NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा
Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.
CHAPTER- 9 राम और सुग्रीव
Important Question Class 6 Hindi Bal Ram Katha पाठ ९ – राम और सुग्रीव
अति लघु उत्तरीय प्रश्न: (1 अंक)
- जटायु के भाई का क्या नाम था?
उत्तर: जटायु के भाई का नाम, ‘संपाती’ था।
- सुग्रीव की राजगद्दी किसने छीन ली थी?
उत्तर: सुग्रीव की राजगद्दी उसके बड़े भाई, बाली, ने छीन ली थी।
- वानर सेना का सेनापति कौन था?
उत्तर: वानर सेना का सेनापति, ‘नल’ था।
- किष्किंधा का युवराज किसको बनाया गया?
उत्तर: किष्किंधा का युवराज, ‘अंगद’ को बनाया गया।
- मल्ल युद्ध किस-किसके बीच हुआ?
उत्तर: मल्ल युद्ध सुग्रीव और उसके बड़े भाई, बाली, के बीच में हुआ था।
लघु उत्तरीय प्रश्न: (2 अंक)
- सुग्रीव की चिंता पर राम ने क्या कहा?
उत्तर: बड़े भाई द्वारा राज्य और स्त्री छिन जाने के कारण सुग्रीव बहुत ही चिंतित था। वह मायूस रहा करता था। सुग्रीव को चिंतित देख राम ने सुग्रीव से कहा कि राम उसके परेशानी को दूर करने का उपाय अवश्य सोचेंगे। राम ने एक मित्र के नाते कहा कि वह सुग्रीव को इस परेशानी से मुक्त अवश्य करेंगे।
- जब हनुमान ने राम लक्ष्मण को पहली बार देखा तो उन दोनों के बारे में क्या अनुमान लगाया?
उत्तर: जब हनुमान ने वन में भटकते हुए दो मनुष्य, राम और लक्ष्मण, को देखा, तब वह थोड़ा सोच में पड़ गए। उन्होंने उस वन में ऐसे प्राणी पहले नहीं देखे थे। हनुमान ने अनुमान लगाया कि यह दोनों बाली के सैनिक नहीं है। हनुमान को पता था कि बाली के सेना में ऐसे वेश-भूषा वाला कोई भी व्यक्ति नहीं है।
- सीता ने अपने आभूषण क्यों फेंक दिए थे?
उत्तर: जब रावण सीता का अपहरण करके ले जा रहा था तब सीता ने अपने आभूषणों को खोलकर नीचे धरती पर फेंक दिया था। सीता ने अपने आभूषण इसलिए फेंके ताकि जब कभी भी श्रीराम उस मार्ग से गुजरे तो वह उस आभूषणों को पहचान कर यह अनुमान लगा सके कि सीता इसी दिशा की ओर आई है।
9.सुग्रीव किस के डर से डरा रहता था?
उत्तर: सुग्रीव हमेशा अपने बड़े भाई, बाली, के डर से डरा रहता था। बाली एक महापराक्रमी वानर था। सुग्रीव को हमेशा यह डर सताता रहता था कि कहीं उसके बड़े भाई उस पर आक्रमण करके उसे मार सकते हैं। इसी डर से वह हमेशा डरा रहता था।
- गहनों की पोटली किसकी थी? गहनों की पोटली कब फेंकी गई थी?
उत्तर: गहनों की पोटली सीता माता की थी। जब रावण सीता का अपहरण करके ले जा रहा था, तभी सीता ने उस गहने की पोटली को फेंका था। सीता ने नीचे जमीन पर वानरों को देखा, इसलिए उसने अपनी गहनों की पोटली को फेंक दिया ताकि जब भी श्रीराम उन्हें ढूंढने के लिए आए तो वह इस गहने के संकेत को समझ सके।
लघु उत्तरीय प्रश्न: (3 अंक)
- बाली ने सुग्रीव के साथ कैसा बर्ताव किया?
उत्तर: बाली, सुग्रीव का बड़ा भाई था। बड़ा भाई होते हुए भी उसमें सुग्रीव के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया था। बाली ने सुग्रीव को राज पाठ से निकाल दिया था और उसकी स्त्री को भी उसने छीन लिया था। बाली का बर्ताव अपने छोटे भाई के प्रति बहुत ही निंदनीय था।
- राम ने सुग्रीव को क्या वचन दिया था?
उत्तर: अपने राज्य द्वारा निकाले जाने और स्त्री के छिन जाने के कारण सुग्रीव बहुत ही चिंतित रहा करते थे। उन्हें अपने बड़े भाई से बहुत नफरत हो गई थी। सुग्रीव को चिंतित देखकर राम ने,एक मित्र के नाते, उन्हें वचन देते हुए कहा, “ मित्र!, तुम चिंता मत करो। हम तुम्हारी सहायता करेंगे। हम तुम्हें तुम्हारा राज्य और तुम्हारी स्त्री दोनों ही बाली से छीन कर सौंप देंगे।
- सुग्रीव राम से क्यों कुपित हो गया था?
उत्तर: राम के कहने पर सुग्रीव बाली से युद्ध करने को तैयार हुआ था। युद्ध के दौरान बाली ने सुग्रीव को बहुत मारा। सुग्रीव बाली के सामने टिक नहीं पा रहा था। बाली ने सुग्रीव को मारकर मूर्छित कर दिया। श्रीराम वही एक पेड़ के पीछे छिपकर युद्ध देख रहे थे। श्री राम और सुग्रीव में यह निश्चय हुआ था कि जब सुग्रीव बाली से युद्ध करेगा तो श्रीराम पीछे से तीर मारकर बाली पर प्रहार करेंगे। श्री राम ने तीर मारने में देरी कर दी। इसी कारण सुग्रीव राम से कुपित हो गया था।
- लंकारोहण की योजना पर प्रकाश डालिए?
उत्तर: लंकारोहण की योजना, सीता को रावण के चंगुल से वापस लाने के लिए बनाई गई थी। वानरों की सेना को चार टोलियों में बांटा गया था। अंगद को दक्षिण जाने वाले अग्रिम दल का नेता चुना गया था। उस दल में हनुमान सहित नल – नील भी थे। राम की इच्छा थी कि वानरों की सेना से सबसे पहले एक बुद्धिमान दूत को भेजा जाए। राम के इच्छा स्वरूप, सबसे पहले हनुमान को दूत के रूप में भेजा गया।
- राम ने हनुमान को अंगूठी क्यों दी?
उत्तर: हनुमान, रावण के महल में, श्री राम के दूत बनकर जा रहे थे। श्री राम ने उन्हें सीता से मिल कर आने को कहा था। हनुमान के जाते समय श्रीराम ने अपनी एक अंगूठी हनुमान को सौंप दी। श्री राम ने हनुमान से कहा था कि वह जब सीता से मिले तब वह यह अंगूठी सीता को दिखाएं। अंगूठी देने का कारण था कि यदि सीता हनुमान के बातों पर भरोसा ना करें तो वह उस अंगूठी को देखकर यह समझ जाएगी कि हनुमान श्री राम के द्वारा भेजा गया है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: (5 अंक)
- जामवंत ने हनुमान के बारे में क्या कहा?
उत्तर: जब वानर सेना लंका की ओर प्रस्थान कर रही थी तब रास्ते में एक बहुत ही बड़ा समुद्र था। वानरों के लिए उस समुद्र को पार करना बहुत ही मुश्किल था। जामवंत को पता था कि केवल हनुमान ही एक ऐसे वानर है जो इस समुंद्र को लांघ सकते हैं। हनुमान अपनी इस शक्ति के बारे में बिल्कुल भूल चुके थे। जामवंत ने हनुमान को अपनी शक्तियों का एहसास दिलाया। जामवंत को पूरा भरोसा था कि हनुमान इस समुंद्र को लांघ सकते हैं। हनुमान को अपनी भूली हुई शक्तियों का ज्ञात हुआ और वह लंका जाने के लिए चुने गए।
- सुग्रीव के राग रंग में वचन को भूल जाने पर लक्ष्मण ने क्या किया?
उत्तर: युद्ध में बाली को मारने के पश्चात सुग्रीव को किष्किंधा का राजा स्वीकार किया गया। राज गद्दी संभालने के बाद सुग्रीव अपने वचन को भूल गया। उसने श्रीराम से वजन किया था कि वह राज गद्दी संभालने के बाद सीता माता को ढूंढने में उनकी सहायता करेगा। सुग्रीव राग रंग में इतना मगन हो गया कि उसे अपना किया हुआ वादा भी याद नहीं रहा। ऐसे करते-करते बहुत दिन बीत गए। सुग्रीव को अपने वचनों का फिर भी याद नहीं आया। सुग्रीव के इस लापरवाही को देखकर श्री राम और लक्ष्मण दोनों को क्रोध आ रहा था। लक्ष्मण तो कुछ ज्यादा ही क्रोधित थे। लक्ष्मण ने क्रोध में आकर धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाई जिससे पूरा किष्किंधा नगर का उठा। जब सुग्रीव को लक्ष्मण के इस रूप के बारे में पता चला तो सुग्रीव को अपना किया हुआ वचन याद आ गया। तत्पश्चात सुग्रीव ने माता सीता को ढूंढने में श्री राम की सहायता की।
- सुग्रीव और राम कैसे एक ही समस्या से जूझ रहे थे? टिप्पणी कीजिए।
उत्तर: देखा जाए तो श्री राम और सुग्रीव एक ही समस्या से जूझ रहे थे। जैसा कि सुग्रीव के साथ उसके बड़े भाई ने कपट करके उसे राजदरबार से निकाल दिया था और उसकी स्त्री को भी छीन लिया गया था। सुग्रीव के पिता जी की भी मृत्यु हो चुकी थी। वैसे ही श्रीराम को भी राज्य से दूर वनवास को भेज दिया गया था, उनकी पत्नी सीता का अपहरण हो गया था और उनके भी पिता की मृत्यु हो चुकी थी। सुग्रीव और श्री राम का दुख बहुत ही मिलता जुलता था। सुग्रीव और राम दोनों ही पत्नी वियोग मे दुखी थे।
- वानर दल असमंजस में क्यों थे?
उत्तर: जटायु के भाई ने वानर सेना को सीता के बारे में सूचना दी थी। जटायु के भाई के द्वारा सूचना मिलने पर वानर सेना बहुत ही प्रसन्न हो गए। परंतु उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए एक विशाल समुद्र को पार करना था। विशाल समुद्र को देखकर पूरी वानर सेना बहुत ही निराश हो गई। लक्ष्य सामने था परंतु जाने का कोई उपाय नजर नहीं आ रहा था। पूरी वानर सेना परेशान थी कि समुद्र को कैसे पार किया जाए। अंगद ने श्रीराम को वचन दिया था कि सीता का पता लगाए बिना वह वापस नहीं आएगा। यही सब बात सोचकर वानर दल असमंजस में थे।
- गहनों को देखने के बाद राम को सुग्रीव ने कैसे सांत्वना दिया?
उत्तर: सीता द्वारा गिराई गई गहनों की पोटली वानर सेना को मिली थी। वानर सेना ने उस पोटली को श्री राम को सौंप दिया। जब श्रीराम ने वह पोटली देखी तो वह झट से पहचान गए कि वह गहने सीता के है। उनमें से कुछ गहने लक्ष्मण ने भी पहचाने। उस गहने को देखकर श्री राम बहुत ही उदास हो गए। वह खुद को कोसने लगे कि उन्होंने सीता की रक्षा नहीं कर पाई। वह खुद पर धिक्कार करने लगे। यह सब देखकर सुग्रीव ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि उनकी वानर सेना सीता माता को अवश्य ही ढूंढ लेंगी और रावण को उसके किए का परिणाम अवश्य ही मिलेगा। सुग्रीव द्वारा यह बात सुनकर श्री राम को सांत्वना मिली।
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