पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार – टिकट-अलबम वसंत भाग – 1
राजप्पा और नागराजन दोनों सहपाठी थे। राजप्पा के पास डाक-टिकटों का एक सुन्दर अलबम था। उसके अलबम की लड़कों में काफ़ी तारीफ़ रही थी। परन्तु जब से नागराजन के मामा ने सिंगापुर से उसके लिए अलबम भेज था तब से राजप्पा के अलबम को कोई नहीं पूछता था। नागराजन अपना अलबम सबको दिखाता था पर किसी को छूने नहीं देता। लड़कियों द्वारा माँगे जाने पर नागराजन ने अलबम पर कवर चढ़ाकर दिया। शाम तक देखने के बाद उसने अलबम वापस ले लिया।
काफ़ी मेहनत से तैयार की गई राजप्पा के अलबम के कोई तारीफ़ नहीं करता। कई सहपाठी उसके अलबम की तुलना नागराजन के अलबम से कर राजप्पा के अलबम को फिसड्डी बताते। राजप्पा ने नागराजन के अलबम को देखने की कभी इच्छा प्रकट नहीं की।
अब राजप्पा मन ही मन कुढ़ने लगा था। लड़कों के सामने जाने में शर्म आने लगा था। पहले वो टिकट की खोज में घूमा करता था परन्तु अब घर में रहने लगा। उसे नागराजन के अलबम से चिढ़ होने लगी थी। वह नागराजन के घर की तरफ़ चल पड़ा। राजप्पा ने सोच लिया था कि वह अपने फ़ालतू टिकट से नागराजन के अच्छे टिकट बदल लेगा। उसे अपने पर विश्वास था चूँकि उसने पहले भी ऐसा कई बार किया था।
वह नागराजन के घर पहुँचकर ऊपर चला गया। थोड़ी देर बाद नागराजन की बहन कामाक्षी ऊपर आई। उसने बताया नागराजन शहर गया है। उसने भी अपने भाई के अलबम की तारीफ़ की। कामाक्षी थोड़ी देर बाद नीचे चली गई। राजप्पा ने नागराजन के अलबम को चुरा लिया और अपने घर में जाकर अलमारी की पीछे छुपा दिया।
रात को एक सहपाठी आया जिसने उसे बताया कि नागराजन का अलबम चोरी हो गया। उस रात उसे नींद नहीं आयी। सुबह को वह सहपाठी दोबारा आया और राजप्पा को बताया कि शायद नागराजन पुलिस में जाएगा। उसके पापा डी.एस.पी के दफ़्तर में काम करते हैं।
राजप्पा के पापा दफ़्तर चले गए। राजप्पा बिस्तर पर बैठा था। दरवाजे पर दस्तक हुई। राजप्पा घबरा गया, उसे लगा पुलिस आयी है। पकड़े जाने के डर से उसने नागराजन के अलबम को अँगीठी में डाल कर जला दिया। तभी अम्मा की आवाज़ आयी कि नागराजन उससे मिलने आया है। नागराजन ने राजप्पा को बताया कि उसका अलबम चोरी हो गया है। नागराजन बहुत मायूस था। राजप्पा ने उसे अपना अलबम देकर कहा कि वह उसे रख ले। नागराजन ने सोचा वह मज़ाक कर रहा है परन्तु राजप्पा बार-बार वही बात कर रहा था। जब नागराजन राजप्पा का अलबम ले जाने लगा तब राजप्पा ने कहा कि वह उसे रातभर देखना चाहता है, सुबह वह उसे लौटा देगा।
कठिन शब्दों के अर्थ
• चबेना – चबाने के लिए भुने हुए चने आदि
• अगुवा – नेता
• पगडंडी – पैदल चलने से बना रास्ता
• टीपना – नकल लगाकर लिखना
• घुड़की देना – धमकाना
• बघारना – अपनी होशियारी दिखाने के लिए किसी बात की चर्चा करना
• कोरस – एक साथ मिलकर गाना
• खलना – बुरा लगना
• साँकल खटकी – कुंडी की आवाज आना
• साँस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रहना – घबरा जाना
• आग में घी डालना – गुस्से या चिंता आदि को और बढ़ाना
• चेहरा उतरा हुआ होना – निराश होना
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