CHAPTER- 5 चित्रकूट में भरत Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER- 5 चित्रकूट में भरत

Important Question Class 6 Hindi – Bal Ram Katha Chapter 05 – चित्रकूट मे भरत

अति लघु उत्तरीय प्रश्न  (1 अंक)

  1. दशरथ के निधन के समय भरत कहाँ थे? 

उत्तर: दशरथ के निधन के समय भरत कैकेयी राज्य, अपने नाना के घर में थे।

  1. अयोध्या नगर पहुँचकर भरत की आँखें किसे ढूँढ रही थी? 

उत्तर: अयोध्या नगर पहुंचकर भरत की आँखें, अपने पिता राजा दशरथ को ढूँढ रही थी।

  1. चित्रकूट में किस महर्षि का आश्रम था? 

उत्तर: चित्रकूट में महर्षि भरद्वाज का आश्रम था।

  1. राम ने पर्णकुटी कहाँ बनाई थी? 

उत्तर: राम ने पर्णकुटी एक पहाड़ पर बनाई थी।

  1. निषादराज ने जब भरत को सेना के साथ देखा तो उन्हें क्या संदेह हुआ? 

उत्तर: भरत को देखकर निषादराज को यह संदेह हुआ कि भरत राम पर आक्रमण करने आ रहा है। 

लघु उत्तरीय प्रश्न (2अंक)

  1. भरत ने स्वप्न में अपने पिता, दशरथ को किस अवस्था में देखा? 

उत्तर: भरत ने स्वप्न में अपने पिता को एक रथ पर बैठा हुआ देखा। वह रथ घोड़े के जगह गधे और एक राक्षसी खींच रही थी।

  1. भरत ने अपने सपने का जिक्र किससे किया था? 

उत्तर: भरत ने जब स्वप्न देखा तब वह उस स्वप्न का अर्थ नहीं समझ पाए थे। इसलिए उन्होंने अपने स्वप्न का जिक्र अपने सगे- संबंधियों से किया।

  1. स्वप्न देखने के बाद भरत को ननिहाल में कैसा महसूस हो रहा था? 

उत्तर: स्वप्न देखने के बाद भरत बहुत ही परेशान हो गए थे। उनका मन ननिहाल में बिल्कुल नहीं लग रहा था। वह जल्द से जल्द अयोध्या आकर अपने पिता से मिलना चाहते थे।

  1. ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में भारत को कितने दिन लगे और क्यों? 

उत्तर: ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में भरत को 8 दिन लगे थे। उन्हें 8 दिन इसलिए लगे क्योंकि उस समय खेतों में फसल लगी हुई थी , जिसके कारण उन्हें लंबा रास्ता पकड़ना पड़ा था।

  1. अयोध्या नगर पहुँचने के बाद भरत सबसे पहले कहाँ गए? 

उत्तर: अयोध्या नगर पहुँचने के बाद भरत सबसे पहले अपने पिता, राजा दशरथ के पास गए। भरत राजा दशरथ से मिलने के लिए बहुत व्याकुल और उतावले थे।

लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक) 

  1. भरत ने जब अयोध्या नगर को दूर से देखा तो उन्हें कैसा प्रतीत हुआ? 

उत्तर: ननिहाल से लौटते समय भारत ने जब अयोध्या नगर को दूर से देखा तो उन्हें नगर पहले जैसा प्रतीत नहीं हुआ। उन्हें उनका अयोध्यानगर बहुत बदला-बदला लग रहा था। अयोध्या नगर की सड़कें सूनी-सूनी लग रही थी। बाग बगीचे बहुत उदास लग रहे थे। आसमान में पक्षी भी कलवर नहीं कर रहे थे। यह सब देखकर भरत के मन में किसी अनिष्ट घटना की आशंका हुई।

  1. पिता के निधन का समाचार सुनकर भरत के ऊपर क्या प्रभाव पड़ा? 

उत्तर: अयोध्या लौटने के पश्चात, भरत की आँखें अपने पिता को ही ढूँढ रही थी। वह अपने पिता से मिलने के लिए बहुत व्याकुल थे। उन्होंने महाराज को उनके महल में भी ढूँढा परंतु उन्हें महाराज वहां नहीं दिखे जिसके कारण वह बहुत ही चिंतित हो गए। फिर उन्हें अपनी माता कैकेयी के द्वारा पता चला कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। पिता के निधन का समाचार सुनकर भरत बहुत शोक में डूब गए, बहुत विलाप करने लगे और विलाप करते करते पछाड़ खाकर गिर गए। पिता के निधन के समाचार से उन्हें बहुत ही दुख पहुँचा। 

  1. भरत ने क्रोध में आकर कैकेयी से क्या कहा? 

उत्तर: जब कैकयी ने भरत को बताया कि उसने महाराज से राम के वनवास और भरत के राजा बनने  का वचन मांगा था, तो यह बात सुनकर भरत बहुत ही क्रोधित हो गए। उन्हें अपनी माता पर बहुत क्रोध आया। भारत ने कैकेयी पर चिल्लाते हुए कहा, “ यह तुमने क्या किया माते!, तुमने अपराध किया है। तुमने ऐसा अनर्थ क्यों किया? वह तो तुम्हें जाना चाहिए था, श्री राम को नहीं। मेरे लिए यह राज्य अर्थहीन है। पिता को खो कर और भाई से बिछड़ कर मुझे यह राज्य नहीं चाहिए।”

  1. रानी कौशल्या ने भरत से क्या कहा? 

उत्तर: जब भरत रानी कैकेयी के कक्ष से निकलकर, महारानी कौशल्या के कक्ष में पहुंचे, तो उन्हें पकड़कर बहुत रोने लगे। रानी कौशल्या बहुत ही दुखी थी। रानी कौशल्या ने भरत से कहा, “ पुत्र, तुम्हारी हर मनोकामना पूरी हो। तुम जो चाहते थे वह हो गया। मुझे तो बस एक ही बात का दुख है की रानी कैकेयी ने राज्य लेने का बहुत ही अनुचित उपाय निकाला। तुम राज करो पुत्र। मैं तुमसे सिर्फ एक ही विनती करती हूं कि तुम मुझे मेरे पुत्र राम के पास पहुंचा दो।

  1. महर्षि वशिष्ठ ने राज सिंहासन को लेकर भारत से क्या कहा? 

उत्तर: महर्षि वशिष्ठ अयोध्या का राज सिंहासन रिक्त नहीं देखना चाहते थे। खाली सिंहासन के खतरे से व भली-भांति परिचित थे। इसलिए उन्होंने भरत और शत्रुघ्न को आमंत्रित किया और भरत से कहा, “ वत्स, तुम राजकाज संभाल लो। पिता के निधन और बड़े भाई के वन गमन के बाद यही उचित होगा कि तुम ही राज्य काज देखो।”

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)  

  1. ऊंचे पेड़ पर चढ़कर लक्ष्मण ने क्या देखा? उन्होंने राम से चीखते हुए क्या कहा? 

उत्तर: लक्ष्मण ने जब जंगल में हो रहे कोलाहल को सुना, तो उसका कारण जानने के लिए एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ गए। पेड़ पर चढ़कर उन्होंने देखा कि एक विराट सेना उनके और ही आ रही है। उन्हें सेना का ध्वज कुछ जाना पहचाना लग रहा था। ध्यान से देखने पर उन्हें पता चला कि वह सेना कहीं और की नहीं बल्कि अयोध्या की ही है। यह सब देखकर लक्ष्मण ने पेड़ पर से ही चीखते हुए राम को कहा, “ भैया, भरत सेना के साथ इधर ही आ रहे हैं। लगता है भरत हमें मारने के लिए आ रहे हैं। हमें मार कर वह एकछत्र राज्य कर सकेंगे।”

  1. भरत को सेना के साथ देख कर क्रोधित लक्ष्मण को राम ने क्या कह कर समझाया? 

उत्तर: भरत को सेना के साथ देख कर लक्ष्मण बहुत ही क्रोधित हो गए थे। वह क्रोध में आकर भरत की सेना के साथ युद्ध करना चाहते थे। लक्ष्मण को क्रोधित देखकर राम ने उन्हें समझाते हुए कहा, “ भरत हम पर हमला कभी नहीं कर सकता। वह अवश्य ही हम लोगों से भेंट करने आ रहा होगा।” जब लक्ष्मण उनकी इन बातों से आश्वस्त नहीं हुए,तो फिर राम ने कहा, “ वीर पुरुष धैर्य का साथ कभी नहीं छोड़ते। तुम इतने उतावले मत हो। कुछ समय प्रतीक्षा करो।”

  1. भरत और राम मिलाप का वर्णन कीजिए?

उत्तर: भरत को जैसे ही पता चला कि श्री राम चित्रकूट पर्वत के पास वास कर रहे हैं तो उन्होंने तुरंत उनसे मिलने के लिए प्रस्थान किया। भरत के साथ संपूर्ण अयोध्या श्री राम से मिलने को निकल पड़ी। चित्रकूट पहुंचने के बाद भारत ने श्रीराम को एक कुटी के सामने शीला पर बैठा हुआ देखा। श्री राम को देखकर भरत दौड़कर उनके चरणों में गिर गए। भरत के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल पा रहा था। श्री राम ने उन्हें चरणों से उठाकर सीने से लगा लिया। यह देखकर सबके आंखों में आंसू भर आया। भरत, पिता के निधन का समाचार श्री राम को बताने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे परंतु बहुत कठिनाई से उन्होंने हिम्मत जुटाकर श्री राम को यह खबर सुनाई। पिता के निधन का समाचार सुनकर श्री राम और लक्ष्मण दोनों ही शोक में डूब गए। भरत पूरी रात श्री राम के ही साथ रहे। अगले दिन भरत ने श्री राम को अयोध्या लौटने को कहा और राज सिंहासन संभालने को कहा। परंतु श्रीराम ने यह बात टाल दी और कहा कि वह अपने पिता के वचनों का पालन कर रहे हैं। श्रीराम के लिए पिता के वचनों की पूर्ति करना अनिवार्य था। इसलिए वह अयोध्या वापस नहीं लौट सकते थे। श्री राम ने भरत को पूरा राजकाज समझाया और राज गद्दी संभालने की आज्ञा दी। श्रीराम चाहते थे कि उनके पिता की आज्ञा पूरी हो।

  1. राम से विदा होते समय भरत ने उनसे क्या आग्रह किया? 

उत्तर: भरत चाहते थे कि श्री राम उनके साथ अयोध्या वापस आए और राजगद्दी को संभाले। परंतु श्रीराम के लिए पिता की आज्ञा का मूल ज्यादा था। श्रीराम नहीं चाहते थे कि पिता के आज्ञा और वचनों का खंडन हो। श्री राम का कहना था कि वह पिता के आज्ञा से ही वन को आए हैं और पिता के आज्ञा से ही वन से जाएंगे। यह सब सुनकर भारत मायूस हो गए। वह राम को मनाने में विफल हो गए और उनसे आग्रह करते हुए कहा, “ आप नहीं लौटेंगे तो मैं खाली हाथ यहां से नहीं जाऊंगा। आप मुझे अपनी चरण पादुका दे दीजिए। मैं 14 वर्ष उसी के आज्ञा से राजकाज चलाऊंगा।”

  1. चरण पादुका को अयोध्या लाने के बाद भरत ने क्या किया?

उत्तर: भरत के आज्ञा पर श्री राम ने उन्हें अपनी चरण पादुका सौंप दी। भरत ने चरण पादुका को बहुत सुसज्जित ढंग से अयोध्या लाया। अयोध्या आने के पश्चात उन्होंने सबसे पहले चरण पादुका का पूजन किया। भरत ने कहा, “ यह पादुकाएं श्रीराम की धरोहर है। मैं इनकी रक्षा करूंगा, इनकी गरिमा को आंच नहीं आने दूंगा।” इस सबके बाद उन्होंने तपस्वी का वस्त्र धारण किया और नंदीग्राम चले गए। जाते समय उन्होंने कहा, “ मैं इन पादुका को उन चरणों में देखना चाहता हूं जहां इन्हें होना चाहिए। मैं 14 वर्ष तक नंदीग्राम में श्री राम के वापस लौटने का इंतजार करूंगा।”

Important Question Class 6 Hindi – Bal Ram Katha Chapter 05 – चित्रकूट मे भरत

अति लघु उत्तरीय प्रश्न  (1 अंक)

  1. दशरथ के निधन के समय भरत कहाँ थे? 

उत्तर: दशरथ के निधन के समय भरत कैकेयी राज्य, अपने नाना के घर में थे।

  1. अयोध्या नगर पहुँचकर भरत की आँखें किसे ढूँढ रही थी? 

उत्तर: अयोध्या नगर पहुंचकर भरत की आँखें, अपने पिता राजा दशरथ को ढूँढ रही थी।

  1. चित्रकूट में किस महर्षि का आश्रम था? 

उत्तर: चित्रकूट में महर्षि भरद्वाज का आश्रम था।

  1. राम ने पर्णकुटी कहाँ बनाई थी? 

उत्तर: राम ने पर्णकुटी एक पहाड़ पर बनाई थी।

  1. निषादराज ने जब भरत को सेना के साथ देखा तो उन्हें क्या संदेह हुआ? 

उत्तर: भरत को देखकर निषादराज को यह संदेह हुआ कि भरत राम पर आक्रमण करने आ रहा है। 

लघु उत्तरीय प्रश्न (2अंक)

  1. भरत ने स्वप्न में अपने पिता, दशरथ को किस अवस्था में देखा? 

उत्तर: भरत ने स्वप्न में अपने पिता को एक रथ पर बैठा हुआ देखा। वह रथ घोड़े के जगह गधे और एक राक्षसी खींच रही थी।

  1. भरत ने अपने सपने का जिक्र किससे किया था? 

उत्तर: भरत ने जब स्वप्न देखा तब वह उस स्वप्न का अर्थ नहीं समझ पाए थे। इसलिए उन्होंने अपने स्वप्न का जिक्र अपने सगे- संबंधियों से किया।

  1. स्वप्न देखने के बाद भरत को ननिहाल में कैसा महसूस हो रहा था? 

उत्तर: स्वप्न देखने के बाद भरत बहुत ही परेशान हो गए थे। उनका मन ननिहाल में बिल्कुल नहीं लग रहा था। वह जल्द से जल्द अयोध्या आकर अपने पिता से मिलना चाहते थे।

  1. ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में भारत को कितने दिन लगे और क्यों? 

उत्तर: ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में भरत को 8 दिन लगे थे। उन्हें 8 दिन इसलिए लगे क्योंकि उस समय खेतों में फसल लगी हुई थी , जिसके कारण उन्हें लंबा रास्ता पकड़ना पड़ा था।

  1. अयोध्या नगर पहुँचने के बाद भरत सबसे पहले कहाँ गए? 

उत्तर: अयोध्या नगर पहुँचने के बाद भरत सबसे पहले अपने पिता, राजा दशरथ के पास गए। भरत राजा दशरथ से मिलने के लिए बहुत व्याकुल और उतावले थे।

लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक) 

  1. भरत ने जब अयोध्या नगर को दूर से देखा तो उन्हें कैसा प्रतीत हुआ? 

उत्तर: ननिहाल से लौटते समय भारत ने जब अयोध्या नगर को दूर से देखा तो उन्हें नगर पहले जैसा प्रतीत नहीं हुआ। उन्हें उनका अयोध्यानगर बहुत बदला-बदला लग रहा था। अयोध्या नगर की सड़कें सूनी-सूनी लग रही थी। बाग बगीचे बहुत उदास लग रहे थे। आसमान में पक्षी भी कलवर नहीं कर रहे थे। यह सब देखकर भरत के मन में किसी अनिष्ट घटना की आशंका हुई।

  1. पिता के निधन का समाचार सुनकर भरत के ऊपर क्या प्रभाव पड़ा? 

उत्तर: अयोध्या लौटने के पश्चात, भरत की आँखें अपने पिता को ही ढूँढ रही थी। वह अपने पिता से मिलने के लिए बहुत व्याकुल थे। उन्होंने महाराज को उनके महल में भी ढूँढा परंतु उन्हें महाराज वहां नहीं दिखे जिसके कारण वह बहुत ही चिंतित हो गए। फिर उन्हें अपनी माता कैकेयी के द्वारा पता चला कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। पिता के निधन का समाचार सुनकर भरत बहुत शोक में डूब गए, बहुत विलाप करने लगे और विलाप करते करते पछाड़ खाकर गिर गए। पिता के निधन के समाचार से उन्हें बहुत ही दुख पहुँचा। 

  1. भरत ने क्रोध में आकर कैकेयी से क्या कहा? 

उत्तर: जब कैकयी ने भरत को बताया कि उसने महाराज से राम के वनवास और भरत के राजा बनने  का वचन मांगा था, तो यह बात सुनकर भरत बहुत ही क्रोधित हो गए। उन्हें अपनी माता पर बहुत क्रोध आया। भारत ने कैकेयी पर चिल्लाते हुए कहा, “ यह तुमने क्या किया माते!, तुमने अपराध किया है। तुमने ऐसा अनर्थ क्यों किया? वह तो तुम्हें जाना चाहिए था, श्री राम को नहीं। मेरे लिए यह राज्य अर्थहीन है। पिता को खो कर और भाई से बिछड़ कर मुझे यह राज्य नहीं चाहिए।”

  1. रानी कौशल्या ने भरत से क्या कहा? 

उत्तर: जब भरत रानी कैकेयी के कक्ष से निकलकर, महारानी कौशल्या के कक्ष में पहुंचे, तो उन्हें पकड़कर बहुत रोने लगे। रानी कौशल्या बहुत ही दुखी थी। रानी कौशल्या ने भरत से कहा, “ पुत्र, तुम्हारी हर मनोकामना पूरी हो। तुम जो चाहते थे वह हो गया। मुझे तो बस एक ही बात का दुख है की रानी कैकेयी ने राज्य लेने का बहुत ही अनुचित उपाय निकाला। तुम राज करो पुत्र। मैं तुमसे सिर्फ एक ही विनती करती हूं कि तुम मुझे मेरे पुत्र राम के पास पहुंचा दो।

  1. महर्षि वशिष्ठ ने राज सिंहासन को लेकर भारत से क्या कहा? 

उत्तर: महर्षि वशिष्ठ अयोध्या का राज सिंहासन रिक्त नहीं देखना चाहते थे। खाली सिंहासन के खतरे से व भली-भांति परिचित थे। इसलिए उन्होंने भरत और शत्रुघ्न को आमंत्रित किया और भरत से कहा, “ वत्स, तुम राजकाज संभाल लो। पिता के निधन और बड़े भाई के वन गमन के बाद यही उचित होगा कि तुम ही राज्य काज देखो।”

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)  

  1. ऊंचे पेड़ पर चढ़कर लक्ष्मण ने क्या देखा? उन्होंने राम से चीखते हुए क्या कहा? 

उत्तर: लक्ष्मण ने जब जंगल में हो रहे कोलाहल को सुना, तो उसका कारण जानने के लिए एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ गए। पेड़ पर चढ़कर उन्होंने देखा कि एक विराट सेना उनके और ही आ रही है। उन्हें सेना का ध्वज कुछ जाना पहचाना लग रहा था। ध्यान से देखने पर उन्हें पता चला कि वह सेना कहीं और की नहीं बल्कि अयोध्या की ही है। यह सब देखकर लक्ष्मण ने पेड़ पर से ही चीखते हुए राम को कहा, “ भैया, भरत सेना के साथ इधर ही आ रहे हैं। लगता है भरत हमें मारने के लिए आ रहे हैं। हमें मार कर वह एकछत्र राज्य कर सकेंगे।”

  1. भरत को सेना के साथ देख कर क्रोधित लक्ष्मण को राम ने क्या कह कर समझाया? 

उत्तर: भरत को सेना के साथ देख कर लक्ष्मण बहुत ही क्रोधित हो गए थे। वह क्रोध में आकर भरत की सेना के साथ युद्ध करना चाहते थे। लक्ष्मण को क्रोधित देखकर राम ने उन्हें समझाते हुए कहा, “ भरत हम पर हमला कभी नहीं कर सकता। वह अवश्य ही हम लोगों से भेंट करने आ रहा होगा।” जब लक्ष्मण उनकी इन बातों से आश्वस्त नहीं हुए,तो फिर राम ने कहा, “ वीर पुरुष धैर्य का साथ कभी नहीं छोड़ते। तुम इतने उतावले मत हो। कुछ समय प्रतीक्षा करो।”

  1. भरत और राम मिलाप का वर्णन कीजिए?

उत्तर: भरत को जैसे ही पता चला कि श्री राम चित्रकूट पर्वत के पास वास कर रहे हैं तो उन्होंने तुरंत उनसे मिलने के लिए प्रस्थान किया। भरत के साथ संपूर्ण अयोध्या श्री राम से मिलने को निकल पड़ी। चित्रकूट पहुंचने के बाद भारत ने श्रीराम को एक कुटी के सामने शीला पर बैठा हुआ देखा। श्री राम को देखकर भरत दौड़कर उनके चरणों में गिर गए। भरत के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल पा रहा था। श्री राम ने उन्हें चरणों से उठाकर सीने से लगा लिया। यह देखकर सबके आंखों में आंसू भर आया। भरत, पिता के निधन का समाचार श्री राम को बताने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे परंतु बहुत कठिनाई से उन्होंने हिम्मत जुटाकर श्री राम को यह खबर सुनाई। पिता के निधन का समाचार सुनकर श्री राम और लक्ष्मण दोनों ही शोक में डूब गए। भरत पूरी रात श्री राम के ही साथ रहे। अगले दिन भरत ने श्री राम को अयोध्या लौटने को कहा और राज सिंहासन संभालने को कहा। परंतु श्रीराम ने यह बात टाल दी और कहा कि वह अपने पिता के वचनों का पालन कर रहे हैं। श्रीराम के लिए पिता के वचनों की पूर्ति करना अनिवार्य था। इसलिए वह अयोध्या वापस नहीं लौट सकते थे। श्री राम ने भरत को पूरा राजकाज समझाया और राज गद्दी संभालने की आज्ञा दी। श्रीराम चाहते थे कि उनके पिता की आज्ञा पूरी हो।

  1. राम से विदा होते समय भरत ने उनसे क्या आग्रह किया? 

उत्तर: भरत चाहते थे कि श्री राम उनके साथ अयोध्या वापस आए और राजगद्दी को संभाले। परंतु श्रीराम के लिए पिता की आज्ञा का मूल ज्यादा था। श्रीराम नहीं चाहते थे कि पिता के आज्ञा और वचनों का खंडन हो। श्री राम का कहना था कि वह पिता के आज्ञा से ही वन को आए हैं और पिता के आज्ञा से ही वन से जाएंगे। यह सब सुनकर भारत मायूस हो गए। वह राम को मनाने में विफल हो गए और उनसे आग्रह करते हुए कहा, “ आप नहीं लौटेंगे तो मैं खाली हाथ यहां से नहीं जाऊंगा। आप मुझे अपनी चरण पादुका दे दीजिए। मैं 14 वर्ष उसी के आज्ञा से राजकाज चलाऊंगा।”

  1. चरण पादुका को अयोध्या लाने के बाद भरत ने क्या किया?

उत्तर: भरत के आज्ञा पर श्री राम ने उन्हें अपनी चरण पादुका सौंप दी। भरत ने चरण पादुका को बहुत सुसज्जित ढंग से अयोध्या लाया। अयोध्या आने के पश्चात उन्होंने सबसे पहले चरण पादुका का पूजन किया। भरत ने कहा, “ यह पादुकाएं श्रीराम की धरोहर है। मैं इनकी रक्षा करूंगा, इनकी गरिमा को आंच नहीं आने दूंगा।” इस सबके बाद उन्होंने तपस्वी का वस्त्र धारण किया और नंदीग्राम चले गए। जाते समय उन्होंने कहा, “ मैं इन पादुका को उन चरणों में देखना चाहता हूं जहां इन्हें होना चाहिए। मैं 14 वर्ष तक नंदीग्राम में श्री राम के वापस लौटने का इंतजार करूंगा।”

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CHAPTER- 4 राम का वन-गमन Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER- 3 दो वरदान

Important Questions Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 04- राम का वन–गमन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न   (1 अंक )

  1. सुमंत्र कौन थे?

उत्तर: सुमंत्र अयोध्या नगरी के महामंत्री थे।

  1. कैकेयी ने सुमंत्र से राजा के बारे में क्या कहा?

उत्तर: कैकेयी ने सुमंत्र से कहा की राजा जी राज्याभिषेक के उत्साह में रात भर जागते रहे हैं। वे बाहर निकलने से पहले राम से बात करना चाहते हैं। आप उन्हें यहाँ ले आइए।

  1. कैकेयी की तरफ देखकर राजा दशरथ के मुँह से क्या निकला?

उत्तर: कैकेयी की तरफ देखकर राजा दशरथ के मुँह से केवल एक शब्द निकला– “धिक्कार!”

  1. वन जाने की बात पर सीता ने राम से क्या कहा?

उत्तर: वन जाने की बात पर सीता ने राम से कहा की “मेरे पिता का आदेश है की मैं सदा छाया की तरह आपके साथ रहूँ! इसलिए मैं भी आपके साथ वन में जाऊँगी।”

  1. राम ने पीछे मुड़ कर जब अपनी जन्मभूमि को देखा तो क्या कहा?

उत्तर: राम ने मुड़कर जब अपनी जन्मभूमि को देखा तो उसे प्रणाम किया और कहा, “हे जननी!” अब चौदह वर्ष बाद ही तुम्हारे दर्शन कर सकूँगा।“

लघु उत्तरीय प्रश्न  (2 अंक)

  1. लक्ष्मण ने राज्यसिंहासन के बारे में क्या कहा?

उत्तर: लक्ष्मण राम के वन गमन से सहमत नहीं थे। लक्ष्मण ने  राम से राज्यसिंहासन के बारे में कहा की “आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन ले। देखता हूँ कौन विरोध करता है!”

  1. सीता ने जब कहा की “वो भी वन में साथ जाएगी” तो इस पर राम ने क्या कहा?

उत्तर: राम नहीं चाहते थे की सीता वन में जाए। इसलिए उन्होंने सीता से कहा “सीते वन का जीवन बहुत कठिन है। न रहने का ठीक स्थान, न भोजन का ठिकाना। कदम कदम पर मुसीबतें हैं। तुम महलों में पली हो ऐसा जीवन कैसे व्यतीत करोगी।“ 

  1. जब राम वन जा रहे थे तो अयोध्या नगर की स्थिति कैसी थी?

उत्तर: जब राम वन जा रहे थे तो नगर में उदासी छा गई थी। सबकी आंखें नम थी। सभी चाहते थे की राम वन में न जाएँ। इसलिए सभी उनके रथ के पीछे नंगे पांव दौड़ने लगे।

  1. सुमंत्र के वन से वापिस आने पर राजा दशरथ ने उनसे क्या पूछा?

उत्तर: राजा दशरथ सुमंत्र के आने का इंतजार कर रहे थे। सुमंत्र के वन से वापिस आने पर राजा दशरथ ने उनसे राम, लक्ष्मण और सीता के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा की “महामंत्री! राम कहाँ हैं? सीता कैसी हैं? लक्ष्मण के क्या समाचार हैं? वे कहाँ रहते हैं? क्या खाते हैं?” 

  1. राम के वन गमन के कितने दिनों बाद राजा दशरथ ने प्राण त्याग दिए?

उत्तर: राम के वन जाने के बाद राजा दशरथ का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था। इसलिए राम वियोग में राजा दशरथ ने राम के वन गमन के छठे दिन प्राण त्याग दिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न   (3 अंक)

  1. निम्नलिखित वाक्यों में पता लगाए ‘किसने किसको कहा’?

क)महाराज दशरथ ने मुझे एक बार दो वरदान दिए थे, मैंने कल रात वही दो वर मांगे जिससे वो पीछे हट रहे है।

ख)“पिताजी का वचन अवश्य पूरा होगा भरत को राजगद्दी दी जाए मैं आज ही वन चला जाऊंगा!”

ग)“आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन ले। देखता हूँ कौन विरोध करता है।”

घ)अधर्म का सिंहासन मुझे नहीं चाहिए। मैं सीधा वन जाऊँगा”।

ङ)“महामंत्री! राम कहाँ है? सीता कैसी है? लक्ष्मण के क्या समाचार है?” 

च)“ राजकुमार, महाराज ने आपको बुलाया है। आप मेरे साथ चलें!”

उत्तर: क) महाराज दशरथ ने मुझे एक बार दो वरदान दिए थे, मैंने कल रात वही दो वर मांगे जिससे वो पीछे हट रहे है। (यह वाक्य कैकेयी ने राम से कहा) 

ख) “पिताजी का वचन अवश्य पूरा होगा भरत को राजगद्दी दी जाए मैं आज ही वन चला जाऊंगा!” ( राम ने कैकेयी से कहा)

ग) “आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन ले। देखता हूँ कौन विरोध करता है।” ( लक्ष्मण ने राम से कहा)

घ) अधर्म का सिंहासन मुझे नहीं चाहिए। मैं सीधा वन जाऊँगा”। ( राम ने लक्ष्मण से कहा)

ङ) “महामंत्री! राम कहाँ है? सीता कैसी है? लक्ष्मण के क्या समाचार है?” ( दशरथ ने सुमंत्र से कहा)

च) “राजकुमार, महाराज ने आपको बुलाया है। आप मेरे साथ चलें!” (सुमंत्र ने राम से कहा)

  1. राम वन जा रहे हैं, यह समाचार सुनकर नगरवासियों पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: नगर में जहाँ कुछ समय पहले उत्साह का वातावरण था। राम के वन जाने का समाचार सुनकर उदासी में बदल गया। सभी नगरवासी दशरथ और कैकेयी को धिक्कार रहे थे। उनके आंसुओं से सड़क गीली हो गई थी। सभी ये चाहते थे की राम वन में नहीं जाए।

  1. महर्षि वशिष्ठ ने क्रोध में आकर क्या कहा?

उत्तर: महर्षि वशिष्ठ ने जब सीता को तपस्विनी के कपड़ों में देखा तो उन्हें क्रोध आ गया। उन्होंने कहा की अगर सीता वन में जाएगी तो हम सब भी साथ जायेंगे। भरत यहाँ सूनी अयोध्या में राज करेगा। यहाँ कोई नहीं होगा, पशु– पक्षी भी नहीं।

  1. राम कौन सा दृश्य देख कर विचलित हो गए?

उत्तर: जब राम वन में जा रहे थे तो सभी नगरवासी, राजा दशरथ, माता कौशल्या उनके रथ के पीछे पीछे भाग रहे थे। उनकी आंखों में आंसू थे। सभी रो रहे थे। वे नंगे पांव भाग रहे थे। यह दृश्य देखकर राम विचलित हो जाते हैं।

  1. अयोध्या की सीमा कहाँ समाप्त हुई? राम ने वहाँ से किस तरफ प्रस्थान किया?

उत्तर: अयोध्या नगर की सीमा सई नदी के पास समाप्त होती थी। शाम होते-होते वे गंगा के किनारे श्रृंगवेरपुर गाँव में पहुंच गए। निषादराज ने उनका स्वागत किया। उन्होंने रात को वहीं विश्राम किया। अगले दिन राम ने वन क्षेत्र की ओर प्रस्थान किया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  (5 अंक)

  1. हर व्यक्ति शुभ घड़ी की प्रतीक्षा में था, किंतु महामंत्री सुमंत्र असहज क्यों थे?

उत्तर: अयोध्या में राम के राज्याभिषेक के उत्सव की तैयारी हो रही थी। सभी लोग उत्सव की तैयारियों में व्यस्त थे। सभी व्यक्ति इस शुभ घड़ी की प्रतिक्षा में थे। लेकिन महामंत्री सुमंत्र असहज थे, क्योंकि कल रात से किसी ने भी महाराज को नहीं देखा था। उन्हें किसी अप्रिय घटना का एहसास हो रहा था। 

  1. राजमहल पहुँचने के बाद राम और कैकेयी के बीच हुई वार्ता का वर्णन कीजिए?

उत्तर: जब सुमंत्र ने राम से कहा की महाराज उन्हें बुला रहे हैं, तब राम महल की ओर चल दिए। लक्ष्मण भी उनके साथ थे। राम समझ नहीं पा रहे थे की पिताजी ने अचानक मुझे क्यों बुलाया है। राम के महल पहुंचते ही उन्होंने सभी को प्रणाम किया। राम को देखकर राजा दशरथ बेहोश हो गए। होश में आने पर भी वे कुछ नहीं बोल सके। राम ने पूछा की क्या हुआ है पिताजी आप मुझसे बातें क्यों नहीं कर रहे हैं। इस पर कैकेयी ने कहा मैं बताती हूँ। वह कहती है की महाराज ने मुझे दो वरदान दिए थे और आज जब मैंने उनसे ये वर मांगे है तो वो इससे पीछे हट रहे है। यह रघुकुल रीति के विरुद्ध है। वह आगे कहती है की मैं चाहती हूं की भरत का राज्याभिषेक हो, और तुम्हारे लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा है। राम कुछ समय शांत रहते हैं और फिर दृढ़ता से कहते हैं कि पिताजी का वचन जरूर पूरा होगा। भरत को राजगद्दी दी जाए। मैं आज ही वनवास के लिए चला जाऊंगा। ये सारी वार्ता राजमहल पहुंचने पर राम और कैकेयी के बीच होती है।

  1. वनवास की बात सुनकर माता कौशल्या की क्या स्थिति थी? राम ने उन्हें किस प्रकार समझाया?

उत्तर: जब राम ने माता कौशल्या को वनवास के बारे में बताया तो वह सुध खो बैठी। उनका मन था की वह राम को रोक ले। वह चाहती थी की राम राजगद्दी छोड़ दे। लेकिन अयोध्या में ही रहे। वह राम को वन में नहीं जाने देना चाहती थी। वह राम से कहती  हैं की यह राजाज्ञा अनुचित है। तुम्हें इसका पालन करने की जरूरत नहीं है। राम ने उन्हें नम्रता से समझाते हुए कहा की “यह राजाज्ञा नहीं, पिता की आज्ञा है। उनकी आज्ञा का उल्लंघन करना मेरी शक्ति से परे है। आप मुझे वनवास के लिए आशीर्वाद दीजिए।“

  1. राम के वनवास जाते समय राजा दशरथ की क्या स्थिति थी? उन्होंने राम से क्या कहा?

उत्तर: राम वन जाने से पहले राजा दशरथ से आशीर्वाद लेने गए। राजा दशरथ दर्द से कराह रहे थे। राम के कक्ष में आने पर उनमें प्राणों का संचार हुआ और वे उठकर बैठ गए। उन्होंने राम से कहा “पुत्र मेरी मति मारी गई है। मैं वचनबद्ध हूँ। ऐसा निर्णय लेने के लिए विवश हूँ। लेकिन तुम पर कोई बंधन नहीं है। मुझे बन्दी बना लो और राज संभालों। यह राजसिंहासन तुम्हारा है केवल तुम्हारा।”

  1. राम ने महामंत्री सुमंत्र को रथ तेजी से हाँकने को क्यों कहा?

उत्तर: राम जब महल से निकलकर वन के लिए जा रहे थे, तब सुमंत्र रथ लेकर बाहर खड़े थे। सभी रथ से वन की ओर जा रहे थे। सभी अयोध्यावासी राम को रोकने के लिए रथ के पीछे पीछे चल रहे थे। माता कौशल्या और पिता दशरथ भी उनके पीछे थे। नगर के सभी बूढ़े, बच्चें, महिलाएं, पुरुष रथ के पीछे नंगे पैर दौड़ रहे थे। सभी की आँखों में आंसू थे। यह दृश्य देखकर राम विचलित और भावुक हो गए थे। उनसे यह सब देखा नहीं जा रहा था। कोई भी रथ के पीछे न भाग सके इसलिए राम ने महामंत्री सुमंत्र को रथ तेजी से हाँकने को कहा।

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CHAPTER-3 दो वरदान Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER- 3 दो वरदान

Important Questions for Class 6 Hindi Bal Ram Katha पाठ ३ – दो वरदान

 अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

  1. राजा दशरथ के मन में अब क्या इच्छा प्रबल हो रही थी ?

उत्तर: दशक के मन में अब यह इच्छा प्रबल हो रही थी कि जल्द से जल्द राम का राज्याभिषेक कर उसको युवराज बना दिया जाए ।

  1. राजा दशरथ और राम के बीच क्या चर्चा हुई ?

उत्तर: राजा दशरथ ने राम से चर्चा में कहा कि भरत यहां नहीं है लेकिन मैं चाहता हूं कि राज्य अभिषेक का कार्यक्रम ना रोका जाए ।

  1. मंथरा कौन थी?

उत्तर: मंथरा रानी कैकयी की दासी थी ।

  1. कैकयी अपना वचन मनवाने के लिए कहां चली गई?

उत्तर: अपना वचन मनवाने के लिए कैकयी कोपभवन में चली गई ।

  1. कैकयी ने राजा दशरथ से कौन से दो वचन माँगे?

उत्तर: राजा दशरथ से कैकयी ने भरत के लिए राजगद्दी और राम के लिए 14 वर्षों का वनवास माँगा ।

लघु उत्तरीय प्रश्न     (2 अंक )

  1. राजा दशरथ ने दरबार में क्या कहा?

उत्तर: राजा दशरथ ने अपने दरबारियों से कहा कि मैंने लंबे समय तक राजकाज संभाला परंतु मैं अब वृद्ध हो गया हूं ।अगर आप सबकी सहमति हो तो मैं चाहता हूं कि यह कार्यभार मैं अब राम को दे दूं और उन्हें युवराज बना दूँ।

  1. राजा दशरथ के प्रस्ताव का सभा पर क्या असर हुआ?

उत्तर: सभा में सभी ने राजा के प्रस्ताव का स्वागत किया। प्रस्ताव से चारों तरफ राम नाम कि जय जयकार होने लगी।

  1. राज्य अभिषेक के तैयारियों के समय भरत कहाँ थे ?

उत्तर: राज्य अभिषेक के तैयारियों के समय भरत अपने नाना के यहाँ गए हुए थे।और भरत जब अयोध्या लौटने की बात करते तो उनके नाना उन्हें रोक लेते थे।

  1. रनिवास में जाकर मंथरा ने कैकयी से क्या कहा?

उत्तर: रनिवास में जाकर मंथरा ने कैकयी से कहा – “अरे मेरी मूर्ख रानी उठ तेरे ऊपर भयानक विपदा आने वाली है ।यह समय सोने का नहीं है ।होश में आओ विपत्ति का पहाड़ टूटे इससे पहले जाग जाओ ।

  1. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए :

वृद्ध, शिथिल, तुमुलध्वनि, अचंभा

उत्तर: वृद्ध – बूढ़ा, तुमुलध्वनि -एक साथ गूंजने वाली ध्वनि ,अचंभा -आश्चर्यचकित

लघु उत्तरीय प्रश्न     (3 अंक)

  1. मंथरा ने कैकयी को क्या सुझाव दिया ? 

उत्तर: मंथरा कैकयी के पास जब मंत्र आ गई तो उसने उसे सुझाव दिया – “याद करो रानी महाराज दशरथ ने तुम्हें दो वरदान दिए थे । राजा से अपना वचन पूरा करने के लिए कहो एकवचन से भरत के लिए राजगद्दी माँगू और दूसरे वचन से राम के लिए 14 वर्ष का वनवास माँग लो ।

  1. कैकयी को मंथरा का सुझाव कैसा लगा ? और उसके मन में क्या प्रश्न उठ रहे थे ?

उत्तर: जब मंत्रालय के कई से अपने दोनों वरदान राजा से माँगने को कहा तब कैकयी का चेहरा तिलमिला गया ।तथा उससे मंत्रा की बात ठीक लगने लगी लेकिन उसके मन में बार-बार एक ही सवाल उठ रहा था कि वह राजा से बात कैसे करें ?क्या वह राजा को रानी वास बुलाकर प्रतीक्षा करें या फिर वह क्या करें ।

  1. कैकयी के मन में उठ रहे प्रश्नों के असमंजस को हल करने के लिए मंथरा  ने क्या सुझाव दिया ?

उत्तर: कैकयी के मन में काफी सारे प्रश्न उठ रहे थे तब मंत्रालय के कई के असमंजस को भाप लिया और उसे सुझाव दिया कि “रानी तुम मैले कपड़े पहनकर कोप भवन चली जाओ अगर महाराज आए तो उनकी तरफ ना देखो,उनसे बात भी ना करो,तुम उनके प्रिय रानी हो तुम्हारा दुख वह देख नहीं पाएंगे,बस उसी समय तुम अपने वचन याद दिला देना ।

  1. चलते चलते मंथरा ने रानी कैकयी से क्या कहा ?

उत्तर: चलते-चलते मंथरा ने रानी कैकयी से कहा – “राम के लिए 14 वर्ष से कम का वनवास मत माँगना ।इससे भरत इतने समय में राजकाज संभाल लेंगे और जब तक राम वनवास पूरा करके लौटेंगे लोग उन्हें भूल चुके होंगे ।रानी अब जल्दी से को भवन की तरफ जाओ बहुत कम समय है ।

  1. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखें ?

सफल,तिरस्कार,स्नेह ,जेष्ठ , मैले, शुभ, प्रिय

उत्तर:  सफल असफल , तिरस्कार – अपनाना, स्नेह – इर्ष्या, ज्येष्ठ – छोटा, मैले – स्वच्छ, शुभ – अशुभ, प्रिय – अप्रिय

 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

  1. दो वरदान ओं के विषय में लिखिए ?

उत्तर: एक बार राजा दशरथ ने रणभूमि में रानी कैकयी को वचन दिया था कि वह उनसे कभी भी दो वचन माँग सकती है ।जिसे वह पूरा करेंगे जब राम के राज्य अभिषेक की तैयारी होने लगी और पूरा महल सजा दिया गया और दरबार में घोषणा कर दी गई कि राम को युवराज बनाया जाएगा तो इसकी भनक कैकयी की दासी मंथरा को लग गई मंत्रा नहीं चाहती थी कि राम राजा बने इसलिए वह भागती हुई कैकयी के पास पहुंची और कैकयी को सारी बात बताई ।पहले तो इन बातों का के कई पर कुछ असर नहीं पड़ा परंतु भरत को राजगद्दी दिलाने की लालसा ने कैकयी पर असर डालना शुरू कर दिया इस पर मंथरा ने कैकयी को सुझाव दिया कि वह राजा से अपने दो वरदान माँग ले एक में वह राम को वनवास और दूसरे में भरत को राजगद्दी दिलवा दे और कैकयी ने ऐसा ही किया I

  1. रनिवास पहुँचने के बाद राजा दशरथ ने क्या देखा और उनके मन में क्या विचार आया ?

उत्तर: दिन भर के वाद विवाद के बाद जब राजा दशरथ को रानियों की याद आई तो वे तुरंत  निवास की और चल पड़े ।रानियों को राम के राज्य अभिषेक का शुभ समाचार देने सबसे पहले वह रानी के कैकयी कक्ष की ओर गए परंतु कैकयी वहाँ नहीं थी तो उन्होंने रानी की दासियों से पूछा तब उन्हें पता चला कि रानी कोप भवन में है ।इस पर राजा के मन में काफी सारे प्रश्न उठने लगे कि आखिर रानी को भवन में क्यों है ?क्या इसलिए कि राम के राज्याभिषेक की सूचना उन्हें अभी तक नहीं मिली “मैं उन्हें अवश्य मना लूँगा” राजा दशरथ के मन में यह विचार आ रहे थे ” ।

  1. राजा दशरथ ने को भवन में किस प्रकार का दृश्य देखा और उन्होंने कैकयी से क्या कहा?

उत्तर: राजा दशरथ जब को भवन में गए तो वहां का दृश्य देखकर वह बहुत चकित रह गए ।उन्होंने देखा रानी कैकयी जमीन पर लेटी हुई थी उनके बाल बिखरे हुए थे कक्ष में चारों तरफ गहने बिखरे हुए थे ।रानी ने मेले कपड़े पहन रखे थे इस दृश्य को देखने के बाद राजा ने रानी से कहा तुम्हें क्या दुख है क्या तुम अस्वस्थ हो ? क्या मैं राज वेद को बुलाऊ ? हे प्रिय तुम्हें क्या कष्ट है ? मुझे बताओ परंतु उनके इन सवालों का रानी ने कोई जवाब नहीं दिया ।

  1. राजा दशरथ और रानी के कई के बीच को भवन में क्या बातें हुई ?

उत्तर: जब राजा दशरथ कौन भवन में पहुंचे तो वहां का दृश्य देखकर वह चकित हो गए उनके पूछे किसी भी सवाल का जवाब रानी ने नहीं दिया तो राजा थक कर जमीन पर ही बैठ गए ।और नानी से विनती करने लगे तब रानी ने जवाब दिया राजन में अपनी बीमारी के संबंध में आपको बताऊंगी लेकिन आप मुझे वचन दीजिए मै जो माँगू आप उसे पूरा करेगे । इस पर राजा ने तत्काल हामी भर दी और कहा मै राम की सौगंध खा कर कहता हूँ तुम्हारी हर इच्छा पूरी करूँगा ।जब राजा ने राम की सौगंध ली तो रानी के कई ने झट से कहा – “आप मुझे वह दो वरदान दीजिए जिस का संकल्प आपने रणभूमि में लिया था ” ।

  1. रानी के कई ने राजा दशरथ से क्या-क्या वरदान मांगे ?और उन पर दानों का राजा पर क्या असर हुआ ?

उत्तर: कोप भवन में जब राजा दशरथ ने हामी भरी तो रानी के कई ने अपने वरदान राजा के समक्ष रखते हुए कहा – “कल सुबह राज्य अभिषेक राम का नहीं बल्कि भरत का हो और थोड़ा रुक कर कहां राम को 14 वर्ष का वनवास हो ” ।इस पर राजा दशरथ वाचक के रह गए उनको ऐसा लगा उन पर वज्रपात सा हुआ है ।दशरथ का चेहरा सफेद पड़ गया वह बिल्कुल अवाक रह गए उनका सर चकराने लगा और वह मूर्छित होकर गिर पड़ेजब होश आया तो मैं नानी के गए की माँग को अस्वीकार करने लगे तब रानी ने अंतिम हथियार चलाया और कहां अपने वचन से पीछे हटना रघु जब होश आया तो मैं रानी के कई की माँग को अस्वीकार करने लगे तब रानी ने अंतिम हथियार चलाया और कहां अपने वचन से पीछे हटना रघुकुल का अनादर है ।आप चाहो तो ऐसा कर सकते हैं परंतु आप दुनिया को दिखाने लायक नहीं रहेंगे ।आप वरदान नहीं देंगे तो मैं विष पीकर आत्महत्या कर लूंगी और यह कलाम आपके सिर माथे होगा ” ।

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CHAPTER-2 जंगल और जनकपुर Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER-2 जंगल और जनकपुर

MCQ Questions

 

Important Questions for Class 6 Hindi पाठ १: जंगल और जनकपुर

लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

1. राजमहल से निकलने के बाद महर्षि विश्वामित्र किस ओर बढ़े?

उत्तर: राजमहल से निकलने के बाद महर्षि विश्वामित्र दोनों राजकुमारों के साथ सरयू नदी की ओर बढ़े I

2. महर्षि विश्वामित्र ने दोनों भाईयों को कौन सी विद्या सिखाई?

उत्तर: महर्षि विश्वामित्र ने दोनों भाईयों को बला अतिबला नामक विद्या सिखाई I

3. महर्षि विश्वामित्र और दोनों भाई रात को कैसे बिस्तर पर सोए?

उत्तर: महर्षि विश्वामित्र और दोनों भाई रात को तिनको और पत्तों का बिस्तर बनाया और उस पर सोए I

4. महर्षि विश्वामित्र और दोनों भाई चलते-चलते किस जगह पहुँचे?

उत्तर: महर्षि विश्वामित्र और दोनों भाई ने चलते-चलते ऐसी जगह पर पहुँचे जहाँ दो नदियाँ आपस में मिलती थी I

5. राम ने ताड़का को क्रोधित करने के लिए क्या किया?

उत्तर: राम ने ताड़का को क्रोधित करने के लिए बाण पर प्रत्यंचा चढ़ाई और एक बाण ताड़का की ओर छोड़ा I

लघु उत्तरीय (2 अंक)

6. महर्षि विश्वामित्र के साथ चलते-चलते दोनों भाई किन बातों को ध्यानपूर्वक सुन रहे थे?

उत्तर: महर्षि विश्वामित्र रास्ते में पड़ने वाले आश्रम, उनमे रहने वाले लोग, पेड़ों और वनस्पतियों के संबंध में और स्थानीय इतिहास के बारे में बता रहे थे ।साथ ही उन्होंने राक्षसी ताड़का का भी पररचय नदया ।

7. नदी के पार जंगल कैसा था?

उत्तर: नदी के पार जंगल घना था । यहाँ तक की धूप की किरणें धरती तक नहीं पहुँच पा रही थी I वह जंगल बहुत डरावना भी था । हर ओर से झींगुरों की आवाज़, जानवरों की दहाड़, और डरावनी ध्वनियाँ सुनाई  पड़ती थी।

8. महर्षि ने जंगल में असली खतरा किस को बताया?

उत्तर: महर्षि विश्वामित्र ने दोनों राजकुमारों से कहा कि ये वनस्पति ओर जानवर इस जंगल की शोभा है , इनसे डरने की कोई आवश्यकता नहीं है I यहाँ असली खतरा तथा भय ताड़का नामक राक्षसी से है जो इसी जंगल में है I

9. ताड़का का अंत होने के बाद विश्वामित्र ने प्रसन्न हो कर क्या किया?

उत्तर: ताड़का का अंत होने के बाद विश्वामित्र ने प्रसन्न हो कर दोनों को गले लगाया तथा सौ अस्त्र दिए और उनके उपयोग भी बताए I

10. ताड़का के बारे में लिखिए?

उत्तर: ताड़का एक विशाल देह वाली राक्षसी थी I ताड़का के भय से कोई सुंदर वन में नहीं जाता था क्योंकि जो भी आता ताड़का उसका वध कर देती थी ।ताड़का के भय के कारण सुंदर वन का नाम ताड़का वन पड़ गया था ।

लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)

11. राम ने ताड़का का अंत कैसे किया?

उत्तर: राम ने महर्षि विश्वामित्र की आज्ञा से धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई और उसे एक बाण  खींचकर छोड़ा । क्रोध से बिलबिलाई ताड़का राम की ओर दौड़ी और पत्थर बरसाने शुरू कर दिए । राजकुमार राम ने उस पर बाण बरसाए  । लक्ष्मण ने भी निशाना लगाया  और ताड़का चारो तरफ़बाणों से घिर गई । राम का एक बाण उसके हृदय में लगा । वह  मूर्छित हो गई और फिर और उसकी मृत्यु हो गई ।

12. ताड़का का वध करने बाद राम-लक्ष्मण ने क्या फैसला किया और उन्होंने अगली सुबह वन में क्या बदलाव देखें?

उत्तर: ताड़का का वध करने बाद राम-लक्ष्मण और महर्षि ने जंगल में ही रात बिताने का फैसला किया और अगली सुबह ताड़क वध उपरांत ताड़का वन कब भयमुक्त हो गया Iताड़का के मरने के बाद ताड़का वन में परिवर्तन था । अब वह ताड़का वन नहीं था I भयानक आवाज़ें बंद हो चुकी थी । पत्तों की सरसराहट का संगीत था । चिड़ियों की चहचहाहट थी । शांति थी । तस्वीर बदल गई थी I

13. यज्ञ में पहुँच कर राम और लक्ष्मण ने क्या फैसला किया? 

उत्तर: यज्ञ में पहुँच कर राम और लक्ष्मण ने पूरी रात जगने का फैसला किया I वह हमेशा हर स्तिथि के लिए तैयार थे I उनकी पीठ में तुरीण और हाथ में धनुष और तलवार लेकर हमले से सामना करने के लिए तैयार रहते थे I

14. अनुष्ठान सम्पन्न होने के बाद महर्षि ने राम से क्या कहाँ और क्यों चलने को कहा?

उत्तर: अनुष्ठान सम्पन्न होने के बाद महर्षि ने राम को गले लगा लिया राम ने महर्षि से कहा कि अब क्या आज्ञा है मुनिवर? इस पर महर्षि ने कहा की हमे मिथला जाना है और आप दोनों को भी साथ चलना होगा I तथा महाराजा जनक के यहाँ उनके आयोजन में हिस्सा लेना होगा I वहाँ एक अद्भुत शिव धनुष है वह तुम भी देखना I

15. राम और लक्ष्मण मिथिला कैसे पहुंचे?

उत्तर – यज्ञ का अनुष्ठान अंत होने के बाद जब महर्षि ने वहाँ के आयोजन में हिस्सा लेने के लिए राम और लक्ष्मण  दोनों को मिथिला जाने के लिए कहा तो दोनों भाई  नई जगह देखने के लिए और आगे की यात्रा के लिए उत्साह से  भर गए ।उन्होंने  सोन नदी को पार किया  और मिथिला की सीमा में पहुँच गए और एक आश्रम से गुज़रे जो  गौतम ऋषि का था I अंत में मिथिला नगरी  में पहुँच गए ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

16. यज्ञ में अनुष्ठान के अंतिम दिन क्या हुआ?

उत्तर: अनुष्ठान पाँच दिनों तक ठीक ठाक चलता रहा । परन्तु यज्ञ में अनुष्ठान के अंतिम दिन में सुबाहु और मारीच ने क्रोध में राक्षसों के दल बल के साथ आश्रम पर धावा बोल दिया । मारीच यज्ञ के साथ-साथ इस बात से भी क्रोधित था कि राम- लक्ष्मण ने उसकी माँ का वध किया था । भयानक आवाजों से आसमान घिर गया Iराम का बाण लगते ही मारीच मूर्च्छित हो गया । बाण के वेग से समुद्र के किनारे जाकर गिरा और होश आने पर वह उठ कर दक्षिण दिशा की ओर भाग गया । राम का दूसरा बाण सुबाहु को लगा और उसने वहीँ प्राण त्याग दिए ।

 17. राजा जनक कौन थे? राजकुमारों को देखकर उन्हें कैसा लगा?

उत्तर: राजा जनक मिथिला के राजा थे ।जब उन्हें सूचना  मिली कि महर्षि विश्वामित्र का आगमन हुआ हैं तो उनके स्वागत के लिए वह राज महल के बाहर आए तभी उनकी दृष्टि राजकुमारों पर पड़ी जनक राजकुमारों को देखकर आश्चर्यचकित रह गए । वे स्वयं को रोक नहीं पाए और महर्षि से पूछे – “हे मुनिवर यह सुंदर राजकुमार कौन है “? मैं इनके आकर्षण से खींचता चला जा रहा हूँ । उनके प्रश्नों के जवाब देते हुए महर्षि ने कहा “राजन यह राम और लक्ष्मण है दोनों महाराजा दशरथ के पुत्र ” है ।

18. शिव धनुष की विशेषता के बारे में बताइए?

उत्तर: शिव धनुष बहुत विशाल था । वह लोहे की पेटी में रखा हुआ था जिसमें आठ पहिए लगे हुए थे । शिव धनुष को उठाना लगभग असंभव था । पहियों के सहारे उसे खिसकाकर एक से दूसरी जगह ले जाया जाता था । परन्तु सीता उसे आराम से उठा कर रख सकती थी इस कारण राजा जनक ने सीता के विवाह के संबंध में प्रतिज्ञा की थी कि उसी के साथ सीता का विवाह होगा जो शिव धनुष उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा ।

19. महाराजा जनक के चिंता का कारण स्पष्ट कीजिए?

उत्तर: राजा जनक ने सीता के विवाह के संबंध में प्रतिज्ञा की थी कि उसी के साथ सीता का विवाह होगा जो शिव धनुष उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा । परंतु अभी तक अनेक राजकुमारों ने प्रयास किया और उन्हें लज्जित होना पड़ा क्योंकि उठाना तो दूर वे इसे हिला तक नहीं सके । तो प्रत्यंचा कैसे चढाते I वह उदास हो गए कि उनकी प्रतिज्ञा के कारण उनकी पुत्री अविवाहित न रह जाए I

20. राम और सीता के विवाह का सुंदर वर्णन कीजिए?

उत्तर: हर मार्ग पर तोरणद्वार और घर-घर के प्रवेश द्वार पर वंदनवार लगाए गए। हर जगह फूलों की चादर बिछाई गई थी । एक –एक कोना सुवासित हो रहा था I एक-एक घर में मंगलगीत का गान हो रहा था । पूरी जनकपुरी जगमगा रही थी । बारात को मिथिला पहुंचने में पाँच दिन लगे । विवाह के ठीक पहले विदेहराज ने महाराज दशरथ से कहा “राजन! राम ने मेरी प्रतिज्ञा पूरी कर बड़ी बेटी सीता को अपना लिया । मेरी इच्छा है कि छोटी बेटी उर्मिला का विवाह लक्ष्मण से हो जाए । मेरे छोटे भाई कुशध्वज की दो पुत्रियाँ हैं – मांडवी और श्रुतकीर्ति । कृप्या उन्हें भरत और शत्रुघ्न के लिए स्वीकार करें ।” राजा  दशरथ  ने यह प्रस्ताव तत्काल मान लिया I 

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CHAPTER-1 अवधपुरी में राम Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

Chapter -1 अवधपुरी में राम

MCQ Questions

Question 1.
विंध्याचल पर्वत पार करने वाले सबसे पहले मुनि कौन थे?
(a) सुतीक्ष्ण मुनि
(b) विश्वामित्र
(c) अगस्त्य मुनि
(d) अंगेश्वर मुनि

Answer

Answer: (c) अगस्त्य मुनि


Question 2.
शूर्पणखा कौन थी?
(a) रावण की बहिन
(b) रावण की पुत्री
(c) रावण की सौतेली बहिन
(d) रावण के मामा की लड़की

Answer

Answer: (a) रावण की बहिन


Question 3.
नाक-कान कटने के बाद शूर्पणखा किसके पास गई?
(a) जटायु के
(b) अहिरावण के
(c) विभीषण के
(d) खर-दूषण के

Answer

Answer: (d) खर-दूषण के


Question 4.
रावण को किसने बताया कि राम को युद्ध में हराना आसान नहीं?
(a) खर-दूषण ने
(b) अकंपन ने
(c) विभीषण ने
(d) दुर्मुख ने

Answer

Answer: (b) अकंपन ने


Question 5.
अकंपन ने राम से बदला लेने का क्या उपाय बताया?
(a) राम पर हमला करना
(b) अयोध्या पर हमला करना
(c) सीता का हरण करना
(d) मुनियों पर हमला करना

Answer

Answer: (c) सीता का हरण करना


Question 6.
मारीच रावण का क्या लगता था?
(a) चाचा
(b) दादा
(c) नाना
(d) मामा

Answer

Answer: (d) मामा


Question 7.
मारीच ने रावण को क्या समझाया?
(a) सीता का हरण, विनाश को आमंत्रण देना
(b) सीता का हरण आवश्यक है
(c) राम पर चढ़ाई कर देनी चाहिए
(d) राम से संधि कर लेनी चाहिए

Answer

Answer: (a) सीता का हरण, विनाश को आमंत्रण देना


Question 8.
मारीच किस रूप में पंचवटी गया?
(a) शेर के रूप में
(b) तपस्वी के रूप में
(c) खरगोश के रूप में
(d) हिरण के रूप में

Answer

Answer: (d) हिरण के रूप में


Question 9.
बाण लगने पर मायावी हिरण ने क्या किया?
(a) हा सीते! हा लक्ष्मण पुकारा
(b) हा रावण! पुकारा
(c) हा माता! पुकारा
(d) हा पिता जी! पुकारा |

Answer

Answer: (a) हा सीते! हा लक्ष्मण पुकारा


Question 10.
रावण के साथ किस पक्षी का युद्ध हुआ?
(a) दीर्घायु
(b) संपाती
(c) जटायु
(d) दीर्घबाहु

Answer

Answer: (c) जटायु


Question 11.
सीता ने अपने आभूषण उतारकर नीचे क्यों फेंके?
(a) वे आभूषण अब उसके काम के नहीं थे
(b) वह राम को बताना चाहती थी कि रावण उसको किधर ले गया
(c) वे आभूषण किसी गरीब के काम आ जायेंगे
(d) वे आभूषण उनके नहीं थे

Answer

Answer: (b) वह राम को बताना चाहती थी कि रावण उसको किधर ले गया


Question 12.
टूटे रथ को देखकर राम असमंजस में क्यों पड़ गए?
(a) क्योंकि टूटा रथ रावण का था
(b) टूटे रथ के पास खून पड़ा हुआ था
(c) टूटे रथ के पास वह माला पड़ी थी जिसको सीता ने अपनी वेणी में गूंथ रखा था
(d) वहाँ मरा हुआ सारथी पड़ा था

Answer

Answer: (c) टूटे रथ के पास वह माला पड़ी थी जिसको सीता ने अपनी वेणी में गूंथ रखा था


Question 13.
जटायु ने किसके साथ युद्ध किया?
(a) खर-दूषण के
(b) रावण के
(c) मारीच के
(d) इंद्रजीत के

Answer

Answer: (b) रावण के


Question 14.
कबंध राक्षस की क्या विशेषता थी?
(a) उसके पैर नहीं थे
(b) उसके हाथ नहीं थे
(c) उसका उदर गायब था
(d) उसके धड़ पर सिर नहीं था

Answer

Answer: (d) उसके धड़ पर सिर नहीं था |


Question 15.
शबरी कौन थी?
(a) विश्वामित्र की शिष्या
(b) मतंग ऋषि की शिष्या
(c) ऋषि भारद्वाज की शिष्या
(d) ऋषि दुर्वासा की शिष्या

Answer

Answer: (b) मतंग ऋषि की शिष्या


Question 16.
शबरी ने राम को किसके पास जाने की सलाह दी?
(a) मतंग ऋषि के
(b) बाली के
(c) सुग्रीव के
(d) हनुमान के

Answer

Answer: (c) सुग्रीव के


Question 17.
बाली कहाँ के राजा थे?
(a) चित्रकूट के
(b) किष्किंधा के
(c) लंका के
(d) पाताल लोक के

Answer

Answer: (b) किष्किंधा के


Question 18.
राम और सुग्रीव की मित्रता किसने कराई?
(a) हनुमान ने
(b) शिवजी ने
(c) पवन ने
(d) जटायु ने

Answer

Answer: (a) हनुमान ने


Question 19.
बाली किसके द्वारा मारा गया?
(a) सुग्रीव के
(b) राम के
(c) लक्ष्मण के
(d) हनुमान के

Answer

Answer: (b) राम के


Question 20.
लंका रोहण के लिए वानरों के कितने दल बनाए गए?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच

Answer

Answer: (c) चार


Question 21.
हनुमान किस दल में शामिल थे?
(a) उत्तर को ओर जाने वाले
(b) दक्षिण-पूर्व की ओर जाने वाले
(c) दक्षिण की ओर जाने वाले
(d) दक्षिण-पश्चिम की ओर जाने वाले

Answer

Answer: (d) दक्षिण-पश्चिम की ओर जाने वाले


Question 22.
संपाति कौन था?
(a) सुग्रीव का सेवक
(b) बाली का सेनापति
(c) रावण का भाई
(d) जटायु का भाई

Answer

Answer: (d) जटायु का भाई


Question 23.
समुद्र को पार किसने किया?
(a) अंगद
(b) संपाति
(c) हनुमान
(d) जामवंत

Answer

Answer: (c) हनुमान


Question 24.
किस राक्षसी ने हनुमान के मार्ग को रोका?
(a) ताड़का
(b) सुरसा
(c) हिडिम्बा
(d) गर्धभा

Answer

Answer: (b) सुरसा


Question 25.
रावण ने सीता को कहाँ ठहराया हुआ था?
(a) अपने महल में
(b) विभीषण के महल में
(c) अशोक वाटिका में
(d) मंदोदरी के महल में

Answer

Answer: (c) अशोक वाटिका में


Question 26.
हनुमान ने सीता को कैसे विश्वास दिलाया कि वह राम का सेवक है?
(a) राम का उत्तरीय वस्त्र दिखाकर
(b) राम की दी हुई अँगूठी दिखाकर
(c) अपनी पूँछ दिखाकर
(d) अपना पराक्रम दिखाकर

Answer

Answer: (b) राम की दी हुई अँगूठी दिखाकर


Question 27.
सीता से विदा लेकर हनुमान ने क्या किया?
(a) रावण पर आक्रमण कर दिया
(b) किष्किंधा वापस आ गया
(c) रावण के बाग को उजाड़ दिया
(d) रावण के पास संधि प्रस्ताव लेकर गया |

Answer

Answer: (c) रावण के बाग को उजाड़ दिया


Question 28.
रावण ने हनुमान को क्या सजा दी?
(a) मौत की
(b) उसकी पूँछ में आग लगाने की
(c) उम्र कैद की
(d) अंग भंग करने की

Answer

Answer: (b) उसकी पूँछ में आग लगाने की


Question 29.
विभीषण लंका से निकलकर कहाँ गए?
(a) गंगा के किनारे
(b) किष्किंधा
(c) राम के पास
(d) अयोध्या

Answer

Answer: (c) राम के पास


Question 30.
अवध कौन-सी नदी के किनारे बसा हुआ है?
(a) गंगा
(b) यमुना
(c) सरस्वती
(d) सरयू

Answer

Answer: (d) सरयू


Question 31.
अयोध्या किस राज्य की राजधानी थी?
(a) कौसल
(b) मिथिला
(c) झारखंड
(d) विदिशा

Answer

Answer: (a) कौसल


Question 32.
राजा दशरथ की कितनी रानियाँ थीं?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच

Answer

Answer: (b) तीन


Question 33.
दशरथ के कितने पुत्र थे?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच

Answer

Answer: (c) चार


Question 34.
महर्षि वशिष्ठ कौन थे?
(a) राजा दशरथ के राजगुरु
(b) जनकपुरी के ऋषि
(c) एक राजा
(d) एक शिक्षक

Answer

Answer: (a) राजा दशरथ के राजगुरु


Question 35.
राम-लक्ष्मण किसके साथ वन गए?
(a) वशिष्ठ के
(b) विश्वामित्र के
(c) जनक के
(d) दशरथ के

Answer

Answer: (b) विश्वामित्र के


Question 36.
विश्वामित्र ने नदी तट पर पहुँचकर राम-लक्ष्मण को कौन-सी विद्या सिखाई?
(a) शस्त्र विद्या
(b) अश्व विद्या
(c) बला-अतिबला
(d) गुप्त विद्या

Answer

Answer: (c) बला-अतिबला


Question 37.
ताड़का कौन थी?
(a) एक सुंदर स्त्री
(b) एक राक्षसी
(c) एक देवी
(d) एक साध्वी

Answer

Answer: (b) एक राक्षसी


Question 38.
राम ने विश्वामित्र के साथ वन में जाकर क्या किया?
(a) यज्ञ की रक्षा
(b) राक्षसों का वध
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer

Answer: (c) ‘a’ और ‘b’ दोनों


Question 39.
यज्ञ के बाद विश्वामित्र ने राम-लक्ष्मण को कहाँ चलने को कहा?
(a) अयोध्या
(b) अलकापुरी
(c) मिथिला
(d) वृंदावन

Answer

Answer: (c) मिथिला


Question 40.
शिव-धनुष कहाँ रखा हुआ था?
(a) एक तख्त पर
(b) लोहे की पेटी में
(c) एक शिला पर
(d) महल के बाहर

Answer

Answer: (b) लोहे की पेटी में


Question 41.
शिव-धनुष को किसने उठाया?
(a) राम ने
(b) लक्ष्मण ने
(c) रावण ने
(d) किसी ने भी नहीं

Answer

Answer: (a) राम ने


Question 42.
राम के विवाह के बाद राजा दशरथ के मन में क्या इच्छा थी?
(a) वन जाने की
(b) संन्यास लेने की
(c) राम का राज्याभिषेक करने की
(d) भरत को राजा बनाने की

Answer

Answer: (c) राम का राज्याभिषेक करने की


Question 43.
राज्याभिषेक की घोषणा के समय भरत और शत्रुघ्न कहाँ थे?
(a) वन में
(b) अपने मामा के यहाँ
(c) विश्वामित्र के साथ
(d) कैकेयी के महल में

Answer

Answer: (b) अपने मामा के यहाँ


Question 44.
कैकेयी ने दशरथ से कितने वर माँगे?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच

Answer

Answer: (a) दो


Question 45.
पहला वरदान क्या था?
(a) राम के लिए राजगद्दी
(b) राम के लिए वनवास
(c) भरत के लिए राजगद्दी
(d) लक्ष्मण के लिए वनवास

Answer

Answer: (c) भरत के लिए राजगद्दी


Question 46.
दूसरा वर क्या था?
(a) राम भरत का सहायक रहेगा
(b) राम को चौदह वर्ष का वनवास
(c) राम को बारह वर्ष का वनवास
(d) राम को बारह वर्ष का वनवास व एक वर्ष का अज्ञातवास

Answer

Answer: (b) राम को चौदह वर्ष का वनवास


Question 47.
कैकेयी की दासी का क्या नाम था?
(a) मंथरा
(b) संतरा
(c) कुलक्षणी
(d) ताड़का

Answer

Answer: (a) मंथरा


Question 48.
कैकेयी ने अपनी बात न मानी जाती देख क्या हथियार चलाया?
(a) वन जाने का
(b) अपने पिता के घर जाने का
(c) विष खाने का
(d) स्वयं गद्दी पर बैठने का

Answer

Answer: (c) विष खाने का


Question 49.
दशरथ के मंत्री का क्या नाम था?
(a) विदुर
(b) चाणक्य
(c) चंद्रगुप्त
(d) सुमंत्र

Answer

Answer: (d) सुमंत्र


Question 50.
राम के वन-गमन की बात सुनकर लक्ष्मण क्या चाहते थे?
(a) अपने बाहुबल से राज्य छीनना
(b) वन जाने के निर्णय को उचित मानना
(c) कैकेयी को वन भेजना
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (a) अपने बाहुबल से राज्य छीनना


Question 51.
राम के वन-गमन का समाचार सुनकर नगरवासी किसे धिक्कार रहे थे?
(a) दशरथ को
(b) कैकेयी को
(c) राम को
(d) लक्ष्मण को

Answer

Answer: (b) कैकेयी को


Question 52.
मंथरा को बालों से पकड़कर किसने घसीटा?
(a) राम ने
(b) लक्ष्मण ने
(c) भरत ने
(d) शत्रुघ्न ने

Answer

Answer: (d) शत्रुघ्न ने


Question 53.
मुनि वशिष्ठ ने भरत से क्या आग्रह किया?
(a) वन चलने को कहा
(b) अयोध्या का राज्य संभालने को कहा
(c) राम को आधा राज्य देने को कहा
(d) रघुकुल की रीत निभाने को कहा

Answer

Answer: (b) अयोध्या का राज्य संभालने को कहा


Question 54.
राम ने किस स्थान पर कुटिया बनाई?
(a) नर्मदा नदी के किनारे
(b) पंचमढ़ी में
(c) चित्रकूट में
(d) हिमालय पर्वत पर

Answer

Answer: (c) चित्रकूट में


Question 55.
भरत द्वारा दिए गए किस समाचार को सुनकर राम सन्न रह गए?
(a) भरत के राज्य संभालने के।
(b) भरत के सेना लेकर आने के
(c) गुरु वशिष्ठ के नाराज होने के
(d) दशरथ की मृत्यु के

Answer

Answer: (d) दशरथ की मृत्यु के


Question 56.
भरत ने राम से क्या विनती की?
(a) अयोध्या चलकर राज्य संभालने की
(b) किसी और को राज्य देने की
(c) अपनी माता को दण्ड देने की
(d) पिता का क्रिया-कर्म करने की

Answer

Answer: (a) अयोध्या चलकर राज्य संभालने की


Question 57.
भरत राम से क्या चीज लेकर लौटे?
(a) उनकी अंगूठी
(b) उनकी खड़ाऊँ
(c) उनका धनुष
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (b) उनकी खड़ाऊँ


Question 58.
दण्डक वन में राम-लक्ष्मण ने किसकी सहायता की?
(a) देवताओं की
(b) बीमारों की
(c) ऋषि-मुनियों की
(d) जटायु की

Answer

Answer: (c) ऋषि-मुनियों की

पाठ्यपुस्तक का प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
पुस्तक के पहले अध्याय के पहले अनुच्छेद में लेखक ने सजीव ढंग से अवध की तसवीर प्रस्तुत की है। तुम भी अपने आसपास की किसी जगह का ऐसा ही बारीक चित्रण करो। यह चित्रण मोहल्ले के चबूतरे, गली की चहल-पहल, सड़क के नज़ारे आदि किसी का भी हो सकता है जिससे तुम अच्छी तरह परिचित हो।
उत्तर-
मैं अपने मोहल्ले के माहौल से अच्छी तरह परिचित हूँ। यह भारत की राजधानी दिल्ली से बिलकुल नजदीक है। डी० एल०एफ० अंकुर विहार जो दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के साथ लगा हुआ है। इस मार्ग के दोनों ओर स्थित ऊँची-ऊँची अट्टालिकाओं की शोभा को देखते ही बनता है। यहाँ आलीशान इमारतें एवं मॉल हैं। यहाँ का वातावरण शांत तथा शहर के कोलाहल से बहुत अलग है। प्रकृति से निकटता यहाँ के परिवेश की ही खासियत है। प्रदूषण से मुक्त आबोहवा है। चारों तरफ दूर-दूर तक फै ली हुई हरियाली यहाँ के आकर्षण का केंद्र है।

यह गाँव एवं शहरों के समिश्रण का संयुक्त रूप है। चौड़ी-चौड़ी सड़कें, स्ट्रीट लाइट, कम भीड़भाड़ एवं कोलाहल होने के कारण यहाँ का वातावरण काफ़ी खुशनुमा है। लोग यहाँ काफ़ी पढ़े-लिखे एवं सभ्य हैं। बड़े-बड़े पार्को में चारों ओर रंग-बिरंगे खिले फूलों की भीनी-भीनी सुगंध का क्या कहना। वास्तव में ऐसे स्वर्गीय वातावरण का आनंद सौभाग्य से ही मिलता है।

प्रश्न 2.
विश्वामित्र जानते थे कि क्रोध करने से यज्ञ पूरा नहीं होगा। इसलिए वे क्रोध को पी गए। तुम्हें भी कभी-कभी गुस्सा आता होगा। तुम्हें कब-कब गुस्सा आता है और उसका क्या परिणाम होता है?
उत्तर-
हाँ, मुझे गुस्सा तब आता है जब मुझसे कोई झूठ बोले, मेरी बात न माने या मुझसे पूछे बिना मेरी चीजों को हाथ लगाता है तो मुझे गुस्सा आता है। मैं गुस्से को काबू करने का काफ़ी प्रयत्न करता हूँ लेकिन उसे रोक नहीं पाता। इसका परिणाम . मुझे नुकसान के रूप में उठाना पड़ता है। इसका परिणाम मुझे डाँट सुननी पड़ती है या फिर किसी से झगड़ा के रूप में परिवर्तित हो जाता है। मेरे कई मित्रों से गुस्से के कारण संबंध खराब हो गए। यहाँ तक कि बोल-चाल भी बंद हो गए।

प्रश्न 3.
राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार किया। तुम्हारी समझ में इसका क्या कारण रहा होगा?
उत्तर-
राम और लक्ष्मण अपने पिता के भक्त थे। वे एक वीर एवं आदर्श पुरु ष भी थे। अतः वे अपने पिता के वचनों का मान रखना चाहते थे। इसी कारण राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया होगा। इसके अलावा उन्हें वंश परंपरा का भी ध्यान था। रघुकुल में वचन का मान रखने के लिए उनके पूर्व की पीढ़ियों ने प्राणों की बाजी लगा दी थी। उन्हें अपने कुल की परंपरा का ज्ञान था।

प्रश्न 4.
विश्वामित्र ने कहा, ”ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। इनसे कोई डर नहीं है।” उन्होंने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर-
जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। वनस्पतियाँ ही तो जंगल का आधार हैं। वनस्पतियों के बिना जंगल की कल्पना नहीं की जा सकती। प्रकृति का पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए भी ये सहायक होते हैं। धरती पर जीवन की उपस्थिति के लिए ये आवश्यक हैं। अतः ये हमारे जीवन साथी हैं और हमें जानवरों से कोई खतरा नहीं होता। ये प्रकृति की शोभा बढ़ाते हैं। जानवरों से रौनक बनी रहती है। अतः इनके महत्त्व को समझते हुए विश्वामित्र ने कहा कि ये जंगल की शोभा हैं। इनसे नहीं डरना चाहिए।

प्रश्न 5.
लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। क्या ऐसा करना उचित था? अपने उत्तर का कारण बताओ।
उत्तर-
शूर्पणखा ने राम-लक्ष्मण से विवाह करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन दोनों भाइयों ने शूर्पणखा का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसलिए क्रोध में आकर शूर्पणखा सीता पर झपटी। यह देख लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। शूर्पणखा एक राक्षसी होते हुए भी एक स्त्री थी। इसलिए लक्ष्मण के द्वारा नाक-कान काटना अनुचित कार्य था। उसे इस तरह अपमानित करना उचित नहीं कहा जा सकता है। शूर्पणखा के विवाह प्रस्ताव को ठुकराने के लिए लक्ष्मण को उसे समझाने का प्रयत्न करना चाहिए था। इस पर यदि वह नहीं मानती तो उसे दंड देना चाहिए था। इस प्रकार के दंड को अनुचित कहा जा सकता है।

प्रश्न 6.
विश्वामित्र और कैकेयी दोनों ही दशरथ को रघुकुल के वचन निभाने की प्रथा याद दिलाते हैं। तुम अपनी मदद से बताओ कि क्या दिया हुआ वचन हमेशा संभव होता है।
उत्तर-
इसमें कोई शक नहीं कि दिया हुआ वचन सदैव निभाना संभव नहीं होता है। यह कभी-कभी परिस्थितियों तथा मज़बूरियों पर निर्भर करता है। मुझे याद है कि मैंने अपने एक मित्र को सदैव मदद करने का वचन दिया था। एकबार उस मित्र को कई सालोंबाद धन की आवश्यकता हुई। उसने मेरे से कुछ रुपये माँगे, पर जब तक मैं गरीब हो चुका था। मेरी आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। आर्थिक विपन्नता के कारण मैं अपना वचन नहीं निभा पाया।

प्रश्न 7.
मान लो कि तुम्हारे स्कूल में रामकथा को नाटक के रूप में खेलने की तैयारी चल रही है। तुम इस नाटक में उसी पात्र की भूमिका निभाना चाहते हो जो तुम्हें सबसे ज़्यादा अच्छी, दिलचस्प या आकर्षक लगती है। वह पात्र कौन सा है और क्यों?
उत्तर-
मैं रामकथा नाटक में छोटे भाई लक्ष्मण के रूप में भूमिका निभाना चाहूँगा। क्योंकि लक्ष्मण की भूमिका अत्यंत वीरतापूर्ण, भव्य और आकर्षक है। लक्ष्मण ने सदैव राम के साथ सेवाभाव का परिचय दिया है। वे अनुकरणीय महान योद्धा एवं आदर्शवादी पुरुष थे। वे यथार्थवादी थे। वे अन्याय को तुरंत समाप्त करने के लिए तत्पर रहते थे। इनके चरित्र में नवीनता और सजीवता बनी रहती है। अतः मैं सदैव लक्ष्मण की भूमिका निभाना चाहूँगा।

प्रश्न 8.
सीता बिना बात के राक्षसों के वध के पक्ष में नहीं थीं, जबकि राम राक्षसों के विनाश को ठीक समझते थे। तुम किससे सहमत हो-राम से या सीता से? कारण बताते हुए उत्तर दो।
उत्तर-
सीता बिना बात के राक्षसों के वध के पक्ष में नहीं थीं, जबकि राम राक्षसों के विनाश को आवश्यक मानते थे। इस दोनों विचारों में राम के विचारों से सहमत हूँ। कारण यह था कि राक्षस अपने बुरे कामों से बाज नहीं आते। राक्षस अकारण निर्दोष ऋषि मुनियों का वध करते थे। उनका अत्याचार स्त्रियों तथा बच्चों पर कहर बनकर टूटता था। उनमें दया के भाव का नामोनिशान तक न था। समाज को उनके अत्याचारों से बचाने के लिए उनका सफाया करना आवश्यक था। अतः उपरोक्त परिस्थितियों को देखकर मैं राम के विचारों से सहमत हूँ।

प्रश्न 9.
रामकथा के तीसरे अध्याय में मंथरा कैकेयी को समझाती है कि राम को युवराज बनाना उसके बेटे के हक में नहीं है। इस प्रसंग को अपने शब्दों में कक्षा में नाटक के रूप में प्रस्तुत करो।
उत्तर-
मंथरा का कैकेयी को इस प्रकार समझाना कि राम को युवराज बनाना उसके बेटे के हक में नहीं है।

  • मंथरा – अरी रानी उठो! यह समय सोने का नहीं होश में आओ। विपत्ति का पहाड़ टूटने वाला है। जागो।
  • कैकेयी – क्या हुआ? क्या बात है? तुम इतनी घबराई हुई क्यों हो? कुशल मंगल तो है?
  • मंथरा – कैसा कुशल मंगल! तुम्हारे सुखों का अंत होने वाला है। कल राम का राज्याभिषेक होने वाला है।
  • कैकेयी – यह तो खुशी की बात है।
  • मंथरा – तुम्हारी मति मारी गई है। तुम राजा दशरथ के षड्यंत्र को नहीं समझती। तुम्हारे अधिकार छीने जाने वाले हैं।
  • कैकेयी – यह कैसी उलटी बात है। वह मेरा ज्येष्ठ पुत्र है। राम तो युवराज के पद के योग्य है। राज तो बड़े बेटे को ही मिलता है।
  • मंथरा – रानी इसे रोकें, यह तुम्हारे हित में नहीं है। राम अगर राजा बन गया तो तुम कौशल्या की दासी बन जाओगी। भरत राम के दास हो जाएँगे।
  • कैकेयी – तो क्या ऐसा हो जाएगा? मैं क्या करूं?
  • मंथरा – तुम्हें याद है, तुम राजा दशरथ को अपने वचनों की याद दिलाकर भरत के लिए राज्याभिषेक और राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास माँग लो।
  • कैकेयी – परंतु इतना बड़ा काम मैं कैसे करूंगी।
  • मंथरा – तुम मैले कपड़े पहनकर कोप भवन चली जाओ। राजा दशरथ आएँ तो उन्हें पहले अपने मन की बात मत कहना। जब वे तुम्हें मनाने लगें तो अपने दोनों वचनों को माँग लेना।

प्रश्न 10.
तुमने ‘जंगल और जनकपुर’ तथा ‘दंडक वन में दस वर्ष’ में राक्षसों द्वारा मुनियों को परेशान करने की बात पढ़ी। राक्षस ऐसा क्यों करते थे? क्या यह संभव नहीं था कि दोनों शांतिपूर्वक वन में रहते? कारण बताते हुए उत्तर दो।
उत्तर-
राक्षस सदैव विध्वंस करते रहते थे और आतंक फैलाते रहते थे। शांतिपूर्वक रहना राक्षसों के स्वभाव के विपरीत था। वे निर्दोष प्राणियों की हत्या करते रहते थे। इसके विपरीत ऋषि मुनियों की संस्कृति भिन्न थी। ऋषि-मुनि तो जंगल में आश्रमों में शांतिपूर्वक रहते थे। पर राक्षसों की प्रवृत्ति ऋषि-मुनियों के यज्ञ ‘भंग करने की थी। इस तरह राक्षसों की संस्कृति ऋषि मुनियों की संस्कृति से बिलकुल विपरीत थी। इसलिए वे सभी एक साथ मिलजुलकर नहीं रह सकते थे।

प्रश्न 11.
हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को लंका के बारे में क्या-क्या बताया होगा?
उत्तर-
लंका से लौटकर हनुमान ने अंगद और जामवंत को लंका नगरी के सौंदर्य का वर्णन किया होगा क्योंकि हनुमान ने ऐसी सुंदर नगरी नहीं देखी थी। हनुमान ने बताया होगा कि सीता रावण की अशोक वाटिका में बंदी हैं तथा हर समय राक्षसों से घिरी रहती हैं। लंका सोने से बनी है। लंका चारों ओर से सुरक्षित बनाई गई है। वहाँ का राजा रावण ऊँचे सिंहासन पर बैठता है। वहाँ के भव्य महल हैं। वहाँ अशोक के लंबे-लंबे वृक्ष हैं। इसके अलावा हनुमान ने जामवंत को बताया होगा कि कैसे उनकी पूँछ में आग लगा देने पर उन्होंने लंका को जलाकर राख कर दिया था। इसके अलावा सीता से भेंट के विषय में भी बताया होगा।

प्रश्न 12.
तुमने बहुत सी पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ पढ़ी होंगी। उनमें क्या अंतर होता है? यह जानने के लिए पाँच पाँच के समूह में कक्षा के बच्चे दो-दो पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ इकट्ठा करें। कथ्य (कहानी), भाषा आदि के अनुसार दोनों प्रकार की कहानियों का विश्लेषण करें और उनके अंतर लिखें।
उत्तर-
पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ धार्मिक मान्यताओं पर आधारित होती हैं। उनमें कोई-न-कोई देवता का संबंध जुड़ा होता है। लोक कथाएँ वे कथाएँ हैं जो लोक जीवन में प्रचलित हैं। लोक कथाएँ प्रायः आम बोलचाल की भाषा में लिखी जाती हैं। श्रवण कुमार, नचिकेता, हरिश्चंद्र आदि लोक कथाओं के उदाहरण हैं जबकि विजय नारायण सिंह द्वारा संकलित ‘दुष्ट न छोड़े दुष्टता’ ‘डेढ़ मित्र’ और चतुर मज़दूरनी लोक कथाएँ हैं। पौराणिक कथाएँ संस्कृत में या हिंदी में लिखी गई हैं। वहीं लोक कथाएँ साधारण जन में प्रचलित कहानियाँ हैं, जिनमें जन-जीवन से जुड़े प्रसंग होते हैं।

प्रश्न 13.
क्या होता यदि-
(क) राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते।
(ख) रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता
उत्तर-
(क) यदि राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार न करते तो राम का राज्याभिषेक हो जाता। राजा दशरथ पर वचन-भंग का आरोप लगता। वे रघुकुल के पहले राजा होते जो अपने वचन से फिर गए होते। उनका वह सम्मान नहीं रहता जो उनकी मृत्यु के बाद भी उनको मिलता रहा। राम को चौदह साल का वनवास नहीं होता। अगर राम वन नहीं जाते तो सीता का रावण द्वारा हरण नहीं होता। तब राम रावण का युद्ध नहीं होता और रावण का वध नहीं होता।

(ख) यदि रावण विभीषण और अंगद का सुझाव मान लेता और युद्ध का फैसला न करता तो वह सीता को लौटा देता। ऐसी स्थिति में रावण और राम की सेना के बीच वह भयानक युद्ध न होता। असंख्या लोगों का खून-खराबा नहीं होता और रावण की मृत्यु नहीं होती।

प्रश्न 14.
नीचे कुछ चारित्रिक विशेषताएँ दी गई हैं और तालिका में कुछ पात्रों के नाम दिए गए हैं। प्रत्येक नाम के सामने उपयुक्त विशेषताओं को छाँटकर लिखो।
पराक्रमी, साहसी, निडर, पितृभक्त, वीर, शांत, दूरदर्शी, त्यागी, लालची, अज्ञानी, दुश्चरित्र, दीनबंधु, गंभीर, स्वार्थी, उदार, धैर्यवान, अड़ियल, कपटी, भक्त, न्यायप्रिय और ज्ञानी।

  1. राम …….
  2. सीता ……..
  3. लक्ष्मण ……..
  4. विभीषण ……….
  5. हनुमान ……..
  6. कैकेयी ………
  7. रावण ………
  8. भरत ……..

उत्तर-

  1. राम – पराक्रमी, साहसी, निडर, पितृभक्त, वीर, शांत, त्याग, दीनबंधु, उदार, गंभीर, धैर्यवान, न्यायप्रिय और ज्ञानी।
  2. सीता – त्याग, उदार, अड़ियल, शांत
  3. लक्ष्मण – साहसी, पराक्रमी, निडर, पितृभक्त, वीर, त्यागी, दूरदर्शी, भक्त, ज्ञानी।
  4. विभीषण – दूरदर्शी, साहसी, निडर, वीर, त्याग, गंभीर, भक्त, ज्ञानी।
  5. हनुमान – पराक्रमी, वीर, साहसी, बली, निडर, शांत, धैर्यवान, भक्त, ज्ञानी।
  6. कैकेयी – लालची, अज्ञानी, अड़ियल, स्वार्थी, कपटी।
  7. रावण – घमंडी, दुश्चरित्र, पराक्रमी, साहसी, निडर, अज्ञानी, अड़ियल, कपटी।
  8. भरत – त्यागी, भक्त, ज्ञानी, गंभीर, उदार, धैर्यवान, न्यायप्रिय, उदार।

प्रश्न 15.
तुमने अपने आस-पास के बड़ों से रामायण की कहानी सुनी होगी। रामलीला भी देखी होगी। क्या तुम्हें अपनी पुस्तक रामकथा की कहानी और बड़ों से सुनी लक्ष्मण की कहानी में कोई अंतर नज़र आया? यदि हाँ तो उसके बारे में कक्षा में बताओ।
उत्तर-
मैंने अपने आस-पास के बड़ों से भी रामायण की कहानी सुनी है। रामलीला भी देखी है। रामायण की कहानी और रामलीला में यह अंतर होता है कि रामलीला से घटनाएँ प्रत्यक्ष देखने को मिलती हैं। उनका प्रभाव स्थायी होता है। बड़े लोग भी । रामायण की कहानी सुनाते हैं, पर वे कई घटनाओं एवं चरित्र को उल्लेख करना भूल जाते हैं या सही ढंग से वर्णन नहीं कर पाते हैं।

जैसे विश्वामित्र राक्षसों से रक्षा के लिए दशरथ से राम और लक्ष्मण को ले गए। पर यह बताना भूल गए कि विश्वामित्र कौन थे और उन्होंने राम और लक्ष्मण को कौन सी विद्याएँ सिखाईं, परंतु ‘बाल रामकथा’ की कहानी से हमें राम के जीवन के हर छोटे-बड़े घटनाक्रम की जानकारी मिली। इस पुस्तक के माध्यम से राम के जीवन की प्रत्येक घटनाओं की जानकारी विस्तार से मिली। इसके अलावा हमें श्रीराम का जीवन परिचय मिला।

प्रश्न 16.
रामकथा में कई नदियाँ और स्थानों के नाम आए हैं। इनकी सूची बनाओ और एटलस में देखो कि कौन-कौन सी नदियाँ और जगहें अभी भी मौजूद हैं। यह काम तुम चार-चार समूह में कर सकते हो।
उत्तर-
रामकथा में आए नदियों तथा स्थानों के नाम निम्नलिखित हैं-
नदियों के नाम- सरयू, गंगा, गोदावरी, गंडक तथा गोमती और सोन।
स्थानों के नाम- इस कथा में स्थानों के नाम हैं-अयोध्या, मिथिला, चित्रकूट, किष्किंधा, कैकेय राज्य, दंडक वन, श्रृंगवेरपुर, विंध्याचल, प्रयाग और लंका। ये सारे स्थल अपने पुराने या नए नामों के साथ आज भी भारत भूमि पर उपस्थित हैं। छात्र एटलस में इन्हें हूँढ़ने का प्रयास करें।

प्रश्न 17.
यह राम कथा वाल्मीकि रामायण पर आधारित है। तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के बारे में जानकारी इकट्ठी करो और उसे चार्टपेपर पर लिखकर कक्षा में लगाओ। जानकारी प्रस्तुत करने में निम्नलिखित बिंदु हो सकते हैं|
राम कथा का नाम, रचनाकार का नाम, भाषा/प्रांत
उत्तर-
कथा का नाम- रामचरित मानस
रचनाकार- तुलसी दास
भाषा/प्रांत- अवधी/अवध (पूर्वी उत्तर प्रदेश)
इस जानकारी के आधार पर छात्र स्वयं चार्ट पेपर तैयार करें।

प्रश्न 18.
“नगर में बड़ा समारोह आयोजित किया गया। धूमधाम से।” (पृष्ठ-3)
‘एक दिन ऐसी ही चर्चा चल रही थी। गहन मंत्रणा’। (पृष्ठ-4)
‘पाँच दिन तक सब ठीक-ठाक चलता रहा। शांति से निर्विघ्न।’ (पृष्ठ-10)
रामकथा की इन पंक्तियों में कुछ वाक्य केवल एक या दो शब्दों के हैं। ऐसा लेखक ने किसी बात पर बल देने के लिए, उसे प्रभावशाली बनाने के लिए या नाटकीय बनाने के लिए किया है। ऐसे कुछ और उदाहरण पुस्तक से छाँटो और देखो कि इन एक-दो शब्दों के वाक्य को पिछले वाक्य में जोड़कर लिखने से बात के असर में क्या फर्क पड़ता है। उदाहरण के लिए-
‘पाँच दिन तक सब शांति से निर्विघ्न और ठीक-ठाक चलता रहा।
उत्तर-

  • वे चलते रहे। नदी के घुमाव के साथ-साथ। नदी पार जंगल था। घना दुर्गम।
  • महाराज पलंग पर पड़े हैं। बीमार। दीन-हीन।
  • वे गंगा किनारे पहुँच गए। श्रृंगवेरपुर गाँव में।
    छात्र उपर्युक्त उदाहरणों में दोनों वाक्यों के बीच के अंतर पर ध्यान दें।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रामायण के रचयिता कौन थे?
उत्तर-
रामायण के रचयिता आदिकवि वाल्मीकि थे।

प्रश्न 2.
‘बाल रामकथा’ किसके द्वारा लिखी गई है?
उत्तर-
‘बाल रामकथा’ श्री मधुकर उपाध्याय द्वारा लिखी गई है।

प्रश्न 3.
राम के चरित्र की विशेषता अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
राम को मर्यादा पुरु षोत्तम राम कहा जाता है। वह एक आदर्श पुरुष, भाई तथा राजा थे। राम पितृभक्त, धैर्यवान, साहसी, न्यायी, पराक्रमी, त्यागी तथा उदार थे। उनका चरित्र आज हमारे जीवन में अनुकरणीय है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
राम कथा से तुम्हें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर-
राम कथा से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें राम की तरह अपने माता-पिता, गुरुजनों की भावनाओं को पूरा-पूरा सम्मान करना चाहिए। इस कथा से हमें साहस और बुधि से प्रत्येक कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा मिलती है। विपरीत परिस्थितियों में धीरज बनाए रखना भी इस कथा के माध्यम से हम सीखते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि रामकथा हमारे जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण प्रेरणा का स्रोत है।

प्रश्न 2.
यदि आप राम के चारित्रिक गुणों को अपना लें तो आपके जीवन में क्या परिवर्तन आ जाएगा?
उत्तर-
यदि राम के चारित्रिक गुणों को अपना लें तो हमारे मन में ईष्र्या, द्वेष, स्वार्थ की भावना का अंत हो जाएगा। प्रेम और सद्भावनाओं का विकास होगा। समाज में भाईचारे की भावनाओं का विकास होगा। समाज में समरसता बढ़ेगी। खुशहाल समाज का निर्माण होगा।

प्रश्न 3.
यदि आपको वनवास हो जाए तो वहाँ आप अपना जीवन-यापन कैसे करेंगे?
उत्तर-
अगर कभी हमें वनवास हो जाए तो जीवन व्यतीत करना अत्यंत कठिन हो जाएगा, क्योंकि वहाँ हम सारी सुख-सुविधाओं से वंचित रहेंगे। हमें वहाँ कई ऐसी परेशानियों से जूझना पढ़ेगा; जैसे-सुरक्षा, रात में अंधेरे की समस्या, स्वास्थ्य, मेडीकल की सुविधाएँ। इसके अलावा श्री राम की तरह हममें दृढ़ इच्छा शक्ति का अभाव है। अगर राम की तरह दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो वन में रहना कुछ आसान हो जाता। वन में हमें कुछ आवश्यक खाने-पीने की वस्तुएँ तो अवश्य मिल जाएँगी। उन चीजों से दैनिक गुजारा करते।

प्रश्न 4.
आपको लक्ष्मण के चरित्र से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर-
लक्ष्मण का चरित्र-मातृ-प्रेम और सेवा भावना से ओतप्रोत है। हलाँकि लक्ष्मण को वनवास नहीं मिला था, फिर भी उन्होंने अपने बड़े भाई की सेवा में अपनी पूरी जिंदगी लगा दी। लक्ष्मण ने राम-सीता को आदर्श मानकर उनकी सेवा बड़े लगन से की। उनके चरित्र से हमें मातृत्व प्रेम, सेवा, समर्पण, कर्तव्य, पालन की प्रेरणा मिलती है।

प्रश्न 5.
राम के वन-गमन के बाद अयोध्या में क्या-क्या हुआ?
उत्तर-
राम के वन जाने के बाद भरत को तुरंत अयोध्या लाने के लिए घुड़सवार दूत रवाना किए गए। अयोध्या नगरी का माहौल बदल गया। सड़कें चारों तरफ सूनी दिखने लगीं। बाग-बगीचों में भी उदासी छा गई। राजा दशरथ राम के वियोग से चल बसे। भरत जब ननिहाल से लौटकर अयोध्या आए तो उन्हें राम के वन-गमन और राजा दशरथ की मृत्यु का पता चला। भरत ने अयोध्या की गद्दी पर बैठने से इनकार कर दिया तथा उन्होंने माता कैकेयी को भला-बुरा कहा। मुनि वशिष्ठ ने भरत को सलाह दी कि सिंहासन खाली नहीं रहना चाहिए, पर वे नहीं माने। उन्होंने राम को वन से वापस अयोध्या लाने का निश्चय किया।

प्रश्न 6.
तुम हनुमान को किस रूप में देखते हो?
उत्तर-
हम हनुमान को एक राम का शुभचिंतक एवं आदर्श सेवक के रूप में देखते हैं। हनुमान का जीवन नि:स्वार्थ सेवा का अनुपम उदाहरण है। हनुमान ने बिना किसी स्वार्थ के जीवनभर सुग्रीव तथा राम-सीता की सेवा की। उनकी सेवा भक्ति पराकाष्ठा थी। उनके क्रियाकलाप हमें सेवा भावना की प्रेरणा देते हैं।

प्रश्न 7.
यदि राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना को स्वीकार नहीं करते तो क्या होता? अनुमान से बताओ?
उत्तर-
यदि राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते तो राम का राज्याभिषेक होता। राम को अयोध्या की जनता अपना योग्य शासक मानती थी। राम के गद्दी सँभालने से वहाँ की प्रजा खुशहाल होती तथा उनमें उदासी नहीं छाती। वहाँ की सुख समृद्धि बढ़ती।

प्रश्न 8.
क्या अपने माता-पिता के लिए तुम्हें कुछ करने का मौका मिला है?
उत्तर-
हाँ, मुझे छोटे-मोटे कामों को करने का माता-पिता के लिए कई अवसर मिलते रहते हैं। मैंने उनके कई बार आदेशों का पालन किया है। माता-पिता को प्रसन्न करना ईश्वर को प्रसन्न करने के समान है। माता-पिता को सबसे अधिक खुशी तब होती है जब बच्चे अपने कर्तव्य का सही पालन करें। बच्चे सही शिक्षा प्राप्त करें।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
राम कथा का कौन-सा प्रसंग तुम्हें सबसे रोचक लगा? उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
हमें राम कथा का लंका-विजय प्रसंग सबसे अच्छा लगा। लंका पर आक्रमण करने से पूर्व उसकी पूरी तैयारी कर ली गई थी। सुग्रीव ने युद्ध के लिए वानरी सेना को कहा। उन्होंने कहा कि वही वानर सेना में युद्ध के लिए जाएँगे जो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं। वानरी सेना का शोर सुनकर राक्षसी सेना में भय पैदा हो गया। विभीषण ने देखा कि राक्षस सेना डरी हुई है। डरी हुई सेना कभी युद्ध नहीं जीत सकती। इसलिए विभीषण ने रावण को समझाने का प्रयास किया, पर रावण ने उनकी एक बात नहीं सुनी। अंगद ने भी राम का दूत बनकर रावण को काफ़ी समझाने का प्रयास किया, फिर भी रावण नहीं माना। अंत में राम और रावण की सेना में घमासान युद्ध हुआ। रावण के कई बलशाली राक्षस मारे गए।

महाबली, धूम्राक्ष, वज्रद्रष्ट, अकंपन भी युद्ध में धराशायी हो गए। मेघनाद और कुंभकर्ण भी मारे गए। लक्ष्मण ने महल में घुसकर मेघनाद का पीछा किया और उसे मार गिराया। रावण भी नहीं बच पाया। इस प्रकार रावण का अंत हुआ तथा राम की लंका पर विजय हुई। राम की चारों तरफ जय-जयकार होने लगी। सभी राक्षस मारे गए। राम ने सभी वानरी सेना का आभार प्रकट किया। विभीषण का राजतिलक किया गया और सीता को अशोक वाटिका से लाने की व्यवस्था की गई।

प्रश्न 2.
मंथरा ने रानी कैकेयी को कौन-कौन से तर्क देकर उनकी सोच बदल दी?
उत्तर-
मंथरा ने रानी कैकेयी को भय दिखाते हुए कहा कि राम के राजा बन जाने से तुम्हारे सुखों का अंत हो जाएगा। राजा दशरथ ने तुम्हारे अधिकार छीनने का षड्यंत्र रचा है। इसलिए जान-बूझकर भरत को ननिहाल भेज दिया है। इतना ही नहीं उसे राज याभिषेक के उत्सव पर भी नहीं बुलाया गया। मंथरा के इन तर्को का जब रानी कैकेयी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा तो वह रानी कैकेयी के पलंग पर उनके निकट बैठ गई और कहने लगी-“तुम नादान हो। तुम्हें निकट आया संकट दिखाई नहीं देता। राम के राजा बन जाने से तुम कौशल्या की दासी बन जाओगी।

भरत राम के दास हो जाएँगे। राम के बाद अगला राजा राम का पुत्र ही होगा। भरत कभी राजा नहीं बन पाएँगे।” मंथरा ने कैकेयी से कहा-‘”राम को राज मिला तो भरत को देश निकाला दे देंगे। इस तिस्कार से भरत की रक्षा करो। मंथरा के इन तर्को से रानी कैकेयी की सोच बदल गई।”

प्रश्न 3.
रावण-वध क्या शिक्षा देता है?
उत्तर-
रावण-वध से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बुराई का अंत अवश्य होता है। रावण बुराई का प्रतीक था। राम ने उसका वध कर समाज को उसके आतंक एवं अन्याय से मुक्त कराया। राम ने सीता का हरण करके स्त्रियों के प्रति अपनी सहिष्णुता का परिचय दिया था। वह विभीषण के प्रति निर्मम था। उसका संहार तो होना आवश्यक था। इसलिए रावण वध हमारे मत अनुसार सही प्रतीत होता है।

 

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Chapter -17 साँस-साँस में बाँस Important Questions & MCQs Class 6th |HINDI -वसंत, भाग 1| NCERT | EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs Class 6th Hindi -वसंत, भाग 1

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Chapter - 17 साँस-साँस में बाँस

 

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Chapter -16 वन के मार्ग में Important Questions & MCQs Class 6th |HINDI -वसंत, भाग 1| NCERT | EDUGROWN

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Chapter - 16 वन के मार्ग में

MCQs Questions with Answers

Question 1.
‘वन के मार्ग में’ पाठ के कवि कौन हैं?
(a) विष्णु प्रभाकर
(b) जयंत विष्णु नार्लीकर
(c) तुलसीदास
(d) सुमित्रानंदन पंत

Answer

Answer: (c) तुलसीदास


Question 2.
रघुबीर की वधू कौन थी?
(a) गीता
(b) सीता
(c) द्रौपदी
(d) कुंती

Answer

Answer: (b) सीता


Question 3.
राम की आँखों में आँसू क्यों आ गए?
(a) वन के कष्टों के कारण
(b) घर की याद आने से
(c) सीता की व्याकुलता देखकर
(d) अपने पिता को याद करके

Answer

Answer: (c) सीता की व्याकुलता देखकर


Question 4.
पर्नकुटी किस चीज़ से बनती है?
(a) पत्थर से
(b) पानी से
(c) पत्तों से
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (c) पत्तों से


Question 5.
राम और सीता के साथ कौन वन गया?
(a) लक्ष्मण
(b) भरत
(c) शत्रुघ्न
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (a) लक्ष्मण


(1)

“जल को गए लक्खनु, हैं लरिका परिखौ, पिय! छाँह घरीक कै ठाढ़े।
पोंछि पसेउ बयारि करौं, अरु पायँ पखारिहौँ भूभुरि-डाढ़े॥”


तुलसी रघुवीर प्रियाश्रम जानि कै बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े।


जानकी नाह को नेह लख्यौ, पुलको तनु, बारि बिलोचन बाढ़े॥

Question 1.
लक्ष्मण जी कहाँ गए थे?
(a) भोजन लेने
(b) जल लेने
(c) कुटिया बनाने
(d) रास्ता देखने

Answer

Answer: (b) जल लेने


Question 2.
सीता जी का विश्राम करने का प्रस्ताव क्या दर्शाता है?
(a) उन्हें राम के पैरों से काँटे निकालने थे
(b) उनको बहुत प्यास लगी थी
(c) वे बहुत थक गई थीं
(d) वे वहीं रुकना चाहती थीं

Answer

Answer: (c) वे बहुत थक गई थीं


Question 3.
श्रीराम ने सीता जी को विश्राम देने के लिए क्या किया?
(a) वे स्वयं जल लेने गए
(b) उन्होंने लक्ष्मण जी को जल लेने भेज दिया
(c) वे इधर-उधर की बातें करने लगे
(d) वे धीरे-धीरे अपने पैरों से काँटे निकलने लगे

Answer

Answer: (d) वे धीरे-धीरे अपने पैरों से काँटे निकलने लगे


Question 4.
सीता जी पुलकित क्यों हो उठी?
(a) सुंदर प्रकृति के दृश्य देखकर
(b) राम के पैर में काँटे देखकर
(c) राम के उनके प्रति प्रेम से
(d) लक्ष्मण के स्वभाव से

Answer

Answer: (c) राम के उनके प्रति प्रेम से

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

सवैया से

प्रश्न 1.
नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीता की क्या दशा हुई?
उत्तर-
नगर से बाहर निकलकर दो पग अर्थात थोड़ी दूर चलने के बाद सीता जी के माथे पर पसीने की बूंदें झलकने लगीं। उनके कोमल ओठ सूख गए। वे शीघ्र ही थक गईं।

प्रश्न 2.
‘अब और कितनी दूर चलना है, पर्नकुटी कहाँ बनाइएगा’-किसने, किससे पूछा और क्यों ?
उत्तर-
‘अब और कितना दूर चलना है, पर्नकुटी कहाँ बनाइएगा’ ये शब्द सीता जी ने श्रीराम से पूछे क्योंकि वे बहुत अधिक थक गई थीं।

प्रश्न 3.
राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की?
उत्तर-
राम ने जब देखा कि सीता थक चुकी हैं, तो वह देर तक बैठकर पैरों से काँटे निकालने का अभिनय करते रहे, जिससे सीता को कुछ देर आराम करने का मौका मिल जाए और उनकी थकान कम हो जाए।

प्रश्न 4.
दोनों सवैयों के प्रसंगों में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर-
पहले सवैये में वन जाते समय सीता जी की व्याकुलता एवं थकान का वर्णन है। वे अपने गंतव्य के बारे में जानना चाहती हैं। पत्नी सीता की ऐसी बेहाल अवस्था देखकर रामचंद्र जी भी दुखी हो जाते हैं। जब सीता नगर से बाहर कदम रखती हैं तो कुछ दूर जाने के बाद काफ़ी थक जाती हैं। उन्हें पसीना आने लगता है और होंठ सूखने लगते हैं। वे व्याकुलता से श्रीराम से पूछती हैं कि अभी और कितना चलना है तथा पर्णकुटी कहाँ बनाना है? इस तरह सीता जी की व्याकुलता को देखकर श्रीराम की आँखों में आँसू आ जाते हैं। दूसरे सवैये में श्रीराम और सीता की दशा का मार्मिक चित्रण है। इस प्रसंग में श्रीराम व सीता जी के प्रेम को दर्शाते हुए कहा गया है कि कैसे श्रीराम सीता के थक जाने पर अपने पैरों के काँटे निकालते हैं और सीता जी श्रीराम का अपने प्रति प्रेम देखकर पुलकित हो जाती हैं।

प्रश्न 5.
पाठ के आधार पर वन के मार्ग का वर्णन अपने शब्दों में करो।
उत्तर-
वन का मार्ग अत्यंत कठिन था। यह मार्ग काँटों से भरा था। उस पर बहुत सँभलकर चलना पड़ रहा था। रहने के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं था। रास्ते में खाने की वस्तुएँ नहीं थीं। पानी मिलना भी कठिन था। चारों तरफ सुनसान तथा असुरक्षा का वातावरण था।

अनुमान और कल्पना

गरमी के दिनों में कच्ची सड़क की तपती धूल में नंगे पाँव चलने पर पाँव जलते हैं। ऐसी स्थिति में पेड़ की छाया में खड़ा होने और पाँव धो लेने पर बड़ी राहत मिलती है। ठीक वैसे ही जैसे प्यास लगने पर पानी मिल जाए और भूख लगने पर भोजन। तुम्हें भी किसी वस्तु की आवश्यकता हुई होगी और कुछ समय बाद पूरी हो गई होगी। तुम सोचकर लिखो कि आवश्यकता पूरी होने के पहले तक तुम्हारे मन की दशा कैसी थी?
उत्तर-
किसी वस्तु की आवश्यकता पूरी होने से पहले मन उसके लिए बेचैन तथा व्याकुल रहता है। हम बार-बार उस वस्तु के विषय में सोचते रहते हैं तथा उसे पाने के अनेक प्रयास करते हैं। किसी दूसरे काम में मन नहीं लगता।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
लखि-देखकर।
धरि-रखकर।
पोंछि-पोछकर।
जानि-जानकर।
ऊपर लिखे शब्दों और उनके अर्थ को ध्यान से देखो। हिंदी में जिस उद्देश्य के लिए हम क्रिया में ‘कर’ जोड़ते हैं,
उसी के लिए अवधी में क्रिया में f (इ) को जोड़ा जाता है, जैसे-अवधी में बैठ + 1 = बैठि हिंदी में बैठ + कर = बैठकर। तुम्हारी भाषा या बोली में क्या होता है? अपनी भाषा के ऐसे छह शब्द लिखो। उन्हें ध्यान से देखो और कक्षा में बताओ।
उत्तर-
मेरी भाषा हिंदी खड़ी बोली है पर भोजपुरी में निम्नलिखित उद्देश्य के लिए अलग क्रिया के साथ ‘के’ का प्रयोग करते हैं जैसे

  1. देखकर  –  ताक के
  2. बैठकर  –  बइठ के।
  3. रुककर  –  ठहर के।
  4. सोकर  –  सुत के
  5. खाकर  –  खा के।
  6. पढ़कर  –  पढ़ के।

प्रश्न 2.
“मिट्टी का गहरा अंधकार, डूबा है उसमें एक बीज।’
उसमें एक बीज डूबा है। जब हम किसी बात को कविता में कहते हैं तो वाक्य के शब्दों के क्रम में बदलाव आता है; जैसे-“छाँह घरीक वै ठाढ़े” को गद्य में ऐसे लिखा जा सकता है। “छाया में एक घड़ी खड़ा होकर।” उदाहरण के आधार पर नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को गद्य के शब्दक्रम में लिखो।
उत्तर-
पुर तें निकसी रघुबीर-बधू,
सीता जी नगर से बाहर वन जाने के लिए निकलीं।

  • पुट सूख गए मधुराधर वै॥

मधुर होठ सूख गए।

  • बैठि बिलंब लौं कंटक काढ़े।

कुछ समय तक श्रीराम ने आराम किए और अपने पैरों से देर तक काँटे निकालते रहे।

  • पर्नकुटी करिहौं कित है?
  • पत्तों की कुटिया अर्थात पर्णकुटी कहाँ बनाएँगे ?

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

(क) ‘वन के मार्ग में’ पाठ के कवि कौन हैं?
(i) विष्णु प्रभाकर
(ii) जयंत विष्णु नार्लीकर
(iii) तुलसीदास
(iv) सुमित्रानंदन पंत

(ख) रघुबीर की वधू कौन थी?
(i) गीता
(ii) सीता
(iii) द्रौपदी
(iv) कुंती

(ग) राम की आँखों में आँसू क्यों आ गए?
(i) वन के कष्टों के कारण
(ii) घर की याद आने से
(iii) सीता की व्याकुलता देखकर
(iv) अपने पिता को याद करके

(घ) पर्नकुटी किस चीज़ से बनती है?
(i) पत्थर से
(ii) पानी से
(iii) पत्तों से
(iv) इनमें से कोई नहीं

(ङ) राम और सीता के साथ कौन बन गया?
(i) लक्ष्मण
(ii) भरत
(iii) शत्रुघ्न
(iv) इनमें से कोई नहीं

उत्तर-

(क) (iii)
(ख) (ii)
(ग) (iii)
(घ) (iii)
(ङ) (i)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
प्रथम सवैया में कवि ने राम-सीता के किस प्रसंग का वर्णन किया है?
उत्तर-
प्रथम सवैया में कवि ने श्रीराम व सीता के अयोध्या से निकलकर वन गमन का वर्णन किया है।

प्रश्न 2.
राम और सीता कहाँ जाने के लिए निकले थे?
उत्तर-
राम और सीता वन जाने के लिए निकले थे

प्रश्न 3.
वन गमन के समय सीता ने राम से क्या पूछा?
उत्तर-
वन गमन के समय सीता जी ने राम जी से पूछा कि कितना और चलना है? और पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा?

प्रश्न 4.
पर्नकुटी किस चीज़ से बनती है?
उत्तर-
पर्नकुटी पत्तों से बनती है।

प्रश्न 5.
राम ने रुककर क्या किया?
उत्तर-
राम ने रुककर थोड़ा विश्राम किया और पैरों में चुभे काँटों को देर तक निकालते रहे।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वन के मार्ग में सीता को होने वाली कठिनाईयों के बारे में लिखो।
उत्तर-
सीता वन के मार्ग पर थोड़ी दूर चलने से ही थक गईं। उनके माथे पर पसीना दिखाई देने लगा। उनके होंठ सूख गए। वे बहुत बेचैन हो उठीं और पूछने लगीं कि अभी कितनी दूर जाना है। मार्ग काँटों से भरा था जिससे सीता का चलना मुश्किल हो रहा था।

प्रश्न 2.
सीता जी बेचैन होकर श्रीराम से क्या बातें कही?
उत्तर-
सीता जी अपने पति राम से पूछती हैं कि अब और हमें कितना अधिक चलना है तथा पर्नकुटी कहाँ बनाना है। अभी लक्ष्मण पानी लेने गए हैं। अतः आप किसी पेड़ की छाया में खड़े होकर उनकी प्रतीक्षा कीजिए। जब तक लक्ष्मण पानी लेकर नहीं आ जाते तब तक पेड़ की छाया में रुककर हम लोग विश्राम कर लेते हैं।

प्रश्न 3.
अपने प्रति राम का प्रेम देखकर सीता जी की क्या दशा हुई?
उत्तर-
अपने प्रति राम का प्रेम देखकर सीता जी मन-ही-मन पुलकित हो जाती हैं।

प्रश्न 4.
“धरि धीर दए’ का आशय क्या है?
उत्तर-
‘धरि धीर दए’ का आशय है-धीरज धारण करके यानी मन में हिम्मत बाँधकर कोई काम करना।

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Chapter -15 नौकर Important Questions & MCQs Class 6th |HINDI -वसंत, भाग 1| NCERT | EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs Class 6th Hindi -वसंत, भाग 1

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Chapter - 15 नौकर

MCQs Questions with Answers

Question 1.
‘नौकर’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(a) महात्मा गांधी जी
(b) अनु बंद्योपाध्याय
(c) विष्णु प्रभाकर
(d) गुणाकर मुले

Answer

Answer: (b) अनु बंद्योपाध्याय


Question 2.
गांधी जी पैदल क्यों चलते थे?
(a) पैसा बचाने के लिए
(b) स्वस्थ रहने के लिए
(c) उनको डॉक्टर ने सलाह दी थी
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (b) स्वस्थ रहने के लिए


Question 3.
साबरमती आश्रम किस राज्य में है?
(a) बिहार
(b) बंगाल
(c) गुजरात
(d) ओडिशा

Answer

Answer: (c) गुजरात


Question 4.
गांधी जी सवेरे की प्रार्थना के बाद कौन-सा कार्य करते थे?
(a) सब्जियों का लाना
(b) सब्जियों का छीलना
(c) सब्जियाँ काटना
(d) सब्जियाँ पकाना

Answer

Answer: (c) सब्जियाँ काटना


Question 5.
गांधी जी के साथ दक्षिण अफ्रीका में कौन ठहरा था?
(a) रामकृष्ण गोखले
(b) गोपाल कृष्ण गोखले
(c) सरदार बल्लभ भाई पटेल
(d) नेताजी सुभाष चंद्र बोस

Answer

Answer: (b) गोपाल कृष्ण गोखले


(1)

आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस ज़माने में वे बैरिस्टरी से हज़ारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गांधी ने पिसाई का काम जारी रखा। वह चक्की को ठीक करने में भी कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे।

Question 1.
इस गद्यांश में किस व्यवसाय का उल्लेख हुआ है?
(a) इंजीनियरिंग का
(b) डॉक्टरी का
(c) बैरिस्टरी का
(d) अन्य

Answer

Answer: (c) बैरिस्टरी का


Question 2.
बैरिस्टर रहते हुए भी गांधी जी कौन-सा काम किया करते थे?
(a) आश्रम का काम
(b) सफ़ाई का काम
(c) बरतन धोने का काम
(d) आटा पीसने का काम

Answer

Answer: (d) आटा पीसने का काम


Question 3.
चक्की चलाने में गांधी जी का हाथ कौन बँटाता था?
(a) कस्तूरबा गांधी
(b) लड़के
(c) दोनों
(d) इनमें कोई नहीं

Answer

Answer: (c) दोनों


(2)

कुछ वर्षों तक गांधी ने आश्रम के भंडार का काम सँभालने में मदद दी। सवेरे की प्रार्थना के बाद वे रसोईघर में जाकर सब्जियाँ छीलते थे। रसोईघर या भंडारे में अगर वे कहीं गंदगी या मकड़ी का जाला देख पाते थे तो अपने साथियों को आड़े हाथों लेते। उन्हें सब्जी, फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। एक बार एक आश्रमवासी ने बिना धोए आलू काट दिए। गांधी ने उसे समझाया कि आलू और नींबू को बिना धोए नहीं काटना चाहिए।

Question 1.
गांधी जी रसोईघर में जाकर क्या करते थे?
(a) सब्ज़ियाँ बनाते थे।
(b) सब्जियाँ काटते थे।
(c) सब्जियाँ खाते थे।
(d) सब्जियाँ छीलते थे।

Answer

Answer: (d) सब्जियाँ छीलते थे।


Question 2.
गांधी जी अपने साथियों को किस बात पर आड़े हाथों लेते थे?
(a) गांधी जी का कहना न मानने पर
(b) काम न करने पर
(c) रसोईघर की सफ़ाई न करने पर
(d) देर तक सोने पर

Answer

Answer: (c) रसोईघर की सफ़ाई न करने पर


Question 3.
गांधी जी को किसके पौष्टिक गुणों का ज्ञान था?
(a) फलों के
(b) सब्जियों के
(c) अनाजों के
(d) उपर्युक्त सभी

Answer

Answer: (d) उपर्युक्त सभी


(3)

शरीर से जब तक बिलकुल लाचारी न हो तब तक गांधी को यह बात बिलकुल पसंद नहीं थी कि महात्मा या बूढ़े होने के कारण उनको अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम न करना पड़े। उनमें हर प्रकार का काम करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। वह थकान का नाम भी नहीं जानते थे। दक्षिण अफ्रीका में बोअर-युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर एक-एक दिन में पच्चीस-पच्चीस मील तक ढोया था। वह मीलों पैदल चल सकते थे। दक्षिण अफ्रीका में जब वे टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब पास के शहर में कोई काम होने पर दिन में अकसर बयालीस मील तक पैदल चलते थे। इसके लिए वे घर में बना कुछ नाश्ता साथ लेकर सुबह दो बजे ही निकल पढ़ते थे, शहर में खरीददारी करते और शाम होते-होते वापस फार्म पर लौट आते थे। उनके अन्य साथी भी उनके इस उदाहरण का खुशी-खुशी अनुकरण करते थे।

Question 1.
गांधी जी कब अपने हिस्से का कार्य नहीं करते थे?
(a) जब उनसे कोई मिलने आता था।
(b) जब उनके पास नौकर होता था।
(c) जब वे शरीर से बिलकुल लाचार होते थे।
(d) जब उन्हें कोई मिलने आता था।

Answer

Answer: (c) जब वे शरीर से बिलकुल लाचार होते थे।


Question 2.
बोअर-युद्ध के समय गांधी ने क्या किया?
(a) रोगियों को भोजन दिया
(b) रसोई घर का काम संभाला
(c) अनाथों की देखभाल की
(d) घायलों को स्ट्रेचर पर ढोया

Answer

Answer: (d) घायलों को स्ट्रेचर पर ढोया


Question 3.
गांधी जी कहाँ दिन में अकसर बयालीस मील चलते थे?
(a) टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते हुए
(b) केप टाउन में रहते हुए
(c) डरबन में रहते हुए
(d) लुसाका में रहते हुए

Answer

Answer: (a) टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते हुए


(4)

गांधी अपने से बड़ों का बड़ा आदर करते थे। दक्षिण अफ्रीका में गोखले गांधी के साथ ठहरे हुए थे। उस समय गांधी ने उनके दुपट्टे पर इस्त्री की। वह उनका बिस्तर ठीक करते थे, उनको भोजन परोसते थे और उसके पैर दबाने को भी तैयार रहते थे। गोखले बहुत मना करते थे, लेकिन गांधी नहीं मानते थे। महात्मा कहलाने से बहुत पहले एक बार दक्षिण अफ्रीका से भारत आने पर गांधी कांग्रेस के अधिवेशन में गए। वहाँ उन्होंने गंदे पाखाने साफ़ किए और बाद में उन्होंने एक बड़े कांग्रेसी नेता से पूछा, “मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?” नेता ने कहा, “मेरे पास बहुत से पत्र इकट्ठे हो गए हैं जिनका जवाब देना है? मेरे पास कोई कारकुन नहीं है जिसे यह काम दूं।”

Question 1.
गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में किसके साथ ठहरे हुए थे?
(a) नेहरू जी के साथ
(b) गोखले के साथ
(c) बाल गंगाधर तिलक के साथ
(d) विपिन चंद्र पाल के साथ

Answer

Answer: (b) गोखले के साथ


Question 2.
गांधी जी ने गोखले जी के लिए क्या-क्या किया?
(a) कपड़े इस्त्री किया
(b) बिस्तर ठीक किया
(c) भोजन परोस कर दिया
(d) उपर्युक्त सभी

Answer

Answer: (d) उपर्युक्त सभी


(5)

जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी, तब गांधी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनका कहना था, “नौकरों को हमें वेतन भोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं। फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।”

Question 1.
गांधी जी किस बात का आग्रह करते थे?
(a) आपस में मिल-जुलकर रहने की
(b) अंग्रेज़ों का मुकाबला डटकर करने की
(c) स्वदेशी अपनाने की
(d) आश्रम में नौकर हरिजन को रखने की

Answer

Answer: (d) आश्रम में नौकर हरिजन को रखने की


Question 2.
गांधी जी हरिजन को रखने के पक्ष में क्यों थे?
(a) क्योंकि वे धन कमा सके
(b) ताकि उन्हें समाज में ऊँचा स्थान मिल जाए
(c) ताकि समाज ऊँच-नीच वर्गों में न बँटे
(d) अपना प्रभुत्व कायम करने के लिए

Answer

Answer: (c) ताकि समाज ऊँच-नीच वर्गों में न बँटे


Question 3.
गांधी जी के अनुसार हमारा नौकरों के साथ व्यवहार कैसा होना चाहिए?
(a) मैत्रीपूर्ण
(b) भाई जैसा
(c) मालिक नौकर की भाँति
(d) उनसे संबंध नहीं रखना चाहिए

Answer

Answer: (a) मैत्रीपूर्ण


(6)

आश्रम में गांधी कई ऐसे काम करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस ज़माने में वे बैरिस्टरी से हजारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गांधी ने पिसाई का काम जारी रखा। चक्की को ठीक करने में कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे।

Question 1.
गद्यांश के पाठ और लेखिका का नाम लिखिए।

Answer

Answer:
पाठ का नाम-नौकर
लेखिका का नाम-अनु बंद्योपाध्याय


Question 2.
आश्रम में गांधी जी किस तरह के काम करते थे?

Answer

Answer: आश्रम में गांधी जी अनेक काम करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते थे।


Question 3.
गांधी जी सुबह क्या काम किया करते थे?

Answer

Answer: गांधी जी आश्रम में प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसने का काम करते थे।


(7)

कुछ वर्षों तक गांधी ने आश्रम के भंडार का काम सँभालने में मदद दी। सवेरे की प्रार्थना के बाद वे रसोईघर जाकर सब्जियाँ छीलते थे। रसोईघर या भंडारे में अगर वे कहीं गंदगी या मकड़ी का जाला देख पाते थे तो अपने साथियों को आड़े हाथों लेते। उन्हें सब्जी, फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। एक बार एक आश्रमवासी ने बिना धोए आलू काट दिए। गांधी ने उसे समझाया कि आलू और नींबू को बिना धोए नहीं काटना चाहिए।

Question 1.
गांधी जी सवेरे की प्रार्थना के बाद क्या काम करते थे?

Answer

Answer: गांधी जी सवेरे की प्रार्थना के बाद आश्रम के रसोई घर में जाकर सब्जियाँ छीलते थे।


Question 2.
कुछ वर्षों तक गांधी ने क्या काम किया?

Answer

Answer: कुछ वर्षों तक गांधी जी ने आश्रम के भंडार को सँभालने का काम किया।


Question 3.
वे कब अपने सहयोगियों को आड़े हाथों लेते थे?

Answer

Answer: जब वे कहीं गंदगी या मकड़ी का जाला देखते थे तब वे अपने साथियों को आड़े हाथों लेते थे।


(8)

एक बार किसी तालाब की भराई का काम चल रहा था, जिसमें गांधी के साथी लगे हुए थे। एक सुबह काम खत्म करके वे लोग फावड़े, कुदाल और टोकरियाँ लिए जब वापस लौटे तो देखते हैं कि गांधी ने उनके लिए तश्तरियों में नाश्ते के लिए फल आदि तैयार करके रखे हैं। एक साथी ने पूछा, “आपने हम लोगों के लिए यह सब कष्ट क्यों किया? क्या यह उचित है कि हम आपसे सेवा कराएँ?” गांधी ने मुसकराकर उत्तर दिया, “क्यों नहीं। मैं जानता था कि तुम लोग थके-माँदे लौटोगे। तुम्हारा नाश्ता तैयार करने के लिए मेरे पास खाली समय था।”

Question 1.
साथियों के नाश्ते के लिए गांधी जी ने तश्तरियों में क्या तैयार करके रखा था?

Answer

Answer: गांधी जी ने नाश्ते के लिए फल आदि तैयार करके तश्तरियों में रखे थे।


Question 2.
गांधी जी के साथी किस काम में लगे थे?

Answer

Answer: गांधी जी के साथी एक तलाब की भराई के काम में लगे थे।


Question 3.
काम करने वालों ने क्या देखा?

Answer

Answer: काम करने वालों ने काम से वापस आने पर देखा कि गांधी जी में उनके नाश्ते की व्यवस्था करके बैठे हैं।


(9)

एक बार दक्षिण अफ्रीका में जेल से छूटने के बाद घर लौटने पर उन्होंने देखा कि उनके मित्र की पत्नी श्रीमती पोलक बहुत ही दुबली और कमज़ोर हो गई हैं। उनका बच्चा उनका दूध पीना छोड़ता नहीं था और वह उसका दूध छुड़ाने की कोशिश कर रही थीं। बच्चा उन्हें चैन नहीं लेने देता था और रो-रोकर उन्हें जगाए रहता था। गांधी जिस दिन लौटे, उसी रात से उन्होंने बच्चे की देखभाल का काम अपने हाथों में ले लिया।

Question 1.
श्रीमती पोलक का बच्चा उनको किस तरह से परेशान करता था?

Answer

Answer: बच्चा अपनी माँ को चैन नहीं लेने देता था और रो-रोकर उन्हें जगाए रखता था।


Question 2.
दक्षिण अफ्रीका की जेल से छूटने पर गांधी जी ने क्या देखा?

Answer

Answer: दक्षिण अफ्रीका की जेल से छूटने पर गांधी ने देखा कि उनके मित्र की पत्नी श्रीमती पोलक बहुत दुबली और कमज़ोर हो गई हैं?


Question 3.
श्रीमती पोलक कमज़ोर क्यों हो गई थी?

Answer

Answer: श्रीमती पोलक का बच्चा उनका दूध पीना नहीं छोड़ रहा था। इसलिए वह कमज़ोर हो गई थीं।


(10)

जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी, तब गांधी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनका कहना था, “नौकरों को हमें वेतन भोगी, मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इससे कुछ कठिनाई हो सकती है, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।”

Question 1.
गांधी जी किस बात का आग्रह करते थे?

Answer

Answer: गांधी जी आश्रम में सहायक हरिजन को रखने का आग्रह करते थे।


Question 2.
गांधी जी हरिजन को रखने के पक्ष में क्यों थे?

Answer

Answer: गांधी जी हरिजन को इसलिए रखने के पक्ष में थे ताकि समाज में ऊँच-नीच वर्गों में न बँटे।


Question 3.
गांधी जी के अनुसार नौकर के प्रति हमारा व्यवहार कैसा होना चाहिए?

Answer

Answer: गांधी जी के अनुसार नौकरों के प्रति हमारा व्यवहार भाई जैसा होना चाहिए।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

निबंध से

प्रश्न 1.
आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गांधी जी ने कौन सा काम करवाया और क्यों?
उत्तर-
आश्रम में गांधी जी ने कॉलेज के छात्रों से गेहूँ बीनने का काम करवाया। उन छात्रों को अंग्रेजी भाषा के ज्ञान पर बड़ा गर्व था। गांधी जी उनके इस अहंकार को तोड़ना चाहते थे। वे यह शिक्षा देना चाहते थे कि अधिक पढ़ लेने पर भी हमें छोटे कार्य में संकोच नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 2.
‘आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं।’ पाठ से तीन ऐसे प्रसंगों को अपने शब्दों में लिखो जो इस बात का प्रमाण हों।
उत्तर-
आश्रम में गांधी जी कई ऐसे कार्य करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। ये कार्य हैं-

  • गांधी जी आश्रम में अपने हाथ से चक्की से आटा पीसा करते थे। इतना ही नहीं कभी-कभी वह चक्की ठीक करने के लिए घंटों मेहनत करते थे।
  • वे बरतनों की सफ़ाई अपने हाथों से किया करते थे। वे बरतनों को रगड़-रगड़ कर चमकाते थे।
  • वे रसोइघर में सब्जियों को धोने, छीलने, काटने का कार्य स्वयं करते थे। गांधी जी रसोईघर के सफ़ाई का पूरा ध्यान रखते थे।

प्रश्न 3.
लंदन में भोज पर बुलाए जाने पर गांधी जी ने क्या किया?
उत्तर-
जब लंदन में गांधी जी को वहाँ के छात्रों ने भोज पर बुलाया तो गांधी जी समय से पहले पहुँचकर तश्तरियाँ धोने, सब्जी साफ़ करने तथा अन्य छोटे-मोटे काम करने में सहायता करने लगे।

प्रश्न 4.
गांधी जी ने श्रीमती पोलक के बच्चे को दूध कैसे छुड़वाया?
उत्तर-
श्रीमती पोलक का बच्चा रात को दूध पीने के लिए अपनी माँ को सारी रात जगाए रखता था। इससे वे काफ़ी कमज़ोर हो गई थीं। गांधी जी ने बच्चे की देखभाल का काम अपने हाथों में ले लिया। रात को देर रात को घर देर से पहुँचने पर भी श्रीमती पोलक के बिस्तर से बच्चे को उठाकर अपने बिस्तर पर लिटा देते थे। उसे पानी पिलाने के लिए एक बरतन में। पानी भरकर भी रख लेते थे। बच्चे को पंद्रह दिन तक उन्होंने अपने साथ बिस्तर पर सुलाया। अपनी माँ से पंद्रह दिन तक अलग सोने पर बच्चे ने माँ का दूध छोड़ दिया।

प्रश्न 5.
आश्रम में काम करने या करवाने का कौन सा तरीका गांधी जी अपनाते थे? इसे पाठ पढ़कर लिखो।
उत्तर-
आश्रम में गांधी जी स्वयं काम करते थे तथा दूसरों से काम करवाने में सख्ती बरतते थे, पर वे अपना काम किसी और से करवाना पसंद नहीं करते थे। वे किसी के पूछने पर उसे तुरंत कामे बता देते थे। गांधी जी को स्वयं काम करते देखकर कोई भी मना नहीं कर पाता था। वे काम करने वालों को कभी नौकर नहीं समझते थे, वरन उन्हें भाई या बहन मानते थे। इससे काम न करने की सोचने वाला भी काम करने को प्रेरित हो जाता था।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
गांधी जी इतना पैदल क्यों चलते थे? पैदल चलने से क्या लाभ हैं? लिखो।
उत्तर-
पैदल चलना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। गांधीजी यह बात जानते थे, इसलिए वह मीलों पैदल चला करते थे। पैदल चलना एक व्यायाम है। इससे पैर की हड्डियों और माँसपेशियों को मजबूती मिलती है। पैरों में ताकत आती है। शरीर की चुस्ती और फुर्ती बनी रहती है। पैदल चलने की आदत स्वस्थ रहने में मददगार है।

प्रश्न 2.
अपने घर के किन्हीं दस कामों की सूची बनाकर लिखो और यह भी कि उन कामों को घर के कौन-कौन से सदस्य अकसर करते हैं? तुम तालिका की सहायता ले सकते हो-
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 नौकर Q2
अब यह देखो कि कौन सबसे ज़्यादा काम करता है और कौन सबसे कम? कामों का बराबर बँटवारा हो सके, इसके लिए तुम क्या कर सकते हो? सोचकर कक्षा में बताओ।
उत्तर-
सबसे ज्यादा काम माँ करती है और सबसे कम काम मैं, पिता, भाई और चाचा करते हैं। कामों के बराबर बँटवारे के लिए सबको बराबर कामों की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
गांधी जी अपने साथियों की जरूरत के मुताबिक हर काम कर देते थे, लेकिन उनका खुद का काम कोई और करे, ये उन्हें पसंद नहीं था। क्यों? सोचो और अपनी कक्षा में सुनाओ।
उत्तर-
गाँजी जी अपने साथियों की जरूरत के मुताबिक हर काम कर देते थे, लेकिन अपना खुद का काम दूसरों से करवाना उन्हें पसंद नहीं था। जब तक शरीर बिलकुल लाचार न हो, वह किसी की मदद लेना नहीं चाहते थे। उन्हें यह पसंद नहीं था कि केवल महात्मा या बूढ़े होने की वजह से कोई उनकी सहायता करे। वह किसी पर भार नहीं बनना चाहते थे। अपनी जरूरत के लिए दूसरों को परेशान करना भी उन्हें ठीक नहीं लगता था।

प्रश्न 2.
“नौकरों को हमें वेतनभोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।” गांधी जी ऐसा क्यों कहते होंगे? तर्क के साथ समझाओ।
उत्तर-
नौकरों को हमें वेतनभोगी मजदूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इससे हमें कुछ कठिनाई हो सकती है, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी। गांधी जी ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि हमारे समाज में नौकरों को परिवार के सदस्य की तरह मानने की लोगों की मानसिकता नहीं रही है। नौकर भी मनुष्य होते हैं। उन्हें भी हमारी ही तरह प्यार और सहानुभूति की आवश्यकता होती है। हमारा प्यार एवं सहानुभूति पाकर वे खुश होंगे तथा कार्म में अधिक मन लगाएँगे। हमारा इस तरह का व्यवहार उन्हें संतुष्टि प्रदान करेगा।

प्रश्न 3.
गांधी जी की कही-लिखी बातें लगभग सौ से अधिक किताबों में दर्ज हैं। घर के काम, बीमारों की सेवा, आगंतुकों से बातचीत आदि ढेरों काम करने के बाद गांधी जी को लिखने का समय कब मिलता होगा? गांधी जी का एक दिन कैसे गुजरता होगा, इस पर अपनी कल्पना से लिखो।
उत्तर-
घर के काम, बीमारों की सेवा, आगंतुकों से बातचीत आदि ढेरों काम करने के बाद गांधी जी रात के समय बैठकर लिखते होंगे। गांधी जी में काम करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। उनका पूरा दिन व्यस्त गुजरता था। खाली बैठना वह नहीं जानते थे और थकान उन्हें कभी नहीं होती थी। सुबह उठकर वह निश्चय ही टहलने जाते होंगे। वहाँ से लौटकर नित्यक्रिया से निवृत्त होकर प्रार्थना सभा में शामिल होते होंगे। उसके बाद वह चक्की से आटा पीसने और रसोई में जाकर सब्जियाँ छीलने का काम करते होंगे। इस बीच वह साथियों के कार्य की छानबीन भी करते होंगे। फिर वह कुएँ से पानी खींचते होंगे। इसके बाद आगंतुकों से मिलना और साथ में गेहूं बीनने का कार्य चलता रहता होगा। दोपहर का खाना वह कभी-कभी स्वयं ही सबको परोसते होंगे। शाम को राजनीतिक सम्मेलनों और सभाओं का कार्य देखते होंगे और रात में गांधी जी लिखने का कार्य करते होंगे। इस प्रकार उनकी व्यस्त दिनचर्या समाप्त होती होगी।

प्रश्न 4.
पाठ में बताया गया है कि गांधी जी और उनके साथी आश्रम में रहते थे। घर और स्कूल के छात्रावास से गांधी जी का आश्रम किस तरह अलग था? कुछ वाक्यों में लिखो।
उत्तर-
स्कूल के छात्रावास में छात्रों के रहने का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन होता है, उन्हें अन्य किसी कार्य की फिक्र नहीं रहती है। घर में परिवार के कुछ सीमित सदस्य साथ रहे केर जीवन-यापन करते हैं। परंतु गांधीजी के आश्रम में स्वतंत्रता सेनानी, देश तथा समाज के सेवक और उनके परिवार के कुछ सदस्य रह टे थे। आश्रम में ही उनका जीवन-यापन था और आटा पीसने से लेकर सब्जियाँ उगाने तक का काम वे आश्रम में किया करते थे। साथ ही आश्रम में रहकर वह देश की राजनीतिक हलचल पर अपनी निगाह रखते थे और स्वतंत्रता आंदोलन की योजना बनाकर उसकी दिशा तय करते थे।

प्रश्न 5.
ऐसे कामों की सूची बनाओ जिन्हें तुम हर रोज़ खुद कर सकते हो।
उत्तर-
ऐसे कई काम हैं जो प्रतिदिन स्वयं किए जा सकते हैं

  • अपना बिस्तर ठीक करना
  • अपने कमरे में झाड़ लगाना
  • चीजों को उनकी व्यवस्थित जगह रखना
  • अपनी प्लेट खुद धोना
  • अपने मोजे साफ करना
  • अपने जूते पॉलिश करना
  • माँ या छोटे भाई-बहन के कामों में उनकी सहायता करना।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
(क) “पिसाई’ संज्ञा है। पीसना शब्द से ‘ना’ निकाल देने पर ‘पीस’ धातु रह जाती है। पीस धातु से ‘आई’ प्रत्यय जोड़ने पर ‘पिसाई’ शब्द बनता है। किसी-किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसे संज्ञा बनाने के बाद उसके रूप में बदलाव आ जाता है; जैस-ढोना से ढुलाई, बोना से बुआई।
मूल शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं।
नीचे कुछ संज्ञाएँ दी गई हैं। बताओ ये किन क्रियाओं से बनी हैं?

  1. रोपाई ………..
  2. कटाई ………..
  3. सिंचाई ……….
  4. सिलाई ………..
  5. कताई ……….
  6. रँगाई ………

उत्तर

  1. रोपाई – रोपना
  2. कटाई – काटना
  3. सिंचाई – सींचना
  4. सिलाई – सिलना
  5. कताई – कातना
  6. रँगाई – रँगना

(ख) हर काम-धंधे के क्षेत्र की अपनी कुछ अलग भाषा और शब्द-भंडार भी होते हैं। ऊपर लिखे शब्दों का संबंध दो अलग-अलग कामों से है। पहचानो कि दिए गए शब्दों के संबंध किन-किन कामों से है?
उत्तर
रोपाई, सिंचाई, कटाई कृषि क्षेत्र के काम हैं।
कताई, सिलाई, रंगाई वस्त्र निर्माण क्षेत्र के काम हैं।

प्रश्न 2.
(क) तुमने कपड़ों को सिलते हुए देखा होगा। नीचे इस काम से जुड़े हुए कुछ शब्द दिए गए हैं। आसपास के बड़ों से या दरजी से इन शब्दों के बारे में पूछो और इन शब्दों को कुछ वाक्यों में समझाओ।

  • तुरपाई
  • बखिया
  • कच्ची सिलाई
  • चोर सिलाई

(ख) नीचे लिखे गए शब्द पाठ से लिए गए हैं। इन्हें पाठ में खोजकर बताओ कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग।

  • कालिख
  • भराई
  • चक्की
  • रोशनी
  • सेवा
  • पतीला

उत्तर

  • तुरपाई – हाथ से सिलाई करने को तुरपाई कहते हैं।
  • बखिया – मशीन से जो सिलाई की जाती है उसे बखिया कहते हैं।
  • कच्ची सिलाई – वह सिलाई जो पक्की सिलाई करने के बाद हटा दी जाए।
  • चोर सिलाई – जो बाहर से दिखाई न दे।

(ख) कालिख, भराई, सेवा, चक्की, रोशनी स्त्रीलिंग है, जबकि पतीला-पुल्लिंग शब्द है।

कुछ और करने के लिए

प्रश्न 1. ‘श्रम के महत्त्व’ पर एक अनुच्छेद लिखो।
प्रश्न 2. अपने घर के कार्यों में माँ का हाथ बँटाओ।
प्रश्न 3. एक चार्ट तैयार करो, हल जोतता किसान तथा खेतों में काम करते श्रमिक का चित्र बनाओ।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

(क) नौकर’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) महात्मा गांधी जी
(ii) अनु बंद्योपाध्याय
(iii) विष्णु प्रभाकर
(iv) गुणाकर मुले

(ख) गांधी जी पैदल क्यों चलते थे?
(i) पैसा बचाने के लिए
(ii) स्वस्थ रहने के लिए
(iii) उनको डॉक्टर ने सलाह दी थी
(iv) इनमें से कोई नहीं

(ग) साबरमती आश्रम किस राज्य में है?
(i) बिहार
(ii) बंगाल
(iii) गुजरात
(iv) ओडिशा

(घ) गांधी जी सवेरे की प्रार्थना के बाद कौन-सा कार्य करते थे?
(i) सब्जियों का लाना
(ii) सब्ज़ियों का छीलना
(iii) सब्ज़ियाँ काटना
(iv) सब्ज़ियाँ पकाना

(ङ) गांधी जी के साथ दक्षिण अफ्रीका में कौन ठहरा था?
(i) रामकृष्ण गोखले
(ii) गोपाल कृष्ण गोखले
(iii) सरदार बल्लभ भाई पटेल
(iv) नेताजी सुभाष चंद्र बोस

उत्तर

(क) (ii)
(ख) (ii)
(ग) (iii)
(घ) (ii)
(ङ) (ii)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
गांधी जी आश्रम में किस प्रकार के काम करते थे? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर-
आश्रम में गांधी जी कई ऐसे काम करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। वे अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। गेहूँ पीसने से पहले वे उसे बीनते भी थे। कई वर्ष तक उन्होंने आश्रम का भंडार सँभालने के काम में भी सहायता की। वे रसोईघर में जाकर सब्ज़ियाँ भी छीलते थे।

प्रश्न 2.
गांधी जी घर के लिए आटा कैसे तैयार करते थे?
उत्तर-
गांधी जी ज़रूरत का महीन या मोटा आटा सुबह-शाम चक्की से पीसकर तैयार कर लेते थे।

प्रश्न 3.
गांधी द्वारा भोजन परोसने के कारण आश्रमवासियों को क्या सहना पड़ता था?
उत्तर-
उनको बेस्वाद भोजन खाकर ही रहना पड़ता था।

प्रश्न 4.
बोअर-युद्ध के दौरान गांधी जी ने क्या किया?
उत्तर-
बोअर-युद्ध के दौरान गांधी जी ने घायलों को स्ट्रेचर पर ढोया था।

प्रश्न 5.
गांधी जी लिखते समय किस बात का ध्यान रखते थे?
उत्तर-
गांधी जी रात को लालटेन की रोशनी में पत्र लिखते थे। जब तेल खत्म हो जाता तब वे चंद्रमा की रोशनी में पत्र पूरा करते थे।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आश्रम के निर्माण के समय कौन-सी घटना घटित हुई?
उत्तर-
आश्रम के निर्माण के समय वहाँ आने वाले मेहमानों को तंबुओं में सोना पड़ता था। एक नवागत को पता नहीं था कि अपना बिस्तर कहाँ रखना चाहिए, इसलिए उसने बिस्तर को लपेटकर रख दिया और यह पता लगाने गया कि उसे कहाँ रखना है। लौटते समय उसने देखा कि गांधी जी खुद उसका बिस्तर कंधे पर उठाए रखने चले जा रहे हैं।

प्रश्न 2.
गांधी जी को अपने काम के लिए दूसरों को परेशान करना पसंद नहीं था। इसका उदाहरण देकर लिखो।
उत्तर-
गांधी जी जब गाँवों का दौरा कर रहे होते तो कई बार रात को लिखते समय लालटेन का तेल खत्म हो जाने पर वह अपने थके हुए साथियों को नींद से जगाने के बदले चंद्रमा की रोशनी में पत्र पूरा करना उचित समझते थे। इस बात से सिद्ध होता है कि वे अपने व्यक्तिगत कामों के लिए किसी को तकलीफ़ देना ठीक नहीं समझते थे।

प्रश्न 3.
नौकरों के बारे में गांधी जी के क्या विचार थे?
उत्तर-
गांधी जी नौकरों को भी अपने भाइयों के समान मानते थे। उनका विचार था कि नौकर वेतन लेने वाले मजदूर नहीं। हमें उनके साथ सदैव भाई जैसा व्यवहार करना चाहिए।

प्रश्न 4.
आश्रम में किसी सहायक को रखते समय गांधी जी का क्या-क्या आग्रह रहता था? क्यों?
उत्तर-
आश्रम में किसी सहायक को रखते समय गांधी जी इस बात का आग्रह करते थे कि हरिजन को रखा जाए। उनका कहना था कि ‘नौकरों को हमें वेतनभोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान समझना चाहिए। इससे कुछ कठिनाई हो सकती, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं। फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।’

प्रश्न 5.
आश्रम में काम करवाने का कौन-सा तरीका गांधी जी अपनाते थे? इसे पाठ पढ़कर लिखो।
उत्तर-
आश्रम में काम करवाने के लिए परस्पर सहयोग पर बल दिया जाता था। सभी व्यक्तियों को कार्य करना पड़ता था। आश्रम में सभी लोग अपने खाने के बरतन स्वयं साफ़ करते थे। रसोई के बरतन सभी बारी-बारी से साफ़ किया करते थे।

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Chapter -14 लोकगीत Important Questions & MCQs Class 6th |HINDI -वसंत, भाग 1| NCERT | EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs Class 6th Hindi -वसंत, भाग 1

NCERT Important Questions & MCQs are considered an extremely helpful resource for exam preparation. Edugrown gives its users access to a profuse supply of NCERT questions and their solutions. CBSE Class 6 Hindi NCERT Solutions are created by experts of the subject, hence, sure to prepare students to score well. The questions provided in NCERT Books are prepared in accordance with CBSE, thus holding higher chances of appearing on CBSE question papers. Not only do these NCERT Solutions for Class 6 Hindi strengthen students’ foundation in the subject, but also give them the ability to tackle different types of questions easily.

Chapter - 14 लोकगीत

 

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Chapter – 13 मैं सबसे छोटी होऊँ Important Questions & MCQs Class 6th |HINDI -वसंत, भाग 1| NCERT | EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs Class 6th Hindi -वसंत, भाग 1

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Chapter -13 मैं सबसे छोटी होऊँ

MCQs Questions with Answers

Question 1.
‘मैं सबसे छोटी होऊँ’ कविता किसके द्वारा लिखी गई है?
(a) भगवत शरण उपाध्याय
(b) गुणाकर मुले
(c) विष्णु प्रभाकर
(d) सुमित्रानंदन पंत

Answer

Answer: (d) सुमित्रानंदन पंत


Question 2.
सबसे छोटी होने की कामना क्यों की गई है?
(a) अपनी जिम्मेदारियाँ न सँभालने के लिए
(b) सदा माँ के साथ रहने केलिए
(c) डर से बचने के लिए
(d) सदा सुरक्षित रहने केलिए

Answer

Answer: (b) सदा माँ के साथ रहने केलिए


Question 3.
बच्ची किसके साथ रहने के लिए बड़ी नहीं होना चाहती?
(a) माँ
(b) पिता
(c) दादा-दादी
(d) दोस्त

Answer

Answer: (a) माँ


Question 4.
माँ के आँचल की छाया में बच्ची कैसा महसूस करती है?
(a) निर्भय
(b) उदास
(c) भयभीत
(d) इनमें कोई नहीं

Answer

Answer: (a) निर्भय


Question 5.
बड़ी बनने का क्या नुकसान है ? .
(a) बड़ी बनने से माँ सदा साथ नहीं रहती
(b) बड़ी होने पर कोई खिलौना नहीं देता
(c) बड़ी होने पर कोई जन्म दिन नहीं मानता
(d) बड़ी होने पर शादी कर दी जाती है

Answer

Answer: (a) बड़ी बनने से माँ सदा साथ नहीं रहती


(1)

मैं सबसे छोटी होऊँ,
तेरी गोदी में सोऊँ,
तेरा अंचल पकड़-पकड़कर
फिरूँ सदा माँ! तेरे साथ,
कभी न छोड़ें तेरा हाथ!
बड़ा बनाकर पहले हमको
तू पीछे छलती है मात!
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात!
अपने कर से खिला, धुला मुख,
धूल पोंछ, सज्जित कर गात,
थमा खिलौने, नहीं सुनाती
हमें सुखद परियों की बात!
ऐसी बड़ी न होऊँ मैं
तेरा स्नेह न खोऊँ मैं,
तेरे आंचल की छाया में
छिपी रहूँ निस्पृह, निर्भय,
कहूँ-दिखा दे चंद्रोदय!

Question 1.
इस कविता के लेखक कौन हैं?
(a) भगवत शरण उपाध्याय
(b) सुमित्रानंदन पंत
(c) कृष्णा सोबती
(d) सुभद्रा कुमारी चौहान

Answer

Answer: (b) सुमित्रानंदन पंत


Question 2.
बालिका क्या होना चाहती है?
(a) सबसे बड़ी
(b) सबसे छोटी
(c) प्रिय बालिका
(d) सामान्य

Answer

Answer: (b) सबसे छोटी


Question 3.
बच्ची किसके साथ फिरना चाहती है?
(a) अपने भाई के
(b) अपनी बहन के
(c) अपने मित्रों के
(d) अपनी माँ के

Answer

Answer: (d) अपनी माँ के


Question 4.
सबसे छोटी होने पर माँ से कौन-कौन से सुख प्राप्त होते हैं?
(a) माँ के साथ सोने का
(b) माँ के हाथों से खाना खाने का
(c) गोदी में सोने और उनका आँचल पकड़कर उसके साथ घूमने का
(d) माँ के साथ सारा दिन बिताने का

Answer

Answer: (c) गोदी में सोने और उनका आँचल पकड़कर उसके साथ घूमने का


Question 5.
माँ बच्ची को अब कौन-सी कहानियाँ नहीं सुनाती?
(a) भालू की
(b) भूत की
(c) परियों की
(d) रामायण की।

Answer

Answer: (c) परियों की


Question 6.
कवि ने अपना विचार किसके माध्यम से प्रकट किया है? .
(a) माँ के रूप में
(b) छोटी बच्ची के रूप में
(c) एक छोटे बच्चे के रूप में
(d) एक कवि के शब्दों में

Answer

Answer: (b) छोटी बच्ची के रूप में


(2)

मैं सबसे छोटी होऊँ,
तेरी गोदी में सोऊँ,
तेरा अंचल पकड़-पकड़कर
फिरूँ सदा माँ! तेरे साथ,
कभी न छोड़ें तेरा हाथ!
बड़ा बनाकर पहले हमको
तू पीछे छलती है मात!
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात!

Question 1.
कवि और कविता का नाम लिखिए।

Answer

Answer:
कवि का नाम-सुमित्रानंदन पंत
कविता का नाम-मैं सबसे छोटी होऊँ।


Question 2.
किसकी क्या इच्छा है?

Answer

Answer: छोटी बच्ची की यह इच्छा है कि वह सबसे छोटी हो जाए और सदा माँ की गोद में सोए।


Question 3.
वह अंचल पकड़कर क्यों फिरना चाहती है?

Answer

Answer: बच्ची अपनी माँ का अंचल पकड़कर सदा उसके साथ-साथ फिरना चाहती है ताकि उसे माँ का प्यार मिलता रहे।


(3)

अपने कर से खिला, धुला मुख,
धूल पोंछ, सज्जित कर गात,
थमा खिलौने, नहीं सुनाती
हमें सुखद परियों की बात!
कहूँ-दिखा दे चंद्रोदय!
ऐसी बड़ी न होऊँ मैं,
तेरा स्नेह न खोऊँ मैं,
तेरे अंचल की छाया में
छिपी रहूँ निस्पृह, निर्भय,

Question 1.
बड़ा होने पर माँ क्या नहीं करती?

Answer

Answer: बड़ा होने पर माँ बच्चों को खाना नहीं खिलाती, मुँह नहीं धुलाती, सजाती-सँवारती नहीं, खिलौने नहीं देती और परियों की कहानी नहीं सुनाती।


Question 2.
बच्ची माँ से क्या अपेक्षा करती है?

Answer

Answer: बच्ची माँ से अपेक्षा रखती है कि उसका हाथ पकड़कर दिन-रात उसे घुमाए, हाथ से खिलाए, नहलाए-धुलाए, उसे सजाए, परियों की कहानियाँ सुनाए और खिलौने दे।


Question 3.
बच्ची माँ के साथ हरदम क्यों रहना चाहती है?

Answer

Answer: बच्ची माँ के साथ हरदम इसलिए रहना चाहती है ताकि सदा वह बच्ची के रूप में ही रहना चाहती है, क्योंकि माँ का साथ छूटना उसे अच्छा नहीं लगता।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

कविता से

प्रश्न 1.
कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना क्यों की गई है?
उत्तर-
कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना इसलिए की गई है, जिससे कि लंबे समय तक

  1. माँ का प्यार मिलती रहे।
  2. माँ के आँचल की छाया मिलती रहे।
  3. माँ का साथ मिलता रहे।
  4. विभिन्न प्रकार के खिलौने मिलते रहें।
  5. माँ द्वारा परियों की कहानियाँ सुनने को मिलें।

प्रश्न 2.
कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ क्यों कहा गया है? क्या तुम भी हमेशा छोटे बने रहना पसंद करोगे?
उत्तर-
इस कविता में एक बच्ची छोटी रह कर माँ के साथ रहना पंसद करती है। वह ऐसी बड़ी बनना पसंद नहीं करती जिससे वह माँ का प्यार दुलार न पा सके। बड़ी बनकर वह माँ के प्यार को खोना नहीं चाहती। इसलिए इस कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ की कामना की गई है। हाँ, मैं भी हमेशा छोटे बने रहना पसंद करूंगी।

प्रश्न 3.
आशय स्पष्ट करो-
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात !
उत्तर-
इस कविता का आशय यह है कि बच्ची अपनी माँ की सबसे छोटी संतान बनकर रहना चाहती है क्योंकि बड़े हो जाने पर उसका साथ माँ से छूट जाता है। जिस तरह छोटे रहने पर माँ हमेशा बच्ची के साथ रहकर समय तथा प्यार देती थी, वैसा अब नहीं करती है। वह हमेशा माँ का साथ चाहती है।

प्रश्न 4.
अपने छुटपन में बच्चे अपनी माँ के बहुत करीब होते हैं। इस कविता में नज़दीकी की कौन-कौन सी स्थितियाँ बताई। गई हैं?
उत्तर-
माँ की गोंदी में सोना और परियों की कहानी सुनना, उसकी आँचल पकड़ कर चलना, उसके हाथों खाना तथा उसके हाथों सजना सवॅरना आदि इस कविता में नजदीकी की स्थितियाँ बताई गई हैं।

कविता से आगे

प्रश्न 1.
तुम्हारी माँ तुम लोगों के लिए क्या-क्या काम करती है?
उत्तर-
हमारी माँ हमारे लिए निम्नलिखित कार्य करती है-

  • वह हमें कभी भी अपने से अलग नहीं करती।
  • वह दिन-रात हमें अपने साथ लिए फिरती है।
  • वह हमें प्यार से अपनी गोदी में सुलाती है।
  • अपने हाथों नहलाती-धुलाती और तैयार करती है।
  • वह हमें खाना खिलाने के बाद मुँह-हाथ धोती है। धूल आदि पोंछकर हमें सजाती-सँवारती है।
  • वह हमें परियों की कहानी सुनाती है।
  • मेरी हर जरूरत का ध्यान रखती है तथा अच्छी बातें सिखाती है और गृह कार्य कराते हुए पढ़ाती है।

प्रश्न 2.
यह क्यों कहा गया है कि बड़ा बनाकर माँ बच्चे को छलती है?
उत्तर-
माँ जब बच्चों को बड़ा बना देती है तब उसका साथ छोड़कर अपने कामों में लग जाती है। तब वह उसे न तो नहलाती धुलाती है और न अपने हाथ से खाना खिलाती है, न परियों की कहानी सुनाती है। उसे खेलने के लिए खिलौने नहीं देती है। तब बच्चों को लगता है कि बड़ा होने पर माँ उसे छलती है।

प्रश्न 3.
उन क्रियाओं को गिनाओ जो इसे कविता में माँ अपनी बच्ची या बच्चे के लिए करती है।
उत्तर-
माँ अपने बच्चे को गोदी में सुलाती है, आँचल पकड़वाकर साथ-साथ रखती है, खाना खिलाती है। नहलाती-धुलाती है, सजाती-सँवारती है, खिलौने देती है, स्कूल भेजती है, परियों की कहानियाँ सुनाती है। अच्छी-अच्छी बातें सिखाती और पढ़ाती है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
इस कविता के अंत में कवि माँ से चंद्रोदय दिखा देने की बात क्यों कर रहा है? चाँद के उदित होने की कल्पना करो और अपनी कक्षा में बताओ।
उत्तर-
बच्चों को चाँद को उदित होते देखना अत्यंत रोचक लगता है। वे अकसर माता-पिता से चाँद को देखने या उसे हाथ में लेने की जिद करते हैं इसलिए कविता में कवि ने चंद्रोदय दिखाने की बात कही है? चंद्रोदय का दृश्य अत्यंत सुहाना लगता है। चाँदनी रात बहुत ही शीतल लगती है जो आँखों और हृदय को ठंडक पहुँचाती है।

प्रश्न 2.
इस कविता को पढ़ने के बाद एक बच्ची और उसकी माँ का चित्र तुम्हारे मन में उभरता है। वह बच्ची और क्या-क्या कहती होगी? क्या-क्या करती होगी? कल्पना करके एक कहानी बनाओ।
उत्तर-
वह बच्ची दिन भर माँ के साथ उसके आगे-पीछे घूमती होगी। वह माँ के साथ रसोई में, बैठक में, शयनागार में और छत पर जाती होगी। वह एक मिनट भी चुप नहीं रहती होगी। कई तरह के सवाल उसे माँ से पूछने होते हैं। माँ तुम क्या कर रही हो? माँ तुम क्या बना रही हो? माँ ये क्या है? माँ यह कैसे होता है? रसोई में जाकर वह माँ से जिद करती होगी कि वह भी रोटी बेलेगी। बैठक में जाकर वह कहती होगी कि वही टी.वी. चलाएगी।

शयनागार में वह गंदे पैर बिस्तर पर चढ़ जाती होगी और चादर समेट देती होगी। घर भर में उसके खिलौने बिखरे पड़े रहते होंगे। छत पर जाकर वह दूर कहीं पतंग उड़ते देख माँ से उसे लाने की जिद करती होगी। रात में वह तब तक नहीं सोती होगी जब तक माँ उसके पास लेट कर उसे परियों की कहानी न सुनाए। इस प्रकार वह सारा दिन माँ को अपने में ही उलझाए रखती होगी।

प्रश्न 3.
माँ अपना एक दिन कैसे गुज़ारती है? कुछ मौकों पर उसकी दिनचर्या बदल जाया करती है, जैसे-मेहमानों के आ जाने पर, घर में किसी के बीमार पड़ जाने पर या त्योहार के दिन। इन अवसरों पर माँ की दिनचर्या पर क्या फ़र्क
पड़ता है? सोचो और लिखो।
उत्तर-
माँ अपना एक दिन प्रातः काल उठकर रात्रि सोने तक घर के कामों को पूरा करने में गुजारती है। वह प्रातः चाय बनाती है, फिर खाना बनाती है, बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजती है। घर की सफ़ाई करती है तथा कपड़े धोती है। फिर शाम का खाना बनाती है। कुछ विशेष मौकों पर मेहमानों के आ जाने पर उसके लिए विशेष भोजन तैयार करना पड़ता है। मेहमान के विश्राम का भी प्रबंध करना पड़ता है।

इसी प्रकार किसी के बीमार होने पर भी पहली प्राथमिकता उस बीमार सदस्य की देखरेख पर ध्यान देती है। त्योहार के दिनों में भी त्योहार की तैयारी पूरी निष्ठा से करती है। पूजा व विशेष भोजन का भी प्रबंध करना पड़ता है। इस तरह विशेष अवसरों पर माँ की दिनचर्या में परिवर्तन आ जाता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए शब्दों में अंतर बताओ, उनमें क्या फ़र्क है?

  • स्नेह – प्रेम
  • ग्रह – गृह
  • शांति – सन्नाटा
  • निधन – निर्धन
  • धूल – राखे
  • समान – सामान

उत्तर-

  • स्नेह (छोटे के लिए प्रेम)- माँ अपने बच्चे से स्नेह करती है।
  • प्रेम (छोटे, बड़े सभी के लिए)- राम और लक्ष्मण का प्रेम एक मिसाल है।
  • शांति (हलचल न होना)- नेहा, घर में आज इतनी शांति क्यों है?
  • सन्नाटा (वातावरण में चुप्पी होना)- रात के वक्त गाँवों में सन्नाटा छा जाता है।
  • धूल (मिट्टी)- चारों तरफ़ धूल से प्रदूषण फैल रहा है।
  • राख (लकड़ी या कोयले के जलने के बाद बचा पदार्थ)- राख कोयले से बनती है।
  • ग्रह (नक्षत्र)- वैज्ञानिकों ने सौर मंडल में आठ ग्रह बताए हैं।
  • गृह (घर)- ओजस्व को गृह कार्य नहीं मिला।
  • निधन (मृत्यु)- सेठ जी के निधन से गाँव में शोक की लहर दौड़ गई।
  • निर्धन (गरीब)- हमारे देश में निर्धन व्यक्ति काफ़ी हैं।
  • समान (बराबर)- हमारे देश में सभी लोगों को समान अधिकार मिला हुआ है।
  • सामान (वस्तु)- घर में सामान बिखरा पड़ा है।

प्रश्न 2.
कविता में दिन-रात’ शब्द आया है। दिन रात का विलोम है। तुम ऐसे चार शब्दों के जोड़े सोचकर लिखो, जो विलोम शब्दों से मिलकर बने हों। जोड़ों के अर्थ को समझने के लिए वाक्य भी बनाओ।
उत्तर-

  • आना-जाना- आज त्योहार के दिन मेहमानों का आना-जाना लगा हुआ है।
  • छोटा-बड़ा- हमें छोटे-बड़े सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
  • जीवन-मरण- जीवन-मरण ईश्वर के हाथ में है।
  • अपना-पराया- यहाँ अपना-पराया कोई नहीं सब बराबर हैं।
  • लाभ-हानि- व्यापार में लाभ-हानि लगा ही रहता है।
  • भला-बुरा- हमें भला-बुरा देखकर ही कार्य करना चाहिए।

कुछ करने को

कक्षा में बच्चों को उनकी मरज़ी से दो समूहों में रखें-
(क) एक समूह में वे जो छोटे बने रहना चाहते हैं।
(ख) दूसरे समूह में वे जो बड़े होना चाहते हैं।
इन दोनों समूह के सभी बच्चे एक-एक कर बताएँगे कि वे क्यों छोटा बने रहना चाहते हैं या क्यों बड़ा होना चाहते हैं।
उत्तर-
कक्षा में छात्र समूहों में बँट कर अपनी-अपनी इच्छा व्यक्त करें। जैसे
मोहन  –   मैं छोटा बना रहना चाहता हूँ क्योंकि माँ के साथ रहना मुझे अच्छा लगता है।
सोहन  –   मैं बड़ा होकर अपने माता-पिता की सेवा करना चाहता हूँ।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

(क) “मैं सबसे छोटी होऊँ’ कविता किसके द्वारा लिखी गई है?
(i) भगवत शरण उपाध्याय
(ii) गुणाकर मुले
(iii) विष्णु प्रभाकर
(iv) सुमित्रानंदन पंत

(ख) सबसे छोटी होने की कामना क्यों की गई है?
(i) अपनी जिम्मेदारियाँ न सँभालने के लिए।
(ii) सदा माँ के साथ रहने के लिए
(iii) डर से बचने के लिए
(iv) सदा सुरक्षित रहने के लिए।

(ग) बच्ची किसके साथ रहने के लिए बड़ी नहीं होना चाहती?
(i) माँ
(ii) पिता
(iii) दादा-दादी
(iv) दोस्त

(घ) माँ के आँचल की छाया में बच्ची कैसा महसूस करती है?
(i) निर्भय
(ii) उदास
(iii) भयभीत
(iv) इनमें कोई नहीं

(ङ) बड़ी बनने का क्या नुकसान है?
(i) बड़ी बनने से माँ सदा साथ नहीं रहती
(ii) बड़ी होने पर कोई खिलौना नहीं देता
(iii) बड़ी होने पर कोई जन्म दिन नहीं मानता
(iv) बड़ी होने पर शादी कर दी जाती है।

उत्तर-
(क) (iv)
(ख) (ii)
(ग) (i)
(घ) (i)
(ङ) (i)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बालिका क्या नहीं छोड़ना चाहती?
उत्तर-
बालिका माँ का आँचल नहीं छोड़ना चाहती है।

प्रश्न 2.
कविता में बच्ची छोटी क्यों बनी रहना चाहती है?
उत्तर-
कविता में बच्ची सबसे छोटी बनी रहने की कामना इसलिए करती है ताकि उसे हमेशा माँ का साथ और माँ का प्यार मिलता रहे।

प्रश्न 3.
कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ क्यों कहा गया है?
उत्तर-
ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि बड़ी बनकर वह माँ का प्यार नहीं खोना चाहती। ऐसे बड़े बनने से क्या लाभ जिसमें माँ अपने हाथों न खिलाए न नहला कर तैयार करे।

प्रश्न 4.
माँ बच्चों को किस प्रकार छलती है?
उत्तर-
माँ जब बच्ची को बड़ी बना देती है तब उसका साथ छोड़कर अपने कामों में लग जाती है और कभी-कभी वह बच्चों को खिलौने हाथ में पकड़ाकर अपने काम में लग जाती है। उसके साथ समय नहीं देती है। इस प्रकार माँ बच्चों को छलती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बचपन सुहाना क्यों होता है?
उत्तर-
बचपन में माँ का प्यार और सान्निध्य मिलता है। सारी चिंताएँ माँ पर छोड़कर बच्चे मस्ती में रहा करते हैं। छोटी होकर ही माँ का हाथ पकड़ कर उनके साथ घूमते हैं। माँ के हाथ से खाना, मुँह धुलवाना, धूल पोंछवाना, छोटी होते हुए संभव होता है। माँ का आँचल पकड़ कर बच्चे घूमा करते हैं, माँ की गोदी में सोते हैं। बच्चों को सुखद परियों की कथा सुनने का मौका मिलता है। माँ बच्चों का हाथ कभी नहीं छोड़ती। इसलिए बचपन सुहाना होता है।

प्रश्न 2.
बड़े होने पर हम कैसे माँ से अलग हो जाते हैं?
उत्तर-
बड़ा बनाकर माँ बच्चे को अपने से अलग करने लगती हैं क्योंकि बड़ा होने पर माँ दिन-रात हमारे साथ नहीं रह पाती है। वह पहले हमें खिलौने देकर अपने आप खेलने के लिए छोड़ देती है। फिर वह हमें विद्यालय भेजती है। विद्यालय में नए-नए मित्र बनते हैं। बच्चों पर ज़िम्मेदारी डाल दी जाती है। पढ़ाई की, परीक्षा की, गृहकार्य की, खेलकूद की इत्यादि। इस प्रकार हम धीरे-धीरे माँ से अलग हो जाते हैं।

प्रश्न 3.
माँ के आँचल की छाया दुनिया की सबसे सुरक्षित स्थान है। कैसे?
उत्तर-
माँ के आँचल की छाया संसार की सबसे सुरक्षित स्थान है। यहाँ हम बिना किसी डर, चिंता और फ्रिक के रहते हैं। यहाँ हमें किसी प्रकार का खतरा महसूस नहीं होता। माँ हमें हर परेशानियों एवं खतरों से दूर रखती है। वह हमें लोगों की बुरी संगत और नज़र से बचाती है। वह हमारी स्वास्थ्य और सफ़ाई पर भी ध्यान रखती है। इसलिए माँ का आँचल दुनिया का सबसे सुरक्षित स्थान है।

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