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भारतवर्ष की उन्नति ऐसे हो सकती है Class 11 Antra Chapter 9 Question Answer
प्रश्न-अभ्यास
Question 1: पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि ‘इस अभागे आलसी देश में जो कुछ हो जाए वहीं बहुत कुछ है क्यों कहा गया है?
Answer:पाठ में भारतेंदु जी ने बताया है कि भारतीय लोगों में आलस समा गया है। इस कारण वे काम करने से बचते हैं। देश में बेरोज़गारी बढ़ गई है। यह देखते हुए उन्होंने कहा है कि अभागे आलसी देश में जो कुछ हो जाए वही बहुत कुछ है। वह कहते हैं कि इसके लिए हमें सबसे पहले अपने अंदर व्याप्त आलस को हटाना होगा। भारतीयों ने निकम्मेपन का जो रोग पाल रखा है, उससे निजात पाना होगा। आलस मनुष्य को परिश्रम करने से रोकता है। इस तरह मनुष्य का और देश का विकास रुक जाता है।
Question 2: ‘जहाँ रॉबर्ट साहब बहादुर जैसे कलेक्टर हों, वहाँ क्यों न ऐसा समाज हो’ वाक्य में लेखक ने किस प्रकार के समाज की कल्पना की है?
Answer:इस वाक्य को लेखकर ने ऐसे समाज की कल्पना की जहाँ का राजा सजग हो। जहाँ का राजा सजग होगा, वहाँ के लोगों को सजग होना पड़ेगा। उनके अंदर आलस नहीं होगा। अपने तथा राज्य के विकास के लिए समाज को काम करना पड़ेगा। समाज की सजगता के कारण चारों ओर उन्नति तथा विकास होगा।
Question 3: जिस प्रकार ट्रेन बिना इंजिन के नहीं चल सकती ठीक उसी प्रकार ‘हिंदुस्तानी लोगों को कोई चलानेवाला हो’ से लेखक ने अपने देश की खराबियों के मूल कारण खोजने के लिए क्यों कहा है?
Answer:लेखक मानते हैं कि हिदुस्तानी लोग आलस के कारण बेकार हो गए हैं। उनकी जो योग्यताएँ और क्षमताएँ हैं, वे आलसपने के कारण समाप्त हो गई हैं। अब उनमें नेतृत्व का गुण नहीं रहा है। उन्हें ट्रेन के इंजन की भांति कोई-न-कोई नेतृत्व करने वाला चाहिए। पूरे भारत में अलग-अलग जाति, संप्रदाय आदि के लोग रहते हैं। इनमें स्वयं चलने की क्षमता है ही नहीं। इन्हें सदियों से एक बाहरी व्यक्ति ही अपने इशारे पर नचा रहा है। यह सही नहीं है। अतः लेखक कहता है कि हमें इसका कारण खोजना पड़ेगा। हम जब तक कारण की जड़ नहीं खोज पाएँगे, तब तक हम समस्या को नहीं पहचान पाएँगे। हमें चाहिए कि समस्या को ढूँढे और उसका हल निकालें। हम भारतीयों में यही कमी है कि हम समस्या को तो पहचान लेते हैं लेकिन कारण की जड़ नहीं ढूँढते। जिस दिन हमने यह पहचान लिया, उस दिन हमारे दिन फिर जाएँगे।
Question 4: देश की सब प्रकार की उन्नति हो, इसके लिए लेखक ने जो उपाय बताए उनमें से किन्हीं चार का उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए।
Answer:पाठ में लेखक ने देश की उन्नति के चार उपाय बताएँ हैं। वे इस प्रकार हैं-(क) लेखक कहता है कि आलस्य हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है। उसी ने हमें निकम्मा बनाया हुआ है। अतः हमें इस आलस्य को त्यागना होगा और अपने समय का सही सदुपयोग करना होगा। इस तरह हम समय का सही उपयोग करके उन्नति के मार्ग में चल सकते हैं।(ख) हमें अपने स्वार्थों तथा हितों का त्याग करना होगा। लेखक के अनुसार हमें अपने देश, जाति, समाज इत्यादि के लिए अपने स्वार्थों तथा हितों का त्याग करना होगा।(ग) शिक्षा के महत्व को समझना होगा। हमें शिक्षा के महत्व को समझकर उसे भारत के घर-घर पहुँचाना होगा। इस तरह शिक्षित भारत की उन्नति निश्चित है।(घ) हमें भारत से बाहर जाकर भी अन्य स्थानों को समझना होगा। इस तरह हम कुएँ का मेंढक नहीं रहेंगे और हमारी तरक्की अवश्य होगी।
Question 5: लेखक जनता के मत-मतांतर छोड़कर आपसी प्रेम बढ़ाने का आग्रह क्यों करता है?
Answer:लेखक जानता है कि भारतीय जनता के पिछड़ेपन के पीछे सबसे बड़ा कारण यहाँ व्याप्त जाति तथा धार्मिक भेदभाव है। इसी ने भारत की नींव को खोखला किया हुआ है। इसी के कारण भारत की एकता तथा अखण्डता खंडित हो रही है। लोग धर्म तथा जाति के नाम पर दिलों में दूरियाँ बनाए हुए हैं। इसका फायदा दूसरे ले रहे हैं। अंग्रेज़ों ने ही ‘फूट डालो शासन करो की नीति’ से यहाँ पर राज़ किया है। जिस दिन भारतीय मत-मतांतर को छोड़कर आपसी प्रेम बढ़ाने लगेंगे, हमारा देश एकता के सूत्र में बंध जाएगा। कोई ऐसी शासन-व्यवस्था नहीं होगी, जो हमें गुलाम बनाकर रख सके। अतः वह मत-मतांतर छोड़कर आपसी प्रेम बढ़ाने का आग्रह करता है।
Question 6: आज देश की आर्थिक स्थिति के संदर्भ में निम्नलिखित वाक्य को एक अनुच्छेद में स्पष्ट कीजिए-‘जैसे हज़ार धारा होकर गंगा समुद्र में मिली हैं, वैसी ही तुम्हारी लक्ष्मी हज़ार तरह से इंग्लैड, फरांसीस, जर्मनी, अमेरिका को जाती हैं।’
Answer:लेखक कहता है कि भारत का पैसा आज हज़ार रुपों में होता हुआ इंग्लैंड, फरांसीस, जर्मनी तथा अमेरिका में जा रहा है। आज की स्थिति पूरी तरह ऐसी नहीं है फिर भी हमारा पैसा इन देशों में जा रहा है। आज भी भारतीय विदेशी ब्राँड के कपड़े, जूते, घड़ियाँ, इत्र इत्यादि पहनते हैं और पैसे बाहर जाता है। हम भी व्यापारिक लेन-देन के कारण विदेशी मुद्रा भारत लाते हैं। इस तरह स्थिति बराबर की बनी हुई है।
Question 7: आपके विचार से देश की उन्नति किस प्रकार संभव है? कोई चार उदाहरण तर्क सहित दीजिए।
Answer:हमारे विचार से देश की उन्नति के लिए ये चार उपाय कारगर हैं।-
(क) हमें आलस्य नहीं करना चाहिए। हमेशा कार्य करते रहना चाहिए। इस तरह हम समय के मूल्य को पहचानकर उसका सही सदुपयोग कर पाएँगे।
(ख) हमें अपने साथ-साथ देशों के विकास और उन्नति के लिए भी कार्य करना चाहिए। वैसे ही सर्व विदित है कि हम विकास और उन्नति की तरफ अग्रसर होते हैं, तो देश की उन्नति और विकास भी होता चला जाता है। देश से हम जुड़े हुए हैं। अतः हम उन्नति करते हैं, तो देश भी करेगा।
(ग) देश में शिक्षा का प्रसार करना आवश्यक है। जहाँ शिक्षा है, वहाँ विकास के मार्ग खुल जाते हैं। अतः प्रयास करना चाहिए कि देश में कोई अशिक्षित न रहें।
(घ) हमें जनसंख्या पर नियंत्रण रखना होगा। हमारे देश के साधन आबादी के कारण जल्दी समाप्त हो जाएँगे और हमें दूसरे देशों में निर्भर होना पड़ेगा। अतः हमें जनसंख्या को बढ़ने से रोकना होगा।
Question 8: भाषण की किन्हीं चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए कि पाठ ‘भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है?’ एक भाषण है।
Answer:भाषण की चार विशेषताएँ इस प्रकार हैं।-
(क) भाषण संबोधन शैली पर आधारित होते हैं। इसे आरंभ ही संबोधन से किया जाता है।
(ख) भाषण के समय ऐसे उदाहरण जनता के सम्मुख रखे जाते हैं, जो उन्हें विषय से जोड़े रखें और बात को प्रभावी बनाएँ।
(ग) श्रोताओं को किसी विषय पर अवगत कराने के लिए यह सबसे उत्तम साधन है। इसके माध्यम से श्रोताओं का विश्वास हासिल किया जाता है। यह श्रोता से संबंध स्थापित करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
(घ) ऐसे प्रसंगों का उल्लेख करना आवश्यक है, जो श्रोता के लिए नई और ज्ञानवर्धक हो।भारतेन्दु जी का यह भाषण सुविख्यात है। इसके माध्यम से इन्होंने बलिया के लोगों को संबंधित किया। इसमें उन्होंने भारत के लोगों की कमियाँ बताई, ब्रिटिश शासन पर व्यंग्य किया तथा उनके कार्यों के लिए उनकी सराहना भी की है। इसमें उन्होंने कई विषयों पर बात की। लोगों को चेताने और सजग करने के उद्देश्य यह भाषण दिया। इस भाषण में हर उस विषय को रखा गया, जो भारत को किसी न किसी रूप से कमज़ोर बना रहा था।
Question 10: निम्नलिखित गद्यांशों की व्याख्या कीजिए-
(क) सास के अनुमोदन से …………….. फिर परदेस चला जाएगा।
(ख) दरिद्र कुटुंबी इस तरह …………… वही दशा हिंदुस्तान की है।
(ग) वास्तविक धर्म तो ……………….. शोधे और बदले जा सकते हैं।
Answer:
(क) लेखक भारवासियों के आलस्य प्रवृत्ति पर उदाहरण के माध्यम से कटाक्ष करते हैं। वह बताते हैं कि एक बहू अपनी सास से पति से मिलने की आज्ञा लेकर पति के पास गई। वहाँ उसका मिलन नहीं हो पाया। कारण वह लज्जा के कारण कुछ बोल ही नहीं पायी। सारी परिस्थितियाँ उसके अनुकूल थीं। मगर लज्जा उसके मार्ग की सबसे बड़ी बाधा बन गई। उसे इस कारण पति का मुख देखना भी नसीब नहीं हुआ। अब इसे उसका दुर्भाग्य ही कहें कि अगले दिन उसका पति वापिस जाने वाला था। अतः उसने आया अवसर गँवा दिया। इसके माध्यम से लेखक बताना चाहते हैं कि भारवासियों को सभी प्रकार के अवसर मिले हुए हैं। भारतवासियों में आलस्य इस प्रकार छाया हुआ है कि वह इस अवसर का सही उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इसके बाद यह अवसर चला गया, तो हमारे पास दुख और पछतावे के अतिरिक्त कुछ नहीं बचेगा।
(ख) इसका आशय है कि एक गरीब परिवार समाज में अपनी इज्जत बचाने में असमर्थ हो जाता है। लेखक एक उदाहरण के माध्यम से अपनी बात स्पष्ट करते हैं। वे कहते हैं कि गरीब तथा कुलीन वधू अपने फटे हुए वस्त्रों में अपने अंगों को छिपाकर अपनी इज्जत बचाने का हर संभव प्रयास करती है। भाव यह है कि उसके पास साधन बहुत ही सीमित हैं और वह उसमें ही कोशिश करती है। ऐसे ही भारतावासियों के हाल है। चारों ओर गरीबी विद्यमान है। सभी गरीबी से त्रस्त हैं। इसके कारण लोग अपनी इज्जत बचा पाने में असमर्थ हो रहे हैं। यह गद्यांश भारत की गरीबी का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करता है।
(ग) यह गद्यांश उस स्वरूप को दर्शाता है, जो भारत में विद्यमान धर्मों का है। धर्म मनुष्य को भगवान के चरण कमलों की भक्ति करने के लिए कहता है। हमें इसे समझना होगा। जो अन्य बातें धर्म के साथ जोड़ी गई हैं, वे समाज-धर्म कहलाती हैं। समय और देश के अनुसार इनमें परिवर्तन किया जाना चाहिए। धर्म का मूल स्वरूप हमेशा एक सा रहता है। बस हमें उसके व्यावहारिक पक्ष को बदलने का प्रयास करना चाहिए।
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