Question 1. ‘रहीम के दोहे’ का मुख्य अभिप्राय है (a) ईश्वर की भक्ति (b) नीति की बातें (c) वीरता का वर्णन (d) ईमानदारी की बातें
Answer
Answer: (b) नीति की बातें
Question 2. ‘संपति सगे’ में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है? (a) श्लेष (b) अनुप्रास (c) पुनरुक्ति (d) यमक
Answer
Answer: (b) अनुप्रास
Question 3. साँचा मीत किसे कहा गया है? (a) विपत्ति की कसौटी पर खरा उतरनेवाला (b) सच बोलनेवाला (c) संपत्ति हड़पनेवाला (d) मिलनेवाला
Answer
Answer: (a) विपत्ति की कसौटी पर खरा उतरनेवाला
Question 4. जाल पड़ने पर पानी क्यों बह जाता है? (a) आगे जाने के लिए (b) मछलियों का साथ निभाने के लिए (c) मछलियों से दूरी बनाने के लिए (d) मछलियों से सच्चा प्रेम न करने के लिए
Answer
Answer: (d) मछलियों से सच्चा प्रेम न करने के लिए
Question 5. क्या जल मछली से प्रेम करता है? (a) हाँ (b) नहीं (c) पता नहीं (d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (b) नहीं
Question 6. पेड़ अपना फल स्वयं क्यों नहीं खाते हैं। (a) क्योंकि उसे फल पसंद नहीं हैं (b) क्योंकि वह खाना नहीं चाहते (c) क्योंकि वे परोपकारी होते हैं (d) क्योंकि वे फल नहीं खाते
Answer
Answer: (c) क्योंकि वे परोपकारी होते हैं
Question 7. सज्जन संपत्ति क्यों जमा करते हैं? (a) बुढ़ापे के लिए (b) धनवान बनने के लिए (c) दूसरों की मदद के लिए (d) अपने बाल-बच्चों के लिए
Answer
Answer: (c) दूसरों की मदद के लिए
(1)
धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह। जैसे परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह ।।
Question 1. इस दोहे से हमें क्या शिक्षा मिलती है? (a) परोपकार की (b) धन जोड़ने की (c) फल खाने की (d) पानी पीने की
Answer
Answer: (a) परोपकार की
Question 2. बादलों की तुलना किससे की गई है? (a) अमीरों से (b) गरीबों से (c) दरिद्रों से (d) राजा-महाराजाओं से
Answer
Answer: (a) अमीरों से
Question 3. सरोवर क्या ग्रहण नहीं करते? (a) सुगंधित पदार्थ (b) हवा (c) जल (d) पूजा की सामग्री
Answer
Answer: (c) जल
Question 4. सज्जन पुरुषों को संपत्ति का संग्रह किसलिए करना चाहिए? (a) अपने बाल बच्चों (b) अपने बुढ़ापे के लिए (c) दूसरों की मदद के लिए (d) अमीरी का रोब जमाने के लिए
Answer
Answer: (c) दूसरों की मदद के लिए
Question 5. ‘थोथे चादर’ में रेखांकित शब्द क्या है? (a) संज्ञा (b) सर्वनाम (c) विशेषण (d) क्रिया
Answer
Answer: (c) विशेषण
Question 6. धनी पुरुष गरीब होने पर क्या करते हैं? (a) पछतावा (b) अमीरों की बातें (c) दूसरों का मज़ाक उड़ाना (d) दूसरों से मुँह छिपाना
Answer
Answer: (b) अमीरों की बातें
(2)
कहि रहीम संपति सगे, बनन बहुत बहु रीत। विपति कसौटी जे कसै, तेई साँचे मीत ॥ जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह। रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह ॥
Question 1. संपत्ति अधिक होने पर क्या होता है?
Answer
Answer: संपत्ति अधिक होने पर लोग रिश्ते-नाते बनाने के लिए अनेक तरीके निकाल लेते हैं।
Question 2. सच्चा साथी कौन होता है?
Answer
Answer: सच्चा साथी वह होता है जो विपत्ति की कसौटी पर खरा उतरता है यानी संकट के समय काम आता है।
Question 3. सच्चे मित्र की क्या विशेषता होती है?
Answer
Answer: सच्चा मित्र सदैव मार्गदर्शक होता है, सच बोलता है, प्रत्येक कार्य में सहयोगी होता और संकट के समय मित्र का साथ नहीं छोड़ता।
Question 4. मछली जाल में कब फँसती है ?
Answer
Answer: मछली जाल में तब फँसती है जब मछुआरा पानी में जाल डालता है।
Question 5. जाल के पानी के बह जाने पर मछली क्या करती है?
Answer
Answer: जाल का पानी बह जाने पर मछली अपना प्राण त्याग देती है।
Question 6. रीत’ और ‘छोह’ शब्दों का क्या अर्थ होता है?
Answer
Answer: रीत का अर्थ होता है- रिवाज, तरीका विधि और छोह का अर्थ होता है- प्रेम।
(3)
तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान। कहि रहीम परकाज हित, संपत्ति-सचहिं सुजान । थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात । धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात॥
Question 1. पेड़ और तालाब क्या ग्रहण नहीं करते?
Answer
Answer: पेड़ और तालाब अपने द्वारा संचित वस्तु का स्वयं उपयोग नहीं करते। पेड़ न तो अपना फल खाता है और तालाब न तो कभी अपना जल पीता है।
Question 2. सज्जन पुरुषों को संपत्ति का संग्रह किसलिए करना चाहिए?
Answer
Answer: सज्जन तथा विद्वान संपत्ति का संचय दूसरों की भलाई के लिए करते हैं। उनका धन सदैव दूसरों की भलाई में खर्च होता है।
Question 3. आश्विन महीने के बादलों की क्या विशेषता होती है?
Answer
Answer: आश्विन महीने में बादल केवल गरजते हैं।
Question 4. बादलों की तुलना किससे की गई है?
Answer
Answer: रहीम ने बादलों की तुलना अमीरों से की हैं।
Question 5. यदि धनी पुरुष निर्धन हो जाए, तो वह क्या करता है?
Answer
Answer: यदि कोई धनी पुरुष निर्धन हो जाए तो वह पिछली बातों का ज़िक्र करता है, जो व्यर्थ है।
प्रश्न अभ्यास
दोहे से
प्रश्न 1. पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करने वाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए। उत्तर: कथन
कहि रहीम संपति सगे बनत बहुत बहु रीति।
जाल परे ……….. छोह।
कहि रहीम परकाज हित ……….. सुजान।
धनी पुरुष ………..
चना पुरुष ……….. बात।
धरती की सी ………… मेह।
प्रमाणित करने वाले उदाहरण
विपति कसौटी जे कसे तेई साँचे मीत।
रहिमन ……….. छोह।
तरुवर ……….. पान।
थोथे बादर क्वार ……….. घहरात।
जैसी परे ……….. देह।
प्रश्न 2. रहीम ने क्वार के मास में गरजनेवाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजनेवाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे? उत्तर: रहीम ने यह तुलना इसलिए की है क्योंकि जिस प्रकार निर्धन हुए व्यक्ति के पास धन (सामर्थ्य) तो रहता नहीं है। वह आश्वासन या धमकियाँ तो दे सकता है परंतु वास्तव में कुछ कर नहीं सकता है, ठीक उसी तरह से क्वार (आश्विन) माह के जलहीन बादल गरज तो सकते हैं, परंतु बरस नहीं सकते हैं। सावन के बादल जलयुक्त होते हैं, जो गरजने के साथ बरसते भी हैं।
दोहों से आगे
नीचे दिए गए दोहों में बताई गई सच्चाइयों को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो उनके क्या लाभ होंगे? सोचिए और लिखिए (क) तरुवर फल …………. सचहिं सुजान। उत्तर: पेड़ों और सरोवरों की भाँति ही यदि हमारा स्वभाव भी परोपकारी बन जाता है तो हमारे आस-पास का जन-जीवन भी सुखमय हो जाएगा। लोगों में कटुता, द्वेष तथा विषमता कम होगी और सद्भाव बढ़ेगा। अमीर और गरीब के बीच खाई की गहराई में कमी आएगी।
(ख) धरती की-सी …………. यह. देह॥ उत्तर: यदि हम दोहे में वर्णित यथार्थ स्वीकार कर लें तो हमें दुख की अनुभूति कम होगी। जीवन हमारे लिए आनंददायी बन जाएगा। हम बीमारियों तथा रोगों से बचे रहेंगे क्योंकि हमारा शरीर हर तरह की परिस्थितियों को सहने के योग्य बन जाएगा।
भाषा की बात
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित हिंदी रूप लिखिए जैसे-परे-पड़े (रे, डे) बिपति बादर मछरी सीत उत्तर:
प्रश्न 2. नीचे दिए उदाहरण पढ़िए (क) बनत बहुत बहु रीत। (ख) जाल परे जल जात बहि। उपर्युक्त उदाहरणों की पहली पंक्ति में ‘ब’ का प्रयोग कई बार किया गया है और दूसरी में ‘ज’ का प्रयोग। इस प्रकार बार-बार एक ध्वनि के आने से भाषा की सुंदरता बढ़ जाती है। वाक्य रचना की इस विशेषता के अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए। उत्तर: इसी प्रकार के कुछ अन्य उदाहरण –
चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में।
रघुपति राघव राजा राम।
रावण रथी विरभ रघुवीरा।
तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहुछाए।
जो खग हौं तो बसेरो करो मिलि कालिंदी कूल कदंब की डारन।
Question 1. बच्चे किस्से अपनी संपत्ति मानते थे? (a) स्वयं को (b) पेड़ को (c) अपनी जगह को (d) किसी को नहीं
Answer
Answer: (b) पेड़ को
Question 2. यासुकी-चान को क्या रोग था? (a) पोलियो का (b) पेड़ पर चढ़ने के लिए (c) आपस में मिलने के लिए (d) कहीं चलने के लिए
Answer
Answer: (a) पोलियो का
Question 3. तोत्तो-चान किस काम को आसान समझ रही थी? (a) यासुकी-चान के साथ खेलना (b) सीढ़ी लाना (c) यासुकी-चान के साथ रहना (d) यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाना
Answer
Answer: (d) यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाना
Question 4. यासुकी-चान का घर इनमें से कहाँ था? (a) तोमोए में (b) डेनेनवोफु में (c) कुहोन्बसु में (d) हिरोशिमा में
Answer
Answer: (b) डेनेनवोफु में
Question 5. तोत्तो-चान ने अपनी योजना का सच सर्वप्रथम किसे बताया? (a) यासुकी-चान को (b) अपनी माँ को (c) यासुकी-चान की माँ को (d) रॉकी को
Answer
Answer: (d) रॉकी को
Question 6. तोत्तो-चान यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का कौन-सा तरीका अपना रही थी? (a) धक्के लगाकर (b) हाथ से ऊपर की ओर खींचकर (c) सीढ़ी पर धकियाकर (d) पेड़ के तने पर सरकाकर
Answer
Answer: (c) सीढ़ी पर धकियाकर
Question 7. दोनों के विशाखा पर पहुँचने पर क्या हुआ? (a) यासुकी-चान ने तोत्तो-चान को धन्यवाद दिया (b) तोतो ने यासुकी-चान का स्वागत किया (c) दोनों हँसने लगे (d) दोनों बतियाने लगे
Answer
Answer: (b) तोतो ने यासुकी-चान का स्वागत किया
Question 8. ‘यह उसकी हार्दिक इच्छा थी’ वाक्य में हार्दिक शब्द है- (a) संज्ञा (b) सर्वनाम (c) विशेषण (d) क्रियाविशेषण
Answer
Answer: (c) विशेषण
(1)
तोमोए में हरेक बच्चा बाग के एक-एक पेड़ को अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था। तोत्तो-चान का पेड़ मैदान के बाहरी हिस्से में कुहोन्बुत्सु जानेवाली सड़क के पास था। बड़ा सा पेड़ था उसका, चढ़ने जाओ तो पैर फिसल-फिसल जाते। पर, ठीक से चढ़ने पर ज़मीन से कोई छह फुट की ऊँचाई पर एक विशाखा तक पहुँचा जा सकता था। बिलकुल किसी झूले-सी आरामदेह जगह थी यह। तोत्तो-चान अकसर खाने की छुट्टी के समय या स्कूल के बाद ऊपर चढ़ी मिलती।
Question 1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम एवं लेखक हैं (a) पाठ – एक किसान, लेखक-विजय तेंदुलकर (b) पाठ – रक्त और हमारा शरीर, लेखक-यतीश अग्रवाल (c) पाठ – अपूर्व अनुभव, लेखक-तेत्सुको कुरिया नागी।
Question 2. हरेक बच्चा बाग के एक-एक पेड़ को क्या मानता था? (a) विद्यार्थी (b) खिलाड़ी (c) अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था (d) पड़ोसी
Answer
Answer: (c) अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था
Question 3. पेड़ की विशाखा ज़मीन से कितनी ऊँचाई पर थी? (a) चार फुट (b) पाँच फुट (c) छह फुट (d) सात फुट
Answer
Answer: (c) छह फुट
Question 4. उपर्युक्त गद्यांश से हमें किस बात का पता चलता है? (a) बच्चों का आपसी प्रेम (b) बच्चों का खेल से प्रेम (c) बच्चों का सड़क के प्रति प्रेम (d) बच्चों का पेड़ों के प्रति प्रेम
Answer
Answer: (d) बच्चों का पेड़ों के प्रति प्रेम
Question 5. पेड़ की विशाखा पर दोनों बच्चे कैसे महसूस करते थे? (a) कष्टदायक (b) झूले सी आरामदेह जगह (c) प्रकृति से सान्निध्यता (d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (b) झूले सी आरामदेह जगह
(2)
यासुकी-चान को पोलियो था, इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था। अत: तोत्तो-चान ने उसे अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था। पर यह बात उन्होंने किसी से नहीं कही, क्योंकि अगर बड़े सुनते तो ज़रूर डाँटते।
Question 1. यासुकी-चान किस बीमारी से पीड़ित था? (a) टी०वी० (b) पोलियो (c) फेफड़े के (d) दमा
Answer
Answer: (b) पोलियो
Question 2. यासुकी-चान को क्यों आमंत्रित किया गया था? (a) खाना-खाने के लिए (b) पेड़ पर चढ़ने के लिए (c) खेलने के लिए (d) प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए
Answer
Answer: (b) पेड़ पर चढ़ने के लिए
Question 3. बच्चे किसे अपना निजी संपत्ति मानते थे? (a) अपने खेल-कूद के सामान को (b) पेड़ों को (c) घर को (d) माता-पिता को
Answer
Answer: (b) पेड़ों को
Question 4. तोत्तो-चान ने अपनी बातों की खबर किसी को क्यों नहीं होने दी? (a) क्योंकि वहाँ बच्चों की भीड़ जम जाती (b) क्योंकि वह इस काम को अकेले ही करना चाहता था (c) क्योंकि काम बहुत खतरनाक था (d) क्योंकि माँ नाराज़ हो जाती
Answer
Answer: (c) क्योंकि काम बहुत खतरनाक था
Question 5. “निजी’ शब्द का इनमें विलोम शब्द है (a) सार्वजनिक (b) व्यक्तिगत (c) सरकारी (d) इनमें किसी का नहीं
Answer
Answer: (a) सार्वजनिक
(3)
यासुकी-चान के हाथ-पैर इतने कमज़ोर थे कि वह पहली सीढ़ी पर भी बिना सहारे के चढ़ नहीं पाया। इस पर तोत्तो-चान नीचे उतर आई और यासुकी-चान को पीछे से धकियाने लगी। पर तोत्तो-चान थी छोटी और नाजुक-सी, इससे अधिक साहयता क्या करती! यासुकी-चान ने अपना पैर सीढ़ी पर से हटा लिया और हताशा से सिर झुकाकर खड़ा हो गया। तोत्तो-चान को पहली बार लगा कि काम उतना आसान नहीं है जितना वह सोचे बैठी थी। अब क्या करे वह ?
Question 1. यासुकी-चान पहली सीढ़ी पर भी क्यों नहीं चढ़ सकता था? (a) क्योंकि उसके हाथ-पैर कमज़ोर थे (b) क्योंकि उसे डर लग रहा था (c) क्योंकि सीढ़ी काफ़ी कमज़ोर थी (d) इनमें से कोई नहीं
Question 3. यासुकी-चान हताश क्यों हो गया? (a) क्योंकि रास्ता काफ़ी कठिन था (b) क्योंकि वह सीढ़ी पर चढ़ नहीं पा रहा था (c) तोत्तो-चान के धक्का देने पर गिर गया (d) क्योंकि उसका हौसला जवाब दे गया।
Answer
Answer: (b) क्योंकि वह सीढ़ी पर चढ़ नहीं पा रहा था
Question 4. यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का काम कैसा था? (a) सरल (b) कठिन (c) पक्का (d) ठीक
Answer
Answer: (b) कठिन
Question 5. तोत्तो-चान, यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का कौन-सा तरीका अपना रही थी? (a) कूदकर (b) कंधे पर चढ़ाकर (c) सीढ़ी पर धक्के लगाकर (d) हाथ से ऊपर की ओर खींचकर
Answer
Answer: (c) सीढ़ी पर धक्के लगाकर
(4)
उस समय विशाखा पर खड़ी तोत्तो-चान द्वारा यासुकी-चान को पेड़ की ओर खींचते हुए अगर कोई बड़ा देखता तो वह ज़रूर डर के मारे चीख उठता। उसे वे सच में जोखिम उठाते ही दिखाई देते। पर यासुकी-चान को तोत्तो-चान पर पूरा भरोसा था और वह खुद भी यासुकी-चान के लिए भारी-खतरा उठा रही थी। अपने नन्हें-नन्हें हाथों से वह पूरी ताकत से यासुकी-चान को खींचने लगी। बादल का एक बड़ा टुकड़ा बीच-बीच में छाया करके उन्हें कड़कती धूप से बचा रहा था। काफ़ी मेहनत के बाद दोनों आमने-सामने पेड़ की द्विशाखा पर थे। पसीने से तरबतर अपने बालों को चहरे पर से हटाते हुए तोत्तोचान ने सम्मान से झुककर कहा, “मेरे पेड़ पर तुम्हारा स्वागत है।”
Question 1. तोत्तो-चान यासुकी-चान को चढ़ाना चाहती थी? (a) पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर (b) पेड़ की द्विशाखा पर (c) पेड़ के तने पर (d) पेड़ की लंबी टहनी पर
Answer
Answer: (b) पेड़ की द्विशाखा पर
Question 2. यासुकी-चान के लिए तोत्तो-चान खतरा क्यों ले रही थी? (a) बीमारी से बचाना चाहती थी (b) उससे पैसा लेना चाहती थी (c) लाचार यासुकी-चान को द्विशाखा का आनंद देना चाहती थी (d) अपना वचन पूरा करना चाहती थी
Answer
Answer: (c) लाचार यासुकी-चान को द्विशाखा का आनंद देना चाहती थी
Question 3. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का स्वागत कहाँ किया? (a) अपने पेड़ पर (b) ज़मीन पर (c) अपने घर पर (d) सीढ़ी पर
Answer
Answer: (a) अपने पेड़ पर
Question 4. यासुकी-चान ने क्या पूछा? (a) क्या मैं पेड़ पर चढ़ सकता हूँ? (b) क्या मैं अंदर आ सकता हूँ? (c) तुम यहाँ क्यों आए हो ? (d) क्या तुम मेरे साथ खेलोगे?
Answer
Answer: (b) क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?
Question 5. यासुकी-चान ने पेड़ पर क्या देखा? (a) पेड़ों की झलक (b) नई दुनिया अर्थात संसार (c) नीला आसमान (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) नई दुनिया अर्थात संसार
(5)
बच्चे अपने-अपने पेड़ को निजी संपत्ति मानते थे। किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ना हो तो उससे पहले पूरी शिष्टता से, “माफ़ कीजिए, क्या मैं अंदर आ जाऊँ?” पूछना पड़ता था। यासकी-चान को पोलियो था, इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था। अतः तोत्तो-चान ने उसे अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था, पर यह बात उन्होंने किसी से नहीं कही, क्योंकि अगर बड़े सुनते तो ज़रूर डाँटते।
Question 1. बच्चे इनमें किसे अपनी संपत्ति मानते थे?
Answer
Answer: बच्चे इनमें से अपने-अपने पेड़ को अपनी निजी संपत्ति मानते थे।
Question 2. यासुकी-चान किसी पेड़ को अपनी निजी संपत्ति क्यों नहीं मानता था?
Answer
Answer: यासुकी-चान किसी पेड़ को अपनी निजी संपत्ति इसलिए नहीं मानते थे, क्योंकि वह पोलियो से ग्रस्त था, वह किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था इसलिए वे किसी पेड़ को अपनी निजी संपत्ति नहीं मानता था।
Question 3. किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व क्या करना पड़ता था?
Answer
Answer: किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने से पूर्व उस पेड़ के मालिक से विनयपूर्वक पूछना पड़ता था-“माफ़ कीजिए क्या मैं अंदर आ जाऊँ?”
Question 4. कौन किस कारण पेड़ पर नहीं चढ़ पाया था?
Answer
Answer: यासुकी-चान किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था क्योंकि उसको पोलियो था। वह किसी पेड़ को अपनी संपत्ति भी नहीं मानता था।
Question 5. किसने, किसको कहाँ आमंत्रित किया था?
Answer
Answer: तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था।
(6)
यासुकी-चान के मन में भी उत्साह था। वह उसके सामने गई। उसका लटका चेहरा इतना उदास था कि तोत्तो-चान को उसे हँसाने के लिए गाल फुलाकर तरह-तरह के चेहरे बनाने पड़े। “ठहरो, एक बात सूझी है।” वह फिर चौकीदार के छप्पर की ओर दौड़ी और हरेक चीज़ उलट-पुलटकर देखने लगी। आखिर उसे एक तिपाई-सीढ़ी मिली जिसे थामे रहना भी जरूरी नहीं था। वह तिपाई-सीढ़ी को घसीटकर ले आई तो अपनी शक्ति पर हैरान होने लगी। तिपाई की ऊपरी सीढ़ी विशाखा तक पहुँच रही थी।
Question 1. किसकी क्या इच्छा थी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान की यह हार्दिक इच्छा थी कि यासुकी-चान उसके पेड़ पर चढ़े।
Question 2. तोत्तो-चान किस प्रयास में लगी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का उदास चेहरा देखा तो वह उसे हँसाने के प्रयास में लग गई। उसने अपना-गाल फुलाकर तरह-तरह के चेहरे बनाए।
Question 3. तोत्तो-चान को कौन-सी बात सूझी थी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान को यह बात सूझी थी कि तिपाई-सीढ़ी की सहायता से यासुकी-चान के लिए विशाखा तक पहुँचना आसान हो जाएगा। तिपाई-सीढ़ी को थामें रखने की भी ज़रूरत नहीं थी।
Answer: तोत्तो-चान तिपाई-सीढ़ी ढूँढ़ने छप्पर की ओर दौड़ी। आखिर वहाँ उसे तिपाई-सीढ़ी मिल गई।
Question 5. तोत्तो-चान किस बात पर हैरान थी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान छोटी-सी बच्ची थी। जब वह तिपाई-सीढ़ी को चौकीदार के छप्पर से घसीटकर अपने पेड़ तक ले आई तो उसे अपने शक्ति पर हैरानी हुई।
Question 6. तोत्तो-चान की आवाज़ बड़ी बहन जैसे क्यों लगने लगी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान, के कंधों पर उसकी जिम्मेदारी थी। अतः वह उसे करने के लिए हिम्मत बँधा रही थी तो उसकी आवाज़ में बड़ी बहन जैसी गंभीरता और आश्वासन की भावना झलक रही थी।
(7)
उस समय द्विशाखा पर खड़ी तोत्तो-चान द्वारा यासुकी-चान को पेड़ की ओर खींचते अगर कोई बड़ा देखता तो वह ज़रूर डर के मारे चीख उठता। उसे वे सच में जोखिम उठाते ही दिखाई देते। पर यासुकी-चान को तोत्तो-चान पर पूरा भरोसा था और वह खुद भी यासुकी-चान के लिए भारी-खतरा उठा रही थी। अपने नन्हें-नन्हें हाथों से वह पूरी ताकत से यासुकी-चान को खींचने लगी। बादल का एक बड़ा टुकड़ा बीच-बीच में छाया करके उन्हें कड़कती धूप से बचा रहा था। काफ़ी मेहनत के बाद दोनों आमने-सामने पेड़ की द्विशाखा पर थे। पसीने से तरबतर अपने बालों को चहरे पर से हटाते हुए तोत्तोचान ने सम्मान से झुककर कहा, “मेरे पेड़ पर तुम्हारा स्वागत है।”
Question 1. तोत्तो-चान यासुकी-चान को कहाँ चढ़ाना चाहती थी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान यासुकी-चान को पेड़ की विशाखा पर चढ़ाना चाहती थी।
Question 2. तोत्तो-चान और यासुकी-चान क्या खतरा उठा रहे थे?
Answer
Answer: तोत्तो-चान और यासुकी-चान छह फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित विशाखा पर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे। जहाँ से गिरने पर दोनों को गंभीर चोटें आ सकती थीं।
Question 3. दोनों के विशाखा पर पहुँचने पर क्या हुआ?
Answer
Answer: दोनों के विशाखा पर पहुँचने पर तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का स्वागत किया।
Question 4. यासुकी-चान का क्या सपना साकार हुआ?
Answer
Answer: तोत्तो-चान का अपने विकलांग मित्र यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का सपना पूरा हुआ।
Question 5. ‘बादल’ शब्द का पर्यायवाची क्या है?
Answer
Answer: ‘बादल’ शब्द का पर्यायवाची है-घन, मेघ, जलद, नीरद।
(8)
तोत्तो-चान उस समय यह तो न समझ पाई कि यासुकी-चान के लिए, जो कहीं भी दूर तक चल नहीं सकता था, घर बैठे चीजों को देख लेने के क्या अर्थ होंगे? वह तो यह ही सोचती रही कि सूमो पहलवान घर में रखे किसी डिब्बे में कैसे समा जाएँगे? उनका आकार तो बड़ा होता है, पर बात उसे बड़ी लुभावनी लगी। उन दिनों टेलीविजन के बारे में कोई नहीं जानता था। पहले-पहल यासुकी-चान ने ही तोत्तो-चान को उसके बारे में बताया था।
Question 1. तोत्तो-चान को क्या समझ में नहीं आई ?
Answer
Answer: तोत्तो-चान को यह समझ बात में नहीं आई कि यासुकी चान के लिए घर बैठे किसी चीज़ को देख लेना क्या महत्त्व रखता है, क्योंकि उसे यासुकी-चान की परेशानियों का सही अनुमान नहीं था।
Question 2. तोत्तो-चान क्या सोच रही थी?
Answer
Answer: तोत्तो-चान यह सोच रही थी कि सूमो पहलवान घर में रखे किसी डिब्बे में कैसे अंदर प्रवेश कर जाएँगे। वे तो बहुत बड़े होते हैं फिर भी उनके बारे में सोचना आकर्षित करने जैसा था।
Question 3. लोगों को इन दिनों टेलीविजन के बारे में जानकारी क्यों नहीं थी?
Answer
Answer: पुराने समय में टेलीविजन का आविष्कार नया-नया ही हुआ था। लोग उसके बारे में परिचित नहीं थे। विकसित देशों में मसलन-अमेरिका जैसे में ही इसका प्रचार-प्रसार हुआ था। जापान के लोग व्यावहारिक रूप में टी०वी० से अपरिचित थे।
Question 4. तोत्तो-चान को टेलीविजन के बारे में किसने बताया?
Answer
Answer: यासुकी-चान वे तोत्तो-चान को टेलीविजन के बारे में बताया।
प्रश्न 1. यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए। उत्तर: यासुकी-चान एक पोलियोग्रस्त बालक था। उसके लिए किसी पेड़ पर चढ़ना संभव न था। उससे एक वर्ष बड़ी तोत्तो-चान की हार्दिक इच्छा थी कि यासुकी-चान उसके पेड़ पर चढ़े और इसके लिए उसने अथक प्रयास किया।
प्रश्न 2. दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए। उत्तर: यासुकी-चान और तोत्तो-चान के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। उनमें अन्तर भी थे, जैसे-पोलियोग्रस्त यासुकी-चान सपने में भी नहीं सोच सकता था कि पेड़ पर चढ़कर वह भी ऐसा सुखद अनुभव कर सकता है। तोत्तो-चान ने जब अथक परिश्रम और साहस से पोलियोग्रस्त यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाकर उसका स्वागत किया तो उसे हार्दिक खुशी एवं संतुष्टि प्राप्त हुई।
प्रश्न 3. पाठ में खोजकर देखिए-कब सूरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है? उत्तर: यासुकी-चान और तोत्तो-चान अथक प्रयास करते हुए पेड़ पर सीढ़ी के सहारे चढ़ते-चढ़ाते हुए इतने व्यस्त थे कि उन्हें समय या अपने सुख-दुख का ज़रा भी ध्यान नहीं था। यासुकी-चान के एक-एक कदम आगे बढ़ने पर उन्हें अद्भुत सुख प्राप्त होता था। अपने असाधारण प्रयास से वे अपना लक्ष्य भी सफल हो गए। उनकी परिस्थितियाँ बदलने का यही कारण हो सकता हैं।
प्रश्न 4. ‘यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह ………अंतिम मौका था।’-इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लिखिकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा? उत्तर: “यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह पहला और अंतिम मौका था”, लेखिका ने ऐसा इसलिए लिखा होगा क्योंकि पोलियोग्रस्त यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ना संभव न रह जाएगा। उसका शरीर बडा होगा और वज़न भी बढ़ता जाएगा। यासुकी-चान के लिए अब ऐसा जोखिम लेने को शायद कोई तैयार न हो।
पाठ से आगे
प्रश्न 1. तोत्तो-चान ने अपनी योजना को बड़ों से इसलिए छिपा लिया कि उसमें जोखिम था, यासुकी-चान के गिर जाने की संभावना थी। फिर भी उसके मन में यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने की दृढ़ इच्छा थी। ऐसी दृढ़ इच्छाएँ बुद्धि और कठोर परिश्रम से अवश्य पूरी हो जाती हैं। आप किस तरह की सफलता के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं? उत्तर: मैं अपनी तीव्र इच्छा लक्ष्य को पूरी करने के लिए जोखिम उठाऊँगा क्योंकि बिना जोखिम उठाए साहसिक कार्यों को नहीं किया जा सकता है। जो व्यक्ति समुद्र की लहरों में पाँव भिगोने से डरता है वह सागर से मोती नहीं निकाल सकता है।
प्रश्न 2. हम अकसर बहादुरी के बड़े-बड़े कारनामों के बारे में सुनते रहते हैं, लेकिन ‘अपूर्व अनुभव’, कहानी एक मामूली बहादुरी और जोखिम की ओर हमारा ध्यान खींचती है। यदि आपको अपने आसपास के संसार में कोई रोमांचकारी अनुभव प्राप्त करना हो तो कैसे प्राप्त करेंगे? उत्तर: अपने आस पास के संसार में कोई रोमांचकारी अनुभव प्राप्त करने के लिए अदम्य साहस और बुद्धि से काम करना होगा। उदाहरण के लिए एक बार में सड़क के रास्ते होकर स्कूल जा रहा था। उस दिन विद्यालय में आधे दिन बाद ही छुट्टी कर दी गई। मेरे कुछ मित्रों ने जंगल की ओर से साइकिलें लेकर घर चलने को कहा। मेरे मित्र साइकिलें तेज़ चलाते हुए भागे जा रहे थे। वे आगे निकलने की होड़ में आड़ी-तिरछी साइकिलें चला रहे थे। मेरे एक मित्र की साइकिल से टक्कर लगकर दूसरा मित्र अपना संतुलन खो बैठा और साइकिल समेत पास की खाई में गिरने लगा। गहरी खाई में गिरते हुए वह उसी खाई में उगी झाड़ियों को पकड़कर लटक गया। उसकी साइकिल गिर चुकी थी।
वह मदद के लिए पुकारता जा रहा था। मेरे दिमाग में कुछ ख्याल आया और मैंने अपनी कमीज उतारकर एक साइकिल का पिछला और दूसरी साइकिल का अगला पहिया बाँधकर खाई में लटकाया। इसी तरह दो साइकिलें और जोड़कर मैं उसी पर सीढ़ी की तरह धीरे-धीरे उतरने लगा। यदि मेरा संतुलन खोता, तो मैं भी खाई में जा गिरता, परन्तु एक हाथ से साइकिल तथा दूसरे से मित्र को पकड़कर उसे भी साइकिल की ओर खींचा। इस प्रकार पहले वह और बाद में मैं दोनों ही बाहर आ गए। हमारे घरवालों को यह बात आज तक पता न चल सकी। छात्र इस तरह स्वयं के अनुभव भी लिख सकते हैं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नज़रें नीचे क्यों थीं? उत्तर: झूठ बोलते समय तोत्तो-चान में आत्म-विश्वास पहले जैसा नहीं था। इसी कमी के कारण वह माँ से नज़रें मिलाकर बात नहीं कर पा रही थी और उसकी नज़रें नीची थीं।
प्रश्न 2. यासुकी-चान जैसे शारीरिक चुनौतियों से गुज़रनेवाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएँ हर जगह नहीं होतीं। लेकिन कुछ जगहों पर ऐसी सुविधाएँ दिखाई देती हैं। उन सुविधावाली जगहों की सूची बनाइए। उत्तर: अस्पतालों में विद्यालयों में सिनेमागृहों में कॉलेजों में सामुदायिक विकास केन्द्रों में कुछ अन्य सार्वजनिक भवनों तथा स्थानों पर
भाषा की बात
प्रश्न 1. द्विशाखा शब्द द्वि और शाखा के योग से बना है। द्वि का अर्थ है-दो और शाखा का अर्थ है-डाल। द्विशाखा पेड़ के तने का वह भाग है जहाँ से दो मोटी-मोटी डालियाँ एक साथ निकलती हैं। द्वि की भाँति आप त्रि से बनने वाला शब्द त्रिकोण जानते होंगे। त्रि का अर्थ है तीन। इस प्रकार, चार, पाँच, छह, सात, आठ, नौ और दस संख्यावाची संस्कृत शब्द उपयोग में अकसर आते हैं। इन संख्यावाची शब्दों की जानकारी प्राप्त कीजिए और देखिए कि क्या इन शब्दों की ध्वनियाँ अंगेज़ी संख्या के नामों से कछकुछ मिलती-जुलती हैं, जैसे-हिंदी-आठ, संस्कृत-अष्ट, अंग्रेज़ी-एट। उत्तर:
प्रश्न 2. पाठ में “ठिठियाकर हँसने लगी’, ‘पीछे से धकियाने लगी’ जैसे वाक्य आए हैं। ठिठियाकर हँसने के मतलब का आप अवश्य अनुमान लगा सकते हैं। ठी-ठी-ठी हँसना या ठठा मारकर हँसना बोलचाल में प्रयोग होता है। इनमें हँसने की ध्वनि के एक खास अंदाज़ को हँसी का विशेषण बना दिया गया है। साथ ही ठिठियाना और धकियाना शब्द में ‘आना’ प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। इस प्रत्यय से फ़िल्माना शब्द भी बन जाता है। ‘आना’ प्रत्यय से बननेवाले चार सार्थक शब्द लिखिए। उत्तर: मूल शब्द आना प्रत्यय जोड़ने से बने शब्द हाथ
Question 1. ‘चिड़िया की बच्ची’ पाठ के लेखक कौन है? (a) प्रयाग शुक्ल (b) बालकृष्ण शर्मा नवीन (c) भवानी प्रसाद मिश्र (d) जैनेंद्र कुमार
Answer
Answer: (d) जैनेंद्र कुमार
Question 2. शाम के वातावरण में क्या-क्या परिवर्तन हो जाता है- (a) गरमी कम हो जाती है (b) हवा चलने लगती है (c) आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है (d) और गरमी कम हो जाती है और आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है
Answer
Answer: (d) और गरमी कम हो जाती है और आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है
Question 3. माधवदास चिड़िया से क्या चाहता था? (a) वह वहाँ खूब गाए (b) वह पेड़ों पर झूमे (c) वह वहीं रह जाए (d) वह वहाँ से भाग जाए।
Answer
Question 4. माधवदास चिड़िया को किसका प्रलोभन दे रहे थे। (a) सोने के पिंजरे का (b) पेड़ की डालियों का (c) घोंसले का (d) अपने धन/दौलत का
Answer
Answer: (d) अपने धन/दौलत का
Question 5. बगीचा में चिड़िया कहाँ आकर बैठी थी? (a) ज़मीन पर (b) फव्वारे पर (c) गुलाब की टहनी पर (d) टीले के पास
Answer
Answer: (c) गुलाब की टहनी पर
Question 6. चिड़िया की गरदन का रंग कैसा था? (a) लाल (b) पीली (c) हरी (d) काली
Answer
Answer: (a) लाल
(1)
समय भी उनके पास काफ़ी है। शाम को जब दिन की गरमी ढल जाती है और आसमान कई रंग का हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर बैठते हैं और प्रकृति की छटा निहारते हैं। इनमें मानो उसके मन को तृप्ति मिलती है। मित्र हुए तो उनसे विनोद-चर्चा करते हैं, नहीं तो पास रखे हुए फर्शी हुक्के की सटक को मुँह में दिए खयाल ही खयाल में संध्या को स्वप्न की भाँति गुज़ार देते हैं।
Question 1. माधवदास के पास समय- (a) कम है (b) काफ़ी है (c) नहीं है (d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (b) काफ़ी है
Question 2. शाम के वातावरण में क्या-क्या परिवर्तन होता है- (a) गरमी कम हो जाती है (b) लू चलने लगती है (c) आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है (d) क और ग दोनों
Answer
Answer: (c) आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है
Question 3. माधव दिन में गरमी ढलने के बाद बाहर कहाँ बैठता था? (a) घर में (b) कोठी के बाहर चबूतरे पर तखत डलवाकर (c) झूले पर (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) कोठी के बाहर चबूतरे पर तखत डलवाकर
Question 4. माधवदास कोठी के बाहर चबूतरे पर क्यों बैठते थे? (a) बगीचे की रखवाली करने (b) अपने मित्रों को बुलाने (c) प्राकृतिक सौंदर्य देखने (d) रंग-बिरंगे फूलों को देखने के लिए
Answer
Answer: (c) प्राकृतिक सौंदर्य देखने
Question 5. गद्यांश और उसके लेखक का नाम विकल्पों में से बताएँ- (a) चिड़िया-विजेंद्र कुमार (b) नन्ही चिड़िया-शैलेंद्र कुमार (c) चिड़िया की बच्ची-जैनेंद्र कुमार (d) नन्ही चिड़िया-कमलेश कुमार
Answer
Answer: (c) चिड़िया की बच्ची-जैनेंद्र कुमार
Question 6. ‘विनोद-चर्चा’ का अभिप्राय क्या है? (a) खेल-कूद के साथ (b) दुख और पीड़ा के साथ (c) हँसी-मजाक के साथ (d) एकांकी जीवन की चर्चा
Answer
Answer: (c) हँसी-मजाक के साथ
(2)
उस दिन संध्या समय उनके देखते-देखते सामने की गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी। चिड़िया बहुत सुंदर थी। उसकी गरदन लाल थी और गुलाबी होते-होते किनारों पर जरा-जरा नीली पड़ गई थी। पंख ऊपर से चमकदार स्याह थे। उसका नन्हा-सा सिर तो बहुत प्यारा लगता था और शरीर पर चित्र-विचित्र चित्रकारी थी। चिड़िया को मानो माधवदास की सत्ता का कुछ पता नहीं था और मानो तनिक देर का आराम भी उसे नहीं चाहिए था। कभी पर हिलाती थी, कभी फुदकती थी। वह खूब खुश मालूम होती थी। अपनी नन्ही-सी चोंच से प्यारी-प्यारी आवाज़ निकाल रही थी।
Question 1. चिड़िया कहाँ आ बैठी थी? (a) पीपल के पेड़ पर (b) कदंब के पेड़ पर (c) नीम की डाली पर (d) गुलाब की डाली पर
Answer
Answer: (d) गुलाब की डाली पर
Question 2. चिड़िया की गरदन कैसी थी? (a) लाल (b) गुलाबी (b) नीला (d) पीला
Answer
Answer: (a) लाल
Question 3. चिड़िया कर रही थी (a) पर हिला रही थी (b) कभी फुदकती थी (c) उपर्युक्त दोनों (d) गा रही थी
Answer
Answer: (c) उपर्युक्त दोनों
Question 4. किस बात से पता चलता है चिड़िया बहुत खुश थी? (a) क्योंकि वह पंख हिला रही थी (b) क्योंकि वह फुदक रही थी (c) क्योंकि वह मीठी स्वर निकाल रही थी (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 5. “चिड़िया बहुत सुंदर थी’ वाक्य में चिड़िया शब्द है। (a) जातिवाचक संज्ञा (b) व्यक्तिवाचक संज्ञा (c) भाववाचक संज्ञा (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (a) जातिवाचक संज्ञा
(3)
माधवदास, “चिड़िया तू निरी अनजान है। मुझ खुश करेगी तो तुझे मालामाल कर सकता हूँ।” चिड़िया, “तुम सेठ हो। मैं नहीं जानती, सेठ क्या होता है। पर सेठ कोई बड़ी बात होती होगी। मैं नासमझ ठहरी। माँ मुझे बहुत प्यार करती है। वह मेरी राह देखती होगी। मैं मालामाल होकर क्या होऊँगी, मैं नहीं जानती। मालामाल किसे कहते हैं ? क्या मुझे वह तुम्हारा मालामाल होना चाहिए?”
Question 1. ‘सेठ क्या होता है’-ये वाक्य कौन, किसे कह रहा है? (a) माधवदास चिड़िया से (b) चिड़िया सेठ से (c) चिड़िया स्वयं से (d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (a) माधवदास चिड़िया से
Question 2. चिड़िया स्वयं को कैसा बताती है? (a) समझदार (b) नासमझ (c) प्यारी (d) मूर्ख
Answer
Answer: (b) नासमझ
Question 3. क्या चिड़िया मालामाल होना चाहती थी? (a) हाँ (b) नहीं (c) थोड़ा बहुत (d) बाद में
Answer
Answer: (b) नहीं
Question 4. चिड़िया माधवदास से क्या चाहती है? (a) माँ के पास जाना चाहती है (b) वह धनी माधवदास के घर में रहना चाहती है (c) माधवदास से धन-दौलत चाहती है (d) माधवदास के बगीचे में रहना चाहती है
Answer
Answer: (a) माँ के पास जाना चाहती है
Question 5. माधवदास क्या चाहता है? (a) चिड़िया नाच दिखाएँ (b) चिड़िया उसके पास रह जाए (c) चिड़िया निरंतर फुदकती रहे (d) चिड़िया अपने घोंसले में लौट जाए
Answer
Answer: (b) चिड़िया उसके पास रह जाए
(4)
चिड़िया “वह सोना क्या चीज़ होती है?” सेठ, “तू क्या जानेगी, तू चिड़िया जो है। सोने का मूल्य सीखने के लिए तुझे बहुत सीखना है। बस, यह जान ले कि सेठ माधवदास तुझसे बात कर रहा है। जिससे मैं बात तक कर लेता हूँ उसकी किस्मत खुल जाती है। तू अभी जग का हाल नहीं जानती। मेरी कोठियों पर कोठियाँ हैं, बगीचों पर बगीचे हैं। दास-दासियों की संख्या नहीं है। पर तुझसे मेरा चित्त प्रसन्न हुआ है। ऐसा वरदान कब किसी को मिलता है ? री चिड़िया! तू इस बात को समझती क्यों नहीं?”
Question 1. चिड़िया किस चीज़ को नहीं समझती है? (a) पेड़ (b) बगीचा (c) सोना (d) कोठियाँ
Answer
Answer: (c) सोना
Question 2. माधवदास चिड़िया को क्या समझाने का प्रयास कर रहे हैं? (a) कोठी का महत्त्व (b) सोने की कीमत (c) घोंसले से आज़ादी का मूल्य (d) धन-दौलत की कीमत
Answer
Answer: (b) सोने की कीमत
Question 3. चिड़िया किस चीज़ से बेखबर है- (a) अपनी माँ के स्वभाव के बारे में (b) दुनिया के हाल के बारे में (c) माधवदास के बारे में (d) घोंसले तक पहुँचने के रास्ते के बारे में
Answer
Answer: (b) दुनिया के हाल के बारे में
Question 4. माधवदास के कथनानुसार पास में क्या-क्या है? (a) कोठियाँ ही कोठियाँ (b) बगीचे पर बगीचे (c) दास-दासियों असीमित संख्या (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 5. ‘वरदान’ शब्द का विलोम शब्द इनमें क्या है? (a) पुरस्कार (b) सम्मान (c) अभिशाप (d) अभियान
Answer
Answer: (c) अभिशाप
(5)
इतने में चिड़िया को बोध हुआ कि जैसे एक कठोर स्पर्श उसके देह को छू गया। वह चीख देकर चिचियाई और एकदम उड़ी। नौकर के फैले हुए पंजे में वह आकर भी नहीं आ सकी। तब वह उड़ती हुई एक साँस में माँ के पास गई और माँ की गोद में गिरकर सुबकने लगी, “ओ माँ, ओ माँ!” माँ ने बच्ची को छाती से चिपटाकर पूछा, “क्या है मेरी बच्ची, क्या है?”
Question 1. चिड़िया क्यों सुबह रही थी? (a) थक गई थी (b) ठंड के कारण (c) डर के कारण (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (c) डर के कारण
Question 2. ‘चिड़िया’ शब्द का पर्यायवाची है। (a) खग (b) पक्षी (c) विहग (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 3. चिड़िया को पकड़ने की कोशिश कौन कर रहा था? (a) माधवदास (b) शिकारी (c) माधवदास के नौकर (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (c) माधवदास के नौकर
Question 4. अचानक चिड़िया को क्या महसूस हुआ? (a) उसका दम घुटने का है (b) ठंड का (c) कठोर स्पर्श का (d) गिरने का
Answer
Answer: (c) कठोर स्पर्श का
Question 5. चिड़िया उड़ते-उड़ते कहाँ पहुँची? (a) सोने के पिंजरे में (b) माधवदास की कोठी में (c) माँ की गोद में (d) घोंसले में
Answer
Answer: (c) माँ की गोद में
(6)
माधवदास ने अपनी संगमरमर की अपनी कोठी बनवाई है। उसके सामने बहुत सुहावना बगीचा भी लगवाया है। उनको कला से बहुत प्रेम है। धन की कमी नहीं है और कोई व्यसन छू नहीं गया है। सुंदर अभिरुचि के आदमी हैं। फूल-पौधे, रकाबियों से हौज़ों में लगे फव्वारों में उछलता हुआ पानी उन्हें बहुत अच्छा लगता है। समय भी उनके पास काफ़ी है। शाम को जब दिन की गरमी ढल जाती है और आसमान कई रंग का हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर बैठते हैं और प्रकृति की छटा निहारते हैं।
Question 1. माधवदास की कोठी का वर्णन कीजिए।
Answer
Answer: माधवदास ने कोठी बनवायी थी, जो संगमरमर से बनी थी। उसके सामने सुहावने सुंदर बगीचे का निर्माण करवाया था। बगीचे में फूल-पौधे व हौज़ों में लगे फव्वारों में उछलता पानी अपनी ओर आकर्षित करता था।
Question 2. माधवदास किस स्वभाव के व्यक्ति हैं?
Answer
Answer: माधवदास कला-प्रेमी थे। सुंदर अभिरुचि के व्यक्ति थे। प्रकृति की सुंदरता उन्हें बहुत आकर्षित करती थी। वे एक धनी व्यक्ति थे और उनमें कोई बुरी लत नहीं थी।
Question 3. वे संध्या के समय कहाँ और किस प्रकार बैठते थे?
Answer
Answer: माधवदास संध्या के समय कोठी के बाहर-चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे एक गलीचे पर बैठते थे और प्रकृति की छटा निहारते थे।
Question 4. किस बात से सिद्ध होता है कि माधवदास के पास बहुत समय था?
Answer
Answer: रोज संध्या के समय जब दिन में गरमी ढल जाती है और आसमान में कई रंग हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर घंटों बैठते थे। इस बात से पता चलता है कि माधवदास के पास समय काफ़ी था।
Question 5. माधवदास को किस बात से तृप्ति मिलती है?
Answer
Answer: माधवदास को प्रकृति-सौंदर्य को निहारने में तृप्ति मिलती थी।
(7)
माधवदास को वह चिड़िया बड़ी मनमानी लगी। उसकी स्वच्छंदता बड़ी प्यारी जान पड़ती थी। कुछ देर तक वह उस चिड़िया का इस डाल से उस डाल थिरकना देखते रहे। इस समय वह अपना बहुत-कुछ भूल गए। उन्होंने उस चिड़िया से कहा, “आओ, तुम बड़ी अच्छी आईं। यह बगीचा तुम लोगों के बिना सूना लगता है। सुनो चिड़िया तुम खुशी से यह समझो कि यह बगीचा मैंने तुम्हारे लिए ही बनवाया है। तुम बेखटके यहाँ आया करो।”
Question 1. माधवदास चिड़िया की ओर क्यों आकर्षित हुए?
Answer
Answer: माधवदास चिड़िया की ओर आकर्षित इसलिए हुए कि चिड़िया को स्वच्छंदता से एक डाल से दूसरी डाल पर थिरकते देखकर मंत्रमुग्ध हो गाए।
Question 2. उन्होंने चिड़िया से क्या कहा?
Answer
Answer: उन्होंने चिड़िया से कहा कि बिना किसी डर के यहाँ आया करो।
Question 3. माधवदास ने चिड़िया से क्यों कहा?
Answer
Answer: माधवदास ने चिड़िया से इसलिए कहा, क्योंकि उन्हें चिड़िया भा गई थी, उसका फुदकना व चहकना उनके मन को आकर्षित करने वाला था तथा चिड़िया के आने से बगीचे में बहार आ गई थी।
Question 4. माधवदास चिड़िया से क्या चाहता था?
Answer
Answer: माधवदास चिड़िया से चाहता था कि वह यहीं हमेशा के लिए बगीचे में रह जाए।
Question 5. माधवदास अकेलापन क्यों महसूस करते थे?
Answer
Answer: माधवदास अकेलापन इसिलए महसूस करता था क्योंकि वे अकेले रहते थे।
(8)
माधवदास, “चिड़िया, तू निरी अनजान है। मुझे खुश करेगी तो तुझे मालामाल कर सकता हूँ।” चिड़िया, “तुम सेठ हो। मैं नहीं जानती, सेठ क्या होता है। पर सेठ कोई बड़ी बात होती होगी। मैं अनसमझ ठहरी। माँ मुझे बहुत प्यार करती है। वह मेरी राह देखती होगी। मैं मालामाल होकर क्या होऊँगी, मैं नहीं जानती। मालामाल किसे कहते हैं? क्या मुझे वह तुम्हारा मालामाल होना चाहिए?”
Question 1. माधवदास चिड़िया को निरी अनजान क्यों कह रहे हैं?
Answer
Answer: माधवदास चिड़िया को निरी अनजान इसलिए कह रहे थे, क्योंकि वह माधवदास की संपन्नता नहीं समझ पा रही थी।
Question 2. चिड़िया क्या नहीं जानती?
Answer
Answer: चिड़िया यह नहीं जानती की सामनेवाला व्यक्ति सेठ है। वह सेठ को भी नहीं जानती।
Question 3. चिड़िया ने माँ के बारे में क्या कहा?
Answer
Answer: चिड़िया ने कहा कि उसकी माँ उसे बहुत प्यार करती है और वह उसका इंतजार करती है।
Question 4. चिड़िया की राह कौन देख रही है?
Answer
Answer: चिड़िया की राह उसकी माँ देखती है।
Question 5. ‘राह देखना’ मुहावरे का अर्थ क्या होता है ?
Answer
Answer: राह देखने का अर्थ होता है-इंतज़ार करना।
(9)
चिड़िया ने कहा, “सेठ मुझे डर लगता है। माँ मेरी दूर है। रात हो जाएगी तो राह नहीं सूझेगी।” इतने में चिड़िया को बोध हुआ कि जैसे एक कठोर स्पर्श उसके देह को छु गया। वह चीख देकर चिचियाई और एकदम उडी। नौकर के फैले हुए पंजे में वह आकर भी नहीं आ सकी। तब वह उड़ती हुई एक साँस में माँ के पास गई और माँ की गोद में गिरकर सुबकने लगी, “ओ माँ, ओ माँ!”
Question 1. चिड़िया ने माधवदास से क्या कहा?
Answer
Answer: चिड़िया ने माधवदास से कहा-सेठ मुझे डर लगता है। माँ मेरी दूर है। रात हो जाएगी तो राह नहीं सूझेगी।
Question 2. चिड़िया को क्या बोध हुआ?
Answer
Answer: चिड़िया को बोध हुआ कि किसी का कठोर स्पर्श उसके शरीर को छू रहा है।
Question 3. चिड़िया को पकड़ने की कोशिश कौन कर रहा था?
Answer
Answer: चिड़िया को पकड़ने की कोशिश सेठ माधवदास का नौकर कर रहा था।
Question 4. चिड़िया उड़ते हुए कहाँ पहुँची?
Answer
Answer: चिड़िया उड़ते हुए अपने माँ की गोद में पहुंची।
Question 5. चिड़िया क्यों सुबक रही थी?
Answer
Answer: चिड़िया डर के मारे सुबक रही थी?
प्रश्न अभ्यास
कहानी से
प्रश्न 1. किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास को जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था? उत्तर: माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था क्योंकि –
माधवदास के पास खूब सारा सोना-चाँदी था।
उसका संगमरमर का बना बड़ा-सा महल था, जिसके सामने सुंदर-सा बगीचा था।
महल में अनेक दास-दासियाँ थीं।
वह चिड़िया के लिए सोने का पिंजरा तथा सोने की कटोरी बनवा सकता था। माधवदास सुखी नहीं था, क्योंकि
(अ) वह ख्याल ही ख्याल में संध्या को स्वप्न की भाँति गुज़ार देता था। (ब) चिड़िया के आने से उसका मन बहुत खुश हो गया था। (स) उसका महल सूना था। वहाँ कोई चहचहाता नहीं था।
प्रश्न 2. माधवदास क्यों बार-बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है? क्या माधवदास नि:स्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था? स्पष्ट कीजिए। उत्तर: चिड़िया को प्रलोभन देकर वह उसे रोकना चाहता था, इसलिए वह बार-बार यह कह रहा था कि यह बगीचा तुम्हारा ही है। नहीं, माधवदास निःस्वार्थ भाव से ऐसा नहीं कह रहा था। वह तो चिड़िया को प्रलोभन देकर कैद करना चाहता था। सफल न होने पर उसने चिड़िया को बातों में उलझाकर नौकर द्वारा पकड़वाना चाहा था।
प्रश्न 3. माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सख-सविधाओं को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ़ माधवदास की नज़र चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या-क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर: माधवदास को अपने संगमरमर के महल, बागबगीचों, दास-दासियों तथा अपने ढेर सारे सोने-चाँदी पर घमंड था। उसकी दृष्टि में उसका महल, बाग-बगीचा ही सब कुछ है। वह अपने सोने-चाँदी के बल पर किसी को भी आकर्षित कर सकता है या किसी को भी उसका गुलाम बन सकता है। चिड़िया के मन में सोने-चाँदी, महल एवं बाग के लिए कोई लोभ न था। वह तो अपनी माँ, भाई, सूरज, धूप, घास, पानी और फूलों से प्यार करती है। माँ की गोद में ही उसका सबसे बड़ा सुख है। उसे अपनी स्वतंत्रता तथा अपनी माँ प्रिय है।
प्रश्न 4. कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा? चालीस-पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए। उत्तर: नौकर के पंजे से नन्ही चिड़िया के भाग निकलने की बात पढ़कर माधवदास के कपटी स्वभाव के बारे में पता चलता है। एक ओर तो चिड़िया को प्यारी-प्यारी बातों में उलझाए रखता है, पर मन में उस चिड़िया को किसी भी तरह से पकड़ने के लिए दृढ़संकल्प है। इससे ‘मुँह में राम बगल में छुरी’ वाली कहावत चरितार्थ होती है। इससे भी अधिक बुरा यह लगा कि मनुष्य स्वयं तो स्वतंत्र रहना चाहता है पर अपनी खुशी के लिए दूसरों को बंधक बनाना चाहता है।
प्रश्न 5. ‘माँ मेरी बाट देखती होगी’-नन्ही चिड़िया बार-बार इसी बात को कहती है। आप अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि हमारी जिंदगी में माँ का क्या महत्त्व है? उत्तर: हमारी जिंदगी में माँ का अत्यंत महत्त्व है। माँ ही है जो अपनी जान से भी ज्यादा अपनी संतान को प्यार करती है। वह हर तरह के कष्ट सहकर भी अपनी संतान को हर तरह से सुखी रखने का प्रयास करती है। पुत्र को ज़रा-सी चोट लगने की बात सुनकर माँ की जान निकल जाती है। माँ ही बच्चे को मनुष्य बनने का पहला पाठ भी सिखाती है।
प्रश्न 6. इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों? उत्तर: इस कहानी का अन्य शीर्षक-‘सबको प्यारी माँ’, क्योंकि दुनिया में माँ के प्यार जैसा नि:स्वार्थ प्यार किसी का नहीं होता है। इसके अलावा जो सुख माँ की गोद में मिल सकता है वह अन्यत्र दुर्लभ है।
कहानी से आगे
प्रश्न 1. इस कहानी में आपने देखा कि वह चिड़िया अपने घर से दूर आकर भी फिर अपने घोंसले तक वापस पहुँच जाती है। मधुमक्खियों, चींटियों, ग्रह-नक्षत्रों तथा प्रकृति की अन्य विभिन्न चीजों में हमें एक अनुशासनबद्धता देखने को मिलती है। इस तरह के स्वाभाविक अनुशासन का रूप आपको कहाँ-कहाँ देखने को मिलता है? उदाहरण देकर बताइए। उत्तर: स्वाभाविक अनुशासन का रूप हमें अन्य स्थानों पर भी देखने को मिलता है, जैसे –
सूरज, चाँद, तारों का अपने समय पर निकलना तथा छिपना।
पौधे की उम्र होते ही उस पर फूल तथा फल आ जाना।
सर्दी, गर्मी, बरसात, शिशिर, हेमंत, वसंत आदि ऋतुओं का अपने समय पर आना-जाना।
पके फलों का महकना तथा अपने-आप मनुष्य के लिए ज़मीन पर गिर जाना।
पक्षियों का झुंड बनाकर उड़ना तथा गंतव्य तक जाना।
सूर्य-ग्रहण तथा चंद्र-ग्रहण होना।
प्रश्न 2. सोचकर लिखिए कि यदि सारी सुविधाएँ देकर एक कमरे में आपको सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो क्या आप स्वीकार करेंगे? आपको अधिक प्रिय क्या होगा-‘स्वाधीनता’ या ‘प्रलोभनोंवाली पराधीनता’ ? ऐसा क्यों कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता। नीचे दिए गए कारणों को पढ़ें और विचार करें – (क) क्योंकि किसी को पराधीन बनाने की इच्छा रखनेवाला व्यक्ति स्वयं दुखी होता है, वह किसी को सुखी नहीं कर सकता। (ख) क्योंकि पराधीन व्यक्ति सुख के सपने देखना ही नहीं चाहता। (ग) क्योंकि पराधीन व्यक्ति को सुख के सपने देखने का भी अवसर नहीं मिलता। उत्तर: सारी सुविधाएँ मिलने पर भी यदि मुझे एक कमरे में सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकूँगा। मैं वहाँ से हर संभव निकलने का प्रयास करूंगा। मुझे भी अपनी स्वतंत्रता प्रिय है। मुझे स्वाधीन रहना ही प्रिय लगेगा। कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता क्योंकि पराधीन व्यक्ति को सुख के सपने देखने का भी अवसर नहीं मिलता है।
अनुमान और कल्पना
आपने गौर किया होगा कि मनुष्य, पशु, पक्षी-इन तीनों में ही माँएँ अपने बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखती हैं। प्रकृति की इस अद्भुत देन का अवलोकन कर अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर: प्रकृति की यह अद्भुत देन है कि मनुष्य, पशु, पक्षी-इन तीनों में ही माँएँ खुद तो अनेकानेक कष्टों को सहती हैं पर अपनी संतान पर आँच भी नहीं आने देती हैं। पक्षियों तथा अंडे देने वाले जानवरों में माएँ कई दिन तक अपने अंडों को ऊष्णता प्रदान करती हैं तथा जब उनके नवजात शिशु अंडों से बाहर आते हैं तो उनके खाने-पीने के इंतजाम के साथ उनके सक्षम होने तक उनकी रक्षा भी करती हैं। उन बच्चों को समाज में साथ-साथ रहने का गुण भी माँ ही सिखाती है। कंगारू-माँ तो अपने शिशु को पेट में बनी थैली में साथ लेकर चलती है। माँ यदि बच्चों का पूरा ध्यान न रखे तो संतान का अस्तित्व ही ख़तरे में पड़ सकता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. पाठ में पर शब्द के तीन प्रकार के प्रयोग हुए हैं (क) गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी। (ख) कभी पर हिलाती थी। (ग) पर बच्ची काँप-काँपकर माँ की छाती से और चिपक गई। तीनों पर के प्रयोग तीन उद्देश्यों से हुए हैं। इन वाक्यों का आधार लेकर आप भी ‘पर’ का प्रयोग कर ऐसे तीन वाक्य बनाइए जिनमें अलग-अलग उद्देश्यों के लिए पर के प्रयोग हुए हों। उत्तर: विभिन्न उद्देश्यों में पर के प्रयोगपर – मेज पर पुस्तकें रखी हैं। पर – उसने बहुत कोशिश की पर अपने उद्देश्य में सफल न हो सका। पर – सर्दी से बचने के लिए पक्षी ने अपने पर फुला लिए। पर – पर हित की बात किए बिना मानव सुखी नहीं हो सकता है।
प्रश्न 2. पाठ में तैंने, छनभर, खुश करियो-तीन वाक्यांश ऐसे हैं जो खड़ीबोली हिंदी के वर्तमान रूप में तूने, क्षणभर, खुश करना लिखे-बोले जाते हैं लेकिन हिंदी के निकट की बोलियों में कहीं-कहीं इनके प्रयोग होते हैं। इस तरह के कुछ अन्य शब्दों की खोज कीजिए। उत्तर: हिंदी के निकट की बोलियों में प्रयोग होने वाले शब्द-मैनूँ, पंज, भयो, खायो, चले जाइयो, पाइयाँ, कित आदि।
Question 1. ‘शाम-एक किसान’ कविता के रचयिता कौन हैं? (a) भवानीप्रसाद मिश्र (b) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना (c) नागार्जुन (d) शिवप्रसाद सिंह
Answer
Answer: (b) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
Question 2. पहाड़ को किन रूपों में दर्शाया गया है? (a) संध्या के रूप में (b) किसान के रूप में (c) एक पहरेदार के रूप में (d) एक बच्चे के रूप में
Answer
Answer: (b) किसान के रूप में
Question 3. चिलम के रूप में किसका चित्रण किया गया है? (a) पहाड़ का (b) पलाश का (c) अँगीठी का (d) सूर्य का
Answer
Answer: (d) सूर्य का
Question 4. पहाड़ के चरणों में बहती नदी किस रूप में दिखाई देती है? (a) चादर के रूप में (b) साफ़े के रूप में (c) रंभाल के रूप में (d) किसान के धोती के रूप में
Answer
Answer: (a) चादर के रूप में
Question 5. कौन-सी अँगीठी दहक रही है? (a) कोयले की (b) लकड़ी की (c) पलाश के जंगल की (d) प्रकृति की
Answer
Answer: (c) पलाश के जंगल की
Question 6. ‘चिलम आधी होना’ किसका प्रतीक है? (a) सूरज के डूबने का (b) सूरज के चमकने का (c) दिन खपने का (d) रात होने का
Answer
Answer: (a) सूरज के डूबने का
Question 7. भेड़ों के झुंड-सा अंधकार कहाँ बैठा है? (a) पूरब दिशा में (b) पश्चिम दिशा में (c) उत्तर दिशा में (d) दक्षिण दिशा में
Answer
Answer: (a) पूरब दिशा में
Question 8. सूरज डूबते ही क्या हुआ? (a) तेज़ प्रकाश (b) चारों ओर अंधकार (c) शाम हो गई (d) चारों ओर प्रकाश फैल गई
Answer
Answer: (b) चारों ओर अंधकार
(1)
आकाश का साफ़ा बाँधकर सूरज की चिलम खींचता बैठा है पहाड़, घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी, पास ही दहक रही है पलाश के जंगल की अँगीठी अँधकार दूर पूर्व में सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा।
Question 1. इस काव्यांश के रचयिता कौन हैं? (a) सुमित्रानंदन पंत (b) रामधारी सिंह दिनकर (c) मैथिली शरण गुप्त (d) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
Answer
Answer: (d) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
Question 2. पहाड़ किस रूप में है? (a) चिलम के रूप में (b) किसान के रूप में (c) साफ़ा के रूप में (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) किसान के रूप में
Question 3. जंगल में खिले पलाश के फूल किसके समान दिखते हैं? (a) जलती अँगीठी की तरह (b) सूर्य की लालिमा की तरह (c) उगते हुए सूर्य की किरण की तरह (d) इनमें कोई नहीं
Answer
Answer: (a) जलती अँगीठी की तरह
Question 4. अंधेरे की तुलना किससे की गई है? (a) झुंड में बैठी भेड़ों से (b) चिलम से (c) पहाड़ों से (d) किसान से
Answer
Answer: (a) झुंड में बैठी भेड़ों से
Question 5. इस कविता में पहाड़ को किस रूप में दर्शाया है ?
Answer
Answer: इस कविता में पहाड़ को किसान के रूप में दर्शाया गया है।
Question 6. कौन, किस रूप में बैठा है ?
Answer
Answer: पहाड़ एक किसान के रूप में घुटने मोड़कर बैठा है। उसने सिर पर आकाश का साफ़ा बाँध रखा है तथा चिलम पी रहा है।
Question 7. आकाश को किस रूप में दिखाया गया है?
Answer
Answer: आकाश को किसान के साफ़े के रूप में दिखाया गया है।
Question 8. किसान किस रूप में बैठा है?
Answer
Answer: किसान पहाड़ के रूप में घुटने मोड़कर नदी की चादर घुटने पर डाले हुए तथा आकाश का साफ़ा बाँधकर बैठा है।
Question 9. किसे दहकती अँगीठी बताया गया है?
Answer
Answer: पलाश के लाल-लाल फूलों को दहकती अँगीठी बताया गया है।
Question 10. कविता में सूरज की तुलना किस रूप में की गई है?
Answer
Answer: कविता में सूरज की तुलना चिलम के रूप में किया गया है, जिसमें आग सुलग रही है उसे पहाड़ रूपी किसान पी रहा है।
(2)
अचानक बोला मोर। जैसे किसी ने आवाज़ दी- ‘सुनते हो’। धुआँ उठा- सूरज डूबा अँधेरा छा गया।
Question 1. अचानक कौन बोला? (a) मोर (b) कौआ (c) किसान (d) नदी
Answer
Answer: (a) मोर
Question 2. ‘चिलम आधी होना’ किसका प्रतीक है? (a) शाम होने का (b) सूरज चमकने का (c) सूरज का डूबना (d) सूरज का निकलना
Answer
Answer: (c) सूरज का डूबना
Question 3. किस मौसम की शाम का वर्णन है? (a) गरमी की (b) वर्षा की (c) सरदी की (d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (c) सरदी की
Question 4. पेड़ों के झुंड-सा अंधकार कहाँ बैठा है? (a) उत्तर दिशा में (b) पूरब दिशा में (c) दक्षिण दिशा में (d) पश्चिम दिशा में
Answer
Answer: (b) पूरब दिशा में
Question 5. इस कविता में किस वातावरण का वर्णन है?
Answer
Answer: इस कविता में जाड़े की एक संध्या के वातावरण का वर्णन है।
Question 6. आवाज़ से चिलम क्यों आधी हो गई?
Answer
Answer: आवाज़ सुनकर शाम रूपी किसान हड़-बड़ाकर उठा होगा, जिससे असावधानीवश चिलम उलट गई होगी।
Question 7. चिलम के उलटने से क्या हो गया?
Answer
Answer: चिलम के उलटने से सूरज डूब गया और धुएँ जैसा चारों तरफ़ अंधकार छा गया।
Question 8. मोर ने शाम के समय में क्या आवाज़ दी?
Answer
Answer: मोर ने शाम के समय आवाज़ लगाई–’सुनते हो’ ।
Question 9. चिलम आधी होने का क्या अर्थ है ?
Answer
Answer: ‘चिलम आँधी’ का अर्थ है सूर्य का ताप कम होना।
प्रश्न अभ्यास
कविता से
प्रश्न 1. इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है-यह एक रूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफे में दिखाते हुए कविता में ‘आकाश का साफ़ा’ वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानो नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाँचवीं एकरूपताओं को खोजकर लिखिए। उत्तर:
आकाश का साफ़ा
पलाश के जंगल की अंगीठी
नदी चादर सी
सूरज की चिलम
भेड़ों के गल्ले-सा अंधकार।
प्रश्न 2. शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए (क) शाम कब से शुरू हुई? (ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा? (ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आए? उत्तर: अपने घर की छत या खिड़की से शाम का दृश्य देखने पर पता चलता है कि (क) जाड़े में दिन छोटे वायुमंडल में कोहरा तथा सूर्य का प्रकाश ऊष्माहीन होने के कारण शाम जल्दी अर्थात् चार, सवा चार बजे हो गई। (ख) तब से लेकर सूरज डूबने में एक या सवा घंटा समय लगा। (ग) इस समय आसमान में निम्नलिखित परिवर्तन हुए –
आसमान में सूर्य का प्रकाश कमज़ोर पड़ता गया।
आसमान में उड़ते पक्षी अपने घोंसलों की ओर लौटने लगे।
पूरब की दिशा में क्षितिज से अंधेरे का आगमन होने लगा।
डूबते सूरज के आस-पास आसमान पर लालिमा छा गई।
प्रश्न 3. मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो- ‘सुनते हो’। नीचे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए – कबूतर कौआ मैना तोता चील हंस उत्तर: कबूतर – खत ले लो कौआ – मेहमान आएँगे मैना – गाते हो तोता – पढ़ते हो चील – देखते हो
कविता से आगे
प्रश्न 1. इस कविता को चित्रित करने के लिए किन-किन रंगों का प्रयोग करना होगा? उत्तर: इस कविता को चित्रित करने के लिए नीला, . लाल, भूरा, काला, हरा, कत्थई रंगों का प्रयोग करना होगा।
प्रश्न 2. शाम के समय ये क्या करते हैं, पता लगाइए और लिखिए – पक्षी खिलाड़ी फलवाले माँ । पेड़-पौधे पिता जी किसान बच्चे उत्तर: शाम के समय ये निम्नलिखित कार्य करते हैं –
पक्षी-कलरव करते हुए उड़कर अपने-अपने घोंसलों या कोटर की ओर जाते हैं।
पेड़-पौधे-उन पर खिले फूल मुरझा जाते हैं। उन पर पड़ी ओस के कारण ऐसा लगता है कि वे दिन भर की धूल व थकान उतारने के लिए अभी-अभी नहाए हैं। कुछ मुरझाए फूलों को देखकर लगता है कि वे आँखें बंद करके सोने की कोशिश कर रहे हैं।
खिलाड़ी-अपने खेल का अभ्यास तथा व्यायाम करते हैं।
पिताजी-दफ़्तर से आकर चाय पीते हैं और मुझे पढ़ के लिए कहते हैं।
फलवाले-ऊँची आवाज़ में बोलकर फल बेचने की कोशिश करते हैं और लोगों का ध्यान आकति करते हैं।
किसान-किसान अपने बैलों के साथ तसे वापस आते हैं, और बैलों तथा गायों को चारा-पानी देते हैं। माँ-परिवार के सदस्यों के लिए भोजन पकाती है और बच्चों का गृहकार्य कराती है।
बच्चे-खेलते-कूदते हैं। शोर करते हैं। टेलीविज़न देखते हैं। कुछ बच्चं माता-पिता का कहना मानकर पढ़ने बैट जाते हैं।
प्रश्न 3. हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है – संध्या का झुटपुट बाँसों का झुरमुट है चहक रहीं चिड़ियाँ टी-वी-टी–टुट्-टुट्
ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा? लिखिए। उत्तर: इस कविता और सर्वेश्वरदयाल की कविता में प्रमुख अंतर है कि –
इस कविता में केवल पक्षियों के कलरव का वर्णन है जबकि सर्वेश्वर- दयाल की कविता में पहाड़, नदी, पलाश के खिले फूल, डूबता सूरज, बोलता मोर तथा आसमान पर गहराते अंधेरे का वर्णन है।
इस कविता में सूर्यास्त के बाद के समय का वर्णन है जबकि दूसरी कविता में सूर्यास्त के पहले तथा सूर्यास्त के समय का वर्णन है।
इस कविता की भाषा अत्यंत सरल तथा बोलचाल के शब्दों से युक्त है जबकि उस कविता में प्रकृति का मानवीकरण करते हुए सरल तथा बोधगम्य भाषा का प्रयोग किया गया है।
अनुमान और कल्पना
शाम के बदले यदि आपको एक कविता सुबह के बारे में लिखनी हो तो किन-किन चीज़ों की मदद लेकर अपनी कल्पना को व्यक्त करेंगे? नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के आधार पर सोचिए पेड़ों के झुनझुने। बजने लगे; लुढ़कती आ रही है. सूरज की लाल गेंद। उठ मेरी बेटी, सुबह हो गई। …………..सर्वेश्वरदयाल सक्सेना उत्तर: यदि मुझे सुबह के बारे में कविता लिखनी हो तो निम्न चीजों की मदद लेकर अपनी कल्पना व्यक्त करूँगा चिड़िया का बोलना, हवा में पेड़ों का हिलना, फूलों का खिलना, आसमान में उगते सूरज की लालिमा छाना, तारों का गायब हो जाना, मंदिरों में बजती घंटियों आदि की आवाज़।
भाषा की बात –
प्रश्न 1. नीचे लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए (क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सा (ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा (ग) पानी का परदा-सा मेरे आसपास था हिल रहा (घ) मँडराता रहता था एक मरियल-सा कुत्ता आसपास (ङ) दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा (च) घास पर फुदकती नन्ही-सी चिड़िया इन पंक्तियों में सा / सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से कैसे शब्दों के साथ हो रहा है? उत्तर: सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से दो प्रकार के शब्दों के साथ हो रहा है (i) संज्ञा शब्दों के साथ जैसे-चादर-सी, गल्ले-सा तथा पर्दा सा। (ii) विशेषण शब्दों के साथ-मरियल-सा, छोटा-सा तथा नन्ही सी। हाँ, सा/सी का प्रयोग तुलना करने या समानता बताने के लिए किया जा रहा है। जैसे चादर-सी, गल्ले-सा, पर्दा-सा, मरियल-सा। अलग अर्थ में-सा/सी का प्रयोग मात्रा या आकार बताने के लिए किया जा रहा है। जैसे-छोटा-सा, नन्ही-सी।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग आप किन संदर्भो में करेंगे? प्रत्येक शब्द के लिए दो-दो संदर्भ (वाक्य) रचिए। आँधी दहक सिमटा उत्तर: आँधी – (i) धूल भरी तेज़ गति से चलने वाली हवा के संदर्भ में (ii) हलचल मचाने के संदर्भ में
दहक – (i) अग्नि, लपट, ज्वाला के संदर्भ में (ii) जलन, दाह के संदर्भ में।
सिमटा – (i) संकुचित होने के संदर्भ में (ii) समाप्त होने के संदर्भ में
Question 1. इस पाठ और लेखक का नाम इनमें से कौन-सा है? (a) दादी माँ-शिवप्रसाद सिंह (b) हिमालय की बेटियाँ-नागार्जुन (c) मिठाईवाला-भगवती वाजपेयी (d) पापा खो गए-विजय तेंदुलकर
Answer
Answer: (d) पापा खो गए-विजय तेंदुलकर
Question 2. खंभा, पेड़, लैटरबक्स सभी एक साथ कहाँ खड़े थे? (a) विद्यालय के समीप (b) जंगल के पास (c) समुद्र के किनारे (d) झील के किनारे
Answer
Answer: (c) समुद्र के किनारे
Question 3. इस पाठ में किस समय यह घटनाएं हो रही हैं ? (a) प्रातःकाल (b) सायंकाल (c) रात्रि में (d) दोपहर में
Answer
Answer: (c) रात्रि में
Question 4. पत्र को कौन पढ़ रहा है? (a) पेड़ (b) कौआ (c) लैटरबक्स (d) खंभा
Answer
Answer: (c) लैटरबक्स
Question 5. खंभे के स्वभाव के बारे में पेड़ क्या सोचता था? (a) वह बहुत दुष्ट है (b) वह बहुत सभ्य है (c) वह मिलनसार है (d) वह अभिमानी है
Answer
Answer: (c) वह मिलनसार है
Question 6. आसमान में गड़गड़ाती बिजली किस पर आ गिरी थी? (a) खंभे पर (b) पेड़ पर (c) लैटरबक्स पर (d) पोस्टर पर
Answer
Answer: (b) पेड़ पर
Question 7. ‘आदमी’ लड़की को छोड़कर कहाँ चला गया? (a) खाना खाने (b) घूमने चला गया (c) बच्चे को उठाने (d) सोने के लिए
Answer
Answer: (a) खाना खाने
Question 8. ‘फ़ीस के पैसे क्या फोकट में आते हैं?’-का भाव क्या है? (a) फ़ीस मुफ्त में आती है (b) पढ़ाई मुफ्त में होनी चाहिए (c) फ़ीस के पैसे बड़ी मुश्किल से आते हैं (d) फ़ीस अवश्य जमा करना चाहिए
Answer
Answer: (c) फ़ीस के पैसे बड़ी मुश्किल से आते हैं
(1)
तब भी बरसात की रातों से तो ये रातें कहीं अच्छी हैं, पेड़राजा! बरसात की रातों में तो रातभर भीगते रहो, बादलों से आनेवाले पानी की मार खाते रहो, तेज़ हवाओं में भी बल्ब को कसकर पकड़े बराबर एक टाँग पर खड़े रहो-बिलकुल अच्छा नहीं लगता। उस वक्त लगता है, इससे तो अच्छा था…न होता बिजली के खंभे का जन्म! बल्ब फेंक, तब दूर कहीं भाग जाने का जी होता है।
Question 1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम बताएँ। (a) बरसात की रातें-मीरा बाई (b) पापा खो गए—विजय तेंदुलकर (c) चिड़िया की बच्ची-जैनेद कुमार (d) कठपुतली-भवानीप्रसाद मिश्र
Answer
Answer: (b) पापा खो गए—विजय तेंदुलकर
Question 2. खंभे की बातों को कौन सुन रहा है? (a) पेड़ (b) बादल (c) पत्र-पेटी (d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (a) पेड़
Question 3. खंभे को किस ऋतु की रात पसंद नहीं है? (a) सरदी (b) गरमी (c) बरसात (d) वसंत
Answer
Answer: (c) बरसात
Question 4. खंभा किसे कसकर पकड़े रहता है? (a) स्वयं को (b) बल्ब को (c) लड़की को (d) हवा को।
Answer
Answer: (b) बल्ब को
Question 5. खंभे की परेशानी क्या है? (a) बारिश में भींगना (b) एक टाँग पर खड़े रहना (c) तेज़ आँधी तूफान में बल्ब को सँभाल कर रखना (d) उपर्युक्त सभी।
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी।
(2)
अपने पत्तों का कोट पहनकर मुझे सरदी, बारिश या धूप में उतनी तकलीफ़ नहीं होती, तो भी तुमसे बहुत पहले का खड़ा हूँ मैं यहाँ। यहीं मेरा जन्म हुआ-इसी जगह। तब सब कुछ कितना अलग था यहाँ। वहाँ के, वे सब ऊँचे-ऊँचे घर नहीं थे तब। यह सड़क भी नहीं थी। वह सिनेमा का बड़ा सा पोस्टर और उसमें नाचनेवाली औरत भी तब नहीं थी। सिर्फ सामने का यह समुद्र था। बहुत अकेलापन महसूस होता था। तुम्हें जब यहाँ लाकर खड़ा किया तो सोचा, चलो कोई साथी तो मिला-इतना ही सही। लेकिन वो भी कहाँ? तुम शुरू-शुरू में मुझसे बोलने को ही तैयार नहीं थे। मैंने बहुत बार कोशिश की, पर तुम्हारी अकड़ जहाँ थी वहीं कायम! बाद में मैंने भी सोच लिया, इसकी नाक इतनी ऊँची है तो रहने दो। मैंने भी कभी आवाज़ नहीं लगाई, हाँ! अपना भी स्वभाव ज़रा ऐसा ही है।
Question 1. कौन किससे कह रहा है? (a) पेड़ अपने आप से (b) पेड़ खंभे को (c) पेड़ कौए को (d) पेड़ चोर को
Answer
Answer: (b) पेड़ खंभे को
Question 2. जब पेड़ का जन्म हुआ तो उस स्थान पर विशेष रूप से क्या था? (a) सड़क (b) पोस्टर (c) समुद्र (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (c) समुद्र
Question 3. ‘तुम्हें जब यहाँ लाकर खड़ा किया गया’ किसे खड़ा करने को कहा गया है? (a) पेड़ को (b) खंभे को (c) लेटर बॉक्स को (d) ऊँचे मकान को
Answer
Answer: (b) खंभे को
Question 4. किसकी नाक ऊँची थी? (a) पेड़ की (b) खंभे की (c) लड़की की (d) सभी की
Question 6. किसने आवाज़ नहीं लगाई ? (a) पेड़ ने (b) खंभे ने (c) लड़की ने (d) पत्र-पेटी ने।
Answer
Answer: (a) पेड़ ने
(3)
मैं बच्चे उठानेवाला हैं। दसरा कोई काम करने की मेरी इच्छा नहीं होती। अभी थोड़ी देर पहले एक घर से यह लड़की उठाई है मैंने। गहरी नींद सो रही थी। अब तक उठी नहीं है। उठेगी भी नहीं, मैंने इसे थोड़ी बेहोशी की दवा जो दी है। अब मुझे लगी है भूख। दिनभर कुछ खाने का वक्त ही नहीं मिला। पेट में जैसे चूहे दौड़ रहे हों!..तो ऐसा किया जाए…इसे यहीं लेटाकर अपने ज़रा कुछ खाने की तलाश करें…देखें कुछ मिल जाए तो! इतनी रात गए यहाँ इस वक्त अब किसी का आना मुमकिन नहीं।
Question 1. कौन, किससे, क्या कह रहा है? (a) पेड़ बच्चे उठानेवाले से (b) बच्चे उठानेवाला अपने आप से (c) कौआ बच्चे उठानेवाले से (d) इनमें कोई नहीं
Answer
Answer: (b) बच्चे उठानेवाला अपने आप से
Question 2. उसने लड़की को कहाँ से उठाया था? (a) सड़क पर से (b) खेल के मैदान से (c) सोई हुई लड़की को उसके घर से (d) विद्यालय से
Answer
Answer: (c) सोई हुई लड़की को उसके घर से
Question 3. वह लड़की को छोड़कर कहाँ चला गया? (a) दूसरे बच्चे को उठाने (b) चोरी करने (c) खाना खाने (d) सोने चला गया
Answer
Answer: (c) खाना खाने
Question 4. उसने यह क्यों सोचा कि लड़की नहीं उठेगी? (a) क्योंकि वह भूखी है (b) क्योंकि लड़की को उसने बेहोशी की दवा पिलाई थी (c) लड़की बेहोश थी (d) क्योंकि उसे उसने गहरी नींद में सुलाया था।
Answer
Answer: (b) क्योंकि लड़की को उसने बेहोशी की दवा पिलाई थी
Question 5. ‘मुमकिन’ शब्द का तात्पर्य है- (a) संभव (b) असंभव (c) मँगाना (d) मारना।
Answer
Answer: (a) संभव
(4)
कौआ उसके कान में कुछ कहता है। लैटरबक्स स्वीकृति में गरदन हिलाता है। अँधेरा। कुछ देर बाद उजाला। सुबह होती है। खंभा अपनी जगह पर टेढ़ा होकर खड़ा है। पेड़ सोई हुई लड़की पर झुककर अपनी छाया किए हुए है। कौए की काँव-काँव ज़ोर-ज़ोर से सुनाई दे रही है और सिनेमा के पोस्टर पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है-पापा खो गए हैं। पोस्टर पर बनी नाचनेवाली की इससे मेल खानेवाली भंगिमा। लेटर बॉक्स धीरे से सरकता हुआ प्रेक्षकों की ओर आता है।
Question 1. खंभा क्यों झुक गया? (a) आँधी आने के कारण (b) लोगों व पुलिस को आकर्षित करने के लिए (c) लड़की को बचाने के लिए (d) तेज़ बारिश के कारण
Answer
Answer: (b) लोगों व पुलिस को आकर्षित करने के लिए
Question 2. पेड़ झुककर छाया क्यों कर रहा था? (a) क्योंकि नीचे एक व्यक्ति बैठा था (b) क्योंकि नीचे लड़की सो रही थी (c) खंभे के कहने पर (d) पेड़ का आकार ऐसा ही था
Answer
Answer: (b) क्योंकि नीचे लड़की सो रही थी
Question 3. उपर्युक्त गद्यांश के लेखक का नाम बताएँ- (a) शिव प्रसाद सिंह (b) विजय तेंदुलकर (c) नागार्जुन (d) यतीश अग्रवाल
Answer
Answer: (b) विजय तेंदुलकर
Question 4. कौआ काँव-काँव क्यों कर रहा था? (a) उसे भूख लगी थी (b) लड़की को जगाने के लिए (c) पुलिस को बुलाने के लिए (d) उस व्यक्ति से बचाने के लिए
Answer
Answer: (c) पुलिस को बुलाने के लिए
Question 5. सिनेमा के पोस्टर पर बड़े-बड़े अक्षरों में क्या लिखा था? (a) लड़की चोरी हो गई (b) लड़की का नाम (c) पापा खो गए (d) माता-पिता का नाम
Answer
Answer: (c) पापा खो गए
Question 6. पेड़ झुककर, खंभा टेड़ा होकर और कौआ काँव-काँव करके क्या संकेत देना चाह रहे थे? (a) दुर्घटना होने की (b) लोगों को उस जगह बुलाने का (c) लड़की को उसके घर तक पहुँचाने का (d) उपर्युक्त सभी।
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी।
(5)
अपने पत्तों का कोट पहनकर मुझे सरदी, बारिश या धूप में उतनी तकलीफ़ नहीं होती, तो भी तुमसे बहुत पहले का खड़ा हूँ मैं यहाँ। यहीं मेरा जन्म हुआ-इसी जगह। तब सब कुछ कितना अलग था यहाँ। वहाँ के, वे सब ऊँचे-ऊँचे घर नहीं थे तब। यह सडक भी नहीं थी। वह सिनेमा का बड़ा-सा पोस्टर और उसमें नाचनेवाली औरत भी तब नहीं थी। सिर्फ सामने का यह समुद्र था। बहुत अकेलापन महसूस होता था। तुम्हें जब यहाँ लाकर खड़ा किया गया तो सोचा, चलो कोई साथी तो मिला-इतना ही सही। लेकिन वो भी कहाँ? तुम शुरू-शुरू में मुझसे बोलने को ही तैयार नहीं थे। मैंने बहुत बार कोशिश की, पर तुम्हारी अकड़ जहाँ थी वहीं कायम! बाद में मैंने भी सोच लिया, इसकी नाक इतनी ऊँची है तो रहने दो। मैंने भी कभी आवाज़ नहीं लगाई, हाँ! अपना स्वभाव ज़रा ऐसा ही है।
Question 1. पेड़ अपने जन्म के बारे में क्या कहता है ?
Answer
Answer: पेड़ अपने जन्म के बारे में कहता है कि अपने पत्तों का कोट पहनकर मुझे सरदी, बारिश या धूप में उतनी तकलीफ़ नहीं होती, तो भी तुम से पहले का खड़ा हूँ। पहले मेरा जन्म इसी जगह हुआ।
Question 2. पेड़ की बातों को कौन सुन रहा है?
Answer
Answer: पेड़ की बातों को खंभा, पोस्टर एवं लैटरबाक्स सुन रहे हैं।
Question 3. ‘यहीं मेरा जन्म हुआ’-किसका कथन है?
Answer
Answer: यह कथन पेड़ का है।
Question 4. तब पेड के सामने क्या था?
Answer
Answer: तब पेड़ के सामने सिर्फ समुद्र था।
Question 5. किसमें अकड़ की बात की जा रही है?
Answer
Answer: बिजली के खंभे के अकड़ की बात की जा रही है।
(6)
चलता है पता तो चल जाने दो। मेरी तरह यहाँ रात-दिन बैठकर दिखाएँ तब पता चले। परसों वह पोस्टमैन मेरे पेट में से चिट्ठियाँ निकाल रहा था और मुझे इतनी लंबी जम्हाई आई कि रोके नहीं रुकी। (जम्हाई लेता है।) वह देखता ही रह गया। चिट्ठियों का बंडल बनाकर जल्दी-जल्दी चलता बना वह। लेकिन यह लैटरबक्स, इसे नहीं बोरियत होती एक जगह बैठे-बैठे? मैं कहता हूँ चार चिट्ठियाँ मन बहलाने के लिए पेड़ भी ले तो क्या हो गया?
Question 1. ‘चलता है पता तो चल जाने दो।’ किसने और क्यों कहा?
Answer
Answer: ‘चलता है पता तो चल जाने दो।’ यह कथन लैटरबक्स के हैं। लैटरबक्स ने यह कथन इसलिए कहा क्योंकि चोरी-चोरी किसी की चिट्ठियों को पढ़ना ठीक नहीं है। पोस्टर मास्टर को पता चल गया तो क्या होगा। लैटरबक्स अपनी बोरियत दूर करने के लिए ऐसा करता है, इसलिए कहता है-चलता है पता तो चल जाने दो।
Question 2. लैटरबक्स के साथ परसों कौन-सी घटना घटी।
Answer
Answer: लैटरबक्स के साथ घटना घटी कि परसों पोस्टमैन के पत्र निकालते समय लैटरबक्स को जम्हाई आ रही थी, फिर वह चिट्ठियों का बंडल बनाकर चलता बना।
Question 3. लैटरबक्स अपनी गलती की क्या सफाई देता है ?
Answer
Answer: लैटरबक्स अपनी सफ़ाई देते हुए कहता है कि अपनी बोरियत दूर करने और मन बहलाने के लिए दो-चार चिट्ठियाँ पढ़ ली तो क्या गलत कर दिया।
Question 4. एक जगह बैठने से लैटरबक्स को क्या परेशानी होती है?
Answer
Answer: एक जगह लैटरबक्स के बैठने से बोरियत होती है।
Question 5. इस गद्यांश के लेखक कौन हैं ?
Answer
Answer: इस गद्यांश के लेखक विजय तेंदुलकर हैं।
(7)
मैं बच्चे उठानेवाला हूँ। दूसरा कोई काम करने की मेरी इच्छा नहीं होती। अभी थोड़ी देर पहले एक घर से यह लड़की उठाई है मैंने। गहरी नींद सो रही थी। अब तक उठी नहीं है। उठेगी भी नहीं, मैंने इसे थोड़ी बेहोशी की दवा जो दी है। अब मुझे लगी है भूख। दिनभर कुछ खाने का वक्त ही नहीं मिला। पेट में जैसे चूहे दौड़ रहे हों!..तो ऐसा किया जाए…इसे यहीं लेटाकर अपने ज़रा कुछ खाने की तलाश करें…देखें कुछ मिल जाए तो! इतनी रात गए यहाँ इस वक्त अब किसी का आना मुमकिन नहीं ।
Question 1. बच्चा उठानेवाला कौन है ?
Answer
Answer: बच्चा उठानेवाला एक भिखारी जैसा व्यक्ति है।
Question 2. बच्चे उठानेवाला अपने बारे में क्या कहता है ?
Answer
Answer: बच्चे उठानेवाला व्यक्ति अपने बारे में कहता है कि वह बच्चे उठाने के सिवा और कोई कार्य नहीं कर सकता है।
Question 3. लड़की की क्या दशा थी?
Answer
Answer: लड़की गहरी नींद सो रही थी, उस पर बेहोशी का प्रभाव है।
Question 4. वह व्यक्ति लड़की को छोड़कर कहाँ चला गया?
Answer
Answer: वह व्यक्ति लड़की को छोड़कर खाना खाने चला गया।
Question 5. बच्चा उठानेवाला व्यक्ति क्या करना चाहता है ?
Answer
Answer: बच्चा उठाने वाला व्यक्ति भोजन की तलाश करना चाहता है।
(8)
यो तो ठीक लग रहे हैं। फिर मुझे जो दिखाई दिया वह सपना था…या कुछ और? (फिर गौर से देखती है, सभी नि:स्तब्ध।) कौन बोल रहा था? कौन गप्पें मार रहा था? (सभी चप) कौन बातें कर रहा था? मुझे…मुझे डर लग रहा है। मैं कहाँ हूँ? यह…यह सब क्या है? मेरा घर कहाँ है? मेरे पापा कहाँ हैं? मम्मी कहाँ हैं ? कहाँ हूँ मैं? मुझे…मुझे बहुत डर लग रहा है…बहुत डर लग रहा है। कैसा अँधेरा है चारों तरफ़! रात है…सपना देख रही थी मैं। पर सब सच है…कोई तो बोलो न…नहीं तो चीखंगी मैं…चीखंगी।
Question 1. यह संवाद कौन कह रहा है? कौन ठीक लग रहे हैं ? किसे?
Answer
Answer: यह संवाद लड़की का है। लैटरबक्स बिजली का खंभा, पेड़ और कौआ लड़की को ठीक लग रहे हैं।
Question 2. लड़की के दिमाग में कौन-कौन से प्रश्न उठते हैं?
Answer
Answer: लड़की के दिमाग में ये प्रश्न उठते हैं-मैं कहाँ हूँ? मेरा घर कहाँ है? मेरे पापा कहाँ है? मम्मी कहाँ हैं ?
Question 3. लड़की को डर क्यों लग रहा है?
Answer
Answer: लड़की को डर इसलिए लग रहा है कि चारों ओर काफ़ी अँधेरा है। रात है।
Question 4. लड़की क्या करेगी?
Answer
Answer: लड़की चीखेगी।
(9)
पुलिस को लगेगा एक्सीडेंट हो गया। वो यहाँ आएगी और हमारी इस छोटी सहेली को देखेगी। वो लगाएगी इसके घर का पता। पुलिस सबके घर का पता मालूम करती है। खोए हुए बच्चों को उनके घर पहुँचाती है?
Question 1. यह संवाद कौन, किससे कह रहा है?
Answer
Answer: यह संवाद पेड़; खंभा और कौआ आपस में कह रहे हैं। वे लड़की को उसके घर पहुँचाना चाहते हैं। उनका मानना है कि पुलिस ही उसे उसके घर तक पहुँचा सकती है, क्योंकि लड़की को अपने घर का पता भी मालूम नहीं होता। इसलिए ही वे इस तरह खड़े होने की योजना बनाते हैं कि पुलिस को लगे कि यहाँ कोई दुर्घटना हो गई है।
Question 2. ऊपर लिखी तरकीब किसने सोची और क्यों?
Answer
Answer: ऊपर लिखी तरकीब कौए ने सोची, क्योंकि उन्हें बच्ची को उसके घर तक सही-सलामत पहुँचा देने की चिंता थी। वे कुछ ऐसा तरकीब करना चाह रहे थे जिससे बच्ची अपने घर पहुँच जाए।
Question 3. पुलिस लड़की के लिए क्या करेगी? और क्यों?
Answer
Answer: पुलिस लड़की के लिए वहाँ आएगी तो उस छोटी बच्ची को देखेगी। फिर वह उसके घर का पता लगाकर उसे वहीं पहुँचा देगी क्योंकि पुलिस खोए हुए बच्चों को उनके घर पहुँचाती है।
Question 4. उपर्युक्त पद्यांश में छोटी सहेली किसे कहा गया है?
Answer
Answer: उपर्युक्त पद्यांश में छोटी सहेली उस लड़की को कहा गया है जिसे आदमी लाया था और पेड़, खंभा, लैटरबक्स ने उसे उस आदमी से बचाया था।
प्रश्न अभ्यास
नाटक से
प्रश्न 1. नाटक में आपको सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों? उत्तर: नाटक में सबसे बुद्धिमान पात्र कौआ लगा, क्योंकि लड़की को बचाने में वह सबसे ज़्यादा बुद्धिमानी दिखाता है। पहली बार जब वह भिखारी को लड़की उठाने के लिए आता देखकर ‘भूत’ चिल्लाता है और सबके ‘भूत-भूत’ चिल्लाने पर उसे भागना पड़ता है। दूसरी बार कौआ ही सबको लड़की को उसके पापा के पास पहुँचाने की योजना बताता है।
प्रश्न 2. पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसे हुई? उत्तर: पेड़ और खंभा दोनों पास स्थित थे। एक बार आँधी में खंभा जब गिरने लगा था तो पेड़ ने उसे सहारा देकर गिरने से बचा लिया था। इस क्रिया में पेड़ जख्मी हो गया था। तब से दोनों में दोस्ती हो गई।
प्रश्न 3. लैटरबक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे? उत्तर: लैटरबक्स को लाल ताऊ कहकर इसलिए पुकारते हैं क्योंकि वह पढ़ा-लिखा है और दूसरों की चिट्ठियाँ अपने पेट से निकालकर पढ़ता है। वह परीक्षित के स्कूल छोड़कर बंटे खेलने से दुखी है। वह कहता है कि यदि वह परीक्षित का हेडमास्टर होता तो परीक्षित के होश ठिकाने पर ला देता।
प्रश्न 4. लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है? उत्तर: लाल ताऊ बाकी पात्रों से भिन्न है, क्योंकि
पढ़ा-लिखा होने के कारण वह दूसरे की चिट्ठियाँ निकालकर पढ़ता है।
वह मधुर आवाज़ में बात करता है।
उसका रंग लाल है। उसे लाल ताऊ कहा जाता है।
नाटक के अंत में वह प्रेक्षकों से कहता है कि यदि इस लड़की के पापा मिल जाएँ तो उन्हें जल्दी यहाँ लाएँ।
प्रश्न 5. नाटक में बच्ची को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको मजेदार लगीं? लिखिए। उत्तर: बच्ची को बचाने वाले सजीव पात्रों में कौए की निम्नलिखित बातें मज़ेदार लगीं –
कौआ लड़की उठाने वाले को आता देख सबसे पहले भूत कहकर चिल्लाता है।
कौआ पेड़ से देर तक छाया देने तथा खंभे को तिरछा या झुककर खड़े होने को कहता है, जिससे कि यह लगे कि दुर्घटना हो गई है।
लोगों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए ‘काँव-काँव’ करते हुए उनकी चीजें उठाकर वहाँ लाता है, जिससे लोगों का ध्यान लड़की पर जाए और वह अपने पापा से मिल सके।
प्रश्न 6. क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुंचा पा रहे थे? उत्तर: सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर इसलिए नहीं पहुंचा पा रहे थे क्योंकि छोटी लड़की अपने घर का पता, गली का नाम और पापा का नाम भी नहीं बता पा रही थी।
नाटक से आगे प्रश्न 1. अपने-अपने घर का पता लिखिए तथा चित्र बनाकर वहाँ पहुँचने का रास्ता भी बताइए। उत्तर: मेरे घर का पता-A/875, PU ब्लाक, मौर्य इंक्लेव, पीतमपुरा, दिल्ली है।
प्रश्न 2. मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक “पापा खो गए’ क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए। उत्तर: ‘चलो छोटी बच्ची को घर पहुचाएँ’-क्योंकि नाटक के पात्रों की समस्या यही है। उन सबका ध्यान उस छोटी बच्ची को उसके पापा से मिलाने पर है।
प्रश्न 3. क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं? उत्तर: हाँ, पुलिस को सूचना देकर तथा लाउडस्पीकर द्वारा खोई बच्ची का नाम, उम्र, रंग, कपड़े आदि सूचनाएँ प्रसारित कर उसके पापा को खोजा जा सकता है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. अनुमान लगाइए कि जिस समय बच्ची को चोर ने उठाया होगा वह किस स्थिति में होगी? क्या वह पार्क/मैदान में खेल रही होगी या घर से रूठकर भाग गई होगी या कोई अन्य कारण होगा? उत्तर: जिस समय चोर ने बच्ची को उठाया होगा वह पार्क में खेल रही होगी। चोर ने उसे खूब सारी टाफियों का लालच दिया होगा। बच्ची अपना लोभ संवरण न कर सकी होगी। उसने नशीली टाफी बच्ची को दी होगी और पार्क से उठा लिया होगा।
प्रश्न 2. नाटक में दिखाई गई घटना को ध्यान में रखते हुए यह भी बताइए कि अपनी सुरक्षा के लिए आजकल बच्चे क्या-क्या कर सकते हैं। संकेत के रूप में नीचे कुछ उपाय सुझाए जा रहे हैं। आप इससे अलग कुछ और उपाय लिखिए। समूह में चलना। एकजुट होकर बच्चा उठानेवालों या ऐसी घटनाओं का विरोध करना। अनजान व्यक्तियों से सावधानीपूर्वक मिलना। उत्तर: इनसे अलग कुछ और उपाय –
बच्चों को टाफी या मिठाइयों के लिए दूसरों की बातों में नहीं आना चाहिए।
उन्हें अपने घर का पता या फोन नंबर जेब में अवश्य रखना चाहिए।
पार्क या सुनसान स्थलों पर अकेले नहीं निकलना चाहिए।
माता-पिता को बिना बताए या साथ लिए ऐसे स्थानों पर नहीं निकलना चाहिए।
अपरिचित के साथ बातचीत या उसकी दी गई चीजें नहीं खानी चाहिए।
भाषा की बात
प्रश्न 1. आपने देखा होगा कि नाटक के बीच-बीच में कुछ निर्देश दिए गए हैं। ऐसे निर्देशों से नाटक के दृश्य स्पष्ट होते हैं, जिन्हें नाटक खेलते हुए मंच पर दिखाया जाता है, जैसे-‘सड़क/रात का समय दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज़।’ यदि आपको रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो क्या-क्या करेंगे, सोचकर लिखिए। उत्तर: रात का दृश्य मंच पर दिखाने के लिए –
नेपथ्य में काले रंग का प्रयोग करेंगे, जिस पर तारे तथा बड़ा-सा चाँद बना हो।
गीदड़, लोमड़ी, भौंकते कुत्तों की आवाजें रह-रहकर सुनाने का प्रयास करेंगे।
चौकीदार की लाठी की खटखट तथा उसकी सीटी की आवाज़ बीच-बीच में आती रहेगी।
एक किनारे कुछ लोग सोते हुए तथा सोता हुआ कुत्ता दिखाने का प्रयास करेंगे।
बीच-बीच में पुलिस की गाड़ियों के हूटर की आवाज़ सुनाई देनी चाहिए।
प्रश्न 2. पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम चिह्नों की ओर गया होगा। अगले पृष्ठ पर दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है। ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उपयुक्त चिह्न लगाइए मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी अरे बाप रे वो बिजली थी या आफ़त याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था खंभे महाराज अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है, अंग थरथर काँपने लगते हैं। उत्तर: मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे बाप रे! वो बिजली थी या आफत! याद करते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और जहाँ बिजली गिरी थी, वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था। खंभे महाराज! अब जब भी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है। अंग थरथर काँपने लगते हैं।
प्रश्न 3. आसपास की निर्जीव चीज़ों को ध्यान में रखकर कुछ संवाद लिखिए, जैसे चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद कलम का कॉपी से संवाद खिड़की का दरवाजे से संवाद उत्तर: चॉक का ब्लैकबोर्ड से संवाद ब्लैक बोर्ड-(चॉक से) ओह! तुम फिर मुझे गंदा करने आ गए। ज़रा दूर ही रहो। देखो आज ही मैंने नया मुंदर-सा काला. रंग वाला नया कपड़ा पहना है। (नया पेंट किया गया है।) चॉक-आज मैं तुम्हें गंदा करने नहीं बल्कि छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक बातें लिखने आयी हूँ। ब्लैक बोर्ड-याद है तुमने कल आड़ी तिरछी रेखाएँ खींचकर कैसी-कैसी बकवास पूर्ण बातें लिखी थीं? चॉक-आज तो मैं सुंदर-सा चित्र बनाकर लिख देती हूँ ‘कृपया इसे न मिटाएँ’। यह तो ठीक रहेगा? ब्लैक बोर्ड-सबसे ऊपर लिखना-नए सत्र में सभी छात्रों का स्वागत है। फिर चित्र बनाना। चॉक-ठीक है। जैसा तुम चाहो।
कलम का कॉपी से संवाद – कॉपी-(कलम देखकर) आज तुम मुझे फिर परेशान करने क्यों आ गई? कलम-मैं तुम्हें परेशान करने नहीं बल्कि आज के पाठ के प्रश्नोत्तर लिखने आई हूँ। कॉपी-कल तो तुम अनेक जगह मेरे सीने में चुभ गई थी। मुझे अब तक उसका दर्द है। कलम-कल मेरा प्वाइंट खराब हो रहा था। पर आज ऐसा नहीं है। कॉपी-ठीक है। सावधानी से काम करना और पूरा काम करना, जिससे बंटी को आज अध्यापक से डाँट न खानी पड़े। कलम-अरे वो तो कल मुझे सहेलियों के साथ खेलने जाना था। पर आज बिना पूरा काम किए उलूंगी ही नहीं।
खिड़की का दरवाज़े से संवाद – खिड़की – (दरवाज़े से) देखों, आज हम दोनों ही नहाएधोए नए-से लग रहे हैं न! दरवाज़ा – हाँ, कल ही जो हमारे कपड़े बदल दिए गए हैं। (पर्दे बदले गए हैं) खिड़की – अब तो हम दोनों एक से हो गए हैं न? दरवाज़ा – क्या कहा, एक से? कभी नहीं। अरे, अपना और मेरा आकार कभी देखा है? खिड़की – आकार बड़ा-छोटा होने से क्या होता है? घर में मेरी भी तो उपयोगिता है न? दरवाज़ा – उपयोगिता होगी, पर श्यामू तो रोज़ तुम्हें चौखट में बाँधकर रखता है। (चिटखनी से) खिड़की – और तुम भूल गए, जब श्यामू ने तुम्हारे सीने पर बड़ा सा ताला लटका दिया था। दरवाज़ा – हाँ, याद है। उसके ताले से अब तक दर्द हो रहा है। सच कहा, हम दोनों की दशा एक समान है। खिड़की – यह तो ठीक है, पर आप तो हमेशा से बड़े हो और बड़े ही रहोगे। दरवाज़ा – धन्यवाद! वास्तव में हम दोनों मिलकर मकान की शोभा बढ़ाते हैं।
प्रश्न 4. उपर्युक्त में से दस-पंद्रह संवादों को चुनें, उनके साथ दृश्यों की कल्पना करें और एक छोटा सा नाटक लिखने का प्रयास करें। इस काम में अपने शिक्षक से सहयोग लें। उत्तर: उपर्युक्त संवादों के आधार पर छात्र/छात्राएँ शिक्षक ‘के सहयोग से स्वयं नाटक लिखने का प्रयास करें।
The idea of speed, time, distance continues the same, however, the type of problems asked in the examinations may have variations in terms of data given and asked.
Frequently, one-two word problems are proposed based on speed, time, and distance with variation but candidates must also retain themselves ready to see questions on data sufficiency and data interpretation that are based on TDS (i.e time, distance and speed) topic. Let us start our discussion with the definition of speed, time and distance.
Speed
It refers to the rate at which a particular distance is covered by an object in motion.
Time
It refers to an interval separating two events.
Distance
It refers to the extent of space between two points.
Units of Speed Time & Distance
Each of the speed, distance and time can be represented in different units:
Time can be generally expressed in terms of seconds(s), minutes (min) and hours (hr).
Whereas the distance is generally expressed in meters (m), kilometres (km), centimetres, miles, feet, etc.
Speed is commonly expressed in m/s, km/hr.
For example, if the distance is given in km and time in hr, then as per the formula:
Speed = Distance/ Time; the units of speed will become km/ hr.
Relationship Between Speed, Time & Distance
Now that we are well aware of the definition of speed, distance and time let us understand the relationship between them. It is said that an object attains motion or movement when it changes its position with respect to any external stationary point. Speed, Time and Distance are the three variables that represent the mathematical model of motion as, s x t = d.
Time is directly proportional to distance. It means that speed remains constant, if we have two vehicles moving two distances for two different time duration then the time is directly proportional to the distance.
Speed is directly proportional to distance. It means that time remains constant if we have two vehicles moving two distances at two different speeds respectively.
Speed is inversely proportional to time. It means that distance remains constant if we have two vehicles moving at two different speeds and taking times respectively.
In mathematical format:
The formula for speed calculation is:
Speed = Distance/Time
This shows us how slow or fast a target moves. It represents the distance covered divided by the time needed to cover the distance.
Speed is directly proportional to the given distance and inversely proportional to the proposed time. Hence,
Distance = Speed x Time, and
Time = Distance / Speed, since as the speed grows the time needed will decrease and vice versa.
Speed, Time & Distance Conversions
Another important concept is the conversion of speed, distance and time into various units as discussed below:
To convert a given data from km/hour to m/sec, we multiply by 5/18. As, 1 km/hour = 5/18 m/sec.
To convert a given data m/sec to km/hour, we multiply by 18/5. As, 1 m/sec = 18/5 km/hour = 3.6 km/hour.
In terms of formula, we can list it as:
x km/hr=x×518m/sec x km/hr=x×518m/sec
x m/sec =x×185 km/hrx m/sec =x×185 km/hr
Similarly some other conversion are listed below:
1 km/hr = 5/8 miles/hour
1 yard = 3 feet
1 kilometer= 1000 meters
1 mile= 1.609 kilometer
1 hour= 60 minutes= 3600 seconds
1 mile = 1760 yards
1 yard = 3 feet
1 mile = 5280 feet
Application of Speed, Time & Distance
The topic speed, time and distance topics tell us about the basis of the variation of questions asked in the examination. Let us understand some of their major application:
Average Speed
The average speed is determined by the formula = (Total distance travelled)/(Total time taken)
Average speed=d1+d2+d3⋯dnt1+t2+t3⋯tnAverage speed=d1+d2+d3⋯dnt1+t2+t3⋯tn
Sample 1 – When the distance travelled is constant and two speed is given then:
Average speed = 2xyx+y2xyx+y;
Where x and y are the two speeds at which the corresponding distance has been reached.
Sample 2 – When the time taken is constant average speed is calculated by the formula:
Average speed =(x+y)2(x+y)2;
Where x and y are the two speeds at which we covered the distance for the identical time.
Solved Example: An individual drives from one place to another at 40 km/hr and returns at 160 km/hr. If the complete time needed is 5 hours, then obtain the distance.
Solutions:
Here the distance is fixed, so the time taken will be inversely proportional to the speed. The ratio of speed is given as 40:160, i.e. 1:4.
Therefore the ratio of time taken will be 4:1.
Total time is practised = 5 hours; therefore the time taken while travelling is 4 hours and returning is 1 hour.
Hence, distance = 40x 4 = 160 km.
If the first part of any given distance is covered at a rate of v1 in time t1 and the second part of the distance is covered at a rate v2 in time t2 then the average speed is given by the formula:
Average speed = (v1t1+v2t2)t1+t2(v1t1+v2t2)t1+t2
Relative Speed
As the name suggests the idea is about the relative speed between two or more things. The basic concept in relative speed is that the speed gets combined in the case of objects moving in the opposite direction to one another. And the speed gets subtracted for the case when objects are moving in the identical direction.
For example, if two passenger trains are moving in the opposite direction with a speed of X km per hour and Y kilometre per hour respectively. Then their relative speed is given by the formula:
Relative speed=X + Y
On the other hand, if the two trains are travelling in the same direction with the speed of X km per hour and Y kilometre per hour respectively. Then their relative speed is given by the formula:
Relative speed=X -Y
For the first case time taken by the train in passing each other is given by the formula:
Relative speed=X + Y
Time taken= L1+L2X+YL1+L2X+Y
For the second case the time taken by the trains in crossing each other is given by the formula:
Relative speed=X -Y
Time taken= L1+L2X−YL1+L2X−Y
Here L1, L2L1, L2 are the lengths of the trains respectively.
Inverse Proportionality of Speed & Time
Speed is said to be inversely proportional to time when the distance is fixed. In mathematical format, S is inversely proportional to 1/T when D is constant. For such a case if the speeds are in the ratio m:n then the time taken will be in the ratio n:m.
There are two approaches to solve questions:
Applying Inverse Proportionality
Applying Constant Product Rule
Example:. After moving 100km, a train meets with an accident and travels at (34)th(34)th of the normal speed and reaches 55 min late. Had the accident occurred 20 km further on it would have arrived 45 min delayed. Obtain the usual Speed?
Solutions:
Applying Inverse Proportionality Method
Here there are 2 cases
Case 1: accident happens at 100 km
Case 2: accident happens at 120 km
The difference between the two incidents is only for the 20 km between 100 km and 120 km. The time difference of 10 minutes is just due to these 20 km.
In case 1, 20 km between 100 km and 120 km is covered at (34)th(34)th speed.
In case 2, 20 km between 100 km and 120 km is reached at the usual speed.
So the usual time “t” taken to cover 20 km, can be found as follows. 4/3 t – t = 10 mins = > t = 30 mins, d = 20 km
so the usual speed = 20/30min = 20/0.5 = 40 km/hr
Using Constant Product Rule Method
Let the actual time taken be equal to T.
There is a (1/4)th reduction in speed, this will result in a (1/3)rd increase in time taken as speed and time are inversely proportional to one another.
A 1/x increment in one of the parameters will result in a 1/(x+1) reduction in the other parameter if the parameters are inversely proportional.
The delay due to this reduction is 10 minutes
Thus 1/3 T= 10 and T=30 minutes or 0.5 hour
Also, Distance = 20 km
Thus Speed = 40 kmph
Meeting Point Question
If two individuals travel from two locations P and Q towards each other, and they meet at point X. Then the total distance traversed by them at the meeting will be PQ. The time taken by both of them to meet will be identical.
As the time is constant, the distances PX and QX will be in the ratio of their speed. Assume that the distance between P and Q is d.
If two individuals are stepping towards each other from P and Q respectively, when they meet for the first time, they collectively cover a distance “d”. When they meet each other for the second time, they mutually cover a distance “3d”. Similarly, when they meet for the third time, they unitedly cover a distance of “5d” and the process goes on.
Take an example to understand the concept:
Example:. Ankit and Arnav have to travel from Delhi to Hyderabad in their respective vehicles. Ankit is driving at 80 kmph while Arnav is operating at 120 kmph. Obtain the time taken by Arnav to reach Hyderabad if Ankit takes 9 hrs.
Solutions:
As we can recognise that the distance covered is fixed in both cases, the time taken will be inversely proportional to the speed. In the given question, the speed of Ankit and Arnav is in ratio 80: 120 or 2:3.
Therefore the ratio of the time taken by Ankit to that taken by Arnav will be in the ratio 3:2. Hence if Ankit takes 9 hrs, Arnav will take 6 hrs.
Speed, Time and Distance Formulas
Below are some important speed, distance and time formulas that would be helpful to ease the calculation in the various exams.
Terms
Formula
Speed
Speed=DistanceTimeSpeed=DistanceTime
Time
Time=DistanceSpeedTime=DistanceSpeed
Distance
D = (Speed x Time)
Average Speed
Average Speed=Total distance travelledTotal time takenAverage Speed=Total distance travelledTotal time taken
Average Speed(when the distance travelled is constant)
2xyx+y2xyx+y
Relative speed(If two trains are moving in the opposite direction)
Relative speed=X + YTime taken= L1+L2X+YL1+L2X+YHere L1, L2L1, L2 are the lengths of the trains.
Relative speed(If two trains are moving in the same direction)
Relative speed=X -YTime taken= L1+L2X−YL1+L2X−YHere L1, L2L1, L2 are the lengths of the trains.
Some additional formulas are:
If the ratio of the speeds of P and Q is p: q, then the ratio of the times used by them to reach the same distance is 1/p:1/q or q: p.
If two individuals or automobiles or trains start at the exact time in the opposing direction from two points say A and B and after crossing each other they take time a and b respectively to finish the journey then the speed ratio is provided by the formula:
Speed of firstSpeed of second=ba−−√Speed of firstSpeed of second=ba
If two individuals with two different speeds x and y cover the same distance and travel in opposite directions. Where the total time is given and distance is asked then the formula is:
Distance=xyx+y×Total TimeDistance=xyx+y×Total Time
Types of Questions from Speed, Time and Distance
There are some specific types of questions from Speed, time and distance that usually come in exams. Some of the important types of questions from speed, distance and time are as follows.
(a) Problems related to Trains
Please note that, in the case of the train problems, the distance to be covered when crossing an object is equal to, Distance to be covered = Length of train + Length of object.
Remember that, in case the object under consideration is a pole or a person or a point, we can consider them to be point objects with zero length. It means that we will not consider the lengths of these objects. However, if the object under consideration is a platform (non point object), then its length will be added to the formula of the distance to be covered.
(b) Boats and Streams
In such problems boats travel either in the direction of stream or in the opposite di- rection of stream. The direction of boat along the stream is called downstream and the direction of boat against the stream is called upstream.
If the speed of a boat in still water is u km/hr and the speed of the stream is v km/hr, then:
1) Speed downstream = (u + v) km/hr
2) Speed upstream = (u – v) km/hr
Once you’ve mastered Speed, Time and Distance, Also, learn more about Ratio and Proportion concepts in depth!
How to Solve Question Based on Speed, Time and Speed- Know all Tips and Tricks
Students can find different tips and tricks from below for solving the questions related to speed, time and distance.
Tip # 1: Relative speed is defined as the speed of a moving body with respect to another body. The possible cases of relative motion are, same direction, when two bodies are moving in the same direction, the relative speed is the difference between their speeds and is always expressed as a positive value. On the other hand, the opposite direction is when two bodies are moving in the opposite direction, the relative speed is the sum of their speeds.
Tip # 2: Average speed = Total Distance / Total Time
Tip # 3: When train crossing a moving body,
When a train passes a moving man/point object, the distance travelled by the train while passing it will be equal to the length of the train and relative speed will be taken as
1) If both are moving in same direction then relative speed = Difference of both speeds
2) If both are moving in opposite direction then relative speed = Addition of both speeds
Tip # 4: Train Passing a long object or platform, when a train passes a platform or a long object, the distance travelled by the train, while crossing that object will be equal to the sum of the length of the train and length of that object.
Tip # 5: Train passing a man or point object, when a train passes a man/object, the distance travelled by the train while passing that object, will be equal to the length of the train.
When you’ve finished with Speed, Time and Distance, you can read about Algebraic Identities concepts in depth here!
Speed, Time and Distance Solved Questions
Some of the solved questions regarding the topic for more practice are as follows:
Question 1: The speed of three cars are in the ratio 5 : 4 : 6. The ratio between the time taken by them to travel the same distance is
Solution: Ratio of time taken = ⅕ : ¼ : ⅙ = 12 : 15 : 10
Question 2: A truck covers a distance of 1200 km in 40 hours. What is the average speed of the truck?
Solution: Average speed = Total distance travelled/Total time taken
⇒ Average speed = 1200/40
∴ Average speed = 30 km/hr
Question 3: A man travelled 12 km at a speed of 4 km/h and further 10 km at a speed of 5 km/hr. What was his average speed?
Solution: Total time taken = Time taken at a speed of 4 km/h + Time taken at a speed of 5 km/ h
⇒ 12/4 + 10/5 = 5 hours [∵ Time = Distance/Speed] Average speed = Total distance/Total time
⇒ (12 + 10) /5 = 22/5 = 4.4 km/h
Question 4: Rahul goes Delhi to Pune at a speed of 50 km/h and comes back at a speed of 75 km/h. Find his average speed of the journey.
Question 5: Determine the length of train A if it crosses a pole at 60km/h in 30 sec.
Solution: Given, speed of the train = 60 km/h
⇒ Speed = 60 × 5/18 m/s = 50/3 m/s
Given, time taken by train A to cross the pole = 30 s
The distance covered in crossing the pole will be equal to the length of the train.
⇒ Distance = Speed × Time
⇒ Distance = 50/3 × 30 = 500 m
Question 6: A 150 m long train crosses a 270 m long platform in 15 sec. How much time will it take to cross a platform of 186 m?
Solution: In crossing a 270 m long platform,
Total distance covered by train = 150 + 270 = 420 m
Speed of train = total distance covered/time taken = 420/15 = 28 m/sec In crossing a 186 m long platform,
Total distance covered by train = 150 + 186 = 336 m
∴ Time taken by train = distance covered/speed of train = 336/28 = 12 sec.
Question 7: Two trains are moving in the same directions at speeds of 43 km/h and 51 km/h respectively. The time taken by the faster train to cross a man sitting in the slower train is 72 seconds. What is the length (in metres) of the faster train?
Solution: Given: The speed of 2 trains = 43 km/hr and 51 km/hr Relative velocity of both trains = (51 – 43) km/hr = 8 km/hr Relative velocity in m/s = 8 × (5/18) m/s
⇒ Distance covered by the train in 72 sec = 8 × (5/18) × 72 = 160 Hence, the length of faster train = 160 m
Question 8: How long will a train 100m long travelling at 72km/h take to overtake another train 200m long travelling at 54km/h in the same direction?
Solution: Relative speed = 72 – 54 km/h (as both are travelling in same direction)
= 18 km/hr = 18 × 10/36 m/s = 5 m/s
Also, distance covered by the train to overtake the train = 100 m + 200 m = 300 m Hence,
Time taken = distance/speed = 300/5 = 60 sec
Question 9: A boat takes 40 minutes to travel 20 km downstream. If the speed of the stream is 2.5 km/hr, how much more time will it take to return back?
Solution: Time taken downstream = 40 min = 40/60 = 2/3 hrs. Downstream speed = 20/ (2/3) = 30 km/hr.
As we know, speed of stream = 1/2 × (Downstream speed – Upstream speed)
Question 1. इस पाठ के लेखक कौन हैं? (a) भवानीप्रसाद मिश्र (b) भगवतीप्रसाद मिश्र (c) भगवतीप्रसाद वाजपेयी (d) यतीश अग्रवाल
Answer
Answer: (d) यतीश अग्रवाल
Question 2. दिव्या को क्या महसूस होता है? (a) भूख में कमी (b) याददाशत की कमी (c) थकान (d) बेचैनी
Answer
Answer: (c) थकान
Question 3. दिव्या अनिल के साथ अस्पताल क्यों गई? (a) भूख न लगने से (b) थकान महसूस होने से (c) काम में मन न लगने से (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) थकान महसूस होने से
Question 4. दिव्या के शरीर के किस अंग से रक्त लिया गया? (a) बाजू से (b) उँगली से (c) पैर से (d) हथेली से
Answer
Answer: (b) उँगली से
Question 5. एनीमिया क्या है? (a) आँखों की बीमारी (b) पेट की बीमारी (c) रक्त की कमी से होने वाली बीमारी (d) रक्त की अधिकता से होने वाली बीमारी
Answer
Answer: (c) रक्त की कमी से होने वाली बीमारी
Question 6. पेट में पाए जाने वाले कीड़े किस बीमारी का कारण बनते हैं? (a) दमा (b) क्षयरोग (c) रतौंधी (d) एनीमिया
Answer
Answer: (d) एनीमिया
Question 7. डॉक्टर स्लाइड की जाँच किस यंत्र द्वारा कर रही थी? (a) दूरदर्शी द्वारा (b) सूक्ष्मदर्शी द्वारा (c) दूरबीन द्वारा (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) सूक्ष्मदर्शी द्वारा
Question 8. लाल कणों का जीवन काल कितना होता है? (a) दो महीने (b) चार महीने (c) छह महीने (d) एक साल
Answer
Answer: (b) चार महीने
(1)
अगले दिन अस्पताल पहुँचकर अनिल ने डॉक्टर दीदी के कमरे के दरवाजे पर दस्तक दी। भीतर से आवाज़ आई, “आ जाओ।” अनिल ने कमरे में प्रवेश किया तो पाया, डॉक्टर दीदी सूक्ष्मदर्शी द्वारा एक स्लाइड की जाँच कर रही थीं। दीदी के इशारे से वह पास रखी एक कुरसी पर बैठ गया। स्लाइड की जाँच पूरी होने पर डॉक्टर दीदी ने साबुन से हाथ धोए और तौलिए से पोंछती हुई बोली, “अनिल, दिव्या को एनीमिया है। चिंता की बात नहीं, कुछ दिन दवा लेगी तो ठीक हो जाएगी।”
Question 1. अगले दिन किसने दस्तक दी? (a) दिव्या ने (b) डॉक्टर दीदी ने (c) अनिल ने (d) रोगी ने
Answer
Answer: (c) अनिल ने
Question 2. कमरे में डॉक्टर दीदी क्या कर रही थी? (a) रोगी को देख रही थीं (b) डॉक्टर दीदी सूक्ष्मदर्शी से स्लाइड पर रखे दिव्या के खून की जाँच कर रही थी (c) अनिल का जाँच कर रही थी (d) उपर्युक्त सभी।
Answer
Answer: (b) डॉक्टर दीदी सूक्ष्मदर्शी से स्लाइड पर रखे दिव्या के खून की जाँच कर रही थी
Question 3. एनीमिया क्या है? (a) हड्डियों की बीमारी (b) आँखों की बीमारी (c) रक्त की कमी से होने वाली बीमारी (d) अधिक रक्त बहने की बीमारी।
Answer
Answer: (c) रक्त की कमी से होने वाली बीमारी
Question 4. स्लाइड की जाँच के बाद डॉक्टर दीदी ने क्या किया? (a) दिव्या का रक्त जाँच किया (b) रोगी को देखा (c) साबुन से हाथ धोकर तौलिए में पोंछे (d) इनमें कोई नहीं।
Answer
Answer: (c) साबुन से हाथ धोकर तौलिए में पोंछे
Question 5. ‘कुछ दिन दवा लेगी तो ठीक हो जाएगी’- रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए- (a) मिश्रवाक्य (b) सरलवाक्य (c) संयुक्त वाक्य (d) प्रश्नवाचक वाक्य
Answer
Answer: (d) प्रश्नवाचक वाक्य
(2)
“यह जानने के लिए तुम्हें रक्त के बारे में जानना होगा,” डॉक्टर दीदी ने कहा। फिर बोली, “अनिल, देखने में रक्त लाल द्रव के समान दिखता है, किंतु इसे सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखें तो यह भानुमती के पिटारे से कम नहीं। मोटेतौर पर इसके दो भाग होते हैं। एक भाग वह जो तरल है, जिसे हम प्लाज्मा कहते हैं। दूसरा, वह जिसमें छोटे-बड़े कई तरह के कण होते हैं … कुछ लाल, कुछ सफ़ेद और कुछ ऐसे जिनका कोई रंग नहीं, जिन्हें बिंबाणु (प्लेटलैट कण) कहते हैं। ये कण प्लाज्मा में तैरते रहते हैं।”
Question 1. रक्त किसके समान दिखाई देता है? (a) पतले पानी की तरह (b) द्रव के समान (c) लाल द्रव के समान (d) ठोस पदार्थ
Answer
Answer: (c) लाल द्रव के समान
Question 2. रक्त को कितने भागों में बाँटा जा सकता है? (a) दो (b) तीन (c) चार (d) पाँच
Answer
Answer: (a) दो
Question 3. रक्त के तरल भाग को क्या कहते हैं? (a) मज्जा (b) प्लेटलेट (c) प्लाज्मा (d) अस्थि
Answer
Answer: (c) प्लाज्मा
Question 4. रक्त को भानुमती का पिटारा क्यों कहा जाता है? (a) रक्त लाल होने के कारण (b) रक्त तरल होने के कारण (c) रक्त प्लाज्मा में कई प्रकार के रक्तकण तथा अन्य पदार्थ होने के कारण (d) भानुमती का पिटारा होने के कारण।
Answer
Answer: (c) रक्त प्लाज्मा में कई प्रकार के रक्तकण तथा अन्य पदार्थ होने के कारण
Question 5. प्लेटलेट के कणों का रंग कैसा होता है? (a) कुछ सफ़ेद (b) कुछ लाल (c) कुछ रंगहीन (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 6. “बिंवाणु’ कहते हैं- (a) लाल, सफ़ेद व बिना रंग के कण (b) लाल, सफ़ेद व काले रंग के कण (c) लाल, सफ़ेद व पीले रंग के कण (d) इनमें से कोई नहीं।
Answer
Answer: (a) लाल, सफ़ेद व बिना रंग के कण
(3)
“हाँ,” दीदी बोली, “लाल कण बनावट में बालूशाही की तरह ही होते हैं। गोल और दोनों तरफ़ अवतल, यानी बीच में दबे हुए। रक्त की एक बूंद में इनकी संख्या लाखों में होती है। यदि हम एक मिलीलीटर रक्त लें, तो उसमें हमें चालीस से पचपन लाख कण मिलेंगे। इनके कारण ही हमें रक्त लाल रंग का नज़र आता है। ये कण शरीर के लिए दिन-रात काम करते हैं। साँस लेने पर साफ़ हवा से जो ऑक्सीजन तुम प्राप्त करते हो उसे शरीर के हर हिस्से में पहुँचाने का काम इन कणों का ही है। इनका जीवनकाल लगभग चार महीने होता है। चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं, लेकिन एक साथ नहीं, धीरे-धीरे। कुछ आज, कुछ कल, कुछ उससे अगले दिन…।”
Question 1. लाल रक्त कण बनावट में किसके समान होते हैं? (a) अणु कण की तरह (b) तरल द्रव्य की तरह (c) कीड़ों की तरह (d) बालूशाही की तरह
Answer
Answer: (d) बालूशाही की तरह
Question 2. एक बूंद रक्त में कितने लाल कण होते हैं? (a) सैकड़ों (b) हज़ारों (c) लाखों (d) करोड़ों
Answer
Answer: (c) लाखों
Question 3. एक मिलीलीटर रक्त में लाल कणों की संख्या होती है- (a) पाँच से दस लाख लाल कण (b) दस से बीस लाख लाल कण (c) तीस से चालीस लाख कण (d) चालीस से पचपन लाख कण
Answer
Answer: (d) चालीस से पचपन लाख कण
Question 4. शरीर के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन पहुँचाने का काम कौन करता है? . (a) लाल रक्त कण (b) सफ़ेद रक्त कण (c) बिंबाणु (d) प्लाज्मा
Answer
Answer: (d) प्लाज्मा
Question 5. लाल कणों की आयु कितनी होती है? (a) तीन महीने (b) चार महीने (c) छह महीने (d) एक वर्ष
Answer
Answer: (d) एक वर्ष
(4)
“और बिंबाणुओं का काम है चोट लगने पर रक्त जमाव क्रिया में मदद करना। रक्त के तरल भाग प्लाज्मा में एक विशेष किस्म की प्रोटीन होती है जो रक्तवाहिका की कटी-फटी दीवार में मकड़ी के जाले के समान एक जाला बुन देती है। बिंबाणु इस जाले से चिपक जाते हैं और इस तरह दीवार में आई दरार भर जाती है, जिससे रक्त बाहर निकलना बंद हो जाता है।”
Question 1. बिबाणुओं का क्या काम है? (a) रक्त को प्रवाहित करना (b) रक्त की जमाव क्रिया में मदद करना (c) प्लाज्मा बनाना (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) रक्त की जमाव क्रिया में मदद करना
Question 2. प्लाज्मा है? (a) प्लेटलैट (b) प्लाज्मा (c) प्रोटीन (d) रक्त का एक तरल भाग
Answer
Answer: (c) प्रोटीन
Question 3. प्रोटीन क्या काम करती है? (a) रक्त नली की कटी-फटी दीवार में जाला-सा बुन देती है (b) प्लेटलेट्स बनाना (c) रक्त का संचालन करना (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (a) रक्त नली की कटी-फटी दीवार में जाला-सा बुन देती है
Question 4. कौन से कण जाले में चिपकते हैं? (a) प्लाज्मा (b) लाल कण (c) प्लेटलेट्स (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (a) प्लाज्मा
(5)
“लेकिन ज़रूरत के समय यदि उस रक्त-समूह का कोई व्यक्ति मिले ही नहीं तब?” अनिल ने पूछा। “ऐसी आपातस्थिति के लिए ही ब्लड-बैंक बनाए गए हैं। प्रायः हर बड़े अस्पताल में इस तरह के बैंक होते हैं, जहाँ, सभी प्रकार के रक्त-समूहों का रक्त तैयार रखा जाता है किंतु इन ब्लड-बैंकों में रक्त का भंडार सुरक्षित रहे, इसके लिए यह आवश्यक है कि हम समय-समय पर रक्तदान करते रहें,” दीदी ने कहा।
Question 1. ज़रूरत के समय यदि उस रक्त-समूह का कोई व्यक्ति न मिले तो हमें क्या करना चाहिए? (a) किसी भी रक्त समूह का प्रयोग करना चाहिए। (b) ब्लड बैंक जाना चाहिए। (c) पड़ोसियों की मदद लेना चाहिए। (d) इनमें से कोई नहीं।
Answer
Answer: (b) ब्लड बैंक जाना चाहिए।
Question 2. ब्लड बैंक क्या है? (a) जहाँ खून जमा किया जाता है। (b) जहाँ पर सभी तरह के रक्त समूहों का खून एकत्रित होता है। (c) जहाँ खून बनाया जाता है। (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) जहाँ पर सभी तरह के रक्त समूहों का खून एकत्रित होता है।
Question 3. ब्लड बैंक में रक्त कहाँ से आता है? (a) पशु-पक्षियों से (b) विदेशों से (c) कृत्रिम निर्माण से (d) मनुष्यों से
Answer
Answer: (d) मनुष्यों से
Question 4. रक्त-समूहों से तात्पर्य क्या है? (a) जहाँ विभिन्न समूहों का रक्त पाया जाता है। (b) अलग-अलग तरीके से रक्त संग्रह करना (c) रक्त को वर्गों में बाँटना (d) उपर्युक्त सभी तरीके।
Answer
Answer: (a) जहाँ विभिन्न समूहों का रक्त पाया जाता है।
(6)
दिव्या अनिल की छोटी बहन है। यों तो वह शुरू से ही कमज़ोर है, लेकिन इधर कुछ दिनों से उसे हर समय थकान महसूस होती रहती है। मन किसी काम में नहीं लगता, भूख भी पहले से कम हो गई है। अस्पताल में उसे डॉक्टर ने देखा तो कहा, “लगता है, दिव्या के शरीर में रक्त की कमी हो गई है। जाँच कराकर देखते हैं।” यह कहकर उन्होंने दिव्या को रक्त की जाँच के लिए पास के एक कमरे में भेज दिया। वहाँ अनिल को अपनी ही जान-पहचान की डॉक्टर दीदी दिखाई दी।
Question 1. दिव्या कौन है?
Answer
Answer: दिव्या अनिल की छोटी बहन है।
Question 2. दिव्या के शरीर में किस चीज़ की कमी है ?
Answer
Answer: दिव्या के शरीर में रक्त की कमी थी।
Question 3. डॉक्टर ने दिव्या को देखकर क्या कहा?
Answer
Answer: डॉक्टर ने दिव्या को देखकर कहा कि लगता है कि इसके शरीर में खून की कमी है।
Question 4. डॉक्टर दीदी ने दिव्या और अनिल को कहाँ भेजा?
Answer
Answer: डॉक्टर ने दिव्या और अनिल को पास ही एक कमरे में रक्त जाँच करवाने के लिए भेजा।
Question 5. डॉक्टर दीदी ने क्या किया?
Answer
Answer: डॉक्टर दीदी ने दिव्या की उँगली से रक्त की कुछ बूंदें एक छोटी शीशी में डाल दी और स्लाइड पर लगा दी।
(7)
यदि हम एक मिलीलीटर रक्त लें तो उसमें हमें चालीस से पचपन लाख कण मिलेंगे। इनके कारण ही हमें रक्त लाल रंग का नज़र आता है। ये कण शरीर के लिए दिन-रात काम करते हैं। साँस लेने पर साफ़ हवा से जो ऑक्सीजन तुम प्राप्त करते हो उसे शरीर के हर हिस्से में पहुँचाने का काम इन कणों का ही है। इनका जीवनकाल लगभग चार महीने होता है। चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं, लेकिन एक साथ नहीं, धीरे-धीरे। कुछ आज, कुछ कल, कुछ उससे अगले दिन…।” “तब तो कुछ ही महीनों में ये खत्म हो जाते होंगे”, अनिल ने कहा। यह सुनकर डॉक्टर दीदी मुसकरा उठीं, बोलीं, “नहीं, ऐसा नहीं होता। शरीर में हर समय नए कण बनते रहते हैं। हड्डियों के बीच के भाग मज्जा में ऐसे बहुत से कारखाने होते हैं, जो रक्त कणों के निर्माण कार्य में लगे रहते हैं। इनके लिए इन कारखानों को प्रोटीन, लौहतत्व और विटामिन रूपी कच्चे माल की ज़रूरत होती है।
Question 1. रक्त की एक बूंद में कितने कण होते हैं ?
Answer
Answer: रक्त की एक बूंद में लाखों कण होते हैं।
Question 2. एक मिलीलीटर रक्त में कितने लाल रक्त कण होते हैं ?
Answer
Answer: एक मिलीलीटर रक्त में 40-55 लाख लाल रक्त कण होते हैं।
Question 3. रक्त कण लाल क्यों नज़र आते हैं?
Answer
Answer: रक्त कण लाल इसलिए नज़र आते हैं, क्योंकि इसकी एक बूंद में इसकी संख्या लाखों में होती है। एक मिलीलीटर रक्त में 40-50 लाख कण मिलते हैं।
Question 4. नए रक्त कणों का निर्माण कहाँ होता है ?
Answer
Question 5. लाल रक्त-कण का जीवन काल कितना होता है?
Answer
Answer: लाल रक्त कण का जीवन काल लगभग चार महीने होता है। चार महीने होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं, लेकिन धीरे-धीरे।
Question 6. निर्माण का विपरीतार्थक क्या है?
Answer
Answer: ‘निर्माण’ शब्द का विलोम शब्द होता है, ‘विध्वंस’
(8)
यों तो एनीमिया बहुत से कारणों से हो सकता है, किंतु हमारे देश में इसका सबसे बड़ा कारण पौष्टिक आहार की कमी है। इसके अलावा इस रोग का एक और बड़ा कारण है पेट में कीड़ों का हो जाना। ये कीड़े प्रायः दूषित जल और खाद्य पदार्थों द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। अतः इनसे बचने के लिए यह आवश्यक है कि हम पूरी सफ़ाई से बनाए गए खाद्य पदार्थ ही ग्रहण करें। भोजन करने से पूर्व अच्छी तरह से हाथ धो लें और साफ़ पानी ही पिएँ। और हाँ, अनिल एक किस्म के कीड़े भी हैं, जिनके अंडे ज़मीन की ऊपरी सतह में पाए जाते हैं। इन अंडों से उत्पन्न हुए लार्वे त्वचा के रास्ते शरीर में प्रवेश कर आँतों में अपना घर बना लेते हैं। इनसे बचने का सहज उपाय है कि शौच के लिए हम शौचालय का ही प्रयोग करें और इधर-उधर नंगे पैर न घूमें।”
Question 1. एनीमिया का सबसे बड़ा कारण क्या है?
Answer
Answer: एनीमिया का सबसे बड़ा कारण पौष्टिक आहार का ग्रहण नहीं कर पाना होता है। पौष्टिक आहार की कमी से एनीमिया रोग उत्पन्न होता है।
Question 2. पेट के कीड़े क्यों होते हैं ? ये शरीर में कैसे प्रवेश करते हैं?
Answer
Answer: पेट के कीड़े दूषित जल पीने और दूषित खाद्य पदार्थों के सेवन से हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं।
Question 3. भोजन करने से पूर्व हमें क्या करना चाहिए?
Answer
Answer: भोजन करने से पहले हमें हाथ अच्छी तरह धो लेने चाहिए।
Question 4. पेट के कीड़े से बचने के लिए क्या-क्या उपाय किए जाने चाहिए।
Answer
Answer: पेट के कीड़े से बचने के लिए यह आवश्यक है कि हम पूरी सफ़ाई से बनाए गए खाद्य पदार्थ ही ग्रहण करें। भोजन करने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए तथा केवल साफ़ पानी ही पीना चाहिए।
Question 5. पेट के कीड़ों के लार्वे शरीर में कहाँ अपना घर बना लेते हैं?
Answer
Answer: पेट के कीड़ों के लार्वे शरीर के आँतों में अपना घर बना लेते हैं।
(9)
“नहीं, अभी तुम छोटे हो। अट्ठारह वर्ष से अधिक उम्र के स्वस्थ व्यक्ति ही रक्तदान कर सकते हैं। एक समय में उनसे लगभग 300 मिलीलीटर रक्त ही लिया जाता है। प्रायः यह समझा जाता है कि रक्तदान करने से कमज़ोरी हो जाएगी, किंतु यह विचार बिलकुल निराधार है। हमारा शरीर रक्त तो कुछ ही दिनों में बना लेता है। वैसे भी शरीर में लगभग पाँच लीटर खून होता है। इसमें से यदि कुछ किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति के लिए जीवन-दान बन जाए तो इससे बड़ी बात क्या होगी!” दीदी समझाते हुए बोलीं।
Question 1. कितने वर्ष की उम्र से व्यक्ति रक्तदान कर सकता है और कितना?
Answer
Answer: अट्ठारह वर्ष से अधिक उम्र के स्वस्थ व्यक्ति ही रक्तदान कर सकते हैं। एक समय में कोई भी व्यक्ति 300 मिलीलीटर तक रक्तदान कर सकता है।
Question 2. क्या रक्तदान से शरीर में कमज़ोरी आ जाती है?
Answer
Answer: रक्तदान करने से शरीर में किसी प्रकार की कोई कमज़ोरी नहीं आती, जितना रक्त हम दान करते हैं, कुछ दिनों बाद ही शरीर में उतना रक्त बन जाता है।
Question 3. लोगों में कौन-सी धारणा फैली हुई है?
Answer
Answer: लोगों में यह धारणा फैली हुई है कि रक्तदान करने से शरीर कमजोर हो जाएगा। यह धारणा निराधार है।
Question 4. हमारे शरीर में लगभग कितना रक्त होता है?
Answer
Answer: हमारे शरीर में लगभग पाँच लीटर रक्त होता है।
Question 5. दान किए गए रक्त की क्षतिपूर्ति कैसे होती है?
Answer
Answer: दान किए गए रक्त की क्षतिपूर्ति हमारा शरीर कुछ ही दिनों में स्वयं कर लेता है।
प्रश्न अभ्यास
पाठ से
प्रश्न 1. रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए? उत्तर: रक्त के बहाव को रोकने के लिए घाव पर साफ़ कपड़े से कसकर पट्टी बाँधनी चाहिए, क्योंकि दबाव पड़ने पर रक्त का बहाव कम हो जाता है। फिर भी रक्त का बहाव न रुके, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
प्रश्न 2. खून को भानुमती का पिटारा क्यों कहा जाता है? उत्तर: रक्त दिखने में लाल रंग का सामान्य सा द्रव होता है। सूक्ष्मदर्शी से देखने पर रक्त में लाल रक्त कणिकाएँ, श्वेत रक्त कणिकाएँ, प्लेटलैट, प्लाज्मा आदि पाए जाते हैं, इसीलिए रक्त को भानुमती का पिटारा कहा गया है।
प्रश्न 3. एनीमिया से बचने के लिए हमें क्या-क्या खाना चाहिए? उत्तर: एनीमिया (रक्ताल्पता) से बचने के लिए हमें ऐसा संतुलित और पौष्टिक भोजन खाना चाहिए, जिसमें हरी सब्जियाँ, दूध, फल, अंडा और माँस शामिल हो। हमें इन वस्तुओं को अपने खाने में अवश्य शामिल करना चाहिए।
प्रश्न 4. पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं? इनसे कैसे बचा जा सकता है? उत्तर: दूषित पानी और दूषित भोजन करने से हमारे पेट में कीड़े हो जाते हैं। इसके अलावा कुछ विशेष किस्म के कीड़ों के लार्वा त्वचा से होकर हमारे शरीर में प्रवेश कर आँतों . में पनपने लगते हैं। बचाव के उपाय
हाथ, पैर व शरीर के अंग साफ़ करके ही भोजन करना चाहिए।
साफ-सफाई से बनाए भोजन को ही खाना चाहिए।
शौच के लिए शौचालय का ही प्रयोग करना चाहिए।
इधर-उधर नंगे पाँव नहीं घूमना चाहिए।
प्रश्न 5. रक्त के सफ़ेद कणों को ‘वीर सिपाही’ क्यों कहा गया है? उत्तर: रक्त के सफेद कगों को वीर सिपाही कहा जाता है क्योंकि –
रोग उत्पन्न करने वाले रोगाणुओं को सफ़ेद रक्त कण शरीर में नहीं आने देते हैं।
शरीर के अंदर आए रोगाणुओं से सफ़ेद रक्त कण डटकर मुकाबला करते हैं।
सफेद रक्त कण बहुत से रोगों से हमारी रक्षा करते
प्रश्न 6. ब्लड-बैंक में रक्तदान से क्या लाभ है? उत्तर: ब्लड-बैंक में रक्तदान से अनेक लाभ हैं। जैसे –
किसी भी व्यक्ति के लिए उसी के समूह का रक्त प्रदान किया जा सकता है।
आपातकाल में सुविधा से रक्त प्राप्त किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में हमें रक्तदाता को खोजना नहीं पड़ेगा।
रक्त समूह की समस्या मरीज़ के लिए बाधा नहीं बनेगी।
जाँच किया हुआ, रोगमुक्त रक्त मरीज़ को देकर उसका जीवन बचाया जा सकता है।
ब्लड-बैंक में रक्त उचित उपकरणों द्वारा सुरक्षित रखा जाता है, जिससे वह दूषित नहीं होने पाता है।
प्रश्न 7. साँस लेने पर शुद्ध हवा से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में कौन पहुँचाता सफेद कण लाल कण साँस नली फेफड़े। उत्तर: लाल कण।
पाठ से आगे
प्रश्न 1. रक्त में हीमोग्लोबिन के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है जस्ता शीशा लोहा प्लैटिनम उत्तर: लोहा।
प्रश्न 2. बिंबाणु (प्लेटलैट कण) की कमी किस बीमारी में पाई जाती है – टाइफाइड मलेरिया डेंगू फ़ाइलेरिया उत्तर: डेंगू।
भाषा की बात
प्रश्न 1. (क) चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं – इस वाक्य को ध्यान से पढिए। इस वाक्य में ‘होते-होते’ के प्रयोग से यह बताया गया है कि चार महीने से पूर्व ही ये नष्ट हो जाते हैं। इस तरह के पाँच वाक्य बनाइए जिनमें इन शब्दों का प्रयोग हो- बनते-बनते, पहुँचते-पहुँचते, लेते-लेते, करते-करते उत्तर:
(ख) इन प्रयोगों को पढ़िए – सड़क के किनारे-किनारे पेड़ लगे हैं। आज दूर-दूर तक वर्षा होगी।
इन वाक्यों में होते-होते’ की तरह “किनारे-किनारे’ और ‘दूर-दूर’ शब्द दोहराए गए हैं। पर हर वाक्य में अर्थ भिन्न है। किनारे-किनारे का अर्थ है-किनारे से लगा हुआ और दूर-दूर का-बहुत दूर तक। आप भी निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए और उनके अर्थ लिखिए। ठीक-ठीक, घड़ी-घड़ी, कहीं-कहीं, घर-घर, क्या-क्या उत्तर: ठीक-ठीक (बिल्कुल सही) – इस पुरानी किताब का दाम मैं एक सौ रुपए नहीं दूंगा। ठीक-ठीक बताओ, तुम क्या लोगे? घड़ी-घड़ी (थोड़े-थोड़े समय के बाद) – तुम पर विश्वास करना ठीक नहीं है। तुम घड़ी-घड़ी में अपनी बात बदलते जा रहे हो। कहीं-कहीं (सब जगह नहीं) – इस विशाल रेगिस्तान में कहीं-कहीं छायादार पेड़ मिल जाएँगे। घर-घर (प्रत्येक घर में) – सरकार द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण देने के बाद इस गाँव के घर-घर में छोटे-छोटे उद्योग-धंधे शुरू हो गए। क्या-क्या (अनेक, कई) – यहाँ तक पहुँचने के लिए मैंने क्या-क्या कठिनाइयाँ उठाई हैं, यह सब आपको बताना मुश्किल है।
प्रश्न 2. इस पाठ में दिए गए मुहावरों और कहावतों को पढ़िए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए – भानुमती का पिटारा, दस्तक देना, धावा बोलना, घर करना, पीठ ठोकना उत्तर: भानमती का पिटारा (अनेक वस्तुओं का संग्रह होना)-इस स्कूल के बस्ते में पुस्तकें, खेलने का सामान, खाने की वस्तुएँ, कपड़े, पुरानी पुस्तकें रखकर इसे भानुमती का पिटारा बना दिया है।
दस्तक देना (दरवाज़ा खटखटाना) – उसने नौकर से कहा कि देखना इतनी रात में दरवाजे पर कौन दस्तक दे रहा है?
धावा बोलना (अचानक हमला करना) – गाँव वालों को सोया जानकर डाकुओं ने रात में गाँव पर धावा बोल दिया।
घर करना (अच्छा लगना) – इन महापुरुष की ज्ञानभरी बातें मेरे मन में घर कर गईं।
पीठ ठोकना (प्रशंसा करना) – कक्षा में प्रथम आने पर प्रधानाचार्य ने प्रार्थना सभा में प्रशांत की पीठ ठोकी।
कुछ करने को
प्रश्न 1. अपने परिवार के अट्ठारह वर्ष से पचास वर्ष तक की आयुवाले सभी स्वस्थ सदस्यों को रक्तदान के लिए प्रेरित कीजिए और समय आने पर स्वयं भी रक्तदान करने का संकल्प लीजिए। उत्तर: छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2. शरीर-रचना का चित्र देखकर उसमें रक्तसंचार क्रिया को ठीक-ठीक समझिए। उत्तर: छात्र निम्नलिखित चित्र की सहायता से तथा माता-पिता की मदद से समझें।
प्रश्न 3. नीचे दिए गए प्रश्नों के बारे में जानकारी एकत्र कीजिए (क) ब्लू बेबी क्या है? (ख) रक्त के जमाव की क्रिया में बिंबाणु (प्लेटलैट) का कार्य क्या है? (ग) रक्तदान के लिए कम-से-कम कितनी उम्र होनी चाहिए? (घ) कितने समय बाद दोबारा रक्तदान किया जा सकता है? (ङ) क्या स्त्री का रक्त पुरुष को चढ़ाया जा सकता उत्तर: (क) ब्लू बेबी-ब्लू बेबी को ब्लू बेबी सिंड्रोम भी कहा जाता है। इसका प्रयोग नवजात शिशु की उस दशा के लिए किया जाता है जब उसके शरीर का रंग नीला पड़ जाता है। शिशु के शरीर का रंग नीला पड़ने का कारण यह है कि उसका हृदय असमान्य रूप से कार्य करता है और अशुद्ध रक्त को ऑक्सीजन उचित रूप में नहीं मिल पाती है। इसका निराकरण सर्वप्रथम 24 नवम्बर 1944 में जान हॉकिंस अस्पताल में आपरेशन द्वारा किया गया। (ख) रक्तवाहिनी नलियाँ जब चोट लगने पर फट जाती है उस फटे स्थान को भरने के लिए कोशिकाओं का एक अत्यंत महीन सा जाल बन जाता है और प्लेटलैट्स अर्थात् बिंवाणु इसी जाल पर चिपक जाते हैं। कुछ समय उपरांत रक्त का बहाव रुक जाता है। (ग) रक्तदान के लिए उम्र कम से कम अठारह साल होनी चाहिए। (घ) सामान्यतः तीन महीने बाद दुबारा रक्तदान किया जा सकता है। (ङ) यदि स्त्री या पुरुष के रक्त का समूह (group) एक समान है तो स्त्री का रक्त पुरुष को चढ़ाया जा सकता है।
प्रश्न 4. शरीर के किसी अंग में अचानक रक्त-संचार रुक जाने से क्या-क्या परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं? उत्तर: शरीर के किसी अंग में अचानक रक्त संचार रुक जाने से निम्न परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं 1. सिर जैसे अति संवेदनशील अंग में रक्त संचार रुक जाने पर भयानक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। 2. हाथ या पैर में अचानक रक्त-संचार रुकने पर (क) उस स्थान पर काला धब्बा जैसा बन जाता है। (ख) दर्द उत्पन्न हो सकता है। (ग) कुछ दिनों में मवाद बन सकती हैं। (घ) थोड़े समय के लिए उस स्थान या अंग विशेष में संज्ञा शून्यता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
Question 1. ‘मिठाईवाला’ पाठ के लेखक के नाम हैं (a) भवानीप्रसाद मिश्र (b) भगवतीप्रसाद वाजपेयी (c) विजय तेंदुलकर (d) शिवप्रसाद सिंह
Answer
Answer: (b) भगवतीप्रसाद वाजपेयी
Question 2. किसके गान से हलचल मच जाती थी? (a) किसी गायक के (b) शास्त्रीय संगीतज्ञ से (c) खिलौनेवाले के (d) इनमें कोई नहीं
Answer
Answer: (c) खिलौनेवाले के
Question 3. रोहिणी ने बच्चों से क्या जानना चाहा था? (a) कहाँ से खरीदा (b) कितने का खरीदा (c) कब खरीदा (d) कितने में खरीदा
Answer
Answer: (b) कितने का खरीदा
Question 4. बच्चों ने हाथी-घोड़े कितने में खरीदा था? (a) दो रुपए में (b) दो पैसे में (c) तीन पैसे में (d) पचास पैसे में
Answer
Answer: (d) पचास पैसे में
Question 5. खिलौनेवाले का गान गली भर के मकानों में कैसे लहराता था? (a) झील की तरह (b) सागर की तरह (c) दो आने में (d) तीन रुपए में
Answer
Question 6. चुन्नू-मुन्नू ने कितने में खिलौने खरीदे थे? (a) तीन पैसे में (b) दो पैसे में (c) दो आने में (d) तीन रुपए में
Answer
Answer: (b) दो पैसे में
Question 7. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से किसका स्मरण हो आया? (a) मिठाईवाले का (b) खिलौनेवाले का (c) फेरीवाले का (d) बच्चों का
Answer
Answer: (c) फेरीवाले का
Question 8. रोहिणी ने मुरलीवाले की बातें सुनकर क्या महसूस किया? (a) ऐसे फेरीवाले आते-जाते रहते हैं । (b) वह महँगा सामान बेचता है (c) ऐसा स्नेही फेरीवाला पहले नहीं देखा (d) मुरलीवाला अच्छा व्यवहार नहीं करता
Answer
Answer: (c) ऐसा स्नेही फेरीवाला पहले नहीं देखा
Question 9. फिर वह सौदा भी कैसा भी सस्ता बेचता है? अर्थ के आधार पर वाक्य भेद है (a) संकेतवाचक (b) विधानवाचक (c) विस्मयादिबोधक (d) इच्छासूचक
Answer
Answer: (c) विस्मयादिबोधक
(1)
उसके स्नेहाभिषिक्त कंठ से फूटा हुआ गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुंड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता।
Question 1. उपरोक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम है- (a) फेरीवाला-नागार्जुन (b) दादी माँ-शिवप्रसाद सिंह (c) कठपुतली-भवानीप्रसाद मिश्र (d) मिठाईवाला-भवानीप्रसाद वाजपेयी
Answer
Answer: (d) मिठाईवाला-भवानीप्रसाद वाजपेयी
Question 2. खिलौनेवाले का स्वर कैसा था? (a) मार्मिक (b) कर्कश (c) मीठा (d) तीखा
Answer
Answer: (c) मीठा
Question 3. किसके गान से हलचल मच जाती थी? (a) बच्चों के (b) आसपास के रहने वालों के (c) भिखारी के (d) खिलौनेवाले के
Answer
Answer: (d) खिलौनेवाले के
Question 4. युवतियाँ कहाँ देखने लगी थी? (a) बगल में (b) छत के ऊपर (c) नीचे की ओर (d) भीड़ की ओर
Answer
Answer: (c) नीचे की ओर
Question 5. बच्चे किसे घेर लेते थे- (a) पड़ोसियों को (b) दोस्तों को (c) खिलौनेवाले को (d) युवती को
Answer
Answer: (c) खिलौनेवाले को
(2)
नगरभर में दो-चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे-“भाई वाह ! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो-दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी!” एक व्यक्ति ने पूछ लिया-“कैसा है वह मुरलीवाला, मैंने तो उसे नहीं देखा!” उत्तर मिला-“उम्र तो उसकी अभी अधिक न होगी, यही तीस-बत्तीस का होगा। दुबला-पतला गोरा युवक है, बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता है।”
Question 1. नगर में क्या समाचार फैल गया था? (a) खिलौनेवाले के आने की (b) सब्जीवाले के आने की (c) मदारी के आने की (d) मुरलीवाले के आने की
Answer
Answer: (d) मुरलीवाले के आने की
Question 2. मुरली का दाम था- (a) एक-एक पैसा (b) दो-दो पैसे (c) चार आने (d) एक रुपया
Answer
Answer: (b) दो-दो पैसे
Question 3. वह आदमी कैसे मुरली बेचता था? (a) गाना सुनाकर (b) नाच कर (c) मुरली बजाकर (d) भालू नचाकर
Answer
Answer: (c) मुरली बजाकर
Question 4. मुरलीवाले की कितनी उम्र होगी? (a) पच्चीस-तीस वर्ष (b) तीस-बत्तीस वर्ष (c) चालीस-बयालिस वर्ष (d) पचास वर्ष
विजय बाबू एक समाचार-पत्र पढ़ रहे थे। उसी तरह उसे लिए हुए वे दरवाजे पर आकर मुरलीवाले से बोले-“क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?” किसी की टोपी गली में गिर पड़ी। किसी का जूता पार्क में ही छूट गया और किसी की सोथनी (पाजामा) ही ढीली होकर लटक आई है। इस तरह दौड़ते-हाँफ़ते हुए बच्चों का झुंड आ पहुँचा। एक स्वर से सब बोल उठे-“अम बी लेंदे मुल्ली और अम वी लेंदे मुल्ली ।”
Question 1. समाचार पत्र कौन पढ़ रहे थे? (a) रोहिणी (b) विजय बाबू (c) मुरलीवाला (d) मिठाईवाला
Answer
Answer: (b) विजय बाबू
Question 2. किसी की टोपी गली में क्यों गिर पड़ी? (a) झगड़े के कारण (b) असावधानी के कारण (c) खेल में मस्त रहने के कारण (d) भागकर जाने के कारण
Answer
Answer: (d) भागकर जाने के कारण
Question 3. बच्चे का पार्क में क्या छूट गया? (a) गेंद (b) बॉल (c) जूते (d) टोपी
Answer
Answer: (c) जूते
Question 4. हाँफते-भागते बच्चों का झुंड कहाँ पहुँच गया? (a) घर (b) विद्यालय (c) मुरलीवाले के पास (d) आइसक्रीम वाले के पास
आज अपने मकान में बैठी हुई रोहिणी मुरलीवाले की सारी बातें सुनती रही। आज भी उसने अनुभव किया, बच्चों के साथ इतने प्यार से बातें करनेवाला फेरीवाला पहले कभी नहीं आया। फिर वह सौदा भी कैसा सस्ता बेचता है! भला आदमी जान पड़ता है। समय की बात है, जो बेचारा इस तरह मारा-मारा फिरता है। पेट जो न कराए, सो थोड़ा! इसी समय मुरलीवाले का क्षीण स्वर दूसरी निकट की गली से सुनाई पड़ा-“बच्चों को बहलानेवाला, मुरलियावाला!”
Question 1. अपने मकान में कौन बैठी थी? (a) दादी माँ (b) रोहिणी (c) पड़ोसिन (d) मुरलीवाले की पत्नी
Answer
Answer: (b) रोहिणी
Question 2. मुरलीवाला किससे बातें कर रहा था? (a) चुन्नू-मुन्नू से (b) दादी से (c) रोहिणी से (d) पड़ोसिन से
Answer
Answer: (c) रोहिणी से
Question 3. रोहिणी किस बात पर सोच में पड़ गई थी? (a) बच्चों से प्यार भरी बातें करने पर (b) सस्ता सामान बेचने पर (c) मोल-भाव करने पर (d) बच्चों को बहलाने पर
Answer
Answer: (c) मोल-भाव करने पर
Question 4. फिर वह सौदा भी कैसा बेचता है! वाक्य का भेद है (a) आदेश सूचक (b) संकेत सूचक (c) विस्मयादि बोधक (d) इच्छा सूचक
Answer
Answer: (c) विस्मयादि बोधक
(5)
समय की गति ! विधाता की लीला। अब कोई नहीं है। दादी, प्राण निकाले नहीं निकले। इसलिए अपने उन बच्चों की खोज में निकला हूँ। वे सब अंत में होंगे, तो यहीं कहीं। आखिर, कहीं न जनमे ही होंगे। उस तरह रहता, घुल-घुलकर मरता। इस तरह सुख-संतोष के साथ मरूँगा।
Question 1. उपरोक्त गद्यांश के रचयिता कौन हैं? (a) विनीता पाण्डेय (b) प्रयाग शुक्ल (c) भगवती प्रसाद वाजपेयी (d) यतीश अग्रवाल
Answer
Answer: (b) प्रयाग शुक्ल
Question 2. ‘समय की गति! विधाता की लीला’ यह कथन किसका है? (a) दादी का (b) रोहिणी का (c) मिठाईवाले का (d) विजय बाबू का
Answer
Answer: (c) मिठाईवाले का
Question 3. ‘प्राण निकाले नहीं निकले’ इस कथन का अभिप्राय क्या है? (a) मरने की चाहत (b) मरने पर भी न मरा (c) पत्नी और बच्चे के बिना मृत्यु चाहकर भी मर न पाया (d) उद्देश्यविहीन जीवन
Answer
Answer: (c) पत्नी और बच्चे के बिना मृत्यु चाहकर भी मर न पाया
Question 4. मिठाईवाले को किस चीज़ की कमी न थी? (a) संतोष की (b) धन की (c) प्रेम की (d) सुख-शांति की
Answer
Answer: (b) धन की
Question 5. मिठाईवाला बच्चों की झलक में क्या पाता है? (a) ईश्वर की (b) मित्र की (c) अपने बच्चों की झलक (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (c) अपने बच्चों की झलक
(6)
नगरभर में दो-चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे-“भाई वाह! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो-दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी!”
Question 1. नगरभर में क्या समाचार फैल गया?
Answer
Answer: नगर में समाचार फैल गया कि मधुर तान में गाकर मुरलियाँ बेचने वाला आया है।
Question 2. मुरलीवाले के बारे में लोग क्या कहते थे?
Answer
Answer: मुरलीवाले के बारे में लोग कहते थे कि वह मुरली बजाने में उस्ताद है। वह गाना सुनाकर और मुरली बजाकर मुरली बेचता है। वह दो-दो पैसे में मुरली बेच रहा है। इतने में तो मेहनत भी पूरी न होती होगी।
Question 3. मुरलीवाला पहले क्या काम करता था?
Answer
Answer: मुरलीवाला पहले खिलौने बेचा करता था।
Question 4. मुरलीवाला का हुलिया कैसा था?
Answer
Answer: मुरलीवाले का हुलिया-वह गोरा, पतला युवक था। वह 30-32 वर्ष का व्यक्ति था। वह बीकानेरी साफ़ा बाँधता था।
Question 5. मुरलीवाले द्वारा सस्ती मुरलियाँ बेचने पर लोग क्या सोचते थे?
Answer
Answer: मुरलीवाले के द्वारा सस्ती मुरलियाँ बेचने पर लोग कहते थे कि वह क्या लाभ कमाता होगा।
(7)
विजय बाबू भीतर-बाहर दोनों रूपों में मुसकरा दिए। मन-ही-मन कहने लगे-कैसा है! देता तो सबको इसी भाव से है, पर मुझ पर उलटा अहसान लाद रहा है। फिर बोले-“तुम लोगों की झूठ बोलने की आदत होती है। देते होगे सभी को दो-दो पैसे में, पर अहसान का बोझा मेरे ही ऊपर लाद रहे हो।” मुरलीवाला एकदम अप्रतिभ हो उठा। बोला-“आपको क्या पता बाबू जी कि इनकी असली लागत क्या है! यह तो ग्राहकों का दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर चीज़ क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं-दुकानदार मुझे लूट रहा है।
Question 1. विजय बाबू कौन थे?
Answer
Answer: विजय बाबू रोहिणी के पति और चुन्नू-मुन्नू के पिता थे।
Question 2. विजय बाबू क्यों मुसकरा दिए।
Answer
Answer: जब मुरलीवाले ने कहा कि वैसे तो मुरली तीन पैसे की है लेकिन मैं आपको दो पैसे की दूंगा तो विजय बाबू मुसकराने लगे। वस्तुतः वे मुरलीवाले को एक आम फेरीवाला समझ रहे थे। उसके मन के भाव से पूर्णतया अपरिचित थे।
Question 3. विजय बाबू और मुरलीवाले के बीच क्या बातचीत हुई ?
Answer
Answer: मुरलीवाले और विजय बाबू के बीच बातचीत हुआ कि तुम लोगों की आदत झूठ बोलने की है। सभी को दो-दो पैसों में देते होगे पर अहसान का बोझा मेरे ऊपर लाद रहे हो। इस बात का तर्कपूर्ण उत्तर देते हुए कहा कि-मुरली की लागत का पता नहीं है। हर ग्राहक यही समझता है कि दुकानदार मुझे लूट रहा है। मैंने तो एक हज़ार मुरलियाँ बनवाई थीं। अत: मुझे इस भाव पड़ी है। अन्यथा कहीं भी ये मुरलियाँ दो-दो पैसे में नहीं मिल सकती।
Question 4. मुरलीवाले ने क्या सफ़ाई दी?
Answer
Answer: मुरलीवाले ने सफाई दी कि आपको मुरली की लागत का पर्मा नहीं है। हर ग्राहक यही समझता है कि दुकानदार मुझसे ज़्यादा पैसा ले रहा है लेकिन मुझे एक हजार मुरलियाँ बनाने में लागत यही लगी है। अन्यथा कही भी मुरलियाँ दो-दो पैसे के नहीं मिलती हैं।
Question 5. क्या आप मुरलीवाले की बात से सहमत हैं ?
Answer
Answer: हाँ, मैं मुरलीवाले की बात से सहमत हूँ।
(8)
मिठाईवाले का स्वर उसके लिए परिचित था, झट से रोहिणी नीचे उतर आई। उस समय उसके पति मकान में नहीं थे। हाँ, उनकी वृद्धा दादी थीं। रोहिणी उनके निकट आकर बोली-“दादी, चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। ज़रा कमरे में चलकर ठहराओ। मैं उधर कैसे जाऊँ, कोई आता न हो। ज़रा हटकर मैं भी चिक की ओट में बैठी रहूँगी।” दादी उठकर कमरे में आकर बोली-“ए मिठाईवाले, इधर आना।” मिठाईवाला निकट आ गया। बोला-“कितनी मिठाई दूँ माँ? ये नए तरह की मिठाइयाँ हैं-रंग-बिरंगी, कुछ-कुछ खट्टी, कुछ-कुछ मीठी, ज़ायकेदार, बड़ी देर तक मुँह में टिकती हैं। जल्दी नहीं घुलतीं। बच्चे बड़े चाव से चूसते हैं।
Question 1. मिठाईवाले की आवाज़ सुन रोहिणी तुरंत नीचे क्यों आ गई ?
Answer
Answer: मिठाईवाले के आवाज़ से रोहिणी समझ गई थी कि यह वही व्यक्ति है जो पहले खिलौने और मुरली लेकर आया था। उस व्यक्ति का स्वभाव विनम्र होने के कारण वह समझ गई कि वह व्यक्ति वही है। वह उसके परिवार के विषय के बारे में जानने के लिए उत्सुक थी, इसलिए उसकी आवाज़ सुनकर वह झट नीचे उतर आई ताकि बच्चों के लिए मिठाई लेने के बहाने उसे बुलवा सके।
Question 2. रोहिणी ने मिठाईवाले को बुलाने के लिए किनसे कहा और क्यों?
Answer
Answer: रोहिणी ने मिठाईवाले को बुलाने के लिए अपने पति की बूढ़ी दादी से कहा कि वह मिठाईवाले को बुला दें, क्योंकि उसके पति उसके घर में नहीं थे।
Question 3. रोहिणी बाहर क्यों नहीं जा सकती थी?
Answer
Answer: रोहिणी घर की बहू थी। उस ज़माने में घर की बहुओं को परदे में रहना पड़ता था। उन्हें परिवार तथा गाँव घर के बड़े-बुजुर्गों के सामने जाने की मनाही थी। यही कारण था कि रोहिणी स्वयं बाहर नहीं जा रही थी।
Question 4. मिठाइयों की क्या विशेषता थी?
Answer
Answer: मिठाइयों की यह विशषता थी कि वह रंग-बिरंगी, खट्टी-मीठी, ज़ायकेदार, बड़ी देर तक मुँह में टिकती है। जल्दी नहीं घुलती।
Question 5. उपर्युक्त गद्यांश में क्या बेचने की बात कही गई थी?
Answer
Answer: उपर्युक्त गद्यांश में मिठाई बेचने की बात की गई है।
(9)
अतिशय गंभीरता के साथ मिठाईवाले ने कहा-“मैं भी अपने नगर का एक प्रतिष्ठित आदमी था। मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़े, नौकर-चाकर सभी कुछ था। स्त्री थी, छोटे-छोटे दो बच्चे भी थे। मेरा वह सोने का संसार था। बाहर संपत्ति का वैभव था, भीतर सांसारिक सुख था। स्त्री सुंदरी थी, मेरी प्राण थी। बच्चे ऐसे सुंदर थे, जैसे सोने के सजीव खिलौने। उनकी अठखेलियों के मारे घर में कोलाहल मचा रहता था। समय की गति! विधाता की लीला। अब कोई नहीं है।
Question 1. मिठाईवाले की वैभव संपन्नता का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
Answer
Answer: मिठाईवाला उस शहर में प्रतिष्ठित व धनी व्यक्ति था। व्यवसाय व नौकर-चाकर किसी प्रकार की कोई कमी उसे न थी। उसकी पत्नी अत्यंत सुंदर थी और बच्चे भी बहुत सुंदर एवं नटखट थे। उसका जीवन काफ़ी सुखमय था।
Question 2. मिठाईवाला अपने जीवन की सच्चाई किसे और क्यों सुना रहा था।
Answer
Answer: मिठाईवाला अपने जीवन की सच्चाई रोहिणी के पूछने के बाद उसको सुना रहा था।
Question 3. मिठाईवाले का संसार कैसा था?
Answer
Answer: मिठाईवाले का संसार काफ़ी सुखमय था।
Question 4. मिठाईवाले के मन की व्यथा क्या थी?
Answer
Answer: मिठाईवाले के मन की व्यथा थी कि उसका संसार उजड़ चुका था। पत्नी व बच्चे की मौत एक हादसे में हो गई थी। अब वह अकेला जीवन के दिन काट रहा था यही उसकी व्यथा का कारण था।
Question 5. सजीव खिलौने में रेखांकित शब्द क्या है?
Answer
Answer: सजीव खिलौने में रेखांकित शब्द है विशेषण का।
कहानी से
प्रश्न 1. मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था? उत्तर: मुरलीवाला अलग-अलग चीजें इसलिए बेचता था, जिससे बच्चों और लोगों को उसकी वस्तुओं में आकर्षण बना रहे। एक ही सामान को बार-बार खरीदने की बच्चों में रुचि नहीं रह जाती है। वह महीनों बाद इसलिए आता था क्योंकि वह बच्चों के लिए नई-नई वस्तुएँ बनवाकर लाता था। नई वस्तुओं के बनने में समय लगता था। वह लाभ कमाने के लिए अपना सामान नहीं लाता था, वह तो बस बच्चों की झलक देखने के लिए बच्चों को सस्ता सामान दिया करता था।
प्रश्न 2. मिठाईवाले में वे कौन-से गण थे, जिनकी वज़ह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे? उत्तर: मुरलीवाले में निम्नलिखित गुण थे –
वह अत्यंत मधुर तथा मादक स्वर में गाकर स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ तथा सुंदर खिलौने बेचा करता था।
वह अत्यंत विनम्र तथा मृदुभाषी था।
बच्चों के पास पैसे न होने पर उनकी पसंद की वस्तुएँ दे दिया करता था।
वह हर बार नई-नई वस्तुएँ लेकर बच्चों के बीच आता था।
प्रश्न 3. विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं? उत्तर: विजय बाबू-तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत होती है। देते होंगे सभी को दो-दो पैसे में, पर एहसान का बोझा मेरे ही ऊपर लाद रहे हो। मुरलीवाला-आपको क्या पता बाबूजी इनकी असली लागत क्या है? यह तो ग्राहकों का दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर चीज़ क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं कि दुकानदार मुझे लूट रहा है। आप कहीं से दो पैसे में ये मुरलियाँ नहीं पा सकते। मैंने तो पूरी एक हज़ार बनवाई थीं, तब मुझे इस भाव पड़ी हैं।
प्रश्न 4. खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी? उत्तर: खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की प्रतिक्रिया होती थी –
वे अपने खेल छोड़कर घरों, गलियों उद्यानों से बाहर आ जाते थे।
वे हाँफते-भागते जल्दी से जल्दी खिलौनेवाले के पास पहुँच जाना चाहते थे।
अपने माता-पिता से किसी न किसी तरह से पैसे ले ही लिया करते थे।
उसकी मादक आवाज़ उन्हें बेकाबू बना देती थी।
वे अत्यंत खुश हो जाते थे।
प्रश्न 5. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया? उत्तर: रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि –
मुरलीवाला पहले की तरह ही गाकर सामान (मुरली) बेच रहा था।
मुरलीवाले का स्वर भी खिलौनेवाले की तरह ही मादक और मधुर था।
उसे मुरलीवाले की आवाज़ जानी-पहचानी सी लगी।
लोग मुरलीवाले की मुरली बजाकर बेचने की कला की चर्चा आपस में किया करते थे।
प्रश्न 6. किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया? उत्तर: मिठाईवाला रोहिणी तथा दादी की बातें सुनकर भावुक हो गया था। उसने इन व्यवसायों को अपनाने के निम्नलिखित कारण बताए –
मेरे दोनों बच्चे भी जाएँगे कहाँ! वे सब अंत में यहीं-कहीं होंगे, उन्हीं को खोजने निकला हूँ।
इन बच्चों को हँसते-खेलते, उछलते-कूदते देखकर लगता है कि इन्हीं में मेरे भी बच्चे होंगे।
बच्चों के दुख में घुल-घुलकर मरने से अच्छा है, इन. बच्चों के साथ सुख-संतोष से मरना।
इन बच्चों में मुझे अपने बच्चों की भी एक झलक-स मिल जाती है।
इस तरह से बच्चों की खुशी मिल जाती है। .
प्रश्न 7. ‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा? उत्तर: ‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’ मिठाईवाले ने ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि
दादी के पूछने पर मिठाईवाला बहुत भावुक हो गया था।
उसे अपने छोटे-छोटे दोनों बच्चे याद आ रहे थे।
उसे लगा होगा कि जिस भाव से ये दोनों बच्चे मिठाइयाँ माँ से माँग रहे हैं, उसी प्रकार मेरे बच्चे भी माँगते थे।
उसने समझ लिया होगा कि वह ये मिठाइयाँ चुन्नू-मुन्नू को नहीं, बल्कि. अपने बच्चों को दे रहा है।
बिना पैसा लिए मिठाइयाँ देकर उसे अपूर्व खुशी प्राप्त हुई होगी।
प्रश्न 8. इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है? उत्तर: हाँ, आज भी कुछ औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं। कुछ बुजुर्ग औरतें, गाँव की औरतें तथा कुछ जाति विशेष की औरतें अपरिचितों से बात करते समय पर्दा करके बात करती हैं। ऐसा वे शर्म या संकोच के कारण करती हैं। मेरी राय में उनका इस तरह बात करना सही नहीं है।
कहानी से आगे
प्रश्न 1. मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए? उत्तर: कपड़ेवाला मेरठ में एक युवा कपड़े का व्यापारी था। शहर में ही चौक के पास उसकी बड़ी-सी कपड़े की दुकान थी। उसकी दुकान में कुल मिलाकर दस अन्य लोग भी कामं करते थे। वह अपने व्यवहार से अपने साथ काम करने वाले तथा दुकान पर आनेवाले ग्राहकों को सदैव खुश रखने का प्रयास करता था। उसने हर प्रकार के कपड़े पर अपना मुनाफा निश्चित कर रखा था। मेरठ में वह ज्यादा प्रसिद्ध इसलिए था, क्योंकि चाहे बड़ा आदमी जाए उसकी दुकान पर या मज़दूर, बूढ़ा जाए या बालक, सबके लिए उसका एक दाम था।
उसका व्यापार दिनों-दिन फलता-फूलता जा रहा था। – उसके परिवार में उसके अलावा उसकी पत्नी और एक बेटा, एक बेटी भी थे। शाम को दुकान बंद करने का एक निश्चित समय होने से बच्चे उसका इंतज़ार करते मिलते थे। घर पहुँचते ही व्यापारी की सारी थकान उतर जाया करती थी। जब उसके दोनों बच्चे उससे लिपटकर अपनी तोतली ज़बान में उससे पूछते थे, ‘आद मेले लिए त्या लाए ओ’? वह बच्चों की उनकी मनपंसद की चीजें देता।
बच्चे प्रसन्न हो जाते और अपनी माँ को दिखाते और कहते, ‘देथो, पापा हमाले लिए त्या लाए हैं।’ वह सप्ताह में एक बार उन्हें बाहर घुमाने ले जाता था। महीने में एक बार, कभी महीने में दो बार उसे व्यापार के काम सं सूरत, मुंबई, कलकत्ता जैसे शहरों में भी जाना पड़ता था। वहाँ से लौटकर वह. अपने बच्चों को ज्यादा समय देता। समय अपनी अबाधगति से चलता रहा।
एक बार उसे अपने काम के सिलसिले में मुंबई जाना पड़ा। वहाँ उसकी तबीयत खराब होने के कारण एक सप्ताह से अधिक समय लग गया। इसी बीच मेरठ में दो संप्रदायों के बीच झगडा हो गया, जिसने बढ़कर विकराल रूप धारण कर दिया। दोनों संप्रदायों के लोग एक-दूसरे की जान के दुश्मन बन गए। पूरा मेरठ दंगे की आग में धधकने लगा। चार दिन बाद दंगा शांत हुआ। व्यापारी जब लौटकर आया, तो उसकी दुकान और उसकी दुनिया दंगे की भेंट चढ़ चुके थे।
महीनों व्यापारी को किसी चीज़ की सुध-बुध न रही। उसे अपने बच्चे और पत्नी की यादें बराबर सताया करती थी। समय का मरहम उसके ज़ख्मों को भरता गया और उसने घुट-घुट कर मरने के बजाए सुख से मरने का रास्ता चुना। उसने व्यापार पर ध्यान देना शुरू किया और अपनी खोई ख्याति फिर शीघ्र ही अर्जित कर ली। अब अपने धन का एक बड़ा भाग उसने एक अनाथ आश्रम बनाने में लगा दिया।
उसके इस कार्य में सरकार ने ज़मीन तथा अन्य सहायता भी दी। उसकी कठोर मेहनत से अनाथ आश्रम बनकर तैयार हो गया। धीरेधीरे एक, फिर दो और बढ़कर उसमें दस बच्चे हो गए। उनकी देखभाल के लिए उसने दो महिलाओं को नियुक्त कर दिया। अपनी दुकान बंद करके शाम को वह अनाथ आश्रम पहुँचता। वह बच्चों के लिए फल और मिठाइयाँ ले जाना न भूलता। बच्चे उसे देखते ही उससे लिपट जाते।
उसने उसी आश्रम में ही अपना आवास बना लिया। वह बच्चों को महीने में दो बार बाहर अवश्य घुमाने ले जाया करता था। बच्चे ज्यों-ज्यों बड़े होते जाते, वह उन्हें निकट के स्कूल में दाखिल करा देता। एक बार विद्यालय के एक अध्यापक ने व्यापारी से पूछा, “आप बच्चों के लिए इतना सब क्यों करते हैं? कहाँ से मिले ये बच्चे आपको?” तो व्यापारी ने कहा, “सर, ये वे अनाथ बच्चे हैं, जिनके माता-पिता दंगे में मारे गए थे, और इनको कोई सहारा देने वाला नहीं था। मैं इन बच्चों के साथ ऐसा इसलिए करता हूँ कि दंगे में मैं अपने बच्चों को खो चुका हूँ।
इन बच्चों को हँसते-खेलते, उछलते-कूदते देखकर लगता है कि मेरे अपने बच्चे ही हैं। मुझे इनमें अपने बच्चों की छवि दिखती है।” व्यापारी की ये बातें सुनकर अध्यापक इतने प्रभावित हुए कि जिस दिन उनका अवकाश होता, वह अपना समय अनाथ आश्रम के बच्चों को पढ़ाते हुए बिताने लगे। इन बच्चों को खुशियाँ देते-देते व्यापारी का अपना दुख कहाँ खो गया, उसे खुद पता नहीं है। आश्रम में बच्चे उसके आने का इंतज़ार करते हैं, तो दुकान पर लोग कपड़ेवाले का। आख़िर आज भी वह लोगों का वही चहेता कपड़ेवाला है।
प्रश्न 2. हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन सी चीजें आपको सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए। उत्तर: हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में खिलौनों, मिठाइयों तथा कपड़ों की दुकानों पर सजी चीजें सबसे अधिक | आकर्षित करती हैं। इनको सजाने-बनाने में अनेक कारीगरों तथा मजदूरों का हाथ होता है, जो अथक परिश्रम से इन्हें सजाते-संवारते हैं। लगातार परिश्रम करने के कारण से श्रमिक या कारीगर का बाहरी चेहरा तो उतना सुंदर नहीं रह जाता है परन्तु इनकी बनाई वस्तुएँ हमें ललचाने पर विवश कर देती हैं। इनका चेहरा भले न खूबसूरत हो, पर इनकी वस्तुएँ स्वयं इनकी सुंदरता को प्रकट कर देती हैं।
प्रश्न 3. इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुख कम करता है? इस मिज़ाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूंढ़िए और पढ़िए। उत्तर: छात्र पुस्तकालय से ऐसी कहानी, कविताएँ खोजकर स्वयं पढ़ें।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते होंगे। आप उनके बारे में क्या-क्या जानते हैं? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए। उत्तर: हमारी गली में भी अनेक फेरीवाले आते हैं। उनमें से एक-दो ऐसे हैं जिनके नाम, कहाँ रहते हैं, कितने बच्चे हैं, कब से यह काम कर रहे हैं, गाँव छोड़कर शहर क्यों आए, यही व्यवसाय क्यों अपनाया, गाँव कब-कब जाते हैं और कौन-कौन सी कालोनियों में सामान बेचने जाते हैं आदि जानता हूँ। स्वयं जानकारी प्राप्त करें।
प्रश्न 2. आपके माता-पिता के ज़माने से लेकर अब तक फेरीवाले की आवाज़ों में दैमा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए। उत्तर: मेरे माता-पिता के ज़माने में फेरीवाले अपना सामान पीठ पर, सिर पर या साइकिल पर रखकर ऊँची-ऊँची आवाज़ लगाकर, कुछ सुरीली आवाज़ में अपने सामान के बारे में गाते हुए बेचते थे। आज भी अनेक फेरीवाले ऐसा करते हैं परन्तु अधिकांश फेरीवाले अब अपने सामान को सिर पर रखकर नहीं बेचते हैं। वे साइकिल, रिक्शा, ठेला, मारुति कारों में रखकर लाउडस्पीकर की मदद से बेचते हैं।
प्रश्न 3. आपको क्या लगता है-वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं? कारण लिखिए। उत्तर: हाँ, वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं। इसके निम्नलिखित कारण हैं –
रहन-सहन के बढ़ते स्तर के कारण लोग इन फेरीवालों से सामान खरीदना, अपनी इज़्ज़त घट जाना मानते हैं।
जगह-जगह मॉल, शॉपिंग सेंटर खुलते जा रहे हैं, जिनमें एक ही छत के नीचे अनेक वस्तुएँ मिल जाती हैं।
फेरीवाले के सामान की गुणवत्ता को लोग अच्छा नहीं मानते हैं।
सामान की शिकायत करने के लिए फेरीवाले के आने तक इंतजार करना पड़ता है।
सामान खरीदने के बहाने ही लोग घरों से बाहर जाकर घूम-फिर आते हैं।
भाषा की बात
प्रश्न 1. मिठाईवाला बोलनेवाली गुड़िया ऊपर ‘वाला’ का प्रयोग है। अब बताइए कि (क) ‘वाला’ से पहले आनेवाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या हैं? (ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है? उत्तर: (क) ‘वाला’ से पहले आने वाले शब्द मिठाई संज्ञा तथा ‘बोलनेवाली’ विशेषण है। (ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका प्रयोग संज्ञा सूचक शब्द (कर्ता) बनाने के लिए किया गया है।
प्रश्न 2. “अच्छा मुझे ज्यादा वक्त नहीं, जल्दी से दो ठो निकाल दो।” उपर्युक्त वाक्य में ‘ठो’ के प्रयोग की ओर ध्यान . दीजिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग संख्यावाची शब्द के साथ होता है, जैसे-भोजपुरी में-एक ठो लइका, चार ठे आलू, तीन ठे बटुली।
ऐसे शब्दों का प्रयोग भारत की कई अन्य भाषाओं/ बोलियों में भी होता है। कक्षा में पता कीजिए कि किस-किस की भाषा-बोली में ऐसा है। इस पर सामूहिक बातचीत कीजिए। उत्तर: बिहार के मिथिला क्षेत्र में जहाँ मैथिली बोली जाती है, वहाँ पर ‘ठो’, ‘ठे’ के स्थान पर ‘टा’ का प्रयोग करते हैं। जैसे – एक ठो कलम – एक टा कलम पाँच ठो कापी – पाँच टा कापी अन्य भाषा बोलियों से जुड़े छात्र समूह में स्वयं इसकी चर्चा करें।
प्रश्न 3. “वे भी, जान पड़ता है, पार्क में खेलने निकल गए हैं।” “क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?” “दादी, चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है? ज़रा कमरे में चलकर ठहराओ।” भाषा के ये प्रयोग आजकल पढ़ने-सुनने में नहीं आते। आप ये बातें कैसे कहेंगे?” उत्तर: ऐसा लगता है वे भी पार्क में खेलने निकल गए हैं। क्यों भई, यह मुरली कितने में बेच रहे हो? दादी, चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। उसे रोककर कमरे में बिठाओ। कुछ करने को
प्रश्न 1. फेरीवालों की दिनचर्या कैसी होती होगी? उनका घर-परिवार कहाँ होगा? उनकी जिंदगी में किस प्रकार की समस्याएँ और उतार-चढ़ाव आते होंगे? यह जानने के लिए तीन-तीन के समूह में छात्र-छात्राएँ कुछ प्रश्न तैयार करें और फेरीवालों से बातचीत करें। प्रत्येक समूह अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े फेरीवालों से बात करें। उत्तर: अनुमान और कल्पना के प्रश्न 1 में दिए गए प्रश्नों की तरह ही कुछ और प्रश्न बनाकर छात्र समूह बनाकर फेरीवालों से स्वयं बात करें।
प्रश्न 2. इस कहानी को पढ़कर क्या आपको यह अनुभूति हुई कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से अपने मन का दुःख कम हो जाता है? समूह में बातचीत कीजिए। उत्तर: छात्र स्वयं समूह में बातचीत करें।
प्रश्न 3. अपनी कल्पना की मदद से मिठाईवाले का चित्र शब्दों के माध्यम से बनाइए। उत्तर: मिठाईवाले का शब्द चित्र मिठाईवाला पैंतीस-छत्तीस साल का गोरा व्यक्ति है। उसके बाल कुछ बड़े काले तथा चेहरे पर घनी मूंछे और हल्की-सी मुस्कान है। उसने कमीज़ और धोती पहन रखी है। उसके कंधे पर जूट का बड़ा सा थैला लटका है, जिसमें तरह-तरह की रंग-बिरंगी, खट्टी-मीठी विभिन्न आकार वाली मिठाइयाँ हैं। उसने एक कंधे पर एक लाठी रखी है, जिसके ऊपरी भाग में बाँस की अनेक तीलियों पर पॉलीथीन की सफेद थैलियों में मिठाइयाँ लटक रही हैं। ‘बच्चों के लिए मिठाइयाँ ले लो, ले-लो….मिठाइयाँ’ कहता हुआ धीरे-धीरे बढ़ता चला आ रहा है।
Question 1. कठपुतली कविता के रचयिता हैं (a) मैथलीशरण गुप्त (b) भवानी प्रसाद मिश्र (c) सुमित्रानंदन पंत (d) सुभद्रा कुमारी चौहान
Answer
Answer: (b) भवानी प्रसाद मिश्र
Question 2. कठपुतली को किस बात का दुख था? (a) हरदम हँसने का (b) दूसरों के इशारे पर नाचने का (c) हरदम खेलने का (d) हरदम धागा खींचने का
Answer
Answer: (b) दूसरों के इशारे पर नाचने का
Question 3. कठपुतली के मन में कौन-सी इच्छा जागी? (a) मस्ती करने की (b) खेलने की (c) आज़ाद होने की (d) नाचने की
Answer
Answer: (c) आज़ाद होने की
Question 4. पहली कठपुतली ने दूसरी कठपुतली से क्या कहा? (a) स्वतंत्र होने के लिए (b) अपने पैरों पर खड़े होने के लिए (c) बंधन से मुक्त होने के लिए (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 5. कठपुतलियों को किनसे परेशानी थी? (a) गुस्से से (b) पाँवों से (c) धागों से (d) उपर्युक्त सभी से
Answer
Answer: (c) धागों से
Question 6. कठपुतली ने अपनी इच्छा प्रकट की (a) हर्षपूर्वक (b) विनम्रतापूर्वक (c) क्रोधपूर्वक (d) व्यथापूर्वक
Answer
Answer: (c) क्रोधपूर्वक
Question 7. कठपुतली गुस्से से क्यों उबल पड़ी- (a) वह आज़ाद होना चाहती थी (b) वह खेलना चाहती थी (c) वह पराधीनता से परेशान थी (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (c) वह पराधीनता से परेशान थी
Question 8. ‘पाँवों को छोड़ देने का’ का अर्थ है (a) सहारा देना (b) स्वतंत्र कर देना (c) आश्रयहीन कर देना (d) पैरों से सहारा हटा देना
Answer
Answer: (b) स्वतंत्र कर देना
(1)
कठपुतली गुस्से से उबली बोली-ये धागे क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? इन्हें तोड़ दो। मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।
Question 1. इस कविता के रचयिता कौन हैं? (b) मीरा बाई (a) रहीम (c) भवानीप्रसाद मिश्र (d) प्रयाग शुक्ल
Answer
Answer: (c) भवानीप्रसाद मिश्र
Question 2. ‘कठपुतली’ का जीवन कैसा था? (a) कैदी (b) धागों से बँधा (c) दूसरों के हाथों में (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (b) धागों से बँधा
Question 3. कठपुतली को किनसे परेशानी थी? (a) धागों से (b) गुस्से से (c) पाँवों से (d) इनमें कोई नहीं
Answer
Answer: (c) पाँवों से
Question 4. कठपुतली गुस्से से क्यों उबल पड़ी? (a) वह स्वतंत्र होना चाहती थी (b) वह अकेले रहना चाहती थी (c) पराधीनता से परेशान थी (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (a) वह स्वतंत्र होना चाहती थी
Question 5. ‘कठपुतली’ शब्द का अर्थ है- (a) काठ की पुतली (b) काठ की गुड़ियाँ (c) गाँवों की पुतली (d) प्लास्टिक की गुड़िया
Answer
Answer: (a) काठ की पुतली
Question 6. कठपुतली गुस्से से क्यों उबल पड़ी?
Answer
Answer: कठपुतली स्वयं को धागों में बँधे-बँधे तथा दूसरे के इशारों पर नाचते देखकर गुस्से से उबल पड़ी।
Question 7. कठपुतली ने क्या कहा?
Answer
Answer: कठपुतली ने कहा कि मेरे आगे-पीछे धागे क्यों हैं? इसे तोड़कर हमें आज़ाद कर दिया जाय और मुझे अपने हालात पर छोड़ दिया जाय।
Question 8. कठपुतली धागे तोड़ने का आग्रह क्यों करती है?
Answer
Answer: कठपुतली धागे को तोड़ने का आग्रह इसलिए कर रही है ताकि वह आत्मनिर्भर हो सके।
Question 9. कठपुतली के आगे-पीछे धागे क्यों होते हैं ?
Answer
Answer: कठपुतली आगे-पीछे धागे इसलिए होते हैं, ताकि उन्हें अपनी मनमर्जी से नचाया जा सके।
Question 10. कठपुतली को किस बात का दुख था?
Answer
Answer: कठपुतली को इस बात का दुख था कि उसे दूसरों के इशारे पर नाचना पड़ता है।
(2)
मगर… पहली कठपुतली सोचने लगी- ये कैसी इच्छा मेरे मन में जगी?
Question 1. दूसरी कठपुतलियाँ क्या बोलीं? (a) हमें आजादी चाहिए (b) हमें आत्मनिर्भर होना चाहिए (c) स्वतंत्र होने के लिए (d) उपर्युक्त सभी कथन
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन
Question 2. कविता में कठपुतली किसकी प्रतीक है? (a) खिलौने की (b) आम लोगों की (c) स्वतंत्रता की (d) उड़ने की
Answer
Answer: (b) आम लोगों की
Question 3. ‘हमें अपने मन के छंद हुए’ का क्या अर्थ है- (a) अपने मन का काम (b) अपने लिए जीना (c) अपने मन की बात सुनना (d) नया जीवन जीना
Answer
Answer: (c) अपने मन की बात सुनना
Question 4. ‘पहली कठपुतली’ रेखांकित शब्द है- (a) संज्ञा (b) सर्वनाम (c) क्रिया (d) विशेषण
Answer
Answer: (d) विशेषण
Question 5. क्या कठपुतलियाँ स्वतंत्र हो गईं ? यदि हो गई तो कौन-सी? (a) हाँ (b) सबसे छोटी वाली (c) नहीं, कोई भी नहीं (d) पता नहीं
Answer
Answer: (c) नहीं, कोई भी नहीं
Question 6. पहली कठपुतली की बात किसने सुनी?
Answer
Answer: पहली कठपुतली की बात इसके साथ रहने वाली दूसरी कठपुतलियाँ सुन रही थीं।
Question 7. पहली कठपुतली मन में क्या सोचने लगी?
Answer
Answer: पहली कठपुतली सोचने लगी कि उसके मन में यह स्वतंत्रता की कैसी इच्छा जग गई है? इसका क्या परिणाम होगा?
Question 8. पहली कठपुतली के मन में क्या इच्छा जगी थी, वह कितनी स्वाभाविक थी?
Answer
Answer: पहली कठपुतली सोचने लगी कि उसके कारण सभी विद्रोह के लिए तैयार हो गई हैं, अत: अब उसके कंधों पर स्वतंत्रता की जिम्मेदारी बढ़ गई है।
Question 9. मन के छंद छूने का अर्थ क्या है?
Answer
Answer: मन के छंद छूने का अर्थ है-अपनी मन मर्जी से काम करना।
Question 10. ‘इच्छा’ शब्द के दो पर्यायवाची लिखिए।
Answer
Answer: ‘इच्छा’ शब्द का पर्यायवाची शब्द है-लालसा, कामना, चाहत, आकांक्षा ।
कविता से
प्रश्न 1. कठपुतली को गुस्सा क्यों आया? उत्तर: कठपुतली के आगे-पीछे धागे ही धागे थे। वह पराधीन रहकर जीवन बिता रही थी। ऐसा जीवन उसे लम्बे समय से जीना पड़ रहा था। अपनी स्वतंत्रता की चेतना जागृत होने पर कठपुतली को गुस्सा आया।
प्रश्न 2. कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की – इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती? उत्तर: कठपुतली को अपने पाँवों पर खडी होने की इच्छा है लेकिन वह खड़ी नहीं हो पाती है क्योंकि उस पर बाकी कठपुतलियों की स्वतंत्रता की ज़िम्मेदारी आती है। अकेले उसी के स्वतंत्र होने से कोई बात नहीं बनने वाली है। आवश्यकता है सभी कठपुतलियों के स्वतंत्र होने की।
प्रश्न 3. पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी। उत्तर: पहली कठपुतली की बात सभी कठपुतलियों को अच्छी लगी। क्योंकि अन्य कठपुतलियाँ भी इस बंधनयुक्त जीवन से मुक्त होना चाहती थीं। आख़िर स्वतंत्रता सबको अच्छी लगती है, और वे स्वतंत्र होना चाहती हैं।
प्रश्न 4. पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि-‘ये धागे / क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? / इन्हें तोड़ दो / मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’-तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि- ‘ये कैसी इच्छा / मेरे मन में जगी?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए
उसे दूसरी कठपुतलियों की ज़िम्मेदारी महसूस होने लगी।
उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।
वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।
वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।
उत्तर: उसे दूसरी कठपुतलियों की ज़िम्मेदारी महसूस होने लगी।
कविता से आगे
प्रश्न. 1. ‘बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद छुए।’-इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? – नीचे दिए हुए वाक्यों की सहायता से सोचिए और अर्थ लिखिए-. (क) बहुत दिन हो गए, मन में उमंग नहीं आई। (ख) बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोई बात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो। (ग) बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ। (घ) बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई। उत्तर: (घ) बहुत दिन हो गए मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।
प्रश्न. 2. नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलनों के वर्ष दिए गए हैं। इन दोनों आंदोलनों के दो-दो स्वतंत्रता सेनानियों .. के नाम लिखिए (क) सन् 1857…………. (ख) सन् 1942 …………… उत्तर: (क) सन् 1857-मंगल पाँडे, रानी लक्ष्मीबाई। (ख) सन् 1942-महात्मा गाँधी, सरदार वल्लभभाई पटेल।
अनुमान और कल्पना
स्वतंत्र होने की लड़ाई कठपुतलियों ने कैसे लड़ी होगी और स्वतंत्र होने के बाद उन्होंने स्वावलंबी होने के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए होंगे? यदि उन्हें फिर से धागे | में बाँधकर नचाने के प्रयास हुए होंगे तब उन्होंने अपनी रक्षा किस तरह के उपायों से की होगी? उत्तर: स्वतंत्रता की बात धीरे-धीरे सभी कठपुतलियों में घर कर गई होगी उन्होंने स्वतंत्र रहने का निर्णय लिया होगा। उन सबने एक साथ संगठित विद्रोह कर दिया होगा और अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ते हुए विजय पाई होगी। कुछ ने नृत्य को अपने पेशे के रूप में अपनाया होगा, बाकी ने आने वाली पीढी को शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर, शिक्षित बनाकर, स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया होगा। शिक्षित और स्वावलंबी बन चुकी होने के कारण ऐसा करना अब आसान न था। वे अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सक्षम हो चुकी थी, इसलिए अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए उन्होंने जी-जान से प्रयास किया होगा।
भाषा की बात
प्रश्न 1. कई बार जब दो शब्द आपस में जुड़ते हैं तो उनके मूल रूप में परिवर्तन हो जाता है। कठपुतली शब्द में भी इस प्रकार का सामान्य परिवर्तन हुआ है। जब काठ और पुतली दो शब्द एक साथ हुए कठपुतली शब्द बन गया और इससे बोलने में सरलता आ गई। इस प्रकार के कुछ शब्द बनाइए जैसे-काठ (कठ) से बना-कठगुलाब, कठफोड़ा हाथ-हथ सोना-सोन मिट्टी-मठ उत्तर: हाथ (हथ) से बने शब्द – हथकंडा, हथकड़ी, हथगोला, हथकरघा, हथ छुट। सोना (सोन) से बने शब्द – सोनजुही, सोनहला, सोनकेला। मिट्टी (मठ) से बने शब्द – मठाधीश, मठधारी, मठपति।
प्रश्न 2. कविता की भाषा में लय या तालमेल बनाने के लिए प्रचलित शब्दों और वाक्यों में बदलाव होता है। जैसे-आगे-पीछे अधिक प्रचलित शब्दों की जोड़ी है, लेकिन कविता में “पीछे-आगे’ का प्रयोग हुआ है। यहाँ ‘आगे’ का ‘ बोली ये धागे’ से ध्वनि का तालमेल है। इस प्रकार के शब्दों की जोड़ियों में आप भी परिवर्तन कीजिए-दुबला-पतला, इधर-उधर, ऊपर-नीचे, दाएँ-बाएँ, गोरा-काला, लाल-पीला आदि। उत्तर: शब्द
Question 1. गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम इनमें से कौन-सा है? (a) दादी माँ-शिवप्रसाद सिंह (b) हिमालय की बेटियाँ-नागार्जुन (c) फूले कदंब-नागार्जुन (d) कठपुतली-भवानी प्रसाद मिश्र
Answer
Answer: (b) हिमालय की बेटियाँ-नागार्जुन
Question 2. लेखक ने किन्हें दूर से देखा था? (a) हिमालय पर्वत को (b) हिमालय की चोटियों को (c) हिमालय से निकलने वाली नदियों को (d) हिमालय के समतल मैदानों को
Answer
Answer: (c) हिमालय से निकलने वाली नदियों को
Question 3. नदियों की बाल लीला कहाँ देखी जा सकती है? (a) घाटियों में (b) नंगी पहाड़ियों पर (c) उपत्यकाओं में (d) उपर्युक्त सभी
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Question 4. निम्नलिखित में से किस नदी का नाम पाठ में नहीं आया है? (a) रांची (b) सतलुज (c) गोदावरी (d) कोसी
Answer
Answer: (c) गोदावरी
Question 5. बेतवा नदी को किसकी प्रेयसी के रूप चित्रित किया गया है? । (a) यक्ष की (b) कालिदास की (c) मेघदूत की (d) हिमालय की
Answer
Answer: (c) मेघदूत की
Question 6. लेखक को नदियाँ कहाँ अठखेलियाँ करती हुई दिखाई पड़ती हैं? (a) हिमालय के मैदानी इलाकों में (b) हिमालय की गोद में (c) सागर की गोद में (d) घाटियों की गोद में
Answer
Answer: (b) हिमालय की गोद में
Question 7. लेखक ने नदियों और हिमालय का क्या रिश्ता कहा है? (a) पिता-पुत्र का (b) पिता-पुत्रियों का (c) माँ-बेटे का (d) भाई-बहन का
Answer
Answer: (b) पिता-पुत्रियों का
Question 8. लेखक किस नदी के किनारे बैठा था? (a) गोदावरी (b) सतलुज (c) गंगा (d) यमुना
Answer
Answer: (b) सतलुज
(1)
अभी तक मैंने उन्हें दूर से देखा था। बड़ी गंभीर, शांत, अपने आप में खोई हुई लगती थीं। संभ्रांत महिला की भाँति वे प्रतीत होती थीं। उनके प्रति मेरे दिल में आदर और श्रद्धा के भाव थे। माँ और दादी, मौसी और मामी की गोद की तरह उनकी धारा में डुबकियाँ लगाया करता। परंतु इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो वे कुछ और रूप में सामने थीं। मैं हैरान था कि यही दुबली-पतली गंगा, यही यमुना, यही सतलुज समतल मैदानों में उतरकर विशाल कैसे हो जाती हैं!
Question 1. इनमें से गद्यांश के पाठ और लेखक के नाम हैं (a) कठपुतली-भवानी प्रसाद मिश्र (b) फूले कदंब-नागार्जुन (c) दादी माँ-शिव प्रसाद सिंह (d) हिमालय की बेटियाँ-नागार्जुन
Answer
Answer: (d) हिमालय की बेटियाँ-नागार्जुन
Question 2. लेखक ने नदियों को कैसे देखा था? (a) पहाड़ से (b) छूकर (c) नजदीक से (d) दूर से
Answer
Answer: (d) दूर से
Question 3. लेखक को नदियाँ कैसी लगती थीं? (a) शांत (b) उग्र (c) गंभीर (d) निश्चल
Answer
Answer: (a) शांत
Question 4. समतल मैदान में पहुँचकर नदियाँ कैसी हो जाती हैं? (a) सँकरी (b) छोटी (c) विशाल (d) दुबली
Answer
Answer: (c) विशाल
Question 5. ‘संभ्रांत’ शब्द का समानार्थक शब्द है- (a) अशिष्ट (b) चरित्रहीन (c) शिष्ट, कुलीन (d) विपन्न
Answer
Answer: (c) शिष्ट, कुलीन
(2)
इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो वे कुछ और रूप में सामने थीं। मैं हैरान था कि यही दुबली-पतली गंगा, यही यमुना, यही सतलुज समतल मैदानों में उतरकर विशाल कैसे हो जाती हैं ! इनका उछलना और कूदना, खिलखिलाकर लगातार हँसते जाना, इनकी यह भाव-भंगी, इनका यह उल्लास कहाँ गायब हो जाता है मैदान में जाकर? किसी लड़की को जब मैं देखता हूँ, किसी कली पर जब मेरा ध्यान अटक जाता है, तब भी इतना कौतूहल और विस्मय नहीं होता, जितना कि इन बेटियों की बाललीला देखकर!
Question 1. ‘मैं’ शब्द किसके लिए आया है? (a) हिमालय के लिए (b) नदियों के लिए (c) पहाड़ के लिए (d) लेखक के लिए
Answer
Answer: (d) लेखक के लिए
Question 2. ‘हिमालय के कंधे पर चढ़ना’ का अर्थ है- (a) हिमालय की चढ़ाई चढ़ने की कोशिश (b) हिमालय की ऊँचाई पर चढ़ना (c) हिमालय के बीचोबीच जाना (d) हिमालय के किनारे पर जाना हिमालय की बेटियाँ
Answer
Answer: (b) हिमालय की ऊँचाई पर चढ़ना
Question 3. हिमालय की चढ़ाई पर चढ़कर जब लेखक ने नदियों की देखा तो कैसी लगी? (a) सकरी (b) लंबी-चौड़ी (c) फैलाव लिए हुए (d) दुबली-पतली
Answer
Answer: (d) दुबली-पतली
Question 4. लेखक ने नदियों को हिमालय की बेटियों की संज्ञा क्यों दी? (a) क्योंकि नदी शब्द स्त्रीलिंग है (b) लेखक नदियों को हिमालय की बेटियाँ मानता है (c) हिमालय से निकलने के कारण हिमालय उसे नदियों का पिता लगता है (d) वे बाल लीलाएँ कर रही थीं
Answer
Answer: (c) हिमालय से निकलने के कारण हिमालय उसे नदियों का पिता लगता है
(3)
कहाँ ये भागी जा रही हैं ? वह कौन लक्ष्य है जिसने इन्हें बेचैन कर रखा है ? अपने महान पिता का विराट प्रेम पाकर भी अगर इनका हृदय अतृप्त ही है तो वह कौन होगा जो इनकी प्यास मिटा सकेगा! बरफ़ जली नंगी पहाड़ियाँ, छोटे-छोटे पौधों से भरी घाटियाँ, बंधुर अधित्यकाएँ, सरसब्ज़ उपत्यकाएँ-ऐसा है इनका लीला निकेतन! खेलते-खेलते जब ये ज़रा दूर निकल जाती हैं तो देवदार, चीड, सरो, चिनार, सफ़ेदा, कैल के जंगलों में पहुँचकर शायद इन्हें बीती बातें याद करने का मौका मिल जाता होगा। कौन जाने, बुड्ढा हिमालय अपनी इन नटखट बेटियों के लिए कितना सिर धुनता होगा! बड़ी-बड़ी चोटियों से जाकर पूछिए तो उत्तर में विराट मौन के सिवाय उनके पास और रखा ही क्या है ?
Question 1. कौन भागी जा रही हैं? (a) हिमालय (b) समुद्र (c) नदियाँ (d) लेखक
Answer
Answer: (c) नदियाँ
Question 2. नदियों के भागने का कारण है (a) प्रसन्न होना (b) उदास होना (c) बेचैन होना (d) संतुष्ट होना
Answer
Answer: (c) बेचैन होना
Question 3. नदियों का पिता है- (a) समुद्र (b) हिमालय (c) मैदान (d) बूढ़ा पहाड़ी
Answer
Answer: (b) हिमालय
Question 4. हिमालय की बेटियाँ कैसी हैं ? (a) चंचल (b) नटखट (c) गंभीर (d) क्रूर
Answer
Answer: (b) नटखट
Question 5. ‘अतृप्त’ शब्द का अभिप्राय है- (a) उदंड (b) अशांत (c) असंतुष्ट (d) भूखा
Answer
Answer: (c) असंतुष्ट
(4)
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है। किंतु माता बनने से पहले यदि हम इन्हें बेटियों के रूप में देख लें तो क्या हर्ज है ? और थोड़ा आगे चलिए…इन्हीं में अगर हम प्रेयसी की भावना करें तो कैसे रहेगा? ममता का एक और भी धागा है, जिसे हम इनके साथ जोड़ सकते हैं। बहन का स्थान कितने कवियों ने इन नदियों को दिया है। एक दिन मेरी भी ऐसी भावना हुई थी। थोलिङ् (तिब्बत) की बात है। मन उचट गया था, तबीयत ढीली थी। सतलज के किनारे जाकर बैठ गया। दोपहर का समय था। पैर लटका दिए पानी में। थोड़ी ही देर में उस प्रगतिशील जल ने असर डाला। तन और मन ताज़ा हो गया।
Question 1. काका कालेकर ने नदियों को किस नाम से पुकरा है? (a) लोकलुभावनी (b) लोकमाता (c) लोक कल्याणी (d) लोककथा
Answer
Answer: (b) लोकमाता
Question 2. कवियों ने नदियों को किसका स्थान दिया है? (a) प्रेयसी का (b) बेटी का (c) बहन का (d) माता का
Answer
Answer: (c) बहन का
Question 3. लेखक किस नदी के किनारे बैठा था? (a) सतलुज (b) गंगा (c) यमुना (d) गोदावरी
Answer
Answer: (a) सतलुज
Question 4. उपरोक्त गद्यांश में कहाँ का वर्णन है? (a) तिब्बत का (b) नेपाल का (c) हिमालय का (d) हिमाचल का
Answer
Answer: (a) तिब्बत का
Question 5. किस काम से लेखक का मन ताज़ा हो गया? (a) आराम करने से (b) सतलुज के किनारे बैठने से (c) प्राकृतिक दृश्य देखने से (d) हिमालय पर चढ़ने से
Answer
Answer: (b) सतलुज के किनारे बैठने से
(5)
अभी तक मैंने उन्हें दूर से देखा था। बड़ी गंभीर, शांत, अपने आप में खोई हुई लगती थीं। संभ्रांत महिला की भाँति वे प्रतीत होती थीं। उनके प्रति मेरे दिल में आदर और श्रद्धा के भाव थे। माँ और दादी, मौसी और मामी की गोद की तरह उनकी धारा में डुबकियाँ लगाया करता।
Question 1. लेखक ने किन्हें दूर से देखा था?
Answer
Answer: लेखक ने हिमालय से निकलने वाली नदियों को देखा था।
Question 2. दूर से देखने पर नदियाँ लेखक को कैसी प्रतीत होती थीं?
Answer
Answer: दूर से देखने पर लेखक को नदियाँ गंभीर, शांत और अपने आप में खोई हुई किसी शिष्ट महिला की भाँति प्रतीत होती थीं।
Question 3. लेखक द्वारा धारा में नहाने की तुलना किससे की गई है?
Answer
Answer: लेखक द्वारा धारा में नहाने की तुलना माँ, दादी, मौसी की गोद में खेलने से की गई है।
Question 4. लेखक के मन में नदियों के प्रति कैसे भाव थे?
Answer
Answer: लेखक के मन में नदियों के प्रति श्रद्धा और आदर के भाव थे।
Question 5. नदियों में लेखक को स्नान करना कैसा लगता था?
Answer
Answer: लेखक को नदियों में स्नान करना उन्हें माँ, मौसी, दादी या मामी की गोद जैसा ममत्व प्रतीत होता था।
(6)
कहाँ ये भागी जा रही हैं? वह कौन लक्ष्य है जिसने इन्हें बेचैन कर रखा है? अपने महान पिता का विराट प्रेम पाकर भी अगर इनका हृदय अतृप्त ही है तो वह कौन होगा जो इनकी प्यास मिटा सकेगा! बरफ़ जली नंगी पहाड़ियाँ, छोटे-छोटे पौधों से भरी घाटियाँ, बंधुर अधित्यकाएँ, सरसब्ज उपत्यकाएँ-ऐसा है इनका लीला निकेतन! खेलते-खेलते जब ये ज़रा दूर निकल जाती हैं तो देवदार, चीड़, सरो, चिनार, सफ़ेदा, कैल के जंगलों में पहुँचकर शायद इन्हें बीती बातें याद करने का मौका मिल जाता होगा।
Question 1. नदियों के भागने का कारण क्या है?
Answer
Answer: नदियों का भागने का कारण इनकी बेचैनी है।
Question 2. नदियों की बाललीला कहाँ देखी जा सकती है?
Answer
Answer: नदियों की बाललीला घाटियों में और नंगी पहाड़ियों पर देखी जा सकती है।
Question 3. तेज़ बेग से बहती नदियों को देखकर लेखक के मन में क्या विचार उठा?
Answer
Answer: तेज़ बेग से बहती नदियों को देखकर लेखक के मन में विचार उठता है कि नदियाँ किस लक्ष्य को पाने के लिए इतनी तेज़ी से बह रही हैं। अपने पिता हिमालय के विशाल प्रेम को पाकर भी न जाने हृदय में किसके प्रेम को पाने की मंशा है।
Question 4. इन्हें कब बीती बातें याद करने का मौका मिलता होगा?
Answer
Answer: ये नदियाँ बहती हुई जब दूर निकल जाती हैं तब देवदार, चीड़, सरो, चिनार, सफ़ेदा, कैल के जंगलों में पहुँचकर इन्हें बीती बातों को याद करने का मौका मिल जाता होगा।
Question 5. हिमालय का चित्रण किस रूप में किया गया है? वह क्या करता होगा?
Answer
Answer: हिमालय का चित्रण बूढे पिता के रूप में किया गया है। वह अपने बेटियों के लिए सिर धुनता है।
(7)
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है। किंतु माता बनने से पहले यदि हम इन्हें बेटियों के रूप में देख लें तो क्या हर्ज है? और थोड़ा आगे चलिए…इन्हीं में अगर हम प्रेयसी की भावना करें तो कैसा रहेगा? ममता का एक और भी धागा है, जिसे हम इनके साथ जोड़ सकते हैं। बहन का स्थान कितने कवियों ने इन नदियों को दिया है। एक दिन मेरी भी ऐसी भावना हुई थी। थोलिङ् (तिब्बत) की बात है। मन उचट गया था, तबीयत ढीली थी। सतलज के किनारे जाकर बैठ गया। दोपहर का समय था। पैर लटका दिए पानी में। थोड़ी ही देर में उस प्रगतिशील जल ने असर डाला। तन और मन ताज़ा हो गया।
Question 1. काका कालेलकर ने नदियों को किस नाम से पुकारा है?
Answer
Answer: काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता के नाम से पुकारा है।
Question 2. लोग नदियों को किन-किन रूपों में देखते हैं ?
Answer
Answer: लेखक नदियों को बेटी, बहन और प्रेयसी के रूपों में देखते हैं।
Question 3. एक दिन लेखक की कैसी भावना हुई ?
Answer
Answer: एक दिन लेखक की भावना उचट हो गई। उनका तबियत खराब हो गया।
Question 4. लेखक किस नदी के किनारे बैठा था?
Answer
Answer: लेखक सतलुज नदी के किनारे बैठा था।
Question 5. लेखक नदियों के साथ कौन-सा धागा जोड़ना चाहता है? वह धागा कौन-सा है तथा क्यों?
Answer
Answer: लेखक नदियों के साथ बहन मानकर ममता का एक और धागा जोड़ना चाहता है क्योंकि नदियाँ मनुष्य की शारीरिक और मानसिक परेशानी दूर करती हैं।
लेख से
प्रश्न 1. नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफी पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं? उत्तर: नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफी पुरानी है, लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें बेटी, बहन, प्रेयसी, संभ्रात महिला और माँ के रूपों में देखते हैं।
प्रश्न 2. सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं? उत्तर: सिंधु और ब्रह्मपुत्र दो ऐसे महानद हैं जिनमें हिमालय की पिघली बर्फ पानी के रूप में एकत्र होकर आगे बढ़ती हैं। इनमें कुछ और छोटी-छोटी नदियाँ भी मिलती हैं। समुद्र की ओर अग्रसर होते ये महानद अंत में समुद्र में मिल जाते हैं।
प्रश्न 3. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है? उत्तर: काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है – क्योंकि नदियाँ अपने अमृतरूपी जल से मनुष्य, पशु-पक्षी तथा अन्य जीवों की प्यास बुझाती हैं। नदियाँ परोक्ष रूप में हमारे पोषण का साधन हैं। इन नदियों में स्नान करने से मनुष्य की गर्मी तथा थकान उतर जाती है। भारतीय संस्कृति में नदियाँ कल्याणकारी मानी गई हैं।
प्रश्न 4. हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है? उत्तर: हिमालय की यात्रा में लेखक में हिमालय से निकलने वाली अल्हड़ बालिका जैसी नदियों, वहाँ पर पाए जाने वाले देवदार, चीर, सरो, चिनार, सफ़ेदा, केल के जंगलों तथा अद्भुत हिमालय की प्रशंसा की हैं।
लेख से आगे
प्रश्न 1. नदियों और हिमालय पर अनेक कवियों ने कविताएँ लिखी हैं। उन कविताओं का चयन कर उनकी तुलना पाठ में निहित नदियों के वर्णन से कीजिए। उत्तर: नदियों और हिमालय से संबंधित कुछ कविताएँ – (i) वही उठती अर्मियों-सी शैलमालाएँ वही अंतश्चेतना-सा गहन वन विस्तार वही उर्वर कल्पना-से फूटते जलस्रोत वही दृढ़ मांसल भुजाओं-से कसे पाषाण वही चंचल वासना-सी बिछलती नदियाँ पारदर्शी वही शीशे की तरह आकाश और किरनों से झलाझल वही मुझको बेधते हिमकोण -जगदीश गुप्त
(ii) खड़ा हिमालय बता रहा है डरो न आँधी-पानी में खड़े रहो तुम अविचल होकर सब संकट तूफानी में डिगो न अपने प्रण से तो तुम सबकुछ पा सकते हो प्यारे तुम भी ऊँचे उठ सकते हो छू सकते हो नभ के तारे। अचल रहा जो अपने पथ पर लाख मुसीबत आने में मिली सफलता जग में उसको जीने में मर जाने में।
नदियों और हिमालय से संबंधित अन्य कविताओं, का चयन एवं पाठ में निहित नदियों के वर्णन से उनकी तुलना छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2. गोपालसिंह नेपाली की कविता ‘हिमालय और हम’, रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता ‘हिमालय’ तथा जयशंकर प्रसाद की कविता “हिमालय के आँगन में’ पढ़िए और तुलना कीजिए। उत्तर: छात्र पुस्तकालय से लेकर पढ़ें तथा उनकी तुलना स्वयं करें।
प्रश्न 3. यह लेख 1947 में लिखा गया था। तब से हिमालय से निकलनेवाली नदियों में क्या-क्या बदलाव आए हैं? उत्तर: तब से हिमालय से निकलने वाली इन नदियों में अनेक परिवर्तन आए हैं। मानव की बढ़ती स्वार्थ प्रवृत्ति तथा उसकी बढ़ती आवश्यकताओं के कारण सभी नदियों में प्रदूषण का स्वर बहुत बढ़ गया है। तब इन नदियों का पानी जीवनदायी अमृत के समान माना जाता था। इससे नदियों के प्रति हमारी धार्मिक आस्था भी प्रभावित हुई है। इसके अलावा कुछ नदियों के मार्ग में भी बदलाव आया है।
प्रश्न 4. अपने संस्कृत शिक्षक से पूछिए कि कालिदास ने हिमालय को देवात्मा क्यों कहा है? उत्तर: कालिदास ने हिमालय को देवात्मा इसलिए कहा है क्योंकि कालिदास ने अपने काव्यग्रंथ मेघदूत में अल्कापुरी को कैलाश मानसरोवर के निकट बताया है जो देव कुबेर की नगरी है। कैलाश पर्वत जो भगवान शिव का निवास माना जाता है, वह भी हिमालय पर ही स्थित है। अनेक ऋषियों-मुनियों और योगियों का आवास भी हिमालय की गुफाओं में रहा है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. प्रस्तुत लेख में नदियों के दृश्य-वर्णन पर बल दिया गया है। किसी नदी की तुलना अल्हड़ बालिका से कैसे की जा सकती है? कल्पना कीजिए। उत्तर: किसी नदी की तुलना अल्हड़ बालिका से उसकी निम्नलिखित समानताओं के आधार पर की जा सकती है –
जिस प्रकार अल्हड़ बालिका पिता के घर में हँसती, खिलखिलाती रहती है, उसी प्रकार नदियाँ भी हिमालय पर पतली धारा के रूप में उछल-कूद करती आगे बढ़ती है।
पिता के घर से निकलकर जिस प्रकार महिलाएँ गंभीर व शांत बन जाती हैं उसी प्रकार नदी भी समतल मैदानी भागों में आकर गंभीर व शांत बन जाती है।
प्रश्न 2. नदियों से होनेवाले लाभों के विषय में चर्चा कीजिए और इस विषय पर बीस पंक्तियों का एक निबंध लिखिए। उत्तर:
नदियाँ हमें अमृत तुल्य जल प्रदान करती हैं, जिसे पीकर जीव-जंतु, पशु-पक्षी और हम सब अपनी प्यास बुझाते हैं।
नदियों के जल से सिंचाई करके फ़सलें उगाई जाती हैं।
नदियों से सीप, रेत तथा अनेक उपयोगी वस्तुएँ प्राप्त. की जाती हैं।
नदियाँ मछुआरों आदि को आजीविका का साधन प्रदान करती हैं।
नदियाँ आवागमन का मार्ग प्रदान करती हैं। प्राचीन नगरों का नदियों के किनारे बसा होना इसका उदाहरण है।
नदियाँ जलीय जीवों तथा मछलियों की आश्रयदाता हैं। छात्र निबंध स्वयं लिखें।
भाषा की बात
प्रश्न 1. अपनी बात कहते हुए लेखक ने अनेक समानताएँ प्रस्तुत की हैं। ऐसी तुलना से अर्थ अधिक स्पष्ट एवं सुंदर बन जाता है। उदाहरण (क) संभ्रांत महिला की भाँति वे प्रतीत होती थीं। (ख) माँ और दादी, मौसी और मामी की गोद की तरह उनकी धारा में डुबकियाँ लगाया करता। अन्य पाठों से ऐसे पाँच तुलनात्मक प्रयोग निकालकर कक्षा में सुनाइए और उन सुंदर प्रयोगों को कॉपी में भी लिखिए। उत्तर:
सागर की हिलोर की भाँति उसका यह मादक गान गली भर के मकानों में इस ओर से उस ओर तक लहराता हुआ पहुँचता और खिलौनेवाला आगे बढ़ जाता।
बच्चे ऐसे सुंदर थे जैसे सोने के सजीव खिलौने।
लाल कण बनावट में बालूशाही की तरह ही होते हैं।
रक्त के तरल भाग प्लाज्मा में एक विशेष किस्म की प्रोटीन होती है जो रक्तवाहिका की कटी-फटी दीवार में मकड़ी के जाल के समान एक जाला बुन देती है।
बस्ते से आँवले जैसे कैंचे निकालते हुए उसने कहा-“बुरे कंचे हैं, हैं न”?
प्रश्न 2. निर्जीव वस्तुओं को मानव-संबंधी नाम देने से निर्जीव वस्तुएँ भी मानो जीवित हो उठती हैं। लेखक ने इस पाठ में कई स्थानों पर ऐसे प्रयोग किए हैं, जैसे (क) परंतु इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो वे कुछ और रूप में सामने थीं। (ख) काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है। पाठ से इसी तरह के और उदाहरण दूँढिए। उत्तर:
किसी लड़की को देखता हूँ किसी कली पर जब मेरा ध्यान अटक जाता है, तब भी इतना कौतूहल और विस्मय नहीं होता, जितना कि इन बेटियों की बाललीला देखकर।
बूढ़ा हिमालय अपनी इन नटखट छोकरियों के लिए कितना सर धुनता होगा!
कितना सौभाग्यशाली है वह समुद्र जिसे पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ पकड़ने का श्रेय मिला।
हिमालय को ससुर और समुद्र को उसका दामाद कहने में भी कुछ झिझक नहीं होती है।
वेतवा नदी को प्रेम का प्रतिदान देते जाना, तुम्हारी वह प्रेयसी तुम्हें पाकर अवश्य ही प्रसन्न होगी।
प्रश्न 3. पिछली कक्षा में आप विशेषण और उसके भेदों से परिचय प्राप्त कर चुके हैं। नीचे दिए गए विशेषण और विशेष्य (संज्ञा) का मिलान कीजिए – उत्तर:
प्रश्न 4. द्वंद्व समास के दोनों पद प्रधान होते हैं। इस समास में ‘और’ शब्द का लोप हो जाता है, जैसे- ‘राजा रानी’ द्वंद्व समास है जिसका अर्थ है राजा और रानी। पाठ में कई स्थानों पर द्वंद्व समासों का प्रयोग किया गया है। इन्हें खोज़कर वर्णमाला क्रम (शब्दकोश-शैली) में लिखिए। उत्तर:
प्रश्न 5. नदी को उलटा लिखने से दीन होता है जिसका अर्थ होता है गरीब। आप भी पाँच ऐसे शब्द लिखिए जिसे उलटा लिखने पर सार्थक शब्द बन जाए। प्रत्येक शब्द के आगे संज्ञा का नाम भी लिखिए, जैसे-नदी-दीन (भाववाचक संज्ञा) उत्तर:
प्रश्न 6. समय के साथ भाषा बदलती है, शब्द बदलते हैं और उनके रूप बदलते हैं जैसे-बेतवा नदी के नाम का दूसरा रूप ‘वेत्रवती’ है। नीचे दिए गए शब्दों में से ढूँढ़कर इन नामों के अन्य रूप लिखिए सतलुज रोपड़ झेलम चिनाब अजमेर बनारस उत्तर:
प्रश्न 7. “उनके ख्याल में शायद ही यह बात आ सके कि बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर ये कैसे खेला करती हैं।’ उपर्युक्त पंक्ति में ‘ही’ के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। ‘ही’ वाला वाक्य नकारात्मक अर्थ दे रहा है। इसीलिए ‘ही’ वाले वाक्य में कही गई बात को हम ऐसे भी कह सकते हैं- उनके खयाल में शायद यह बात न आ सके। इसी प्रकार नकारात्मक प्रश्नवाचक वाक्य कई बार ‘नहीं’ के अर्थ में इस्तेमाल नहीं होते हैं, जैसे-महात्मा गाँधी को कौन नहीं जानता? दोनों प्रकार के वाक्यों के समान तीन-तीन उदाहरण सोचिए और इस दृष्टि से उनका विश्लेषण कीजिए। उत्तर: