NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 6- यह दंतुरित मुस्कान और फसल
NCERT Solutions for Class 10 will help the students in learning complex topics and problems in an easy way. Class 10 Khsitz NCERT Solutions will help students in understanding the topics in the most simple manner and grasp them easier to perform better. You can study in an organized manner and set a good foundation for your future goals
पृष्ठ संख्या: 41
प्रश्न अभ्यास
1. बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर
बच्चे की दंतुरित मुसकान को देखकर कवि का मन प्रसन्नता से भर उठता है। उन्हें बच्चे की मुस्कान की मनमोहकता देखकर ऐसा लगता है कि यह मृत व्यक्ति में भी जान डाल देगी|
2. बच्चे की मुसकान और एक बड़े व्यक्ति की मुसकान में क्या अंतर है ?
उत्तर
बच्चे तथा बड़े व्यक्ति की मुसकान में निम्नलिखित अंतर होते हैं -• बच्चे की मुसकान सरल और स्वाभाविक होती है वहीं बड़ों की मुसकान में बनावटीपन होता है|
• बच्चे की मुसकान भोली और स्वार्थरहित होती है वहीं बड़ों की मुसकान कुटिल और स्वार्थी होती है|
• बच्चे की मुसकान निष्काम और निश्छल होती है वहीं बड़ों की मुसकान उसकी परिस्थितियाँ के अनुसार तय होती है|
3. कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को किन-किन बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है ?
उत्तर
कवि नागर्जुन ने बच्चे की मुसकान के सौन्दर्य को निम्नलिखित बिम्बों के माध्यम से व्यक्त किया है-
• मृतक में भी जान डाल देना ।
• कमल का तालाब छोड़कर झोपड़ी में खिलना ।
• बाँस या बबूल से शेफ़ालिका के फूलों का झड़ना ।
• स्पर्श पाकर पत्थर का पिघलना|
• तिरछी नज़रों से देख कर मुसकाना।
4. भाव स्पष्ट कीजिए –
(क) छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात।
उत्तर
धूल से सना शिशु का शरीर और उसकी निश्छल मुसकान कवि को इतना प्रभावित करती है कि उसे लगता है जैसे कोई कमल का फूल तालाब में न खिलकर उनकी झोपडी के अंदर खिल गया हो।
(ख) छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल बाँस था कि बबूल ?
उत्तर
इस पंक्ति का भाव है कि शिशु के स्पर्श मात्र से बबूल और बाँस के पेड़ से शेफालिका के फूल झरने लगते हैं यानी शिशु के स्पर्श में ऐसा जादू है कि कठोर प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों का हृदय भी पिघल जाए और आनंद का संचार हो जाए|
रचना और अभिव्यक्ति
5. मुसकान और क्रोध भिन्न-भिन्न भाव हैं। इनकी उपस्थिति से बने वातावरण की भिन्नता का चित्रण कीजिए।
उत्तर
मुसकान अपने मन की प्रसन्नता को प्रकट करने का माध्यम है| व्यक्ति जब ख़ुशी से मुस्कुराता है तो वातावरण में उल्लास भर जाता है और सामने वाले को भी ख़ुशी अनुभव होती है| इससे अपनत्व की भावना जगती है|
क्रोध मन की अप्रसन्नता और विरोध को प्रकट करने का माध्यम है| इससे वातावरण तनावयुक्त हो जाता है| क्रोधी व्यक्ति की अप्रसन्नता से दूसरे भी अशांत हो जाते हैं| इससे हमारे साथ-साथ दूसरों का भी नुकसान होता है|
6. दंतुरित मुसकान से बच्चे की उम्र का अनुमान लगाइए और तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर
बच्चे की उम्र 8 या 9 महीने की रही होगी चूँकि इसी उम्र में बच्चे के दाँत निकलने शुरू होते हैं|
7. बच्चे से कवि की मुलाकात का जो शब्द-चित्र उपस्थित हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
कवि और वह बच्चा दोनों एक-दूसरे पहली बार मिले हैं इसीलिए बच्चा उन्हें एकटक देखता रहता है। बच्चे की मुसकान कवि के हृदय को प्रसन्नता से भर देती है| उन्हें ऐसा लगता है जैसे कमल के फूल तालाब को छोड़कर उसके झोंपड़ें में खिल उठे हैं। उन्हें लगता है कि बच्चा कहीं उन्हें देखते-देखते थक ना जाए इसीलिए वह आँख फेर लेते हैं|
फसल
1. कवि के अनुसार फसल क्या है?
उत्तर
कवि के अनुसार फसल ढेर सारी नदियों के पानी का जादू, लाखों लोगों के हाथों के स्पर्श की गरिमा तथा भिन्न प्रकार की मिट्टी के गुण, सूर्य की किरणों और वायु की मंद गति का परिणाम है। यानी फसल मनुष्य और प्रकृति दोनों के मिलकर कार्य करने से उपजता है|
2. कविता में फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्वों की बात कही गई है। वे आवश्यक तत्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर
कविता में फसल उपजाने के लिए निम्नलिखित आवश्यक तत्वों की बात कही गई है –
• मनुष्य की परिश्रम
• पानी
• मिट्टी
• धूप
• हवा
3. फसल को ‘हाथों के स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहकर कवि क्या व्यक्त करना चाहता है?
उत्तर
कवि ने यहाँ फसल के उपजने को मानव के श्रम से जोड़ा है चूँकि किसानों और मजदूरों द्वारा की गई मेहनत और उनके लग्न के कारण ही फसल का उपजना संभव हो पाता है| इसके बिना प्रकृति के तत्व की सार्थकता फसल उपजाने में व्यर्थ हैं|
4.भाव स्पष्ट कीजिए –
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का!
उत्तर
इन पंक्तियों में फसल उपजाने में सूरज की किरणों तथा हवा के योगदान को दर्शाया गया है। फसल प्रकृति से अपना भोजन प्राप्त करती है| सूरज की किरणें अपनी ऊष्मा प्रदान कर फसल को पकने में मदद करती हैं तो वहीं हवा की मंद गति फसल के बढ़ने में सहायक हैं|
रचना और अभिव्यक्ति
5. कवि ने फसल को हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण-धर्म कहा है –
(क) मिट्टी के गुण-धर्म को आप किस तरह परिभाषित करेंगे?
(ख) वर्तमान जीवन शैली मिट्टी के गुण-धर्म को किस-किस तरह प्रभावित करती है?(ग) मिट्टी द्वारा अपना गुण-धर्म छोड़ने की स्थिति में क्या किसी भी प्रकार के जीवन की कल्पना की जा सकती है?
(घ) मिट्टी के गुण-धर्म को पोषित करने में हमारी क्या भूमिका हो सकती है?
उत्तर
(क) मिट्टी के गुण-धर्म का मतलब है उसमें मौजूद प्राकृतिक और पोषक तत्व, खनिज पदार्थ जो मिट्टी का रंग और स्वरूप निश्चित करती है। मिट्टी की अधिक उपजाऊ क्षमता से फसल का उत्पाद भी अधिक होता है|
(ख) वर्तमान जीवन-शैली मिट्टी को प्रदूषित कर रही है। उपयोग में लाए जा रहे हैं अनेक प्रकार के रासायनिक तत्व, उर्वरक, कीटनाशक, प्लास्टिक निर्मित वस्तुएँ मिट्टी के मूल स्वरूप को नष्ट कर रही हैं जिसका नकरात्मक प्रभाव फसल पर भी पड़ रहा है|
(ग) अगर मिट्टी ने अपना गुण-धर्म छोड़ दिया तो धरती से हरियाली का, पेड़-पौधे और फ़सल आदि का नामोनिशान मिट जाएगा। इनके अभाव में धरती पर जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती ।
(घ) हम मिट्टी को वृक्षारोपण कर, प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग बंद कर, कारखानों को सीमित कर, रासायनिक तत्वों का उपयोग काम कर हम मिट्टी के गुण-धर्म को पोषित कर सकते हैं।
Important Link
Short Summary- पाठ 6- यह दंतुरित मुस्कान और फसल
For Free Video Lectures, Please Click here
Discover more from EduGrown School
Subscribe to get the latest posts sent to your email.