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Chapter 2 पतंग (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)
प्रश्न 1:पतंग कविता का प्रतिपाद्य बताइए।
उत्तर –
इस कविता में कवि ने बालसुलभ इच्छाओं व उमंगों का सुंदर वर्णन किया है। पतंग बच्चों की उमंग व उल्लास का रंगबिरंगा सपना है। शरद ऋतु में मौसम साफ़ हो जाता है। चमकीली धूप बच्चों को आकर्षित करती है। वे इस अच्छे मौसम में पतंगें उड़ाते हैं। आसमान में उड़ती हुई पतंगों को उनका बालमन छूना चाहता है। वे भय पर विजय पाकर गिर गिर कर भी सँभलते रहते हैं। उनकी कल्पनाएँ पतंगों के सहारे आसमान को पार करना चाहती हैं। प्रकृति भी उनका सहयोग करती है, तितलियाँ उनके सपनों की रंगीनी को बढ़ाती हैं।
प्रश्न 2:शरद ऋतु और भादों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर –
भादों के महीने में काले-काले बादल घुमड़ते हैं और तेज बारिश होती है। बादलों के कारण अँधेरा-सा छाया रहता है। इस मौसम में जीवन रुक-सा जाता है। इसके विपरीत, शरद ऋतु में रोशनी बढ़ जाती है। मौसम साफ़ होता है, धूप चमकीली होती है और चारों तरफ उमंग का माहौल होता है।
प्रश्न 3:शरद का आगमन किसलिए होता है?
उत्तर =
शरद का आगमन बच्चों की खुशियों के लिए होता है। वे पतंग उड़ाते हैं। वे दुनिया की सबसे पतली कमानी के साथ सबसे हलकी वस्तु को उड़ाना शुरू करते हैं।
प्रश्न 4बच्चों के बारे में कवि ने क्या-क्या बताया हैं?
उत्तर –
बच्चों के बारे में कवि बताता है कि वे कपास की तरह नरम व लचीले होते हैं। वे पतंग उड़ाते हैं तथा झुंड में रहकर सीटियाँ बजाते हैं। वे छतों पर बेसुध होकर दौड़ते हैं तथा गिरने पर भयभीत नहीं होते। वे पतंग के साथ मानो स्वयं भी उड़ने लगते हैं।
प्रश्न 5:प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने ‘सबसे’ शब्द का प्रयोग कई बार किया हैं, क्या यह सार्थक हैं?
उत्तर –
कवि ने हलकी, रंगीन चीज, कागज, पतली कमानी के लिए ‘सबसे’ शब्द का प्रयोग सार्थक ढंग से किया है। कवि ने यह बताने की कोशिश की है कि पतंग के निर्माण में हर चीज हलकी होती है क्योंकि वह तभी उड़ सकती है। इसके अतिरिक्त वह पतंग को विशिष्ट दर्जा भी देना चाहता है।
प्रश्न 6:किन-किन शब्दों का प्रयोग करके कवि ने इस कविता को जीवत बना दिया हैं?
उत्तर –
– तेज़ बौछारें गई – भादों गया।
– नयी चमकीली तेज साइकिल – चमकीले इशारे
– अपने साथ लाते हैं कपास – छतों को भी नरम बनाते हुए
प्रश्न 7:’किशोर और युवा वर्ग समाज के मार्गदर्शक हैं।’ -‘पतंग’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर =
कवि ने ‘पतंग’ कविता में बच्चों के उल्लास व निर्भीकता को प्रकट किया है। यह बात सही है कि किशोर और युवा वर्ग उत्साह से परिपूर्ण होते हैं। किसी कार्य को वे एक धुन से करते हैं। उनके मन में अनेक कल्पनाएँ होती हैं। वे इन कल्पनाओं को साकार करने के लिए मेहनत करते हैं। समाज में विकास के लिए भी इसी एकाग्रता की जरूरत है। अत: किशोर व युवा वर्ग समाज के मार्गदर्शक हैं।
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