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Chapter - 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज
MCQs
Question 1.
‘संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाजी हो गया’-पाठ किस विधा पर आधारित है?
(a) एकांकी
(b) संस्मरण
(c) जीवनी
(d) साक्षात्कार।
Answer
Answer: (d) साक्षात्कार।
Question 2.
धनराज का बचपन कहाँ बीता?
(a) अमृतसर में
(b) मुंबई में
(c) खिड़की नामक गाँव में
(d) दिल्ली में।
Answer
Answer: (c) खिड़की नामक गाँव में
Question 3.
धनराज ने किस उम्र में जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेली?
(a) चौदह साल
(b) पंद्रह साल
(c) सोलह साल
(d) सत्रह साल में।
Answer
Answer: (c) सोलह साल
Question 4.
‘बैचलर ऑफ हॉकी’ कहने का अभिप्राय क्या है?
(a) हॉकी में ग्रेजुएट
(b) वरिष्ठ खिलाड़ी
(c) हॉकी खेल में पारंगत
(d) हॉकी सिखानेवाला।
Answer
Answer: (c) हॉकी खेल में पारंगत
Question 5.
धनराज कहीं आने-जाने के लिए किस वाहन का प्रयोग करते थे?
(a) बस
(b) मोटर साइकिल
(c) कार
(d) लोकल ट्रेन।
Answer
Answer: (d) लोकल ट्रेन।
Question 6.
धनराज को जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेलों के लिए कब चयनित किया गया था?
(a) 1980
(b) 1985
(c) 1990
(d) 1995
Answer
Answer: (b) 1985
Question 7.
धनराज कितने कक्षा तक पढ़ाई की?
(a) नौवीं
(b) दसवीं
(c) ग्यारहवीं
(d) बारहवीं
Answer
Answer: (b) दसवीं
Question 8.
महाराष्ट्र सरकार ने धनराज को कैसे सम्मानित किया?
(a) कार भेंटकर
(b) फ़्लैट भेंटकर
(c) स्वर्ण पदक देकर
(d) मोटर साइकिल देकर।
Answer
Answer: (b) फ़्लैट भेंटकर
(1)
मैंने अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी सन् 1985 में मणिपुर में खेली। तब मैं सिर्फ 16 साल का था-देखने में दुबला-पतला और छोटे बच्चे जैसा चेहरा…। अपनी दुबली कद-काठी के बावजूद मेरा दबदबा था कि कोई मुझसे भिड़ने की कोशिश नहीं करता था। मैं बहुत जुझारू था-मैदान में भी और मैदान से बाहर भी। 1986 में मुझे सीनियर टीम में डाल दिया गया और मैं बोरिया-बिस्तरा बाँधकर मुंबई चला आया। उस साल मैंने और मेरे बड़े भाई रमेश ने मुंबई लीग में बेहतरीन खेल खेला-हमने खूब धूम मचाई। इसी के चलते मेरे अंदर एक उम्मीद जागी कि मुझे ओलंपिक (1988) के लिए नेशनल कैंप से बुलावा ज़रूर आएगा, पर नहीं आया। मेरा नाम 57 खिलाड़ियों की लिस्ट में भी नहीं था। बड़ी मायूसी हुई। मगर एक साल बाद ही ऑलविन एशिया कप के कैंप के लिए मुझे चुन लिया गया। तब से लेकर आज तक मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
Question 1.
धनराज ने किस उम्र में जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेली।
(a) 12 वर्ष
(b) 14 वर्ष
(c) 16 वर्ष
(d) 18 वर्ष।
Answer
Answer: (c) 16 वर्ष
Question 2.
‘लड़ाकू’ शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग है?
(a) लडू
(b) डाकू
(c) आकू
(d) कू।
Answer
Answer: (c) आकू
Question 3.
धनराज में खेल के लिए क्या आवश्यक गुण था?
(a) दुबलापन
(b) कम उम्र
(c) जुझारूपन
(d) बच्चे जैसा चेहरा।
Answer
Answer: (c) जुझारूपन
Question 4.
1986 ई० में धनराज के जीवन में क्या महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आया?
(a) खिलाड़ी के रूप में पहचान पाना
(b) राष्ट्रीय टीम में शामिल होना
(c) क्षेत्रीय टीम में चयन होना
(d) जूनियम हॉकी टीम में चयनित होना।
Answer
Answer: (b) राष्ट्रीय टीम में शामिल होना
(2)
मेरी तुनुकमिज़ाजी के पीछे कई वजहें हैं, लेकिन मैं बिना लाग-लपेटवाला आदमी हूँ। मन में जो आता है, सीधे-सीधे कह डालता हूँ और बाद को कई बार पछताना भी पड़ता है। मुझसे अपना गुस्सा रोका नहीं जाता। दूसरे लोगों को भी मुझे उकसाने में मज़ा आता है। मुझे जिंदगी में हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए जूझना पड़ा, जिससे मैं चिड़चिड़ा हो गया हूँ। साथ-ही-साथ मैं बहुत भावुक इनसान भी हैं। मैं किसी को तकलीफ़ में नहीं देख सकता। मैं अपने दोस्तों और अपने परिवार की बहुत कद्र करता हूँ। मुझे अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगने में कोई शरम महसूस नहीं होती।
Question 1.
धनराज के स्वभाव में कमी क्या थी?
(a) क्रोध आना
(b) हँसमुख होना
(c) तुनुकमिज़ाजी
(d) दिलदार।
Answer
Answer: (c) तुनुकमिज़ाजी
Question 2.
धनराज की तुनुकमिज़ाजी के कारण थे?
(a) उन्हें अपने खेल पर गर्व था
(b) कुछ पाने के लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ा
(c) किसी से मेलजोल से दूर रहना
(d) इनमें से कोई नहीं।
Answer
Answer: (b) कुछ पाने के लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ा
Question 3.
धनराज को सफलता प्राप्त करने के लिए संघर्ष क्यों करना पड़ा?
(a) अयोग्य होने के कारण
(b) गरीबी के कारण
(c) लापरवाही के कारण
(d) परिश्रमी होने के कारण।
Answer
Answer: (b) गरीबी के कारण
Question 4.
धनराज के स्वभाव की विशेषता थी?
(a) अहंकारी होना
(b) दयालु होना
(c) कर्मठ होना
(d) उपर्युक्त सभी।
Answer
Answer: (b) दयालु होना
Question 5.
धनराज किसकी कद्र करता था?
(a) परिवार की
(b) दोस्तों की
(c) माँ की
(d) उपर्युक्त सभी।
Answer
Answer: (c) माँ की
(3)
कुछ रुपये ईनाम में मिले थे, मगर आज खिलाड़ियों को जितना मिलता है, उसके मुकाबले में पहले कुछ नहीं मिलता था। मेरी पहली ज़िम्मेदारी थी परिवार में आर्थिक तंगी को दूर करना और उन सबको एक बेहतर जिंदगी देना। विदेश में जाकर खेलने से जो कमाई हुई, उससे मैंने 1994 में पुणे के भाऊ पाटिल रोड पर दो बेडरूम का एक छोटा-सा फ़्लैट खरीदा। घर छोटा ज़रूर है पर हम सबके लिए काफ़ी है। 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने मुझे पवई में एक फ़्लैट दिया। वह ऐसा घर है जिसे खरीदने की मेरी खुद की हैसियत कभी नहीं हो पाती।
Question 1.
उपरोक्त गद्यांश के कथन किसके हैं?
(a) धनराज की भाभी के
(b) माँ के
(c) स्वयं धनराज के
(d) बड़े भाइयों के।
Answer
Answer: (c) स्वयं धनराज के
Question 2.
धनराज की पहली जिम्मेदारी क्या थी?
(a) माँ की देखभाल करना
(b) भाई और भाभी की देखभाल करना
(c) परिवार की आर्थिक तंगी दूर करना
(d) खेल का अच्छा प्रदर्शन करना।
Answer
Answer: (c) परिवार की आर्थिक तंगी दूर करना
Question 3.
धनराज ने अपना पहला फ़्लैट कहाँ खरीदा?
(a) मुंबई में
(b) पुणे में
(c) पवई में
(d) दिल्ली में।
Answer
Answer: (c) पवई में
Question 4.
धनराज किस खेल का प्रसिद्ध खिलाड़ी है?
(a) क्रिकेट
(b) फुटबाल
(c) कबड्डी
(d) हॉकी।
Answer
Answer: (d) हॉकी।
Question 5.
महाराष्ट्र सरकार ने धनराज को किस रूप में सम्मानित किया?
(a) कार भेंट कर
(b) मैडल भेंट कर
(c) आर्थिक सहायता देकर
(d) फ़्लैट देकर।
Answer
Answer: (d) फ़्लैट देकर।
(4)
बचपन मुश्किलों से भरा रहा। हम बहुत गरीब थे। मेरे दोनों बड़े भाई हॉकी खेलते थे। उन्हीं के चलते मुझे भी उसका शौक हुआ। पर, हॉकी-स्टिक खरीदने तक की हैसियत नहीं थी मेरी। इसलिए अपने साथियों की स्टिक उधार माँगकर काम चलाता था। वह मुझे तभी मिलती, जब वे खेल चुके होते थे। इसके लिए बहुत धीरज के साथ अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था। मुझे अपनी पहली स्टिक तब मिली, जब मेरे बड़े भाई को भारतीय कैंप के लिए चुन लिया गया। उसने मुझे अपनी पुरानी स्टिक दे दी। वह नई तो नहीं थी लेकिन मेरे लिए बहुत कीमती थी, क्योंकि वह मेरी अपनी थी।
Question 1.
धनराज का बचपन कैसा व्यतीत हुआ?
Answer
Answer: धनराज का बचपन बहुत कठिन परिस्थितियों में व्यतीत हुआ। उनकी आर्थिक स्थिति काफ़ी खराब थी।
Question 2.
धनराज को खेलने का शौक कैसे हुआ और वे कैसे खेलते थे।
Answer
Answer: धनराज के दोनों बड़े भाई हॉकी खेलते थे। उन्हीं को देखकर उन्हें हॉकी खेलने की प्रेरणा मिली। हॉकी स्टिक न खरीद पाने की परिस्थिति में वे अपने मित्रों से उधार माँगकर खेलते थे। उनके मित्र जब खेल समाप्त कर लेते थे जब वे उनसे लेकर खेलते थे।
Question 3.
हॉकी खेलने के लिए धनराज को हॉकी स्टिक कहाँ से मिली?
Answer
Answer: आर्थिक तंगी के कारण धनराज पिल्लै खुद की हॉकी स्टिक नहीं खरीद सकते थे। उन्हें अपने मित्रों से स्टिक उधार माँग कर काम चलाना पड़ता था, परंतु वह उन्हें तभी मिलती थी जब उनके साथी अपना खेल समाप्त कर लेते थे।
Question 4.
अपनी पुरानी स्टिक को वे अत्यधिक कीमती क्यों मानते थे?
Answer
Answer: उनके बड़े भाई को भारतीय कैंप के लिए चुन लिया गया तो उन्होंने अपनी पुरानी स्टिक धनराज को दे दी। यह स्टिक उनके जीवन के लिए अमूल्य थी क्योंकि यह अब उनकी अपनी थी।
(5)
मैं हमेशा से ही अपने आपको बहुत असुरक्षित महसूस करता रहा। मैंने अपनी माँ को देखा है कि उन्हें हमारे पालन-पोषण में कितना संघर्ष करना पड़ा है। मेरी तुनुकमिज़ाजी के पीछे कई वजहें हैं लेकिन मैं बिना लाग-लपेट वाला आदमी हूँ। मन में जो आता है, सीधे-सीधे कह डालता हूँ और बाद को कई बार पछताना भी पड़ता है। मुझसे अपना गुस्सा रोका नहीं जाता। दूसरे लोगों को भी मुझे उकसाने में मज़ा आता है। मुझे जिंदगी में हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए जूझना पड़ा, जिससे मैं चिड़चिड़ा हो गया हूँ। साथ-ही-साथ मैं बहुत भावुक इन्सान भी हूँ। मैं किसी को तकलीफ़ में नहीं देख सकता। मैं अपने दोस्तों और अपने परिवार की बहुत कद्र करता हूँ। मुझे अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगने में कोई शरम महसूस नहीं होती।
Question 1.
धनराज के बचपन की किन बातों का असर उनके स्वभाव पर पड़ा है।
Answer
Answer: धनराज का बचपन अत्यधिक गरीबी से बीता। उनकी माँ उनका एवं उनके भाइयों के पालन-पोषण के लिए काफ़ी संघर्ष करती थीं। इन सब बातों का असर धनराज के स्वभाव पर पड़ा।
Question 2.
धनराज ने अपने स्वभाव के बारे में क्या सफाई दी?
Answer
Answer: धनराज ने अपने स्वभाव के बारे में यह सफ़ाई दी कि वे बचपन से ही स्वयं को असुरक्षित महसूस करते रहे हैं। उन्होंने अपनी माँ को बहुत संघर्ष करते देखा है।
Question 3.
धनराज की तुनुकमिज़ाजी का कारण क्या था?
Answer
Answer: धनराज की तुनुकमिज़ाजी का कारण यह था कि वे अपनी बात बिना लाग-लपेट के कहने वाले इनसान हैं। तुनुकमिज़ाजी का प्रमुख कारण उनकी जिंदगी में हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए उन्हें जूझना पड़ा, जिससे वे तुनुकमिज़ाजी हो गए।
Question 4.
धनराज के व्यक्तित्व की विशेषताओं को लिखिए।
Answer
Answer: धनराज के व्यक्तित्व की यह विशेषता है कि वे भावुक हैं और दूसरों की तकलीफ़ को नहीं देख सकते। वे अपने परिवार तथा मित्रों की बहुत कद्र करते हैं। अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगने में कोई शर्म महसूस नहीं होता था।
Question 5.
इनसान और माँ की भाववाचक संज्ञा बनाकर लिखिए।
Answer
Answer:
शब्द | भाववाचक संज्ञा |
इनसान | इनसानियत |
माँ | मातृत्व |
संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया
(6)
सबसे अधिक प्रेरणा मझे अपनी माँ से मिली। उन्होंने हम सब भाई-बहनों में अच्छे संस्कार डालने की कोशिश की। मैं उनके सबसे नज़दीक हूँ। मैं चाहे भारत में रहूँ या विदेश में, रोज़ रात में सोने से पहले माँ से ज़रूर बात करता हूँ। मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता के साथ सभालने की सीख दी है। मेरी सबसे बड़ी भाभी कविता भी मेरे लिए माँ की तरह हैं और वह भी मेरे लिए प्रेरणा स्रोत रही हैं।
Question 1.
धनराज के लिए सबसे अधिक प्रेरणा स्रोत कौन रहा?
Answer
Answer: धनराज के लिए सबसे अधिक प्रेरणा स्रोत उनकी माँ रही हैं।
Question 2.
अपनी माँ की सबसे बड़ी सीख वे किसे मानते हैं ?
Answer
Answer: अपनी माँ की सबसे बड़ी सीख वे यह मानते हैं कि प्रसिद्धि प्राप्त करने पर सदा विनम्र रहना चाहिए, कभी अभिमान नहीं करना चाहिए।
Question 3.
माँ के अलावा वे और किसे अपना प्रेरणा-स्रोत मानते हैं ?
Answer
Answer: माँ के अलावे उनका प्रेरणा स्रोत बड़ी भाभी कविता रही हैं।
Question 4.
‘तरक्की’ एवं ‘प्रेरणा’ शब्द का अभिप्राय क्या है?
Answer
Answer: तरक्की-उन्नति, प्रेरणा–प्रोत्साहन।
(7)
मेरी पहली ज़िम्मेदारी थी परिवार में आर्थिक तंगी को दूर करना और उन सबको एक बेहतर जिंदगी देना। विदेश में जाकर खेलने से जो कमाई हुई, उससे मैंने 1994 में पुणे के भाऊ पाटिल रोड पर दो बेडरूम का एक छोटा सा फ़्लैट खरीदा। घर छोटा ज़रूर है पर हम सबके लिए काफ़ी है। 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने मुझे पवई में एक फ़्लैट दिया। वह ऐसा घर है जिसे खरीदने की मेरी खुद की हैसियत कभी नहीं हो पाती।
Question 1.
धनराज किसे अपनी पहली ज़िम्मेदारी मानते थे?
Answer
Answer: धनराज अपनी पहली ज़िम्मेदारी अपने परिवार की आर्थिक तंगी को दूर करना मानते थे। वे अपने परिवार को खुशहाल जिंदगी देना चाहते थे।
Question 2.
धनराज ने दो रूम का फ़्लैट कैसे खरीदा?
Answer
Answer: धनराज ने अपने खेलों की कमाई से 1994 में पुणे के भाऊ पाटिल रोड पर दो बेडरूम का एक छोटा-सा फ़्लैट खरीदा। यह छोटा ज़रूर था, पर उनके परिवार के लिए पर्याप्त था।
Question 3.
महाराष्ट्र सरकार ने धनराज को कैसे सम्मानित किया?
Answer
Answer: महाराष्ट्र सरकार ने उनको सम्मानित करने के लिए पवई में एक अच्छा फ़्लैट दिया। यह फ़्लैट उनके हैसियत से बढ़कर था।
Question 4.
गद्यांश से हमें क्या संदेश मिलता है ?
Answer
Answer: इस गद्यांश से हमें संदेश मिलता है कि विपरीत परिस्थिति में भी हम अपने मेहनत और परिश्रम से लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न अभ्यास
साक्षात्कार से
प्रश्न 1.
साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
साक्षात्कार पढ़कर हमारे मन में धनराज पिल्लै की वह छवि उभरती है जिसमें वह ऊपर से देखने में कुरूप, गुस्सैल तथा अव्यावहारिक लगते हैं, परन्तु अंदर से वह उतने ही सरस, नरम दिल, लोगों का आदर करने वाले, परिश्रमी और सबकी जैसी ही भावनाएँ रखने वाले नॉर्मल इंसान हैं।
प्रश्न 2.
धनराज पिल्लै ने ज़मीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफ़र का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
धनराज पिल्लै हॉकी के सुप्रसिद्ध खिलाड़ी हैं। धनराज का बचपन मुश्किलों से भरा था। वे और उनका परिवार अत्यंत गरीब था। दोनों भाइयों को हॉकी खेलता देखकर उन्हें भी शौक हुआ। गरीबी के कारण अपनी स्टिक न खरीद सकते थे। इसलिए अन्य साथियों के खेल लेने पर धैर्यपूर्वक उनकी स्टिक लेने का इंतजार करते थे। उनको पहली बार अपनी पुरानी हॉकी स्टिक उनके भाई ने दी, पर उन्हें खुशी थी कि यह स्टिक अब उनकी थी। धनराज ने अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी 1985 में मणिपुर में खेली। 1986 में राष्ट्रीय टीम में डाल दिया गया। मुंबई लीग में धूम मचाने के बाद भी ओलंपिक कैंप में नाम न देखकर निराशा हुई पर एक साल बाद 1986 के एशिया कप में चुने जाने के बाद आज तक पीछे मुड़कर नहीं देखा।
प्रश्न 3.
‘मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है’-धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है?
उत्तर:
धनराज पिल्लै की इस बात का अर्थ है कि प्रसिद्धि और सफलता मिलने के बाद भी अपनी विनम्रता मत छोड़ना। लोग सफलता मिलने पर घमंडी बन जाते हैं, पर तुम घमंड न करना।
साक्षात्कार से आगे
प्रश्न 1.
ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।
उत्तर:
भारतीय हॉकी को लगातार कई स्वर्णपदक दिलवाने वाले ध्यानचंद को कौन भूल सकता है। उन्होंने भारतीय हॉकी को धरातल से उठाकर सफलता के क्षितिज तक पहुँचाया। उनकी हॉकी खेलने की शैली तथा उनके द्वारा किए गए गोलों की संख्या उन्हें विलक्षण बनाती थी। इस अद्भुत खिलाड़ी का क्रीडा-कौशल देखकर अनेक बार विदेशों से प्रलोभन भरे प्रस्ताव आए, किंतु उन प्रलोभनों का ध्यानचंद पर कोई असर न हुआ। वे अंत तक अपने देश भारत के लिए ही खेलते रहे। हॉकी टी विलक्षण क्षमता तथा कुशलता के कारण ही उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है।
प्रश्न 2.
किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है?
उत्तर:
हॉकी का खेल व्यायाम का सर्वोत्तम साधन है। इस खेल को खेलने के लिए स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक है। यह खेल आपस में पारस्परिक मेलजोल तथा भाई-चारे की भावना बढ़ाता है। भारत के ज़मींदारों तथा राजाओं में यह खेल अत्यंत लोकप्रिय था। प्राचीन समय से खेले जाने तथा अधिकतर लोगों के बीच लोकप्रिय होने के कारण ही इसे भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है।
प्रश्न 3.
आप समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं में छपे हुए साक्षात्कार पढ़ें और अपनी रुचि से किसी व्यक्ति को चुनें, उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर कुछ प्रश्न तैयार करें और साक्षात्कार लें।
उत्तर:
छात्र समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में छपे समाचार पढ़कर प्रश्न स्वयं तैयार कर साक्षात्कार लें।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
‘यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए’-क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
नहीं। अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर मैं कह सकता हूँ कि बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे जो शोहरत तो चाहते हैं पर बिना पैसों के। आज पैसा मानव जीवन के लिए इतना ज़रूरी हो गया है कि समाज धनहीन व्यक्ति को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखता है। वैसे भी कदम-कदम पर पैसा ज़रूरी है। तुलसीदास की इन पंक्तियों से इसका महत्त्व समझा जा सकता है : तुलसी जग में दो बड़े एक पैसा एक राम। राम नाम से मुक्ति है, पैसे से सब काम॥ निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि लोग शोहरत तो चाहते हैं पर साथ-साथ पैसा भी।
प्रश्न 2.
(क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगना आसान होता है या मुश्किल?
उत्तर:
अपनी गलती के लिए माफ़ी माँग लेना बहुत आसान नहीं होता है क्योंकि हमारा अहं इसकी अनुमति नहीं देता है। व्यक्ति अहं को दबा ले या उस पर विजय पा ले तो ऐसा करना आसान बन जाता है।
(ख) क्या आप और आपके आसपास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँग लेते हैं?
उत्तर:
मैं और मेरे आसपास कई बार लोग माफी माँग लेते हैं और कभी नहीं। यह तो तत्कालीन परिस्थितियों पर निर्भर करता है। वैसे लोगों की प्रवृत्ति होती है कि यदि सामने वाला ज़्यादा ताकतवर होता है तो लोग अपना नुकसान समझकर तथा अपनी विनम्रता का प्रदर्शन करने के लिए ऐसा कर लेते हैं और सामने वाला कमज़ोर हुआ तो अपनी गलती होने पर भी उस पर दोषारोपण करते हैं।
(ग) माफ़ी माँगना मुश्किल होता या माफ़ करना? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
माफ़ी माँगना या माफ़ करना दोनों ही आसान या मुश्किल होना उस समय की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। एक बार स्कूल जाते हुए मैंने देखा कि एक मोटरसाइकिल पर सवार सज्जन बिना इंडीकेटर के दाहिनी ओर मुड़ गए जिससे पीछे चल रहे रिक्शे के अगले पहिए से उनकी पिछली लाइट टूट गई। गलती भी उन्हीं की थी और रिक्शे वाले के बार-बार माफी मांगने पर भी दो-चार हाथ मारकर पचास रुपए माँगने लगे। यह देखकर तो यही लगता है कि माफ़ करना ही मुश्किल होता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
प्रेरणा प्रेरक
प्रेरित संभव संभावित
संभवतः उत्साह उत्साहित
उत्साहवर्धक
उत्तर:
(क) प्रेरणा-प्रेरक-प्रेरित
प्रेरणा – माँ से प्रेरणा पाकर ही मैं आज यहाँ तक पहुँच सका हूँ।
प्रेरक – प्रधानाचार्य जी की बातें कितनी प्रेरक हैं।
प्रेरित – अध्यापक की बातों से प्रेरित होकर वह पढ़ाई में जुट गया।
(ख) संभव – संभावित-संभवतः
उत्तर:
संभव-संभव है कि मैं आज शाम को घर न आ सकूँ।
संभावित – इन संभावित प्रश्नों को दोहरा लो। परीक्षा के लिए उपयोगी हैं।
संभवतः – अच्छी बारिश होने से इस साल संभवतः अच्छी फसल हो जाए।
(ग) उत्साह-उत्साहित-उत्साहवर्धक
उत्तर:
उत्साह – कंप्यूटर सीखने के लिए उसका उत्साह देखते ही बनता है।
उत्साहित – सचिन तेंदुलकर से मिलने के लिए मैं बहुत ही उत्साहित हूँ।
उत्साहवर्धक – मरीज़ के लिए दवाएँ तथा उत्साहवर्धक बातचीत की भी ज़रूरत है।
प्रश्न 2.
तुनुकमिजाज शब्द तुनुक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे-बादल, बादर, बदरा, बदरिया; मयूर, मयूरा, मोर; दर्पण, दर्पन, दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम-से-कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए।
उत्तर:
अंबर, आकाश, आसमान।
पत्थर, प्रस्तर, पाषाण।
बाग, बगिया, वाटिका।
दिन, दिवस, दिवा।।
प्रश्न 3.
हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रुचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए, जैसे-फुटबॉल के खेल से संबंधित शब्द हैं-गोल, बैकिंग, पासिंग, बूट इत्यादि।
उत्तर:
क्रिकेट के खेल से संबंधित शब्द हैं-बैट, पिच, रन, स्टम्प, पैड आदि।
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