अभिनिष्क्रमण
प्रश्न 1: सिद्धार्थ को निर्वाण के विषय में पहली प्रेरणा किस प्रकार मिली?
उत्तर: जब सिद्धार्थ अपने मन की बेचैनी दूर करने के लिए वन भ्रमण के लिए जा रहे थे तो उन्हें ताजे जुते हुए खेतों में दिखा कि कई पादप और जंतुओं की मृत्यु हो गई थी। इससे सिद्धार्थ का मन और भी अशांत हो गया। फिर जब वे एक जगह ध्यानमग्न थे तो उन्हें एक भिक्षुक दिखाई दिया। उस भिक्षुक ने यह बताया कि किस तरह वह माया-मोह से मुक्त होकर धर्म के मार्ग पर चल रहा था। भिक्षुक की बातों को सुनकर सिद्धार्थ को निर्वाण के विषय में पहली प्रेरणा मिली।
प्रश्न 2: राजकुमार ने तपोवन न जाने के लिए राजा के समक्ष क्या-क्या शर्तें रखीं?
उत्तर: राजकुमार ने तपोवन न जाने के लिए राजा के सामने निम्नलिखित शर्तें रखीं:
- मेरी मृत्यु न हो
- मैं सदा रोगमुक्त रहूँ
- मुझे कभी बुढ़ापा न आये
- मेरी संपत्ति सदा बनी रहे
प्रश्न 3: छंदक कौन था? सिद्धार्थ ने उसे नींद से क्यों जगाया?
उत्तर: छंदक अस्तबल में घोड़ों की देखभाल करता था। सिद्धार्थ जब सबकुछ त्याग कर जाना चाहते थे तो उन्हें शीघ्र ही बहुत दूर चले जाने के लिए एक उत्तम घोड़े की जरूरत थी। इसलिए सिद्धार्थ ने छंदक को जगाया।
प्रश्न 4: सिद्धार्थ से अलग होने पर छंदक और कंथक की दशा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर: सिद्धार्थ से अलग होने पर छंदक और कंथक की दशा अत्यंत खराब हो गई। दोनों की आँखों से आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। उनके एक एक कदम भारी पड़ रहे थे। आते समय जिस दूरी को तय करने में उन्हें एक ही रात लगा था वापस जाते समय उसी दूरी को तय करने में उन्हें आठ दिन लग गये।
प्रश्न 5: तपोवन में सिद्धार्थ ने तपस्वियों को क्या करने के लिए कहा?
उत्तर: तपोवन में सिद्धार्थ ने तपस्वियों से कहा कि स्वर्ग में सुख की अभिलाषा में इस लोक में अपने आप को कष्ट देना धर्म का सही मार्ग नहीं है। सिद्धार्थ ने कहा कि धर्म का लक्ष्य स्वर्ग न होकर मोक्ष होना चाहिए।
प्रश्न 6: वन से लौटने के संबंध में राजमंत्री के तर्क सुनकर सिद्धार्थ ने क्या कहा?
उत्तर: सिद्धार्थ ने कहा कि माया और मोह किसी स्वप्न की तरह क्षणभंगुर होते हैं। इसलिए वह मोक्ष की तलाश में घर से निकल चुके हैं। उन्हें अपने पिता को दुख पहुँचाने का अफसोस तो था लेकिन अब वे अपने मार्ग से अडिग हैं और आगे बढ़ने की मंशा रखते हैं। इसलिए सिद्धार्थ ने वापस कपिलवस्तु जाने से मना कर दिया।
प्रश्न 7: बिंबसार ने सिद्धार्थ की सहायता के लिए क्या प्रस्ताव रखा?
उत्तर: बिंबसार ने सिद्धार्थ को वह सभी संसाधन देने का प्रस्ताव दिया ताकि सिद्धार्थ पुरुषार्थ करें और राजधर्म निभाएँ। बिंबसार का मानना था कि हर आश्रम के लिए निर्धारित आयु बनी होती है, इसलिए सिद्धार्थ को अपनी आयु के अनुसार पहले गृहस्थाश्रम का पालन करना चाहिए और फिर उचित समय आने पर सन्यास लेना चाहिए।