Class 11 Hindi Antra Chapter 16 Neend Uchat Jati Hai Poem Summary

नींद उचट जाती है क्लास 11 अंतरा पाठ 16 – नरेन्द्र शर्मा

कवि पंडित नरेन्द्र शर्मा का जीवन परिचय:-

पंडित नरेंद्र शर्मा हिन्दी के प्रसिद्ध कवि, लेखक एवं सम्पादक थे। पं. नरेंद्र शर्मा का जन्म 28 फ़रवरी, 1923 में उत्तर प्रदेश राज्य के बुलंदशहर जिले में हुआ। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षाशास्त्र और अंग्रेज़ी में एम.ए. किया। इन्होंने फिल्म जगत में भी लेखन कार्य किया ।

नरेंद्र जी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी स्वराज्य भवन में अधिकारी भी रहे। बंबई आने के बाद इन्होंने बॉम्बे टाकीज़ के लिए फिल्मी गीत भी लिखे। बाद में ये आकाशवाणी से भी जुड़ गए। इनकी प्रमुख रचनाएं हैं– ‘प्रभात फेरी‘ , ‘पलाश वन‘ , ‘प्रीति कथा‘ , ‘कामिनी‘ , ‘मिट्टी के फूल‘ , ‘हंसमाला‘ ,’ रक्त चंदन‘ , ‘कदली वन‘ , ‘द्रौपदी‘ , ‘प्यासा निर्झर‘ , ‘उत्तर जय‘ , आदि अनेक रचनाएं लिखी।

इन्होंने आम जन जीवन से जुड़ी कहानियां एवं कविताएं लिखी। समाज की बुराइयों, विषमताओं को इन्होंने अपनी कविताओं में लिखकर व्यक्त किया है। इन्होंने छायावादी एवं प्रगतिवादी दोनों प्रकार की ही कविताएं लिखी हैं। 

पंडित नरेन्द्र शर्मा जी की भाषा सरल, सहज व मधुर है। इनकी भाषा में प्रेरक तत्व की प्रधानता मिलती हैं जो पढ़ने वालों को दृढ़ निश्चयी बनाती है। इनकी भाषा में एक ओर जहां कोमलता दिखाई पड़ती है वहीं दूसरी ओर कठोरता भी दिखाई देती है। इस महान कवि की मृत्यु 11 फ़रवरी 1984 को हृदय की गति रुकने के कारण हुई।

नींद उचट जाती है कविता का सारांश – Neend Uchat Jati Hai Poem Summary

कवि नरेंद्र शर्मा द्वारा रचित कविता ‘नींद उचट जाती है’ एक व्यक्ति और समाज के भीतर अवसाद बेचैनी, निराशा, सन्नाटा, चिंताओं के भावों की कविता है। यहां कवि ने इन सभी नकारात्मक भावों को प्रकट करने के लिए रात, अंधेरे, नींद न आना आदि शब्दों का प्रयोग किया है।

कवि ने कविता में जिस अंधेरे की बात की है वह दो स्तर पर है। एक व्यक्ति के स्तर पर और दूसरा समाज के स्तर पर। व्यक्ति पर यह अंधेरा, उसकी निराशा, चिन्ता, बुरे सपने, बेचैनी आदि के रूप में है।

जो समाज के अंधेरे के रूप में प्रतिबिंबित हुई है। अर्थात् समाज में अंधेरे के रूप में विषमता, चेतना व जागृति का अभाव, विकास न होना, शोषण, छल, कपट विद्यमान है जिसके फलस्वरूप समझ में विसंगति बढ़ती जा रही है। और इन्हीं विसंगति के परिणामस्वरूप समाज के व्यक्ति की नींद उचट जाती है।

कवि – जीवन में दोनों स्तर के अंधेरे को दूर करने की बात करता है। वह चाहता है कि समाज में जागृति, चेतना फैले और सभी के जीवन से अंधेरा दूर हो जाए।


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