CHAPTER- 11 लंका विजय Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER- 11 लंका विजय

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न: (1 अंक) 

  1. वानर सेना किलकारियाँ भरती हई कहाँ से रवाना  हुई थी?

उत्तर: वानर सेना किष्किंधा से किलकारियाँ भरती रवाना हुई थी।

  1. सेना का नेतृत्व कौन कर रहा था?

उत्तर: नल सेना का नेतृत्व कर रहें थें।

  1. जामवंत और हनुमान सबसे पीछे क्यों चल रहे थे?

उत्तर: जामवंत और हनुमान का पीछे चल रहे थे क्योकि ये सेना की  रणनीति का एक हिस्सा था।

  1. प्रहस्त को किसने मारा? 

उत्तर: प्रहस्त को नील ने मारा  था।

  1. पुल कितने दिनों में तैयार हुआ? 

उत्तर: पुल कुल पांच दिनो  में बनकर तैयार हुआ।

लघु उत्तरीय प्रश्न: (2 अंक)

  1. पुल के संबंध में रावण को क्या विस्मय हुआ?

उत्तर: पुल के सम्बन्ध में रावण विस्मित था कि समुन्द्र पर पुल कैसे बनाया जा सकता है।

7.अंगद को दूत बनाकर, राम ने लंका में क्यों भेजा?

उत्तर: राम ने  अंगद को शांति-दूत बनाकर रावण के पास युद्ध रोकने के लिए भेजा था।

8.समुन्द्र से रास्ता के लिए राम ने कितने दिन तक प्रार्थना किया? 

उत्तर: समुन्द्र से रास्ता बन जाने  के लिए राम ने पूरे तीन दिन तक प्रार्थना की।

9.कुम्भकर्ण कौन था? 

उत्तर: कुम्भकर्ण राजा रावण का छोटा भाई था। 

  1. मेघनाद के बारे में संक्षिप्त में बताओ। 

उत्तर: मेघनाद बहुत पराक्रमी था। एक बार उसने  इंद्र को पराजित कर दिया था। इस वजह से उसका नाम इन्द्रजीत पड़ा।

लघु उत्तरीय प्रश्न: (3 अंक) 

  1. मेघनाद और लक्ष्मण युद्ध का वर्णन करिये।

उत्तर: मेघनाद और लक्ष्मण के बीच भयंकर युद्ध हुआ।मेघनाद और लक्ष्मण दोनों बहुत ही ताकतवर थे।बाण टकराते और गायब हो जाते। युद्ध के दौरान मेघनाद डरकर महल में घुस गया। लेकिन लक्ष्मण ने  पराक्रम दिखाते हुए उसको महल में ही मार दिया।

  1. मेघनाद के मरने के बाद रावण क्यों टूट गया?

उत्तर: मेघनाद रावण का पुत्र  था और रावण को बहुत प्रिय था।वह युद्ध में बहुत प्रवीण और चालाक था।अपने ऐसे बलवान और प्रवीण पुत्र को खोकर रावण बहुत दुखी हो गया और  इस कारण  मेघनाद के मरने के बाद रावण टूट गया।

13.विभीषण को  राम की सेना में देखकर रावण की मनोदशा कैसी थी?  

उत्तर: विभीषण को राम की सेना में देखकर रावण बहुत क्रोधित हो गया था क्योंकि ये तो देशद्रोह था। रावण को डर था की विभीषण शत्रुओ को उनकी रणनीति बता देगा।यह सब सोचकर रावण ने विभीषण पर प्रहार किया। 

  1. विभीषण ने राम की क्या मदद की थी?

उत्तर: विभीषण ने राम की बहुत  मदद की थी। उसने राम को  लंका के बारे में विस्तृत जानकारी दी उसने उन्हें ये भी बता की  रावण की  मौत कैसे होगी।मेघनाद का वध भी विभीषण द्वारा बताए गये तरकीब सेही  हुई थी।और इस प्रकार उसने प्रभु राम की मदद की।

  1. युद्ध समाप्त होने के बाद रणक्षेत्र के दशा का वर्णन करिए। 

उत्तर: युद्ध समाप्त होने के बाद रणक्षेत्र में चारो ओर जय श्री राम की गूंज हो रही थी। सभी लोग बहुत प्रसन्न थे।युद्धक्षेत्र में रावण की पराजय हो गई थी और वो मारा जा चुका था।परन्तु अपने बड़े भाई रावण की मृत्यु पर विभीषण बहुत  दुखी थे। 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: (5 अंक)

  1. राम-रावण युद्ध का उल्लेख करिये।

 उत्तर: राम-रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ। दोनों योद्धा अपने पुरे ताकत के साथ लड़ रहे थे। पूरा वातावरण अंधकारमय हो चुका था।रणक्षेत्र के बाकी सभी योद्धा राम और रावण के बीच का युद्ध देख रहे थे। युद्ध के प्रारंभ में रावण ने राम की ओंर एक तीर मारा लेकिन  वो तीर  रथ पर लगे शिखर ध्वज पर जा  लगा। इसके उपरांत  राम ने रावण के माथे पर एक बाण मारा जिससे रावण के  माथे से रक्त बहने लगा। फिर भी युद्ध चलता रहा।कुछ ही समय में राम का एक और  बाण रावण को चीरता हुआ निकल गया। और इस प्रकार अंत में रावण की मौत हो गई।  

  1. कुम्भकर्ण को देखकर रणक्षेत्र में वानर सेना की क्या दशा हुई थी? 

उत्तर: कुम्भकर्ण बहुत  बलवान था। बलवान होने के साथ साथ उसमे बहुत सी मायावी शक्तिया भी थी।वो सामान्य मनुष्यों से आकर में बहुत बड़ा था। जैसे ही वह  रणक्षेत्र में आया तो उसे देखकर  पूरी  वानर सेना  भय से कम्पित होने  लगी। सभी उसके विशालकाय आकार को देखकर और उसकी मायावी शक्तियों को देखकर भयभीत हो गए। उसने युद्ध क्षेत्र में आते ही अनेको वानरो को अपने हाथो और पैरो से  कुचलकर मार डाला था। उसने बलवानी हनुमान, अंगद और सेना के प्रमुख लोगो को घायल कर दिया था।  

  1. विभीषण ने रावण को सीता के सबंध में क्या समझाया था?  

उत्तर:जब पूरी लंका को चारो ओर से राम की सेना ने घेर लिया था तब  विभीषण समझ गये थे कि सीता कोई मामूली स्त्री नहीं हैं। विभीषण ये भी जान गए थे कि राम सीता को अवश्य ही लंका से लेकर जाएँगे। वे इन बातो को अपने बड़े भाई को समझाना चाहते थे और इसीलिए विभीषण ने रावण से कहा कि इस स्त्री को छोड़ दीजिये और लंका के सर्वनाश को बचा लीजिये परन्तु रावण ने उनकी सभी बातो को नकार दिया।रावण ने अपने अहंकार में रहते हुए अपने भाई को भी अपमानित कर दिया।    

  1. लंका कूच की रणनीति बताईये। 

उत्तर: लंका कूच से पहले ही पूरी रणनीति बना ली गई थी।वानर सेना में सभी को युद्ध की रणनीति और बचाव के तरीके सिखाये गये थे। लंका कूच के लिए पूरी सेना बहुत उत्साहित थी। सेना की जिम्मेदारी नल को सौपते हुए उसे सेना का  सेनापति  घोषित किया गया। लंका कूच करते समय अपनी  युद्ध की रणनीति के तहत  हनमान और जामवंत को  सेना के पीछे चलने को कहा गया। सभी वानरो को रणनीति के तहत बचाव और युद्ध करने के तरीके सिखाये गए थे।सुग्रीव ने पूरी सेना को रणनीति युद्ध रणनीति समझायी।   

  1. लंका विजय में, वानर सेना ने राम की किस प्रकार से मदद किया?

उत्तर: लंका विजय में वानर सेना ने राम की भरपुर मदद की।समुन्द्र से रास्ता बनाने से लेकर रणभूमि तक पूरी वानर सेना ने राम की भरपूर मदद की और हर परिस्थिति का डटकर सामना भी किया।इसमें  हनुमान ने  सीता की खोज में राम की मदद की।हनुमान ने सीता तक राम की दि गई अंगुठी पहुचाई और सीता को लंका से मुक्ति का भरोसा दिया।सेना के सेनापति  नल और नील ने लंका तक जाने के लिए  समुन्द्र पर सेतु का निर्माण करवाया। अंगद ने वानर सेना का नेतृत्व किया। पूरी वानर सेना बहादुरी से लड़ी।और वानर सेना की मदद से ही राम को युद्ध विजय में सहायता मिली।

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CHAPTER- 10 लंका में हनुमान Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER- 10 लंका में हनुमान

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                            (1 अंक) 

  1. हनुमान ने छलांग कौन से पहाड़ से लगाई थी? 

उत्तर: हनुमान ने महेंद्र पर्वत से छलांग लगाई थी।

  1. समुंद्र के अंदर कौन सा पहाड़ था? 

उत्तर: समुंद्र के अंदर मैनाक नामक पहाड़ था। 

  1. समुंद्र में हनुमान से कौन मिला था? 

उत्तर: समुंद्र में हनुमान से सुरसा नामक राक्षसी मिली थी।

  1. सीहिंका कौन थी? 

उत्तर: सीहींका एक राक्षसी थी, जो परछाई पकड़ लेती थी।

  1. सीता को रावण ने कहां रखा था? 

उत्तर: सीता को रावण ने अशोक वाटिका में रखा था।

लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                                    (2 अंक)

  1. लंका में सबसे अच्छी और भिन्न राक्षसी कौन थी? 

उत्तर: लंका में सबसे अच्छी और भिन्न राक्षसी त्रिजटा थी, वह साहसी व संवेदनशील थी। त्रिजटा सीता के साथ अशोक वाटिका में रहकर, सीता को हिम्मत देती थी तथा उसकी देखभाल करती थी।

  1. हनुमान ने सीता को कौन सा भेंट दिखाया था?

उत्तर:  हनुमान ने सीता को, राम के द्वारा भेजी गई अंगूठी भेंट के रूप में दिखाया था। उस अंगूठी से राम सीता की भावनाऐं जुड़ी थी, सीता अंगूठी देखते ही पहचान गई,जिसमे उन्हे श्री राम की झलक दिखाई दी। सीता की आँखें ओझल हो गई, और वो हनुमान से राम के बारे में अनेकों सवाल पूछने लगी। 

  1. हनुमान को किसने बंदी बनाया और क्यों? 

उत्तर: रावण के कहने पर, उसके बेटे मेघनाद ने हनुमान को बंदी बनाया था, क्योंकि हनुमान ने रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध कर दिया था, जिसके कारण मेघनाद का क्रोध और भभक गया, उसके  पश्चात हनुमान ने पूरे वाटिका को तहस नहस कर दिया था, सारे वृक्षों को उखाड़ भेंका, सारे फल बर्बाद कर दिए थे। इसलिए हनुमान को बंदी बनाया गया। 

  1. समुंद्र पार करने के लिए चर्चा में किस किस ने भाग लिया?

उत्तर: विशालकाय समुंद्र को पार करके समस्त वानर सेना के साथ लंका पहुंचना किसी चुनौती से कम नही था, इस विषय में लक्ष्मण, सुग्रीव, हनुमान, जामवंत, नल और नील सबने एक साथ बैठ कर, समुंद्र पार करने हेतु चर्चा में भाग लिया, और इसका उपाय सोचा। 

  1. प्रसन्न वानरों ने क्या किया?

उत्तर: जब हनुमान ने लंका से वापस आकर सीता के सकुशल होने की सूचना सभी को दी तो, वानर सेना प्रसन्नता से उत्पाद मचाने लगे, और मार्ग के कई वन उजाड़ कर सारा फल खा गए।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                       (3 अंक)

  1. अंत:पुर में हनुमान ने क्या देखा?

उत्तर: हनुमान ने पहले कभी सीता को देखा नही था, और एक अनजान नगर में बिना किसी की नजरों में आए, एक स्त्री को ढूंढना सरल नही था, वो सीता को लंका में जगह – जगह तलाश रहे थे, मगर सीता जैसी कोई भी स्त्री उन्हे नजर नहीं आ रही थी। फिर हनुमान ने अंत:पुर में झांक कर देखा, मगर वहां सिर्फ रावण और उनकी पत्नी मंदोदरी सो रही थी, इसके अलावा उन्हें अंतःपुर में सीता के व्यक्तित्व के समान कोई भी स्त्री नही दिखी।

  1. अशोक वाटिका में सीता को हनुमान ने कैसे पहचान लिया?

उत्तर: रात को अचानक वाटिका के एक कोने से कुछ आवाज़ सुनाई दिया। वहां राक्षसियां जोर जोर से किसी बात पर हंस रही थीं। हनुमान को लगा की,जरूर ही यें सीता पे हंस रही हैं। फिर वो पेड़ में छुप कर ध्यान से नीचे बैठी औरत को देखने लगे,बड़ा उदास चेहरा, दुर्बल, दयनीय और सोकग्रस्त स्थिति देख कर, वो समझ गए की यही सीता है और उनका संदेह दूर हो गया।

  1. दिन में सीता के बारे में पता लगाना आसान काम नहीं था क्यों? टिप्प्णी करे।

उत्तर: दिन के समय में कोई भी हनुमान को देख सकता था। हनुमान चूकी लंका में अजनबी थे, कोई भी उनको देखता तो बात तुरंत रावण तक पहुंच जाती। इसलिए हनुमान ने शाम का समय सीता जी की खोज के लिए उचित समझा। हनुमान बहुत ही सावधानी पूर्वक और बुद्धिमता के साथ शाम के समय लंका में घुस गए और सीता को खोजने में जुट गए। 

  1. समुन्द्र में कौन-कौन सी बाधाएं हनुमान के सामने आयी?

उत्तर: हनुमान के सामने समुंद्र में अनेकों बाधाएं आई। सबसे पहले सुरसा नामक राक्षसी मिली जो हनुमान को खाना चाहती थी, हनुमान जी उसके मुंह में घुसे और बाहर निकल आये। फिर उनका सामना राक्षसी सिहिंका से हुआ, जिसने समुंद्र पर हनुमान की परछाई को पकड़ लिया और हनुमान आकाश में ही थम गए, हनुमान ने उसका वध कर डाला और आगे बढ़े। हनुमान ने सभी मुसीबतों का बहुत डटकर सामना किया।

  1. लंका देखने में कैसी थी?

उत्तर: लंका पूरे सोने की बनी थी, दूर से ही चमचमाती हुई लंका नगरी को देख कर हर कोई आकर्षित हो सकता था। आकाश में उसके कंगूरे बहुत सुंदर लग रहे थे। चारो ओर विशालकाय वृक्ष, फल और फूलों से लदे हुए उपवन, वन लंका की शोभा को और बढ़ा रहे थे। हनुमान जी भी बहुत चकित थे, इतना ख़ूबसूरत और सुंदर नगर वो भी राक्षसों का, हनुमान जी भरोसा नहीं कर पा रहे थे। 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:                                                                              (5 अंक) 

  1. रावण ने सीता को क्या प्रस्ताव दिया था?

उत्तर: रावण ने सीता को खूब बहलाया-फुसलाया, लालच दिया। सीता फिर भी अपने जगह से ना हिली। रावण ने कहां, “तुम्हे डरने की जरूरत नहीं है, मै तुम्हे स्पर्श भी नहीं करूंगा, जब तक तुम खुद ना चाहो”। रावण सीता को अपनी रानी बनाना चाहता था। रावण ने अपनी बात कही और सीता को दो माह का समय दिया और बोला, “उसके बाद अगर तुमने मेरी बात नही सुनी तो, मैं तुम्हे तलवार से काट दूंगा”। 

  1. उपवन को नष्ट करने का रावण ने हनुमान को क्या दंड दिया?

उत्तर: उपवन को नष्ट करने के दंड में रावण ने, हनुमान को जान से मारने के लिए अपने बेटे अक्षकुमार को भेजा, मगर अक्षकुमार हनुमान के हाथों मारा गया। तत्पश्चात रावण ने मेघनाद को भेजा, मेघनाद हनुमान के पास गया और हनुमान को बंदी बनाकर रावण के दरबार में पेश किया। रावण तो हनुमान को जान से मार देना चाहता था, मगर विभीषण ने रावण को रोक लिया और कहा, “दूत को नहीं मारना चाहिए”। तब रावण ने दंड स्वरूप हनुमान की पूछ में आग लगवा दिया।

  1. सीता के दशा के बारे में हनुमान ने राम को क्या-क्या बात बताई?

उत्तर: राम, सीता की दशा जानने के लिए बहुत व्याकुल हो रहे थे,जैसे ही हनुमान लंका से वापस आए तो, उन्होंने हनुमान से सीता के बारे में कई सवाल पूछे, जैसे की “वो कैसी है?” “उसने क्या संदेश भेजा है”? हनुमान ने पूरी बात बहुत धैर्य और विस्तार से बतायी, “वो हर समय रक्षसियों से घिरी रहती हैं,आपकी  प्रतीक्षा हर पल, हर दिन कर रही हैं और दुष्ट रावण ने उन्हे दो माह का समय दिया है, यदि आप दो माह में उनको लेने नहीं गए और मां सीता ने रावण की बात नही मानी, तो वो पापी रावण उनको मार डालेगा”। हनुमान के द्वारा कही, ये सारी बाते सुनकर राम भाव-विभोर हो गए और अपने अश्रु नहीं रोक पाए।

  1. हनुमान लंका को देखकर चकित क्यों हो गए?

उत्तर: हनुमान लंका को देखकर चकित इसलिए हो गए क्योंकि उन्होंने इतना खूबसूरत और सुव्यवस्थित नगर, अभी तक नहीं देखा था। हनुमान जी भरोसा नहीं कर पा रहे थे की, इतना खूबसूरत नगर वो भी राक्षसों का। लंका में चारो ओर से  वृक्ष, वन और फलदार उपवानों से घिरा था, इसके भव्य भवन लंका की शोभा में चार चांद लगा रहे थे, लंका पूरे सोने की बनी थी और आकाश में उसकी कंगूरे बहुत सुंदर लग रहे थे। महल के प्राचीर एकदम सूर्य की भांति चमक रहे थे। ये नजारा हनुमान को चकित कर देने के लिए काफी था। 

  1. अशोक वाटिका में पेड़ के ऊपर बैठकर, हनुमान इंतजार क्यों कर रहे थे?

उत्तर: सीता जहां रहती थी, वहां आस-पास रक्षसियों का बहुत पहरा था। वो उनके चारो तरफ घूमती रहती थी। जब रात हुई तो एक एक करके सभी रक्षसियां वहां से जाने लगी। तब तक हनुमान पेड़ के उपर बैठकर उनके जाने का इंतजार कर रहे थे, हो सकता था की सीता उन्हें मायावी समझ लें, इसलिए उन्होंने पेड़ के ऊपर राम-कथा कहनी शुरु कर दी। जब सीता ने ये सुना तो चकित रह गई और हनुमान को नीचे बुलाकर, उनसे पूछने लगी की, तुम कौन हो? हनुमान ने विनम्रता पूर्वक सीता का हाल लिया और सारी कहानी और आपबीती कह सुनाई।

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CHAPTER- 9 राम और सुग्रीव Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER- 9 राम और सुग्रीव

Important Question Class 6 Hindi Bal Ram Katha पाठ ९ – राम और सुग्रीव

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                             (1 अंक) 

  1. जटायु के भाई का क्या नाम था? 

उत्तर: जटायु के भाई का नाम, ‘संपाती’ था।

  1. सुग्रीव की राजगद्दी किसने छीन ली थी? 

उत्तर: सुग्रीव की राजगद्दी उसके बड़े भाई, बाली, ने छीन ली थी।

  1. वानर सेना का सेनापति कौन था? 

उत्तर: वानर सेना का सेनापति, ‘नल’ था।

  1. किष्किंधा का युवराज किसको बनाया गया? 

उत्तर: किष्किंधा का युवराज, ‘अंगद’ को बनाया गया।

  1. मल्ल युद्ध किस-किसके बीच हुआ? 

उत्तर: मल्ल युद्ध सुग्रीव और उसके बड़े भाई, बाली, के बीच में हुआ था।

लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                                    (2 अंक) 

  1. सुग्रीव की चिंता पर राम ने क्या कहा? 

उत्तर: बड़े भाई द्वारा राज्य और स्त्री छिन जाने के कारण सुग्रीव बहुत ही चिंतित था। वह मायूस रहा करता था। सुग्रीव को चिंतित देख राम ने सुग्रीव से कहा कि राम उसके परेशानी को दूर करने का उपाय अवश्य सोचेंगे। राम ने एक मित्र के नाते कहा कि वह सुग्रीव को इस परेशानी से मुक्त अवश्य करेंगे। 

  1. जब हनुमान ने राम लक्ष्मण को पहली बार देखा तो उन दोनों के बारे में क्या अनुमान लगाया? 

उत्तर: जब हनुमान ने वन में भटकते हुए दो मनुष्य, राम और लक्ष्मण, को देखा, तब वह थोड़ा सोच में पड़ गए। उन्होंने उस वन में ऐसे प्राणी पहले नहीं देखे थे। हनुमान ने अनुमान लगाया कि यह दोनों बाली के सैनिक नहीं है। हनुमान को पता था कि बाली के सेना में ऐसे वेश-भूषा वाला कोई भी व्यक्ति नहीं है।

  1. सीता ने अपने आभूषण क्यों फेंक दिए थे? 

उत्तर: जब रावण सीता का अपहरण करके ले जा रहा था तब सीता ने अपने आभूषणों को खोलकर नीचे धरती पर फेंक दिया था। सीता ने अपने आभूषण इसलिए फेंके ताकि जब कभी भी श्रीराम उस मार्ग से गुजरे तो वह उस आभूषणों को पहचान कर यह अनुमान लगा सके कि सीता इसी दिशा की ओर आई है।

9.सुग्रीव किस के डर से डरा रहता था? 

उत्तर: सुग्रीव हमेशा अपने बड़े भाई, बाली, के डर से डरा रहता था। बाली एक महापराक्रमी वानर था। सुग्रीव को हमेशा यह डर सताता रहता था कि कहीं उसके बड़े भाई उस पर आक्रमण करके उसे मार सकते हैं। इसी डर से वह हमेशा डरा रहता था।

  1. गहनों की पोटली किसकी थी? गहनों की पोटली कब फेंकी गई थी? 

उत्तर: गहनों की पोटली सीता माता की थी। जब रावण सीता का अपहरण करके ले जा रहा था, तभी सीता ने उस गहने की पोटली को फेंका था। सीता ने नीचे जमीन पर वानरों को देखा, इसलिए उसने अपनी गहनों की पोटली को फेंक दिया ताकि जब भी श्रीराम उन्हें ढूंढने के लिए आए तो वह इस गहने के संकेत को समझ सके।

लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                                      (3 अंक)

  1. बाली ने सुग्रीव के साथ कैसा बर्ताव किया? 

उत्तर: बाली, सुग्रीव का बड़ा भाई था। बड़ा भाई होते हुए भी उसमें सुग्रीव के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया था। बाली ने सुग्रीव को राज पाठ से निकाल दिया था और उसकी स्त्री को भी उसने छीन लिया था। बाली का बर्ताव अपने छोटे भाई के प्रति बहुत ही निंदनीय था।

  1. राम ने सुग्रीव को क्या वचन दिया था? 

उत्तर: अपने राज्य द्वारा निकाले जाने और स्त्री के छिन जाने के कारण सुग्रीव बहुत ही चिंतित रहा करते थे। उन्हें अपने बड़े भाई से बहुत नफरत हो गई थी। सुग्रीव को चिंतित देखकर राम ने,एक मित्र के नाते, उन्हें वचन देते हुए कहा, “ मित्र!, तुम चिंता मत करो। हम तुम्हारी सहायता करेंगे। हम तुम्हें तुम्हारा राज्य और तुम्हारी स्त्री दोनों ही बाली से छीन कर सौंप देंगे।

  1. सुग्रीव राम से क्यों कुपित हो गया था? 

उत्तर: राम के कहने पर सुग्रीव बाली से युद्ध करने को तैयार हुआ था। युद्ध के दौरान बाली ने सुग्रीव को बहुत मारा। सुग्रीव बाली के सामने टिक नहीं पा रहा था। बाली ने सुग्रीव को मारकर मूर्छित कर दिया। श्रीराम वही एक पेड़ के पीछे छिपकर युद्ध देख रहे थे। श्री राम और सुग्रीव में यह निश्चय हुआ था कि जब सुग्रीव बाली से युद्ध करेगा तो श्रीराम पीछे से तीर मारकर बाली पर प्रहार करेंगे। श्री राम ने तीर मारने में देरी कर दी। इसी कारण सुग्रीव राम से कुपित हो गया था।

  1. लंकारोहण की योजना पर प्रकाश डालिए? 

उत्तर: लंकारोहण की योजना, सीता को रावण के चंगुल से वापस लाने के लिए बनाई गई थी। वानरों की सेना को चार टोलियों में बांटा गया था। अंगद को दक्षिण जाने वाले अग्रिम दल का नेता चुना गया था। उस दल में हनुमान सहित नल – नील भी थे। राम की इच्छा थी कि वानरों की सेना से सबसे पहले एक बुद्धिमान दूत को भेजा जाए। राम के इच्छा स्वरूप, सबसे पहले हनुमान को दूत के रूप में भेजा गया।

  1. राम ने हनुमान को अंगूठी क्यों दी? 

उत्तर: हनुमान, रावण के महल में, श्री राम के दूत बनकर जा रहे थे। श्री राम ने उन्हें सीता से मिल कर आने को कहा था। हनुमान के जाते समय श्रीराम ने अपनी एक अंगूठी हनुमान को सौंप दी। श्री राम ने हनुमान से कहा था कि वह जब सीता से मिले तब वह यह अंगूठी सीता को दिखाएं। अंगूठी देने का कारण था कि यदि सीता हनुमान के बातों पर भरोसा ना करें तो वह उस अंगूठी को देखकर यह समझ जाएगी कि हनुमान श्री राम के द्वारा भेजा गया है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:                                                                                      (5 अंक)

  1. जामवंत ने हनुमान के बारे में क्या कहा? 

उत्तर: जब वानर सेना लंका की ओर प्रस्थान कर रही थी तब रास्ते में एक बहुत ही बड़ा समुद्र था। वानरों के लिए उस समुद्र को पार करना बहुत ही मुश्किल था। जामवंत को पता था कि केवल हनुमान ही एक ऐसे वानर है जो इस समुंद्र को लांघ सकते हैं। हनुमान अपनी इस शक्ति के बारे में बिल्कुल भूल चुके थे। जामवंत ने हनुमान को अपनी शक्तियों का एहसास दिलाया। जामवंत को पूरा भरोसा था कि हनुमान इस समुंद्र को लांघ सकते हैं। हनुमान को अपनी भूली हुई शक्तियों का ज्ञात हुआ और वह लंका जाने के लिए चुने गए।

  1. सुग्रीव के राग रंग में वचन को भूल जाने पर लक्ष्मण ने क्या किया? 

उत्तर: युद्ध में बाली को मारने के पश्चात सुग्रीव को किष्किंधा का राजा स्वीकार किया गया। राज गद्दी संभालने के बाद सुग्रीव अपने वचन को भूल गया। उसने श्रीराम से वजन किया था कि वह राज गद्दी संभालने के बाद सीता माता को ढूंढने में उनकी सहायता करेगा। सुग्रीव राग रंग में इतना मगन हो गया कि उसे अपना किया हुआ वादा भी याद नहीं रहा। ऐसे करते-करते बहुत दिन बीत गए। सुग्रीव को अपने वचनों का फिर भी याद नहीं आया। सुग्रीव के इस लापरवाही को देखकर श्री राम और लक्ष्मण दोनों को क्रोध आ रहा था। लक्ष्मण तो कुछ ज्यादा ही क्रोधित थे। लक्ष्मण ने क्रोध में आकर धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाई जिससे पूरा किष्किंधा नगर का उठा। जब सुग्रीव को लक्ष्मण के इस रूप के बारे में पता चला तो सुग्रीव को अपना किया हुआ वचन याद आ गया। तत्पश्चात सुग्रीव ने माता सीता को ढूंढने में श्री राम की सहायता की।

  1. सुग्रीव और राम कैसे एक ही समस्या से जूझ रहे थे? टिप्पणी कीजिए। 

उत्तर: देखा जाए तो श्री राम और सुग्रीव एक ही समस्या से जूझ रहे थे। जैसा कि सुग्रीव के साथ उसके बड़े भाई ने कपट करके उसे राजदरबार से निकाल दिया था और उसकी स्त्री को भी छीन लिया गया था। सुग्रीव के पिता जी की भी मृत्यु हो चुकी थी। वैसे ही श्रीराम को भी राज्य से दूर वनवास को भेज दिया गया था, उनकी पत्नी सीता का अपहरण हो गया था और उनके भी पिता की मृत्यु हो चुकी थी। सुग्रीव और श्री राम का दुख बहुत ही मिलता जुलता था। सुग्रीव और राम दोनों ही पत्नी वियोग मे दुखी थे। 

  1. वानर दल असमंजस में क्यों थे? 

उत्तर: जटायु के भाई ने वानर सेना को सीता के बारे में सूचना दी थी। जटायु के भाई के द्वारा सूचना मिलने पर वानर सेना बहुत ही प्रसन्न हो गए। परंतु उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए एक विशाल समुद्र को पार करना था। विशाल समुद्र को देखकर पूरी वानर सेना बहुत ही निराश हो गई। लक्ष्य सामने था परंतु जाने का कोई उपाय नजर नहीं आ रहा था। पूरी वानर सेना परेशान थी कि समुद्र को कैसे पार किया जाए। अंगद ने श्रीराम को वचन दिया था कि सीता का पता लगाए बिना वह वापस नहीं आएगा। यही सब बात सोचकर वानर दल असमंजस में थे।

  1. गहनों को देखने के बाद राम को सुग्रीव ने कैसे सांत्वना दिया? 

उत्तर: सीता द्वारा गिराई गई गहनों की पोटली वानर सेना को मिली थी। वानर सेना ने उस पोटली को श्री राम को सौंप दिया। जब श्रीराम ने वह पोटली देखी तो वह झट से पहचान गए कि वह गहने सीता के है। उनमें से कुछ गहने लक्ष्मण ने भी पहचाने। उस गहने को देखकर श्री राम बहुत ही उदास हो गए। वह खुद को कोसने लगे कि उन्होंने सीता की रक्षा नहीं कर पाई। वह खुद पर धिक्कार करने लगे। यह सब देखकर सुग्रीव ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि उनकी वानर सेना सीता माता को अवश्य ही ढूंढ लेंगी और रावण को उसके किए का परिणाम अवश्य ही मिलेगा। सुग्रीव द्वारा यह बात सुनकर श्री राम को सांत्वना मिली।

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CHAPTER- 8 सीता की खोज Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER- 8 सीता की खोज

प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1  राम कुटिया वापस आते हुए क्या सोच रहे थे?

उत्तर-  राम ने मारीच की माया देख ली थी इसलिए वह चाहते थे कि लक्ष्मण कुटिया के पास ही हों । मारीच की मायावी आवाज़ लक्ष्मण तक न पहुँची हो ।

 

प्रश्न-2   राम सीता के लिए क्यों चिंतित हो रहे थे?

उत्तर-  राम इसलिए चिंतित थे क्योंकि उनको डर था कि अगर सीता अकेली हुई तो राक्षस उन्हें मार डालेंगे या खा जाएँगे।

 

प्रश्न-3   लक्ष्मण को पगडंडी पर आते देख राम के मन में किस प्रकार के सवाल उठने लगे?

उत्तर –  लक्ष्मण को पगडंडी पर आते देख राम के मन में कई प्रकार के सवाल उठने लगे जैसे कि पता नहीं सीता किस हाल में होगी? राक्षसों ने उन्हें मार डाला होगा? उठा ले गए होंगे? अकेली सीता दुष्ट राक्षसों के सामने क्या कर पाई होंगी? अदि।

 

प्रश्न-4   राम लक्ष्मण से क्यों क्रोधित थे?

उत्तर –  राम लक्ष्मण से इसलिए क्रोधित थे क्योंकि लक्ष्मण सीता को अकेला छोड़ कर राम को ढूंढ़ने के लिए निकल गए थे।

 

प्रश्न-5   राम की बेचैनी क्यों बढ़ गई?

उत्तर –  जब राम के पुकारने पर भी कुटिया से सीता की कोई आवाज़ नहीं आई तो राम की बेचैनी बढ़ गई।

प्रश्न-6   किसने किससे कहा?

i. “देवी सीता ने मुझे विवश कर दिया, भ्राते! उनके कटु वचन मैं सहन नहीं कर सका।”

   लक्ष्मण ने राम से कहा।

 

ii.“यह तुमने अच्छा नहीं किया। तुम्हें मेरी आज्ञा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए था।”

   राम ने लक्ष्मण से कहा।

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CHAPTER- 6 दंडक वन में दस वर्ष Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER- 6 दंडक वन में दस वर्ष

 Important Question Class-6 Hindi Bal Ram Katha Chapter – 6 दंडक वन में दस वर्ष

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

1.तीनों वनवासी मुनि अत्रि से विदा लेकर किस ओर चल पड़े?

उत्तर: तीनों वनवासी मुनि अत्रि से विदा लेकर दंडक वन की ओर चल पड़े।

2.इस पाठ में तीनों वनवासियों का संदर्भ किससे है?

उत्तर: इस पाठ में तीनों वनवासियों का संदर्भ – राम, लक्ष्मण और सीता से है।

 

3.पंचवटी के मार्ग में जटायु को देखकर कौन डर गया था?

उत्तर: पंचवटी के मार्ग में जटायु को देखकर सीता डर गई थी।

4.अकंपन कौन था?

उत्तर: अकंपन खर-दूषण की सेना का एक मायावी राक्षस था।

5.तीनों वनवासी दंडक वन में कितने वर्ष रहे?

उत्तर: तीनों वनवासी दंडक वन में 10 वर्ष रहे।

लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

6.दंडक वन के मुनियों ने राम का स्वागत करते हुए उनसे क्या कहा?

उत्तर: दंडक वन के मुनियों ने राम का स्वागत करते हुए उनसे कहा “ आप उन दुष्ट मायावी राक्षसों से हमारी रक्षा करें और आश्रमों को अपवित्र होने से बचाएं। “ 

7.असुरों के संहार के विषय में सीता के विचार लिखिए।

उत्तर: सीता असुरों के संहार के विषय में सोचती थी कि राम बिना किसी कारण असुरों को ना मारें। राम असुरों का वध ना करें, जिन्होंने उनका कोई नुकसान नहीं किया हो।

8.राम ने दैत्यों के संहार के विषय में सीता को क्या समझाया?

उत्तर: राम ने दैत्यों के संहार के संबंध में सीता को समझाते हुए कहा “ सीते! राक्षसों का विनाश ही उचित है, वे मायावी है। मुनियों को कष्ट पहुंचाते हैं और मैंने मुनियों की रक्षा करने की प्रतिज्ञा ली है।

9.क्षरभंग मुनि के आश्रम पहुंचने के बाद राम ने क्या देखा?

उत्तर: क्षरभंग मुनि के आश्रम पहुंचने के बाद राम ने देखा की आश्रम में ऋषियों की संख्या बहुत कम है। सारे तपस्वी निराश है। क्षरभंग मुनि ने राम को हड्डियों का ढेर दिखाते हुए कहा “ यह सब तपस्वीयों की हड्डियां हैं।

10.सुतीक्ष्ण मुनि ने राम को क्या सलाह दी?

उत्तर: सुतीक्ष्ण मूनि ने राम को अगस्त्य ऋषि से मिलने की सलाह दी। अगस्त्य ऋषि विन्ध्यांचल पार करने वाले पहले ऋषि थे।

  1. जटायु ने लक्ष्मण से क्या कहा?

उत्तर: पंचवटी के मार्ग में जब राम ने एक विशाल गिद्ध देखा, तो सीता उसे देखते ही डर गई। तब लक्ष्मण धनुष उठा कर वार करने ही वाले थे की जटायु ने लक्ष्मण से कहा “ हे! राजन मुझसे डरो मत। मैं आपके पिता का मित्र हूँ। मैं वन में आप लोगों की सहायता करूँगा। आप दोनों जब बाहर जाओगे तो मैं सीता की रक्षा करूँगा।“

  1. लक्ष्मण ने पंचवटी में कैसी कुटिया बनाई?

उत्तर: पंचवटी में लक्ष्मण ने बहुत सुंदर कुटिया बनाई। मिट्टी की दीवारें खड़ी की, बांस के खंभे लगाए, कुश और पत्तों से छप्पर डाला। उस मनोहर पंचवटी को और सुंदर बना दिया। कुटिया के आसपास पुष्पलतांए थी। कुटिया के आसपास हिरण घूमते थे और मोर नाचते थे।

  1. निम्नलिखित वाक्यों में सही एवं गलत वाक्य की पहचान कीजिए।

क. चित्रकूट अयोध्या से चार दिनों की दूरी पर था  ।

उत्तर: सही

ख. जटायु एक राक्षस थ ।

उत्तर: गलत

ग. सुतीक्ष्ण मुनि विन्ध्यांचल पार करने वाले पहले ऋषि मुनि थे।

उत्तर: गलत

घ. चित्रकूट से विदा होने के बाद राम और सीता ने वनवास का शेष समय पंचवटी में बिताया।

उत्तर: सही

ड़. विराध एक तपस्वी था।

उत्तर: गलत

च. शूर्पणखा रावण की बहन थी।

उत्तर: सही

  1. किसने किससे कहा:

क. “ आप उन दुष्ट मायावी राक्षसों से हमारी रक्षा करें। “ 

उत्तर: यह वाक्य दंडक वन के मुनियों ने राम से कहा था।

ख. “ हे रूपराज! मैं तुम्हें नहीं जानती। पर तुमसे विवाह करना चाहती हूँ।

उत्तर: यह वाक्य शूर्पणखा ने राम से कहा।

ग. “मेरे पास आने से तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा, देवी! मैं तो राम का दास हूं।“

उत्तर: यह लक्ष्मण ने शूर्पणखा से कहा।

घ. “ राजकुमार! यह ऋषि मुनियों की हड्डी का ढेर है।“ 

उत्तर: यह क्षरभंग मुनि ने राम से कहा।

ड़. “राम कुशल योद्धा है। उन्हें कोई नहीं मार सकता।“

उत्तर: यह अकंपन ने लंकाधिपति से कहा।

च. “ वहां जाने पर हो सकता है कि राम तुम्हें मार दे। लेकिन ना जाने पर मेरे हाथ तुम्हारी मृत्यु निश्चित है।“

उत्तर: यह रावण ने मारीच से कहा।

  1. शूर्पणखा कौन थी? उसने राम के पास जाकर क्या कहा?

उत्तर: शूर्पणखा लंकापति रावण की बहन थी। जंगल में जब उसने राम को देखा तो वह उनके रूप पर मोहित हो गई और राम के पास जाकर कहने लगी “हे रूपराज! मैं तुम्हें नहीं जानती। पर मैं तुमसे विवाह करना चाहती हूँ। तुम मेरी यह इच्छा पूरी करो। मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार करो।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                      (5 अंक)

  1. खर-दूषण कौन थे? राम और खर – दूषण के बीच हुए युद्ध का वर्णन कीजिए

उत्तर: खर और दूषण रावण के सौतेले भाई थे। शूर्पणखा की दशा देखकर खर और दूषण की क्रोध की सीमा न रही। उन्होंने तत्काल 14 राक्षस भेजें। परंतु वह सब राम के सामने टिक ना सके। शूर्पणखा एक पेड़ के पीछे से यह दृश्य देख रही थी। उसका राम के प्रति मोह और बढ़ गया, साथ ही साथ उसका क्रोध भी बढ़ गया। वह फुफकारती हुई खर-दूषण के पास गई। इस बार खर और दूषण पूरी राक्षस सेना के साथ वहां पहुंचे थे। खर ने देखा कि आसमान काला पड़ गया। घोड़े स्वयं धरती पर गिर कर मर गए। आकाश में गिद्ध मंडराने लगे। पर वह रुका नहीं और घमासान युद्ध हुआ। अंत में विजय राम की हुई । खर-दूषण सहित उनकी पूरी सेना धराशाही हो गई।

  1. लंका पहुंच कर शूर्पणखा से रावण से क्या कहा?

उत्तर: शूर्पणखा वहां पहुंचकर रावण को धिक्कार और फटकार रही थी। उसे ललकारते हुए शूर्पणखा ने कहा “तेरा महाबली होने का क्या लाभ, तेरे रहते मेरी यह दुर्गति हो गई है,तेरा बल किस दिन के लिए है, तू किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं है।“ 

  1. सीता-हरण के संदर्भ में मारीच ने रावण को क्या सलाह दी?

उत्तर: अकंपन के कहने पर रावण सीता के अपहरण के लिए तैयार हो गया। रास्ते में उसकी भेंट मारीच से हुई (ताड़का के पुत्र से)। ताड़का को राम ने पहले ही मार दिया था इसलिए मारीच क्रोधित था। परंतु वह राम की शक्तियों से परिचित था। मारीच ने रावण को सीता हरण के लिए मना किया, उसने कहा “ऐसा करना विनाश को  आमंत्रण देना है।“

  1. रावण और मारीच ने सीता के हरण के लिए कौन- सी रणनीति अपनाई?

उत्तर: रथ पर बैठकर रावण और मारीच पंचवटी पहुंचे। कुटिया के निकट आकर मारीच ने सोने के हिरण का रूप धारण कर लिया और कुटिया के आसपास घूमने लगा। रावण एक पेड़ के पीछे छुप गया। रावण ने तपस्वी का वेश धारण कर लिया था। सीता उस हिरण को देखकर मुग्ध हो गई और उन्होंने राम से उस हिरण को पकड़ने के लिए कहा। राम को उस हिरण पर संदेह हो गया था परंतु सीता के आग्रह पर उस हिरण को पकड़ने चले गए।

  1. राम के चित्रकूट छोड़ने के मुख्य कारण क्या थे?

उत्तर: राम के चित्रकूट छोड़ने के कई कारण थे। उसमें एक प्रमुख कारण यह था की चित्रकूट अयोध्या से मात्र 4 दिन की दूरी पर था। आए दिन कोई न कोई राजकाज की समस्या को लेकर अयोध्या से चित्रकूट आ जाता था। राम को लगता था कि अकारण ही वे अयोध्या के राजकाज में हस्तक्षेप कर रहे थे, जो वो करना नहीं चाहते थे। दूसरा कारण यह था कि राम ने चित्रकूट में मौजूद सभी असुरों का संहार कर दिया और अब चित्रकूट में चारों तरफ शांति थी। मुनियों को परेशान करने वाला कोई राक्षस नहीं था। अतः राम तत्काल ही चित्रकूट छोड़ना चाहते थे।

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CHAPTER- 5 चित्रकूट में भरत Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER- 5 चित्रकूट में भरत

Important Question Class 6 Hindi – Bal Ram Katha Chapter 05 – चित्रकूट मे भरत

अति लघु उत्तरीय प्रश्न  (1 अंक)

  1. दशरथ के निधन के समय भरत कहाँ थे? 

उत्तर: दशरथ के निधन के समय भरत कैकेयी राज्य, अपने नाना के घर में थे।

  1. अयोध्या नगर पहुँचकर भरत की आँखें किसे ढूँढ रही थी? 

उत्तर: अयोध्या नगर पहुंचकर भरत की आँखें, अपने पिता राजा दशरथ को ढूँढ रही थी।

  1. चित्रकूट में किस महर्षि का आश्रम था? 

उत्तर: चित्रकूट में महर्षि भरद्वाज का आश्रम था।

  1. राम ने पर्णकुटी कहाँ बनाई थी? 

उत्तर: राम ने पर्णकुटी एक पहाड़ पर बनाई थी।

  1. निषादराज ने जब भरत को सेना के साथ देखा तो उन्हें क्या संदेह हुआ? 

उत्तर: भरत को देखकर निषादराज को यह संदेह हुआ कि भरत राम पर आक्रमण करने आ रहा है। 

लघु उत्तरीय प्रश्न (2अंक)

  1. भरत ने स्वप्न में अपने पिता, दशरथ को किस अवस्था में देखा? 

उत्तर: भरत ने स्वप्न में अपने पिता को एक रथ पर बैठा हुआ देखा। वह रथ घोड़े के जगह गधे और एक राक्षसी खींच रही थी।

  1. भरत ने अपने सपने का जिक्र किससे किया था? 

उत्तर: भरत ने जब स्वप्न देखा तब वह उस स्वप्न का अर्थ नहीं समझ पाए थे। इसलिए उन्होंने अपने स्वप्न का जिक्र अपने सगे- संबंधियों से किया।

  1. स्वप्न देखने के बाद भरत को ननिहाल में कैसा महसूस हो रहा था? 

उत्तर: स्वप्न देखने के बाद भरत बहुत ही परेशान हो गए थे। उनका मन ननिहाल में बिल्कुल नहीं लग रहा था। वह जल्द से जल्द अयोध्या आकर अपने पिता से मिलना चाहते थे।

  1. ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में भारत को कितने दिन लगे और क्यों? 

उत्तर: ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में भरत को 8 दिन लगे थे। उन्हें 8 दिन इसलिए लगे क्योंकि उस समय खेतों में फसल लगी हुई थी , जिसके कारण उन्हें लंबा रास्ता पकड़ना पड़ा था।

  1. अयोध्या नगर पहुँचने के बाद भरत सबसे पहले कहाँ गए? 

उत्तर: अयोध्या नगर पहुँचने के बाद भरत सबसे पहले अपने पिता, राजा दशरथ के पास गए। भरत राजा दशरथ से मिलने के लिए बहुत व्याकुल और उतावले थे।

लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक) 

  1. भरत ने जब अयोध्या नगर को दूर से देखा तो उन्हें कैसा प्रतीत हुआ? 

उत्तर: ननिहाल से लौटते समय भारत ने जब अयोध्या नगर को दूर से देखा तो उन्हें नगर पहले जैसा प्रतीत नहीं हुआ। उन्हें उनका अयोध्यानगर बहुत बदला-बदला लग रहा था। अयोध्या नगर की सड़कें सूनी-सूनी लग रही थी। बाग बगीचे बहुत उदास लग रहे थे। आसमान में पक्षी भी कलवर नहीं कर रहे थे। यह सब देखकर भरत के मन में किसी अनिष्ट घटना की आशंका हुई।

  1. पिता के निधन का समाचार सुनकर भरत के ऊपर क्या प्रभाव पड़ा? 

उत्तर: अयोध्या लौटने के पश्चात, भरत की आँखें अपने पिता को ही ढूँढ रही थी। वह अपने पिता से मिलने के लिए बहुत व्याकुल थे। उन्होंने महाराज को उनके महल में भी ढूँढा परंतु उन्हें महाराज वहां नहीं दिखे जिसके कारण वह बहुत ही चिंतित हो गए। फिर उन्हें अपनी माता कैकेयी के द्वारा पता चला कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। पिता के निधन का समाचार सुनकर भरत बहुत शोक में डूब गए, बहुत विलाप करने लगे और विलाप करते करते पछाड़ खाकर गिर गए। पिता के निधन के समाचार से उन्हें बहुत ही दुख पहुँचा। 

  1. भरत ने क्रोध में आकर कैकेयी से क्या कहा? 

उत्तर: जब कैकयी ने भरत को बताया कि उसने महाराज से राम के वनवास और भरत के राजा बनने  का वचन मांगा था, तो यह बात सुनकर भरत बहुत ही क्रोधित हो गए। उन्हें अपनी माता पर बहुत क्रोध आया। भारत ने कैकेयी पर चिल्लाते हुए कहा, “ यह तुमने क्या किया माते!, तुमने अपराध किया है। तुमने ऐसा अनर्थ क्यों किया? वह तो तुम्हें जाना चाहिए था, श्री राम को नहीं। मेरे लिए यह राज्य अर्थहीन है। पिता को खो कर और भाई से बिछड़ कर मुझे यह राज्य नहीं चाहिए।”

  1. रानी कौशल्या ने भरत से क्या कहा? 

उत्तर: जब भरत रानी कैकेयी के कक्ष से निकलकर, महारानी कौशल्या के कक्ष में पहुंचे, तो उन्हें पकड़कर बहुत रोने लगे। रानी कौशल्या बहुत ही दुखी थी। रानी कौशल्या ने भरत से कहा, “ पुत्र, तुम्हारी हर मनोकामना पूरी हो। तुम जो चाहते थे वह हो गया। मुझे तो बस एक ही बात का दुख है की रानी कैकेयी ने राज्य लेने का बहुत ही अनुचित उपाय निकाला। तुम राज करो पुत्र। मैं तुमसे सिर्फ एक ही विनती करती हूं कि तुम मुझे मेरे पुत्र राम के पास पहुंचा दो।

  1. महर्षि वशिष्ठ ने राज सिंहासन को लेकर भारत से क्या कहा? 

उत्तर: महर्षि वशिष्ठ अयोध्या का राज सिंहासन रिक्त नहीं देखना चाहते थे। खाली सिंहासन के खतरे से व भली-भांति परिचित थे। इसलिए उन्होंने भरत और शत्रुघ्न को आमंत्रित किया और भरत से कहा, “ वत्स, तुम राजकाज संभाल लो। पिता के निधन और बड़े भाई के वन गमन के बाद यही उचित होगा कि तुम ही राज्य काज देखो।”

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)  

  1. ऊंचे पेड़ पर चढ़कर लक्ष्मण ने क्या देखा? उन्होंने राम से चीखते हुए क्या कहा? 

उत्तर: लक्ष्मण ने जब जंगल में हो रहे कोलाहल को सुना, तो उसका कारण जानने के लिए एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ गए। पेड़ पर चढ़कर उन्होंने देखा कि एक विराट सेना उनके और ही आ रही है। उन्हें सेना का ध्वज कुछ जाना पहचाना लग रहा था। ध्यान से देखने पर उन्हें पता चला कि वह सेना कहीं और की नहीं बल्कि अयोध्या की ही है। यह सब देखकर लक्ष्मण ने पेड़ पर से ही चीखते हुए राम को कहा, “ भैया, भरत सेना के साथ इधर ही आ रहे हैं। लगता है भरत हमें मारने के लिए आ रहे हैं। हमें मार कर वह एकछत्र राज्य कर सकेंगे।”

  1. भरत को सेना के साथ देख कर क्रोधित लक्ष्मण को राम ने क्या कह कर समझाया? 

उत्तर: भरत को सेना के साथ देख कर लक्ष्मण बहुत ही क्रोधित हो गए थे। वह क्रोध में आकर भरत की सेना के साथ युद्ध करना चाहते थे। लक्ष्मण को क्रोधित देखकर राम ने उन्हें समझाते हुए कहा, “ भरत हम पर हमला कभी नहीं कर सकता। वह अवश्य ही हम लोगों से भेंट करने आ रहा होगा।” जब लक्ष्मण उनकी इन बातों से आश्वस्त नहीं हुए,तो फिर राम ने कहा, “ वीर पुरुष धैर्य का साथ कभी नहीं छोड़ते। तुम इतने उतावले मत हो। कुछ समय प्रतीक्षा करो।”

  1. भरत और राम मिलाप का वर्णन कीजिए?

उत्तर: भरत को जैसे ही पता चला कि श्री राम चित्रकूट पर्वत के पास वास कर रहे हैं तो उन्होंने तुरंत उनसे मिलने के लिए प्रस्थान किया। भरत के साथ संपूर्ण अयोध्या श्री राम से मिलने को निकल पड़ी। चित्रकूट पहुंचने के बाद भारत ने श्रीराम को एक कुटी के सामने शीला पर बैठा हुआ देखा। श्री राम को देखकर भरत दौड़कर उनके चरणों में गिर गए। भरत के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल पा रहा था। श्री राम ने उन्हें चरणों से उठाकर सीने से लगा लिया। यह देखकर सबके आंखों में आंसू भर आया। भरत, पिता के निधन का समाचार श्री राम को बताने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे परंतु बहुत कठिनाई से उन्होंने हिम्मत जुटाकर श्री राम को यह खबर सुनाई। पिता के निधन का समाचार सुनकर श्री राम और लक्ष्मण दोनों ही शोक में डूब गए। भरत पूरी रात श्री राम के ही साथ रहे। अगले दिन भरत ने श्री राम को अयोध्या लौटने को कहा और राज सिंहासन संभालने को कहा। परंतु श्रीराम ने यह बात टाल दी और कहा कि वह अपने पिता के वचनों का पालन कर रहे हैं। श्रीराम के लिए पिता के वचनों की पूर्ति करना अनिवार्य था। इसलिए वह अयोध्या वापस नहीं लौट सकते थे। श्री राम ने भरत को पूरा राजकाज समझाया और राज गद्दी संभालने की आज्ञा दी। श्रीराम चाहते थे कि उनके पिता की आज्ञा पूरी हो।

  1. राम से विदा होते समय भरत ने उनसे क्या आग्रह किया? 

उत्तर: भरत चाहते थे कि श्री राम उनके साथ अयोध्या वापस आए और राजगद्दी को संभाले। परंतु श्रीराम के लिए पिता की आज्ञा का मूल ज्यादा था। श्रीराम नहीं चाहते थे कि पिता के आज्ञा और वचनों का खंडन हो। श्री राम का कहना था कि वह पिता के आज्ञा से ही वन को आए हैं और पिता के आज्ञा से ही वन से जाएंगे। यह सब सुनकर भारत मायूस हो गए। वह राम को मनाने में विफल हो गए और उनसे आग्रह करते हुए कहा, “ आप नहीं लौटेंगे तो मैं खाली हाथ यहां से नहीं जाऊंगा। आप मुझे अपनी चरण पादुका दे दीजिए। मैं 14 वर्ष उसी के आज्ञा से राजकाज चलाऊंगा।”

  1. चरण पादुका को अयोध्या लाने के बाद भरत ने क्या किया?

उत्तर: भरत के आज्ञा पर श्री राम ने उन्हें अपनी चरण पादुका सौंप दी। भरत ने चरण पादुका को बहुत सुसज्जित ढंग से अयोध्या लाया। अयोध्या आने के पश्चात उन्होंने सबसे पहले चरण पादुका का पूजन किया। भरत ने कहा, “ यह पादुकाएं श्रीराम की धरोहर है। मैं इनकी रक्षा करूंगा, इनकी गरिमा को आंच नहीं आने दूंगा।” इस सबके बाद उन्होंने तपस्वी का वस्त्र धारण किया और नंदीग्राम चले गए। जाते समय उन्होंने कहा, “ मैं इन पादुका को उन चरणों में देखना चाहता हूं जहां इन्हें होना चाहिए। मैं 14 वर्ष तक नंदीग्राम में श्री राम के वापस लौटने का इंतजार करूंगा।”

Important Question Class 6 Hindi – Bal Ram Katha Chapter 05 – चित्रकूट मे भरत

अति लघु उत्तरीय प्रश्न  (1 अंक)

  1. दशरथ के निधन के समय भरत कहाँ थे? 

उत्तर: दशरथ के निधन के समय भरत कैकेयी राज्य, अपने नाना के घर में थे।

  1. अयोध्या नगर पहुँचकर भरत की आँखें किसे ढूँढ रही थी? 

उत्तर: अयोध्या नगर पहुंचकर भरत की आँखें, अपने पिता राजा दशरथ को ढूँढ रही थी।

  1. चित्रकूट में किस महर्षि का आश्रम था? 

उत्तर: चित्रकूट में महर्षि भरद्वाज का आश्रम था।

  1. राम ने पर्णकुटी कहाँ बनाई थी? 

उत्तर: राम ने पर्णकुटी एक पहाड़ पर बनाई थी।

  1. निषादराज ने जब भरत को सेना के साथ देखा तो उन्हें क्या संदेह हुआ? 

उत्तर: भरत को देखकर निषादराज को यह संदेह हुआ कि भरत राम पर आक्रमण करने आ रहा है। 

लघु उत्तरीय प्रश्न (2अंक)

  1. भरत ने स्वप्न में अपने पिता, दशरथ को किस अवस्था में देखा? 

उत्तर: भरत ने स्वप्न में अपने पिता को एक रथ पर बैठा हुआ देखा। वह रथ घोड़े के जगह गधे और एक राक्षसी खींच रही थी।

  1. भरत ने अपने सपने का जिक्र किससे किया था? 

उत्तर: भरत ने जब स्वप्न देखा तब वह उस स्वप्न का अर्थ नहीं समझ पाए थे। इसलिए उन्होंने अपने स्वप्न का जिक्र अपने सगे- संबंधियों से किया।

  1. स्वप्न देखने के बाद भरत को ननिहाल में कैसा महसूस हो रहा था? 

उत्तर: स्वप्न देखने के बाद भरत बहुत ही परेशान हो गए थे। उनका मन ननिहाल में बिल्कुल नहीं लग रहा था। वह जल्द से जल्द अयोध्या आकर अपने पिता से मिलना चाहते थे।

  1. ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में भारत को कितने दिन लगे और क्यों? 

उत्तर: ननिहाल से अयोध्या की यात्रा में भरत को 8 दिन लगे थे। उन्हें 8 दिन इसलिए लगे क्योंकि उस समय खेतों में फसल लगी हुई थी , जिसके कारण उन्हें लंबा रास्ता पकड़ना पड़ा था।

  1. अयोध्या नगर पहुँचने के बाद भरत सबसे पहले कहाँ गए? 

उत्तर: अयोध्या नगर पहुँचने के बाद भरत सबसे पहले अपने पिता, राजा दशरथ के पास गए। भरत राजा दशरथ से मिलने के लिए बहुत व्याकुल और उतावले थे।

लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक) 

  1. भरत ने जब अयोध्या नगर को दूर से देखा तो उन्हें कैसा प्रतीत हुआ? 

उत्तर: ननिहाल से लौटते समय भारत ने जब अयोध्या नगर को दूर से देखा तो उन्हें नगर पहले जैसा प्रतीत नहीं हुआ। उन्हें उनका अयोध्यानगर बहुत बदला-बदला लग रहा था। अयोध्या नगर की सड़कें सूनी-सूनी लग रही थी। बाग बगीचे बहुत उदास लग रहे थे। आसमान में पक्षी भी कलवर नहीं कर रहे थे। यह सब देखकर भरत के मन में किसी अनिष्ट घटना की आशंका हुई।

  1. पिता के निधन का समाचार सुनकर भरत के ऊपर क्या प्रभाव पड़ा? 

उत्तर: अयोध्या लौटने के पश्चात, भरत की आँखें अपने पिता को ही ढूँढ रही थी। वह अपने पिता से मिलने के लिए बहुत व्याकुल थे। उन्होंने महाराज को उनके महल में भी ढूँढा परंतु उन्हें महाराज वहां नहीं दिखे जिसके कारण वह बहुत ही चिंतित हो गए। फिर उन्हें अपनी माता कैकेयी के द्वारा पता चला कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। पिता के निधन का समाचार सुनकर भरत बहुत शोक में डूब गए, बहुत विलाप करने लगे और विलाप करते करते पछाड़ खाकर गिर गए। पिता के निधन के समाचार से उन्हें बहुत ही दुख पहुँचा। 

  1. भरत ने क्रोध में आकर कैकेयी से क्या कहा? 

उत्तर: जब कैकयी ने भरत को बताया कि उसने महाराज से राम के वनवास और भरत के राजा बनने  का वचन मांगा था, तो यह बात सुनकर भरत बहुत ही क्रोधित हो गए। उन्हें अपनी माता पर बहुत क्रोध आया। भारत ने कैकेयी पर चिल्लाते हुए कहा, “ यह तुमने क्या किया माते!, तुमने अपराध किया है। तुमने ऐसा अनर्थ क्यों किया? वह तो तुम्हें जाना चाहिए था, श्री राम को नहीं। मेरे लिए यह राज्य अर्थहीन है। पिता को खो कर और भाई से बिछड़ कर मुझे यह राज्य नहीं चाहिए।”

  1. रानी कौशल्या ने भरत से क्या कहा? 

उत्तर: जब भरत रानी कैकेयी के कक्ष से निकलकर, महारानी कौशल्या के कक्ष में पहुंचे, तो उन्हें पकड़कर बहुत रोने लगे। रानी कौशल्या बहुत ही दुखी थी। रानी कौशल्या ने भरत से कहा, “ पुत्र, तुम्हारी हर मनोकामना पूरी हो। तुम जो चाहते थे वह हो गया। मुझे तो बस एक ही बात का दुख है की रानी कैकेयी ने राज्य लेने का बहुत ही अनुचित उपाय निकाला। तुम राज करो पुत्र। मैं तुमसे सिर्फ एक ही विनती करती हूं कि तुम मुझे मेरे पुत्र राम के पास पहुंचा दो।

  1. महर्षि वशिष्ठ ने राज सिंहासन को लेकर भारत से क्या कहा? 

उत्तर: महर्षि वशिष्ठ अयोध्या का राज सिंहासन रिक्त नहीं देखना चाहते थे। खाली सिंहासन के खतरे से व भली-भांति परिचित थे। इसलिए उन्होंने भरत और शत्रुघ्न को आमंत्रित किया और भरत से कहा, “ वत्स, तुम राजकाज संभाल लो। पिता के निधन और बड़े भाई के वन गमन के बाद यही उचित होगा कि तुम ही राज्य काज देखो।”

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)  

  1. ऊंचे पेड़ पर चढ़कर लक्ष्मण ने क्या देखा? उन्होंने राम से चीखते हुए क्या कहा? 

उत्तर: लक्ष्मण ने जब जंगल में हो रहे कोलाहल को सुना, तो उसका कारण जानने के लिए एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ गए। पेड़ पर चढ़कर उन्होंने देखा कि एक विराट सेना उनके और ही आ रही है। उन्हें सेना का ध्वज कुछ जाना पहचाना लग रहा था। ध्यान से देखने पर उन्हें पता चला कि वह सेना कहीं और की नहीं बल्कि अयोध्या की ही है। यह सब देखकर लक्ष्मण ने पेड़ पर से ही चीखते हुए राम को कहा, “ भैया, भरत सेना के साथ इधर ही आ रहे हैं। लगता है भरत हमें मारने के लिए आ रहे हैं। हमें मार कर वह एकछत्र राज्य कर सकेंगे।”

  1. भरत को सेना के साथ देख कर क्रोधित लक्ष्मण को राम ने क्या कह कर समझाया? 

उत्तर: भरत को सेना के साथ देख कर लक्ष्मण बहुत ही क्रोधित हो गए थे। वह क्रोध में आकर भरत की सेना के साथ युद्ध करना चाहते थे। लक्ष्मण को क्रोधित देखकर राम ने उन्हें समझाते हुए कहा, “ भरत हम पर हमला कभी नहीं कर सकता। वह अवश्य ही हम लोगों से भेंट करने आ रहा होगा।” जब लक्ष्मण उनकी इन बातों से आश्वस्त नहीं हुए,तो फिर राम ने कहा, “ वीर पुरुष धैर्य का साथ कभी नहीं छोड़ते। तुम इतने उतावले मत हो। कुछ समय प्रतीक्षा करो।”

  1. भरत और राम मिलाप का वर्णन कीजिए?

उत्तर: भरत को जैसे ही पता चला कि श्री राम चित्रकूट पर्वत के पास वास कर रहे हैं तो उन्होंने तुरंत उनसे मिलने के लिए प्रस्थान किया। भरत के साथ संपूर्ण अयोध्या श्री राम से मिलने को निकल पड़ी। चित्रकूट पहुंचने के बाद भारत ने श्रीराम को एक कुटी के सामने शीला पर बैठा हुआ देखा। श्री राम को देखकर भरत दौड़कर उनके चरणों में गिर गए। भरत के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल पा रहा था। श्री राम ने उन्हें चरणों से उठाकर सीने से लगा लिया। यह देखकर सबके आंखों में आंसू भर आया। भरत, पिता के निधन का समाचार श्री राम को बताने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे परंतु बहुत कठिनाई से उन्होंने हिम्मत जुटाकर श्री राम को यह खबर सुनाई। पिता के निधन का समाचार सुनकर श्री राम और लक्ष्मण दोनों ही शोक में डूब गए। भरत पूरी रात श्री राम के ही साथ रहे। अगले दिन भरत ने श्री राम को अयोध्या लौटने को कहा और राज सिंहासन संभालने को कहा। परंतु श्रीराम ने यह बात टाल दी और कहा कि वह अपने पिता के वचनों का पालन कर रहे हैं। श्रीराम के लिए पिता के वचनों की पूर्ति करना अनिवार्य था। इसलिए वह अयोध्या वापस नहीं लौट सकते थे। श्री राम ने भरत को पूरा राजकाज समझाया और राज गद्दी संभालने की आज्ञा दी। श्रीराम चाहते थे कि उनके पिता की आज्ञा पूरी हो।

  1. राम से विदा होते समय भरत ने उनसे क्या आग्रह किया? 

उत्तर: भरत चाहते थे कि श्री राम उनके साथ अयोध्या वापस आए और राजगद्दी को संभाले। परंतु श्रीराम के लिए पिता की आज्ञा का मूल ज्यादा था। श्रीराम नहीं चाहते थे कि पिता के आज्ञा और वचनों का खंडन हो। श्री राम का कहना था कि वह पिता के आज्ञा से ही वन को आए हैं और पिता के आज्ञा से ही वन से जाएंगे। यह सब सुनकर भारत मायूस हो गए। वह राम को मनाने में विफल हो गए और उनसे आग्रह करते हुए कहा, “ आप नहीं लौटेंगे तो मैं खाली हाथ यहां से नहीं जाऊंगा। आप मुझे अपनी चरण पादुका दे दीजिए। मैं 14 वर्ष उसी के आज्ञा से राजकाज चलाऊंगा।”

  1. चरण पादुका को अयोध्या लाने के बाद भरत ने क्या किया?

उत्तर: भरत के आज्ञा पर श्री राम ने उन्हें अपनी चरण पादुका सौंप दी। भरत ने चरण पादुका को बहुत सुसज्जित ढंग से अयोध्या लाया। अयोध्या आने के पश्चात उन्होंने सबसे पहले चरण पादुका का पूजन किया। भरत ने कहा, “ यह पादुकाएं श्रीराम की धरोहर है। मैं इनकी रक्षा करूंगा, इनकी गरिमा को आंच नहीं आने दूंगा।” इस सबके बाद उन्होंने तपस्वी का वस्त्र धारण किया और नंदीग्राम चले गए। जाते समय उन्होंने कहा, “ मैं इन पादुका को उन चरणों में देखना चाहता हूं जहां इन्हें होना चाहिए। मैं 14 वर्ष तक नंदीग्राम में श्री राम के वापस लौटने का इंतजार करूंगा।”

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CHAPTER- 4 राम का वन-गमन Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER- 3 दो वरदान

Important Questions Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 04- राम का वन–गमन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न   (1 अंक )

  1. सुमंत्र कौन थे?

उत्तर: सुमंत्र अयोध्या नगरी के महामंत्री थे।

  1. कैकेयी ने सुमंत्र से राजा के बारे में क्या कहा?

उत्तर: कैकेयी ने सुमंत्र से कहा की राजा जी राज्याभिषेक के उत्साह में रात भर जागते रहे हैं। वे बाहर निकलने से पहले राम से बात करना चाहते हैं। आप उन्हें यहाँ ले आइए।

  1. कैकेयी की तरफ देखकर राजा दशरथ के मुँह से क्या निकला?

उत्तर: कैकेयी की तरफ देखकर राजा दशरथ के मुँह से केवल एक शब्द निकला– “धिक्कार!”

  1. वन जाने की बात पर सीता ने राम से क्या कहा?

उत्तर: वन जाने की बात पर सीता ने राम से कहा की “मेरे पिता का आदेश है की मैं सदा छाया की तरह आपके साथ रहूँ! इसलिए मैं भी आपके साथ वन में जाऊँगी।”

  1. राम ने पीछे मुड़ कर जब अपनी जन्मभूमि को देखा तो क्या कहा?

उत्तर: राम ने मुड़कर जब अपनी जन्मभूमि को देखा तो उसे प्रणाम किया और कहा, “हे जननी!” अब चौदह वर्ष बाद ही तुम्हारे दर्शन कर सकूँगा।“

लघु उत्तरीय प्रश्न  (2 अंक)

  1. लक्ष्मण ने राज्यसिंहासन के बारे में क्या कहा?

उत्तर: लक्ष्मण राम के वन गमन से सहमत नहीं थे। लक्ष्मण ने  राम से राज्यसिंहासन के बारे में कहा की “आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन ले। देखता हूँ कौन विरोध करता है!”

  1. सीता ने जब कहा की “वो भी वन में साथ जाएगी” तो इस पर राम ने क्या कहा?

उत्तर: राम नहीं चाहते थे की सीता वन में जाए। इसलिए उन्होंने सीता से कहा “सीते वन का जीवन बहुत कठिन है। न रहने का ठीक स्थान, न भोजन का ठिकाना। कदम कदम पर मुसीबतें हैं। तुम महलों में पली हो ऐसा जीवन कैसे व्यतीत करोगी।“ 

  1. जब राम वन जा रहे थे तो अयोध्या नगर की स्थिति कैसी थी?

उत्तर: जब राम वन जा रहे थे तो नगर में उदासी छा गई थी। सबकी आंखें नम थी। सभी चाहते थे की राम वन में न जाएँ। इसलिए सभी उनके रथ के पीछे नंगे पांव दौड़ने लगे।

  1. सुमंत्र के वन से वापिस आने पर राजा दशरथ ने उनसे क्या पूछा?

उत्तर: राजा दशरथ सुमंत्र के आने का इंतजार कर रहे थे। सुमंत्र के वन से वापिस आने पर राजा दशरथ ने उनसे राम, लक्ष्मण और सीता के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा की “महामंत्री! राम कहाँ हैं? सीता कैसी हैं? लक्ष्मण के क्या समाचार हैं? वे कहाँ रहते हैं? क्या खाते हैं?” 

  1. राम के वन गमन के कितने दिनों बाद राजा दशरथ ने प्राण त्याग दिए?

उत्तर: राम के वन जाने के बाद राजा दशरथ का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था। इसलिए राम वियोग में राजा दशरथ ने राम के वन गमन के छठे दिन प्राण त्याग दिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न   (3 अंक)

  1. निम्नलिखित वाक्यों में पता लगाए ‘किसने किसको कहा’?

क)महाराज दशरथ ने मुझे एक बार दो वरदान दिए थे, मैंने कल रात वही दो वर मांगे जिससे वो पीछे हट रहे है।

ख)“पिताजी का वचन अवश्य पूरा होगा भरत को राजगद्दी दी जाए मैं आज ही वन चला जाऊंगा!”

ग)“आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन ले। देखता हूँ कौन विरोध करता है।”

घ)अधर्म का सिंहासन मुझे नहीं चाहिए। मैं सीधा वन जाऊँगा”।

ङ)“महामंत्री! राम कहाँ है? सीता कैसी है? लक्ष्मण के क्या समाचार है?” 

च)“ राजकुमार, महाराज ने आपको बुलाया है। आप मेरे साथ चलें!”

उत्तर: क) महाराज दशरथ ने मुझे एक बार दो वरदान दिए थे, मैंने कल रात वही दो वर मांगे जिससे वो पीछे हट रहे है। (यह वाक्य कैकेयी ने राम से कहा) 

ख) “पिताजी का वचन अवश्य पूरा होगा भरत को राजगद्दी दी जाए मैं आज ही वन चला जाऊंगा!” ( राम ने कैकेयी से कहा)

ग) “आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन ले। देखता हूँ कौन विरोध करता है।” ( लक्ष्मण ने राम से कहा)

घ) अधर्म का सिंहासन मुझे नहीं चाहिए। मैं सीधा वन जाऊँगा”। ( राम ने लक्ष्मण से कहा)

ङ) “महामंत्री! राम कहाँ है? सीता कैसी है? लक्ष्मण के क्या समाचार है?” ( दशरथ ने सुमंत्र से कहा)

च) “राजकुमार, महाराज ने आपको बुलाया है। आप मेरे साथ चलें!” (सुमंत्र ने राम से कहा)

  1. राम वन जा रहे हैं, यह समाचार सुनकर नगरवासियों पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: नगर में जहाँ कुछ समय पहले उत्साह का वातावरण था। राम के वन जाने का समाचार सुनकर उदासी में बदल गया। सभी नगरवासी दशरथ और कैकेयी को धिक्कार रहे थे। उनके आंसुओं से सड़क गीली हो गई थी। सभी ये चाहते थे की राम वन में नहीं जाए।

  1. महर्षि वशिष्ठ ने क्रोध में आकर क्या कहा?

उत्तर: महर्षि वशिष्ठ ने जब सीता को तपस्विनी के कपड़ों में देखा तो उन्हें क्रोध आ गया। उन्होंने कहा की अगर सीता वन में जाएगी तो हम सब भी साथ जायेंगे। भरत यहाँ सूनी अयोध्या में राज करेगा। यहाँ कोई नहीं होगा, पशु– पक्षी भी नहीं।

  1. राम कौन सा दृश्य देख कर विचलित हो गए?

उत्तर: जब राम वन में जा रहे थे तो सभी नगरवासी, राजा दशरथ, माता कौशल्या उनके रथ के पीछे पीछे भाग रहे थे। उनकी आंखों में आंसू थे। सभी रो रहे थे। वे नंगे पांव भाग रहे थे। यह दृश्य देखकर राम विचलित हो जाते हैं।

  1. अयोध्या की सीमा कहाँ समाप्त हुई? राम ने वहाँ से किस तरफ प्रस्थान किया?

उत्तर: अयोध्या नगर की सीमा सई नदी के पास समाप्त होती थी। शाम होते-होते वे गंगा के किनारे श्रृंगवेरपुर गाँव में पहुंच गए। निषादराज ने उनका स्वागत किया। उन्होंने रात को वहीं विश्राम किया। अगले दिन राम ने वन क्षेत्र की ओर प्रस्थान किया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  (5 अंक)

  1. हर व्यक्ति शुभ घड़ी की प्रतीक्षा में था, किंतु महामंत्री सुमंत्र असहज क्यों थे?

उत्तर: अयोध्या में राम के राज्याभिषेक के उत्सव की तैयारी हो रही थी। सभी लोग उत्सव की तैयारियों में व्यस्त थे। सभी व्यक्ति इस शुभ घड़ी की प्रतिक्षा में थे। लेकिन महामंत्री सुमंत्र असहज थे, क्योंकि कल रात से किसी ने भी महाराज को नहीं देखा था। उन्हें किसी अप्रिय घटना का एहसास हो रहा था। 

  1. राजमहल पहुँचने के बाद राम और कैकेयी के बीच हुई वार्ता का वर्णन कीजिए?

उत्तर: जब सुमंत्र ने राम से कहा की महाराज उन्हें बुला रहे हैं, तब राम महल की ओर चल दिए। लक्ष्मण भी उनके साथ थे। राम समझ नहीं पा रहे थे की पिताजी ने अचानक मुझे क्यों बुलाया है। राम के महल पहुंचते ही उन्होंने सभी को प्रणाम किया। राम को देखकर राजा दशरथ बेहोश हो गए। होश में आने पर भी वे कुछ नहीं बोल सके। राम ने पूछा की क्या हुआ है पिताजी आप मुझसे बातें क्यों नहीं कर रहे हैं। इस पर कैकेयी ने कहा मैं बताती हूँ। वह कहती है की महाराज ने मुझे दो वरदान दिए थे और आज जब मैंने उनसे ये वर मांगे है तो वो इससे पीछे हट रहे है। यह रघुकुल रीति के विरुद्ध है। वह आगे कहती है की मैं चाहती हूं की भरत का राज्याभिषेक हो, और तुम्हारे लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा है। राम कुछ समय शांत रहते हैं और फिर दृढ़ता से कहते हैं कि पिताजी का वचन जरूर पूरा होगा। भरत को राजगद्दी दी जाए। मैं आज ही वनवास के लिए चला जाऊंगा। ये सारी वार्ता राजमहल पहुंचने पर राम और कैकेयी के बीच होती है।

  1. वनवास की बात सुनकर माता कौशल्या की क्या स्थिति थी? राम ने उन्हें किस प्रकार समझाया?

उत्तर: जब राम ने माता कौशल्या को वनवास के बारे में बताया तो वह सुध खो बैठी। उनका मन था की वह राम को रोक ले। वह चाहती थी की राम राजगद्दी छोड़ दे। लेकिन अयोध्या में ही रहे। वह राम को वन में नहीं जाने देना चाहती थी। वह राम से कहती  हैं की यह राजाज्ञा अनुचित है। तुम्हें इसका पालन करने की जरूरत नहीं है। राम ने उन्हें नम्रता से समझाते हुए कहा की “यह राजाज्ञा नहीं, पिता की आज्ञा है। उनकी आज्ञा का उल्लंघन करना मेरी शक्ति से परे है। आप मुझे वनवास के लिए आशीर्वाद दीजिए।“

  1. राम के वनवास जाते समय राजा दशरथ की क्या स्थिति थी? उन्होंने राम से क्या कहा?

उत्तर: राम वन जाने से पहले राजा दशरथ से आशीर्वाद लेने गए। राजा दशरथ दर्द से कराह रहे थे। राम के कक्ष में आने पर उनमें प्राणों का संचार हुआ और वे उठकर बैठ गए। उन्होंने राम से कहा “पुत्र मेरी मति मारी गई है। मैं वचनबद्ध हूँ। ऐसा निर्णय लेने के लिए विवश हूँ। लेकिन तुम पर कोई बंधन नहीं है। मुझे बन्दी बना लो और राज संभालों। यह राजसिंहासन तुम्हारा है केवल तुम्हारा।”

  1. राम ने महामंत्री सुमंत्र को रथ तेजी से हाँकने को क्यों कहा?

उत्तर: राम जब महल से निकलकर वन के लिए जा रहे थे, तब सुमंत्र रथ लेकर बाहर खड़े थे। सभी रथ से वन की ओर जा रहे थे। सभी अयोध्यावासी राम को रोकने के लिए रथ के पीछे पीछे चल रहे थे। माता कौशल्या और पिता दशरथ भी उनके पीछे थे। नगर के सभी बूढ़े, बच्चें, महिलाएं, पुरुष रथ के पीछे नंगे पैर दौड़ रहे थे। सभी की आँखों में आंसू थे। यह दृश्य देखकर राम विचलित और भावुक हो गए थे। उनसे यह सब देखा नहीं जा रहा था। कोई भी रथ के पीछे न भाग सके इसलिए राम ने महामंत्री सुमंत्र को रथ तेजी से हाँकने को कहा।

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CHAPTER-3 दो वरदान Important Questions & MCQs | CLASS 6th | HINDI BAL RAM KATHA| NCERT| EDUGROWN

NCERT Important Questions & MCQs for Class 6 Hindi बाल रामकथा

Bal Ram Katha is a book containing various chapters of stories about Ram and his family and all of the stories that children grow up hearing. About Ram, we know about the Ramayana, but the Bal Ram Katha propagates a lot more stories about the god so that students get a fair idea of Hindu culture and its history and significance. In a country like India, where culture takes centre-stage in every aspect of life, it is important to know these stories.

CHAPTER- 3 दो वरदान

Important Questions for Class 6 Hindi Bal Ram Katha पाठ ३ – दो वरदान

 अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

  1. राजा दशरथ के मन में अब क्या इच्छा प्रबल हो रही थी ?

उत्तर: दशक के मन में अब यह इच्छा प्रबल हो रही थी कि जल्द से जल्द राम का राज्याभिषेक कर उसको युवराज बना दिया जाए ।

  1. राजा दशरथ और राम के बीच क्या चर्चा हुई ?

उत्तर: राजा दशरथ ने राम से चर्चा में कहा कि भरत यहां नहीं है लेकिन मैं चाहता हूं कि राज्य अभिषेक का कार्यक्रम ना रोका जाए ।

  1. मंथरा कौन थी?

उत्तर: मंथरा रानी कैकयी की दासी थी ।

  1. कैकयी अपना वचन मनवाने के लिए कहां चली गई?

उत्तर: अपना वचन मनवाने के लिए कैकयी कोपभवन में चली गई ।

  1. कैकयी ने राजा दशरथ से कौन से दो वचन माँगे?

उत्तर: राजा दशरथ से कैकयी ने भरत के लिए राजगद्दी और राम के लिए 14 वर्षों का वनवास माँगा ।

लघु उत्तरीय प्रश्न     (2 अंक )

  1. राजा दशरथ ने दरबार में क्या कहा?

उत्तर: राजा दशरथ ने अपने दरबारियों से कहा कि मैंने लंबे समय तक राजकाज संभाला परंतु मैं अब वृद्ध हो गया हूं ।अगर आप सबकी सहमति हो तो मैं चाहता हूं कि यह कार्यभार मैं अब राम को दे दूं और उन्हें युवराज बना दूँ।

  1. राजा दशरथ के प्रस्ताव का सभा पर क्या असर हुआ?

उत्तर: सभा में सभी ने राजा के प्रस्ताव का स्वागत किया। प्रस्ताव से चारों तरफ राम नाम कि जय जयकार होने लगी।

  1. राज्य अभिषेक के तैयारियों के समय भरत कहाँ थे ?

उत्तर: राज्य अभिषेक के तैयारियों के समय भरत अपने नाना के यहाँ गए हुए थे।और भरत जब अयोध्या लौटने की बात करते तो उनके नाना उन्हें रोक लेते थे।

  1. रनिवास में जाकर मंथरा ने कैकयी से क्या कहा?

उत्तर: रनिवास में जाकर मंथरा ने कैकयी से कहा – “अरे मेरी मूर्ख रानी उठ तेरे ऊपर भयानक विपदा आने वाली है ।यह समय सोने का नहीं है ।होश में आओ विपत्ति का पहाड़ टूटे इससे पहले जाग जाओ ।

  1. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए :

वृद्ध, शिथिल, तुमुलध्वनि, अचंभा

उत्तर: वृद्ध – बूढ़ा, तुमुलध्वनि -एक साथ गूंजने वाली ध्वनि ,अचंभा -आश्चर्यचकित

लघु उत्तरीय प्रश्न     (3 अंक)

  1. मंथरा ने कैकयी को क्या सुझाव दिया ? 

उत्तर: मंथरा कैकयी के पास जब मंत्र आ गई तो उसने उसे सुझाव दिया – “याद करो रानी महाराज दशरथ ने तुम्हें दो वरदान दिए थे । राजा से अपना वचन पूरा करने के लिए कहो एकवचन से भरत के लिए राजगद्दी माँगू और दूसरे वचन से राम के लिए 14 वर्ष का वनवास माँग लो ।

  1. कैकयी को मंथरा का सुझाव कैसा लगा ? और उसके मन में क्या प्रश्न उठ रहे थे ?

उत्तर: जब मंत्रालय के कई से अपने दोनों वरदान राजा से माँगने को कहा तब कैकयी का चेहरा तिलमिला गया ।तथा उससे मंत्रा की बात ठीक लगने लगी लेकिन उसके मन में बार-बार एक ही सवाल उठ रहा था कि वह राजा से बात कैसे करें ?क्या वह राजा को रानी वास बुलाकर प्रतीक्षा करें या फिर वह क्या करें ।

  1. कैकयी के मन में उठ रहे प्रश्नों के असमंजस को हल करने के लिए मंथरा  ने क्या सुझाव दिया ?

उत्तर: कैकयी के मन में काफी सारे प्रश्न उठ रहे थे तब मंत्रालय के कई के असमंजस को भाप लिया और उसे सुझाव दिया कि “रानी तुम मैले कपड़े पहनकर कोप भवन चली जाओ अगर महाराज आए तो उनकी तरफ ना देखो,उनसे बात भी ना करो,तुम उनके प्रिय रानी हो तुम्हारा दुख वह देख नहीं पाएंगे,बस उसी समय तुम अपने वचन याद दिला देना ।

  1. चलते चलते मंथरा ने रानी कैकयी से क्या कहा ?

उत्तर: चलते-चलते मंथरा ने रानी कैकयी से कहा – “राम के लिए 14 वर्ष से कम का वनवास मत माँगना ।इससे भरत इतने समय में राजकाज संभाल लेंगे और जब तक राम वनवास पूरा करके लौटेंगे लोग उन्हें भूल चुके होंगे ।रानी अब जल्दी से को भवन की तरफ जाओ बहुत कम समय है ।

  1. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखें ?

सफल,तिरस्कार,स्नेह ,जेष्ठ , मैले, शुभ, प्रिय

उत्तर:  सफल असफल , तिरस्कार – अपनाना, स्नेह – इर्ष्या, ज्येष्ठ – छोटा, मैले – स्वच्छ, शुभ – अशुभ, प्रिय – अप्रिय

 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

  1. दो वरदान ओं के विषय में लिखिए ?

उत्तर: एक बार राजा दशरथ ने रणभूमि में रानी कैकयी को वचन दिया था कि वह उनसे कभी भी दो वचन माँग सकती है ।जिसे वह पूरा करेंगे जब राम के राज्य अभिषेक की तैयारी होने लगी और पूरा महल सजा दिया गया और दरबार में घोषणा कर दी गई कि राम को युवराज बनाया जाएगा तो इसकी भनक कैकयी की दासी मंथरा को लग गई मंत्रा नहीं चाहती थी कि राम राजा बने इसलिए वह भागती हुई कैकयी के पास पहुंची और कैकयी को सारी बात बताई ।पहले तो इन बातों का के कई पर कुछ असर नहीं पड़ा परंतु भरत को राजगद्दी दिलाने की लालसा ने कैकयी पर असर डालना शुरू कर दिया इस पर मंथरा ने कैकयी को सुझाव दिया कि वह राजा से अपने दो वरदान माँग ले एक में वह राम को वनवास और दूसरे में भरत को राजगद्दी दिलवा दे और कैकयी ने ऐसा ही किया I

  1. रनिवास पहुँचने के बाद राजा दशरथ ने क्या देखा और उनके मन में क्या विचार आया ?

उत्तर: दिन भर के वाद विवाद के बाद जब राजा दशरथ को रानियों की याद आई तो वे तुरंत  निवास की और चल पड़े ।रानियों को राम के राज्य अभिषेक का शुभ समाचार देने सबसे पहले वह रानी के कैकयी कक्ष की ओर गए परंतु कैकयी वहाँ नहीं थी तो उन्होंने रानी की दासियों से पूछा तब उन्हें पता चला कि रानी कोप भवन में है ।इस पर राजा के मन में काफी सारे प्रश्न उठने लगे कि आखिर रानी को भवन में क्यों है ?क्या इसलिए कि राम के राज्याभिषेक की सूचना उन्हें अभी तक नहीं मिली “मैं उन्हें अवश्य मना लूँगा” राजा दशरथ के मन में यह विचार आ रहे थे ” ।

  1. राजा दशरथ ने को भवन में किस प्रकार का दृश्य देखा और उन्होंने कैकयी से क्या कहा?

उत्तर: राजा दशरथ जब को भवन में गए तो वहां का दृश्य देखकर वह बहुत चकित रह गए ।उन्होंने देखा रानी कैकयी जमीन पर लेटी हुई थी उनके बाल बिखरे हुए थे कक्ष में चारों तरफ गहने बिखरे हुए थे ।रानी ने मेले कपड़े पहन रखे थे इस दृश्य को देखने के बाद राजा ने रानी से कहा तुम्हें क्या दुख है क्या तुम अस्वस्थ हो ? क्या मैं राज वेद को बुलाऊ ? हे प्रिय तुम्हें क्या कष्ट है ? मुझे बताओ परंतु उनके इन सवालों का रानी ने कोई जवाब नहीं दिया ।

  1. राजा दशरथ और रानी के कई के बीच को भवन में क्या बातें हुई ?

उत्तर: जब राजा दशरथ कौन भवन में पहुंचे तो वहां का दृश्य देखकर वह चकित हो गए उनके पूछे किसी भी सवाल का जवाब रानी ने नहीं दिया तो राजा थक कर जमीन पर ही बैठ गए ।और नानी से विनती करने लगे तब रानी ने जवाब दिया राजन में अपनी बीमारी के संबंध में आपको बताऊंगी लेकिन आप मुझे वचन दीजिए मै जो माँगू आप उसे पूरा करेगे । इस पर राजा ने तत्काल हामी भर दी और कहा मै राम की सौगंध खा कर कहता हूँ तुम्हारी हर इच्छा पूरी करूँगा ।जब राजा ने राम की सौगंध ली तो रानी के कई ने झट से कहा – “आप मुझे वह दो वरदान दीजिए जिस का संकल्प आपने रणभूमि में लिया था ” ।

  1. रानी के कई ने राजा दशरथ से क्या-क्या वरदान मांगे ?और उन पर दानों का राजा पर क्या असर हुआ ?

उत्तर: कोप भवन में जब राजा दशरथ ने हामी भरी तो रानी के कई ने अपने वरदान राजा के समक्ष रखते हुए कहा – “कल सुबह राज्य अभिषेक राम का नहीं बल्कि भरत का हो और थोड़ा रुक कर कहां राम को 14 वर्ष का वनवास हो ” ।इस पर राजा दशरथ वाचक के रह गए उनको ऐसा लगा उन पर वज्रपात सा हुआ है ।दशरथ का चेहरा सफेद पड़ गया वह बिल्कुल अवाक रह गए उनका सर चकराने लगा और वह मूर्छित होकर गिर पड़ेजब होश आया तो मैं नानी के गए की माँग को अस्वीकार करने लगे तब रानी ने अंतिम हथियार चलाया और कहां अपने वचन से पीछे हटना रघु जब होश आया तो मैं रानी के कई की माँग को अस्वीकार करने लगे तब रानी ने अंतिम हथियार चलाया और कहां अपने वचन से पीछे हटना रघुकुल का अनादर है ।आप चाहो तो ऐसा कर सकते हैं परंतु आप दुनिया को दिखाने लायक नहीं रहेंगे ।आप वरदान नहीं देंगे तो मैं विष पीकर आत्महत्या कर लूंगी और यह कलाम आपके सिर माथे होगा ” ।

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RD Sharma Solution For Class 9th Mathematics

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