NCERT Important Questions & MCQs Class 6th Hindi -वसंत, भाग 1

NCERT Important Questions & MCQs are considered an extremely helpful resource for exam preparation. Edugrown gives its users access to a profuse supply of NCERT questions and their solutions. CBSE Class 6 Hindi NCERT Solutions are created by experts of the subject, hence, sure to prepare students to score well. The questions provided in NCERT Books are prepared in accordance with CBSE, thus holding higher chances of appearing on CBSE question papers. Not only do these NCERT Solutions for Class 6 Hindi strengthen students’ foundation in the subject, but also give them the ability to tackle different types of questions easily.

Chapter - 8 ऐसे-ऐसे

MCQs Questions with Answers

Question 1.
“ऐसे-ऐसे’ एकांकी के लेखक कौन हैं?
(a) जयंत विष्णु
(b) विष्णु प्रभाकर
(c) गुणाकर मुले
(d) अनुबंधोपाध्याय

Answer

Answer: (b) विष्णु प्रभाकर


Question 2.
मोहन ने पिता के दफ़तर में क्या खाया था?
(a) बर्गर
(b) समोसे
(c) फल
(d) मिठाई

Answer

Answer: (c) फल


Question 3.
किन बहानों को मास्टर जी समझ जाते हैं?
(a) पेट दर्द
(b) सिर दर्द
(c) चक्कर आना
(d) उपर्युक्त सभी

Answer

Answer: (d) उपर्युक्त सभी


Question 4.
वैद्य जी को बुलाकर कौन लाया?
(a) मोहन की माँ
(b) मोहन के पिता
(c) मोहन के पड़ोसी दीनानाथ
(d) मोहन का मित्र

Answer

Answer: (a) मोहन की माँ


Question 5.
मोहन कैसा लड़का था?
(a) कमज़ोर
(b) कम बुद्धिवाला
(c) भला
(d) शरारती

Answer

Answer: (d) शरारती


(1)

पिता-कहाँ? कुछ भी नहीं। सिर्फ एक केला और एक संतरा खाया था। अरे, यह तो दफ़तर से चलने तक कूदता फिर रहा था। बस अड्डे पर आकर यकायक बोला-पिता जी, मेरे पेट में तो कुछ ऐसे-ऐसे’ हो रहा है। माँ-कैसे?
पिता-बस ‘ऐसे-ऐसे’ करता रहा। मैंने कहा-अरे, गड़गड़ होती है? तो बोला नहीं। फिर पूछा-चाकू सा चुभता है? तो जवाब दियानहीं। गोला-सा फूटता है? तो बोला नहीं। जो पूछा उसका जवाब नहीं। बस एक ही रट लगाता रहा, कुछ ऐसे-ऐसे’ होता है।

Question 1.
एक केला और संतरा किसने खाया था?
(a) सोहन ने
(b) रोहन ने
(c) मोहन ने
(d) रोहित ने

Answer

Answer: (c) मोहन ने


Question 2.
‘ऐसे-ऐसे’ का बहाना कौन करता था?
(a) सोहन एक मास्टर
(b) मोहन स्वयं
(c) मोहन का पिता
(d) मोहन की माँ

Answer

Answer: (b) मोहन स्वयं


Question 3.
मोहन के पेट में किस तरह का दर्द हो रहा था?
(a) ऐसे-ऐसे
(b) सूई-सी चुभना जैसा
(c) गड़गड़ होने जैसा
(d) चाकू की चुभन जैसा

Answer

Answer: (a) ऐसे-ऐसे


(2)

पिता-वैद्य जी, शाम तक ठीक था। दफ़तर से चलते वक्त रास्ते में एकदम बोला-मेरे पेट में दर्द होता है। ऐसे-ऐसे’ होता है। समझ नहीं आता, यह कैसा दर्द है!
वैद्य जी-अभी बता देता हूँ। असल में बच्चा है। समझा नहीं पाता है। (नाड़ी दबाकर) वात का प्रकोप है… मैंने कहा, बेटा, जीभ तो दिखाओ। (मोहन जीभ निकालता है।) कब्ज है। पेट साफ़ नहीं हुआ। (पेट टटोलकर) हूँ, पेट साफ़ नहीं है। मल रुक जाने से वायु बढ़ गई है। क्यों बेटा? (हाथ की उँगलियों को फैलाकर फिर सिकोड़ते हैं) ऐसे-ऐसे होता है?

Question 1.
वैद्य जी के अनुसार-मोहन ऐसे-ऐसे क्यों कर रहा है?
(a) क्योंकि उसे यह बीमारी हुई है।
(b) क्योंकि उसे दर्द का कारण पता नहीं है।
(c) क्योंकि उसे यह बीमारी पहली बार हुई।
(d) क्योंकि बीमारी को इसी नाम से पुकारा जाता है

Answer

Answer: (c) क्योंकि उसे यह बीमारी पहली बार हुई।


Question 2.
उसे किस बात की बीमारी है?
(a) बुखार है।
(b) मलेरिया है।
(c) वात की
(d) सरदी और जुकाम का है।

Answer

Answer: (c) वात की


Question 3.
मोहन के पेट में वायु बढ़ने का कारण था-
(a) उल्टे-सीधे खाना
(b) तला भूना खाना
(c) मल रुक जाना
(d) बासी तथा दूषित भोजन करना

Answer

Answer: (c) मल रुक जाना


(3)

माँ-पर मास्टर जी, वैद्य और डॉक्टर तो दस्त की दवा भेजेंगे।
मास्टर-माता जी, मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है। इसकी ऐसे-ऐसे की बीमारी को मैं जानता हूँ। अकसर मोहन जैसे लड़कों को वह हो जाती है।

Question 1.
वैद्य जी और डॉक्टर दवा भेजेंगे किसने कहा?
(a) पिता जी ने
(b) पड़ोसी ने
(c) माँ जी ने
(d) मास्टर जी ने

Answer

Answer: (c) माँ जी ने


Question 2.
‘मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है’ यह कथन किसके हैं?
(a) माँ जी के
(b) पिता जी के
(c) माँ जी ने
(d) पड़ोसिन के

Answer

Answer: (c) माँ जी ने


Question 3.
“ऐसे-ऐसे’ की बीमारी क्यों और किन्हें होती है?
(a) मौज-मस्ती करने के कारण
(b) खाना हजम न होने के कारण
(c) स्कूल का काम पूरा नहीं करने के कारण मोहन जैसे लड़कों को
(d) अंट-शंट खाने के कारण

Answer

Answer: (c) स्कूल का काम पूरा नहीं करने के कारण मोहन जैसे लड़कों को


(4)

मास्टर-(हँसकर) कुछ नहीं, माता जी, मोहन ने महीना भर मौज की। स्कूल का काम रह गया। आज खयाल आया। बस डर के मारे पेट में ‘ऐसे-ऐसे’ होने लगा-‘ऐसे-ऐसे’। अच्छा, उठिए साहब! आपके ‘ऐसे-ऐसे’ की दवा मेरे पास है। स्कूल से आपको दो दिन की छुट्टी मिलेगी। आप उसमें काम पूरा करेंगे और आपका ऐसे-ऐसे दूर भाग जाएगा।

Question 1.
मोहन ने महीना भर क्या किया?
(a) काम
(b) पढ़ाई
(c) मौज-मस्ती
(d) कुछ नहीं

Answer

Answer: (c) मौज-मस्ती


Question 2.
पेट में ‘ऐसे-ऐसे’ होने का क्या कारण था?
(a) पेट-दर्द
(b) छुट्टी करने का बहाना
(c) स्कूल का काम न करने का डर
(d) बासी एवं अंट-शंट खाना

Answer

Answer: (c) स्कूल का काम न करने का डर


Question 3.
मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ की दवा में क्या मिला?
(a) गोलियाँ
(b) दो दिन की छुट्टी
(c) तीन दिन की छुट्टी
(d) खेलने की आज़ादी

Answer

Answer: (b) दो दिन की छुट्टी


(5)

पिता-यह 43332 है। जी, जी हाँ। बोल रहा हूँ… कौन? डाक्टर साहब! जी हाँ, मोहन के पेट में दर्द है… जी नहीं, खाया तो कुछ नहीं… बस यही कह रहा है… बस जी… नहीं, गिरा भी नहीं… ‘ऐसे-ऐसे’ होता है। बस जी, ‘ऐसे-ऐसे’ होता! यह ऐसे-ऐसे क्या बला है, कुछ समझ में नहीं आता। जी-जी हाँ। चेहरा एकदम सफ़ेद हो रहा है। नाचा-नाचता फिरता है… जी नहीं, दस्त तो नहीं आई… जी हाँ, पेशाब तो आया था… जी नहीं, रंग तो नहीं देखा। आप कहें तो अब देख लेंगे… अच्छा जी! ज़रा जल्दी आइए।

Question 1.
गद्यांश के पाठ और उसके लेखक का नाम लिखो।

Answer

Answer:
पाठ का नाम-ऐसे-ऐसे
लेखक-विष्णु प्रभाकर।


Question 2.
यह बातचीत किस-किसमें हो रही है ?

Answer

Answer: यह वार्तालाप मोहन के पिता और डॉक्टर के बीच हो रही है।


Question 3.
ऐसे-ऐसे क्या है?

Answer

Answer: मोहन दर्द के बारे में बताता है कि पेट में ऐसे-ऐसे हो रहा है। वह स्पष्ट बता नहीं पाता।


(6)

मोहन-(कराहकर) जी हाँ… ओह!
वैद्य जी-(हर्ष से उछलकर) मैंने कहा न, मैं समझ गया। अभी पुड़िया भेजता हूँ। मामूली बात है, पर यही मामूली बात कभीकभी बड़ों-बड़ों को छका देती है। समझने की बात है। मैंने कहा, आओ जी, दीनानाथ जी, आप ही पुड़िया ले लो। (मोहन की माँ से) आधे-आधे घंटे बाद गरम पानी से देनी है। दो-तीन दस्त होंगे। बस फिर ‘ऐसे-ऐसे’ भागेगा; जैसे-गधे के सिर से सींग! (वैद्य जी द्वार की ओर बढ़ते हैं। मोहन के पिता पाँच का नोट निकालते हैं।)
पिता-वैद्य जी, यह आपकी भेंट।

Question 1.
वैद्य जी हर्ष से क्यों उछले?

Answer

Answer: वैद्य जी हर्ष से उछले क्योंकि उन्हें लगा कि वे मोहन की बीमारी समझ गए हैं।


Question 2.
वैद्य जी ने मोहन के लिए क्या दवा दिया?

Answer

Answer: वैद्य जी ने मोहन को दवा की पुड़िया दिया और उसे आधे-आधे घंटे बाद गरम पानी से लेने को कहा।


Question 3.
वैद्य जी ने दवा के बारे में क्या अश्वासन दिया?

Answer

Answer: वैद्य जी ने दवा के बारे में अश्वासन दिया कि दवा लेने के बाद दो-तीन दस्त होंगे और फिर ऐसे-ऐसे भी भागेगा; जैसे-गधे के सिर से सींग


(7)

जी नहीं, वह नहीं है। बिलकुल नहीं है। (मोहन से) ज़रा मुँह फिर खोलना। जीभ निकालो। (मोहन जीभ निकालता है।) हाँ, कब्ज ही लगता है। कुछ बदहज़मी भी है। (उठते हुए) कोई बात नहीं। दवा भेजता हूँ। (पिता से) क्यों न आप ही चलें! मेरा विचार है कि एक ही खुराक पीने के बाद तबीयत ठीक हो जाएगी। कभी-कभी हवा रुक जाती है और फंदा डाल लेती है। बस उसी की ऐंठन है।

Question 1.
‘जी नहीं, वह नहीं है।’ ये कथन किसका है?

Answer

Answer: जी नहीं, वह नहीं है। कथन वैद्य जी का है?


Question 2.
डॉक्टर मोहन से क्या कहता है?

Answer

Answer: डॉक्टर मोहन से मुँह खोलने तथा जीभ निकालने के लिए कहते हैं।


Question 3.
डॉक्टर ने मोहन को मुँह खोलने के लिए क्यों कहता है?

Answer

Answer: डॉक्टर ने मोहन को मुँह खोलने के लिए इसलिए कहा क्योंकि वह मुँह और जीभ देखकर उसकी बीमारी को पकड़ना चाह रहा था।


(8)

मास्टर-माता जी, मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है। इसकी ‘ऐसे-ऐसे’ की बीमारी को मैं जानता हूँ। अकसर मोहन जैसे लड़कों को वह हो जाती है। माँ-सच! क्या बीमारी है यह? मास्टर-अभी बताता हूँ। (मोहन से) अच्छा साहब! दर्द तो दूर हो ही जाएगा। डरो मत। बेशक कल स्कूल मत आना। पर हाँ, एक बात तो बताओ, स्कूल का काम तो पूरा कर लिया है?

Question 1.
माता जी मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है। यह वार्तालाप किस-किसके बीच हो रही है।

Answer

Answer: उपरोक्त कथन की बातचीत माँ और मास्टर के बीच में हो रही है।


Question 2.
मास्टर जी ने यह क्यों कहा कि मोहन की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है?

Answer

Answer: मोहन ने पूरा महीना मौज-मस्ती में व्यतीत कर दिया। उसने स्कूल का कार्य पूरा नहीं किया था। एक-दो दिन बाद स्कूल खुलने वाला था। उसे स्कूल जाना था और पेट में ‘ऐसे-ऐसे’ होने का बहाना कर रहा था। ऐसी बीमारी का इलाज वैद्य और डॉक्टर कैसे कर सकते थे। मास्टर जी मोहन की बीमारी को जानते थे। इसलिए उन्होंने कहा कि मोहन की बीमारी की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है।


Question 3.
मोहन जैसे लड़के कैसे होते हैं?

Answer

Answer: मोहन ने पूरा महीना मौज-मस्ती में व्यतीत कर दिया। उसने स्कूल का कार्य पूरा नहीं किया था। एक-दो दिन बाद स्कूल खुलने वाला था। उसे स्कूल जाना था और पेट में ‘ऐसे-ऐसे’ होने का बहाना कर रहा था। ऐसी बीमारी का इलाज वैद्य और डॉक्टर कैसे कर सकते थे। मास्टर जी मोहन की बीमारी को जानते थे। इसलिए उन्होंने कहा कि मोहन की बीमारी की दवा वैद्य और डॉक्टर के पास नहीं है।


Question 4.
‘ऐसे-ऐसे’ की बीमारी क्यों और किन्हें होती है?

Answer

Answer: मोहन ऐसे लड़कों में था जो छुट्टियों में खूब मौज-मस्ती करते हैं। स्कूल का काम पूरा नहीं करते और जब स्कूल की छुट्टियाँ समाप्त होने को आती हैं तो स्कूल का वर्क याद आता है। स्कूल का काम पूरा न होने से उन्हें स्कूल में जाने से भी डर लगता है। ऐसे लड़के पेट में दर्द होने या ‘ऐसे-ऐसे’ होने की रट लगा देते हैं।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

एकांकी से

प्रश्न 1.
‘सड़क के किनारे एक सुंदर फ्लैट में बैठक का दृश्य। उसका एक दरवाज़ा सड़क वाले बरामदे में खुलता है… उस पर एक फ़ोन रखा है। इस बैठक की पूरी तसवीर बनाओ।
उत्तर-
बैठक में फ़र्श पर कालीन बिछा है। इसके ऊपर सोफा सेट रखा है। कोने में तिपाही पर फूलदान सज़ा है। दूसरे कोने में टेबल लैंप रखा है। कमरे के बीच में शीशे की मेज़ रखी है। मेज़ पर अखबार और पत्रिकाएँ रखी हैं। दीवार पर दो सुंदर पेंटिंग टॅगी हुई है।
छात्र दिए गए विवरण के आधार पर चित्र बनाएँ।

प्रश्न 2.
माँ मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ कहने पर क्यों घबरा रही थी?
उत्तर-
माँ का घबराना स्वाभाविक था क्योंकि मोहन कुछ बताता ही नहीं था बस ऐसे-ऐसे किए जा रहा था। माँ ने सोचा पता नहीं यह कौन-सी बीमारी है और कितनी भयंकर है। इसलिए मोहन की माँ घबरा गई थी।

प्रश्न 3.
ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार सुनकर समझ जाते हैं? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।
उत्तर-
पेट दर्द, सिर दर्द, बुखार, माता-पिता के साथ कहीं जाना, माता-पिता द्वारा किसी काम के लिए कहा जाना, शादी में जाना, बस छूट जाने का बहामा, माँ की बीमारी का बहाना इत्यादि।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में ऐसे-ऐसे’ होने के बहाने बनाए। मान लो, एक बार उसे सचमुच पेट में दर्द हो गया और उसकी बातों पर लोगों ने विश्वास नहीं किया, तब मोहन पर क्या बीती होगी?
उत्तर-
स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में ऐसे-ऐसे’ होने के बहाने बनाए। यदि किसी दिन मोहन को सचमुच पेट में दर्द हो गया तो कोई भी उसकी बात को नहीं मानेगा तथा उसका दर्द बढ़ता जाएगा जो कि परेशानी का कारण बन सकता है। यदि किसी दिन मोहन के पेट में सचमुच दर्द हुआ होगा तो लोगों ने उस पर विश्वास नहीं किया हो और यही समझा होगा कि वह बहाने बना रहा है। ऐसे में वह तड़पा होगा और सबको बार-बार कहा होगा कि उसके पेट में सचमुच दर्द हो रहा है। तब जाकर मोहन को पता चला होगा कि झूठ बोलने से क्या नुकसान होता है। उसे अपनी आदत पर पछतावा होगा और संभवतः वह भविष्य में कभी झूठ बोलने से तौबा कर ले।

प्रश्न 2.
पाठ में आए वाक्य ‘लोचा-लोचा फिरे है, के बदले ढीला-ढाला हो गया है या बहुत कमज़ोर हो गया है-लिखा जा सकता है लेकिन, लेखक ने संवाद में विशेषता लाने के लिए बोलियों के रंग-ढंग का उपयोग किया है। इस पाठ में इस तरह की अन्य पंक्तियाँ भी हैं; जैसे-
इत्ती नई-नई बीमारियाँ निकली हैं,
राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया,
तेरे पेट में तो बड़ी दाढ़ी है।
अनुमान लगाओ, इन पंक्तियों को दूसरे ढंग से कैसे लिखा जा सकता है।
उत्तर-
इतनी नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं।

– इन बीमारियों ने परेशान कर दिया है।
– तुम तो बहुत चालाक हो।

प्रश्न 3.
मान लो कि तुम मोहन की तबीयत पूछने जाते हो। तुम अपने और मोहन के बीच की बातचीत को संवाद के रूप में लिखो।
उत्तर-
में-अरे मोहन ! कैसे हो? क्या हुआ है तुम्हें?
मोहन-कुछ नहीं भाई। बस पेट में ऐसे-ऐसे हो रहा है।
मैं-ऐसे कैसे?
मोहन-बस ऐसे-ऐसे।
मैं-डॉक्टर को दिखाया?
मोहन-डॉक्टर को भी दिखाया और वैद्य की भी दवा मिली है खाने को।
मैं-क्या कहा उन्होंने?
मोहन-उन्होंने कब्ज और बदहजमी बताया है।
मैं-ठीक है, दवा खाओ और जल्दी ठीक होने की कोशिश करो। कल से स्कूल खुल रहा है, याद है न।।
मोहन-हाँ, हाँ, याद है।
मैं-अब मैं चलता हूँ। कल स्कूल जाते समय आऊँगा। अगर पेट ठीक हो जाए तो तुम भी तैयार रहना।
मोहन-अच्छा भाई ! धन्यवाद ।

प्रश्न 4.
संकट के समय के लिए कौन-कौन से नंबर याद रखे जाने चाहिए? ऐसे वक्त में पुलिस, फायर ब्रिगेड और डॉक्टर से तुम कैसे बात करोगे? कक्षा में करके बताओ।
उत्तर-
संकट के समय पुलिस, फायर ब्रिगेड और हॉस्पिटल एवं चिकित्सक के नंबर याद रखे जाने चाहिए। पुलिस की नंबर-100, फायर ब्रिगेड की-101, एंबुलेंस की-102
यदि कोई वारदात होती है तो पुलिस को जानकारी देंगे। यदि आग लगती है तो फायर ब्रिगेड को खबर देंगे। यदि कोई बीमारे है तो डॉक्टर को फ़ोन करेंगे।
हम इनसे नम्र स्वभाव में प्रार्थना करते हुए बातें करेंगे।
हम उन्हें घर का पता बता देंगे।

उनसे शीघ्र आने के लिए कहेंगे। डॉक्टर को मरीज़ की बीमारी के लक्षण बता देंगे ताकि वह आवश्यक दवा साथ ला सके।
ऐसा होता तो क्या होता…
मास्टर- स्कूल का काम तो पूरा कर लिया है?
(मोहन हाँ में सिर हिलाता है।)
मोहन- जी, सब काम पूरा कर लिया है।
इस स्थिति में नाटक का अंत क्या होता? लिखो।
उत्तर-
ऐसी स्थिति में मास्टर जी समझ जाते कि सचमुच दर्द है। वह मोहन के माता-पिता को उसका ठीक से इलाज कराने की सलाह देते हैं।

भाषा की बात

(क) मोहन ने केला और संतरा खाया।
(ख) मोहन ने केला और संतरा नहीं खाया।
(ग) मोहन ने क्या खाया?
मोहन केला और संतरा खाओ।
उपर्युक्त वाक्यों में से पहला वाक्य एकांकी से लिया गया है। बाकी तीन वाक्य देखने में पहले वाक्य से मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ अलग-अलग हैं। पहला वाक्य किसी कार्य या बात के होने के बारे में बताता है। इसे विधिवाचक वाक्य कहते हैं। दूसरे वाक्य का संबंध उस कार्य के न होने से है, इसलिए उसे निषेधात्मक वाक्य कहते हैं। (निषेध का अर्थ नहीं या मनाही होता है।) तीसरे वाक्य में इसी बात को प्रश्न के रूप में पूछा जा रहा है, ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक कहलाते हैं। चौथे वाक्य में मोहन से उसी कार्य को करने के लिए कहा जा रहा है। इसलिए उसे आदेशवाचक वाक्य कहते हैं। आगे एक वाक्य दिया गया है। इसके बाकी तीन रूप तुम सोचकर लिखो।

बताना- रूथ ने कपड़े अलमारी में रखे।
नहीं/मना करना : ……….
पूछना : ………
आदेश देना : ……….
उत्तर-
नहीं/मना करना :   रुथ ने कपड़े अलमारी में नहीं रखे।
पूछना              :   क्या रुथ ने कपड़े अलमारी में रखे ?
आदेश देना       :   रुथ कपड़े अलमारी में रखो।

कुछ और करने के लिए

प्रश्न 1.
क्या तुम स्कूल का काम न करने पर उल्टे-सीधे बहाने बनाते हो?
उत्तर-
नहीं, मैं स्कूल का काम नहीं कर पाने पर कोई बहाना नहीं बनाता। मैं माँ को साफ़-साफ़ बता देता हूँ कि आज मैं स्कूल न जाकर गृह कार्य पूरा करूंगा। तभी अगले दिन स्कूल जाऊँगा। मुझे झूठ बोलना कतई पसंद नहीं है।
एकांकी का मंचीकरण

बच्चे इस एकांकी को बाल सभा के मंच पर प्रस्तुत करेंगे।
पात्रों को चुनाव कर उन्हें संवाद याद करने के लिए दिए जाएँगे। अध्यापक/अध्यापिका दो दिनों तक रिहर्सल कराने के उपरांत प्रस्तुतीकरण के लिए कहेंगे। अभिनय कौशल को परखा जाएगा।
इससे बच्चों की अभिव्यक्ति का विकास होगा तथा मंच भय से मुक्ति मिलेगी।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

(क) ‘ऐसे-ऐसे’ एकांकी के लेखक कौन हैं?
(i) जयंत विष्णु
(ii) विष्णु प्रभाकर
(iii) गुणाकर मुले
(iv) अनुबंधोपाध्याय

(ख) मोहन ने पिता के दफ़तर में क्या खाया था?
(i) बर्गर
(ii) समोसे
(iii) फल
(iv) मिठाई

(ग) किन बहानों को मास्टर जी समझ जाते हैं?
(i) पेट दर्द
(ii) सिर दर्द
(iii) चक्कर आना
(iv) उपर्युक्त सभी

(घ) वैद्य जी को बुलाकर कौन लाया?
(i) मोहन की माँ
(ii) मोहन के पिता
(iii) मोहन के पड़ोसी दीनानाथ
(iv) मोहन का मित्र

(ङ) मोहन कैसा लड़का था?
(i) कमज़ोर
(ii) कम बुद्धिवाला
(iii) भला
(iv) शरारती

उत्तर-

(क) (ii)
(ख) (iii)
(ग) (iv)
(घ) (i)
(ङ) (iv)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मोहन ने पिता के दफ़तर में क्या खाया था?
उत्तर-
मोहन ने पिता के दफ़तर में एक केला और एक संतरा खाया था।

प्रश्न 2.
वैद्य जी को बुलाकर कौन लाया?
उत्तर-
मोहन के पड़ोसी वैद्य जी को बुलाकर लाए थे।

प्रश्न 3.
वैद्य जी ने मोहन को देखने के बाद क्या कहा?
उत्तर-
वैद्य जी मोहन को देखकर कहते हैं कि घबराने की कोई बात नहीं। मामूली बात है, पर इससे कभी-कभी बड़े भी तंग आ जाते हैं।

प्रश्न 4.
मोहन ने क्या बहाना बनाया?
उत्तर-
मोहन ने स्कूल न जाने के लिए बहाना बनाया कि उसके पेट में ऐसे-ऐसे’ दर्द हो रहा है।

प्रश्न 5.
क्या मोहन के पेट में सचमुच दर्द था?
उत्तर-
नहीं, मोहन के पेट में कोई दर्द नहीं था। वह केवल बहाना कर रहा था।

लघुउत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मोहन की हालत देख माँ क्यों अधिक परेशान थी?
उत्तर-
मोहन की हालत देखकर मोहन की माँ ने मोहन को हींग, चूरन, पिपरमेंट आदि दिया था, पर मोहन ठीक नहीं हुआ था। वह बार-बार कहता था कि उसके पेट में ऐसे-ऐसे हो रहा है। माँ उसकी हालत देखकर परेशान थी क्योंकि मोहन को क्या हो रहा है, यह पता नहीं चल रहा था। उसने ‘ऐसे-ऐसे’ की बीमारी का नाम न सुना था। वह सोच में पड़ गई थी कि उसे कोई नई बीमारी तो नहीं हो गई है इसीलिए वह मोहन की हालत देखकर परेशान थी।

प्रश्न 2.
मोहन की माँ क्यों कहती है-हँसी की हँसी, दुख का दुख?
उत्तर
मोहन की माँ बार-बार मोहन से उसके पेट-दर्द के बारे में पूछती है। वह बस यही कहता है कि पेट में ऐसे-ऐसे’ हो रहा है। उसकी बात सुनकर माँ हँस पड़ती है और परेशान भी होती है। वह बेटे के दुख से दुखी होती है। इसी | मनः स्थिति में वह कहती है की हँसी की हँसी दुख का दुख। यह उसे अजीब बीमारी लगती है।

प्रश्न 3.
ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं। ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।
उत्तर
ऐसे अनेक बहाने होते हैं; जैसे-आज स्कूल में कुछ नहीं होगा, बस सफ़ाई कराई जाएगी। कुछ छात्र कहते हैं कि मैं रात में पढ़ाई कर रहा था मेरी किताब और कॉपी वहीं छूट गई। कभी-कभी छात्र दूर के रिश्तेदार की बीमारी का बहाना बना लेते हैं। इसके अलावे छात्र पेट दर्द, सिर दर्द, माता-पिता के साथ कहीं जाना, जिन्हें एक ही बार सुनकर मास्टर जी समझ जाते हैं।

प्रश्न 4.
वैद्य जी मोहन को क्या बीमारी बताते हैं? वह उसे क्या दवा देते हैं।
उत्तर-
वैद्य जी मोहन के पेट-दर्द का कारण बताते हैं वात का प्रकोप है, कब्ज़ है। पेट साफ़ नहीं हुआ है। मल रु क जाने से वायु बढ़ गई है। वह मोहन को दवा की पुड़िया हर आधे-आधे घंटे बाद गरम पानी से लेने को कहते हैं।

प्रश्न 5.
डॉक्टर मोहने को क्या बीमारी बताते हैं और ठीक होने का क्या आश्वासन देते हैं?
उत्तर
डॉक्टर मोहन की जीभ देखकर कहते हैं कि उसे कब्ज़ और बदहजमी है। फिर वह बताते हैं कि कभी-कभी हवा रु क जाती है और फंदा डाल लेती है। मोहन के पेट में बस उसी का ऐंठन है। वह मोहन को आश्वासन देते हैं कि दवा की एक खुराक पी लेने के बाद तबियत ठीक हो जाएगी।


Discover more from EduGrown School

Subscribe to get the latest posts sent to your email.