए हुए दिखाई दिया। उसने सोचा धोती से लटककर साँप को मारा नहीं जा सकता और डंडा चलाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी। लेखक ने डंडे से चिट्ठियाँ सरकाने का प्रयत्न किया तो साँप डंडे पर लिपट गया। साँप का पिछला हिस्सा लेखक के हाथ को छू गया तो उसने डंडा पटक दिया। उसका पैर भी दीवार से हट गया और धोती से लटक गया। फिर हिम्मत करके उसने कुएँ की मिट्टी साँप के एक ओर फेंकी। डंडे के गिरने और मिट्टी फेंकने से साँप का आसन बदल गया और लेखक चिट्ठियाँ उठाने में सफल रहा। धीरे से डंडा भी उठा लिया और कुएँ से बाहर आ गया। वास्तव में यह एक साहसिक कार्य था।

7.  इस पाठ को पढ़ने के बाद किनकिन बालसुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है?

उत्तर

1. मौसम अच्छा होते ही खेतों में जाकर फल तोड़कर खाना।
2. स्कूल जाते समय रास्ते में शरारतें करना।
3. रास्ते में आए कुएँ, तालाब, पानी से भरे स्थानों पर पत्थर फेंकना, पानी में उछलना।
4. जानवरों को तंग करते हुए चलना।
5. अपने आपको सबसे बहादुर समझना आदि अनेकों बाल सुलभ शरारतों का पता चलता है।
8. मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभीकभी कितनी मिथ्या और उल्टी निकलती हैं‘ का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

मनुष्य अपनी स्थिति का सामना करने के लिए स्वयं ही अनुमान लगाता है और अपने हिसाब से भावी योजनाएँ भी बनाता है। परन्तु ये अनुमान और योजनाएँ पूरी तरह से ठीक उतरे ऐसा नहीं होता। कई बार यह गलत भी हो जाती हैं। जो मनुष्य चाहता है, उसका उल्टा हो जाता है। अत: कल्पना और वास्तविकता में हमेशा अंतर होता है।

9. ‘फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है’ − पाठ के संदर्भ में इस पंक्ति का आश्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर 
लेखक जब कुएँ में उतरा तो वह यह सोचकर उतरा था कि या तो वह चिट्ठियाँ उठाने में सफल होगा या साँप द्वारा काट लिया जाएगा। फल की चिंता किए बिना वह कुएँ में उतर गया और अपने दृढ़ विश्वास से सफल रहा। अत: मनुष्य को कर्म करना चाहिए। फल देने वाला ईश्वर होता है। मनचाहा फल मिले या नहीं यह देने वाले की इच्छा पर निर्भर करता है। लेकिन यह भी कहा जाता है, जो दृढ़ विश्वास व निश्चय रखते हैं, ईश्वर उनका साथ देता है।

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Chapter Summary –पाठ 2 – स्मृति हिंदी

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NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 1 – गिल्लू हिंदी

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NCERT Book Solutions For Class 9 Hindi Sanchyan Chapter 1

पृष्ठ संख्या: 6
बोध प्रश्न 


1. सोन जूही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?

उत्तर

सोनजुही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका के मन में छोटे से जीव गिलहरी की याद आ गई, जिसे वह गिल्लू कहती थीं।

2. पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?

उत्तर

कौए को समादरित इसलिए कहा गया है क्योंकि वह छत पर बैठकर अपनी आवाज़ से प्रियजनों के आने की सुचना देता है। पितृपक्ष में लोग इसे आदर से बुलाकर भोजन देते हैं। इसे अनादरित इसलिए कहा गया है क्योंकि इसकी आवाज़ बहुत कड़वी होती है।

3. गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?

उत्तर
लेखिका गिलहरी के घायल बच्चे को उठाकर अपने कमरे में ले आई उसका घाव रुई से पोंछा उस पर पेंसिलिन दवा लगाई फिर उसके मुँह में दूध डालने की कोशिश की परन्तु उसका मुँह खुल नहीं सका। कई घंटे के उपचार के बाद उसने एक बूँद पानी पिया। तीन दिन के बाद उसने आँखे खोली और धीरे-धीरे स्वस्थ हुआ।

पृष्ठ संख्या: 7

4. लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?

उत्तर

लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू उनके पैरों के पास आकर खेलता फिर सर्र से पर्दे पर चढ़ जाता फिर उसी तेज़ी से उतरता। वह इसी तरह भाग दौड़ करता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए उठ न जाती।

5.  गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?

उत्तर

बाहर की गिलहरियाँ खिड़की के जाली के पास बैठ कर चिक् चिक् करती। उन्हें देखकर गिल्लू उनके पास आकर बैठ जाता उसको इस तरह बाहर निहारते हुए देखकर लेखिका ने इसे मुक्त करना आवश्यक समझा। लेखिका ने खिड़की की जाली का एक कोना खोल दिया जिससे गिल्लू बाहर आ जा सके।

6. गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?

उत्तर

लेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू उनके सिराहने बैठ जाता और नन्हें पंजों से उनके बालों को सहलाता रहता। इस प्रकार वह सच्चे अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था।

7. गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?

उत्तर

गिल्लू ने दिन भर कुछ भी नहीं खाया न बाहर गया अंत समय की मुश्किल के बाद भी वह झूले से उतरकर लेखिका के बिस्तर पर आ गया और अपने ठंडे पंजों से उँगली पकड़कर हाथ से चिपक गयाजिसे पहले उसने घायल अवस्था में पकड़ा था। इन्हीं चेष्टाओं से आभास मिलने लगा कि अब उसका अंत समय समीप है।

8. प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया‘ −का आश्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

इस कथन का आशय यह है कि सुबह होते होते गिल्लू की मृत्यु हो गई और वह हमेशा के लिए सो गया ताकि वह कहीं और जन्म लेकर नए जीवन को पा सके।

9. सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?

उत्तर

सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि बनाई गई क्योंकि यह लता गिल्लू को बहुत पसंद थी और साथ ही लेखिका को विश्वास था कि इस छोटे से जीव को इस बेल पर लगे फूल के रुप में देखेगी। जुही में जब पीले फूल लगेंगे तो लेखिका के समक्ष गिल्लू की स्मृति साकार हो जाएगी। इससे उन्हे संतोष मिलेगा।

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Chapter Summary –पाठ 1 – गिल्लू हिंदी

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