पाठ 3 रीढ़ की हड्डी Important Questions | class 9th hindi kritika

NCERT important question for Class 9 Hindi Kritika Chapter 3 रीढ़ की हड्डी

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद बात-बात पर ”एक हमारा ज़माना था…” कहकर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं। इस प्रकार की तुलना करना कहाँ तक तर्कसंगत है?

उत्तर
रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद दोनों पुराने जमाने के बुजुर्ग हैं। दोनों को वर्तमान जमाने की तुलना में अपना जमाना याद आता है। ये यादें स्वाभाविक हैं। इन यादों के लिए इन्हें प्रयत्न नहीं करना पड़ता। ये अपने आप मन में आती हैं। परंतु इन तुलनाओं को दूसरों के सामने प्रकट करके उन्हें नीचा दिखाना गलत है। यह तर्कसंगत नहीं है। ऐसा करने से बुजुर्ग लोग अपने हाथों में ऐसा हथियार ले लेते हैं जिसकी काट वर्तमान पीढ़ी के पास नहीं होती। यों भी हर ज़माने की अपनी स्थितियाँ होती हैं। ज़माना बदलता है तो उसमें कुछ कमियों के साथ कुछ सुधार भी आते हैं। परंतु बुजुर्ग लोग प्रायः अपने पक्ष में एकतरफा अनुभव सुनते हैं, जो कि तर्कसंगत नहीं है। यह मनोरंजन के लिए तो ठीक है, किंतु इसका कोई महत्त्व नहीं है।

प्रश्न 2.
रामस्वरूप की अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है?

उत्तर
रामस्वरूप लड़कियों को उच्च शिक्षा दिलाने के पक्षधर हैं। उन्होंने उमा को कॉलेज की शिक्षा दिलवाकर बी.ए. पास करवाया। इसके अलावा उमा को संगीत, कला आदि का भी ज्ञान है। रामस्वरूप चाहते हैं कि उमा की शादी अच्छे परिवार में हो। संयोग से परिवार तो उच्च शिक्षित मिला परंतु उसकी सोच अच्छी न थी। लड़के का पिता और स्वयं लड़का दोनों ही चाहते हैं कि उन्हें दसवीं पास लड़की ही चाहिए। एक लड़की का पिता होने के कारण लड़के वालों की इच्छा को ध्यान में रखकर कर्तव्य और वक्तव्य में विरोधाभास रखते हैं। ऐसी परिस्थिति एक विवाह योग्य पुत्री के पिता की विवशता को उजागर करता है।

प्रश्न 3.
अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित क्यों नहीं है?

उत्तर-
अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप अपनी बेटी से अपेक्षा करते हैं कि वह सज धजकर सुंदर रूप में पेश आए। इसके लिए वह पाउडर आदि बनावटी साधनों का उपयोग करे। वह आने वाले मेहमानों के सामने ढंग से बात करे, अपनी व्यवहार कुशलता से उनका दिल जीत ले। उसमें जो-जो गुण हैं, उन्हें ठीक तरह प्रकट करे ताकि वह होने वाले पति और ससुर को पसंद आ जाए। वह उसे कम पढ़ी लिखी लड़की के रूप में भी पेश करना चाहता है।

रामस्वरूप का व्यवहार ढोंग और दिखावे को बढ़ावा देता है। यह झूठ पर आधारित है। बी.ए. पढ़ी लिखी होकर भी उसे मैट्रिक बताना सरासर धोखा है। ऐसी ठगी पर खड़े रिश्ते कभी टिकाऊ नहीं होते। इसी प्रकार पाउडर लगाकर सुंदर दीखना भी धोखे में रखने जैसा है। रामस्वरूप के व्यवहार को हम उचित नहीं कह सकते।

प्रश्न 4.
गोपाल प्रसाद विवाह को ‘बिज़नेस’ मानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं। क्या आप मानते हैं कि दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं? अपने विचार लिखें।

उत्तर-
गोपाल प्रसाद वकील हैं। वे चालाक किस्म के इनसान हैं। वे मानवीय रिश्तों से अधिक महत्त्व पैसों को देते हैं। शादी जैसे पवित्र संस्कार को भी वे ‘बिजनेस’ की तराजू में तौलते हैं। बिजनेस’ शब्द से उनकी इस मानसिकता का पता चल जाता है। इधर रामस्वरूप चाहते हैं कि उनकी बेटी उमा का रिश्ता गोपाल प्रसाद के लड़के शंकर से हो जाए जो मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है परंतु समस्या यह है कि गोपाल प्रसाद और उनका बेटा दोनों ही चाहते हैं कि लड़की अधिक से अधिक दसवीं पास होनी चाहिए। इस कारण रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाने के लिए झूठ बोलते हैं। यहाँ मेरा मानना है कि दोनों समान रूप से अपराधी हैं पर गोपाल प्रसाद का यह अपराध उनकी घटिया सोच तथा रूढ़िवादी सोच का परिणाम है जबकि रामस्वरूप का अपराध उनकी विवशता का परिणाम है।

प्रश्न 5.
“…आपके लाड़ले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं…” उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती है?

उत्तर-
इस कथन के माध्यम से उमा शंकर की निम्नलिखित कमियों की ओर ध्यान दिलाना चाहती है

  1. शंकर बिना रीढ़ की हड्डी के है, अर्थात् व्यक्तित्वहीन है। उसका कोई निजी मत, स्थान या महत्त्व नहीं है। वह अपने । पिता के इशारों पर हीं-हीं करने वाला बेचारा जीव है। उसे जैसा कहा जाता है, वैसा ही करता है। वह पिता की उचित-अनुचित सभी बातों पर हाँ-हाँ करता चलता है। ऐसा पति पति होने योग्य नहीं है।
  2. शंकर लड़कियों के पीछे लग-लगकर अपनी रीढ़ की हड्डी तुड़वा बैठा है। उसका सरेआम अपमान हो चुका है। अतः वह अपमानित, लंपट और दुश्चरित्र है।
  3. उसका शरीर कमज़ोर है। उससे सीधा तन कर बैठा भी नहीं जाता। इसलिए वह विवाह के योग्य नहीं है।

प्रश्न 6.
शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की-समाज को कैसे व्यक्तित्व की ज़रूरत है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर-
‘रीढ़ की हड्डी’ नामक एकांकी का पात्र शंकर उन नवयुवकों का प्रतीक है जो सामाजिक और वैचारिक प्रगति से आज भी अछूते हैं। ऐसे युवक महिलाओं को उचित स्थान नहीं देना चाहते हैं। वे पुरुषों के बराबर नहीं आने देना चाहते हैं। शिक्षा जैसी अत्यंत महत्त्वपूर्ण एवं मानवीयता जगाने वाली मणि को पुरुषों के लिए ही उचित मानते हैं। ऐसे युवा न शारीरिक रूप से मजबूत हैं और न चारित्रिक रूप से। ऐसा व्यक्तित्व समाज को चारित्रिक पतन की ओर उन्मुख करता है। इसके विपरीत उमा उन लड़कियों का प्रतीक है जो सजग और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं। वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। उनका चरित्र समाज को उन्नति की ओर उन्मुख करने वाला है। अतः समाज को उमा जैसे व्यक्तित्व की ज़रूरत है।

प्रश्न 7.
‘रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-
‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का शीर्षक सार्थक, सफल और व्यंग्यात्मक है। इस नाटक की मूल समस्या है-वर का व्यक्तित्वहीन होना। यदि शंकर समझदार और व्यक्तित्वसंपन्न युवक होता तो गोपाल प्रसाद की इतनी हिम्मत न होती कि वह दो सुशिक्षित वयस्कों के बीच में बैठकर अपनी फूहड़ बातें करे और अशिक्षा को प्रोत्साहन दे। कम पढ़ी लिखी बहू चाहना गोपाल प्रसाद की जरूरत हो सकती है, शंकर की नहीं। अगर शंकर अपने पिता के रोबदाब के आगे यूँ भी नहीं कर सकता, बल्कि उनकी हाँ में हाँ मिलाता है तो वह उसकी कायरता है। उस कायरता को दिखाने के लिए उसे रीढ़ की हड्डी के बिना दिखाया गया है। इस प्रकार, रीढ़ की हड्डी’ व्यंग्यात्मक, संकेतपूर्ण, सार्थक और सफल शीर्षक है।
एक अच्छे शीर्षक में जिज्ञासा होनी चाहिए, जो पाठक को आतुर कर दे। यह शीर्षक जिज्ञासातुर करने वाला है।

प्रश्न 8.
कथावस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों?

उत्तर-
कथावस्तु के आधार पर मैं नि:संदेह एकांकी का मुख्य पात्र उमा को ही मानता हूँ क्योंकि एकांकी की सारी कथावस्तु उसी के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। एकांकी के मुख्य पुरुष पात्र शंकर पर वह चारित्रिक, शारीरिक और तार्किक कौशल में भारी पड़ती है। उमा उच्च शिक्षित होने के साथ-साथ कला एवं संगीत में भी निपुण है। एकांकी में एक बार जब उसकी एंट्री होती है तो वह मंच पर अंत तक बनी रहती है। वह अपनी निपुणता से गोपाल प्रसाद और शंकर के निरुत्तर ही नहीं करती है बल्कि उनकी आँखें भी खोलकर रख देती है। एकांकी का समापन भी उमा के माध्यम से होता है। अतः उमा एकांकी की मुख्य पात्र है।

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पाठ 2 मेरे संग की औरतें Important Questions | Class 9th hindi Kritika

NCERT important questions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 2 मेरे संग की औरतें

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं?

उत्तर-
लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा नहीं था, किंतु उनके बारे में सुना अवश्य था। उसने सुना था कि उसकी नानी ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में उन्होंने प्रसिद्ध क्रांतिकारी प्यारेलाल शर्मा से भेंट की थी। उस भेट में उन्होंने यह इच्छा प्रकट की थी कि वे अपनी बेटी की शादी किसी क्रांतिकारी से करवाना चाहती हैं, अंग्रेजों के किसी भक्त से नहीं। उनकी इस इच्छा में देश की स्वतंत्रता की पवित्र भावना थी। यह भावना बहुत सच्ची थी। इसमें साहस था। जीवन भर परदे में रहकर भी उन्होंने किसी पर पुरुष से मिलने की हिम्मत की। इससे उनके साहसी व्यक्तित्व और मन में सुलगती स्वतंत्रता की भावना का पता चला। लेखिका इन्हीं गुणों के कारण उनका सम्मान करती है।

प्रश्न 2.
लेखिका की नानी की आज़ादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?
उत्तर-

लेखिका की नानी ने आज़ादी के आंदोलन में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लिया था, पर आज़ादी के आंदोलन में उनका अप्रत्यक्ष योगदान अवश्य था। वे अनपढ़ परंपरागत परदानशीं औरत थीं। उनके मन में आज़ादी के प्रति जुनून था। यद्यपि उनके पति अंग्रेजों के भक्त थे और साहबों के समान रहते थे पर अपनी मृत्यु को निकट देखकर उन्होंने अपने पति के मित्र स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा को बुलवाया और स्पष्ट रूप से कह दिया कि उनकी बेटी का वर वे ही अपने समान ही। किसी स्वतंत्रता के दीवाने लड़के को खोज कर दें। इससे उनकी बेटी का विवाह आज़ादी के आंदोलन में भाग लेने वाले उस लड़के से हो सका जिसे आई.सी.एस. परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया था। इस तरह उसकी नानी ने आज़ादी के आंदोलन में भागीदारी निभाई।

प्रश्न 3.
लेखिका की माँ परंपरा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में-
(क) लेखिका की माँ की विशेषताएँ लिखिए।
(ख) लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।
उत्तर-
(क) लेखिका की माँ की स्थितियाँ और व्यक्तित्व-दोनों असाधारण थे। उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वे स्वतंत्रता आंदोलन के लिए काम करती थीं। उनकी सोच मौलिक थी। लेखिका के शब्दों में वह खुद अपने तरीके से आज़ादी के जुनून को निभाती थीं। इस विशेषता के कारण घर-भर के लोग उसका आदर करते थे। कोई उनसे घर गृहस्थी के काम नहीं करवाता था। उनका व्यक्तित्व ऐसा प्रभावी था कि ठोस कामों के बारे में उनसे केवल राय ली जाती थी और उस राय को पत्थर की लकीर मानकर निभाया जाता था।
लेखिका की माँ का सारा समय किताबें पढ़ने, साहित्य चर्चा करने और संगीत सुनने में बीतता था। वे कभी बच्चों के साथ लाड़-प्यार भी नहीं करती थीं। उनके मान-सम्मान के दो कारण प्रमुख थे। वे कभी झूठ नहीं बोलती थीं। वे एक की गोपनीय बात दूसरे से नहीं कहती थीं।

(ख) लेखिका की दादी के घर में विचित्र विरोधों का संगम था। परदादी लीक से परे हटकर थीं। वे चाहती थीं कि उनकी पतोहू को होने वाली पहली संतान कन्या हो। उसने यह मन्नत मानकर जगजाहिर भी कर दी। इससे घर के अन्य सभी लोग हैरान थे। परंतु लेखिका की दादी ने इस इच्छा को स्वीकार करके होने वाली पोती को खिलाने-दुलारने की कल्पनाएँ भी कर डालीं। लेखिका की माँ तो बिलकुल ही विचित्र थीं। वे घर का कोई काम नहीं करती थीं। वे आज़ादी के आंदोलन में सक्रिय रहती थीं। उन्हें पुस्तकें पढ़ने, संगीत सुनने और साहित्य चर्चा करने से ही फुर्सत नहीं थी। उनके पति भी क्रांतिकारी थे। वे आर्थिक दृष्टि से अधिक समृद्ध नहीं थे। विचित्र बात यह थी कि लेखिका के दादा अंग्रेजों के बड़े प्रशंसक थे। घर में चलती उन्हीं की थी। किंतु घर की नारियाँ अपने-अपने तरीके से जीने के लिए स्वतंत्र थीं। कोई किसी के विकास में बाधा नहीं बनता था।

प्रश्न 4.
आप अपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों माँगी ?

उत्तर-
परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत इसलिए माँगी ताकि वे परंपरा से अलग चलने की जो बात करती थीं, उसे अपने कार्य-व्यवहार द्वारा सबको दर्शा सकें। इसके अलावा उनके मन में लड़का और लड़की में अंतर समझने जैसी कोई बात न रही होगी।

प्रश्न 5.
डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है-पाठ के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर-
इस पाठ से स्पष्ट है कि मनुष्य के पास सबसे प्रभावी अस्त्र है-अपना दृढ़ विश्वास और सहज व्यवहार। यदि कोई सगा संबंधी गलत राह पर हो तो उसे डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव देने की बजाय सहजता से व्यवहार करना चाहिए। लेखिका की नानी ने भी यही किया। उन्होंने अपने पति की अंग्रेज़ भक्ति का न तो मुखर विरोध किया, न समर्थन किया। वे जीवन भर अपने आदर्शों पर टिकी रहीं। परिणामस्वरूप अवसर आने पर वह मनवांछित कार्य कर सकीं।

लेखिका की माता ने चोर के साथ जो व्यवहार किया, वह तो सहजता का अनोखा उदाहरण है। उसने न तो चोर को पकड़ा, न पिटवाया, बल्कि उससे सेवा ली और अपना पुत्र बना लिया। उसके पकड़े जाने पर उसने उसे उपदेश भी नहीं दिया, न ही चोरी छोड़ने के लिए दबाव डाला। उसने इतना ही कहा-अब तुम्हारी मर्जी चाहे चोरी करो या खेती। उसकी इस सहज भावना से चोर का हृदय परिवर्तित हो गया। उसने सदा के लिए चोरी छोड़ दी और खेती को अपना लिया।

प्रश्न 6.
‘शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’-इस दिशा में लेखिका के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-
शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है। इस दिशा में लेखिका ने अथक प्रयास किए। उसने कर्नाटक के बागलकोट जैसे छोटे से कस्बे में रहते हुए इस दिशा में सोचना शुरू किया। उसने कैथोलिक विशप से प्रार्थना की कि उनका मिशन वहाँ के सीमेंट कारखाने से मदद लेकर वहाँ स्कूल खोल दे, पर वे इसके लिए तैयार न हुए। तब लेखिका ने अंग्रेजी, हिंदी और कन्नड़ तीन भाषाएँ सिखाने वाला स्कूल खोला और उसे कर्नाटक सरकार से मान्यता दिलवाई। इस स्कूल के बच्चे बाद में अच्छे स्कूलों में प्रवेश पा गए।

प्रश्न 7.
पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है?

उत्तर-
इस पाठ के आधार पर स्पष्ट है कि ऊँची भावना वाले दृढ़ संकल्पी लोगों को श्रद्धा से देखा जाता है। जो लोग सद्भावना से व्यवहार करते हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर गलत रूढ़ियों को तोड़ डालने की हिम्मत रखते हैं, समाज में उनका खूब आदर-सम्मान होता है।

लेखिका की नानी इसलिए श्रद्धेया बनी क्योंकि उसने परिवार और समाज से विरोध लेकर भी अपनी पुत्री को किसी क्रांतिकारी से ब्याहने की बात कही। इस कारण वह सबकी पूज्या बन गईं। लेखिका की परदादी इसलिए श्रद्धेया बनी क्योंकि उसने दो धोतियों से अधिक संचय न करने का संकल्प किया था। उसने परंपरा के विरुद्ध लड़के की बजाय लड़की होने की मन्नत मानी।
लेखिका की माता इसलिए श्रद्धेया बनी क्योंकि उसने देश की आज़ादी के लिए कार्य किया। कभी किसी से झूठ नहीं बोला। कभी किसी की गोपनीय बात को दूसरे को नहीं बताया। ये सभी व्यक्तित्व सच्चे थे, लीक से परे थे तथा दृढ़ निश्चयी थे। इस कारण इनका सम्मान हुआ। इन पर श्रद्धा प्रकट की गई।

प्रश्न 8.
‘सच, अकेलेपन का मज़ा ही कुछ और है’-इस कथन के आधार पर लेखिका की बहन एवं लेखिका के व्यक्तित्व के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर-
“सच, अकेलेपन का मजा ही कुछ और है।” इस कथन के आधार पर ज्ञात होता है कि लेखिका और उसकी बहन दोनों ही अपने दृढ़ निश्चय और जिद्दीपन के कारण उक्त कथन को चरितार्थ ही नहीं करती हैं बल्कि उसका आनंद भी उठाती हैं। लेखिका की बहन रेणु तो लेखिका से भी दो कदम आगे थी। वह गरमी में भी उस गाड़ी में नहीं आती थी जिसे उसके पिता ने स्कूल से उसे लाने के लिए लगवा रखा था। एक बहन गाड़ी में आती थी जबकि रेणु पैदल। इसी तरह शहर में एक बार नौ इंच बारिश होने पर शहर में पानी भरने के कारण घरवालों के मना करते रहने पर भी वह लब-लब करते पानी में स्कूल गई और स्कूल बंद देखकर लौट आई।

लेखिका ने बिहार के डालमिया शहर में रूढ़िवादी स्त्री-पुरुषों के बीच जहाँ जागृति पैदा की और उनके साथ नाटक करते हुए सूखा राहत कोष के लिए धन एकत्र किया वहीं दूसरी ओर कर्नाटक के छोटे से कस्बे में बच्चों के लिए स्कूल खोला और मान्यता दिलवाई, यह काम लेखिका ने अकेले ही शुरू किया था।

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पाठ 1 इस जल प्रलय में Important Questions | Class 9th hindi Kritika

NCERT important question for Class 9 Hindi Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?

उत्तर-
बाढ़ की खबर सुनकर लोग अपनी सुरक्षा के प्रबंध और अत्यावश्यक सामानों को जुटाने में लग गए। उन्होंने आवश्यक ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी और कंपोज की गोलियाँ इकट्ठी कर लीं ताकि बाढ़ से घिर जाने पर कुछ दिनों तक गुजारा चल सके।

प्रश्न 2.
बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था?

उत्तर-
लेखक उस क्षेत्र का रहने वाला था जहाँ बाढ़ ग्रस्त लोग शरण लिया करते थे। वह बाढ़ पीड़ितों की मदद कई तरह से कर चुका था। उसने बाढ़ तो देखा था पर बाढ़ घिरने, बहने या भोगने का अनुभव नहीं किया था। वह का प्रत्यक्ष अनुभव करने के लिए उत्सुक था। वह बाढ़ के प्रति जिज्ञासु था जिसे शांत करने के लिए वह बहुत बेचैन था।

प्रश्न 3.
सबकी जुबान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?

उत्तर-
‘पानी कहाँ तक आ गया है-यह जिज्ञासा सबके मन में थी। सब अपनी जबान से यही शब्द कह रहे थे। इससे जनसमूह की उत्सुकता, सुरक्षा तथा कौतुहल की भावना प्रकट होती है। सब लोग नए अनुभव को अपनी आँखों से देखना चाहते हैं। वे जीवन-मृत्यु के खेल को देखने का मोह छोड़ नहीं पाते। इस खेल में गहरा आकर्षण होता है।

प्रश्न 4.
मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों?

उत्तर-
बाढ़ को गेरुआ-झाग-फेन वाला पानी जो मोटी डोरी की शक्ल में निरंतर बढ़ता आ रहा था, जो लोगों के मन में भय उत्पन्न कर रहा था तथा सब कुछ धीरे-धीरे डुबोता हुआ आ रहा था, ऐसे पानी को ‘मृत्यु का तरल दूत’ कहा गया है। इसका कारण यह है कि ऐसा पानी जन-धन की अपार हानि पहुँचाता है।

प्रश्न 5.
आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ़ से कुछ सुझाव दीजिए।

उत्तर-
आपदाओं से निपटने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिए

  • सरकार को सभी प्रकार के संभावित खतरों से निपटने के लिए साधन तैयार रखने चाहिए। उस सामान की लगातार देखरेख होनी चाहिए ताकि आपदा के समय उनका सदुपयोग किया जा सके।
  • स्वयंसेवी संस्थाओं को बढ़-चढ़कर उत्साहपूर्वक आपदा से निपटने के लिए आगे आना चाहिए।
  • सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं के बीच गहरा तालमेल बिठाने के प्रयास होने चाहिए।
  • उत्साही नवयुवकों-नवयुवतियों को शीघ्र ही किसी योजनाबद्ध कार्य में जुड़कर सहयोग करना चाहिए।

प्रश्न 6.
‘ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए…अब बूझो!’-इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है?

उत्तर-
उक्त कथन द्वारा लोगों की दूसरों को दुखी देखकर आनंदित होने की प्रवृत्ति, संकुचित, स्वार्थी मानसिकता, संवेदनहीनता की स्थिति पर चोट की गई है। एक समय जब दानापुर डूब रहा था तब पटना के लोगों ने उनकी मदद नहीं की थी। अब स्वयं के बाढ़ में फंसने पर बाढ़ की पीड़ा महसूस कर रहे हैं।

प्रश्न 7.
खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?

उत्तर-
बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया था। इसलिए अन्य सामानों की दुकानें जहाँ बंद होने लगी थीं, वहीं पान की बिक्री अधिक बढ़ गई थी क्योंकि लोग बाढ़ को देखने के लिए बहुत बड़ी संख्या में इकट्टे हो गए थे। वे बाढ़ से भयभीत नहीं थे, बल्कि हँसी-खुशी और कौतुहल से युक्त थे। ऐसे समय में पान उनके लिए समय गुजारने का सबसे अच्छा साधन था।

प्रश्न 8.
जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?

उत्तर-
जब लेखक को अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने सबसे पहले गैस के विषय में अपनी पत्नी से पूछा। गैस की कमी जानकर कोयला और कैरोसीन आयल का प्रबंध किया। उसने आलू, प्याज, मोमबत्ती, माचिस, सिगरेट कांपोज की गोलियाँ आदि का प्रबंध किया। उसने एक सप्ताह तक पढ़ने के लिए हिंदी, बाँग्ला और अंग्रेज़ी की फ़िल्मी पत्रिकाएँ खरीद ली ताकि बाढ़ के समय अपना समय बिता सके।

प्रश्न 9.
बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है?

उत्तर-
बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में अकसर पकाही घाव हो जाता है। बाढ़ के गंदे-सड़े जल के कारण लोगों के पाँवों की ‘तियाँ सड़ जाती हैं और तलवों में घाव हो जाते हैं।

प्रश्न 10.
नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया?

उत्तर-
नौजवान के उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। ऐसा उसने नवयुवक अर्थात् अपने मालिक के प्रति अगाध लगाव रखने की भावना के कारण किया। कुत्ता और नवयुवक एक-दूसरे से भावनात्मक संबंधों के अलावा मित्रता और सुख-दुख में साथ न छोड़ने के अलावा स्नेहपूर्ण संबंध रखते थे। ऐसा करके कुत्ते ने स्वामिभक्ति की भावना भी प्रकट की।

प्रश्न 11.
‘अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं- मेरे पास।’-मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?

उत्तर-
लेखक बाढ़ के अनुभव को पूरी तरह जीना और भोगना चाहता है। उधर उसका कलाकार मन चाहता है कि वह बाढ़ के दृश्यों को सँजो ले। यदि उसके पास मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर या कलम होती तो वह बाढ़ का निरीक्षण करने की बजाय उसका चित्रण करने में लग जाता। तब जीवन को साक्षात भोगने का अवसर उसके हाथ से निकल जाता।

प्रश्न 12.
आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएँ कई बार समस्याएँ बन जाती हैं, ऐसी किसी घटना को उल्लेख कीजिए।

उत्तर-
मीडिया प्रचार-प्रसार का वह सशक्त माध्यम है जिसकी पहुँच जन-जन तक हो गई है। आज मीडिया अपने साधनों द्वारा किसी खबर को आनन-फानन में अधिकाधिक लोगों तक पहुँचा देता है। कई बार मीडिया के लोग जल्दीबाज़ी में किसी खबर का श्रेय लेने के चक्कर में कुछ गलतियाँ कर जाते हैं जिसका परिणाम समस्या बन जाता है। अभी कुछ दिनों पहले सहारनपुर में समाज के एक वर्ग द्वारा कार्यक्रम से लौटते समय समाज के तथाकथित उच्चवर्ग के लोगों ने गाली-गलौज की और पथराव किया। मीडिया ने इस खबर को इस तरह प्रसारित किया कि दंगा होने की स्थिति बन गई। स्थिति सामान्य होने में दो सप्ताह से अधिक समय लग गया। इससे सामाजिक सद्भाव की स्थिति भी खराब हो गई।

प्रश्न 13.
अपनी देखी-सुनी किसी आपदा का वर्णन कीजिए।

उत्तर-
मैंने प्राकृतिक आपदा द्वारा जान जाने की घटनाएँ तो नहीं देखीं सुनीं, किंतु मनुष्य द्वारा पैदा की गई आपदा के बारे में अवश्य सुना है। बात 1984 की है। उस समय श्रीमती इंदिरा गाँधी देश की प्रधानमंत्री थीं। पंजाब में आतंकवाद फन फैलाए हुए था। इंदिरा गाँधी के कठोर रवैये के कारण कुछ सिक्ख उनसे नाराज़ थे। परिणामस्वरूप उनके अंगरक्षक बेअंत सिंह ने उन्हें गोलियों से भून डाला।

इस घटना की प्रतिक्रिया में अगले दिन पूरा देश जल उठा। दिल्ली में सैकड़ों सिक्खों को जिंदा जला डाला गया। उनकी संपत्ति, वाहन, दुकान-मकान जला डाले गए। मेरे पिता उन दंगों में शहीद होते-होते बचे थे। मेरे कितने ही मित्र-संबंधी सड़क पर आ गए थे। उनकी जीवन भर की कमाई एक राजनीतिक दल के भड़काए हुए दंगाइयों ने नष्ट कर डाली थी। आज भी मुझे इसकी याद दहला देती है।

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पाठ 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं | Class 9th hindi Kshitiz Most Important Questions

Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं important questions

प्रश्न 1.
बच्चों को किस समय और कहाँ जाते हुए देखकर कवि को पीड़ा हुई है? बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता के आलोक में लिखिए।

उत्तर-
बच्चों को कड़ी सरदी में सवेरे-सवेरे कोहरे से ढंकी सड़क पर जाते हुए देखकर हुआ। ये बच्चे कारखानों और अन्य स्थानों पर बाल मजदूरी करने जा रहे थे। खेलने-कूदने की उम्र में बच्चों को काम पर जाते देख कवि को पीड़ा हुई।

प्रश्न 2.
कवि के लिए बच्चों का काम पर जाना चिंता का विषय क्यों बन गया है? ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं? कविता के आधार पर लिखिए।

उत्तर-
कवि के लिए बच्चों का काम पर जाना चिंता का विषय इसलिए बन गया है क्योंकि आज के बच्चे कल का भविष्य हैं। जिस उम्र में बच्चों को खेल-कूदकर बचपन का आनंद लेना चाहिए, स्वस्थ और सबल बनना चाहिए तथा पद-लिखकर योग्य नागरिक बनना चाहिए, उस उम्र में काम करके अपना भविष्य अंधकारमय कर रहे हैं।

प्रश्न 3.
बालश्रम अपराध है फिर भी बच्चों को काम करते हुए देखा जा सकता है। इसके क्या कारण हो सकते हैं, लिखिए।
उत्तर

बालश्रम अपराध है फिर भी हम बच्चों को काम करते हुए देखते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। इनमें सबसे पहला कारण गरीबी है। बच्चों की मूलभूत ज़रूरतें पूरी न करने पर माँ-बाप उन्हें काम पर भेजने को विवश हो जाते हैं। इसके अलावा लोगों की स्वार्थी प्रवृत्ति तथा संवेदनहीनता के कारण बच्चे काम करते हुए देखे जा सकते हैं।

प्रश्न 4.
‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’-कविता में काले पहाड़ किसके प्रतीक हैं? ये काले पहाड़ किस तरह हानिप्रद हैं?

उत्तर-
‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता में काले पहाड़ समाज में व्याप्त शोषण व्यवस्था के प्रतीक हैं। इसी व्यवस्था के कारण समाज का एक वर्ग बच्चों का शोषण करता है, उनसे काम करवाकर उनका भविष्य खराब करता है और बहुत कम मजदूरी देकर अपनी जेब भरता है।

प्रश्न 5.
बच्चों को काम पर जाता देखकर आपके मन में जो विचार आते हैं उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर-
बच्चों को काम पर जाता देखकर हमारे मन में यह विचार आता है कि इस उम्र में बच्चों को काम करने के बजाय पढ़ने लिखने और खेलने-कूदने का अवसर मिलना चाहिए ताकि ये मज़दूर न बनकर योग्य नागरिक बने तथा समाज व देश की प्रगति में अपना योगदान दें।

प्रश्न 6.
बालश्रम की समस्या बढ़ाने में समाज की संवेदनहीनता का भी योगदान है। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-
बालश्रम की समस्या पर रोक लगाने पर भी यह समस्या बढ़ती ही जा रही है। इसका कारण है कि समाज के लोग बच्चों को काम पर जाता हुआ देखकर भी अनदेखा करते हैं और बच्चों के भविष्य के प्रति उदासीन दृष्टिकोण बनाए रखते हैं। इस संवेदनहीनता के कारण यह समस्या बढ़ती ही जा रही है।

प्रश्न 7.
‘बच्चे, बहुत छोटे बच्चे’ पंक्ति के आलोक में स्पष्ट कीजिए कि कवि किस बात पर हर देश चाहता है?

उत्तर-
‘बच्चे, बहुत छोटे बच्चे के माध्यम से कवि इस बात पर जोर देना चाहता है कि कामे परे जाने के लिए विवश बच्चों की उम्र ऐसी नहीं है कि वे काम पर जाएँ। इतने छोटे बच्चों को खेलना कूदना और पढ़ना-लिखना चाहिए। इतनी छोटी उम्र में काम करने से इनका बचपन नष्ट हो रहा है।

प्रश्न 8.
काम पर जाने वाले बच्चों के साथ के कार्यस्थलों एवं कारखानों पर कैसा व्यवहार किया है, अपने अनुभव एवं विवेक से लिखिए।
उत्तर-

काम करने वाले बच्चों के साथ कारखानों और कार्यस्थलों पर अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है। उन्हें बात-बात पर तथा ज़रा सी गलती के लिए डाँटा-फटकारा और मारा-पीटा जाता है। अनजाने में भी हुए नुकसान के दंडस्वरूप उनकी मजदूरी काट ली जाती है। उनसे अधिक समय काम करवाने पर भी कम मजदूरी दी जाती है।

प्रश्न 9.
‘तो फिर बचा ही क्या है इस दुनिया में ऐसा प्रश्न कवि कब और क्यों करता है?

उत्तर-
‘तो फिर बचा ही क्या है इस दुनिया में ?’ कवि ऐसा प्रश्न तब करता है जब वह देखता है कि बहुत छोटे-छोटे बच्चे काम पर जाने को विवश हैं। कवि सोचता है कि यह बच्चों के खेलने और पढ़ने के दिन हैं। क्या किताबें, खिलौने, गेंदें विद्यालय आदि नष्ट हो गए हैं? यदि हाँ तो दुनिया में जीने के लायक कुछ भी नहीं बचा है।

प्रश्न 10.
‘दुनिया की हजारों सड़कों से गुजरते हुए’ कहकर कवि ने किस ओर संकेत किया है? ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं। कविता के आलोक में लिखिए।

उत्तर-
‘दुनिया की हजारों सड़कों से गुजरते हुए’ कहकर कवि ने बाल मजदूरी की समस्या की व्यापकता की ओर संकेत किया है। यह समस्या किसी देश विशेष की न होकर पूरे विश्व की समस्या है। गरीबी के कारण दुनिया भर में लाखों-करोड़ों बच्चे बाल श्रमिक बनने को विवश हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बालश्रम क्या है? ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं इसे रोकने के लिए आप कुछ सुझाव दीजिए।

उत्तर-
छोटे-छोटे बच्चों से काम करवाना बालश्रम कहलाता है। इससे मासूमों का बचपन छिन जाता है। वे पढ़-लिख नहीं पाते हैं, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय बन जाता है। सरकार द्वारा इसे अपराध घोषित किया गया है। इसे रोकने के लिए कुछ सुझाव हैंसरकार को अत्यंत गरीबों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि गरीबी के कारण वे अपने बच्चों को काम पर भेजने के लिए विवश न हों।

बच्चों से काम करवाने वालों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए। बाल श्रमिकों की पहचानकर उनकी शिक्षा और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए। इस दिशा में समाज को भी अपनी सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है।

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पाठ 16 यमराज की दिशा | Class 9th hindi Kshitiz Most Important Questions

NCERT important questions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 16 यमराज की दिशा

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कवि को ऐसा अनुभव क्यों हुआ कि उसकी माँ की ईश्वर से बातचीत होती रहती है? ‘यमराज की दिशा’ कविता के आधार पर लिखिए।

उत्तर-
कवि की माँ अपने कार्य व्यवहार से यह जताती रहती थी कि ईश्वर से वह बातचीत करती है और उसी की सलाह से जीवन की कठिनाइयों को सरलता से पारकर जाती है इसलिए कवि को ऐसा अनुभव हुआ कि उसकी माँ की ईश्वर से बातचीत होती रहती है।

प्रश्न 2.
‘यमराज की दिशा’ कविता में माँ ने कवि को जो भय दिखाया है। वह कितना सार्थक था?

उत्तर-
‘यमराज की दिशा’ कविता में माँ ने कवि को जो भय दिखाया था, वह पूरी तरह सार्थक था। इसी भय के कारण कवि को दक्षिण दिशा का ज्ञान हो गया और वह दक्षिण दिशा में कभी भी पैर करके नहीं सोया।

प्रश्न 3.
कवि की माँ को जीवन जीने के रास्ते कहाँ से प्राप्त होते थे? ‘यमराज की दिशा’ कविता के आधार पर लिखिए।

उत्तर-
कवि की माँ को जीवन जीने के रास्ते ईश्वर से हुई बातचीत और उससे प्राप्त सलाहों से प्राप्त होते थे। इन्हीं सलाहों के सहारे वह जीवन के रास्ते में आने वाली कठिनाइयों को आसानी से पार करती जा रही थी।

प्रश्न 4.
कवि ने बचपन में माँ से किसका पता पूछा था और क्यों? ‘यमराज की दिशा’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर-

कवि ने बचपन में माँ से यमराज के घर का पता पूछा था क्योंकि कवि को माँ ने बता दिया था कि दक्षिण की ओर पैर करके मत सोना। इसी दिशा में मृत्यु के देवता यमराज का घर है।

प्रश्न 5.
‘यमराज की दिशा’ कविता में कवि दक्षिण दिशा में दूर तक गया फिर भी वह यमराज का घर क्यों नहीं देख पाया?

उत्तर-
कवि दक्षिण दिशा में दूर-दूर तक गया फिर भी वह यमराज को घर नहीं देख पाया क्योंकि माँ की सीख के अनुसार, यमराज दक्षिण दिशा में रहता है परंतु दक्षिण दिशा का कोई अंत नहीं है। दूर-दूर तक जाने पर भी न दक्षिण दिशा का अंत हुआ और न कवि यमराज का घर देख पाया।

प्रश्न 6.
दक्षिण दिशा का प्रतीकार्थ क्या है? यह दिशा जनसाधारण के लिए शुभ क्यों नहीं होती है?

उत्तर-
दक्षिण दिशा का प्रतीकार्थ है दक्षिणपंथी विचारधारा, जिसमें आम इनसान के हित के लिए कोई स्थान नहीं है। इस विचारधारा के लोग जन साधारण का शोषण करते हैं तथा उनके जीवन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं, इसलिए जन साधारण के लिए यह दिशा शुभ नहीं है।

प्रश्न 7.
‘सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं’ ऐसा कहकर कवि ने किस ओर संकेत किया है?

उत्तर-
‘सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं’ के माध्यम से कवि ने समाज में फैली शोषण व्यवस्था और शोषणकर्ताओं के कुकृत्यों की ओर संकेत करना चाहा है। आज जीवन के सभी क्षेत्रों में शोषणकर्ताओं का बोलबाला है जिनके चंगुल से आम आदमी का बच पाना कठिन है।

प्रश्न 8.
कवि को माँ की याद कब आई और क्यों?

उत्तर-
यमराज को घर का पता जानने के लिए जब कवि दूर-दूर तक गया तब उसे दक्षिण के वास्तविक खतरों का अनुभव हुआ तब उसे माँ की सीख की याद आई। यह याद उसे इसलिए आई क्योंकि माँ ने इन खतरों के प्रति उसे बचपन में ही आगाह करा दिया था।

प्रश्न 9.
आज यमराज का वास कहाँ-कहाँ दिखाई पड़ता है? वे वहाँ किस रूप में दिखाई देते हैं?

उत्तर-
आज यमराज का वास केवल दक्षिण दिशा में ही न होकर हर दिशा में दिखाई पड़ता है। यमराज शोषणकारी शक्तियों और शोषणकर्ताओं को कहा गया है। ये दूसरों का शोषण करके, उनके हक छीनकर शक्तिशाली हो गए हैं। वे आलीशान महलों में रहते हैं। वे क्रोध, घृणा, आक्रोश, हिंसा, क्रूरता भरी लाल आँखों से भयानक रूप में दिखाई देते हैं।

प्रश्न 10.
माँ द्वारा कवि को जो सीख दी गई, उसे उसने अक्षरशः क्यों मान लिया होगा? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर-
माँ द्वारा कवि को जो सीख दी गई उसे उसने अक्षरशः इसलिए मान लिया होगा क्योंकि कवि उस समय बच्चा था। कवि को माँ की सीख में अपनी भलाई नज़र आई होगी। इसके अलावा माँ ने यमराज को क्रोधित करने का संभावित परिणाम भी कवि को समझा दिया था।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कवि की माँ ने उसे जो सीख दी थी उसकी परिधि आज किस तरह विस्तृत हो गई है? ‘यमराज की दिशा’ कविता के आधार पर लिखिए।

उत्तर-
कवि की माँ ने कवि को सीख दी थी कि दक्षिण की ओर पैर करके मत सोना। दक्षिण दिशा में यमराज रहता है। वह मृत्यु का देवता है। उसे क्रुद्ध करना बुद्धिमानी की बात नहीं क्योंकि इससे जान का खतरा हो सकता है। तब कवि बच्चा था। उसने माँ की सीख मानकर दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोया।

माँ ने कवि को बताया था कि यमराज रूपी शोषणकारी शक्तियाँ दक्षिण में रहती हैं परंतु कवि ने बाद में देखा कि अब तो यमराज का घर केवल दक्षिण में ही नहीं, बल्कि हर दिशा में है। उनके आलीशान महल कहीं भी देखे जा सकते हैं। वे क्रूरता से लोगों का शोषण करने को तैयार हैं। इस प्रकार माँ द्वारा दी गई सीख की परिधि विस्तृत हो गई।

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पाठ 15 मेघ आए | Class 9th hindi Kshitiz Most Important Questions

NCERT important questions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 15 मेघ आए

“निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए”
प्रश्न 1.
‘मेघ आए’ कविता में बादलों को किसके समान बताया गया है?

उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में बादलों को शहर से आने वाले दामाद के समान बताया गया है क्योंकि बादल गाँव में उसी तरह सज-धजकर आ रहे हैं जैसे शहरी दामाद सज-धजकर आता है या इन बादलों का इंतज़ार भी दामाद की ही तरह किया जाता है।

प्रश्न 2.
लता रूपी नायिका ने मेहमान से अपना रोष किस प्रकार प्रकट किया?

उत्तर-
नवविवाहिता लता रूपी नायिका अपने पति का इंतज़ार कर रही थी पर उसका पति एक साल बाद लौटा तो लता ने उससे रोष प्रकट करते हुए कहा, “तुमने तो पूरे साल भर बाद सुधि लिया है।” अर्थात् वह पहले क्यों नहीं आ गया।

प्रश्न 3.
बूढ़ा पीपल किसको प्रतीक है? उसने मेहमान का स्वागत किस तरह किया?

उत्तर-
बूढ़ा पीपल घर के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का प्रतीक है। उसने मेहमान को आया देखकर आगे बढ़कर राम-जुहार की और उससे कुशल क्षेम पूछते हुए यथोचित स्थान पर बिठाया।

प्रश्न 4.
‘बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके’ के आधार पर बताइए कि ऐसा कब हुआ और क्यों?

उत्तर-
‘बाँध टूटा आया मेघ रूपी मेहमान अपनी लता रूपी नवविवाहिता पत्नी से मिला। पहले तो लता ने अपना रोष प्रकट किया और फिर उसका धैर्य टूटा। इससे उनकी आँखों से आँसू बहने लगे।

प्रश्न 5.
प्राकृतिक रूप से किस श्रम की गाँठ खुलने की बात कही गई है? ‘मेघ आए’ कविता के आधार पर लिखिए।

उत्तर-
ग्रामीण संस्कृति में बादलों का बहुत महत्त्व है। वहाँ कृषि-कार्य बादलों पर निर्भर करता है, इसलिए बादलों की प्रतीक्षा की जाती है। इस बार जब साल बीत जाने पर भी बादल नहीं आए तो लोगों के मन में यह भ्रम हो गया था कि इस साल अब बादल नहीं आएँगे पर बादलों के आ जाने से उनके इस भ्रम की गाँठ खुल गई।

प्रश्न 6.
‘मेघ आए’ कविता में किस संस्कृति का वर्णन किया गया है? सोदाहरण लिखिए।

उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में ग्रामीण संस्कृति का वर्णन है। बादलों के आगमन पर उल्लास का वातावरण बनना, हवा चलना, पेड़ पौधों का झूमना, आँधी चलना, धूल उड़ना, लता का पेड़ की ओट में छिपना बादलों का गहराना, बिजली का चमकना, बरसात होना आदि सभी ग्रामीण संस्कृति से ही संबंधित हैं।

प्रश्न 7.
कविता में मेघ रूपी मेहमान के आने पर कौन क्या कर रहे हैं?

उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में हवा मेघ आने की सूचना देने का काम, पेड़ों द्वारा मेघ को देखने का कार्य, बूढ़ा पीपल, मेघ का स्वागत एवं अभिवादन करने, ताल द्वारा परात में पानी भरकर लाने का काम, लता द्वारा उलाहना देने एवं उससे मिलने का काम किया जा रहा है।

प्रश्न 8.
‘मेघ आए’ कविता में नदी किसका प्रतीक है? वह पूँघट सरकाकर किसे देख रही है?

उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में नदी गाँव की उस विवाहिता स्त्री का प्रतीक है जो अभी भी परदा करती है। वह किसी अजनबी या रिश्तेदार के सामने घूघट करती है। वह गाँव आ रहे बादल रूपी मेहमान को पूँघट सरकाकर देख रही है।

प्रश्न 9.
ताल किसका प्रतीक है? वह परात में पानी भरकर लाते हुए किस भारतीय परंपरा का निर्वाह कर रहा है?

उत्तर-
ताल घर के किसी उत्साही नवयुवक का प्रतीक है। मेघ रूपी मेहमान के आने पर वह परात में पानी भर लाता है। ऐसा करके वह घर आए मेहमान के पाँव धोने की भारतीय संस्कृति की परंपरा का निर्वाह कर रहा है।

प्रश्न 10.
‘मेघ आए’ कविता में एक साल बाद अपने पति मेघ को देखकर नवविवाहिता नायिका की क्या दशा हुई?

उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में एक साल बाद अपने पति मेघ को देखकर नवविवाहिता नायिका का मान जाग उठा। उसने एक साल बाद सुधि लेने के लिए मेघ से शिकायत की पर मेघ के आने से उसके मन का भ्रम शूट गया और उसकी आँखों से आँसू बहने लगे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
शहरी मेहमान के आने से गाँव में जो उत्साह दृष्टिगोचर होता है, उसे मेघ आए कविता के आलोक में लिखिए।

उत्तर-
शहरी मेहमान के आने से गाँव में हर्ष उल्लास का वातावरण बन जाता है। गाँव में बादलों के आगमन का इंतज़ार किया जाता है। बादल के आते ही बच्चे, युवा, स्त्री, पुरुष सभी प्रसन्न हो जाते हैं। पेड़-पौधे झूम-झूमकर अपनी खुशी प्रकट करते हैं। बच्चे भाग-भाग बादलों के आने की सूचना देते फिरते हैं। युवा उत्साहित होकर बादलों को देखते हैं तो स्त्रियाँ दरवाजे खिड़कियाँ खोलकर बादलों को देखने लगती हैं। बादलों के बरसने पर सर्वत्र उत्साह का वातावरण छा जाता है।

प्रश्न 2.
‘मेघ आए’ कविता में अतिथि का जो स्वागत-सत्कार हुआ है, उसमें भारतीय संस्कृति की कितनी झलक मिली है, अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में मेघ रूपी मेहमान के आने पर उसका भरपूर स्वागत होता है। वह साल बाद अपनी ससुराल आ रहा है। यहाँ लोग उत्सुकता से प्रतीक्षारत हैं। मेहमान के आते ही घर का सबसे बुजुर्ग और सम्मानित सदस्य उसकी अगवानी करता है, उसको सम्मान देते हुए राम-जुहार करता है और कुशलक्षेम पूछता है। मेहमान को यथोचित स्थान पर बैठा देखकर घर का सदस्य उत्साहपूर्वक परात में पानी भर लाता है ताकि मेहमान के पैर धो सके। इस तरह हम देखते हैं कि मेहमान का जिस तरह स्वागत किया गया है उसमें भारतीय संस्कृति की पर्याप्त झलक मिलती है।

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पाठ 14 चंद्र गहना से लौटती बेर | Class 9th hindi Kshitiz Most Important Questions

NCERT imporant questions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 14 चंद्र गहना से लौटती बेर

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

(क)

प्रश्न 1
‘चंद्र गहना से लौटती बेर’ कविता में किसने किस उद्देश्य से हाथ पीले कर लिए हैं?

उत्तर-
चंद्र गहना से लौटती बेर’ कविता में सरसों सबसे सयानी हो चुकी है। सयानी होने से वह विवाह की वय प्राप्त कर चुकी है। उसने विवाह करने के लिए अपने हाथों में हल्दी लगाकर हाथ पीले कर लिए हैं।

प्रश्न 2
पत्थर कहाँ पड़े हुए हैं? वे क्या कर रहे हैं? ‘चंद्र गहना से लौटती बेर’ कविता के आधार पर लिखिए?

उत्तर-
पत्थर तालाब के किनारे पड़े हैं जिन्हें पानी स्पर्श कर रहा है। ऐसा लगता है कि पत्थर अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी पी रहे हैं। वे पता नहीं कब से पानी पी रहे हैं फिर भी उनकी प्यास नहीं बुझ रही है।

प्रश्न 3
‘चंद्र गहना से लौटती बेर’ कविता में किस चिड़िया का वर्णन है? यह चिड़िया किसका प्रतीक हो सकती है?

उत्तर-
‘चंद्र गहना से लौटी बेर’ कविता में काले माथ वाली उस चिड़िया का वर्णन है जिसकी चोंच पीली और पंख सफ़ेद है। वह जल की सतह से काफ़ी ऊँचाई पर उड़ती है और मछली देखते ही झपट्टा मारती है। उसे चोंच में दबाकर आकाश में उड़ जाती है। यह चिड़िया किसी शोषण करने वाले व्यक्ति का प्रतीक है।

प्रश्न 4
‘चंद्र गहना से लौटती बेर’ कविता में वर्णित अलसी को किस रूप में प्रस्तुत किया गया है और क्यों?

उत्तर-
‘चंद्र गहना से लौटती बेर’ कविता में वर्णित अलसी को प्रेमातुर नायिकी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसका कारण यह है कि अलसी जिद पूर्वक चने के पास उग आई है। उसकी कमर लचीली औश्र देह पतली है। वह अपने शीश पर नीले फूल रखकर कहती है कि जो उसे छुएगा, उसको वह अपने हृदय का दान दे देगी।

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प्रश्न 1.
‘इस विजन में .अधिक है’- पंक्तियों में नगरीय संस्कृति के प्रति कवि का क्या आक्रोश है और क्यों?

उत्तर-
उपर्युक्त पंक्तियों में कवि ने नगरीय संस्कृति की व्यावसायिकता पर आक्रोश प्रकट किया है। उनके अनुसार, नगर के लोग व्यापार को महत्त्व देते हैं। वे प्रेम और सौंदर्य से बहुत दूर हैं। वे प्रकृति से भी कर चुके हैं। कवि इसे नगर संस्कृति का दुर्भाग्य मानता है।

प्रश्न 2.
सरसों को ‘सयानी’ कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?

उत्तर-
सरसों को सयानी कहकर कवि यह कहना चाहता है कि अब वह बड़ी हो गई है। उस पर आए फूलों के कारण उसका रूप-सौंदर्य निखर आया है।

प्रश्न 3.
अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।

उत्तर-
अलसी अल्हड़ नायिका है। उसकी कमर लचीली है, देह पतली है और स्वभाव से हठीली है। उसने अपने शीश पर नीले फूल धारण किए हुए हैं। वह मानो सबको प्रेम का खुला निमंत्रण देकर कह रही है-जो भी मुझे छुए, मैं उसे अपना दिल दे देंगी।

प्रश्न 4.
अलसी के लिए ‘हठीली’ विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है?

उत्तर-
अलसी के लिए ‘हठीली’ विशेषण का प्रयोग इसलिए किया गया है क्योंकि-

  • वह चने से सटकर उग आई है।
  • वह हवा से लहराकर बार-बार झुककर जमीन को छू जाती है और अगले ही पल तुरंत खड़ी हो जाती है।

प्रश्न 5.
‘चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा’ में कवि की किस सूक्ष्प कल्पना का आभास मिलता है?

उत्तर-
सरोवर के जल में सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं तो यों लगता है जैसे पानी के नीचे चाँदी का बड़ा गोल खंभा हो। रंग, चमक और रूप की समानता के कारण यह कल्पना मनोरम बन पड़ी है।

प्रश्न 6.
कविता के आधार पर हरे चने’ का सौंदर्य अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।

उत्तर-
‘ग्राम श्री’ कविता में वर्णित हरा चना आकार में एक बीते के बराबर है। उस पर आए फूल देखकर लगता है कि उसने गुलाबी पगड़ी बाँध रखी है। वह विवाह जैसे किसी मांगलिक कार्यक्रम में जाने के लिए तैयार दिखाई दे रहा है।

प्रश्न 7.
कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ-कहाँ किया है?

उत्तर-
कवि ने निम्न स्थलों पर प्रकृति का मानवीकरण किया है

  • यह हरा ठिगना चना,
    बाँधे मुरैठा शीश पर
    छोटे गुलाबी फूल का,
    सज कर खड़ा है।
  • पास ही मिल कर उगी है
    बीच में अलसी हठीली
    देह की पतली, कमर की है लचीली,
    नील फूले फूल को सिर पर चढ़ा कर
    कह रही है, जो छुए यह
    दें हृदय का दान उसको।
  • और सरसों की न पूछो
    हो गई सबसे सयानी,
    हाथ पीले कर लिए हैं।
    ब्याह-मंडप में पधारी।
  • फाग गाता मास फागुन
  •  हैं कई पत्थर किनारे
    पी रहे चुपचाप पानी,
    प्यास जाने कब बुझेगी!

प्रश्न 8.
कविता में से उन पंक्तियों को ढूंढ़िए जिनमें निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है और चारों तरफ़ सूखी और उजाड़ जमीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है

उत्तर-
उपर्युक्त भाव को व्यंजित करने वाली पंक्तियाँ हैं-
बाँझ भूमि पर
मीठा-मीठा रस टपकाता
इधर-उधर रीवा के पेड़
सुग्गे का स्वर
काँटेदार कुरूप खड़े हैं।
टें हें टें टें।
सुन पड़ता है।

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पाठ 13 ग्राम श्री  | Class 9th hindi Kshitiz Most Important Questions

NCERT important question for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 13 ग्राम श्री

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ क्यों कहा है?

उत्तर-
कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ इसलिए कहा है क्योंकि उसकी शोभा अनुराग है। खेतों में दूर-दूर तक मखमली हरियाली फैली हुई है। उस पर सूरज की धूप चमक रही है। इस शोभा के कारण पूरी वसुधा प्रसन्न दिखाई देती है। इसके कारण गेहूँ, जौ, अरहर, सनई, सरसों की फसलें उग आई हैं। तरह-तरह के फूलों पर रंगीन तितलियाँ मँडरा रही हैं। आम, बेर, आड़, अनार आदि मीठे फल पैदा होने लगे हैं। आलू, गोभी, बैंगन, मूली, पालक, धनिया, लौकी, सेम, टमाटर, मिर्च आदि खूब फल-फूल रहे हैं। गंगा के किनारे तरबूजों की खेती फैलने लगी है। पक्षी आनंद विहार कर रहे हैं। ये सब दृश्य मनमोहक बन पड़े हैं। इसलिए गाँव सचमुच जन-मन को हरता है।

प्रश्न 2.
कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है?

उत्तर-
कविता में सरदी के मौसम के सौंदर्य का वर्णन है। इसी समय गुलाबी धूप हरियाली से मिलकर हरियाली पर बिछी चाँदी की उजली जाली का अहसास कराती है और पौधों पर पड़ी ओस हवा से हिलकर उनमें हरारक्त होने का भान होता है। इसके अलावा खेत में सब्ज़ियाँ तैयार होने, पेड़ों पर तरह-तरह के फल आने, तालाब के किनारे रेत पर मँगरौठ नामक पक्षी के अलसीकर सोने से पता चलता है कि यह सरदी के मौसम का ही वर्णन है।

प्रश्न 3.
गाँव को ‘मरकत डिब्बे-सा खुला’ क्यों कहा गया है?

उत्तर-
गाँव में चारों ओर मखमली हरियाली और रंगों की लाली छाई हुई है। विविध फसलें लहलहा रही हैं। वातावरण मनमोहक सुगंधों से भरपूर है। रंगीन तितलियाँ उड़ रही हैं। चारों ओर रेशमी सौंदर्य छाया हुआ है। सूरज की मीठी-मीठी धूप इस सौंदर्य को और जगमगा रही है। इसलिए इस गाँव की तुलना मरकत डिब्बे से की गई है।

प्रश्न 4.
अरहर और सनई के खेत कवि को कैसे दिखाई देते हैं?

उत्तर-
अरहर और सनई फलीदार फ़सलें हैं। इनकी फ़सलें पकने पर, जब हवा चलती है तो इनमें से मधुर आवाज़ आती है। यह मधुर आवाज़ किसी स्त्री की कमर में बँधी करधनी से आती हुई प्रतीत होती है। इन्हीं मधुर आवाजों के कारण कवि को अरहर और सनई के खेत धरती की करधनी जैसे दिखाई देते हैं।

प्रश्न 5.
भाव स्पष्ट कीजिए-

  1. बालू के साँपों से अंकित गंगा की सतरंगी रेती।
  2. हँसमुख हरियाली हिम-आतप सुख से अलसाए-से सोए।

उत्तर-

  1. गंगा-तट की रेत बल-खाते साँप की तरह लहरदार है और वह विविध रंगों वाली है।
  2. हरियाली धूप के प्रकाश में जगमगाती हुई हँसमुख-सी लग रही है। सर्दी की धूप भी स्थिर और शांत है। उन्हें देखकर यों लगता है मानो दोनों अलसाकर एक-दूसरे के संग सो गए हों।

प्रश्न 6.
निम्न पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?

तिनकों के हरे हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक
उत्तर-

  1. हरे-हरे’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
  2. ‘हरे-हरे’ ‘हिल-हरित’ में अनुप्रास अलंकार है।
  3. ‘हरित रुधिर’-रुधिर का रंग हरा बताने के कारण विरोधाभास अलंकार है।
  4. ‘तिनकों के हरे-भरे तन पर’ में रूपक एवं मानवीकरण अलंकार है।

प्रश्न 7.
इस कविता में जिस गाँव का चित्रण हुआ है वह भारत के किस भू-भाग पर स्थित है?

उत्तर-
इस कविता में गंगा के तट पर बसे गाँव का चित्रण हुआ है।

प्रश्न 8.
भाव और भाषा की दृष्टि से आपको यह कविता कैसी लगी? उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर-
‘ग्राम श्री’ कविता में उस ग्रामीण सौंदर्य का चित्रण है जो लोगों के मन को अनायास अपनी ओर खींच लेता है। गाँव हरियाली से भरपूर है। यह खेतों में लहराती फ़सलें हैं जिन पर रंग-बिरंगे फूल खिले हैं तो दूसरी ओर फलों से लदे पेड़ भी हैं जिन पर पके फलं मुँह में पानी ला देते हैं।

कविता में गंगा की सतरंगी रेती और जल क्रीड़ा करते पक्षियों का चित्रण भी है। हरा-भरा गाँव देखकर लगता है कि यह मरकत का कोई डिब्बा हो। कविता की भाषा सरल सहज बोधगम्य, प्रवाहमयी है जिसमें चित्रमयता है। वर्णन इतना प्रभावी है कि सारा का सारा दृश्य आँखों के सामने साकार हो उठता है। कविता में अनुप्रास, रूपक मानवीकरण और विरोधाभास अलंकारों का सहज एवं स्वाभाविक प्रयोग है। इस तरह ग्राम श्री’ कविता भाव एवं भाषा की दृष्टि से उत्कृष्ट है।

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पाठ 12 कैदी और कोकिला  | Class 9th hindi Kshitiz Most Important Questions

NCERT important questions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 12 कैदी और कोकिला

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया थी?

उत्तर-
कोयल की कूक सुनकर कवि को लगा कि वह मानो उसे कुछ कहना चाहती है। या तो वह उसे निरंतर लड़ते रहने की प्रेरणा देना चाहती है या उसकी यातनाओं के दर्द को बाँटना चाहती है। उसे लगता है कि कोकिल कवि के कष्टों को देखकर आँसू बहा रही है और चुपचाप अँधेरे को बेधकर विद्रोह की चेतना जगा रही है। इसलिए अंत में कवि उसके इशारों पर आत्म-बलिदान करने को तैयार हो जाता है।

प्रश्न 2.
कवि ने कोकिल के बोलने के किन कारणों की संभावना बताई?

उत्तर-
कवि ने कोकिल के बोलने पर निम्नलिखित कारणों की संभावना जताई है-

  • कोयल जेल में बंद क्रांतिकारियों को देशवासियों की दुर्दशा के बारे में बताने आयी है।
  • कोयल कैदी क्रांतिकारियों को धैर्य बँधाने एवं दिलासा देने आई है।
  • कोयल कैदी क्रांतिकारियों के दुखों पर मरहम लगाने आई है।
  • कोयल पागल हो गई है जो आधी रात में चीख रही है।

प्रश्न 3.
किस शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है और क्यों?

उत्तर-
ब्रिटिश शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है।
क्यों ब्रिटिश शासकों ने बेकसूर भारतीयों पर घोर अत्याचार किए। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को कारागृह में तरह-तरह की यातनाएँ दीं। उन्हें कोल्हू के बैल की तरह जोता गया।

प्रश्न 4.
कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यंत्रणाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर-
पराधीन भारत की जेलों में भारतीयों को पशुओं की भाँति-रखा जाता था। उन्हें ऐसी यातनाएँ दी जाती थीं कि सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-

  • उन्हें ऊँची-ऊँची दीवार वाली जेलों में रखा जाता था।
  • उन्हें दस फुट की छोटी-छोटी कोठरियों में रखा जाता था।
  • उन्हें भरपेट खाना नहीं दिया जाता था।
  • उनके साथ पशुओं-सा व्यवहार किया जाता था।
  • उन्हें बात-बात पर गालियाँ दी जाती थीं।
  • उन्हें तड़प-तड़पकर मरने के लिए छोड़ दिया जाता था।

प्रश्न 5.
भाव स्पष्ट कीजिए

(क) मृदुल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो!
(ख) हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ, खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कुँआ।
उत्तर-
(क) कवि के अनुसार, वैसे तो संसार में कष्ट-ही-कष्ट हैं। यदि कहीं कुछ मृदुलता और सरसता बची है तो वह कोयल के मधुर स्वर में बची है। अतः कोयल मृदुलता की रखवाली करने वाली है। वह उससे पूछता है कि आखिर वह जेल में अपना मधुर स्वर गुँजाकर उसे क्या कहना चाहती है!

(ख) इसमें जेल की असहनीय यातनाएँ झेलता हुआ कवि स्वाभिमानपूर्वक कहता है कि वह अपने पेट पर कोल्हू का जूआ बाँधकर चरसा चला रहा है। आशय यह है कि उससे पशुओं जैसा सख्त काम लिया जा रहा है। फिर भी वह हार नहीं मान रहा। इससे ब्रिटिश सरकार की अकड़ ढीली पड़ रही है। अंग्रेज़ों को बोध हो गया है कि अब अत्याचार करने से भी वे सफल नहीं हो सकते।

प्रश्न 6.
अर्धरात्रि में कोयल की चीख से कवि को क्या अंदेशा है?

उत्तर-
आधी रात में कोयल की चीख सुनकर कवि को यह अंदेशा होता है कि उसने भारतीयों के आक्रोश एवं असंतोष की ज्वाला देख ली होगी। यह ज्वाला जंगल में लगने वाली आग के समान भयंकर रही होगी। कोयल उसी ज्वाला (क्रांति) की सूचना देने जेल परिसर के पास आई है।

प्रश्न 7.
कवि को कोयल से ईष्र्या क्यों हो रही है?

उत्तर-
कवि को कोयल से इसलिए ईर्ष्या हो रही है क्योंकि कोयल स्वतंत्र है, जबकि कवि बंदी है। कोयल हरियाली का आनंद ले रही है, जबकि कवि दस फुट की अँधेरी कोठरी में जीने के लिए विवश है। कोयल के गान की सभी सराहना करते हैं, जबकि कवि के लिए रोना भी गुनाह हो गया है।

प्रश्न 8.
कवि के स्मृति-पटल पर कोयल के गीतों की कौन सी मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं, जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है?

उत्तर-
कवि के स्मृति पटल पर कोयल की कर्णप्रिय अत्यंत मधुर स्वर की स्मृतियाँ अंकित हैं, जिन्हें अब वह नष्ट करने पर तुली है।

प्रश्न 9.
हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है?

उत्तर-
गहना उस आभूषण को कहते हैं, जो धारणकर्ता का गौरव और सौंदर्य बढ़ाए। पं. माखनलाल चतुर्वेदी जैसे क्रांतिकारी, जिन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए स्वयं प्रेरणा से संघर्ष का मार्ग अपनाया था, जेल को अपना प्रिय आवास तथा हथकड़ियों को गहना समझते थे। उन्हें किसी गलत कार्य के लिए हथकड़ी नहीं पहननी पड़ी। उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के महान उद्देश्य के लिए हथकड़ियाँ स्वीकार कीं, अतः उनसे उनका गौरव बढ़ा। समाज ने उन्हें उन हथकड़ियों के लिए प्रतिष्ठा दी। इसलिए उन्होंने हथकड़ियों को गहना कहा।

प्रश्न 10.
‘काली तू …. ऐ आली!’-इन पंक्तियों में ‘काली’ शब्द की आवृत्ति से उत्पन्न चमत्कार का विवेचन कीजिए।

उत्तर-
‘काली तू … ऐ आली!’ इन पंक्तियों में काली शब्द की आवृत्ति हुई है। इस शब्द का अर्थ भी उसके संदर्भानुसार है। संदर्भ के अनुसार काली शब्द के निम्नलिखित अनेक अर्थ हैं-

  • हथकड़ियाँ रात, कोयल आदि का रंग काला बताने के लिए।
  • अंग्रेजों के अन्यायपूर्ण कारनामें बताने के लिए।
  • पराधीन भारतीयों का भविष्य अंधकारमय बताने के लिए।
  • अंग्रेज़ों के प्रति भारतीयों के मन में उठने वाले आक्रोश के संबंध में।
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पाठ 11 सवैये | Class 9th hindi Kshitiz Most Important Questions

NCERT important questions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 11 सवैये

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
ब्रजभूमि के प्रति कवि का प्रेम किन-किन रूपों में अभिव्यक्त हुआ है?

उत्तर-
कवि को ब्रजभूमि से गहरा प्रेम है। वह इस जन्म में ही नहीं, अगले जन्म में भी ब्रजभूमि का वासी बने रहना चाहता है। ईश्वर अगले जन्म में उसे ग्वाला बनाएँ, गाय बनाएँ, पक्षी बनाएँ या पत्थर बनाएँ-वह हर हाल में ब्रजभूमि में रहना चाहता है। वह ब्रजभूमि के वन, बाग, सरोवर और करील-कुंजों पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने को भी तैयार है।

प्रश्न 2.
कवि का ब्रज के वन, बाग और तालाब को निहारने के पीछे क्या कारण हैं?

उत्तर-
कवि का ब्रज के वन-बाग और तालाब निहारने का कारण यह है कि वह इन सबसे श्रीकृष्ण का जुड़ाव महसूस करता है। कवि श्रीकृष्ण का अनन्य भक्त है। अपने आराध्य से जुड़ी वस्तुएँ उसे शांति और आनंद की अनुभूति कराती है।

प्रश्न 3.
एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार है?

उत्तर-
कवि के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण हैं-कृष्ण। इसलिए कृष्ण की एक-एक चीज़ उसके लिए महत्त्वपूर्ण है। यही कारण है कि वह कृष्ण की लाठी और कंबल के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार है।

प्रश्न 4.
सखी ने गोपी से कृष्ण का कैसा रूप धारण करने का आग्रह किया था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर-
सखी ने गोपी से कृष्ण का ठीक वैसा ही रूप धारण करने का अग्रह किया था जैसा कृष्ण दिखते थे। इसके लिए उसने सिर पर मोर पंखों को बना मुकुट, गले में गूंज की माला, शरीर पर पीला वस्त्र पहने और हाथ में लाठी लेने का अग्रह किया था।

प्रश्न 5.
आपके विचार से कवि पशु, पक्षी और पहाड़ के रूप में भी कृष्ण का सान्निध्य क्यों प्राप्त करना चाहता है?

उत्तर-
कवि पशु, पक्षी और पहाड़ के रूप में भी कृष्ण का सान्निध्य इसलिए प्राप्त करना चाहता है क्योंकि इन सबके साथ श्रीकृष्ण का जुड़ाव किसी न किसी रूप में रहा था।

प्रश्न 6.
चौथे सवैये के अनुसार गोपियाँ अपने आप को क्यों विवश पाती हैं?

उत्तर-
चौथे सवैये के अनुसार गोपियाँ अपने आपको इसलिए विवश पाती हैं क्योंकि श्रीकृष्ण की मुसकान अत्यंत आकर्षक है। इस मुसकान के आकर्षण से बच पाना उनके लिए कठिन हो जाता है। इस मुसकान के कारण वे अपने तन-मन पर अपना नियंत्रण नहीं रख पाती है।

प्रश्न 7.
भाव स्पष्ट कीजिए-

(क) कोटिक ए कलधौत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौं।
(ख) माइ री वा मुख की मुसकानि सम्हारी न जैहै, न जैहै, न जैहै।
उत्तर-
(क) रसखान ब्रजभूमि से इतना प्रेम करते हैं कि वे वहाँ के काँटेदार करील के कुंजों के लिए करोड़ों महलों के सुखों को भी न्योछावर करने को तैयार हैं। आशय यह है कि वे महलों की सुख-सुविधा त्यागकर भी उस ब्रजभूमि पर रहना पसंद करते हैं।

(ख) एक गोपी कृष्ण की मधुर-मोहिनी मुसकान पर इतनी मुग्ध है कि उससे कृष्ण की मोहकता झेली नहीं जाती। वह पूरी तरह उस पर समर्पित हो गई है।

प्रश्न 8.
‘कालिंदी कुल कदंब की डारन’ में कौन-सा अलंकार है?

उत्तर-
‘कालिंदी कूल कदंब की डारन’ में ‘क’ वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है।

प्रश्न 9.
काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए

या मुरली मुरलीधर की अधरा न धरी अधरा न धरौंगी।।
उत्तर-
इसमें यमक अलंकार का सौंदर्य है। ‘मुरली मुरलीधर’ में सभंग यमक है। ‘अधरान’ धरी ‘अधरा न’ में भी सभंग यमक है।

अधरान = अधरों पर
अधरा न = होठों पर नहीं।
अनुप्रास अलंकार का सौंदर्य भी देखते बनता है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 10.
प्रस्तुत सवैयों में जिस प्रकार ब्रजभूमि के प्रति प्रेम अभिव्यक्त हुआ है, उसी तरह आप अपनी मातृभूमि के प्रति अपने मनोभावों को अभिव्यक्त कीजिए।

उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 11.
रसखान के इन सवैयों का शिक्षक की सहायता से कक्षा में आदर्श वाचन कीजिए। साथ ही किन्हीं दो सवैयों को कंठस्थ कीजिए।

उत्तर-
छात्र अध्यापक की मदद से स्वयं करें।

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