A Photograph Summary In English
The photograph pasted on the cardboard shows two girl cousins Betty and Dolly who went paddling in the sea with the poetess mother. Each of them was holding one of the hands of the poet’s mother, who was a big girl of some twelve year or so at that time. Her uncle had a camera. All three stood still facing the camera. They pushed their hair aside to smile. Thus the photograph presents three smiling faces. The face of the poet’s mother is a sweet one. It was of a time before she was born. Their feet, which were being washed by sea water for a very short time, have been photographed along with the sea, which appears to have changed less. The poet thus indirectly hints that her mother’s face has changed over the years.
After a lapse of time, say some twenty or thirty years later, the poet’s mother would laugh at the snapshot. She would refer to the photograph and recollect how her cousins Betty and Dolly had dressed themselves for the beach when they went on a sea holiday. She laughs as she sees the scanty dress. This sea holiday was an event of her past. Her laughter is real and pleasant for the poet. It is a precious memory for her. Both—her holiday and her laughter are amusing in an ironic way as they are linked with her loss which requires a forced state of freedom from pain.
Now the poet’s mother is dead for nearly as many years as that girl in the picture lived. The poet feels at a loss of words to comment on this event–her death. It is a solemn moment and its silence makes her silent. Thus the poetess pays a tribute to her mother. It is the old photograph that moves her to silence.
A Photograph Summary In Hindi
गत्ते पर चिपका फोटोग्राफ, बेट् तथा डॉली, दो चचेरी बहनों को दिखाता है जो कवयित्री की माँ के साथ समुद्र में तैरने गई थी। उनमें से प्रत्येक कवयित्री की माँ का एक-एक हाथ पकड़े हुए थी। उस समय कवयित्री की माँ बारह वर्ष की लड़की थी। उनके चाचाजी के पास एक कैमरा था। तीनों कैमरे की तरफ मुख करके शान्त खड़ी रहीं। उन्होंने मुस्कराने के लिये अपने बाल एक तरफ झटके। इस प्रकार यह फोटोग्राफ तीन मुस्कराते हुए चेहरे प्रस्तुत करता है। कवयित्री की माँ का चेहरा अत्यन्त प्यारा है। यह उसके जन्म से पहले के समय का है। उनके पैर, जो कि समुद्र के जल द्वारा थोड़े समय के लिए धोए जा रहे थे, समुद्र के जल के साथ चित्रित किये गये हैं। समुद्र में बहुत कम परिवर्तन हुआ लगता है। इस प्रकार कवयित्री परोक्ष रूप से संकेत देती है कि समय बीतने के साथ माँ के चेहरे में परिवर्तन हुआ है।
समय बीतने के साथ, यूँ कह लीजिए 20 या 30 वर्ष पश्चात्, कवयित्री की माँ इस फोटो पर हँसती है। वह इस फोटो की ओर संकेत करके याद करती है कि जब वह समुद्र पर छुट्टियाँ मनाने गई थी तो बेट् और डॉली ने समुद्र तट के लिए स्वयं को किस प्रकार की वेश-भूषा से सुसज्जित किया था। वह इस संक्षिप्त पोशाक को देख कर हँसती है। समुद्र की यह छुट्टी उसके भूतकाल का एक अंश है। उसकी हँसी कवयित्री के लिये वास्तविक तथा सुखद है। यह उसके लिए बहुमूल्य स्मृति है। उसकी छुट्टियाँ तथा हँसी-दोनों ही एक विडम्बनापूर्ण ढंग से आनन्ददायक है क्योंकि वे उस हानि से जुड़ी हुई हैं जिसकी पीड़ा से मुक्ति के लिए बल देने की आवश्यकता पड़ती है।
अब कवयित्री की माँ को मरे लगभग उतना समय हो चुका है जितने समय तक चित्र वाली वह लड़की जीवित रही। कवयित्री अपनी माँ के देहावसान की घटना पर कुछ शब्द कहने में स्वयं को असमर्थ पाती है। यह एक गम्भीर क्षण है तथा इसकी चुप्पी उसे शान्त कर देती है। इस प्रकार कवयित्री अपनी माँ को श्रद्धांजलि समर्पित करती है। यह वह फोटोग्राफ है जो उसे द्रवित करके चुप करा देता है।
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