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Chapter - 15 नीलकंठ
MCQs
Question 1.
‘नीलकंठ’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(a) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
(b) जैनेंद्र कुमार
(c) टी० पद्मनाभन
(d) महादेवी वर्मा
Answer
Answer: (d) महादेवी वर्मा
Question 2.
बड़े मियाँ के भाषण की तुलना किससे की गई है?
(a) ड्राइवर से
(b) चिड़ीमार से
(c) सामान्य ट्रेन से
(d) तूफ़ान मेल से
Answer
Answer: (d) तूफ़ान मेल से
Question 3.
दोनों शावकों ने आरंभ में कहाँ रहना शुरू किया?
(a) मेज़ के नीचे
(b) रद्दी की टोकरी में
(c) अलमारी के पीछे
(d) पिंजरे में।
Answer
Answer: (b) रद्दी की टोकरी में
Question 4.
शुरुआत में शावकों ने दिन कैसे व्यतीत किया?
(a) मेज़ पर चढ़कर
(b) कुरसी पर चढ़कर
(c) कहीं छिपकर
(d) लेखिका के पास रहकर।
Answer
Answer: (c) कहीं छिपकर
Question 5.
मोर के दोनों बच्चों को चिड़ीमार कहाँ से पकड़कर लाया था?
(a) रामगढ़ से
(b) रायगढ़ से
(c) पिथौरागढ़ से
(d) शंकरगढ़ से।
Answer
Answer: (d) शंकरगढ़ से।
Question 6.
लेखिका ने मोर के बच्चों को कितने रुपए में खरीदा?
(a) पच्चीस रुपए में
(b) तीस रुपए में
(c) पैंतीस रुपए में
(d) चालीस रुपए में
Answer
Answer: (c) पैंतीस रुपए में
Question 7.
लेखिका को क्या ज्ञात नहीं हो पाया?
(a) शावकों की प्रजाति का
(b) नीलकंठ के बढ़ने का रहस्य
(c) नीलकंठ कब बाकी जानवरों का संरक्षक
(d) अन्य जानवर उसके संरक्षक बन गए।
Answer
Answer: (c) नीलकंठ कब बाकी जानवरों का संरक्षक
Question 8.
अन्य जानवर जब व्यस्त होते थे तो नीलकंठ क्या करता था?
(a) नाचता था
(b) दाना चुगता था
(c) आराम करता रहता था
(d) उन सभी का ध्यान रखता था।
Answer
Answer: (d) उन सभी का ध्यान रखता था।
(1)
बड़े मियाँ के भाषण की तूफ़ान मेल के लिए कोई निश्चित स्टेशन नहीं है। सुननेवाला थककर जहाँ रोक दे वहीं स्टेशन मान लिया जाता है। इस तथ्य से परिचित होने के कारण ही मैंने बीच में उन्हें रोककर पूछा, “मोर के बच्चे हैं कहाँ?” बड़े मियाँ के हाथ के संकेत का अनुसरण करते हुए मेरी दृष्टि एक तार के छोटे-से पिंजड़े तक पहुँची जिसमें तीतरों के समान दो बच्चे बैठे थे। पिंजड़ा इतना संकीर्ण था कि वे पक्षी-शावक जाली के गोल फ्रेम में किसी जड़े चित्र जैसे लग रहे थे।
Question 1.
उपरोक्त गद्यांश किस शैली में लिखी गई है?
(a) संस्मरण
(b) निबंध
(c) रेखाचित्र
(d) कहानी।
Answer
Answer: (a) संस्मरण
Question 2.
उपर्युक्त गद्यांश के लेखक हैं-
(a) शिव प्रसाद सिंह
(b) नागार्जुन
(c) यतीश अग्रवाल
(d) महादेवी वर्मा।
Answer
Answer: (d) महादेवी वर्मा।
Question 3.
बड़े मियाँ कौन थे?
(a) एक शिकारी
(b) पक्षियों के लिए पिंजड़ा बेचनेवाला
(c) पक्षियों के बच्चे को बेचने वाला
(d) पक्षियों के लिए दाना बेचनेवाला।
Answer
Answer: (c) पक्षियों के बच्चे को बेचने वाला
Question 4.
बड़े मियाँ की तुलना किससे की गई है?
(a) स्वतंत्रता सेनानियों से
(b) तूफ़ान मेल से
(c) प्रकृति प्रेमियों से
(d) जल्लादों से।
Answer
Answer: (b) तूफ़ान मेल से
Question 5.
बड़े मियाँ ने लेखिका को मोर के बच्चे को कैसे दिखाया?
(a) हाथ में लाकर
(b) हाथ जोड़कर
(c) पिंजड़े में लाकर
(d) हाथ के इशारे से।
Answer
Answer: (d) हाथ के इशारे से।
Question 6.
पक्षी के बच्चे किसी जड़ चित्र की भाँति क्यों लग रहे थे?
(a) पक्षी के बच्चे छोटे होने के कारण
(b) पिंजड़ा अत्यधिक छोटे होने के कारण
(c) पिंजड़ा अत्यधिक बड़े होने के कारण
(d) पक्षी के बच्चे के पंख धब्बेदार होने के कारण।
Answer
Answer: (b) पिंजड़ा अत्यधिक छोटे होने के कारण
(2)
दोनों नवागंतुकों ने पहले से रहनेवालों में वैसा ही कुतूहल जगाया जैसा नववधू के आगमन पर परिवार में स्वाभाविक है। लक्का कबूतर नाचना छोड़कर दौड़ पड़े और उनके चारों ओर घूम-घूमकर गुटरगूं-गुटरगूं की रागिनी अलापने लगे। बड़े खरगोश सभ्य सभासदों के समान क्रम से बैठकर गंभीर भाव से उनका निरीक्षण करने लगे। ऊन की गेंद जैसे छोटे खरगोश उनके चारों ओर उछलकूद मचाने लगे। तोते मानो भलीभाँति देखने के लिए एक आँख बंद करके उनका परीक्षण करने लगे। उस दिन चिड़ियाघर में मानो भूचाल आ गया।
Question 1.
लेखिका ने नवागंतुकों की संज्ञा किन्हें दी?
(a) खरगोश के बच्चे को
(b) तीतर के बच्चे को
(c) मोर के बच्चे को
(d) कबूतर के बच्चे को।
Answer
Answer: (c) मोर के बच्चे को
Question 2.
लक्का कबूतर क्या करने लगा?
(a) नाचने लगा
(b) उड़ने लगा
(c) दाना चुगने लगा
(d) गुटर-गूं करने लगा।
Answer
Answer: (d) गुटर-गूं करने लगा।
Question 3.
किस पक्षी के शावक ऊन के गोले के समान दिख रहे थे?
(a) खरगोश के
(b) मोर के
(c) कबूतर के
(d) बिल्ली के।
Answer
Answer: (b) मोर के
Question 4.
तोते दोनों मोर के बच्चों का परीक्षण कैसे कर रहे थे?
(a) टें-टें करके
(b) दो आँखें बंद करके
(c) एक आँखें बंद करके
(d) पंख फड़फड़ा करके
Answer
Answer: (c) एक आँखें बंद करके
Question 5.
‘नवागंतुक’ का सही संधि-विच्छेद है? ।
(a) नव + गुंतक
(b) न + वागुंतक
(c) नावगु + तक
(d) नव + आगंतुक।
Answer
Answer: (d) नव + आगंतुक।
(3)
मुझे स्वयं ज्ञात नहीं कि कब नीलकंठ ने अपने आपको चिड़ियाघर के निवासी जीव-जंतुओं का सेनापति और संरक्षक नियुक्त कर लिया। सवेरे ही वह सब खरगोश, कबूतर आदि की सेना एकत्र कर उस ओर ले जाता जहाँ दाना दिया जाता है और घूम-घूमकर मानो सबकी रखवाली करता रहता। किसी ने कुछ गड़बड़ की और वह अपने तीखे चंचु-प्रहार से उसे दंड देने दौड़ा।
खरगोश के छाटे बच्चों को वह चोंच से उनके कान पकड़कर ऊपर उठा लेता था और जब तक वे आर्तक्रंदन न करने लगते उन्हें अधर में लटकाए रखता। कभी-कभी उसकी पैनी चोंच से खरगोश के बच्चों का कर्णवेध संस्कार हो जाता था, पर वे फिर कभी उसे क्रोधित होने का अवसर न देते थे। दंडविधान के समान ही उन जीव-जंतुओं के प्रति उसका प्रेम भी असाधारण था।
Question 1.
नीलकंठ ने स्वयं को क्या नियुक्त कर लिया था?
(a) जीव-जंतुओं का सेनापति
(b) संरक्षक
(c) जीव-जंतुओं का सेनापति एवं संरक्षक दूसरा दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
Answer
Answer: (c) जीव-जंतुओं का सेनापति एवं संरक्षक दूसरा दोनों
Question 2.
नीलकंठ अपने पक्षियों की सेना कहाँ ले जाता था?
(a) घूमने-फिरने के स्थार पर
(b) दाना देने के स्थान पर
(c) पानी-पीने के स्थान पर
(d) कहीं नहीं।
Answer
Answer: (b) दाना देने के स्थान पर
Question 3.
‘चंचु प्रहार’ शब्द है-
(a) तत्सम
(b) तद्भव
(c) देशज
(d) विदेशी
Answer
Answer: (a) तत्सम
Question 4.
‘नीलकंठ’ खरगोश के बच्चों के कान चोंच से पकड़कर दंडित क्यों करता था?
(a) जब उसकी बात नहीं मानते थे
(b) जब इधर-उधर भागते थे
(c) जब वे कोई गड़बड़ करते थे ।
(d) जब आपस में लड़ते थे।
Answer
Answer: (a) जब उसकी बात नहीं मानते थे
Question 5.
नीलकंठ खरगोश के बच्चे कब तक दंडित करता रहता?
(a) जब तक उसकी बात न मान लें
(b) जब तक उसकी जीत न हो जाती
(c) उसकी बात न मानें
(d) जब तक वे आर्त क्रंदन न करने लगे।
Answer
Answer: (d) जब तक वे आर्त क्रंदन न करने लगे।
Question 6.
‘छुआ-छुऔअल-सा’-से क्या अभिप्राय है?
(a) एक प्रकार का खेल
(b) एक प्रकार की डाँट
(c) एक दूसरे से रूठना
(d) उपर्युक्त सभी।
Answer
Answer: (a) एक प्रकार का खेल
(4)
वास्तव में नीलकंठ मर गया था। ‘क्यों’ का उत्तर तो अब तक नहीं मिल सका है। न उसे कोई बीमारी हुई, न उसके रंग-बिरंगे फूलों के स्तबक जैसे शरीर पर किसी चोट का चिह्न मिला। मैं अपने शाल में लपेटकर उसे संगम ले गई। जब गंगा की बीच धार में उसे प्रवाहित किया गया, तब उसके पंखों की चंद्रिकाओं से बिंबित-प्रतिबिंबित होकर गंगा का चौड़ा पाट एक विशाल मयूर के समान तरंगित हो उठा। नीलकंठ के न रहने पर राधा तो निश्चेष्ट-सी कई दिन कोने में बैठी रही।
Question 1.
कौन मर चुका था?
(a) राधा
(b) कुब्जा
(c) नीलकंठ
(d) खरगोश।
Answer
Answer: (c) नीलकंठ
Question 2.
लेखिका किसकी अंत्येष्टि करने जा रही थी?
(a) राधा
(b) नीलकंठ
(c) लक्का कबूतर
(d) कुब्जा।
Answer
Answer: (b) नीलकंठ
Question 3.
लेखिका नीलकंठ को अंत्येष्टि के लिए कहाँ ले गई ?
(a) यमुना नदी पर
(b) गंगोत्री-यमुनोत्री
(c) मंदिर
(d) संगम।
Answer
Answer: (d) संगम।
Question 4.
लेखिका ने मृत नीलकंठ को किसमें लपेटा?
(a) कंबल में
(b) बोरा में
(c) अपने शाल में
(d) चादर में।
Answer
Answer: (c) अपने शाल में
Question 5.
जल की लहरों में नीलकंठ का रूप कैसे सजीव हो उठा?
(a) तेज़ सूर्य प्रकाश के कारण
(b) पानी की तेज़ लहरों में
(c) गंगा-यमुना पर सूर्य की किरणों के प्रकाश पड़ते ही इंद्र धनुषी चमक
(d) पानी के ठहराव पर।
Answer
Answer: (c) गंगा-यमुना पर सूर्य की किरणों के प्रकाश पड़ते ही इंद्र धनुषी चमक
(5)
मेरे निरीक्षण के साथ-साथ बड़े मियाँ की भाषा-मेल चली जा रही थी, “ईमान कसम, गुरु जी-चिड़ीमार ने मुझसे इस मोर के जोड़े के नकद तीस रुपये लिए हैं। बारहा कहा, भई ज़रा सोच तो, अभी इनमें मोर की कोई खासियत भी है कि तू इतनी बड़ी कीमत ही माँगने चला! पर वह पूँजी क्यों सुनने लगा। आपका खयाल करके अछता-पछताकर देना ही पड़ा। अब आप जो मुनासिब समझें।” अस्तु, तीस चिड़ीमार के नाम के और पाँच बड़े मियाँ के ईनाम के देकर जब मैंने वह छोटा पिंजड़ा कार में रखा तब मानो वह जाली के चौखटे का चित्र जीवित हो गया। दोनों पक्षी-शावकों के छटपटाने से लगता था मानो पिंजड़ा ही सजीव और उड़ने योग्य हो गया है।
Question 1.
गद्यांश के पाठ और लेखिका का नाम लिखिए।
Answer
Answer: पाठ का नाम-नीलकंठ, लेखिका का नाम-महादेवी वर्मा।
Question 2.
लेखिका किसका निरीक्षण कर रही थी?
Answer
Answer: लेखिका तार में रखे दो मोर के शावकों का निरीक्षण कर रही थी।
Question 3.
लेखिका ने बड़े मियाँ को भाषण मेल क्यों कहा?
Answer
Answer: लेखिका ने बड़े मियाँ को भाषण मेल इसलिए कहा क्योंकि वे बोलते बहुत अधिक थे। उनकी आदत थी कि वे बीच में रुकते नहीं थे।
Question 4.
तीस चिड़ीमार के नाम के और पाँच बड़े मियाँ ईमान के लेखिका का क्या अभिप्राय है?
Answer
Answer: बड़े मियाँ ने ईमान की कसम खाकर कहा था कि उन्होंने चिड़ीमार से तीस रुपए में मोर के दोनों बच्चे खरीदे हैं, तब लेखिका ने तीस रुपए चिड़ीमार के नाम के और पाँच बड़े मियाँ के ईमान के दिए, क्योंकि जब बड़े मियाँ ने ईमान की कसम ली थी, तो उनकी बात पर भरोसा करना ही था।
Question 5.
पक्षी शावक का अर्थ क्या है ?
Answer
Answer: पक्षी का बच्चा।
(6)
मोर के सिर की कलगी और सघन, ऊँची तथा चमकीली हो गई। चोंच अधिक बंकिम और पैनी हो गई, गोल आँखों में इंद्रनी की नीलाभ द्युति झलकने लगी। लंबी नील-हरित ग्रीवा की हर भंगिमा में धूपछाँही तरंगें उठने-गिरने लगीं। दक्षिण-वाम दोनों पंखों में सलेटी और सफ़ेद आलेखन स्पष्ट होने लगे। पूँछ लंबी हुई और उसके पंखों पर चंद्रिकाओं के इंद्रधनुषी रंग उददीप्त हो उठे। रंगरहित पैरों को गरवीली गति ने एक नई गरिमा से रंजित कर दिया। उसका गरदन ऊँची कर देखना, विशेष भंगिमा के साथ उसे नीची कर दाना चुगना, पानी पीना, ढेढ़ी कर शब्द सुनना आदि क्रियाओं में जो सुकुमारता और सौंदर्य था, उसका अनुभव देखकर ही किया जा सकता है। गति का चित्र नहीं आंका जा सकता।
Question 1.
मोर के सिर की कलगी कैसी थी?
Answer
Answer: मोर के सिर की कलगी सघन, ऊँची तथा चमकीली थी।
Question 2.
मोर की चोंच कैसी थी?
Answer
Answer: मोर की चोंच बंकिम और पैनी थी।
Question 3.
मोर की ग्रीवा की क्या विशेषता थी?
Answer
Answer: मोर की ग्रीवा नील-हरित ग्रीवा का इंद्रधनुषी दिखना उसकी प्रमुख विशेषता थी।
Question 4.
रंग-रहित पैरों को गरवीली गति ने एक नई गरिमा से रंजित कर दिया,-इस पंक्ति का अभिप्राय क्या है ?
Answer
Answer: रंग-रहित पैरों को गरवीली गति ने एक नई गरिमा से रंजित कर दिया, इस पंक्ति का अभिप्राय है कि नीलकंठ की गरवीली चाल उसके रंग रहित पैरों को नया रूप प्रदान करती है।
Question 5.
मोर की कौन-कौन-सी भंगिमाएँ मोहक थीं?
Answer
Answer: मोर की प्रमुख भंगिमाएँ थीं-गर्दन ऊँची करके देखना, नीची कर चुगना, पानी पीना व टेढ़ी कर शब्द सुनना।
(7)
खरगोश के छोटे बच्चों को वह चोंच से उनके कान पकड़कर ऊपर उठा लेता था और जब तक वे आर्तक्रंदन न करने लगते उन्हें अधर में लटकाए रखता। कभी-कभी उसकी पैनी चोंच से खरगोश के बच्चों का कर्णवेध संस्कार हो जाता था, पर वे फिर कभी उसे क्रोधित होने का अवसर न देते । दंडविधान के समान ही उन जीव-जंतुओं के प्रति उसका प्रेम भी असाधारण था। प्रायः वह मिट्टी में पंख फैलाकर बैठ जाता और वे सब उसकी लंबी पूँछ और सघन पंखों में छुआ-छुऔअल-सा खेलते रहते थे।
Question 1.
नीलकंठ खरगोश के बच्चों के कान चोंच से पकड़कर दंडित क्यों करता था?
Answer
Answer: नीलकंठ खरगोश के बच्चों के कान चोंच से पकड़कर इसलिए दंडित करता था कि जब वे उनकी बात नहीं मानते थे।
Question 2.
नीलकंठ के द्वारा दिए गए दंड का क्या परिणाम होता था?
Answer
Answer: नीलकंठ की पैनी चोंच से कभी-कभी खरगोश के बच्चों के कान छिद जाते थे, लेकिन फिर भी दुबारा वे उसे क्रोधित होने का मौका नहीं देते थे।
Question 3.
जालीघर के अन्य जीव-जंतुओं के प्रति नीलकंठ का क्या व्यवहार था?
Answer
Answer: जालीघर के अन्य जीव-जंतुओं की ज़रा-सी गड़बड़ी पर नीलकंठ किसी को दंडित करने से नहीं चूकता था, लेकिन उनके प्रति अपने हृदय में अगाध प्रेम भी रखता था।
Question 4.
नीलकंठ जीवों के प्रति प्रेमभाव कैसे व्यक्त करता था?
Answer
Answer: नीलकंठ जीवों के प्रति प्रेमभाव दर्शाने हेतु अपने पंख फैलाकर बैठ जाता, सभी लंबी पूछ व सघन पंखों में छूआ-छुऔअल खेलते रहते थे।
Question 5.
आर्तक्रंदन और पैनी का अर्थ लिखिए।
Answer
Answer:
आर्तक्रंदन-करुण आवाज़ में रोना-चिल्लाना।
पैनी-तेज़, तीक्ष्ण।
(8)
मयूर कलाप्रिय और वीर पक्षी है, हिंसक मात्र नहीं। इसी से उसे बाज़, चील आदि की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, जिनका जीवन ही क्रूर कर्म है। नीलकंठ में उसकी जातिगत विशेषताएँ तो थी ही, उनका मानवीकरण भी हो गया था। मेघों की साँवली छाया में अपने इंद्रधनुष के गुच्छे जैसे पंखों को मंडलाकार बनाकर जब वह नाचता था, तब उस नृत्य में एक सहजात लय-ताल रहता था। आगे-पीछे, दाहिनेबाएँ क्रम से घूमकर वह किसी अलक्ष्य सम पर ठहर-ठहर जाता था।
Question 1.
मोर, चील, और बाज़ में एकमात्र समानता क्या है ?
Answer
Answer: मोर, चील और बाज़ में एकमात्र समानता होती है कि ये हिंसक होते हैं।
Question 2.
मोर कैसा पक्षी है?
Answer
Answer: मोर एक कला प्रेमी पक्षी होता है।
Question 3.
बाज़ और चील कैसा पक्षी है?
Answer
Answer: बाज़ और चील हिंसक एवं क्रूर पक्षी है।
Question 4.
नीलकंठ को क्या हो गया था?
Answer
Answer: नीलकंठ में उसकी जातिगत विशेषताएँ तो थी ही, इसके साथ-साथ उसका मानवीकरण भी हो गया था।
Question 5.
नीलकंठ पंखों को मंडलाकार बनाकर कब नाचता था?
Answer
Answer: मेघों की साँवली छाया में नीलकंठ पंखों को मंडलाकार बनाकर नाचता ।
Question 6.
नीलकंठ जब नाचता था, उस समय का दृश्य कैसा होता था?
Answer
Answer: नीलकंठ पंखों को मंडलाकार बनाकर जब अपने इंद्रधनुषी पंखों को फैलाकर नाचता था तब इसका नृत्य देखते बनता था। वह आगे-पीछे, दाएँ-बाएँ घूम-घूमकर नाचता तथा कभी-कभी ठहर जाता था।
(9)
उँगलियाँ वैसी ही टेढ़ी-मेढ़ी रहीं, परंतु वह दूंठ जैसे पंजों पर डगमगाती हुई चलने लगी। तब उसे जालीघर में पहुँचाया गया और नाम रखा गया-कुब्जा। नाम के अनुरूप वह स्वभाव से भी कुब्जा ही प्रमाणित हुई। अब तक नीलकंठ और राधा साथ रहते थे। अब कुब्जा उन्हें साथ देखते ही मारने दौड़ती। चोंच से मार-मारकर उसने राधा की कलगी नोच डाली, पंख नोच डाले। कठिनाई यह थी कि नीलकंठ उससे दूर भागता था और वह उसके साथ रहना चाहती थी। न किसी जीव-जंतु से उसकी मित्रता थी, न वह किसी को नीलकंठ के समीप आने देना चाहती थी। उस बीच राधा ने दो अंडे दिए, जिनको वह पंखों में छिपाए बैठी रहती थी। पता चलते ही कुब्जा ने चोंच मार-मारकर राधा को ढकेल दिया और फिर अंडे-फोड़कर दूंठ जैसे पैरों से सब ओर छितरा दिए।
Question 1.
किसकी उँगलियाँ टेढ़ी-मेढ़ी थी?
Answer
Answer: अँगुलियाँ वैसी ही टेढ़ी-मेढ़ी कुब्जा नाम की एक मोरनी की थी।
Question 2.
कुब्जा कौन थी? उसका स्वभाव कैसा था?
Answer
Answer: कुब्जा एक मोरनी थी, जिसके टाँग टूटे हुए थे तथा लेखिका ने सात रुपये में बड़े मियाँ चिड़ियावाले से खरीदा था। पैरों की अँगुलियाँ टूटी होने के कारण उसका नाम कुब्जा रखा गया था। जालीघर के किसी जानवर से उसकी नहीं बनती थी।
Question 3.
कुब्जा ने नीलकंठ का स्नेह पाने के लिए क्या प्रयास किया?
Answer
Answer: कुब्जा ने नीलकंठ से स्नेह पाने के लिए चोंच मार-मारकर उसकी कलगी और पंख नोच डाले।
Question 4.
राधा को नीलकंठ से दूर करने के लिए कुब्जा ने क्या किया?
Answer
Answer: राधा से नीलकंठ को दूर करने के लिए कुब्जा ने राधा के दोनों अंडों को पैर से तोड़ दिया। उसकी कलगी और पंख नोच डाले।
Question 5.
‘कठिन’ और ‘समीप’ शब्द का भाववाचक संज्ञा रूप लिखिए।
Answer
Answer: कठिन-कठिनाई, समीप-समीप्य।
प्रश्न अभ्यास
निबंध से
प्रश्न 1.
मोर-मोरनी के नाम किस आधार पर रखे गए?
उत्तर:
मोर की गरदन नीली चमकदार थी, इसलिए उसका नाम नीलकंठ और छाया के समान साथ में रहने के कारण मोरनी का नाम राधा रखा गया।
प्रश्न 2.
जाली के बड़े घर में पहुँचने पर मोर के बच्चों का किस प्रकार स्वागत हुआ?
उत्तर:
जाली के बड़े घर में पहुँचने पर चिडियाखाने में हलचल मच गई। मोर के बच्चों को देखकर लक्का कबूतर उनके चारों ओर घूमकर गुटरगूं-गुटरगूं करने लगा। खरगोश उनका निरीक्षण करने लगा तथा तोता एक आँख बंद करके उनका परीक्षण करने लगा।
प्रश्न 3.
लेखिका को नीलकंठ की कौन-कौन सी चेष्टाएँ बहुत भाती थीं?
उत्तर:
लेखिका को नीलकंठ की निम्नलिखित चेष्टाएँ बहुत भाती थीं
- पंखों का सतरंगी मंडलाकार छाता तानकर नृत्य की भंगिमा में खड़ा हो जाना।
- हथेली पर रखे हुए भुने चने कोमलता से हौले-हौले उठाकर खाना।
- मेघ के गर्जन की ताल पर नृत्य करना और वर्षा की बूंदों की रिमझिमाहट तेज़ होने पर उसका वेग बढ़ते जाना।
प्रश्न 4.
‘इस आनंदोत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा’-वाक्य किस घटना की ओर संकेत कर रहा है?
उत्तर:
यह वाक्य उस घटना की ओर संकेत करता है, जब लेखिका टूटे पंजे वाली एक और मोरनी लाई उससे राधा और नीलकंठ का साथ न देखा गया। उसने नीलकंठ और राधा के जीवन को कलह-कोलाहल से पूर्ण बना दिया, जिसका अंत नीलकंठ के मरने के साथ ही हुआ।
प्रश्न 5.
वसंत ऋतु में नीलकंठ के लिए जालीघर में बंद रहना असहनीय क्यों हो जाता था?
उत्तर:
नीलकंठ को पुष्पित और पल्लवित वृक्ष तथा वसंत ऋतु में आम के पेड़ों पर सुनहरी मंजरियाँ बहुत आती थीं इस समय अशोक का पेड़ नए लाल-लाल पत्तों से ढक जाता है। ऐसी मनोरम ऋतु को देखकर नीलकंठ बाहर आने के लिए बेचैन हो जाता था और उसके लिए जालीघर में बंद रहना असहनीय हो जाता था।
प्रश्न 6.
जालीघर में रहनेवाले सभी जीव एक-दूसरे के मित्र बन गए थे, पर कुब्जा के साथ ऐसा संभव क्यों नहीं हो पाया?
उत्तर:
कुब्जा का स्वभाव अपने नाम के अनुरूप ही था। वह राधा और नीलकंठ की मित्रता से ईर्ष्या रखती थी। वह स्वयं नीलकंठ का साथ चाहती थी। अपने ईर्ष्यालु स्वभाव और द्वेष-भावना के कारण वह अन्य जीव-जंतुओं की मित्र न बन सकी।
प्रश्न 7.
नीलकंठ ने खरगोश के बच्चे को साँप से किस तरह बचाया? इस घटना के आधार पर नीलकंठ के स्वभाव की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जब नीलकंठ ने खरगोश की चीख सुनी तो वह जल्दी से साँप के पास आया। नीलकंठ साँप के फन को पंजों से दबाकर चोंच से प्रहार करने लगा। साँप की पकड़ ढीली होते ही खरगोश शावक बाहर आ गया।
नीलकंठ के स्वभाव की विशेषताएँ –
- नीलकंठ दयालु स्वभाव का था। उसने साँप के टुकड़े-टुकड़े करके खरगोश शावक को बचाया था।
- वह सभी पक्षियों के साथ मेलजोल से रहता था।
- अन्य जीव-जंतुओं को वह अपना संरक्षण प्रदान करता था।
निबंध से आगे
प्रश्न 1.
यह पाठ एक ‘रेखाचित्र’ है। रेखाचित्र की म्या-क्या विशेषताएँ हैं? जानकारी प्राप्त कीजिए और खिका के लिखे किसी अन्य रेखाचित्र को पढ़िए।
उत्तर:
शब्दों के माध्यम से किसी जीव, जंतु या पक्षी के आकार-प्रकार, रूपरंग, स्वभाव, विशेषताएँ आदि का इस प्रकार चित्रण (वर्णन) करना कि उसकी तस्वीर हमारी आँखों के सामने साकार हो उठे, उसे रेखाचित्र कहते हैं। लेखिका द्वारा लिखित एक अन्य रेखाचित्र ‘गिल्लू’, ‘निक्की, रोज़ी और ………. पुस्तकालय से लेकर छात्र स्वयं पढ़ें।
प्रश्न 2.
वर्षा ऋतु में जब आकाश में बादल घिर आते हैं तब मोर पंख फैलाकर धीरे-धीरे मचलने लगता | है-यह मोहक दृश्य देखने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:छात्र अपने अध्यापक या अभिभावक के साथ जंगल की ओर या चिड़ियाघर जाकर यह मोहक दृश्य स्वयं देखने का प्रयास करें।
प्रश्न 3.
पुस्तकालय से ऐसी कहानियों, कविताओं या गीतों को खोजकर पढ़िए जो वर्षा ऋतु और मोर के नाचने से संबंधित हों।
उत्तर:
पुस्तकालय से ऐसी कहानियाँ, कविताएँ, गीत खोजकर छात्र स्वयं पढ़ें।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
निबंध में आपने ये पंक्तियाँ पढ़ी हैं-‘मैं अपने शाल में लपेटकर उसे संगम ले गई। जब गंगा की बीच धार में उसे प्रवाहित किया गया तब उसके पंखों की चंद्रिकाओं से बिंबित-प्रतिबिंबित होकर गंगा का चौड़ा पाट एक विशाल मयूर के समान तरंगित हो उठा।’-इन पंक्तियों में एक भावचित्र है। इसके आधार पर कल्पना कीजिए और लिखिए कि मोरपंख की चंद्रिका और गंगा की लहरों में क्या-क्या समानताएँ लेखिका ने देखी होंगी जिसके कारण गंगा का चौड़ा पाट एक विशाल मयूर पंख के समान तरंगित हो उठा।
उत्तर:
मृतक मोर नीलकंठ को जब लेखिका ने संगम ले जाकर गंगा की बीच धार में प्रवाहित किया तो मोर का शरीर – वजनदार होने के कारण पानी में डूब गया किंतु उसके हल्के पंखों की चंद्रिकाएँ पानी में फैलकर तैरने लगी होंगी, जिसके कारण गंगा का चौड़ा पाट एक विशाल मयूर पंख के समान तरंगित हो उठा।
प्रश्न 2.
नीलकंठ की नृत्य-भंगिमा का शब्दचित्र प्रस्तुत करें।
उत्तर:
वर्षा ऋतु में जब मेघ उमड़ने शुरू होते तब नीलकंठ की केका तीव्र से तीव्रतर होती चली जाती थी। वह गरजते मेघों को सुनकर नृत्य करना आरंभ कर देता था। अपने पंखों का सतरंगी छाता मंडलाकार रूप में तान लेता था। उसका यह नृत्य मेघ के गर्जन, बिजली के चमकने, बूंदों की रिमझिमाहट के साथ तेज़ होता जाता था।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
‘रूप’ शब्द से कुरूप, स्वरूप, बहुरूप आदि शब्द बनते हैं। इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों से अन्य शब्द बनाओ
गंध रंग फल ज्ञान
उत्तर:
शब्द शब्द से बने अनेक शब्द
गंध – सुगंध, दुर्गंध, गंधहीन, गंधरहित
रंग – बदरंग, नवरंग, रंगीन, रंगहीन, रंगीला, रंगरेज
फल – सफल, निष्फल, फलदार, फलहीन, फलाहार ज्ञान
ज्ञान – अज्ञान, विज्ञान, ज्ञानी, संज्ञान, ज्ञानगंगा
प्रश्न 2.
विस्मयाभिभूत शब्द विस्मय और अभिभूत दो शब्दों के योग से बना है। इसमें विस्मय के य के साथ अभिभूत के अ के मिलने से या हो गया है। अ आदि वर्ण हैं। ये सभी वर्ण-ध्वनियों में व्याप्त हैं। व्यंजन वर्गों में इसके योग को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जैसे+ अ = क इत्यादि। अ की मात्रा के चिह्न (T) से आप परिचित हैं। अ की भाँति किसी शब्द में आ के भी जुड़ने से अकार की मात्रा ही लगती है, जैसे-मंडल + आकार = मंडलाकार। मंडल और आकार की संधि करने पर (जोड़ने पर) मंडलाकार शब्द बनता है और मंडलाकार शब्द का विग्रह करने पर (तोड़ने पर) मंडल और आकार दोनों अलग होते हैं। नीचे दिए गए शब्दों के संधि-विग्रह कीजिए –
उत्तर:
कुछ करने को
प्रश्न 1.
चयनित व्यक्ति/पश/पक्षी की खास बातों को ध्यान में रखते हुए एक रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं किसी चयनित व्यक्ति/पशु/पक्षी की खास बातों को ध्यान में रखकर रेखाचित्र बनाएँ।
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