भारत माता Class 11 Aroh Chapter 9 Important Question Answer
पाठ के साथ
प्रश्न 1: भारत की चर्चा नेहरू जी कब और किससे करते थे?
उत्तर-भारत की चर्चा नेहरू जी देश के कोने-कोने में आयोजित जलसों में जाकर अपने सुनने वालों से किया करते थे। इस विषय की चर्चा ज्यादातर वे किसानों से करते थे। उन्हें लगता था कि किसानों को संपूर्ण भारत के बारे में जानकारी कम है तथा उनका दृष्टिकोण सीमित है। वे उन्हें हिंदुस्तान का नाम भारत देश के संस्थापक के नाम से परंपरा से चला आ रहा है। इस देश का एक हिस्सा दूसरे से अलग होते हुए भी देश एक है। इस भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए आंदोलन की प्रेरणा देते थे।
प्रश्न 2: नेहरू जी भारत के सभी किसानों से कौन-सा प्रश्न बार-बार करते थे?
उत्तर-नेहरू जी भारत के सभी किसानों से निम्नलिखित प्रश्न बार-बार करते थे-
(क) वे ‘भारत माता की जय’ से क्या समझते हैं?
(ख) यह भारत माता कौन है?
(ग) वह धरती कौन-सी है जिसे वे भारत माता कहते हैं-गाँव की, जिले की, सूबे की या पूरे हिंदुस्तान की?
प्रश्न 3: दुनिया के बारे में किसानों को बताना नेहरू जी के लिए क्यों आसान था?
उत्तर- नेहरू जी के लिए किसानों को दुनिया के बारे में बताना आसान था। इसके निम्नलिखित कारण हैं –
महाकाव्यों व पुराणों की कथा-कहानियों से किसान पहले से परिचित थे।
तीर्थयात्राओं के कारण देश के चारों कोनों पर है।
कुछ सिपाहियों ने प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लिया था।
कुछ लोग विदेशों में नौकरियाँ करते थे।
1930 की आर्थिक मंदी के कारण दूसरे मुल्कों के बारे में जानकारी थी।
प्रश्न 4: किसान सामान्यत: भारत माता का क्या अर्थ लेते थे?
उत्तर-किसान सामान्यत: ‘भारत माता’ का अर्थ-धरती से लेते थे। नेहरू जी ने उन्हें समझाया कि उनके गाँव, जिले, नदियाँ, पहाड़, जंगल, खेत, करोड़ों भारतीय सभी भारत माता हैं।
प्रश्न 5: भारत माता के प्रति नेहरू जी की वया अवधारणा थी?
उत्तर-नेहरू जी की अवधारणा थी कि हिंदुस्तान वह सब कुछ है जिसे उन्होंने समझ रखा है, लेकिन वह इससे भी बहुत ज्यादा है। देश का हर हिस्सा- नदी, पहाड़, खेत आदि सभी इसमें शामिल हैं। दरअसल भारत में रहने वाले करोड़ों लोग हैं, ‘भारत माता की जय’ का अर्थ है-करोड़ों भारतवासियों की जय। इस धारणा का अर्थ है-देशवासियों से ही देश बनता है।
प्रश्न 6: आजादी से पूर्व किसानों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता था?
उत्तर-आजादी से पूर्व किसानों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता था-
गरीबी, कर्जदारी, पूँजीपतियों के शिकजे में फैंसे रहना, जमींदारों और महाजनों के कर्ज के जाल में फैंसकर तड़पना, लगान की कठोरता से वसूली, पुलिस के अत्याचार, अधिक ब्याज देना तथा विदेशी शासन के अत्याचार।
Discover more from EduGrown School
Subscribe to get the latest posts sent to your email.