Chapter-3 दो वरदान Summary Class 6th | Hindi Bal Ram Katha| NCERT Solutions| Edugrown

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

Chapter-3 दो वरदान Summary Class 6th | Hindi Bal Ram Katha

पाठ का सार

अयोध्या लौटने के बाद राजा दशरथ के मन में राम का राज्यभिषेक करने की इच्छा बची हुई थी। दशरथ उन्हें युवराज का पद देना चाहते थे इसीलिए उन्होंने राम को राज-काज में शामिल करना शुरू कर दिया था। प्रजा भी उनको चाहती थी। राजा दशरथ वृद्ध हो चुके थे। मुनि वशिष्ट से विचार विमर्श करने के बाद उन्होंने राम का राज्याभिषेक करने का निश्चय किया। दरबार में बैठे सभी व्यक्तियों ने राजा के इस फैसले का स्वागत किया और यह खबर पूरे राज्य में आग की तरह फैल गई।

अगले दिन सुबह राम का राज्याभिषेक होना था। परंतु जब यह बात रानी केकई की दासी मंथरा को पता चली तो वह जल-भूल गई। राम का राज्याभिषेक उसे एक षड्यंत्र लगा। उस समय भरत और शत्रुघ्न भी अयोध्या में नहीं थे वह अपने नाना केकयराज के यहां गए हुए थे और उन्हें यह भी नहीं पता था कि राम का राज्याभिषेक होने वाला है। मंथरा ने केकई को राम का राज्याभिषेक ना होने के लिए उकसाया।

मंथरा ने रानी केकई से कहा कि तुम राजा दशरथ से अपने दो वचन मांग लो जो राजा दशरथ ने तुम्हें युद्ध के समय दिए थे। तो रानी केकई ने ऐसा ही किया उसने पहले वचन के रूप में राम को 14 वर्ष का वनवास और दूसरे वचन के रूप में भरत का राज्यभिषेक मांगा। यह सुनकर राजा दशरथ के होश उड़ गए । वह रानी केकई से ऐसा करने से मना करते रहे। फिर केकई ने कहा कि अपने वचन से पीछे पीछे हटना रघुकुल का अनादर है। और अगर आपने ऐसा नहीं किया तो मैं विष पीकर अपनी जान दे दूंगी। यह सुनकर दशरथ बेहोश होकर गिर पड़े और रात को जब कभी उन्हें होश आता तो वह दोबारा से केकई को समझाते गिड़गिड़ाते, पर केकई नहीं मानी।

 
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Chapter-2 जंगल और जनकपुर Summary Class 6th | Hindi Bal Ram Katha| NCERT Solutions| Edugrown

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

Chapter-2 जंगल और जनकपुर Summary Class 6th | Hindi Bal Ram Katha

पाठ का सार

महर्षि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को लेकर राज महल से निकल चुके थे। वे आगे बढ़ रहे थे उन्होंने सरयू नदी को पार करते हुए उसके किनारे चलते गए। राम और लक्ष्मण उनके पीछे पीछे चल रहे थे अयोध्या बहुत पीछे छूट चुका था। अचानक महर्षि रुके और उन्होंने आसमान पर दृष्टि डाली जहां पर चिड़ियों के झुंड थे चरवाहे लौट रहे थे। महर्षि ने आज रात वहीं रुकने का फैसला किया।उन्होंने वहां पर राम और लक्ष्मण को बला – अतिबला नाम की विद्या सिखाई। पत्तों और तिनको के बिस्तर पर रात उन्होंने वही व्यतीत की।
सुबह होते ही वे दोबारा चल पड़े सरयू नदी के किनारे-किनारे और एक ऐसे स्थान पर पहुंच गए जहां पर दो नदियां आपस में मिलती थी। दूसरी नदी गंगा थी।

महर्षि अब भी आगे चल रहे थे और वे उनके पीछे चल रहे थे उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुन रहे थे। आगे उन्हें जंगलों से होकर जाना था जो यात्रा कठिन थी। अब उन्हें नदी पार करनी थी लेकिन अंधेरा हो चुका था इसलिए उन्होंने रात यही गुजारने का निश्चय किया और अगली सुबह उन्होंने नाव से गंगा नदी पार की। नदी पार करके आगे जंगल था और जंगल में असली खतरा ताड़का राक्षसी से था। ताड़का के डर से जंगल में कोई नहीं आता था। महर्षि की आज्ञा पाकर राम ने धनुष की प्रत्यंचा खींच दी। उसकी आवाज सुनकर ताड़का राक्षसी क्रोधित हो गई उसके बाद राम और लक्ष्मण ने उन पर तीरो की बौछार कर दी और राम जी का एक तीर उसके हृदय में जा लगा जिससे उसकी मृत्यु हो गई। ताड़का राक्षसी की मृत्यु से विश्वामित्र बहुत प्रसन्न हुए उन्होंने राजकुमारों को सौ तरह के नए अस्त्र-शस्त्र दिए । उनको उपयोग करने की विधि बताई और उनका महत्व समझाया। अब रात हो चुकी थी इसीलिए तीनों ने रात वहीं ताड़का वन में व्यतीत की।

सिद्धाश्रम पहुंचने के लिए वे थोड़ी दूर और चले।आश्रम पहुंचने पर आश्रम वासियों ने उनका स्वागत किया और वहां पर खुशी की लहर दौड़ उठी। विश्वामित्र ने आश्रम की रक्षा का कार्यभार राजकुमारों को सौंप दिया और खुद यज्ञ की तैयारी में लग गए। 5 दिनों तक सब ठीक चला लेकिन यज्ञ के अंतिम दिन में वहां पर सुबाहू और मारीच नामक राक्षसों के दल ने आश्रम पर आक्रमण कर दिया। वे अपनी मां ताड़का की मृत्यु का बदला लेने आए थे।

राम ने राक्षसों पर बाणों की बौछार कर दी और सभी राक्षसों को मार भगाया। यज्ञ समाप्त होने के बाद वे तीनों मिथिला की तरफ चल दिए। मिथिला में राजा जनक ने उनका भव्य स्वागत किया। विश्वामित्र ने उन्हें बताया कि मैं इन राजकुमारों को आपका शिव धनुष दिखाने लाया हूं। शिव धनुष को लोहे की पेटी में रखकर लाया गया। उस पेटी में 8 पहिए लगे हुए थे और उस धनुष को उठाना लगभग असंभव था। राजा जनक ने यह प्रतिज्ञा ली थी कि जो इस धनुष को उठाकर इस पर प्रत्यंचा चलाएगा उससे वह अपनी पुत्री सीता का विवाह करेंगे। बहुत सारे योद्धाओं ने शिव धनुष को उठाने की कोशिश की लेकिन वे असफल रहे । महर्षि की आज्ञा पाकर राम ने शिव धनुष उठा लिया और जब उस पर प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो उस दबाव में वह धनुष टूट गया। उसके बाद बरात के लिए अयोध्या में निमंत्रण भेजा गया। 5 दिनों के बाद बारात मिथिला पहुंच गई।और वहां पर श्री राम का विवाह सीता से संपन्न हुआ उसके बाद लक्ष्मण का विवाह उर्मिला से भरत का विवाह मांडवी से और शत्रुघ्न का विवाह श्रुत्कीर्ति से हुआ। बारात कुछ दिनों तक मिथिला में रुकने के बाद अयोध्या वापस लौट आई।

 
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Chapter-1 अवधपुरी में राम Summary Class 6th | Hindi Bal Ram Katha| NCERT Solutions| Edugrown

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

Chapter-1 अवधपुरी में राम Summary Class 6th | Hindi Bal Ram Katha

पाठ का सार

इस पाठ में अवध का वर्णन किया गया है। अवध में अयोध्या नगर का वर्णन किया गया है जो सरयू नदी के किनारे स्थित है। अयोध्या के राजा दशरथ थे। राजा दशरथ एक कुशल और न्याय प्रिय शासक थे। उन्हें रघु के वंशज या रघुकुल के उत्तराधिकारी भी कहा गया है। राजा दशरथ के पास किसी चीज की कमी नहीं थी उनकी तीन रानियां थी – कौशल्या, सुमित्रा और केकई। परंतु उनकी एक भी संतान नहीं थी। इसी कारण राजा दशरथ चिंतित थे।जब उन्होंने अपनी यह समस्या वशिष्ठ मुनि को बताई तो उन्होंने राजा दशरथ से पुत्रेष्टि यज्ञ करने की सलाह दी।

पुत्रेष्टि यज्ञ करने के लिए राजा दशरथ ने सरयू नदी के किनारे एक यज्ञशाला बनवाई। यज्ञ में सब ने आहुति डाली और अंतिम आहुति राजा दशरथ की थी। यज्ञ पूरा होने के बाद अग्नि देवता ने महाराज दशरथ को आशीर्वाद दिया। कुछ समय बाद महारानी कौशल्या ने राम को जन्म दिया। राम का जन्म चेत्र महा की नवमी के दिन हुआ था। रानी सुमित्रा के दो पुत्र हुए- लक्ष्मण और शत्रुघ्न। रानी केकई के पुत्र का नाम भरत रखा गया। चारों राजकुमार एक साथ खेलते थे वे धीरे-धीरे बड़े हुए।

राजा दशरथ को राम सबसे अधिक प्रिय थे। कुछ वर्षों पश्चात राजकुमार विवाह योग्य हुए। एक दिन राज महल में राजकुमारों के विवाह की चर्चा चल रही थी कि तभी एक द्वारा पाल घबराया हुआ अंदर आया। उसने बताया कि महर्षि विश्वामित्र पधारे हैं। विश्वामित्र कभी स्वयं एक बड़े और बलशाली राजा थे। बाद में उन्होंने राजपाट त्याग कर सन्यास ग्रहण कर लिया। जंगल में चले गए थे और वही अपना आश्रम बनाया। राजा दशरथ ने महर्षि विश्वामित्र का स्वागत सत्कार किया और उनसे पूछा कि मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं? विश्वामित्र ने उन्हें बताया कि वे एक यज्ञ कर रहे थे और दो राक्षसों ने उनके यज्ञ में बाधा डाल दी। वे उन राक्षसों के वध के लिए राम को ले जाने आए हैं। राजा दशरथ ने कहा कि मेरा राम तो अभी 16 बरस का है वह राक्षसों से कैसे लड़ेगा। इस पर महर्षि ने कहा कि आप रघुकुल की रीति तोड़ रहे हैं राजन। बाद में मुनि वशिष्ठ ने दशरथ को समझाया और उन्हें राम को भेजने के लिए मना लिया। इस पर दशरथ ने मुनि वशिष्ठ की बात मान ली। पर उन्होंने राम को अकेले भेजने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि राम के साथ लक्ष्मण भी जाएगा। दोनों राजकुमार विश्वामित्र के साथ जंगल की ओर चल दिए। इस बात की सूचना राम की माता कौशल्या को भी दे दी गई कि राम और लक्ष्मण महर्षि विश्वामित्र के साथ जंगल जा रहे हैं ।

 
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Chapter -17 साँस-साँस में बाँस | NCERT Hindi Solutions | EDUGROWN

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi वसंत, भाग 1

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 17 साँस-साँस में बाँस

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

निबंध से

प्रश्न 1.
बाँस को बूढ़ा कब कहा जा सकता है? युवा बाँस में कौन सी विशेषता होती है जो बूढ़े बाँस में नहीं पाई जाती?
उत्तर-
तीन साल और उससे अधिक उम्र वाले बाँस को बूढ़ा कहा जाता है। बूढ़े बाँस सख्त होते हैं और टूट भी जाते हैं। युवा बाँस मुलायम होते हैं। उसे सामान बनाने के लिए किसी भी तरह मोड़ा जा सकता है।

प्रश्न 2.
बाँस से बनाई जाने वाली चीजों में सबसे आश्चर्यजनक चीज़ तुम्हें कौन सी लगी और क्यों?
उत्तर-
बाँस से बनाई जाने वाली चीजों में सबसे आश्चर्यजनक मुझे जो चीज़ लगी है वह है मछली पकड़ने वाला जाल ‘जकाई’ इसकी बुनावट बहुत कठिन है, लेकिन इससे मछलियाँ जिस तरह फँसाई जाती हैं, वह भी बहुत आश्चर्यजनक है।

प्रश्न 3.
बाँस की बुनाई मानव के इतिहास में कब आरंभ हुई होगी?
उत्तर-
बाँस की बुनाई मानव के इतिहास में तब आरंभ हुई होगी, जब से इंसान ने हाथ से कलात्मक चीजें बनानी आरंभ की और जब मानव घूम-घूम कर भोजन एकत्र किया करता था। भोजन के लिए उसे एक डलियानुमा वस्तु की जरूरत पड़ी होगी। तभी उसने बाँस की बुनाई से डलिया बनाई होगी। बाद में वह कलात्मक वस्तुएँ बनाने लगा होगा।

प्रश्न 4.
बाँस के विभिन्न उपयोगों से संबंधित जानकारी देश के किस भू-भाग के संदर्भ में दी गई है? एटलस में देखो।
उत्तर-
बाँस भारत के कई भागों में बहुतायत में होता है। मुख्यतः उत्तर-पूर्वी सात राज्यों में। ये राज्य हैं- अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा। इन राज्यों का पता छात्र स्वयं एटलस में कर सकते हैं।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
बाँस के कई उपयोग इस पाठ में बताए गए हैं लेकिन बाँस के उपयोग का दायरा बहुत बड़ा है। नीचे दिए गए शब्दों की मदद से तुम इस दायरे को पहचान सकते हो-

  1. संगीत
  2. मच्छर
  3. फर्नीचर
  4. प्रकाशन
  5. एक नया संदर्भ

उत्तर-

  1. संगीत- बाँस से संगीत के लिए बाँसुरी एवं शहनाई बनायी जाती है।
  2. मच्छर- मच्छरदानी लगाने के लिए भी बाँसों की आवश्यकता होती है।
  3. फ़र्नीचर- बाँस से फ़र्नीचर बनाया जाता है।
  4. प्रकाशन- प्रकाशन के लिए बाँस से कागज बनाया जाता है।
  5. एक नया संदर्भ- बाँस से खिलौने, बरतन, मकान, अचार भी बनाया जाता है।

प्रश्न 2.
इस लेख में दैनिक उपयोग की चीजें बनाने के लिए बाँस का उल्लेख प्राकृतिक संसाधन के रूप में हुआ है। नीचे दिए गए प्राकृतिक संसाधनों से दैनिक उपयोग की कौन-कौन सी चीजें बनाई जाती हैं-
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 17 साँस-साँस में बाँस Q2
इनमें से किन्हीं दो प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए कोई एक चीज़ बनाने का तरीका अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर-

  • चमड़ा- जूता, बैग, पर्स, बेल्ट एवं बहुमूल्य वस्तुओं की कवर।
  • घास के तिनके- चटाई, खिलौना, टोकरी इत्यादि।
  • पेड़ की छाल- कागज़, अगरबत्ती, वस्त्र इत्यादि।
  • मिट्टी- बरतन, मकान, खिलौना, गुल्लक इत्यादि।
  • गोबर- उपले, घर की लिपाई-पुताई, खाद इत्यादि।

चमड़े को काटकर और घिसकर पर्स तथा थैले बनाए जा सकते हैं। हमें चमड़े को सही आकार में काटना तथा रँगना आना चाहिए।

प्रश्न 3.
जिन जगहों की साँस में बाँस बसा है, अखबार और टेलीविज़न के ज़रिए उन जगहों की कैसी तसवीर तुम्हारे मन में बनती है?
उत्तर-
‘साँस में बाँस होने’ का अर्थ है-बाँस पर पूरी तरह निर्भर होना। हम बाँस उगने व चीजें बनाने वाली जगहों की तसवीरें अखबार और टेलीविज़न में देखते हैं। उनके इलाकों में चारों तरफ़ बाँस के झुरमुट या झाड़ियाँ नज़र आती हैं। लोग बाँस के बने घरों में रहते हैं, बाँस की बनी टोपियाँ पहनते हैं। उनके फ़र्नीचर, बरतन, औज़ार और कुछ खाद्य पदार्थ भी बाँस के बने होते हैं। बाँस पर उनका व्यवसाय चलता है। बाँस की बनी सामग्री वे बाज़ार में बेचते हैं, जैसे-टोकरी, जाल, चटाई, खिलौने आदि। उनके घरों के आसपास बाँस की खपच्चियाँ बिखरी दिखाई देती हैं। वे अधिकतर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बाँस पर निर्भर रहते हैं।

अनुमान और कल्पना

इस पाठ में कई हिस्से हैं जहाँ किसी काम को करने का तरीका समझाया गया है; जैसेछोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है या फिर धीरे-धीरे चलते हुए खींचा जाता है। बाँस की खपच्चियों को इस तरह बाँधा जाता है कि वे शंकु का आकार ले लें। इस शंकु का ऊपरी सिरा अंडाकार होता है। निचले नुकीले सिरे पर खपच्चियाँ एक-दूसरे में गॅथी हुई होती हैं।
इस वर्णन को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अनुमान लगाकर दो। यदि अंदाज लगाने में दिक्कत हो तो आपस में बातचीत करके सोचो-
प्रश्न
(क) बाँस से बनाए गए शंकु के आकार का जाल छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है?
(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है तो नीचे का हिस्सा कैसा दिखाई देता है?


(ग) इस जाल से मछली पकड़ने वालों को धीरे-धीरे क्यों चलना पड़ता है?
उत्तर-
(क) शंकु के आकार वाले अर्थात् बड़े मुँह वाले जाल में अधिक मछलियाँ आ जाती हैं इसलिए बॉस से बनाए गए शंकु के आकार के जाल का उपयोग किया जाता है।
(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है और नीचे का हिस्सा बड़ी परिधिवाला वृत्ताकार दिखाई देता है।
(ग) जाल में मछलियों की संख्या बहुत होती है मछलियों के भार से जाल टूट जाने का डर रहता है इसलिए इस जाल से मछलियों को पकड़ने वालों को धीरे-धीरे चलना पड़ता है। तेज चलने से मछलियाँ जाल में टकराएँगी और वे वापस जलस्रोत की ओर जा सकती हैं।

शब्दों पर गौर

हाथों की कलाकारी घनघोर बारिश बुनाई का सफ़र आड़ा-तिरछा डलियानुमा कहे मुताबिक
इन वाक्यांशों का वाक्यों में प्रयोग करो-
उत्तर-

  • हाथों की कलाकारी – बाँस से ज़्यादातर वस्तुओं का निर्माण हाथों की कलाकारी से ही संभव होता है।
  • घनघोर बारिश – आज यहाँ सवेरे से घनघोर बारिश हो रही है।
  • बुनाई का सफ़र – बाँसों की बुनाई का सफ़र आदिमानव काल से चली आ रही है।
  • आड़ा-तिरछा – बाँसों को आड़ा-तिरछा आकार देकर ही अलग-अलग वस्तुओं का निर्माण होता है।
  • डलियानुमा – यह डलियानुमा टोकरी काफ़ी उपयोगी है।
  • कहे मुताबिक – आपके कहे मुताबिक मैंने अपना गृहकार्य स्वयं कर लिया।

व्याकरण

प्रश्न 1.
‘बनावट’ शब्द ‘बुन’ क्रिया में ‘आवट’ प्रत्यय जोड़ने से बनता है। इसी प्रकार नुकीला, दबाव, घिसाई भी मूल शब्द में विभिन्न प्रत्यय जोड़ने से बने हैं। इन चारों शब्दों में प्रत्ययों को पहचानो और उनसे तीन-तीन शब्द और बनाओ। इन शब्दों का वाक्यों में भी प्रयोग करो-
बुनावट
नुकीला
दबाव
घिसाई
उत्तर-
बुने + ओवट = बुनावट (प्रत्यय = आवट)

  • लिखावट- नेहा की लिखावट अच्छी है।
  • सजावट- तुम्हारे घर की सजावट बहुत अच्छी है।
  • रुकावट- रास्ते में रुकावट है।

नुकीला (प्रत्यय-ईला)

  • बरफ़ीला- केदारनाथ काफ़ी बरफ़ीला इलाका है।
  • जहरीला- जहरीला भोजन मत करो।
  • पथरीला- यह रास्ता पथरीला है।
  • चमकीला- उसका कमीज़ काफ़ी चमकीला है।

दबाव (दब + आव) = (प्रत्यर्य-आव)

  • बहाव- नदी के पानी का बहाव तेज है।
  • ठहराव- उसके जीवन में ठहराव आ गया है।
  • जमाव- बारिश के पानी की जमाव देखने लायक है।

पिसाई पिस + आई = (प्रत्यय आई)

  • धुनाई- पुलिस ने चोर की अच्छी धुनाई की।
  • सफ़ाई- साफ़-सफ़ाई से घर सुंदर लगता है।
  • पिसाई- गेहूँ की पिसाई करो।

प्रश्न 2.
नीचे पाठ से कुछ वाक्य दिए गए हैं-

  1. वहाँ बाँस की चीजें बनाने का चलन भी खूब है।
  2. हम यहाँ बाँस की एक-दो चीज़ों को ही जिक्र कर पाए हैं।
  3. मसलन आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है।
  4. खपच्चियों से तरह-तरह की टोपियाँ भी बनाई जाती हैं।
    रेखांकित शब्दों को ध्यान में रखते हुए इन बातों को अलग ढंग से लिखो।

उत्तर-

  1. वहाँ बाँस की चीजें बनाने की परंपरा भी खूब है।
  2. हम यहाँ बाँस की एक-दो चीज़ों की ही चर्चा कर पाए हैं।
  3. उदाहरण के लिए आसन जैसी छोटी-चीजें बनाने के लिए बाँस को हर एक गाँठ से काटा जाता है।
  4. खपच्चियों से कई प्रकार की टोपियाँ भी बनाई जाती है।

प्रश्न 3.
तर्जनी हाथ की किस उँगली को कहते हैं? बाकी उँगलियों को क्या कहते हैं? सभी उँगलियों के नाम अपनी भाषा में में पता करो और कक्षा में अपने साथियों और शिक्षक को बताओ।
उत्तर-
तर्जनी हाथ के अँगूठे के साथ वाली उँगली को कहते हैं? बाकी उँगलियों को मध्यमा, अनामिका, कनिष्का, अंगुष्ठा कहते हैं।

प्रश्न 4.
अंगुष्ठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा, ये पाँच उँगलियों के नाम हैं। इन्हें पहचानकर सही क्रम में लिखो।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

(क) भारत में बाँस किस प्रांत में अधिक पाया जाता है?
(i) नागालैंड
(ii) असम
(iii) मणिपुर व त्रिपुरा
(iv) उपर्युक्त सभी

(ख) बाँस इकट्ठा करने का मौसम कौन-सा है?
(i) जनवरी से मार्च
(ii) जुलाई से अक्टूबर
(iii) नवंबर एवं दिसंबर
(iv) अप्रैल से जून

(ग) बूढ़ा बाँस कैसा होता है?
(i) नरम
(ii) कमजोर
(iii) सख्त
(iv) लचीला

(घ) चंगकीचंगलनबा थे?
(i) वैज्ञानिक
(ii) लेखक
(iii) जादूगर
(iv) कारीगर

(ङ) ‘साँस-साँस में बाँस’ पाठ में किस राज्य की बात की जा रही है?
(i) मणिपुर
(ii) त्रिपुरा
(iii) असम
(iv) नागालैंड

उत्तर

(क) (iv)
(ख) (ii)
(ग) (iii)
(घ) (iii)
(ङ) (iv)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत में बाँस कहाँ-कहाँ बहुतायत से पाया जाता है?
उत्तर-
बाँस भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सातों राज्यों-अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम व त्रिपुरा में बहुतायत से पाया जाता है। वहाँ के लोग बाँस का भरपूर उपयोग करते हैं। यह वहाँ के लोगों के पालन-पोषण का बहुत बड़ा साधन है।

प्रश्न 2.
बाँस से क्या-क्या चीजें बनाई जाती हैं?
उत्तर-
बाँस से चटाइयाँ, टोकरियाँ, बरतन, बैलगाड़ियाँ, फ़र्नीचर, खिलौने, सजावटी सामान, जाल, मकान, पुल आदि चीजें बनाई जाती हैं?

प्रश्न 3.
खपच्चियाँ बनाने के लिए किस प्रकार के बाँसों की आवश्यकता होती है?
उत्तर-
खपच्चियाँ ऐसे बाँसों से बनायी जाती हैं जो सख्त न हों, क्योंकि सख्त बाँस टूट जाते हैं। बूढ़े बाँस सख्त होते हैं। एक से तीन वर्ष की उम्र वाले बाँस लचीले होते हैं। ऐसे बाँस खपच्चियाँ बनाने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।

प्रश्न 4.
बूढ़े बाँस की क्या पहचान है?
उत्तर-
तीन साल से अधिक आयु का बाँस बूढ़ा माना जाता है। बूढ़ा बाँस सख्त होता है जिसके कारण बहुत जल्दी टूट जाता है।

लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
जादूगर चंगकीचंगलनबा की कब्र के साथ क्या किस्सा जुड़ा है?
उत्तर-
एक जादूगर थे-चंगकीचंगलनबा। अपने जीवन में उन्होंने कई बड़े-बड़े करतब दिखलाए। जब वे मरने को हुए तो लोगों से बोले, मुझे दफ़नाए जाने के छठे दिन मेरी कब्र खोदकर देखोगे तो कुछ नया-सा पाओगे। कहा जाता है कहे मुताबिक मौत के छठे दिन उनकी कब्र खोदी गई और उसमें से निकले बाँस की टोकरियों के कई सारे डिज़ाइन। लोगों ने उन्हें देखा, पहले उनकी नकल की और फिर नई डिज़ाइने भी बनाई।

प्रश्न 2.
बाँस की बुनाई कैसे होती है?
उत्तर-
बाँस की बुनाई वैसी ही होती है जैसे कोई और बुनाई। पहले खपच्चियों को आड़ा-तिरछा रखा जाता है, फिर बाने को। बारी-बारी से ताने से ऊपर-नीचे किया जाता है। इससे चेक का डिजाइन बनता है। पलंग की निवाड़ की बुनाई की तरह। टोकरी के सिरे पर खपच्चियों को या तो चोटी की तरह गूंथ लिया जाता है या फिर कटे सिरों को नीचे की ओर मोड़कर फँसा दिया जाता है।

प्रश्न 3.
खपच्चियों को किस प्रकार से रंगा जाता है?
उत्तर-
खपच्चियों को गुड़हल के फूलों व इमली की पत्तियों आदि के रस से रंगा जाता है। काले रंग के लिए खपच्चियों को आम की छाल में लपेटकर मिट्टी में दबाकर रखा जाता है।

प्रश्न 4.
किस मौसम में लोगों के पास खाली वक्त होता है? ऐसे मौसम में वे क्या करते हैं?
उत्तर-
जुलाई से अक्टूबर के महीनों में खूब वर्षा होती है। बारिश के इस मौसम में लोगों के पास बहुत खाली समय होता है। इस समय में लोग जंगलों में बाँस इकट्ठा कर सकते हैं।

प्रश्न 5.
खपच्चियों को तैयार करने में किस बात का ध्यान रखा जाता है?
उत्तर-
खपच्चियों के लिए ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिनमें गाँठ-गाँठ दूर-दूर होती है। दाओ यानी चौड़े चाँद जैसी फाल वाले चाकू से इन्हें छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैं। खपच्चियों की लंबाई पहले से ही तय कर ली जाती है; जैसे-आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है। येकरी बनाने के लिए लगभग दो या तीन गठानों वाली लंबी खपच्चियाँ काटी जाती हैं। यह इस बात पर निर्भर करती है कि टोकरी की लंबाई कितनी है।

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Chapter -16 वन के मार्ग में | NCERT Hindi Solutions | EDUGROWN

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi वसंत, भाग 1

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 16 वन के मार्ग में

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

सवैया से

प्रश्न 1.
नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीता की क्या दशा हुई?
उत्तर-
नगर से बाहर निकलकर दो पग अर्थात थोड़ी दूर चलने के बाद सीता जी के माथे पर पसीने की बूंदें झलकने लगीं। उनके कोमल ओठ सूख गए। वे शीघ्र ही थक गईं।

प्रश्न 2.
‘अब और कितनी दूर चलना है, पर्नकुटी कहाँ बनाइएगा’-किसने, किससे पूछा और क्यों ?
उत्तर-
‘अब और कितना दूर चलना है, पर्नकुटी कहाँ बनाइएगा’ ये शब्द सीता जी ने श्रीराम से पूछे क्योंकि वे बहुत अधिक थक गई थीं।

प्रश्न 3.
राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की?
उत्तर-
राम ने जब देखा कि सीता थक चुकी हैं, तो वह देर तक बैठकर पैरों से काँटे निकालने का अभिनय करते रहे, जिससे सीता को कुछ देर आराम करने का मौका मिल जाए और उनकी थकान कम हो जाए।

प्रश्न 4.
दोनों सवैयों के प्रसंगों में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर-
पहले सवैये में वन जाते समय सीता जी की व्याकुलता एवं थकान का वर्णन है। वे अपने गंतव्य के बारे में जानना चाहती हैं। पत्नी सीता की ऐसी बेहाल अवस्था देखकर रामचंद्र जी भी दुखी हो जाते हैं। जब सीता नगर से बाहर कदम रखती हैं तो कुछ दूर जाने के बाद काफ़ी थक जाती हैं। उन्हें पसीना आने लगता है और होंठ सूखने लगते हैं। वे व्याकुलता से श्रीराम से पूछती हैं कि अभी और कितना चलना है तथा पर्णकुटी कहाँ बनाना है? इस तरह सीता जी की व्याकुलता को देखकर श्रीराम की आँखों में आँसू आ जाते हैं। दूसरे सवैये में श्रीराम और सीता की दशा का मार्मिक चित्रण है। इस प्रसंग में श्रीराम व सीता जी के प्रेम को दर्शाते हुए कहा गया है कि कैसे श्रीराम सीता के थक जाने पर अपने पैरों के काँटे निकालते हैं और सीता जी श्रीराम का अपने प्रति प्रेम देखकर पुलकित हो जाती हैं।

प्रश्न 5.
पाठ के आधार पर वन के मार्ग का वर्णन अपने शब्दों में करो।
उत्तर-
वन का मार्ग अत्यंत कठिन था। यह मार्ग काँटों से भरा था। उस पर बहुत सँभलकर चलना पड़ रहा था। रहने के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं था। रास्ते में खाने की वस्तुएँ नहीं थीं। पानी मिलना भी कठिन था। चारों तरफ सुनसान तथा असुरक्षा का वातावरण था।

अनुमान और कल्पना

गरमी के दिनों में कच्ची सड़क की तपती धूल में नंगे पाँव चलने पर पाँव जलते हैं। ऐसी स्थिति में पेड़ की छाया में खड़ा होने और पाँव धो लेने पर बड़ी राहत मिलती है। ठीक वैसे ही जैसे प्यास लगने पर पानी मिल जाए और भूख लगने पर भोजन। तुम्हें भी किसी वस्तु की आवश्यकता हुई होगी और कुछ समय बाद पूरी हो गई होगी। तुम सोचकर लिखो कि आवश्यकता पूरी होने के पहले तक तुम्हारे मन की दशा कैसी थी?
उत्तर-
किसी वस्तु की आवश्यकता पूरी होने से पहले मन उसके लिए बेचैन तथा व्याकुल रहता है। हम बार-बार उस वस्तु के विषय में सोचते रहते हैं तथा उसे पाने के अनेक प्रयास करते हैं। किसी दूसरे काम में मन नहीं लगता।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
लखि-देखकर।
धरि-रखकर।
पोंछि-पोछकर।
जानि-जानकर।
ऊपर लिखे शब्दों और उनके अर्थ को ध्यान से देखो। हिंदी में जिस उद्देश्य के लिए हम क्रिया में ‘कर’ जोड़ते हैं,
उसी के लिए अवधी में क्रिया में f (इ) को जोड़ा जाता है, जैसे-अवधी में बैठ + 1 = बैठि हिंदी में बैठ + कर = बैठकर। तुम्हारी भाषा या बोली में क्या होता है? अपनी भाषा के ऐसे छह शब्द लिखो। उन्हें ध्यान से देखो और कक्षा में बताओ।
उत्तर-
मेरी भाषा हिंदी खड़ी बोली है पर भोजपुरी में निम्नलिखित उद्देश्य के लिए अलग क्रिया के साथ ‘के’ का प्रयोग करते हैं जैसे

  1. देखकर  –  ताक के
  2. बैठकर  –  बइठ के।
  3. रुककर  –  ठहर के।
  4. सोकर  –  सुत के
  5. खाकर  –  खा के।
  6. पढ़कर  –  पढ़ के।

प्रश्न 2.
“मिट्टी का गहरा अंधकार, डूबा है उसमें एक बीज।’
उसमें एक बीज डूबा है। जब हम किसी बात को कविता में कहते हैं तो वाक्य के शब्दों के क्रम में बदलाव आता है; जैसे-“छाँह घरीक वै ठाढ़े” को गद्य में ऐसे लिखा जा सकता है। “छाया में एक घड़ी खड़ा होकर।” उदाहरण के आधार पर नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को गद्य के शब्दक्रम में लिखो।
उत्तर-
पुर तें निकसी रघुबीर-बधू,
सीता जी नगर से बाहर वन जाने के लिए निकलीं।

  • पुट सूख गए मधुराधर वै॥

मधुर होठ सूख गए।

  • बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े।

कुछ समय तक श्रीराम ने आराम किए और अपने पैरों से देर तक काँटे निकालते रहे।

  • पर्नकुटी करिहौं कित है?
  • पत्तों की कुटिया अर्थात पर्णकुटी कहाँ बनाएँगे ?

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

(क) ‘वन के मार्ग में’ पाठ के कवि कौन हैं?
(i) विष्णु प्रभाकर
(ii) जयंत विष्णु नार्लीकर
(iii) तुलसीदास
(iv) सुमित्रानंदन पंत

(ख) रघुबीर की वधू कौन थी?
(i) गीता
(ii) सीता
(iii) द्रौपदी
(iv) कुंती

(ग) राम की आँखों में आँसू क्यों आ गए?
(i) वन के कष्टों के कारण
(ii) घर की याद आने से
(iii) सीता की व्याकुलता देखकर
(iv) अपने पिता को याद करके

(घ) पर्नकुटी किस चीज़ से बनती है?
(i) पत्थर से
(ii) पानी से
(iii) पत्तों से
(iv) इनमें से कोई नहीं

(ङ) राम और सीता के साथ कौन बन गया?
(i) लक्ष्मण
(ii) भरत
(iii) शत्रुघ्न
(iv) इनमें से कोई नहीं

उत्तर-

(क) (iii)
(ख) (ii)
(ग) (iii)
(घ) (iii)
(ङ) (i)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
प्रथम सवैया में कवि ने राम-सीता के किस प्रसंग का वर्णन किया है?
उत्तर-
प्रथम सवैया में कवि ने श्रीराम व सीता के अयोध्या से निकलकर वन गमन का वर्णन किया है।

प्रश्न 2.
राम और सीता कहाँ जाने के लिए निकले थे?
उत्तर-
राम और सीता वन जाने के लिए निकले थे।

प्रश्न 3.
वन गमन के समय सीता ने राम से क्या पूछा?
उत्तर-
वन गमन के समय सीता जी ने राम जी से पूछा कि कितना और चलना है? और पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा?

प्रश्न 4.
पर्नकुटी किस चीज़ से बनती है?
उत्तर-
पर्नकुटी पत्तों से बनती है।

प्रश्न 5.
राम ने रुककर क्या किया?
उत्तर-
राम ने रुककर थोड़ा विश्राम किया और पैरों में चुभे काँटों को देर तक निकालते रहे।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वन के मार्ग में सीता को होने वाली कठिनाईयों के बारे में लिखो।
उत्तर-
सीता वन के मार्ग पर थोड़ी दूर चलने से ही थक गईं। उनके माथे पर पसीना दिखाई देने लगा। उनके होंठ सूख गए। वे बहुत बेचैन हो उठीं और पूछने लगीं कि अभी कितनी दूर जाना है। मार्ग काँटों से भरा था जिससे सीता का चलना मुश्किल हो रहा था।

प्रश्न 2.
सीता जी बेचैन होकर श्रीराम से क्या बातें कही?
उत्तर-
सीता जी अपने पति राम से पूछती हैं कि अब और हमें कितना अधिक चलना है तथा पर्नकुटी कहाँ बनाना है। अभी लक्ष्मण पानी लेने गए हैं। अतः आप किसी पेड़ की छाया में खड़े होकर उनकी प्रतीक्षा कीजिए। जब तक लक्ष्मण पानी लेकर नहीं आ जाते तब तक पेड़ की छाया में रुककर हम लोग विश्राम कर लेते हैं।

प्रश्न 3.
अपने प्रति राम का प्रेम देखकर सीता जी की क्या दशा हुई?
उत्तर-
अपने प्रति राम का प्रेम देखकर सीता जी मन-ही-मन पुलकित हो जाती हैं।

प्रश्न 4.
“धरि धीर दए’ का आशय क्या है?
उत्तर-
‘धरि धीर दए’ का आशय है-धीरज धारण करके यानी मन में हिम्मत बाँधकर कोई काम करना।

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Chapter -15 नौकर | NCERT Hindi Solutions | EDUGROWN

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi वसंत, भाग 1

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 नौकर

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

निबंध से

प्रश्न 1.
आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गांधी जी ने कौन सा काम करवाया और क्यों?
उत्तर-
आश्रम में गांधी जी ने कॉलेज के छात्रों से गेहूँ बीनने का काम करवाया। उन छात्रों को अंग्रेजी भाषा के ज्ञान पर बड़ा गर्व था। गांधी जी उनके इस अहंकार को तोड़ना चाहते थे। वे यह शिक्षा देना चाहते थे कि अधिक पढ़ लेने पर भी हमें छोटे कार्य में संकोच नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 2.
‘आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं।’ पाठ से तीन ऐसे प्रसंगों को अपने शब्दों में लिखो जो इस बात का प्रमाण हों।
उत्तर-
आश्रम में गांधी जी कई ऐसे कार्य करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। ये कार्य हैं-

  • गांधी जी आश्रम में अपने हाथ से चक्की से आटा पीसा करते थे। इतना ही नहीं कभी-कभी वह चक्की ठीक करने के लिए घंटों मेहनत करते थे।
  • वे बरतनों की सफ़ाई अपने हाथों से किया करते थे। वे बरतनों को रगड़-रगड़ कर चमकाते थे।
  • वे रसोइघर में सब्जियों को धोने, छीलने, काटने का कार्य स्वयं करते थे। गांधी जी रसोईघर के सफ़ाई का पूरा ध्यान रखते थे।

प्रश्न 3.
लंदन में भोज पर बुलाए जाने पर गांधी जी ने क्या किया?
उत्तर-
जब लंदन में गांधी जी को वहाँ के छात्रों ने भोज पर बुलाया तो गांधी जी समय से पहले पहुँचकर तश्तरियाँ धोने, सब्जी साफ़ करने तथा अन्य छोटे-मोटे काम करने में सहायता करने लगे।

प्रश्न 4.
गांधी जी ने श्रीमती पोलक के बच्चे को दूध कैसे छुड़वाया?
उत्तर-
श्रीमती पोलक का बच्चा रात को दूध पीने के लिए अपनी माँ को सारी रात जगाए रखता था। इससे वे काफ़ी कमज़ोर हो गई थीं। गांधी जी ने बच्चे की देखभाल का काम अपने हाथों में ले लिया। रात को देर रात को घर देर से पहुँचने पर भी श्रीमती पोलक के बिस्तर से बच्चे को उठाकर अपने बिस्तर पर लिटा देते थे। उसे पानी पिलाने के लिए एक बरतन में। पानी भरकर भी रख लेते थे। बच्चे को पंद्रह दिन तक उन्होंने अपने साथ बिस्तर पर सुलाया। अपनी माँ से पंद्रह दिन तक अलग सोने पर बच्चे ने माँ का दूध छोड़ दिया।

प्रश्न 5.
आश्रम में काम करने या करवाने का कौन सा तरीका गांधी जी अपनाते थे? इसे पाठ पढ़कर लिखो।
उत्तर-
आश्रम में गांधी जी स्वयं काम करते थे तथा दूसरों से काम करवाने में सख्ती बरतते थे, पर वे अपना काम किसी और से करवाना पसंद नहीं करते थे। वे किसी के पूछने पर उसे तुरंत कामे बता देते थे। गांधी जी को स्वयं काम करते देखकर कोई भी मना नहीं कर पाता था। वे काम करने वालों को कभी नौकर नहीं समझते थे, वरन उन्हें भाई या बहन मानते थे। इससे काम न करने की सोचने वाला भी काम करने को प्रेरित हो जाता था।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
गांधी जी इतना पैदल क्यों चलते थे? पैदल चलने से क्या लाभ हैं? लिखो।
उत्तर-
पैदल चलना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। गांधीजी यह बात जानते थे, इसलिए वह मीलों पैदल चला करते थे। पैदल चलना एक व्यायाम है। इससे पैर की हड्डियों और माँसपेशियों को मजबूती मिलती है। पैरों में ताकत आती है। शरीर की चुस्ती और फुर्ती बनी रहती है। पैदल चलने की आदत स्वस्थ रहने में मददगार है।

प्रश्न 2.
अपने घर के किन्हीं दस कामों की सूची बनाकर लिखो और यह भी कि उन कामों को घर के कौन-कौन से सदस्य अकसर करते हैं? तुम तालिका की सहायता ले सकते हो-
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 नौकर Q2
अब यह देखो कि कौन सबसे ज़्यादा काम करता है और कौन सबसे कम? कामों का बराबर बँटवारा हो सके, इसके लिए तुम क्या कर सकते हो? सोचकर कक्षा में बताओ।
उत्तर-
सबसे ज्यादा काम माँ करती है और सबसे कम काम मैं, पिता, भाई और चाचा करते हैं। कामों के बराबर बँटवारे के लिए सबको बराबर कामों की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
गांधी जी अपने साथियों की जरूरत के मुताबिक हर काम कर देते थे, लेकिन उनका खुद का काम कोई और करे, ये उन्हें पसंद नहीं था। क्यों? सोचो और अपनी कक्षा में सुनाओ।
उत्तर-
गाँजी जी अपने साथियों की जरूरत के मुताबिक हर काम कर देते थे, लेकिन अपना खुद का काम दूसरों से करवाना उन्हें पसंद नहीं था। जब तक शरीर बिलकुल लाचार न हो, वह किसी की मदद लेना नहीं चाहते थे। उन्हें यह पसंद नहीं था कि केवल महात्मा या बूढ़े होने की वजह से कोई उनकी सहायता करे। वह किसी पर भार नहीं बनना चाहते थे। अपनी जरूरत के लिए दूसरों को परेशान करना भी उन्हें ठीक नहीं लगता था।

प्रश्न 2.
“नौकरों को हमें वेतनभोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।” गांधी जी ऐसा क्यों कहते होंगे? तर्क के साथ समझाओ।
उत्तर-
नौकरों को हमें वेतनभोगी मजदूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इससे हमें कुछ कठिनाई हो सकती है, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी। गांधी जी ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि हमारे समाज में नौकरों को परिवार के सदस्य की तरह मानने की लोगों की मानसिकता नहीं रही है। नौकर भी मनुष्य होते हैं। उन्हें भी हमारी ही तरह प्यार और सहानुभूति की आवश्यकता होती है। हमारा प्यार एवं सहानुभूति पाकर वे खुश होंगे तथा कार्म में अधिक मन लगाएँगे। हमारा इस तरह का व्यवहार उन्हें संतुष्टि प्रदान करेगा।

प्रश्न 3.
गांधी जी की कही-लिखी बातें लगभग सौ से अधिक किताबों में दर्ज हैं। घर के काम, बीमारों की सेवा, आगंतुकों से बातचीत आदि ढेरों काम करने के बाद गांधी जी को लिखने का समय कब मिलता होगा? गांधी जी का एक दिन कैसे गुजरता होगा, इस पर अपनी कल्पना से लिखो।
उत्तर-
घर के काम, बीमारों की सेवा, आगंतुकों से बातचीत आदि ढेरों काम करने के बाद गांधी जी रात के समय बैठकर लिखते होंगे। गांधी जी में काम करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। उनका पूरा दिन व्यस्त गुजरता था। खाली बैठना वह नहीं जानते थे और थकान उन्हें कभी नहीं होती थी। सुबह उठकर वह निश्चय ही टहलने जाते होंगे। वहाँ से लौटकर नित्यक्रिया से निवृत्त होकर प्रार्थना सभा में शामिल होते होंगे। उसके बाद वह चक्की से आटा पीसने और रसोई में जाकर सब्जियाँ छीलने का काम करते होंगे। इस बीच वह साथियों के कार्य की छानबीन भी करते होंगे। फिर वह कुएँ से पानी खींचते होंगे। इसके बाद आगंतुकों से मिलना और साथ में गेहूं बीनने का कार्य चलता रहता होगा। दोपहर का खाना वह कभी-कभी स्वयं ही सबको परोसते होंगे। शाम को राजनीतिक सम्मेलनों और सभाओं का कार्य देखते होंगे और रात में गांधी जी लिखने का कार्य करते होंगे। इस प्रकार उनकी व्यस्त दिनचर्या समाप्त होती होगी।

प्रश्न 4.
पाठ में बताया गया है कि गांधी जी और उनके साथी आश्रम में रहते थे। घर और स्कूल के छात्रावास से गांधी जी का आश्रम किस तरह अलग था? कुछ वाक्यों में लिखो।
उत्तर-
स्कूल के छात्रावास में छात्रों के रहने का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन होता है, उन्हें अन्य किसी कार्य की फिक्र नहीं रहती है। घर में परिवार के कुछ सीमित सदस्य साथ रहे केर जीवन-यापन करते हैं। परंतु गांधीजी के आश्रम में स्वतंत्रता सेनानी, देश तथा समाज के सेवक और उनके परिवार के कुछ सदस्य रह टे थे। आश्रम में ही उनका जीवन-यापन था और आटा पीसने से लेकर सब्जियाँ उगाने तक का काम वे आश्रम में किया करते थे। साथ ही आश्रम में रहकर वह देश की राजनीतिक हलचल पर अपनी निगाह रखते थे और स्वतंत्रता आंदोलन की योजना बनाकर उसकी दिशा तय करते थे।

प्रश्न 5.
ऐसे कामों की सूची बनाओ जिन्हें तुम हर रोज़ खुद कर सकते हो।
उत्तर-
ऐसे कई काम हैं जो प्रतिदिन स्वयं किए जा सकते हैं

  • अपना बिस्तर ठीक करना
  • अपने कमरे में झाड़ लगाना
  • चीजों को उनकी व्यवस्थित जगह रखना
  • अपनी प्लेट खुद धोना
  • अपने मोजे साफ करना
  • अपने जूते पॉलिश करना
  • माँ या छोटे भाई-बहन के कामों में उनकी सहायता करना।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
(क) “पिसाई’ संज्ञा है। पीसना शब्द से ‘ना’ निकाल देने पर ‘पीस’ धातु रह जाती है। पीस धातु से ‘आई’ प्रत्यय जोड़ने पर ‘पिसाई’ शब्द बनता है। किसी-किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसे संज्ञा बनाने के बाद उसके रूप में बदलाव आ जाता है; जैस-ढोना से ढुलाई, बोना से बुआई।
मूल शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं।
नीचे कुछ संज्ञाएँ दी गई हैं। बताओ ये किन क्रियाओं से बनी हैं?

  1. रोपाई ………..
  2. कटाई ………..
  3. सिंचाई ……….
  4. सिलाई ………..
  5. कताई ……….
  6. रँगाई ………

उत्तर

  1. रोपाई – रोपना
  2. कटाई – काटना
  3. सिंचाई – सींचना
  4. सिलाई – सिलना
  5. कताई – कातना
  6. रँगाई – रँगना

(ख) हर काम-धंधे के क्षेत्र की अपनी कुछ अलग भाषा और शब्द-भंडार भी होते हैं। ऊपर लिखे शब्दों का संबंध दो अलग-अलग कामों से है। पहचानो कि दिए गए शब्दों के संबंध किन-किन कामों से है?
उत्तर
रोपाई, सिंचाई, कटाई कृषि क्षेत्र के काम हैं।
कताई, सिलाई, रंगाई वस्त्र निर्माण क्षेत्र के काम हैं।

प्रश्न 2.
(क) तुमने कपड़ों को सिलते हुए देखा होगा। नीचे इस काम से जुड़े हुए कुछ शब्द दिए गए हैं। आसपास के बड़ों से या दरजी से इन शब्दों के बारे में पूछो और इन शब्दों को कुछ वाक्यों में समझाओ।

  • तुरपाई
  • बखिया
  • कच्ची सिलाई
  • चोर सिलाई

(ख) नीचे लिखे गए शब्द पाठ से लिए गए हैं। इन्हें पाठ में खोजकर बताओ कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग।

  • कालिख
  • भराई
  • चक्की
  • रोशनी
  • सेवा
  • पतीला

उत्तर

  • तुरपाई – हाथ से सिलाई करने को तुरपाई कहते हैं।
  • बखिया – मशीन से जो सिलाई की जाती है उसे बखिया कहते हैं।
  • कच्ची सिलाई – वह सिलाई जो पक्की सिलाई करने के बाद हटा दी जाए।
  • चोर सिलाई – जो बाहर से दिखाई न दे।

(ख) कालिख, भराई, सेवा, चक्की, रोशनी स्त्रीलिंग है, जबकि पतीला-पुल्लिंग शब्द है।

कुछ और करने के लिए

प्रश्न 1. ‘श्रम के महत्त्व’ पर एक अनुच्छेद लिखो।
प्रश्न 2. अपने घर के कार्यों में माँ का हाथ बँटाओ।
प्रश्न 3. एक चार्ट तैयार करो, हल जोतता किसान तथा खेतों में काम करते श्रमिक का चित्र बनाओ।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

(क) नौकर’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) महात्मा गांधी जी
(ii) अनु बंद्योपाध्याय
(iii) विष्णु प्रभाकर
(iv) गुणाकर मुले

(ख) गांधी जी पैदल क्यों चलते थे?
(i) पैसा बचाने के लिए
(ii) स्वस्थ रहने के लिए
(iii) उनको डॉक्टर ने सलाह दी थी
(iv) इनमें से कोई नहीं

(ग) साबरमती आश्रम किस राज्य में है?
(i) बिहार
(ii) बंगाल
(iii) गुजरात
(iv) ओडिशा

(घ) गांधी जी सवेरे की प्रार्थना के बाद कौन-सा कार्य करते थे?
(i) सब्जियों का लाना
(ii) सब्ज़ियों का छीलना
(iii) सब्ज़ियाँ काटना
(iv) सब्ज़ियाँ पकाना

(ङ) गांधी जी के साथ दक्षिण अफ्रीका में कौन ठहरा था?
(i) रामकृष्ण गोखले
(ii) गोपाल कृष्ण गोखले
(iii) सरदार बल्लभ भाई पटेल
(iv) नेताजी सुभाष चंद्र बोस

उत्तर

(क) (ii)
(ख) (ii)
(ग) (iii)
(घ) (ii)
(ङ) (ii)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
गांधी जी आश्रम में किस प्रकार के काम करते थे? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर-
आश्रम में गांधी जी कई ऐसे काम करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। वे अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। गेहूँ पीसने से पहले वे उसे बीनते भी थे। कई वर्ष तक उन्होंने आश्रम का भंडार सँभालने के काम में भी सहायता की। वे रसोईघर में जाकर सब्ज़ियाँ भी छीलते थे।

प्रश्न 2.
गांधी जी घर के लिए आटा कैसे तैयार करते थे?
उत्तर-
गांधी जी ज़रूरत का महीन या मोटा आटा सुबह-शाम चक्की से पीसकर तैयार कर लेते थे।

प्रश्न 3.
गांधी द्वारा भोजन परोसने के कारण आश्रमवासियों को क्या सहना पड़ता था?
उत्तर-
उनको बेस्वाद भोजन खाकर ही रहना पड़ता था।

प्रश्न 4.
बोअर-युद्ध के दौरान गांधी जी ने क्या किया?
उत्तर-
बोअर-युद्ध के दौरान गांधी जी ने घायलों को स्ट्रेचर पर ढोया था।

प्रश्न 5.
गांधी जी लिखते समय किस बात का ध्यान रखते थे?
उत्तर-
गांधी जी रात को लालटेन की रोशनी में पत्र लिखते थे। जब तेल खत्म हो जाता तब वे चंद्रमा की रोशनी में पत्र पूरा करते थे।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आश्रम के निर्माण के समय कौन-सी घटना घटित हुई?
उत्तर-
आश्रम के निर्माण के समय वहाँ आने वाले मेहमानों को तंबुओं में सोना पड़ता था। एक नवागत को पता नहीं था कि अपना बिस्तर कहाँ रखना चाहिए, इसलिए उसने बिस्तर को लपेटकर रख दिया और यह पता लगाने गया कि उसे कहाँ रखना है। लौटते समय उसने देखा कि गांधी जी खुद उसका बिस्तर कंधे पर उठाए रखने चले जा रहे हैं।

प्रश्न 2.
गांधी जी को अपने काम के लिए दूसरों को परेशान करना पसंद नहीं था। इसका उदाहरण देकर लिखो।
उत्तर-
गांधी जी जब गाँवों का दौरा कर रहे होते तो कई बार रात को लिखते समय लालटेन का तेल खत्म हो जाने पर वह अपने थके हुए साथियों को नींद से जगाने के बदले चंद्रमा की रोशनी में पत्र पूरा करना उचित समझते थे। इस बात से सिद्ध होता है कि वे अपने व्यक्तिगत कामों के लिए किसी को तकलीफ़ देना ठीक नहीं समझते थे।

प्रश्न 3.
नौकरों के बारे में गांधी जी के क्या विचार थे?
उत्तर-
गांधी जी नौकरों को भी अपने भाइयों के समान मानते थे। उनका विचार था कि नौकर वेतन लेने वाले मजदूर नहीं। हमें उनके साथ सदैव भाई जैसा व्यवहार करना चाहिए।

प्रश्न 4.
आश्रम में किसी सहायक को रखते समय गांधी जी का क्या-क्या आग्रह रहता था? क्यों?
उत्तर-
आश्रम में किसी सहायक को रखते समय गांधी जी इस बात का आग्रह करते थे कि हरिजन को रखा जाए। उनका कहना था कि ‘नौकरों को हमें वेतनभोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान समझना चाहिए। इससे कुछ कठिनाई हो सकती, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं। फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।’

प्रश्न 5.
आश्रम में काम करवाने का कौन-सा तरीका गांधी जी अपनाते थे? इसे पाठ पढ़कर लिखो।
उत्तर-
आश्रम में काम करवाने के लिए परस्पर सहयोग पर बल दिया जाता था। सभी व्यक्तियों को कार्य करना पड़ता था। आश्रम में सभी लोग अपने खाने के बरतन स्वयं साफ़ करते थे। रसोई के बरतन सभी बारी-बारी से साफ़ किया करते थे।

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Chapter -14 लोकगीत | NCERT Hindi Solutions | EDUGROWN

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi वसंत, भाग 1

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 14 लोकगीत

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

निबंध से

प्रश्न 1.
निबंध में लोकगीतों के किन पक्षों की चर्चा की गई है? बिंदुओं के रूप में उन्हें लिखो।
उत्तर-
इस निबंध में लोकगीतों के निम्नलिखित पक्षों की चर्चा हुई है-

  • लोकगीत प्रिय होते हैं।
  • लोकगीत का महत्त्व
  • लोकगीत और शास्त्रीय संगीत
  • लोकगीतों के प्रकार, गायन शैली, राग
  • सहायक वाद्य यंत्र, गायक समूह
  • लोकगीतों के साथ चलने वाले नृत्य
  • लोकगीतों की भाषा
  • लोकगीतों की लोकप्रियता।
  • लोकगीतों के प्रकार
  • बिना किसी बाजे की मदद के भी गया जाना।

प्रश्न 2.
हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
हमारे यहाँ लोकगीत ऐसे हैं जिन्हें स्त्रियों के खास गीत कहा जा सकता है। ऐसे गीत में त्योहारों पर नदियों में नहाते समय के, नहाने जाते रास्ते के गीत, विवाह के अवसर पर गाए जाने वाले गीत, मटकोड, ज्यौनार के, संबंधियों के लिए प्रेमयुक्त गाली, जन्म आदि के गीत स्त्रियों के गीत हैं। इसके अतिरिक्त कजरी, गुजरात का गरबा और ब्रज का रसिया भी स्त्रियों द्वारा गाया जाने वाला गीत है।

प्रश्न 3.
निबंध के आधार पर और अपने अनुभव के आधार पर (यदि तुम्हें लोकगीत सुनने के मौके मिले हैं तो) तुम लोकगीतों की कौन-सी विशेषताएँ बता सकते हो?
उत्तर-
लोकगीत हमारी सांस्कृतिक पहचान है। इन गीतों में हमारी-अपनी सभ्यता-संस्कृति एवं संस्कार झलकते हैं। इनकी अनेक विशेषताएँ हैंलोकगीत गाँव के अनपढ़ पुरुष व औरतों के द्वारा रचे गए हैं। इनके लिए साधना की ज़रूरत नहीं होती। लोकगीतों में लचीलापन और ताजगी होती है। ये आम जनता के गीत हैं। ये त्योहारों और विशेष अवसरों पर ही गाए जाते हैं।

मार्ग या देशी के सामने इनको हेय समझा जाता था अभी तक इनकी उपेक्षा की जाती है, लेकिन साहित्य और कला के क्षेत्र में परिवर्तन होने पर प्रांतों की सरकारों ने लोकगीत साहित्य के पुनरुद्धार में हाथ बँटाया। वास्तविक लोकगीत गाँव व देहात में है। लोकगीत वाद्य यंत्रों की मदद के बिना गाए जा सकते हैं। वैसे साधारण ढोलक, झाँझ, करताल, बाँसुरी बजाकर भी गाए जाते हैं। इनके रचनाकार आम आदमी और स्त्रियाँ ही होते हैं?

प्रश्न 4.
‘पर सारे देश के … अपने-अपने विद्यापति हैं’-इस वाक्य का क्या अर्थ है? पाठ पढ़कर मालूम करो और लिखो।
उत्तर-
इस वाक्य का यह अर्थ है कि विद्यापति जैसे लोकगीतों की रचना करने वाले अन्य क्षेत्रों में भी होते हैं। यानी जिस तरह मिथिला क्षेत्र में मैथिल कोकिल विद्यापति के गीत लोकप्रिय हैं, उसी प्रकार हर क्षेत्र में हर जगह पर कोई-न-कोई प्रसिद्ध लोकगीत रचनाकार पैदा हुआ है, जिसके गीतों की उस क्षेत्र में विशेष धूम रहती है। बुंदेलखंड के लोकगीत रचनाकार जगनिक का ‘आल्हा’ इसका उदाहरण है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
क्या लोकगीत और नृत्य सिर्फ गाँवों या कबीलों में ही गाए जाते हैं? शहरों के कौन से लोकगीत हो सकते हैं? इस पर विचार करके लिखो।
उत्तर-
लोकगीत और नृत्य गाँवों और कबीलों में बहुत लोकप्रिय होते हैं। शहरों में इन्हें बहुत कम देखा जा सकता है। शहरों में जो लोकगीत गाए जाते हैं वे भी किसी-न-किसी रूप में गाँवों से ही जुड़े हुए हैं। शहरों के लोग देश के अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बसे हुए होते हैं। अब शहरों के लोग भी इनमें रुचि ले रहे हैं। वे सामान्य संगीत से हटकर होते हैं। अतः आकर्षण के कारण बन जाते हैं। शहरों के लोकगीत हो सकते हैं-शहरिया बाबू, नगरी आदि।

प्रश्न 2.
जीवन जहाँ इठला-इठलाकर लहराता है, वहाँ भला आनंद के स्त्रोतों की कमी हो सकती है। उद्दाम जीवन के ही वहाँ के अनंत संख्यक गाने प्रतीक हैं। क्या तुम इस बात से सहमत हो ? ‘बिदेसिया’ नामक लोकगीत से कोई कैसे आनंद प्राप्त कर सकता है और वे कौन लोग हो सकते हैं जो इसे गाते-सुनते हैं? इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर अपने कक्षा में सबको बताओ। हाँ, मैं इस बात से सहमत हूँ। लोकगीत गाँवों की उन्मुक्त चर्चा के प्रतीक हैं। किसी भी लोकगीत से आनंद प्राप्त किया जा सकता है यदि आप वहाँ की बोली से थोड़ा भी परिचित हों। जो लोग भोजपुरी के जानकार हैं। वे ‘बिदेसिया’ लोकगीत को सुनकर आनंद उठा सकते हैं। इन गीतों में रसिक प्रियों और प्रियाओं की बात रहती है। इससे परदेशी प्रेमी और करुणा का रस बरसता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
‘लोक’ शब्द में कुछ जोड़कर जितने शब्द तुम्हें सूझे, उनकी सूची बनाओ। इन शब्दों को ध्यान से देखो और समझो कि उनमें अर्थ की दृष्टि से क्या समानता है। इन शब्दों से वाक्य भी बनाओ, जैसे-लोककला।
उत्तर

  • लोकहित- हमारे नेताओं को लोकहित में ध्यान रखकर काम करना चाहिए।
  • लोकप्रिय- डॉ० राजेंद्र प्रसाद हमारे लोकप्रिय नेता थे।
  • लोकप्रिय- लोक संगीत का अपना अलग की आनंद है।
  • लोकनीति- लोकनीति यदि सही है तो देश में समाज का विकास होगा।
  • लोकगीत- लोकगीतों की परंपरा का पालन केवल गाँवों तक सीमित रह गया है।
  • लोकनृत्य- लोकनीति ग्रामीण संस्कृति का प्रतीक है।
  • लोकतंत्र- भारत में लोकतंत्र है।

इनमें अर्थ की दृष्टि से यह समानता है कि शब्द लोक अर्थात जनता से संबंधित है।

प्रश्न 2.
‘बारहमासा’ गीत में साल के बारह महीनों का वर्णन होता है। नीचे विभिन्न अंकों से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें पढ़ो और अनुमान लगाओ कि इनका क्या अर्थ है और वह अर्थ क्यों है? इसी सूची में तुम अपने मन से सोचकर भी कुछ शब्द जोड़ सकते हो-

  • इकतारा
  • सरपंच
  • चारपाई
  • सप्तर्षि
  • अठन्नी
  • तिराहा
  • दोपहर
  • छमाही
  • नवरात्र
  • चौराहा

उत्तर

शब्द – अनुमान वाले अर्थ

  • इकतारा – एक तार वाला वाद्य यंत्र
  • सरपंच – पंचों में प्रमुख
  • तिराहा – जहाँ तीन रास्ते मिलते हैं।
  • दोपहर – दो पहर का मिलन
  • चारपाई – चार पायों वाली
  • छमाही – छह महीने में होने वाली
  • सप्तर्षि – सात ऋषियों का समूह
  • नवरात्र – नौ रात्रियों के समूह
  • अठन्नी – आठ आने का सिक्का
  • नवरत्न – नौ रत्नों का समूह
  • शताब्दी – सौ सालों का समूह
  • चतुर्भुज – चार भुजाओं से घिरी आकृति

प्रश्न 3.
को, में, से आदि वाक्य में संज्ञा का दूसरे शब्दों के साथ संबंध दर्शाते हैं। ‘झाँसी की रानी’ पाठ में तुमने का के बारे में जाना। नीचे ‘मंजरी जोशी’ की पुस्तक ‘भारतीय संगीत की परंपरा’ से भारत के एक लोकवाद्य का वर्णन दिया गया है। इसे पढ़ो और रिक्त स्थानों में उचित शब्द लिखो।
तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने …….. अंग्रेज़ी के एस या सी अक्षर ………… तरह होती है। भारत ………. विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे ………. बना यह वाद्य अलग-अलग नामों ……… जाना जाता है। धातु की नली ……… घुमाकर एस ………… आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे दूसरा सिरी घंटीनुमा चौड़ा रहे। फेंक मारने ……… एक छोटी नली अलग ………. जोड़ी जाती है। राजस्थान ……… इसे बर्ग कहते हैं। उत्तर प्रदेश ………. यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात ……….. रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश ………… नरसिंघा …………. नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।
उत्तर-
तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने में अंग्रेजी के एस या सी अक्षर की तरह होती है। भारत के विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे का बना यह वाद्य अलग-अलग नामों से जाना जाता है। धातु की नली को घुमाकर एस का आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे। फेंक मारने को एक छोटी नली अलग से जोड़ी जाती है। राजस्थान में इसे बर्गे कहते हैं। उत्तर प्रदेश में यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात में रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश में नरसिंघा के नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंधी भी कहते हैं।

भारत के मानचित्र में

भारत के नक्शे में पाठ में चर्चित राज्यों के लोकगीत और नृत्य दिखाओ।
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 14 लोकगीत Q3

कुछ करने को

प्रश्न 1.
अपने इलाके के कुछ लोकगीत इकट्ठा करो। गाए जाने वाले मौकों के अनुसार उनका वर्गीकरण करो।
उत्तर-

  • मल्हार- सावन के महीने में गाया जाने वाला गीत।
  • विवाह गीत- विवाह के अवसर पर गाए जाने वाले गीत।
  • रागिणी- हरियाणा-दिल्ली का लोकगीत।

प्रश्न 2.
जैसे-जैसे शहर फैल रहे हैं और गाँव सिकुड़ रहे हैं, लोकगीतों पर उनका क्या असर पड़ रहा है? अपने आसपास के लोगों से बातचीत करके और अपने अनुभवों के आधार पर एक अनुच्छेद लिखो।
उत्तर-
गाँव के लोगों का शहर की तरफ़ पलायन हो रहा है। अपने साथ वे अपने लोकगीतों को भी ला रहे हैं। ये लोकगीत शहरी लोगों को काफ़ी आकर्षित कर रहे हैं। शहरी लोगों को ये लोकगीत सामान्य फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गीतों से अलग हटकर आनंद दे रहे हैं। अब सभा और समारोहों में लोकगीतों का धूम मची रहती है।

प्रश्न 3.
रेडियो और टेलीविज़न के स्थानीय प्रसारणों में एक नियत समय पर लोकगीत प्रसारित होते हैं। इन्हें सुनो और सीखो।
उत्तर-
छात्र इन्हें सुनकर सीखने का प्रयास करें।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

(क) “लोकगीत’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) प्रेमचंद
(ii) विष्णु प्रभाकर
(iii) विनय महाजन
(iv) भगवतशरण उपाध्याय

(ख) लोकगीतों की भाषा कैसी होती है?
(i) संस्कृतनिष्ठ
(ii) शास्त्रीय
(iii) आम बोलचाल
(iv) अनगढ़

(ग) लोकगीत शास्त्रीय संगीत से किस मायने में भिन्न है?
(i) लय, सुर और ताल में
(ii) मधुरता में
(iii) सोच, ताजगी और लोकप्रियता में
(iv) इनमें कोई नहीं

(घ) लोकगीतों की रचना में किसका विशेष योगदान है?
(i) बच्चों का
(ii) स्त्रियों का
(iii) पुरुषों का
(iv) इनमें कोई नहीं

(ङ) इनमें से कौन बंगाल का लोकगीत है?
(i) कजरी
(ii) बाउल
(iii) पूरबी
(iv) सावन

उत्तर

(क) (iv)
(ख) (iii)
(ग) (iii)
(घ) (ii)
(ङ) (ii)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लोकगीत किस अर्थ में शास्त्रीय संगीत से भिन्न है?
उत्तर-
लोकगीत अपनी सोच, ताजगी तथा लोकप्रियता की दृष्टि से शास्त्रीय संगीत से भिन्न है। इस गीत को गाने के लिए शास्त्रीय संगीत जैसी साधना की ज़रूरत नहीं होती है।

प्रश्न 2.
लोकगीतों की क्या विशेषता है?
उत्तर-
लोकगीत सीधे जनता के गीत हैं। इसके लिए विशेष प्रयत्न की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये त्योहारों और विशेष अवसरों पर साधारण ढोलक और झाँझ आदि की सहायता से गाए जाते हैं। इसके लिए विशेष प्रकार के वाद्यों की आवश्यकता नहीं होती।

प्रश्न 3.
लोकगीत किससे जुड़े हैं?
उत्तर-
लोकगीत सीधे आम जनता से जुड़े हैं? ये घर, गाँव और नगर की जनता के गीत हैं।

प्रश्न 4.
वास्तविक लोकगीतों का संबंध कहाँ से है?
उत्तर-
वास्तविक लोकगीतों का संबंध देश के गाँवों और देहातों से है।

प्रश्न 5.
स्त्रियाँ लोकगीत गाते समय किस वाद्य का प्रयोग करती हैं?
उत्तर-
स्त्रियाँ प्रायः ढोलक की मदद से लोकगीत गाती हैं?

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
हमारे यहाँ कुछ लोकगीत ऐसे हैं जिन्हें स्त्रियों के खास गीत कहा जा सकता है। ऐसे गीतों में त्योहारों पर, नदियों में नहाते समय के, नहाने जाते हुए राह में गाए जाने वाले, विवाह के मटकोड के, ज्यौनार के संबंधियों के लिए प्रेमयुक्त गाली के, जन्म आदि अवसरों पर गाए जाने वाले प्रमुख हैं। होली के अवसर पर एवं बरसात की कजरी भी स्त्रियों के खास गीत हैं। इसके अतिरिक्त सोहर, बानी, सेहरा आदि उनके अनंत गानों में से कुछ हैं।

प्रश्न 2.
भारत के विभिन्न प्रदेशों में कौन-कौन से लोकगीत गाए जाते हैं?
उत्तर-
भारत के विभिन्न प्रांतों में विभिन्न प्रकार के लोकगीत गाए जाते हैं। पहाड़ियों के अपने-अपने गीत हैं। उनके अपने-अपने भिन्न रूप होते हुए भी अशास्त्रीय होने के कारण उनमें एकसमान भूमि है। गढ़वाल, किन्नौर, काँगड़ा आदि के अपने-अपने गीत और उन्हें गाने की अपनी-अपनी विधियाँ हैं। चैता, कजरी, बारहमासा, सावन आदि मिर्जापुर, बनारस और उत्तर प्रदेश के पूरबी और बिहार के पश्चिमी जिलों में गाए जाते हैं। बाउल और भतियाली बंगाल के लोकगीत हैं। पंजाब में माहिया आदि इसी प्रकार के हैं। हीर-राँझा, सोहनी-महीवाल संबंधी गीत राजस्थान में गाए जाते हैं।

प्रश्न 3.
स्त्रियों द्वारा गाए जाने वाले लोकगीतों की क्या विशेषता है?
उत्तर-
गाँवों में स्त्रियाँ प्राचीन काल से ही लोकगीत गाती आ रही हैं? इनके गीत आमतौर पर दल बाँधकर ही गाए जाते हैं। अनेक कंठ एक साथ फूटते हैं। यद्यपि अधिकतर उनमें मेल नहीं होता, फिर भी त्योहारों और शुभ अवसरों पर वे बहुत ही भले लगते हैं। स्त्रियाँ ढोलक के साथ गाती हैं। प्रायः उनके गीत के साथ नाचे भी जुड़ा होता है।

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Chapter – 13 मैं सबसे छोटी होऊं | NCERT Hindi Solutions | EDUGROWN

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi वसंत, भाग 1

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 मैं सबसे छोटी होऊं

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

कविता से

प्रश्न 1.
कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना क्यों की गई है?
उत्तर-
कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना इसलिए की गई है, जिससे कि लंबे समय तक

  1. माँ का प्यार मिलती रहे।
  2. माँ के आँचल की छाया मिलती रहे।
  3. माँ का साथ मिलता रहे।
  4. विभिन्न प्रकार के खिलौने मिलते रहें।
  5. माँ द्वारा परियों की कहानियाँ सुनने को मिलें।

प्रश्न 2.
कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ क्यों कहा गया है? क्या तुम भी हमेशा छोटे बने रहना पसंद करोगे?
उत्तर-
इस कविता में एक बच्ची छोटी रह कर माँ के साथ रहना पंसद करती है। वह ऐसी बड़ी बनना पसंद नहीं करती जिससे वह माँ का प्यार दुलार न पा सके। बड़ी बनकर वह माँ के प्यार को खोना नहीं चाहती। इसलिए इस कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ की कामना की गई है। हाँ, मैं भी हमेशा छोटे बने रहना पसंद करूंगी।

प्रश्न 3.
आशय स्पष्ट करो-
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात !
उत्तर-
इस कविता का आशय यह है कि बच्ची अपनी माँ की सबसे छोटी संतान बनकर रहना चाहती है क्योंकि बड़े हो जाने पर उसका साथ माँ से छूट जाता है। जिस तरह छोटे रहने पर माँ हमेशा बच्ची के साथ रहकर समय तथा प्यार देती थी, वैसा अब नहीं करती है। वह हमेशा माँ का साथ चाहती है।

प्रश्न 4.
अपने छुटपन में बच्चे अपनी माँ के बहुत करीब होते हैं। इस कविता में नज़दीकी की कौन-कौन सी स्थितियाँ बताई। गई हैं?
उत्तर-
माँ की गोंदी में सोना और परियों की कहानी सुनना, उसकी आँचल पकड़ कर चलना, उसके हाथों खाना तथा उसके हाथों सजना सवॅरना आदि इस कविता में नजदीकी की स्थितियाँ बताई गई हैं।

कविता से आगे

प्रश्न 1.
तुम्हारी माँ तुम लोगों के लिए क्या-क्या काम करती है?
उत्तर-
हमारी माँ हमारे लिए निम्नलिखित कार्य करती है-

  • वह हमें कभी भी अपने से अलग नहीं करती।
  • वह दिन-रात हमें अपने साथ लिए फिरती है।
  • वह हमें प्यार से अपनी गोदी में सुलाती है।
  • अपने हाथों नहलाती-धुलाती और तैयार करती है।
  • वह हमें खाना खिलाने के बाद मुँह-हाथ धोती है। धूल आदि पोंछकर हमें सजाती-सँवारती है।
  • वह हमें परियों की कहानी सुनाती है।
  • मेरी हर जरूरत का ध्यान रखती है तथा अच्छी बातें सिखाती है और गृह कार्य कराते हुए पढ़ाती है।

प्रश्न 2.
यह क्यों कहा गया है कि बड़ा बनाकर माँ बच्चे को छलती है?
उत्तर-
माँ जब बच्चों को बड़ा बना देती है तब उसका साथ छोड़कर अपने कामों में लग जाती है। तब वह उसे न तो नहलाती धुलाती है और न अपने हाथ से खाना खिलाती है, न परियों की कहानी सुनाती है। उसे खेलने के लिए खिलौने नहीं देती है। तब बच्चों को लगता है कि बड़ा होने पर माँ उसे छलती है।

प्रश्न 3.
उन क्रियाओं को गिनाओ जो इसे कविता में माँ अपनी बच्ची या बच्चे के लिए करती है।
उत्तर-
माँ अपने बच्चे को गोदी में सुलाती है, आँचल पकड़वाकर साथ-साथ रखती है, खाना खिलाती है। नहलाती-धुलाती है, सजाती-सँवारती है, खिलौने देती है, स्कूल भेजती है, परियों की कहानियाँ सुनाती है। अच्छी-अच्छी बातें सिखाती और पढ़ाती है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
इस कविता के अंत में कवि माँ से चंद्रोदय दिखा देने की बात क्यों कर रहा है? चाँद के उदित होने की कल्पना करो और अपनी कक्षा में बताओ।
उत्तर-
बच्चों को चाँद को उदित होते देखना अत्यंत रोचक लगता है। वे अकसर माता-पिता से चाँद को देखने या उसे हाथ में लेने की जिद करते हैं इसलिए कविता में कवि ने चंद्रोदय दिखाने की बात कही है? चंद्रोदय का दृश्य अत्यंत सुहाना लगता है। चाँदनी रात बहुत ही शीतल लगती है जो आँखों और हृदय को ठंडक पहुँचाती है।

प्रश्न 2.
इस कविता को पढ़ने के बाद एक बच्ची और उसकी माँ का चित्र तुम्हारे मन में उभरता है। वह बच्ची और क्या-क्या कहती होगी? क्या-क्या करती होगी? कल्पना करके एक कहानी बनाओ।
उत्तर-
वह बच्ची दिन भर माँ के साथ उसके आगे-पीछे घूमती होगी। वह माँ के साथ रसोई में, बैठक में, शयनागार में और छत पर जाती होगी। वह एक मिनट भी चुप नहीं रहती होगी। कई तरह के सवाल उसे माँ से पूछने होते हैं। माँ तुम क्या कर रही हो? माँ तुम क्या बना रही हो? माँ ये क्या है? माँ यह कैसे होता है? रसोई में जाकर वह माँ से जिद करती होगी कि वह भी रोटी बेलेगी। बैठक में जाकर वह कहती होगी कि वही टी.वी. चलाएगी।

शयनागार में वह गंदे पैर बिस्तर पर चढ़ जाती होगी और चादर समेट देती होगी। घर भर में उसके खिलौने बिखरे पड़े रहते होंगे। छत पर जाकर वह दूर कहीं पतंग उड़ते देख माँ से उसे लाने की जिद करती होगी। रात में वह तब तक नहीं सोती होगी जब तक माँ उसके पास लेट कर उसे परियों की कहानी न सुनाए। इस प्रकार वह सारा दिन माँ को अपने में ही उलझाए रखती होगी।

प्रश्न 3.
माँ अपना एक दिन कैसे गुज़ारती है? कुछ मौकों पर उसकी दिनचर्या बदल जाया करती है, जैसे-मेहमानों के आ जाने पर, घर में किसी के बीमार पड़ जाने पर या त्योहार के दिन। इन अवसरों पर माँ की दिनचर्या पर क्या फ़र्क
पड़ता है? सोचो और लिखो।
उत्तर-
माँ अपना एक दिन प्रातः काल उठकर रात्रि सोने तक घर के कामों को पूरा करने में गुजारती है। वह प्रातः चाय बनाती है, फिर खाना बनाती है, बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजती है। घर की सफ़ाई करती है तथा कपड़े धोती है। फिर शाम का खाना बनाती है। कुछ विशेष मौकों पर मेहमानों के आ जाने पर उसके लिए विशेष भोजन तैयार करना पड़ता है। मेहमान के विश्राम का भी प्रबंध करना पड़ता है।

इसी प्रकार किसी के बीमार होने पर भी पहली प्राथमिकता उस बीमार सदस्य की देखरेख पर ध्यान देती है। त्योहार के दिनों में भी त्योहार की तैयारी पूरी निष्ठा से करती है। पूजा व विशेष भोजन का भी प्रबंध करना पड़ता है। इस तरह विशेष अवसरों पर माँ की दिनचर्या में परिवर्तन आ जाता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए शब्दों में अंतर बताओ, उनमें क्या फ़र्क है?

  • स्नेह – प्रेम
  • ग्रह – गृह
  • शांति – सन्नाटा
  • निधन – निर्धन
  • धूल – राखे
  • समान – सामान

उत्तर-

  • स्नेह (छोटे के लिए प्रेम)- माँ अपने बच्चे से स्नेह करती है।
  • प्रेम (छोटे, बड़े सभी के लिए)- राम और लक्ष्मण का प्रेम एक मिसाल है।
  • शांति (हलचल न होना)- नेहा, घर में आज इतनी शांति क्यों है?
  • सन्नाटा (वातावरण में चुप्पी होना)- रात के वक्त गाँवों में सन्नाटा छा जाता है।
  • धूल (मिट्टी)- चारों तरफ़ धूल से प्रदूषण फैल रहा है।
  • राख (लकड़ी या कोयले के जलने के बाद बचा पदार्थ)- राख कोयले से बनती है।
  • ग्रह (नक्षत्र)- वैज्ञानिकों ने सौर मंडल में आठ ग्रह बताए हैं।
  • गृह (घर)- ओजस्व को गृह कार्य नहीं मिला।
  • निधन (मृत्यु)- सेठ जी के निधन से गाँव में शोक की लहर दौड़ गई।
  • निर्धन (गरीब)- हमारे देश में निर्धन व्यक्ति काफ़ी हैं।
  • समान (बराबर)- हमारे देश में सभी लोगों को समान अधिकार मिला हुआ है।
  • सामान (वस्तु)- घर में सामान बिखरा पड़ा है।

प्रश्न 2.
कविता में दिन-रात’ शब्द आया है। दिन रात का विलोम है। तुम ऐसे चार शब्दों के जोड़े सोचकर लिखो, जो विलोम शब्दों से मिलकर बने हों। जोड़ों के अर्थ को समझने के लिए वाक्य भी बनाओ।
उत्तर-

  • आना-जाना- आज त्योहार के दिन मेहमानों का आना-जाना लगा हुआ है।
  • छोटा-बड़ा- हमें छोटे-बड़े सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
  • जीवन-मरण- जीवन-मरण ईश्वर के हाथ में है।
  • अपना-पराया- यहाँ अपना-पराया कोई नहीं सब बराबर हैं।
  • लाभ-हानि- व्यापार में लाभ-हानि लगा ही रहता है।
  • भला-बुरा- हमें भला-बुरा देखकर ही कार्य करना चाहिए।

कुछ करने को

कक्षा में बच्चों को उनकी मरज़ी से दो समूहों में रखें-
(क) एक समूह में वे जो छोटे बने रहना चाहते हैं।
(ख) दूसरे समूह में वे जो बड़े होना चाहते हैं।
इन दोनों समूह के सभी बच्चे एक-एक कर बताएँगे कि वे क्यों छोटा बने रहना चाहते हैं या क्यों बड़ा होना चाहते हैं।
उत्तर-
कक्षा में छात्र समूहों में बँट कर अपनी-अपनी इच्छा व्यक्त करें। जैसे
मोहन  –   मैं छोटा बना रहना चाहता हूँ क्योंकि माँ के साथ रहना मुझे अच्छा लगता है।
सोहन  –   मैं बड़ा होकर अपने माता-पिता की सेवा करना चाहता हूँ।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

(क) “मैं सबसे छोटी होऊँ’ कविता किसके द्वारा लिखी गई है?
(i) भगवत शरण उपाध्याय
(ii) गुणाकर मुले
(iii) विष्णु प्रभाकर
(iv) सुमित्रानंदन पंत

(ख) सबसे छोटी होने की कामना क्यों की गई है?
(i) अपनी जिम्मेदारियाँ न सँभालने के लिए।
(ii) सदा माँ के साथ रहने के लिए
(iii) डर से बचने के लिए
(iv) सदा सुरक्षित रहने के लिए।

(ग) बच्ची किसके साथ रहने के लिए बड़ी नहीं होना चाहती?
(i) माँ
(ii) पिता
(iii) दादा-दादी
(iv) दोस्त

(घ) माँ के आँचल की छाया में बच्ची कैसा महसूस करती है?
(i) निर्भय
(ii) उदास
(iii) भयभीत
(iv) इनमें कोई नहीं

(ङ) बड़ी बनने का क्या नुकसान है?
(i) बड़ी बनने से माँ सदा साथ नहीं रहती
(ii) बड़ी होने पर कोई खिलौना नहीं देता
(iii) बड़ी होने पर कोई जन्म दिन नहीं मानता
(iv) बड़ी होने पर शादी कर दी जाती है।

उत्तर-
(क) (iv)
(ख) (ii)
(ग) (i)
(घ) (i)
(ङ) (i)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बालिका क्या नहीं छोड़ना चाहती?
उत्तर-
बालिका माँ का आँचल नहीं छोड़ना चाहती है।

प्रश्न 2.
कविता में बच्ची छोटी क्यों बनी रहना चाहती है?
उत्तर-
कविता में बच्ची सबसे छोटी बनी रहने की कामना इसलिए करती है ताकि उसे हमेशा माँ का साथ और माँ का प्यार मिलता रहे।

प्रश्न 3.
कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ क्यों कहा गया है?
उत्तर-
ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि बड़ी बनकर वह माँ का प्यार नहीं खोना चाहती। ऐसे बड़े बनने से क्या लाभ जिसमें माँ अपने हाथों न खिलाए न नहला कर तैयार करे।

प्रश्न 4.
माँ बच्चों को किस प्रकार छलती है?
उत्तर-
माँ जब बच्ची को बड़ी बना देती है तब उसका साथ छोड़कर अपने कामों में लग जाती है और कभी-कभी वह बच्चों को खिलौने हाथ में पकड़ाकर अपने काम में लग जाती है। उसके साथ समय नहीं देती है। इस प्रकार माँ बच्चों को छलती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बचपन सुहाना क्यों होता है?
उत्तर-
बचपन में माँ का प्यार और सान्निध्य मिलता है। सारी चिंताएँ माँ पर छोड़कर बच्चे मस्ती में रहा करते हैं। छोटी होकर ही माँ का हाथ पकड़ कर उनके साथ घूमते हैं। माँ के हाथ से खाना, मुँह धुलवाना, धूल पोंछवाना, छोटी होते हुए संभव होता है। माँ का आँचल पकड़ कर बच्चे घूमा करते हैं, माँ की गोदी में सोते हैं। बच्चों को सुखद परियों की कथा सुनने का मौका मिलता है। माँ बच्चों का हाथ कभी नहीं छोड़ती। इसलिए बचपन सुहाना होता है।

प्रश्न 2.
बड़े होने पर हम कैसे माँ से अलग हो जाते हैं?
उत्तर-
बड़ा बनाकर माँ बच्चे को अपने से अलग करने लगती हैं क्योंकि बड़ा होने पर माँ दिन-रात हमारे साथ नहीं रह पाती है। वह पहले हमें खिलौने देकर अपने आप खेलने के लिए छोड़ देती है। फिर वह हमें विद्यालय भेजती है। विद्यालय में नए-नए मित्र बनते हैं। बच्चों पर ज़िम्मेदारी डाल दी जाती है। पढ़ाई की, परीक्षा की, गृहकार्य की, खेलकूद की इत्यादि। इस प्रकार हम धीरे-धीरे माँ से अलग हो जाते हैं।

प्रश्न 3.
माँ के आँचल की छाया दुनिया की सबसे सुरक्षित स्थान है। कैसे?
उत्तर-
माँ के आँचल की छाया संसार की सबसे सुरक्षित स्थान है। यहाँ हम बिना किसी डर, चिंता और फ्रिक के रहते हैं। यहाँ हमें किसी प्रकार का खतरा महसूस नहीं होता। माँ हमें हर परेशानियों एवं खतरों से दूर रखती है। वह हमें लोगों की बुरी संगत और नज़र से बचाती है। वह हमारी स्वास्थ्य और सफ़ाई पर भी ध्यान रखती है। इसलिए माँ का आँचल दुनिया का सबसे सुरक्षित स्थान है।

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Chapter – 12 संसार पुस्तक है | NCERT Hindi Solutions | EDUGROWN

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi वसंत, भाग 1

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 12 संसार पुस्तक है

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

पत्र से

प्रश्न 1.
लेखक ने ‘प्रकृति के अक्षर’ किन्हें कहा है?
उत्तर-
लेखक ने पेड़-पौधों, पत्थरों, नदियों, जंगलों, हड्डियों आदि प्राकृतिक चीजों को प्रकृति के अक्षर कहा है।

प्रश्न 2.
लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती कैसी थी?
उत्तर-
लाखों-करोड़ों वर्ष पूर्व हमारी धरती बहुत गर्म थी। इस पर कोई जीव जीवित नहीं रह सकता था।

प्रश्न 3.
दुनिया का पुराना हाल किन चीज़ों से जाना जाता है? कुछ चीज़ों के नाम लिखो।
उत्तर-
दुनिया का पुराना हाल पहाड़, समुद्र,नदियाँ, जंगल के जानवरों की पुरानी हड्डियों, पत्थर के टुकड़ों से जाना जाता है।

प्रश्न 4.
गोल, चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?
उत्तर-
गोल और चमकीला दिखाई देने वाला रोड़ा पहले ऐसा नहीं था। पहले वह चट्टान का टूटा हुआ नोकीला खुरदरा टुकड़ा था। बारिश के पानी में बहकर वह छोटी घाटी तक आया। पानी के साथ निरंतर ढकेले जाने के कारण उसके कोण घिसकर गोल और चमकदार बन गए।

प्रश्न 5.
गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो क्या होता? विस्तार से उत्तर लिखो।
उत्तर-
गोल, चमकीले रोड़े को अगर दरिया और आगे ले जाता तो वह छोटा होते-होते अंत में बालू का एक कण बन जाता और समुद्र के किनारे पहुँच कर अपने जैसे ही रेत के अन्य कणों में मिल जाता। जहाँ एक सुंदर बालू का किनारा बन जाता जिस पर छोटे-छोटे बच्चे खेलते और बालू के घरौंदे बनाते। लोग उस रेत को विभिन्न कामों में प्रयोग करते।

प्रश्न 6.
नेहरू जी ने इस बात का हलका-सा संकेत दिया है कि दुनिया कैसे शुरू हुई होगी? उन्होंने क्यों बताया है? पाठ के आधार पर लिखो।
उत्तर-
नेहरू जी ने बताया है कि यह पृथ्वी लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है। यह पृथ्वी बहुत गरम थी। इस पर कोई जानदार चीज़ नहीं रह सकती थी। पहले यहाँ न कोई आदमी था, न जानवर। करोड़ों वर्षों में जाकर धरती ठंडी हुई फिर धीरे-धीरे इस पर वनस्पतियाँ पैदा होने लगीं। फिर छोटे-छोटे जीव-जंतु पैदा हुए और फिर मनुष्य। इस तरह दुनिया की शुरुआत हुई।

पत्र से आगे

प्रश्न 1.
लगभग हर जगह दुनिया की शुरुआत को समझाती हुई कहानियाँ प्रचलित हैं। तुम्हारे यहाँ कौन-सी कहानी प्रचलित है?
उत्तर-
हमारे यहाँ यह कहानी प्रचलित है कि यह धरती पहले सूर्य का ही अंग थी। अंतरिक्ष में आए किसी परिवर्तन के कारण यह सूर्य से अलग हो गई। यह भी सूर्य की तरह आग का गोला था। करोड़ों वर्षों में जाकर यह ठंडी हुई फिर इस पृथ्वी पर वनस्पतियाँ पैदा होने लगीं। इसके बाद ही जानवर और इंसान अस्तित्व में आए। दूसरी कहानी प्रचलित है कि इस दुनिया की शुरुआत ईश्वर ने की। उसी ने सृष्टि के क्रम को आगे बढ़ाया।

प्रश्न 2.
तुम्हारी पसंदीदा किताब कौन सी है और क्यों?
उत्तर-
हमारी पसंदीदा किताब ‘रामचरित मानस’ है जो गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई है। इस ग्रंथ में नीति, धर्म, व्यवहार, कर्तव्य अकर्तव्य आदि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है।

प्रश्न 3.
मसूरी और इलाहाबाद भारत के किन प्रांतों के शहर हैं?
उत्तर-
मसूरी उत्तराखंड प्रांत का और इलाहाबाद उत्तर प्रदेश प्रांत का शहर है।

प्रश्न 4.
तुम जानते हो कि दो पत्थरों को रगड़कर आदि मानव ने आग की खोज की थी। उस युग में पत्थरों का और क्या-क्या उपयोग होता था?
उत्तर-
आदि मानव पत्थरों का इस्तेमाल आग जलाने के अलावा मकान बनाने, हथियार व औजारों के रूप में एवं जानवरों का शिकार करने के लिए करते थे। इसके अलावा मांस काटने और चमड़ा या वृक्ष की छाल छीलने वाले औजार के रूप में इसके प्रयोग किए जाते थे।

अनुमान और कल्पना

हर चीज़ के निर्माण की एक कहानी होती है, जैसे मकान के निर्माण की कहानी-कुरसी, गद्दे, रजाई के निर्माण की कहानी हो सकती है। इसी तरह वायुयान, साइकिल अथवा अन्य किसी यंत्र के निर्माण की कहानी भी होती है। कल्पना करो यदि रसगुल्ला अपने निर्माण की कहानी सुनाने लगे कि पहले दूध था, उसे दूध से छेना बनाया गया, उसे गोल आकार दिया गया। चीनी की चाशनी में डालकर पकाया गया। फिर उसका नाम पड़ा रसगुल्ला।

तुम भी किसी चीज़ के निर्माण की कहानी लिख सकते हो, इसके लिए तुम्हें अनुमान और कल्पना के साथ उस चीज़ के बारे में कुछ जानकारी एकत्र करनी होगी।
उत्तर-
रोटी की कहानी
मैं हूँ रोटी, सो, मैं अपने बारे में तुम्हें कहानी सुनाती हूँ। मुझे पहले खेतों में गेहूँ के रूप में बोया गया। फिर मैं पौधे के रूप में अंकुरित हुआ। फिर मुझमें अनाज़ की बालियाँ लगीं। बालियों को पकने पर काट लिया गया। साफ़-सफ़ाई कर मेरा नाम गेहूँ पड़ गया। मुझे दुकानदारों को बेचा गया। जब मुझे चक्की में पीसो गया तो मेरा नया नाम आटा रखा गया। इसके बाद लोगों ने मुझे खरीदा। घर से जाकर मुझे आवश्यकतानुसार पानी के साथ गुँथा गया। फिर गोले बनाकर, बेलकर मुझे तवे पर या किसी तंदूर में सेका। उसके बाद मैं फूल कर कुप्पा हो गई। फिर यहाँ मेरा नाम रोटी पड़ा।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
इस बीच वह दरिया में लुढ़कता रहा।’ नीचे लिखी क्रियाएँ पढ़ो। क्या इनमें और ‘लुढ़कना’ में तुम्हें कोई समानता नज़र आती है?

  • ढकेलना
  • गिरना
  • खिसकना

इन चारों क्रियाओं का अंतर समझाने के लिए इनसे वाक्य बनाओ।
उत्तर-
इन चारों क्रिया शब्दों के अर्थ में बहुत अंतर है।
लुढ़कना – दवा की शीशी अलमारी से लुढ़क गई।
ढकेलना – राघव ने मोहन को सीढ़ियों से ढकेल दिया।
गिरना – किताब टेबल से नीचे गिर गई।
खिसकना – माधव ने खिसककर मुझे बैठने की जगह दी।

प्रश्न 2.
चमकीला रोड़ा-यहाँ रेखांकित विशेषण ‘चमक’ संज्ञा में ‘ईला’ प्रत्यय जोड़ने पर बना है। निम्नलिखित शब्दों में यही प्रत्यय जोड़कर विशेषण बनाओ और इनके साथ उपयुक्त संज्ञाएँ लिखो-
पत्थर ………
काँटा ……..
रस ………
ज़हर ………….
उत्तर-
पथरीला रास्ता
कॅटीला पौधा
रसीला आम
जहरीला साँप

प्रश्न 3.
‘जब तुम मेरे साथ रहती हो, तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो।’
यह वाक्य दो वाक्यों को मिलाकर बना है। इन दोनों वाक्यों को जोड़ने का काम जब-तो (तब) कर रहे हैं, इसलिए | इन्हें योजक कहते हैं। योजक के रूप में कभी कोई बदलाव नहीं आता, इसलिए ये अव्यय का एक प्रकार होते हैं। नीचे वाक्यों को जोड़ने वाले कुछ और अव्यय दिए गए हैं। उन्हें रिक्त स्थानों में लिखो। इन शब्दों से तुम भी एक-एक वाक्य बनाओ-
बल्कि / इसलिए / परंतु / कि / यदि / तो / न कि / या / ताकि।

  1. कृष्णन फ़िल्म देखना चाहता है ………….. मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
  2. मुनिया ने सपना देखा ………….. वह चंद्रमा पर बैठी है।
  3. छुट्टियों में हम सब …………… दुर्गापुर जाएँगे ………….. जालंधर।
  4. सब्ज़ी कटवा कर रखना …………. घर आते ही मैं खाना बना लें।
  5. ………… मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी …………… मैं यह बात न कहती।
  6. इस वर्ष फ़सल अच्छी नहीं हुई है ………… अनाज महँगा है।
  7. विमल जर्मन सीख रहा है …………….. फ्रेंच।

उत्तर-

  1. कृष्णन फ़िल्म देखना चाहता है परंतु मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
  2. मुनिया ने सपना देखा कि वह चंद्रमा पर बैठी है।
  3. छुट्टियों में हम सब या तो दुर्गापुर जाएँगे या जालंधर।
  4. सब्ज़ी कटवाकर रखना ताकि घर आते ही मैं खाना बना लें।
  5. यदि मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी तो मैं यह बात न कहती।
  6. इस वर्ष फ़सल अच्छी नहीं हुई इसलिए अनाज महँगा है।
  7. विमल जर्मन सीख रहा है न कि फ्रेंच।

कुछ करने को

  • पास के शहर में कोई संग्रहालय हो तो वहाँ जाकर पुरानी चीजें देखो। अपनी कक्षा में उस पर चर्चा करो।

सुननी और देखना

  1. एन०सी०ई०आर०टी० की श्रव्य श्रृंखला ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’।
  2. एन०सी०ई०आर०टी० का श्रव्य कार्यक्रम ‘पत्थर और पानी की कहानी’।
  3. ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ पुस्तक पुस्तकालय से लेकर पढ़ो।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्न

(क) “संसार पुस्तक है’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) प्रेमचंद
(ii) विनय महाजन
(iii) पं० जवाहरलाल नेहरू
(iv) कृष्णा सोबती

(ख) नेहरू जी ने यह पत्र किसको लिखा था?
(i) भारत के बच्चों को
(ii) अपनी पुत्री इंदिरा को
(iii) भारत के साहित्यकारों को
(iv) धार्मिक नेताओं क

(ग) लेखक के पत्रों का संकलन किस नाम से है?
(i) भारत एक खोज
(ii) संसार पुस्तक है।
(iii) संसार एक रंग-मंच
(iv) पिता के पत्र पुत्री के नाम

(घ) लेखक ने प्रकृति के अक्षर किसे कहा है?
(i) पहाड़ों को
(ii) नदी और मैदानों को
(iii) पक्षियों और पेड़ों को
(iv) उपर्युक्त सभी

(ङ) किसी भाषा को सीखने के लिए सबसे पहले क्या सीखना होता है?
(i) वर्ण
(ii) शब्द
(iii) वाक्य
(iv) शब्दांश

उत्तर

(क) (ii)
(ख) (ii)
(ग) (iv)
(घ) (iv)
(ङ) (iv)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
हम इतिहास में क्या पढ़ते हैं?
उत्तर-
हम इतिहास में विभिन्न देशों के बीते हुए समय की जानकारी पढ़ते हैं, जैसे-हिंदुस्तान और इंग्लैंड का इतिहास।

प्रश्न 2.
लेखक ने संसार को पुस्तक क्यों कहा है?
उत्तर-
जैसे पुस्तक पढ़कर बहुत-सी जानकारी प्राप्त की जा सकती है, वैसे ही संसार में रहकर भी हमें बहुत-सी जानकारियाँ प्राप्त हो सकती हैं। इसलिए लेखक ने संसार को पुस्तक कहा है।

प्रश्न 3.
दुनिया का हाल जानने के लिए किस बात का ध्यान रखना पड़ेगा?
उत्तर-
दुनिया का हाल जानने के लिए दुनिया के सभी देशों और यहाँ बसी सभी जातियों का ध्यान रखना होगा। केवल एक देश जिसमें हम पैदा हुए हैं, की जानकारी प्राप्त कर लेना काफ़ी नहीं है।

प्रश्न 4.
एक रोड़ा दरिया में लुढ़कता-लुढ़कता किस रूप में बदल जाता है?
उत्तर-
रोड़ा दरिया में लुढ़कते-लुढ़कते छोटा होता जाता है और अंत में रेत का कण बन जाता है।

प्रश्न 5.
पत्थर अपनी कहानी हमें कैसे बताते हैं?
उत्तर-
पत्थरों की कहानी उनके ऊपर ही लिखी हुई है। यदि हमें उसे पढ़ने और समझने की दृष्टि हो तो हम यह कहानी जान सकते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नेहरू जी ने पुत्री को क्या सलाह दी?
उत्तर-
नेहरू जी ने पुत्री को कहा कि इंग्लैंड केवल एक छोटा-सा टापू है और हिंदुस्तान, जो एक बहुत बड़ा देश है, फिर भी दुनिया का एक छोटा-सा हिस्सा है। अगर तुम्हें इस दुनिया का कुछ हाल जानने का शौक है, जो तुम्हें सब देशों को और उन सब जातियों का जो इसमें बसी हुई हैं, का ध्यान रखना पड़ेगा, केवल उस एक छोटे-से देश का नहीं जिसमें तुम पैदा हुई हो।

प्रश्न 2.
गोल-चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?
उत्तर-
गोल और चमकीला दिखाई देने वाला रोड़ा पहले ऐसा नहीं था। एक समय यह रोड़ा एक चट्टान का टुकड़ा था, जिसमें किनारे और कोने थे। वह किसी पहाड़ के दामन में पड़ा था। जब पानी के साथ बहकर वह नीचे आ गया और घाटी तक पहुँच गया। वहाँ से एक पहाड़ी नाले ने ढकेल कर उसे एक छोटे-से दरिया में पहुँचा दिया। पानी के साथ निरंतर ढकेले जाने के कारण उसके कोने घिस गए। दरिया उसे और आगे बहाकर ले गई। इस प्रकार की निरंतर प्रक्रिया के साथ वह गोल, चमकदार और चिकना हो गया।

प्रश्न 3.
लेखक ने इस दुनिया की और इस दुनिया के छोटे-बड़े देशों की छोटी-छोटी कथाएँ लिखने का इरादा क्यों किया?
उत्तर-
जब लेखक और उनकी पुत्री साथ-साथ रहते थे तो लेखक की पुत्री नेहरू जी से कई प्रश्न पूछा करती थी। नेहरू जी तब उसके प्रश्नों और बातों का उत्तर दिया करते थे। जब लेखक की पुत्री अपने पिता से दूर मसूरी में थी तो उन दोनों की बातचीत नहीं हो सकती थी। अतः लेखक ने बड़े सरल सहज तरीके से कई दुर्लभ जानकारियाँ देने के लिए इस दुनिया की और इस दुनिया के छोटे-बड़े देशों की छोटी-छोटी कथाएँ पत्रों के माध्यम से लिखने का इरादा किया।

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Chapter – 11 जो देखकर भी नहीं देखते | NCERT Hindi Solutions | EDUGROWN

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi वसंत, भाग 1

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 11 जो देखकर भी नहीं देखते

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

निबंध से

प्रश्न 1.
जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं-हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता था?
उत्तर-
हेलेन केलर ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि जो लोग किसी चीज को निरंतर देखने के आदी हो जाते हैं वे उनकी तरफ़ अधिक ध्यान नहीं देते। उनके मन में उस वस्तु के प्रति कोई जिज्ञासा नहीं रहती। ईश्वर की दी हुई देन का वह लाभ नहीं उठा। सकते।

प्रश्न 2.
‘प्रकृति का जादू’ किसे कहा गया है?
उत्तर-
प्रकृति का जादू वह है जो प्रकृति के रूप में नित्य कुछ-न-कुछ परिवर्तन करता है। प्रकृति अपने रूप के आकर्षण से हमें अपनी ओर जादू की तरह आकर्षित करती है। प्रकृति में विविधता है, अलग-अलग वृक्षों की अलग-अलग घुमावदार बनावट और उनकी छाल और पत्तियाँ होना, फूलों का खिलना, कलियों की पंखुड़ियों की मखमली सतह, बागों में पेड़ों पर गाते पक्षी, कलकल करते बहते हुए झरने, कालीन की तरह फैले हुए घास के मैदान आदि प्रकृति के जादू हैं।

प्रश्न 3.
‘कुछ खास तो नहीं’–हेलेन की मित्र ने यह जवाब किस मौके पर दिया और यह सुनकर हेलेन को आश्चर्य क्यों नहीं हुआ?
उत्तर-
प्रकृति में चारों ओर देखने और समझने की बहुत सी चीजें हैं, फिर भी उनकी मित्र कह रही है कि मैंने कुछ खास नहीं देखा। लेखिका का मानना है कि वे कुछ भी देखना ही नहीं चाहती। वे उन चीजों की चाह ज़रूर करती हैं जो उनके आस-पास नहीं है।

प्रश्न 4.
हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ों को छूकर और सुनकर पहचान लेती थीं? पाठ के आधार पर इसका उत्तर लिखो।
उत्तर-
हेलेन केलर प्रकृति की अनेक चीजों जैसे भोज-पत्र पेड़ की चिकनी छालं, चीड़ की खुरदरी छाल, टहनियों में नई, कलियों फूलों की पंखुड़ियों की बनावट को छूकर और सँघकर पहचान लेती है।

प्रश्न 5.
जबकि इस नियामत से जिंदगी को खुशियों के इंद्रधनुषी रंगों से हरा-भरा किया जा सकता है’। -तुम्हारी नज़र में इसका क्या अर्थ हो सकता है?
उत्तर-
हमारी आँखें अनमोल होती हैं। संसार की सारी खूबसूरती आँखों से ही है। जीवन के सभी रंग आँखों से ही हैं। अतः यह जिंदगी की बहुत बड़ी देन है। इसमें जिंदगी को रंगीन और खुशहाल बनाया जा सकता है और अपने सारे दुखों को भुलाया जा सकता है।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
आज तुमने घर से आते हुए बारीकी से क्या-क्या देखा-सुना? मित्रों के साथ सामूहिक चर्चा करो।
उत्तर-
आज जब मैं अपने घर से विद्यालय के लिए निकला तो चौराहे पर कुछ लोगों की भीड़ देखी। वे लोग हाथों में समाचार पत्र लिए हुए और किसी गंभीर मसले पर चर्चा कर रहे थे। इतने में मेरी स्कूल बस आ गई। थोड़ी आगे चलकर स्कूल बस भीड़ पर जाम में फँस गई। आगे जाने पर पता चला दुर्घटना हो गई है। एक वाहन उलटा पड़ा था। वहाँ का दृश्य देखकर मन दुखी हो गया। लगभग 15 मिनट बाद में विद्यालय पहुँचा। इसके बाद प्रार्थना में शामिल हुआ, फिर कक्षा में गया। उसके बाद धीरे-धीरे शांति का वातावरण छाया।

प्रश्न 2.
कान से न सुन पाने पर आस-पास की दुनिया कैसी लगती होगी? इस पर टिप्पणी लिखो और कक्षा में पढ़कर सुनाओ।
उत्तर-
कान से न सुन पाने पर दुनिया बड़ी विचित्र लगती है। आँखें तो सब कुछ देखती हैं, पर जब उन क्रिया कलापों की आवाज़ नहीं सुन पाते तब ऐसा प्रतीत होता है मानो बंद कानों से हम मूक फ़िल्मों की तरह देखते हैं। न सुनने के कारण व्यक्ति दूसरों से अपने विचारों का आदान-प्रदान सही रूप में नहीं कर पाता होगा।

प्रश्न 3.
तुम्हें किसी ऐसे व्यक्ति से मिलने का मौका मिले जिसे दिखाई न देता हो तो तुम उससे सुनकर, सँधकर, चखकर, छूकर अनुभव की जानेवाली चीज़ों के संसार के विषय में क्या-क्या प्रश्न कर सकते हो? लिखो।
उत्तर-
उनके अनुभव जानने के लिए निम्नलिखित प्रश्न कर सकते हैं-

  • किसी भी ध्वनि को सुनकर वे कैसे अनुमान लगाते हैं कि ध्वनि किसकी है?
  • किसी भी चीज़ को चखकर वे क्या हैं? और कैसा अनुभव करते हैं?
  • क्या आप पक्षी की आवाज़ को सुनकर उसका नाम बता सकते हैं? यह कैसे संभव हो पाता है?
  • क्या आप सँघकर बता सकते हैं कि यह कौन-सा फूल है?
  • सँधकर अच्छी-बुरी चीज़ का अंदाजा किस हद तक लगा पाते हैं?

प्रश्न 4.
हम अपनी पाँचों इंद्रियों में से आँखों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा करते हैं। ऐसी चीजों के अहसासों की तालिका बनाओ जो तुम बाकी चार इंद्रियों से महसूस करते हो-

सुनकरचक्करसूँघकरछूकर

उत्तर
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 11 जो देखकर भी नहीं देखते Q4

भाषा की बात

प्रश्न 1.
पाठ में स्पर्श से संबंधित कई शब्द आए हैं। नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए हैं। बताओ कि किन चीजों का स्पर्श होता है-

  1. चिकना …………
  2. मुलायम ……………
  3. खुरदरा ………
  4. सख्त ……………
  5. चिपचिपा ………
  6. भुरभुरा ………..

उत्तर-

  1. चिकना – तेल, घी, क्रीम में चिकनापन होना।
  2. मुलायम – रेशमी कपड़ा
  3. खुरदरा – लकड़ी व छाल खुरदरे होते हैं।
  4. सख्त – लोहा, पत्थर, लकड़ी
  5. चिपचिपा – गोंद
  6. भुरभुरा – रेत भुरभुरा होता है।

प्रश्न 2.
अगर मुझे इन चीज़ों को छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा। ऊपर रेखांकित संज्ञाएँ क्रमशः किसी भाव और किसी की विशेषता के बारे में बता रही हैं। ऐसी संज्ञाएँ भाववाचक कहलाती हैं। गुण और भाव के अलावा भाववाचक संज्ञाओं का संबंध किसी की दशा और किसी कार्य से भी होता है। भाववाचक संज्ञा की पहचान यह है कि इससे जुड़े शब्दों को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं, देख या छू नहीं सकते। आगे लिखी भाववाचक संज्ञाओं को पढ़ो और समझो। इनमें से कुछ शब्द संज्ञा और क्रिया से बने हैं। उन्हें भी पहचानकर लिखो-

  • भोलापन
  • मिठास
  • बुढ़ापा
  • भूख
  • घबराहट
  • क्रोध
  • शांति
  • बहाव
  • मज़दूरी
  • ताज़गी
  • अहसास
  • मीठा

उत्तर
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 11 जो देखकर भी नहीं देखते Q2

प्रश्न 3.
मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदी हो चुकी हैं।
उस बगीचे में आम, अमलतास, सेमल आदि तरह-तरह के पेड़ थे।
ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में रेखांकित शब्द देखने में मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ भिन्न हैं। नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए हैं। वाक्य बनाकर उनका अर्थ स्पष्ट करो-

  • अवधि – अवधी
  • में – मैं
  • ओर – और
  • दिन – दीन
  • मेल – मैल
  • सिल – शील

उत्तर

  • अवधि – यह प्रश्नपत्र पूरा करने की अवधि 3 घंटे है।
  • अवधी – अवध क्षेत्र में अवधी भाषा बोली जोती है।
  • में – सुमन से मेरी मुलाकात बगीचे में हुई।
  • मैं – मैं दिल्ली का निवासी हूँ।
  • मेल – मित्रों को आपस में मेल से रहना चाहिए।
  • मैल – इस साबुन से कपड़े में मैल नहीं रहेगी।
  • ओर – यह रास्ता मेरे घर की ओर जाता है।
  • और – राम और श्याम भाई हैं।
  • दिन – आज दिन बड़ा सुहाना है।
  • दीन – हमें दीन-दुखियों की सहायता करनी चाहिए।
  • सिल – माँ सिल पर मसाला पीस रही है।
  • शील – शील स्वभाव के लोग सबको अच्छे लगते हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
इस तसवीर में तुम्हारी पहली नज़र कहाँ जाती है?
उत्तर-
इस तसवीर में मेरी पहली नजर आसमान । से आ रही रोशनी की तरफ जाती हैं।

प्रश्न 2.
गली में क्या-क्या चीजें हैं?
उत्तर-
गली में एक स्कूटर पर बैठा आदमी और साइकिल लेकर खड़ा व्यक्ति दिखाई दे रहा है। गली के एक ओर कुछ दुकानें हैं। दुकान की तरफ मुँह करके एक व्यक्ति खड़ा है। दुकानों की ऊपर की मंजिल की बालकनी से। कपड़े लटक रहे हैं। गली की दूसरी ओर कुछ साइकिलें और मोटर साइकिल खड़ी है, एक ऑटोरिक्शा भी खड़ा है।

प्रश्न 3.
इस गली में हमें कौन-कौन सी आवाजें सुनाई देती होंगी?
सुबह के वक्त
दोपहर के वक्त
शाम के वक्त
रात के वक्त
उत्तर-

  • सुबह के वक्त गली में साइकिल की घंटियों, मंदिर के लाउडस्पीकरों, स्कूटर और
    ऑटोरिक्शा, दूधवाले तथा फेरीवालों की ध्वनियाँ सुनाई देती होंगी।
  • दोपहर के वक्त फेरीवालों, ठेलेवालों और कबाड़ीवालों तथा स्कूल से वापस आते
    बच्चों की आवाज आती होगी।
  • शाम के वक्त साइकिल की घंटियों, वाहनों का शोर, रेडियो पर बजते गानों, बच्चों के | खेलने की आवाजें और लोगों की बातचीत की आवाज भी आती होगी।
  • रात के वक्त आते-जाते लोगों के कदमों की आवाज, कुत्तों के भौंकने की आवाज,
    चौकीदार के ‘जागते रहो’ और पुलिस गाड़ी के सायरन की आवाज आती होगी।

प्रश्न 4.
अलग-अलग समय में ये गली कैसे बदलती होगी?
उत्तर-
अलग-अलग समय में गली तो वही रहती होगी, बस वहाँ आने-जाने और रुकने वाले लोग बदलते होंगे। सुबह और शाम के समय वहाँ हलचल रहती होगी तथा दोपहर और शाम में शांति छाई रहती होगी।

प्रश्न 5.
ये तारें गली को कहाँ-कहाँ जोड़ती होंगी?
उत्तर-
बिजली की तारें गली को ट्रान्सफॉर्मर से जोड़ती होंगी। टेलीफोन की तारें दूर स्थित मुख्य दूरभाष बक्से से जुड़ी होंगी। केबल की तारें किसी टी.वी. टावर से जुड़ी होंगी।

प्रश्न 6.
साइकिलवाला कहाँ से आकर कहाँ जा रहा होगा?
उत्तर-
साइकिलवाला घर से आकर कार्यालय जा रहा होगा।

कुछ करने को

  • हेलेन केलर तथा लूई ब्रेल की जीवनी लिखो।
  • किसी अपंग व्यक्ति की पढ़ाई-लिखाई में उसकी मदद करो।

सुनना और देखना

  • एन०सी०ई०आर०टी० द्वारा निर्मित श्रव्य कार्यक्रम ‘हेलेन केलर’।
  • सई परांजपे द्वारा निर्देशित फ़ीचर फ़िल्म ‘स्पर्श’।

परियोजना

एक पौधे का चित्र बनाकर और उस पर रंगीन फूल दर्शाओ।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

(क) “जो देखकर भी नहीं देखते’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) प्रेमचंद
(ii) सुंदरा स्वामी
(iii) जया विवेक
(iv) हेलेन केलर

(ख) हेलेन केलर प्रकृति की चीजों को किस प्रकार पहचानती हैं?
(i) देखकर
(ii) सुंघकर
(iii) छूकर
(iv) दूसरों से उसका वर्णन सुनकर

(ग) लेखिका को किसमें आनंद मिलता है?
(i) लोगों से बात करने में
(ii) प्रकृति को निहारने में
(iii) फूलों की पंखुड़ियों को छूने और उसकी घुमावदार बनावट को महसूस करने में

(घ) लेखिका किसके स्वर पर मंत्रमुग्ध हो जाती है?
(i) कोयल के
(ii) मैना के
(iii) मोर के
(iv) चिड़िया के

(ङ) इनमें किस पेड़ की छाल चिकनी होती है?
(i) चीड़
(ii) भोज-पत्रे
(iii) पीपल
(iv) बरगद

उत्तर

(क) (iv)
(ख) (iii)
(ग) (iii)
(घ) (iv)
(ङ) (ii)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लेखिका के कानों में किसके मधुर स्वर गूंजने लगते थे?
उत्तर-
लेखिका के कानों में चिड़ियों के मधुर स्वर गूंजने लगते थे।

प्रश्न 2.
लेखिका को प्रकृति के जादू का अहसास कब होता है?
उत्तर-
फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूने और उनकी घुमावदार बनावट महसूस करने से लेखिका को प्रकृति के जादू का अहसास होता है।

प्रश्न 3.
इस दुनिया के लोग कैसे हैं?
उत्तर-
इस दुनिया के अधिकांश लोग संवेदनहीन हैं। वे अपनी क्षमताओं की कद्र करना नहीं जानते।

प्रश्न 4.
हेलेन केलर अपने मित्रों की परीक्षा क्यों लेती है?
उत्तर-
हेलेन केलर अपने मित्रों की परीक्षा यह परखने के लिए लेती है कि वे क्या देखते हैं।

प्रश्न 5.
लेखिका को झरने का पानी कब आनंदित करता है?
उत्तर-
लेखिका जब झरने के पानी में अँगुलियाँ डालकर उसके बहाव को महसूस करती है, तब वह आनंदित हो उठती है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लेखिका को किस काम से खुशी मिलती है?
उत्तर-
लेखिका को प्राकृतिक वस्तुओं को स्पर्श करने में खुशी मिलती है। वह चीज़ों को छूकर उनके बारे में जान लेती है। यह स्पर्श उसे आनंदित कर देता है।

प्रश्न 2.
मनुष्य का स्वभाव क्या है?
उत्तर
मनुष्य अपनी क्षमताओं की कदर नहीं करता। वह अपनी ताकत और अपने गुणों को नहीं पहचानता। वह नहीं जानता कि ईश्वर ने उसे आशीर्वाद स्वरूप क्या-क्या दिया है और उसका उपयोग नहीं कर सकता है। मनुष्य केवल उस चीज़ के पीछे भागता रहता है, जो उसके पास नहीं है। यही मनुष्य का स्वभाव है।

प्रश्न 3.
जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं- हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता है?
उत्तर-
लेखिका ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि जो लोग किसी चीज़ को निरंतर देखने के आदती हो जाते हैं, वे उनकी तरफ़ अधिक ध्यान नहीं देते। उनके मन में उस वस्तु के प्रति कोई जिज्ञासा नहीं रहती। ईश्वर की दी हुई देन का लाभ नहीं उठा पाते।

प्रश्न 4.
लेखिका ने किसे नियामत माना है? उससे क्या किया जा सकता है?
उत्तर
लेखिका दृष्टि को ईश्वरीय देन मानती है। दृष्टि ईश्वर द्वारा दी गई नियामत है। यह साधारण चीज़ नहीं। दृष्टि से हम जीवन में कई तरह की खुशियाँ प्राप्त कर सकते हैं। दृष्टि के द्वारा ही मानव सही उपयोग करके जितना चाहे उन्नति कर सकता है। दृष्टि जीवन में हर प्रकार के सुख पाने का माध्यम है। इसी से मनुष्य स्वावलंबी बन सकता है। समाज को भी उन्नत कर सकता है।

प्रश्न 5.
इस पाठ से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर
इस पाठ से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि जीवन में जीने के लिए मनुष्य के पास जो साधन उपलब्ध हो उनसे संतुष्ट रहना चाहिए।

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