NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

Chapter -1 अवधपुरी में राम

MCQ Questions

Question 1.
विंध्याचल पर्वत पार करने वाले सबसे पहले मुनि कौन थे?
(a) सुतीक्ष्ण मुनि
(b) विश्वामित्र
(c) अगस्त्य मुनि
(d) अंगेश्वर मुनि

Answer

Answer: (c) अगस्त्य मुनि


Question 2.
शूर्पणखा कौन थी?
(a) रावण की बहिन
(b) रावण की पुत्री
(c) रावण की सौतेली बहिन
(d) रावण के मामा की लड़की

Answer

Answer: (a) रावण की बहिन


Question 3.
नाक-कान कटने के बाद शूर्पणखा किसके पास गई?
(a) जटायु के
(b) अहिरावण के
(c) विभीषण के
(d) खर-दूषण के

Answer

Answer: (d) खर-दूषण के


Question 4.
रावण को किसने बताया कि राम को युद्ध में हराना आसान नहीं?
(a) खर-दूषण ने
(b) अकंपन ने
(c) विभीषण ने
(d) दुर्मुख ने

Answer

Answer: (b) अकंपन ने


Question 5.
अकंपन ने राम से बदला लेने का क्या उपाय बताया?
(a) राम पर हमला करना
(b) अयोध्या पर हमला करना
(c) सीता का हरण करना
(d) मुनियों पर हमला करना

Answer

Answer: (c) सीता का हरण करना


Question 6.
मारीच रावण का क्या लगता था?
(a) चाचा
(b) दादा
(c) नाना
(d) मामा

Answer

Answer: (d) मामा


Question 7.
मारीच ने रावण को क्या समझाया?
(a) सीता का हरण, विनाश को आमंत्रण देना
(b) सीता का हरण आवश्यक है
(c) राम पर चढ़ाई कर देनी चाहिए
(d) राम से संधि कर लेनी चाहिए

Answer

Answer: (a) सीता का हरण, विनाश को आमंत्रण देना


Question 8.
मारीच किस रूप में पंचवटी गया?
(a) शेर के रूप में
(b) तपस्वी के रूप में
(c) खरगोश के रूप में
(d) हिरण के रूप में

Answer

Answer: (d) हिरण के रूप में


Question 9.
बाण लगने पर मायावी हिरण ने क्या किया?
(a) हा सीते! हा लक्ष्मण पुकारा
(b) हा रावण! पुकारा
(c) हा माता! पुकारा
(d) हा पिता जी! पुकारा |

Answer

Answer: (a) हा सीते! हा लक्ष्मण पुकारा


Question 10.
रावण के साथ किस पक्षी का युद्ध हुआ?
(a) दीर्घायु
(b) संपाती
(c) जटायु
(d) दीर्घबाहु

Answer

Answer: (c) जटायु


Question 11.
सीता ने अपने आभूषण उतारकर नीचे क्यों फेंके?
(a) वे आभूषण अब उसके काम के नहीं थे
(b) वह राम को बताना चाहती थी कि रावण उसको किधर ले गया
(c) वे आभूषण किसी गरीब के काम आ जायेंगे
(d) वे आभूषण उनके नहीं थे

Answer

Answer: (b) वह राम को बताना चाहती थी कि रावण उसको किधर ले गया


Question 12.
टूटे रथ को देखकर राम असमंजस में क्यों पड़ गए?
(a) क्योंकि टूटा रथ रावण का था
(b) टूटे रथ के पास खून पड़ा हुआ था
(c) टूटे रथ के पास वह माला पड़ी थी जिसको सीता ने अपनी वेणी में गूंथ रखा था
(d) वहाँ मरा हुआ सारथी पड़ा था

Answer

Answer: (c) टूटे रथ के पास वह माला पड़ी थी जिसको सीता ने अपनी वेणी में गूंथ रखा था


Question 13.
जटायु ने किसके साथ युद्ध किया?
(a) खर-दूषण के
(b) रावण के
(c) मारीच के
(d) इंद्रजीत के

Answer

Answer: (b) रावण के


Question 14.
कबंध राक्षस की क्या विशेषता थी?
(a) उसके पैर नहीं थे
(b) उसके हाथ नहीं थे
(c) उसका उदर गायब था
(d) उसके धड़ पर सिर नहीं था

Answer

Answer: (d) उसके धड़ पर सिर नहीं था |


Question 15.
शबरी कौन थी?
(a) विश्वामित्र की शिष्या
(b) मतंग ऋषि की शिष्या
(c) ऋषि भारद्वाज की शिष्या
(d) ऋषि दुर्वासा की शिष्या

Answer

Answer: (b) मतंग ऋषि की शिष्या


Question 16.
शबरी ने राम को किसके पास जाने की सलाह दी?
(a) मतंग ऋषि के
(b) बाली के
(c) सुग्रीव के
(d) हनुमान के

Answer

Answer: (c) सुग्रीव के


Question 17.
बाली कहाँ के राजा थे?
(a) चित्रकूट के
(b) किष्किंधा के
(c) लंका के
(d) पाताल लोक के

Answer

Answer: (b) किष्किंधा के


Question 18.
राम और सुग्रीव की मित्रता किसने कराई?
(a) हनुमान ने
(b) शिवजी ने
(c) पवन ने
(d) जटायु ने

Answer

Answer: (a) हनुमान ने


Question 19.
बाली किसके द्वारा मारा गया?
(a) सुग्रीव के
(b) राम के
(c) लक्ष्मण के
(d) हनुमान के

Answer

Answer: (b) राम के


Question 20.
लंका रोहण के लिए वानरों के कितने दल बनाए गए?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच

Answer

Answer: (c) चार


Question 21.
हनुमान किस दल में शामिल थे?
(a) उत्तर को ओर जाने वाले
(b) दक्षिण-पूर्व की ओर जाने वाले
(c) दक्षिण की ओर जाने वाले
(d) दक्षिण-पश्चिम की ओर जाने वाले

Answer

Answer: (d) दक्षिण-पश्चिम की ओर जाने वाले


Question 22.
संपाति कौन था?
(a) सुग्रीव का सेवक
(b) बाली का सेनापति
(c) रावण का भाई
(d) जटायु का भाई

Answer

Answer: (d) जटायु का भाई


Question 23.
समुद्र को पार किसने किया?
(a) अंगद
(b) संपाति
(c) हनुमान
(d) जामवंत

Answer

Answer: (c) हनुमान


Question 24.
किस राक्षसी ने हनुमान के मार्ग को रोका?
(a) ताड़का
(b) सुरसा
(c) हिडिम्बा
(d) गर्धभा

Answer

Answer: (b) सुरसा


Question 25.
रावण ने सीता को कहाँ ठहराया हुआ था?
(a) अपने महल में
(b) विभीषण के महल में
(c) अशोक वाटिका में
(d) मंदोदरी के महल में

Answer

Answer: (c) अशोक वाटिका में


Question 26.
हनुमान ने सीता को कैसे विश्वास दिलाया कि वह राम का सेवक है?
(a) राम का उत्तरीय वस्त्र दिखाकर
(b) राम की दी हुई अँगूठी दिखाकर
(c) अपनी पूँछ दिखाकर
(d) अपना पराक्रम दिखाकर

Answer

Answer: (b) राम की दी हुई अँगूठी दिखाकर


Question 27.
सीता से विदा लेकर हनुमान ने क्या किया?
(a) रावण पर आक्रमण कर दिया
(b) किष्किंधा वापस आ गया
(c) रावण के बाग को उजाड़ दिया
(d) रावण के पास संधि प्रस्ताव लेकर गया |

Answer

Answer: (c) रावण के बाग को उजाड़ दिया


Question 28.
रावण ने हनुमान को क्या सजा दी?
(a) मौत की
(b) उसकी पूँछ में आग लगाने की
(c) उम्र कैद की
(d) अंग भंग करने की

Answer

Answer: (b) उसकी पूँछ में आग लगाने की


Question 29.
विभीषण लंका से निकलकर कहाँ गए?
(a) गंगा के किनारे
(b) किष्किंधा
(c) राम के पास
(d) अयोध्या

Answer

Answer: (c) राम के पास


Question 30.
अवध कौन-सी नदी के किनारे बसा हुआ है?
(a) गंगा
(b) यमुना
(c) सरस्वती
(d) सरयू

Answer

Answer: (d) सरयू


Question 31.
अयोध्या किस राज्य की राजधानी थी?
(a) कौसल
(b) मिथिला
(c) झारखंड
(d) विदिशा

Answer

Answer: (a) कौसल


Question 32.
राजा दशरथ की कितनी रानियाँ थीं?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच

Answer

Answer: (b) तीन


Question 33.
दशरथ के कितने पुत्र थे?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच

Answer

Answer: (c) चार


Question 34.
महर्षि वशिष्ठ कौन थे?
(a) राजा दशरथ के राजगुरु
(b) जनकपुरी के ऋषि
(c) एक राजा
(d) एक शिक्षक

Answer

Answer: (a) राजा दशरथ के राजगुरु


Question 35.
राम-लक्ष्मण किसके साथ वन गए?
(a) वशिष्ठ के
(b) विश्वामित्र के
(c) जनक के
(d) दशरथ के

Answer

Answer: (b) विश्वामित्र के


Question 36.
विश्वामित्र ने नदी तट पर पहुँचकर राम-लक्ष्मण को कौन-सी विद्या सिखाई?
(a) शस्त्र विद्या
(b) अश्व विद्या
(c) बला-अतिबला
(d) गुप्त विद्या

Answer

Answer: (c) बला-अतिबला


Question 37.
ताड़का कौन थी?
(a) एक सुंदर स्त्री
(b) एक राक्षसी
(c) एक देवी
(d) एक साध्वी

Answer

Answer: (b) एक राक्षसी


Question 38.
राम ने विश्वामित्र के साथ वन में जाकर क्या किया?
(a) यज्ञ की रक्षा
(b) राक्षसों का वध
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer

Answer: (c) ‘a’ और ‘b’ दोनों


Question 39.
यज्ञ के बाद विश्वामित्र ने राम-लक्ष्मण को कहाँ चलने को कहा?
(a) अयोध्या
(b) अलकापुरी
(c) मिथिला
(d) वृंदावन

Answer

Answer: (c) मिथिला


Question 40.
शिव-धनुष कहाँ रखा हुआ था?
(a) एक तख्त पर
(b) लोहे की पेटी में
(c) एक शिला पर
(d) महल के बाहर

Answer

Answer: (b) लोहे की पेटी में


Question 41.
शिव-धनुष को किसने उठाया?
(a) राम ने
(b) लक्ष्मण ने
(c) रावण ने
(d) किसी ने भी नहीं

Answer

Answer: (a) राम ने


Question 42.
राम के विवाह के बाद राजा दशरथ के मन में क्या इच्छा थी?
(a) वन जाने की
(b) संन्यास लेने की
(c) राम का राज्याभिषेक करने की
(d) भरत को राजा बनाने की

Answer

Answer: (c) राम का राज्याभिषेक करने की


Question 43.
राज्याभिषेक की घोषणा के समय भरत और शत्रुघ्न कहाँ थे?
(a) वन में
(b) अपने मामा के यहाँ
(c) विश्वामित्र के साथ
(d) कैकेयी के महल में

Answer

Answer: (b) अपने मामा के यहाँ


Question 44.
कैकेयी ने दशरथ से कितने वर माँगे?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच

Answer

Answer: (a) दो


Question 45.
पहला वरदान क्या था?
(a) राम के लिए राजगद्दी
(b) राम के लिए वनवास
(c) भरत के लिए राजगद्दी
(d) लक्ष्मण के लिए वनवास

Answer

Answer: (c) भरत के लिए राजगद्दी


Question 46.
दूसरा वर क्या था?
(a) राम भरत का सहायक रहेगा
(b) राम को चौदह वर्ष का वनवास
(c) राम को बारह वर्ष का वनवास
(d) राम को बारह वर्ष का वनवास व एक वर्ष का अज्ञातवास

Answer

Answer: (b) राम को चौदह वर्ष का वनवास


Question 47.
कैकेयी की दासी का क्या नाम था?
(a) मंथरा
(b) संतरा
(c) कुलक्षणी
(d) ताड़का

Answer

Answer: (a) मंथरा


Question 48.
कैकेयी ने अपनी बात न मानी जाती देख क्या हथियार चलाया?
(a) वन जाने का
(b) अपने पिता के घर जाने का
(c) विष खाने का
(d) स्वयं गद्दी पर बैठने का

Answer

Answer: (c) विष खाने का


Question 49.
दशरथ के मंत्री का क्या नाम था?
(a) विदुर
(b) चाणक्य
(c) चंद्रगुप्त
(d) सुमंत्र

Answer

Answer: (d) सुमंत्र


Question 50.
राम के वन-गमन की बात सुनकर लक्ष्मण क्या चाहते थे?
(a) अपने बाहुबल से राज्य छीनना
(b) वन जाने के निर्णय को उचित मानना
(c) कैकेयी को वन भेजना
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (a) अपने बाहुबल से राज्य छीनना


Question 51.
राम के वन-गमन का समाचार सुनकर नगरवासी किसे धिक्कार रहे थे?
(a) दशरथ को
(b) कैकेयी को
(c) राम को
(d) लक्ष्मण को

Answer

Answer: (b) कैकेयी को


Question 52.
मंथरा को बालों से पकड़कर किसने घसीटा?
(a) राम ने
(b) लक्ष्मण ने
(c) भरत ने
(d) शत्रुघ्न ने

Answer

Answer: (d) शत्रुघ्न ने


Question 53.
मुनि वशिष्ठ ने भरत से क्या आग्रह किया?
(a) वन चलने को कहा
(b) अयोध्या का राज्य संभालने को कहा
(c) राम को आधा राज्य देने को कहा
(d) रघुकुल की रीत निभाने को कहा

Answer

Answer: (b) अयोध्या का राज्य संभालने को कहा


Question 54.
राम ने किस स्थान पर कुटिया बनाई?
(a) नर्मदा नदी के किनारे
(b) पंचमढ़ी में
(c) चित्रकूट में
(d) हिमालय पर्वत पर

Answer

Answer: (c) चित्रकूट में


Question 55.
भरत द्वारा दिए गए किस समाचार को सुनकर राम सन्न रह गए?
(a) भरत के राज्य संभालने के।
(b) भरत के सेना लेकर आने के
(c) गुरु वशिष्ठ के नाराज होने के
(d) दशरथ की मृत्यु के

Answer

Answer: (d) दशरथ की मृत्यु के


Question 56.
भरत ने राम से क्या विनती की?
(a) अयोध्या चलकर राज्य संभालने की
(b) किसी और को राज्य देने की
(c) अपनी माता को दण्ड देने की
(d) पिता का क्रिया-कर्म करने की

Answer

Answer: (a) अयोध्या चलकर राज्य संभालने की


Question 57.
भरत राम से क्या चीज लेकर लौटे?
(a) उनकी अंगूठी
(b) उनकी खड़ाऊँ
(c) उनका धनुष
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (b) उनकी खड़ाऊँ


Question 58.
दण्डक वन में राम-लक्ष्मण ने किसकी सहायता की?
(a) देवताओं की
(b) बीमारों की
(c) ऋषि-मुनियों की
(d) जटायु की

Answer

Answer: (c) ऋषि-मुनियों की

पाठ्यपुस्तक का प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
पुस्तक के पहले अध्याय के पहले अनुच्छेद में लेखक ने सजीव ढंग से अवध की तसवीर प्रस्तुत की है। तुम भी अपने आसपास की किसी जगह का ऐसा ही बारीक चित्रण करो। यह चित्रण मोहल्ले के चबूतरे, गली की चहल-पहल, सड़क के नज़ारे आदि किसी का भी हो सकता है जिससे तुम अच्छी तरह परिचित हो।
उत्तर-
मैं अपने मोहल्ले के माहौल से अच्छी तरह परिचित हूँ। यह भारत की राजधानी दिल्ली से बिलकुल नजदीक है। डी० एल०एफ० अंकुर विहार जो दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के साथ लगा हुआ है। इस मार्ग के दोनों ओर स्थित ऊँची-ऊँची अट्टालिकाओं की शोभा को देखते ही बनता है। यहाँ आलीशान इमारतें एवं मॉल हैं। यहाँ का वातावरण शांत तथा शहर के कोलाहल से बहुत अलग है। प्रकृति से निकटता यहाँ के परिवेश की ही खासियत है। प्रदूषण से मुक्त आबोहवा है। चारों तरफ दूर-दूर तक फै ली हुई हरियाली यहाँ के आकर्षण का केंद्र है।

यह गाँव एवं शहरों के समिश्रण का संयुक्त रूप है। चौड़ी-चौड़ी सड़कें, स्ट्रीट लाइट, कम भीड़भाड़ एवं कोलाहल होने के कारण यहाँ का वातावरण काफ़ी खुशनुमा है। लोग यहाँ काफ़ी पढ़े-लिखे एवं सभ्य हैं। बड़े-बड़े पार्को में चारों ओर रंग-बिरंगे खिले फूलों की भीनी-भीनी सुगंध का क्या कहना। वास्तव में ऐसे स्वर्गीय वातावरण का आनंद सौभाग्य से ही मिलता है।

प्रश्न 2.
विश्वामित्र जानते थे कि क्रोध करने से यज्ञ पूरा नहीं होगा। इसलिए वे क्रोध को पी गए। तुम्हें भी कभी-कभी गुस्सा आता होगा। तुम्हें कब-कब गुस्सा आता है और उसका क्या परिणाम होता है?
उत्तर-
हाँ, मुझे गुस्सा तब आता है जब मुझसे कोई झूठ बोले, मेरी बात न माने या मुझसे पूछे बिना मेरी चीजों को हाथ लगाता है तो मुझे गुस्सा आता है। मैं गुस्से को काबू करने का काफ़ी प्रयत्न करता हूँ लेकिन उसे रोक नहीं पाता। इसका परिणाम . मुझे नुकसान के रूप में उठाना पड़ता है। इसका परिणाम मुझे डाँट सुननी पड़ती है या फिर किसी से झगड़ा के रूप में परिवर्तित हो जाता है। मेरे कई मित्रों से गुस्से के कारण संबंध खराब हो गए। यहाँ तक कि बोल-चाल भी बंद हो गए।

प्रश्न 3.
राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार किया। तुम्हारी समझ में इसका क्या कारण रहा होगा?
उत्तर-
राम और लक्ष्मण अपने पिता के भक्त थे। वे एक वीर एवं आदर्श पुरु ष भी थे। अतः वे अपने पिता के वचनों का मान रखना चाहते थे। इसी कारण राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया होगा। इसके अलावा उन्हें वंश परंपरा का भी ध्यान था। रघुकुल में वचन का मान रखने के लिए उनके पूर्व की पीढ़ियों ने प्राणों की बाजी लगा दी थी। उन्हें अपने कुल की परंपरा का ज्ञान था।

प्रश्न 4.
विश्वामित्र ने कहा, ”ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। इनसे कोई डर नहीं है।” उन्होंने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर-
जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। वनस्पतियाँ ही तो जंगल का आधार हैं। वनस्पतियों के बिना जंगल की कल्पना नहीं की जा सकती। प्रकृति का पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए भी ये सहायक होते हैं। धरती पर जीवन की उपस्थिति के लिए ये आवश्यक हैं। अतः ये हमारे जीवन साथी हैं और हमें जानवरों से कोई खतरा नहीं होता। ये प्रकृति की शोभा बढ़ाते हैं। जानवरों से रौनक बनी रहती है। अतः इनके महत्त्व को समझते हुए विश्वामित्र ने कहा कि ये जंगल की शोभा हैं। इनसे नहीं डरना चाहिए।

प्रश्न 5.
लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। क्या ऐसा करना उचित था? अपने उत्तर का कारण बताओ।
उत्तर-
शूर्पणखा ने राम-लक्ष्मण से विवाह करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन दोनों भाइयों ने शूर्पणखा का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसलिए क्रोध में आकर शूर्पणखा सीता पर झपटी। यह देख लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। शूर्पणखा एक राक्षसी होते हुए भी एक स्त्री थी। इसलिए लक्ष्मण के द्वारा नाक-कान काटना अनुचित कार्य था। उसे इस तरह अपमानित करना उचित नहीं कहा जा सकता है। शूर्पणखा के विवाह प्रस्ताव को ठुकराने के लिए लक्ष्मण को उसे समझाने का प्रयत्न करना चाहिए था। इस पर यदि वह नहीं मानती तो उसे दंड देना चाहिए था। इस प्रकार के दंड को अनुचित कहा जा सकता है।

प्रश्न 6.
विश्वामित्र और कैकेयी दोनों ही दशरथ को रघुकुल के वचन निभाने की प्रथा याद दिलाते हैं। तुम अपनी मदद से बताओ कि क्या दिया हुआ वचन हमेशा संभव होता है।
उत्तर-
इसमें कोई शक नहीं कि दिया हुआ वचन सदैव निभाना संभव नहीं होता है। यह कभी-कभी परिस्थितियों तथा मज़बूरियों पर निर्भर करता है। मुझे याद है कि मैंने अपने एक मित्र को सदैव मदद करने का वचन दिया था। एकबार उस मित्र को कई सालोंबाद धन की आवश्यकता हुई। उसने मेरे से कुछ रुपये माँगे, पर जब तक मैं गरीब हो चुका था। मेरी आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। आर्थिक विपन्नता के कारण मैं अपना वचन नहीं निभा पाया।

प्रश्न 7.
मान लो कि तुम्हारे स्कूल में रामकथा को नाटक के रूप में खेलने की तैयारी चल रही है। तुम इस नाटक में उसी पात्र की भूमिका निभाना चाहते हो जो तुम्हें सबसे ज़्यादा अच्छी, दिलचस्प या आकर्षक लगती है। वह पात्र कौन सा है और क्यों?
उत्तर-
मैं रामकथा नाटक में छोटे भाई लक्ष्मण के रूप में भूमिका निभाना चाहूँगा। क्योंकि लक्ष्मण की भूमिका अत्यंत वीरतापूर्ण, भव्य और आकर्षक है। लक्ष्मण ने सदैव राम के साथ सेवाभाव का परिचय दिया है। वे अनुकरणीय महान योद्धा एवं आदर्शवादी पुरुष थे। वे यथार्थवादी थे। वे अन्याय को तुरंत समाप्त करने के लिए तत्पर रहते थे। इनके चरित्र में नवीनता और सजीवता बनी रहती है। अतः मैं सदैव लक्ष्मण की भूमिका निभाना चाहूँगा।

प्रश्न 8.
सीता बिना बात के राक्षसों के वध के पक्ष में नहीं थीं, जबकि राम राक्षसों के विनाश को ठीक समझते थे। तुम किससे सहमत हो-राम से या सीता से? कारण बताते हुए उत्तर दो।
उत्तर-
सीता बिना बात के राक्षसों के वध के पक्ष में नहीं थीं, जबकि राम राक्षसों के विनाश को आवश्यक मानते थे। इस दोनों विचारों में राम के विचारों से सहमत हूँ। कारण यह था कि राक्षस अपने बुरे कामों से बाज नहीं आते। राक्षस अकारण निर्दोष ऋषि मुनियों का वध करते थे। उनका अत्याचार स्त्रियों तथा बच्चों पर कहर बनकर टूटता था। उनमें दया के भाव का नामोनिशान तक न था। समाज को उनके अत्याचारों से बचाने के लिए उनका सफाया करना आवश्यक था। अतः उपरोक्त परिस्थितियों को देखकर मैं राम के विचारों से सहमत हूँ।

प्रश्न 9.
रामकथा के तीसरे अध्याय में मंथरा कैकेयी को समझाती है कि राम को युवराज बनाना उसके बेटे के हक में नहीं है। इस प्रसंग को अपने शब्दों में कक्षा में नाटक के रूप में प्रस्तुत करो।
उत्तर-
मंथरा का कैकेयी को इस प्रकार समझाना कि राम को युवराज बनाना उसके बेटे के हक में नहीं है।

  • मंथरा – अरी रानी उठो! यह समय सोने का नहीं होश में आओ। विपत्ति का पहाड़ टूटने वाला है। जागो।
  • कैकेयी – क्या हुआ? क्या बात है? तुम इतनी घबराई हुई क्यों हो? कुशल मंगल तो है?
  • मंथरा – कैसा कुशल मंगल! तुम्हारे सुखों का अंत होने वाला है। कल राम का राज्याभिषेक होने वाला है।
  • कैकेयी – यह तो खुशी की बात है।
  • मंथरा – तुम्हारी मति मारी गई है। तुम राजा दशरथ के षड्यंत्र को नहीं समझती। तुम्हारे अधिकार छीने जाने वाले हैं।
  • कैकेयी – यह कैसी उलटी बात है। वह मेरा ज्येष्ठ पुत्र है। राम तो युवराज के पद के योग्य है। राज तो बड़े बेटे को ही मिलता है।
  • मंथरा – रानी इसे रोकें, यह तुम्हारे हित में नहीं है। राम अगर राजा बन गया तो तुम कौशल्या की दासी बन जाओगी। भरत राम के दास हो जाएँगे।
  • कैकेयी – तो क्या ऐसा हो जाएगा? मैं क्या करूं?
  • मंथरा – तुम्हें याद है, तुम राजा दशरथ को अपने वचनों की याद दिलाकर भरत के लिए राज्याभिषेक और राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास माँग लो।
  • कैकेयी – परंतु इतना बड़ा काम मैं कैसे करूंगी।
  • मंथरा – तुम मैले कपड़े पहनकर कोप भवन चली जाओ। राजा दशरथ आएँ तो उन्हें पहले अपने मन की बात मत कहना। जब वे तुम्हें मनाने लगें तो अपने दोनों वचनों को माँग लेना।

प्रश्न 10.
तुमने ‘जंगल और जनकपुर’ तथा ‘दंडक वन में दस वर्ष’ में राक्षसों द्वारा मुनियों को परेशान करने की बात पढ़ी। राक्षस ऐसा क्यों करते थे? क्या यह संभव नहीं था कि दोनों शांतिपूर्वक वन में रहते? कारण बताते हुए उत्तर दो।
उत्तर-
राक्षस सदैव विध्वंस करते रहते थे और आतंक फैलाते रहते थे। शांतिपूर्वक रहना राक्षसों के स्वभाव के विपरीत था। वे निर्दोष प्राणियों की हत्या करते रहते थे। इसके विपरीत ऋषि मुनियों की संस्कृति भिन्न थी। ऋषि-मुनि तो जंगल में आश्रमों में शांतिपूर्वक रहते थे। पर राक्षसों की प्रवृत्ति ऋषि-मुनियों के यज्ञ ‘भंग करने की थी। इस तरह राक्षसों की संस्कृति ऋषि मुनियों की संस्कृति से बिलकुल विपरीत थी। इसलिए वे सभी एक साथ मिलजुलकर नहीं रह सकते थे।

प्रश्न 11.
हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को लंका के बारे में क्या-क्या बताया होगा?
उत्तर-
लंका से लौटकर हनुमान ने अंगद और जामवंत को लंका नगरी के सौंदर्य का वर्णन किया होगा क्योंकि हनुमान ने ऐसी सुंदर नगरी नहीं देखी थी। हनुमान ने बताया होगा कि सीता रावण की अशोक वाटिका में बंदी हैं तथा हर समय राक्षसों से घिरी रहती हैं। लंका सोने से बनी है। लंका चारों ओर से सुरक्षित बनाई गई है। वहाँ का राजा रावण ऊँचे सिंहासन पर बैठता है। वहाँ के भव्य महल हैं। वहाँ अशोक के लंबे-लंबे वृक्ष हैं। इसके अलावा हनुमान ने जामवंत को बताया होगा कि कैसे उनकी पूँछ में आग लगा देने पर उन्होंने लंका को जलाकर राख कर दिया था। इसके अलावा सीता से भेंट के विषय में भी बताया होगा।

प्रश्न 12.
तुमने बहुत सी पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ पढ़ी होंगी। उनमें क्या अंतर होता है? यह जानने के लिए पाँच पाँच के समूह में कक्षा के बच्चे दो-दो पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ इकट्ठा करें। कथ्य (कहानी), भाषा आदि के अनुसार दोनों प्रकार की कहानियों का विश्लेषण करें और उनके अंतर लिखें।
उत्तर-
पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ धार्मिक मान्यताओं पर आधारित होती हैं। उनमें कोई-न-कोई देवता का संबंध जुड़ा होता है। लोक कथाएँ वे कथाएँ हैं जो लोक जीवन में प्रचलित हैं। लोक कथाएँ प्रायः आम बोलचाल की भाषा में लिखी जाती हैं। श्रवण कुमार, नचिकेता, हरिश्चंद्र आदि लोक कथाओं के उदाहरण हैं जबकि विजय नारायण सिंह द्वारा संकलित ‘दुष्ट न छोड़े दुष्टता’ ‘डेढ़ मित्र’ और चतुर मज़दूरनी लोक कथाएँ हैं। पौराणिक कथाएँ संस्कृत में या हिंदी में लिखी गई हैं। वहीं लोक कथाएँ साधारण जन में प्रचलित कहानियाँ हैं, जिनमें जन-जीवन से जुड़े प्रसंग होते हैं।

प्रश्न 13.
क्या होता यदि-
(क) राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते।
(ख) रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता
उत्तर-
(क) यदि राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार न करते तो राम का राज्याभिषेक हो जाता। राजा दशरथ पर वचन-भंग का आरोप लगता। वे रघुकुल के पहले राजा होते जो अपने वचन से फिर गए होते। उनका वह सम्मान नहीं रहता जो उनकी मृत्यु के बाद भी उनको मिलता रहा। राम को चौदह साल का वनवास नहीं होता। अगर राम वन नहीं जाते तो सीता का रावण द्वारा हरण नहीं होता। तब राम रावण का युद्ध नहीं होता और रावण का वध नहीं होता।

(ख) यदि रावण विभीषण और अंगद का सुझाव मान लेता और युद्ध का फैसला न करता तो वह सीता को लौटा देता। ऐसी स्थिति में रावण और राम की सेना के बीच वह भयानक युद्ध न होता। असंख्या लोगों का खून-खराबा नहीं होता और रावण की मृत्यु नहीं होती।

प्रश्न 14.
नीचे कुछ चारित्रिक विशेषताएँ दी गई हैं और तालिका में कुछ पात्रों के नाम दिए गए हैं। प्रत्येक नाम के सामने उपयुक्त विशेषताओं को छाँटकर लिखो।
पराक्रमी, साहसी, निडर, पितृभक्त, वीर, शांत, दूरदर्शी, त्यागी, लालची, अज्ञानी, दुश्चरित्र, दीनबंधु, गंभीर, स्वार्थी, उदार, धैर्यवान, अड़ियल, कपटी, भक्त, न्यायप्रिय और ज्ञानी।

  1. राम …….
  2. सीता ……..
  3. लक्ष्मण ……..
  4. विभीषण ……….
  5. हनुमान ……..
  6. कैकेयी ………
  7. रावण ………
  8. भरत ……..

उत्तर-

  1. राम – पराक्रमी, साहसी, निडर, पितृभक्त, वीर, शांत, त्याग, दीनबंधु, उदार, गंभीर, धैर्यवान, न्यायप्रिय और ज्ञानी।
  2. सीता – त्याग, उदार, अड़ियल, शांत
  3. लक्ष्मण – साहसी, पराक्रमी, निडर, पितृभक्त, वीर, त्यागी, दूरदर्शी, भक्त, ज्ञानी।
  4. विभीषण – दूरदर्शी, साहसी, निडर, वीर, त्याग, गंभीर, भक्त, ज्ञानी।
  5. हनुमान – पराक्रमी, वीर, साहसी, बली, निडर, शांत, धैर्यवान, भक्त, ज्ञानी।
  6. कैकेयी – लालची, अज्ञानी, अड़ियल, स्वार्थी, कपटी।
  7. रावण – घमंडी, दुश्चरित्र, पराक्रमी, साहसी, निडर, अज्ञानी, अड़ियल, कपटी।
  8. भरत – त्यागी, भक्त, ज्ञानी, गंभीर, उदार, धैर्यवान, न्यायप्रिय, उदार।

प्रश्न 15.
तुमने अपने आस-पास के बड़ों से रामायण की कहानी सुनी होगी। रामलीला भी देखी होगी। क्या तुम्हें अपनी पुस्तक रामकथा की कहानी और बड़ों से सुनी लक्ष्मण की कहानी में कोई अंतर नज़र आया? यदि हाँ तो उसके बारे में कक्षा में बताओ।
उत्तर-
मैंने अपने आस-पास के बड़ों से भी रामायण की कहानी सुनी है। रामलीला भी देखी है। रामायण की कहानी और रामलीला में यह अंतर होता है कि रामलीला से घटनाएँ प्रत्यक्ष देखने को मिलती हैं। उनका प्रभाव स्थायी होता है। बड़े लोग भी । रामायण की कहानी सुनाते हैं, पर वे कई घटनाओं एवं चरित्र को उल्लेख करना भूल जाते हैं या सही ढंग से वर्णन नहीं कर पाते हैं।

जैसे विश्वामित्र राक्षसों से रक्षा के लिए दशरथ से राम और लक्ष्मण को ले गए। पर यह बताना भूल गए कि विश्वामित्र कौन थे और उन्होंने राम और लक्ष्मण को कौन सी विद्याएँ सिखाईं, परंतु ‘बाल रामकथा’ की कहानी से हमें राम के जीवन के हर छोटे-बड़े घटनाक्रम की जानकारी मिली। इस पुस्तक के माध्यम से राम के जीवन की प्रत्येक घटनाओं की जानकारी विस्तार से मिली। इसके अलावा हमें श्रीराम का जीवन परिचय मिला।

प्रश्न 16.
रामकथा में कई नदियाँ और स्थानों के नाम आए हैं। इनकी सूची बनाओ और एटलस में देखो कि कौन-कौन सी नदियाँ और जगहें अभी भी मौजूद हैं। यह काम तुम चार-चार समूह में कर सकते हो।
उत्तर-
रामकथा में आए नदियों तथा स्थानों के नाम निम्नलिखित हैं-
नदियों के नाम- सरयू, गंगा, गोदावरी, गंडक तथा गोमती और सोन।
स्थानों के नाम- इस कथा में स्थानों के नाम हैं-अयोध्या, मिथिला, चित्रकूट, किष्किंधा, कैकेय राज्य, दंडक वन, श्रृंगवेरपुर, विंध्याचल, प्रयाग और लंका। ये सारे स्थल अपने पुराने या नए नामों के साथ आज भी भारत भूमि पर उपस्थित हैं। छात्र एटलस में इन्हें हूँढ़ने का प्रयास करें।

प्रश्न 17.
यह राम कथा वाल्मीकि रामायण पर आधारित है। तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के बारे में जानकारी इकट्ठी करो और उसे चार्टपेपर पर लिखकर कक्षा में लगाओ। जानकारी प्रस्तुत करने में निम्नलिखित बिंदु हो सकते हैं|
राम कथा का नाम, रचनाकार का नाम, भाषा/प्रांत
उत्तर-
कथा का नाम- रामचरित मानस
रचनाकार- तुलसी दास
भाषा/प्रांत- अवधी/अवध (पूर्वी उत्तर प्रदेश)
इस जानकारी के आधार पर छात्र स्वयं चार्ट पेपर तैयार करें।

प्रश्न 18.
“नगर में बड़ा समारोह आयोजित किया गया। धूमधाम से।” (पृष्ठ-3)
‘एक दिन ऐसी ही चर्चा चल रही थी। गहन मंत्रणा’। (पृष्ठ-4)
‘पाँच दिन तक सब ठीक-ठाक चलता रहा। शांति से निर्विघ्न।’ (पृष्ठ-10)
रामकथा की इन पंक्तियों में कुछ वाक्य केवल एक या दो शब्दों के हैं। ऐसा लेखक ने किसी बात पर बल देने के लिए, उसे प्रभावशाली बनाने के लिए या नाटकीय बनाने के लिए किया है। ऐसे कुछ और उदाहरण पुस्तक से छाँटो और देखो कि इन एक-दो शब्दों के वाक्य को पिछले वाक्य में जोड़कर लिखने से बात के असर में क्या फर्क पड़ता है। उदाहरण के लिए-
‘पाँच दिन तक सब शांति से निर्विघ्न और ठीक-ठाक चलता रहा।
उत्तर-

  • वे चलते रहे। नदी के घुमाव के साथ-साथ। नदी पार जंगल था। घना दुर्गम।
  • महाराज पलंग पर पड़े हैं। बीमार। दीन-हीन।
  • वे गंगा किनारे पहुँच गए। श्रृंगवेरपुर गाँव में।
    छात्र उपर्युक्त उदाहरणों में दोनों वाक्यों के बीच के अंतर पर ध्यान दें।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रामायण के रचयिता कौन थे?
उत्तर-
रामायण के रचयिता आदिकवि वाल्मीकि थे।

प्रश्न 2.
‘बाल रामकथा’ किसके द्वारा लिखी गई है?
उत्तर-
‘बाल रामकथा’ श्री मधुकर उपाध्याय द्वारा लिखी गई है।

प्रश्न 3.
राम के चरित्र की विशेषता अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
राम को मर्यादा पुरु षोत्तम राम कहा जाता है। वह एक आदर्श पुरुष, भाई तथा राजा थे। राम पितृभक्त, धैर्यवान, साहसी, न्यायी, पराक्रमी, त्यागी तथा उदार थे। उनका चरित्र आज हमारे जीवन में अनुकरणीय है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
राम कथा से तुम्हें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर-
राम कथा से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें राम की तरह अपने माता-पिता, गुरुजनों की भावनाओं को पूरा-पूरा सम्मान करना चाहिए। इस कथा से हमें साहस और बुधि से प्रत्येक कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा मिलती है। विपरीत परिस्थितियों में धीरज बनाए रखना भी इस कथा के माध्यम से हम सीखते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि रामकथा हमारे जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण प्रेरणा का स्रोत है।

प्रश्न 2.
यदि आप राम के चारित्रिक गुणों को अपना लें तो आपके जीवन में क्या परिवर्तन आ जाएगा?
उत्तर-
यदि राम के चारित्रिक गुणों को अपना लें तो हमारे मन में ईष्र्या, द्वेष, स्वार्थ की भावना का अंत हो जाएगा। प्रेम और सद्भावनाओं का विकास होगा। समाज में भाईचारे की भावनाओं का विकास होगा। समाज में समरसता बढ़ेगी। खुशहाल समाज का निर्माण होगा।

प्रश्न 3.
यदि आपको वनवास हो जाए तो वहाँ आप अपना जीवन-यापन कैसे करेंगे?
उत्तर-
अगर कभी हमें वनवास हो जाए तो जीवन व्यतीत करना अत्यंत कठिन हो जाएगा, क्योंकि वहाँ हम सारी सुख-सुविधाओं से वंचित रहेंगे। हमें वहाँ कई ऐसी परेशानियों से जूझना पढ़ेगा; जैसे-सुरक्षा, रात में अंधेरे की समस्या, स्वास्थ्य, मेडीकल की सुविधाएँ। इसके अलावा श्री राम की तरह हममें दृढ़ इच्छा शक्ति का अभाव है। अगर राम की तरह दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो वन में रहना कुछ आसान हो जाता। वन में हमें कुछ आवश्यक खाने-पीने की वस्तुएँ तो अवश्य मिल जाएँगी। उन चीजों से दैनिक गुजारा करते।

प्रश्न 4.
आपको लक्ष्मण के चरित्र से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर-
लक्ष्मण का चरित्र-मातृ-प्रेम और सेवा भावना से ओतप्रोत है। हलाँकि लक्ष्मण को वनवास नहीं मिला था, फिर भी उन्होंने अपने बड़े भाई की सेवा में अपनी पूरी जिंदगी लगा दी। लक्ष्मण ने राम-सीता को आदर्श मानकर उनकी सेवा बड़े लगन से की। उनके चरित्र से हमें मातृत्व प्रेम, सेवा, समर्पण, कर्तव्य, पालन की प्रेरणा मिलती है।

प्रश्न 5.
राम के वन-गमन के बाद अयोध्या में क्या-क्या हुआ?
उत्तर-
राम के वन जाने के बाद भरत को तुरंत अयोध्या लाने के लिए घुड़सवार दूत रवाना किए गए। अयोध्या नगरी का माहौल बदल गया। सड़कें चारों तरफ सूनी दिखने लगीं। बाग-बगीचों में भी उदासी छा गई। राजा दशरथ राम के वियोग से चल बसे। भरत जब ननिहाल से लौटकर अयोध्या आए तो उन्हें राम के वन-गमन और राजा दशरथ की मृत्यु का पता चला। भरत ने अयोध्या की गद्दी पर बैठने से इनकार कर दिया तथा उन्होंने माता कैकेयी को भला-बुरा कहा। मुनि वशिष्ठ ने भरत को सलाह दी कि सिंहासन खाली नहीं रहना चाहिए, पर वे नहीं माने। उन्होंने राम को वन से वापस अयोध्या लाने का निश्चय किया।

प्रश्न 6.
तुम हनुमान को किस रूप में देखते हो?
उत्तर-
हम हनुमान को एक राम का शुभचिंतक एवं आदर्श सेवक के रूप में देखते हैं। हनुमान का जीवन नि:स्वार्थ सेवा का अनुपम उदाहरण है। हनुमान ने बिना किसी स्वार्थ के जीवनभर सुग्रीव तथा राम-सीता की सेवा की। उनकी सेवा भक्ति पराकाष्ठा थी। उनके क्रियाकलाप हमें सेवा भावना की प्रेरणा देते हैं।

प्रश्न 7.
यदि राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना को स्वीकार नहीं करते तो क्या होता? अनुमान से बताओ?
उत्तर-
यदि राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते तो राम का राज्याभिषेक होता। राम को अयोध्या की जनता अपना योग्य शासक मानती थी। राम के गद्दी सँभालने से वहाँ की प्रजा खुशहाल होती तथा उनमें उदासी नहीं छाती। वहाँ की सुख समृद्धि बढ़ती।

प्रश्न 8.
क्या अपने माता-पिता के लिए तुम्हें कुछ करने का मौका मिला है?
उत्तर-
हाँ, मुझे छोटे-मोटे कामों को करने का माता-पिता के लिए कई अवसर मिलते रहते हैं। मैंने उनके कई बार आदेशों का पालन किया है। माता-पिता को प्रसन्न करना ईश्वर को प्रसन्न करने के समान है। माता-पिता को सबसे अधिक खुशी तब होती है जब बच्चे अपने कर्तव्य का सही पालन करें। बच्चे सही शिक्षा प्राप्त करें।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
राम कथा का कौन-सा प्रसंग तुम्हें सबसे रोचक लगा? उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
हमें राम कथा का लंका-विजय प्रसंग सबसे अच्छा लगा। लंका पर आक्रमण करने से पूर्व उसकी पूरी तैयारी कर ली गई थी। सुग्रीव ने युद्ध के लिए वानरी सेना को कहा। उन्होंने कहा कि वही वानर सेना में युद्ध के लिए जाएँगे जो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं। वानरी सेना का शोर सुनकर राक्षसी सेना में भय पैदा हो गया। विभीषण ने देखा कि राक्षस सेना डरी हुई है। डरी हुई सेना कभी युद्ध नहीं जीत सकती। इसलिए विभीषण ने रावण को समझाने का प्रयास किया, पर रावण ने उनकी एक बात नहीं सुनी। अंगद ने भी राम का दूत बनकर रावण को काफ़ी समझाने का प्रयास किया, फिर भी रावण नहीं माना। अंत में राम और रावण की सेना में घमासान युद्ध हुआ। रावण के कई बलशाली राक्षस मारे गए।

महाबली, धूम्राक्ष, वज्रद्रष्ट, अकंपन भी युद्ध में धराशायी हो गए। मेघनाद और कुंभकर्ण भी मारे गए। लक्ष्मण ने महल में घुसकर मेघनाद का पीछा किया और उसे मार गिराया। रावण भी नहीं बच पाया। इस प्रकार रावण का अंत हुआ तथा राम की लंका पर विजय हुई। राम की चारों तरफ जय-जयकार होने लगी। सभी राक्षस मारे गए। राम ने सभी वानरी सेना का आभार प्रकट किया। विभीषण का राजतिलक किया गया और सीता को अशोक वाटिका से लाने की व्यवस्था की गई।

प्रश्न 2.
मंथरा ने रानी कैकेयी को कौन-कौन से तर्क देकर उनकी सोच बदल दी?
उत्तर-
मंथरा ने रानी कैकेयी को भय दिखाते हुए कहा कि राम के राजा बन जाने से तुम्हारे सुखों का अंत हो जाएगा। राजा दशरथ ने तुम्हारे अधिकार छीनने का षड्यंत्र रचा है। इसलिए जान-बूझकर भरत को ननिहाल भेज दिया है। इतना ही नहीं उसे राज याभिषेक के उत्सव पर भी नहीं बुलाया गया। मंथरा के इन तर्को का जब रानी कैकेयी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा तो वह रानी कैकेयी के पलंग पर उनके निकट बैठ गई और कहने लगी-“तुम नादान हो। तुम्हें निकट आया संकट दिखाई नहीं देता। राम के राजा बन जाने से तुम कौशल्या की दासी बन जाओगी।

भरत राम के दास हो जाएँगे। राम के बाद अगला राजा राम का पुत्र ही होगा। भरत कभी राजा नहीं बन पाएँगे।” मंथरा ने कैकेयी से कहा-‘”राम को राज मिला तो भरत को देश निकाला दे देंगे। इस तिस्कार से भरत की रक्षा करो। मंथरा के इन तर्को से रानी कैकेयी की सोच बदल गई।”

प्रश्न 3.
रावण-वध क्या शिक्षा देता है?
उत्तर-
रावण-वध से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बुराई का अंत अवश्य होता है। रावण बुराई का प्रतीक था। राम ने उसका वध कर समाज को उसके आतंक एवं अन्याय से मुक्त कराया। राम ने सीता का हरण करके स्त्रियों के प्रति अपनी सहिष्णुता का परिचय दिया था। वह विभीषण के प्रति निर्मम था। उसका संहार तो होना आवश्यक था। इसलिए रावण वध हमारे मत अनुसार सही प्रतीत होता है।

 


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