NCERT important questions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 15 मेघ आए
“निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए”
प्रश्न 1.
‘मेघ आए’ कविता में बादलों को किसके समान बताया गया है?
उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में बादलों को शहर से आने वाले दामाद के समान बताया गया है क्योंकि बादल गाँव में उसी तरह सज-धजकर आ रहे हैं जैसे शहरी दामाद सज-धजकर आता है या इन बादलों का इंतज़ार भी दामाद की ही तरह किया जाता है।
प्रश्न 2.
लता रूपी नायिका ने मेहमान से अपना रोष किस प्रकार प्रकट किया?
उत्तर-
नवविवाहिता लता रूपी नायिका अपने पति का इंतज़ार कर रही थी पर उसका पति एक साल बाद लौटा तो लता ने उससे रोष प्रकट करते हुए कहा, “तुमने तो पूरे साल भर बाद सुधि लिया है।” अर्थात् वह पहले क्यों नहीं आ गया।
प्रश्न 3.
बूढ़ा पीपल किसको प्रतीक है? उसने मेहमान का स्वागत किस तरह किया?
उत्तर-
बूढ़ा पीपल घर के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का प्रतीक है। उसने मेहमान को आया देखकर आगे बढ़कर राम-जुहार की और उससे कुशल क्षेम पूछते हुए यथोचित स्थान पर बिठाया।
प्रश्न 4.
‘बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके’ के आधार पर बताइए कि ऐसा कब हुआ और क्यों?
उत्तर-
‘बाँध टूटा आया मेघ रूपी मेहमान अपनी लता रूपी नवविवाहिता पत्नी से मिला। पहले तो लता ने अपना रोष प्रकट किया और फिर उसका धैर्य टूटा। इससे उनकी आँखों से आँसू बहने लगे।
प्रश्न 5.
प्राकृतिक रूप से किस श्रम की गाँठ खुलने की बात कही गई है? ‘मेघ आए’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर-
ग्रामीण संस्कृति में बादलों का बहुत महत्त्व है। वहाँ कृषि-कार्य बादलों पर निर्भर करता है, इसलिए बादलों की प्रतीक्षा की जाती है। इस बार जब साल बीत जाने पर भी बादल नहीं आए तो लोगों के मन में यह भ्रम हो गया था कि इस साल अब बादल नहीं आएँगे पर बादलों के आ जाने से उनके इस भ्रम की गाँठ खुल गई।
प्रश्न 6.
‘मेघ आए’ कविता में किस संस्कृति का वर्णन किया गया है? सोदाहरण लिखिए।
उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में ग्रामीण संस्कृति का वर्णन है। बादलों के आगमन पर उल्लास का वातावरण बनना, हवा चलना, पेड़ पौधों का झूमना, आँधी चलना, धूल उड़ना, लता का पेड़ की ओट में छिपना बादलों का गहराना, बिजली का चमकना, बरसात होना आदि सभी ग्रामीण संस्कृति से ही संबंधित हैं।
प्रश्न 7.
कविता में मेघ रूपी मेहमान के आने पर कौन क्या कर रहे हैं?
उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में हवा मेघ आने की सूचना देने का काम, पेड़ों द्वारा मेघ को देखने का कार्य, बूढ़ा पीपल, मेघ का स्वागत एवं अभिवादन करने, ताल द्वारा परात में पानी भरकर लाने का काम, लता द्वारा उलाहना देने एवं उससे मिलने का काम किया जा रहा है।
प्रश्न 8.
‘मेघ आए’ कविता में नदी किसका प्रतीक है? वह पूँघट सरकाकर किसे देख रही है?
उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में नदी गाँव की उस विवाहिता स्त्री का प्रतीक है जो अभी भी परदा करती है। वह किसी अजनबी या रिश्तेदार के सामने घूघट करती है। वह गाँव आ रहे बादल रूपी मेहमान को पूँघट सरकाकर देख रही है।
प्रश्न 9.
ताल किसका प्रतीक है? वह परात में पानी भरकर लाते हुए किस भारतीय परंपरा का निर्वाह कर रहा है?
उत्तर-
ताल घर के किसी उत्साही नवयुवक का प्रतीक है। मेघ रूपी मेहमान के आने पर वह परात में पानी भर लाता है। ऐसा करके वह घर आए मेहमान के पाँव धोने की भारतीय संस्कृति की परंपरा का निर्वाह कर रहा है।
प्रश्न 10.
‘मेघ आए’ कविता में एक साल बाद अपने पति मेघ को देखकर नवविवाहिता नायिका की क्या दशा हुई?
उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में एक साल बाद अपने पति मेघ को देखकर नवविवाहिता नायिका का मान जाग उठा। उसने एक साल बाद सुधि लेने के लिए मेघ से शिकायत की पर मेघ के आने से उसके मन का भ्रम शूट गया और उसकी आँखों से आँसू बहने लगे।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
शहरी मेहमान के आने से गाँव में जो उत्साह दृष्टिगोचर होता है, उसे मेघ आए कविता के आलोक में लिखिए।
उत्तर-
शहरी मेहमान के आने से गाँव में हर्ष उल्लास का वातावरण बन जाता है। गाँव में बादलों के आगमन का इंतज़ार किया जाता है। बादल के आते ही बच्चे, युवा, स्त्री, पुरुष सभी प्रसन्न हो जाते हैं। पेड़-पौधे झूम-झूमकर अपनी खुशी प्रकट करते हैं। बच्चे भाग-भाग बादलों के आने की सूचना देते फिरते हैं। युवा उत्साहित होकर बादलों को देखते हैं तो स्त्रियाँ दरवाजे खिड़कियाँ खोलकर बादलों को देखने लगती हैं। बादलों के बरसने पर सर्वत्र उत्साह का वातावरण छा जाता है।
प्रश्न 2.
‘मेघ आए’ कविता में अतिथि का जो स्वागत-सत्कार हुआ है, उसमें भारतीय संस्कृति की कितनी झलक मिली है, अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
‘मेघ आए’ कविता में मेघ रूपी मेहमान के आने पर उसका भरपूर स्वागत होता है। वह साल बाद अपनी ससुराल आ रहा है। यहाँ लोग उत्सुकता से प्रतीक्षारत हैं। मेहमान के आते ही घर का सबसे बुजुर्ग और सम्मानित सदस्य उसकी अगवानी करता है, उसको सम्मान देते हुए राम-जुहार करता है और कुशलक्षेम पूछता है। मेहमान को यथोचित स्थान पर बैठा देखकर घर का सदस्य उत्साहपूर्वक परात में पानी भर लाता है ताकि मेहमान के पैर धो सके। इस तरह हम देखते हैं कि मेहमान का जिस तरह स्वागत किया गया है उसमें भारतीय संस्कृति की पर्याप्त झलक मिलती है।
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