The Invention of Vita-Wonk Summary in English
Part I
Mr. Willy Wonka was a scientist. He first invented a tonic Wonka-Vite which made people younger. But it was such a powerful medicine that many people disappeared after their age went in minus. One person even became minus 87. The poor fellow had to wait 87 years to come back. Willy Wonka decided to invent a new thing to undo the harm. He had to make people old.
He wanted to know what the oldest living thing in the world was or what lived longer than anything else. His assistant Charlie named tree. But the question emerged which tree. It was certainly not the fir, oak or cedar. It was a tree called Bristlecone that grew in Nevada USA. Such trees were 4000 years old. Wonka got into his Great Glass Elevator and rushed all over the world. He collected special items from the oldest living things. He took a pint of sap from the Bristlecone Pine, the toe nail clippings from a 168 year old Russian farmer, an egg laid by 200 year old tortoise, the whiskers of a 36 year old cat and so on.
part ||
Mr. Wonka tracked down very old animals and took a bit of something from each one of them. In the end he boiled and tasted the product in his inventing room. He produced one small cupful of black liquid. He gave four drops of it to a brave young volunteer, Oompa-Loompa to see what happened.
“What was the result”? Charlie asked.
Mr. Wonka said that the effect of the medicine was swift and fantastic. The moment that young man gulped down those drops, he began growing old and wrinkled. His hair dropped off and his teeth also started falling out. In an instant the twenty-year old boy became an old man of seventy- five. In this way Vita-Wonk was invented.
The Invention of Vita-Wonk Summary in Hindi
Part I
मि. विली वोंका एक वैज्ञानिक थे। उनका पहला आविष्कार था एक ऐसी औषधि जो लोगों को अपनी आयु से छोटा बना देती थी। पर यह टानिक इतना प्रामाणिक था कि कई व्यक्ति तो जब उनकी आयु कम होती (घटती) गई तो अदृश्य हो गये। एक व्यक्ति तो अपने जन्म काल से 87 वर्ष पीछे चला गया। बेचारे को पुनः अपने वर्तमान रूप में आने के लिए 87 वर्ष प्रतीक्षा करनी पड़ी। इस कारण विली वोंका ने एक नयी खोज करने की सोची जो इस नुकसान की भरपाई कर दे। उन्हें अब लोगों को अपनी आयु से बड़ा बनाना था।
वोंका के मस्तिष्क में अनेकों विचार आये। उन्हें लगा कि वह विश्व के सबसे पुराने जीवित प्राणी को खोजें। उसके साथी चार्ली ने कहा वृक्ष बहुत दिन जीवित रहते हैं पर चीर, या ओक अथवा दयार के वृक्ष नहीं। अमरीका में निवादा में ब्रिसिलकोन चीर नामक वृक्ष सबसे लम्बे समय तक नहीं मरता। ऐसी प्रजाति के कछेक वक्ष तो 400 वर्ष पुराने हैं। वोंका अपने शीशे की गाड़ी में बैठकर विश्व भ्रमण पर निकल पड़े। उन्होंने सर्वाधिक पुरानी चीजों और जीवों से कुछ विशेष चीजें पा लीं। इनमें ब्रिसिलकोन चीर के वृक्ष का रस था, 168 वर्षीय रूसी किसान के नाखूनों की कहरन थी, 200 वर्ष पुराने कछुए का अण्डा था, 36 वर्षीय बिल्ली की गलमँछे थीं और भी न जाने कितनी पुरानी चीजें थी।
Part II
मि. वोंका ने बहुत लम्बी आयु वाले जीवों की खोज की तथा उनमें से प्रत्येक से कुछ न कुछ भाग ले लिया। अंत मे उन्होंने उन्हें उबाल कर एक मिश्रण तैयार किया तथा अपने अनुसंधान कक्ष में उसका परीक्षण किया। उन्होंने एक काला द्रव से भरा प्याला तैयार कर लिया। उसकी चार बूंदे उन्होंने ऊम्पा-लूम्पा नामक वीर स्वयंसेवी युवक को प्रयोग के रूप में पिला दिया ।
क्या परिणाम हुआ,, चार्ली ने पूछा।
मि. वोंका ने बताया कि उस दवा का असर शीघ्रता से और आश्चर्य में डालने वाला साबित हुआ। जैसे ही चुनर ने उन बूंदों को गले से नीचे उतारा, वह बूढ़ा होने लगा तथा उसके चेहरे पर झुर्रियाँ आ गईं। उसके बाल गिर गये तथा दाँत भी गिरने लगे। क्षण भर में वह बीस वर्षीय युवक 75 वर्षीय वृद्ध में बदल गया। इस प्रकार से वोंका ने आयु बढ़ाने वाली दवा की खोज की।
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