Madam Rides the Bus Summary in English
The lesson is about an eight year old girl named Valli, who did not have friends to play with and so she would spend her time by looking at the outside affairs going on the street. Her favourite part was to look at the bus that passed by her village every hour. It gave her endless joy to look at the new set of passengers each time the bus crossed by. Gradually, even she wished to travel by bus. Soon, the wish turned into a desire and therefore, she made it her mission to fulfill it. She started listening to the conversations between her neighbours who frequently travelled by bus and in the process, would ask a few careful questions here and there to collect more information.
Just like this, she knew that the town is six miles away from her village and it took the bus forty five minutes to travel one side. One-sided fare was thirty paise making it sixty for a back and forth ride. Therefore, she started planning and re-planning so that she could sneak out during her mother’s afternoon nap and come back without her knowing anything. She needed to save the money which was not easy as she had to resist the temptation of candy, peppermint and merry-go-round. Finally, she saved enough money and one fine day, the brave eight year old took the bus during it’s not very busy hours.
She refused to take any help from the conductor or fellow passengers. It was an amusing sight for everyone to see such a small girl all alone acting like an adult. The conductor was of the joking sort and thus, referred to Valli as a grown up ‘madam’. Short-heighted Valli would stand on her seat to be able to see clearly from the window while everyone advised her to sit for her own safety. Each time someone would poke their nose in her business, Valli would get annoyed as she did not consider herself a child. She did not want to be friends with an elderly lady who was worried about her because she thought she was not socially-capable enough. She enjoyed seeing what was going on outside and the sight of a running cow in the middle of a road was abruptly a funny scenario for her. Upon reaching the town, she refused to get down the bus because she was too afraid to do so alone. While returning, she carried extreme enthusiasm until she saw a cow lying lifeless on the road.
It was the same cow that was so joyous previously. Valli got terrified at the fact that how a creature so full of life can instantly turn into something horrible. She sat down silently for rest of the journey. Upon reaching home, she found her mother and aunt talking about the endless possibilities in the world outside.
Valli affirmed to what her mother was sayingleaving both of them astonished. She then justified her reaction by mentioning that she was casually agreeing to what her mother was saying. Her aunt then referred to Valli as a nose-poking child who acts like a grown up lady but only Valli knew what she was referring to because, after all, no one knew about her bus journey.
Madam Rides the Bus Summary in Hindi
I. वलियामाई के बारे में
वलियामाई नाम की एक लड़की थी। छोटे रूप में उसे वली कहा जाता था। वह आठ वर्ष की थी। वह बहुत-सी चीजों के बारे में जानना चाहती थी। वह घर के बाहर खड़ी होती। वह देखती कि बाहर क्या हो रहा है। उसके खेलने वाले साथी नहीं थे।
वली की बस में घूमने की इच्छा
चीजों को देखने से वली को काफी असाधारण तजुरबे देखने को मिले। उसके गाँव और समीप के कस्बे के बीच में एक बस चलती थी। वली को नए यात्रियों को देखने में काफी अधिक खुशी प्राप्त होती थी। इसलिए दिन प्रति दिन वह बस को देखा करती थी। शीघ्र ही उसने उस बस में सवारी करने की इच्छा विकसित कर ली।
बस की सवारी के बारे में वली का विचार
वली की बस में सवारी की इच्छा तेज और तेज हो गई। उसने सोचा कि यदि एक मित्र बस की सवारी के बारे में बताए तो वह उसको अधिक महत्त्व नहीं देती थी। वह अंग्रेजी का शब्द ‘Proud ! Proud !’ कहती यद्यपि उसे उसका अर्थ मालूम नहीं था।
सवारी के बारे में वली का ज्ञान
वली उन व्यक्तियों की बातें सुनती थी जो बस की सवारी करते। इस प्रकार उसने यात्रा के बारे में छोटी-छोटी बातें भी जानीं। वह अब जानती थी कि कस्बा छह मील दूर था। एक तरफ का किराया तीस पैसे था। सवारी का समय पैंतालीस मिनट था। वह यह भी जानती थी कि वह कैसे वापस आएगी। इस प्रकार उसने सवारी करने से पहले योजना बनाई।
II. वली बस में
बसन्त के एक सुन्दर दिन वली ने दोपहर पश्चात् बस की सवारी की। कन्डक्टर खुश मिजाज व्यक्ति था और मजाक करने का शौकीन था। वह समझ गया कि वली गर्व से बोलती थी। उसने यह दूसरों को कहकर कि ‘मैडम’ के लिए रास्ता बनाओ वली को सामने की सीट दे दी। बस में सिर्फ छह या सात यात्री थे। वे वली को देख रहे थे। वे कन्डक्टर के साथ हँस रहे थे। वली ने उसे अपमानजनक महसूस किया।
वली द्वारा अन्दर और बाहर की हरेक वस्तु का अवलोकन
वली ने बस में हरेक चीज का अवलोकन किया। इसमें सीटें नर्म और आरामदायक थीं। सामने वाले शीशे के ऊपर एक सुन्दर घड़ी लगी हुई थी। उसने बाहर देखा। परन्तु परदे के कारण उसे सीट के ऊपर खड़ा होना पड़ा। बस एक नदी (नहर) के किनारे-किनारे जा रही थी। उसने ताड़ के वृक्ष, पहाड़ और नीला आकाश देखा। दूसरी तरफ हरे खेत थे।
बस के अन्दर क्या होता है।
अचानक एक बुजुर्ग व्यक्ति ने वली को ‘बच्ची’ कहकर खड़ा न होने के लिए कहा। वली को गुस्सा आ गया। उसने गर्व से उत्तर दिया कि वह ‘बच्ची’ नहीं थी। उसने दूसरों की तरह पूरा किराया दिया था। कन्डक्टर मजाकिया था। उसने उस बुजुर्ग व्यक्ति को बताया कि वली एक पूर्ण विकसित ‘मैडम’ थी। वली ने कन्डक्टर की तरफ गुस्से से देखा। उसने उसे बताया कि वह ‘मैडम’ नहीं थी और उसने तब तक उसे टिकट भी नहीं दिया था। कन्डक्टर ने उसे एक टिकट दे दिया।
वली को कन्डक्टर की सलाह
कन्डक्टर ने वली को आराम से बैठने के लिए कहा। उसे खड़ा नहीं होना चाहिए। परन्तु वली ने कहा कि वह (खड़ा होना) चाहती थी। उसने उसे बताया कि वह गिर जाएगी और उसे तीखे मोड़ों पर चोट लग जाएगी। उसने वली को ‘बच्ची’ कहा। इस पर वली ने कहा कि वह ‘बच्ची’ नहीं थी। उसने बताया कि वह आठ वर्ष की थी।
वली और एक बुजुर्ग महिला
अगले स्टैण्ड पर एक बुजुर्ग महिला आई और वली के बराबर में बैठ गई। महिला ने पूछा कि क्या वली अकेली थी। वली ने महिला की तरफ देखा। उसने भद्दी कान की बालियाँ पहन रखी थीं। उसके मुँह में सुपारी थी। सुपारी का रस उसके मुँह से बाहर आने को था। इस पर वली ने उत्तर दिया कि वह अकेली थी और उसके पास एक टिकट था। कन्डक्टर ने भी यही कहा। वली ने उसे कहा कि वह अपना काम क्यों नहीं कर रहा था। फिर वह कन्डक्टर के साथ हँसी।
वली महिला को कैसे डांटती है।
महिला ने वली को बताया कि उस के लिए अकेले सवारी करना ठीक नहीं है। उसने वली को उसके घर के बारे में पूछा। वली ने उत्तर दिया कि उसे उसके बारे में दुखी होने की आवश्यकता नहीं है। उसने अपना मुँह खिड़की की तरफ मोड़ लिया।
III. वली ने सवारी की कैसे योजना बनाई थी
वली ने कुर्बानियों के साथ बस की यात्रा के लिए साठ पैसे बचाए थे। उसने खिलौने व गुब्बारे आदि खरीदने की इच्छा का विरोध किया था। उसने एक झूले में झूलने की अपनी इच्छा को भी मारा था। उसने अपनी पहली यात्रा की योजना को काफी समय पहले से बनाया था। इसके बारे में योजना बनाने के लिए वह अपने घर के सामने खड़ी रही थी।
बस की चाल
अब बस एक रूखे-सूखे भूदृश्य के बीचों-बीच गुजरी। वृक्ष उनकी तरफ दौड़ते आए। वे दौड़ते थे जब बस चलती थी। कभी कभी बस आने वाली गाड़ी के साथ टकराती दिखाई देती थी। परन्तु दोनों सुरक्षापूर्ण गुजर जाती थी।
बस के सामने एक गाय
अचानके ऊपर उठी पूँछ के साथ एक गाय बस के सामने आई। बस रेंगने के स्तर तक धीमी हो गई। ड्राईवर ने बार-बार हॉर्न बजाया। परन्तु गाय ने बस के सामने दौड़ना जारी रखा। वली ने खुशी से तालियाँ बजाईं। वह हँसती रही। कन्डक्टर ने उसे अगले दिन के लिए कुछ हँसी बचाने के लिए कहा।
बस का शहर में पहुँचना।
बस एक रेलवे फाटक के बराबर से गुजरी। फिर यह एक आम रास्ते पर आ गई। वहाँ पर बड़ी और चमकीली दुकानें थीं। वहाँ पर व्यक्तियों की काफी भीड़ थी। वली ने हरेक वस्तु को मुँह खोलकर देखा। अन्त में बस कस्बे में पहुँच गई। कन्डक्टर ने वली को उतरने के लिए कहा। परन्तु उसने कहा कि वह उसी बस में वापस जा रही थी। उसने कन्डक्टर को टिकट के लिए सिक्के दे दिए।
कन्डक्टर और वली में बातचीत
कन्डक्टर ने वली से पूछा कि क्या बात है। वली ने उसे बताया कि कुछ नहीं है। उसकी इच्छा बस की सवारी की हुई। कन्डक्टर ने उससे पूछा कि क्या वह दृश्यों को नहीं देखेगी। वली ने उत्तर दिया कि वह उससे डरती थी। उसने उससे पूछा कि वह बस में आने के लिए डरती नहीं थी।
बातचीत जारी रहती है।
कन्डक्टर ने वली को एक शीतल पेय लेने के लिए पूछा। वली ने बताया कि उसके पास काफी पैसे नहीं हैं। उसने टिकट के लिए पूछा। कन्डक्टर ने अपनी तरफ से उसे पेय की पेशकश की। परन्तु वली ने पेशकश स्वीकार करने से मना कर दिया। कन्डक्टर ने वली से पूछा कि क्या उसकी माँ उसे नहीं ढूंढेगी। वली ने उत्तर दिया कि उसे कोई नहीं ढूंढेगा। उन्होंने वापसी यात्रा के लिए प्रतीक्षा की।
IV. रास्ते में मरी हुई गाय
बस फिर चल पड़ी। फिर वही आश्चर्यजनक नजारे थे। वली उकताई नहीं। परन्तु शीघ्र ही उसने सड़क के किनारे एक मरी पड़ी युवा गाय को देखा। उसको किसी तेज चलने वाली गाड़ी ने टक्कर मार दी थी।
वली की प्रतिक्रिया
वली ने कन्डक्टर से पूछा कि क्या मरी हुई गाय वही गाय नहीं थी जिसे उन्होंने पहले देखा था। कन्डक्टर ने सिर हिलाया। वली उदास हो गई। गाय पहले प्यारी और सुन्दर दिखती थी। परन्तु अब यह इसकी मृत्यु में भयानक दिख रही थी।
यात्रा का अन्त
बस चल पड़ी। मरी हुई गाय की याद वली को सताती रही। अब वह और बाहर देखना नहीं चाहती थी। वह एक उदास व्यक्ति के रूप में सीट से चिपक कर बैठी रही। बम गाँव पहुँच गई। वली ने कन्डक्टर को फिर मिलने के लिए कहा। कन्डक्टर मुस्कराया। उसने वली को उसका मन बस में सवारी करने के लिए जब कभी बने आने के लिए कहा। उसे अपने साथ किराया लाना होगा। वली हँसी और उतर गई। परन्तु गाय की मृत्यु ने वली को बदल दिया था।
वली का घर पहुँचना
वली घर पहुँच गई। उसने साउथ स्ट्रीट में रहने वाली अपनी चाची को अपनी माँ के साथ बात करते हुए पाया। वह वास्तविक रूप में बातूनी थी। उसने वली से पूछा कि वह कहाँ गई थी। वली ने उत्तर नहीं दिया। वह सिर्फ मुस्कराई। वली ने अपनी माँ को यह कहते हुए सुना कि कोई भी हरेक वस्तु के बारे में जान नहीं सकता। काफी चीजें घटित होती हैं। वली ने सकारात्मक उत्तर दिया।
अपनी माँ और चाची की बातचीत के प्रति वली की प्रतिक्रिया
वली की चाची ने प्रतिक्रिया की। उसने वली को एक नादान लड़की कहा। वह उन वस्तुओं में आनन्द लेती थी जिनसे उसका कोई मतलब नहीं था। वह ऐसे व्यवहार करती थी जैसे कि वह एक पूर्ण महिला हो। वली स्वयं के लिए मुस्कराई। वह नहीं चाहती थी कि वे उसकी मुस्कान को समझें। उसका कोई अधिक अवसर भी नहीं था।
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