From the Diary of Anne Frank Summary in English
The author feels that it is strange and unusual for her to write a diary because it is the first time she is doing it. She feels that in the future no one will read about a young girl’s past experiences. But then she puts these thoughts away and decides to write her thoughts. The author is feeling very lonely as she has no friends to talk to. She wants to give her need of friend a shape, hence decides to name the diary as “kitty”. The writer feels that the paper has more capacity to absorb thoughts rather than people who have low patience level. She has a good time with friends but cannot share everything with them as they are not true friends. She refers to her father as the most lovable who presents her the Diary on her 13th birthday.
On June 20, 1942, she mentions how her class is nervous about their results. The author says that the only subject she is unsure about is mathematics. She and her friend, G are trying to stop the students from making noise, but to no avail. According to the author, about the quarter of the class should not pass as they do not participate in any activities.
Anne recalls how the maths professor is constantly irritated by her talkativeness. While talking in his classes he gives her extra homework as punishment. The first punishment is to write an essay on “Chatterbox”, which the author thinks as weird. She imagines about the topic and decides to present concrete arguments in support of talking. She writes that she will try to better herself but cannot eliminate talking completely. The professor finds it amusing but allots another topic after she did not change her nature.
The topic is An incorrigible chatterbox which refers to a habit that is difficult to change. After keeping an eye on her, the professor gives her another topic, Quack, Quack, Quack, Said Mistress Chatterbox, as a punishment. She runs out of thought after writing two times on a similar topic. She decides to write her third topic in the form of a poem and writes a satire and luckily the professor takes it lightly. The professor recites the entire poem in front of the class and the author talked uninterruptedly after this.
Table of Contents
हिंदी में ऐनी फ्रैंक सारांश की डायरी से
डायरी के बारे में ऐन की भावनाएँ
ऐन अपनी डायरी लिखती है। वह महसूस करती है कि ऐसा करना उस जैसी के लिए एक अद्भुत अनुभव है। यह ऐसे है। क्योंकि उसने पहले कुछ भी नहीं लिखा। दूसरे, उसके द्वारा कुछ भी लिखे जाने को पढ़ने में कोई रुचि नहीं लेगा क्योंकि वह एक छोटी-सी लड़की है।
डायरी का लिखना
एक दिन ऐन थोड़ी-सी उदास थी। उसने महसूस किया कि व्यक्तियों से अधिक कागज में सहनशीलता है। उसे आश्चर्य था कि क्या वह अंदर रहे या बाहर जाए। अन्त में वह अन्दर रही और उसने सोचा। उसने महसूस किया कि वह किसी को भी अपनी ‘डायरी’ नहीं पढ़ने देगी जब तक उसे कोई वास्तविक मित्र प्राप्त नहीं होगा। इसलिए उसने इसे लिखा
अपने परिवार के बारे में लिखना
उसने लिखा कि वह संसार में पूर्ण रूप से अकेली नहीं थी। परन्तु उसके प्रिय माता-पिता थे और सोलह वर्ष की एक बहन। उसके चारों तरफ लगभग तीस व्यक्ति थे जिन्हें वह मित्र कह सकती थी। फिर उसका परिवार, चाचियाँ और एक अच्छा घर था। परन्तु उसका कोई सच्चा मित्र नहीं था। उसने अच्छा समय व्यतीत करने का सोचा जब वह अपने मित्रों के साथ थी। परन्तु वह समीप नहीं आ सकी। उसने इसे अपना कसूर माना कि वह एक-दूसरे में विश्वास नहीं डाल सकी। क्योंकि वे बदल नहीं सके इसलिए उसने एक डायरी लिखनी आरम्भ कर दी। उसने इसे अपनी मित्र बना लिया।
डायरी का नाम ‘किट्टी’-जीवन का संक्षिप्त रेखाचित्र
वह अपनी डायरी को अपना मित्र मानना चाहती थी। इसलिए उसने उस अपनी मित्र का नाम किट्टी रखा। उसने अपने जीवन का एक संक्षिप्त रेखाचित्र खींचा यद्यपि ऐसा करना वह पसंद नहीं करती थी। इसलिए उसने इसे लिखा। उसने लिखा कि उसके पिता ने छत्तीस वर्ष की आयु में उसकी पच्चीस वर्षीय माँ से शादी की। उसकी बहन मारगोट 1926 में फ्रैंकफर्ट, जर्मनी में पैदा हुई। वह 12 जून 1929 को पैदा हुई। उसका पिता 1933 में हॉलैण्ड में बसने के लिए चला गया। उसकी माँ ऐडिथ हॉलैण्डर फ्रैंक उसके पिता के साथ हॉलैण्ड चली गई। परन्तु अपनी दादी के साथ रहने के लिए वह और उसकी बहन ऐकन भेज दी गईं। फिर वे हॉलैण्ड चली गईं।
ऐन का स्कूल
वहाँ पर उसे मौन्टेसरी नर्सरी स्कूल भेजा गया। वह वहाँ पर छह वर्ष की आयु तक रही। छठी कक्षा में उसकी अध्यापिका हैडमिस्ट्रेस मिसेज क्युपरस थी। दोनों विदा होने पर रोई।
डायरी न लिखने के कारण
1941 की ग्रीष्म ऋतु में उसकी दादी बीमार पड़ गई। उसका आपरेशन करना पड़ा। वह जनवरी 1942 में परलोक सिधार गई। उसने उसके बारे में काफी सोचा और वह उसे अब भी प्यार करती थी। उन्होंने ऐन का जन्मदिन 1942 में मनाया। 20 जून 1942 तक चारों ठीक समय व्यतीत कर रहे थे। तब ऐन ने अपनी डायरी फिर लिखी। यह ऐसे थी।
कक्षा के मामलों के बारे में
परिणामों की घोषणा का दिन था। उसकी कक्षा का हरेक व्यक्ति तनाव में था। कारण था कौन अगली कक्षा में जाएगा और कौन नहीं। उनकी दूसरे लड़कों के साथ शर्ते लगी थीं कि कौन पास होगा और कौन नहीं। उसने पाया कि पृथ्वी पर अध्यापक ऐसे प्राणी हैं जिनके बारे में कतई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती थी। वह अपने और अपनी लड़की मित्रों के बारे में चिन्तित नहीं थी। उसे पास होने में विश्वास था। परन्तु गणित में उसे विश्वास नहीं था। वे प्रतीक्षा कर सकते थे और उन्होंने एक-दूसरे से दिल न हारने के लिए कहा।
सजा के रूप में मि, कीसिंग द्वारा दिया गृहकार्य
उसकी अपने अध्यापकों के साथ खूब निभी। मि. कीसिंग एक सुस्त व्यक्ति था जो उन्हें गणित पढ़ाता था। वह उससे हमेशा काफी गुस्से में रहता क्योंकि वह काफी बातें करती थी। उसने उसे फालतू गृहकार्य सजा के रूप में दिया। यह एक प्रस्ताव ‘AChatterbox के रूप में था। वह समझ नहीं सकी कि वह इसके बारे में क्या लिखे। उसने अपने स्कूल बैग पर एक स्लिप लगा ली। यह स्वयं को बाद में लिखने के लिए याद दिलाने के लिए थी।
फालतू गृहकार्य को करना
शाम को उसने अपना गृहकार्य कर लिया था। उसने लेख के विषय में सोचना आरम्भ कर दिया। बातचीत करने की आवश्यकता को साबित करने के लिए उसने तर्क के लिए कुछ अच्छे बिन्दुओं को लिखने के बारे में सोचा। फिर उसके मन में एक विचार आया। तब उसने अपनी सन्तुष्टि के लिए तीन पृष्ठ लिख डाले। उसने लिखा कि बोलना एक विद्यार्थी की विशेषता है। उसकी माँ भी काफी बोला करती थी। उसने यह विशेषता अपनी माँ से ग्रहण की। उसने चुप रहने की कोशिश की।
सजा के रूप में गृहकार्य दोबारा दिया जाना
मि, कीसिंग ने इसे पढ़ा और वह हँसा। तब उसने उसे दूसरा लेख दिया क्योंकि उसने बोलना बन्द नहीं किया। उसने इसे “An Incorrigible Chatterbox पर लिखना था। उसने इसे लिखा और इसने मि, कीसिंग को सन्तुष्ट कर दिया। वह दो पाठों तक नहीं बोली। परन्तु तीसरे पाठ में उसने फिर बोलना आरंभ कर दिया। उसने उसे फिर एक लेख लिखने के लिए कहा। यह था : “Quack, Quack, Quack, Said Mistress Chatterbox’। इसे सुनकर कक्षा भी खूब हँसी। वह भी हँसी। वह अब कुछ मूल लिखना चाहती थी। उसकी मित्र सेन कविता में अच्छी थी। उसने उसे प्रस्ताव को पद्य में लिखने में उसकी सहायता की।
ऐन की कविता स्वयं मि. कीसिंग पर मजाक
ऐन ने अपनी कविता समाप्त की। यह एक बत्तख माँ और हंस पिता और उनके तीन बच्चों के बारे में थी। तीनों बच्चों को पिताजी द्वारा दाँतों से काटकर मार दिया गया। यह इसलिए था क्योंकि वे काफी बोलते थे। भाग्यवश, मि, कीसिंग ने इस मज़ाक को ठीक तरीके से लिया। मि. कीसिंग ने उस पर मजाक किया था। परन्तु उसने इसे उसी पर कर दिया। उसने कविता को क्लास के सामने पढ़ा और अपनी टिप्पणियाँ दीं। तब से उसे बोलने दिया गया था। उसे फालतू गृहकार्य भी नहीं मिला। मि. कीसिंग ने कक्षा में मजाक करना जारी रखा।
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